अब नेपाल से बिहार में अवैध रुप से घुसपैठ करना नहीं होगा आसान, इस तकनीक से सीमा क्षेत्र की होगी चौकसी
डेस्क : बिहार-नेपाल के सीमाक्षेत्र की हर छोटी-बड़ी गतिविधि पर कड़ी नजर रहेगी। नेपाल बॉर्डर की पूरी चौकसी अब एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से होगी। इसके लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना बनाई गई है। अभी सीमा पर मौजूद 11 ट्रेड एवं ट्रांजिट प्वाइंट समेत 65 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे हैं।
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554 किमी की लंबाई में पूर्वी छोर सिकटी (अररिया) से मदनपुर (पश्चिमी छोर) के बीच कुछ-कुछ दूरी पर कैमरे लगेंगे। ये नाइट विजन से लैस होंगे। इन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सभी कैमरों की कंट्रोल प्रणाली सीमा पर मौजूद कंट्रोल इकाइयों के अतिरिक्त पटना स्थित एसएसबी मुख्यालय में भी अवस्थित होगी। यहां से बैठकर पूरी सीमा की 24 घंटे चौकसी होगी। कुख्यात अपराधियों या अवैध तरीके से घुसपैठ करने वालों की पहचान करने में आसानी होगी। कुछ संदिग्ध गतिविधि पर यह कंट्रोल यूनिट को अलर्ट भी करेगा।
सीमा पर मौजूद सभी 11 ट्रेड एंड ट्रांजिट प्वाइंट के अलावा अन्य संवेदनशील प्वाइंट पर सेंसर, फुल बॉडी स्कैनर समेत अन्य आधुनिक उपकरण भी लगाए जाएंगे। इनकी मदद से आने जाने वाले व्यक्ति, सामान एवं वाहन की पूरी स्कैनिंग हो सकेगी। इससे नकली नोट, मादक पदार्थ, अवैध शराब, सोना समेत अन्य सभी तरह की तस्करी पर नकेल लग सकेगी। अभी ये सुविधाएं मौजूद नहीं हैं।
गौरतलब है कि सूबे की नेपाल से जुड़ने वाली सीमा की कुल लंबाई 633 किमी है। इसमें 554 किमी की सीमा ऐसी है, जिसकी सुरक्षा और चौकसी की जिम्मेदारी एसएसबी की बिहार इकाई के पास है। किशनगंज इलाके में शेष 79 किमी की लंबाई की सड़क की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसएसबी की कोलकाता इकाई के पास है।
बिहार के साथ लगने वाली 554 किमी लंबाई वाली सड़क में 490 किमी की फॉरमेटिंग हो गई है और 390 किमी सड़क पूरी तरह से बन गई है। अभी करीब 64 किमी सड़क बननी शेष है। इस पर 2 हजार 468 करोड़ की लागत आ रही है।
Feb 03 2025, 11:35