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10 रुपये का सिक्का गटक गया 10 साल का बच्चा, गले में फंसा… डॉक्टर्स की टीम ने किया ये कमाल

मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले में एक बच्चे ने 10 रुपए का सिक्का निगल लिया. जिसके बाद उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी. परिजनों को जानकारी मिलने के बाद हड़कंप मच गया. वहीं आनन-फानन में परिजन बच्चे को अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां उसका अस्पताल में डॉक्टरों ने इलाज किया. डॉक्टरों ने देखा की सिक्का बच्चे के सीने के पास फंसा हुआ है.

शाजापुर जिला अस्पताल में एक अनोखा मामला सामने आया, जहां एक 10 वर्षीय बालक ने गलती से 10 रुपए का सिक्का निगल लिया. घटना देर शाम के समय की है, जब वह दुकान से सामान खरीदकर घर लौट रहा था. बच्चे के परिजनों ने बताया कि जब उन्हें यह बात पता चली, तो वो बच्चे को तुरंत जिला अस्पताल ले गए. अस्पताल में डॉक्टरों ने पहले बच्चे का एक्स-रे कराया, जिसमें उसके सीने में सिक्का फंसा हुआ दिखाई दिया.

3 घंटे की मशक्कत के बाद निकला सिक्का

डॉ. सचिन नायक और डॉ. गोविंद पाटीदार सहित तीन डॉक्टरों की टीम ने बच्चे का इलाज किया. डॉक्टरों की टीम ने काफी मशक्कत के बाद बच्चे के पेट से सिक्का निकाल लिया. यह पूरी प्रक्रिया लगभग तीन घंटे चली. डॉ. सचिन नायक ने बताया कि बच्चे को परिजन उपचार के लिए जिला अस्पताल में लेकर आए थे. एक्स-रे करवाने पर पता चला कि सिक्का सीने में फंसा हुआ है. तीन घंटे की मशक्कत के बाद सिक्का निकाल लिया गया. बच्चा स्वस्थ है, प्राथमिक उपचार के बाद उसे घर भेज दिया गया.

सीने में हो रहा था दर्द

बच्चे कि परिजनों ने कहा कि सिक्का फंसने से उसे सांस लेने में परेशानी हो रही थी और सीने में दर्द भी हो रहा था. जिसके बाद हम उसे आनन-फानन में अस्पताल लेकर पहुंचे थे. डॉक्टरों की मदद से बच्चे की जान बचाई जा सकी. हम लोग तो घबरा गए थे. जानकारी मिलने के बाद घर में अपरातफरी मच गई थी. हालांकि तीन घंटे की मशक्कत के बाद सिक्का को निकाल लिया गया.

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त नवीन चावला का निधन, 79 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) नवीन चावला का शनिवार को 79 साल की उम्र में निधन हो गया. उन्होंने आज सुबह अपोलो अस्पताल में अंतिम सांस ली. वे भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) एजीएमयूटी कैडर के 1969 बैच के अधिकारी थे. वह 2005 से 2009 के बीच चुनाव आयुक्त (ईसी) और फिर अप्रैल 2009 से जुलाई 2010 तक मुख्य चुनाव आयुक्त रहे. उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान चुनाव आयोग में कई सुधारों का नेतृत्व किया. वहीं, पक्षपात के आरोपों के कारण उनका कार्यकाल विवादों में भी घिरा रहा.

पूर्व सीईसी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए चुनाव आयोग ने कहा कि उन्होंने कई सुधारों का नेतृत्व किया, जिसमें तीसरे लिंग के मतदाताओं को ‘पुरुष’ या ‘महिला’ के रूप में मतदान करने के लिए मजबूर करने के बजाय ‘अन्य’ की नई श्रेणी में मतदान करने की प्राथमिकता देना शामिल है. चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा, ‘उनका नेतृत्व और चुनावी प्रक्रिया के प्रति प्रतिबद्धता हमें भारत के चुनाव आयोग में प्रेरित करती रहेगी.’

चुनाव आयुक्त नियुक्त होने से पहले बने केंद्रीय सचिव

चुनाव आयोग ने अपने बयान में कहा कि 16वें मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में चावला ने चुनाव आयुक्तों को हटाने की प्रक्रिया को मुख्य चुनाव आयुक्त के समान बनाने की वकालत की थी. नवीन चावला का जन्म 30 जुलाई 1945 को हुआ था. उन्होंने सेंट स्टीफंस कॉलेज जाने से पहले लॉरेंस स्कूल सनावर से स्कूली शिक्षा प्राप्त की. अपने सिविल सेवा करियर के दौरान उन्हें कई जिम्मेदारियां सौंपी गईं. उनका कार्य जीवन मुख्य रूप से दिल्ली में रहा.

चुनाव आयुक्त नियुक्त होने से पहले वे केंद्रीय सचिव बने. चावला को मदर टेरेसा की जीवनी लेखक के रूप में भी जाना जाता है. ‘मदर टेरेसा’ नामक जीवनी पहली बार 1992 में यूके में प्रकाशित हुई थी और तब से इसके कई अनुवाद और संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं. उन्होंने रघु राय की तस्वीरों के साथ ‘फेथ एंड कम्पैशन: द लाइफ एंड वर्क ऑफ मदर टेरेसा’ का सह-लेखन भी किया, जिसे 1997 में यूके में प्रकाशित किया गया था.

EC को हटाने के लिए संशोधन की अपील

मुख्य चुनाव आयुक्त के रूप में, चावला ने चुनाव आयुक्तों को हटाने की प्रक्रिया को मुख्य चुनाव आयुक्त के समान बनाने के लिए कानून मंत्रालय को एक संवैधानिक संशोधन की सिफारिश की थी. उन्होंने उनके हटाने की मांग का हवाला देते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र भी लिखा था. साथ ही सरकार से चुनाव आयुक्तों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए संशोधन करने का आग्रह किया. हालांकि, सीईस और ईसी को हटाने की प्रणाली में कोई बदलाव नहीं हुआ.

बीजेपी ने लगाया था पक्षपात का आरोप

चुनाव निकाय में चावला का कार्यकाल काफी विवादास्पद रहा. तत्कालीन विपक्षी बीजेपी ने उन पर पक्षपात करने का आरोप लगाया. 2009 में सीईसी एन गोपालस्वामी ने सरकार से उस समय चुनाव आयुक्त रहे चावला को हटाने की सिफारिश की थी. हालांकि, सरकार ने उनकी सिफारिश पर कोई कार्रवाई नहीं की. यह सिफारिश बीजेपी की ओर से दायर याचिका पर आधारित थी.

इसमें चावला के खिलाफ पक्षपात करने की शिकायत की गई थी. यहां तक ​​कि उस समय की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने भी इस मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में उठाया था. 2006 में लोकसभा में तत्कालीन विपक्ष के नेता लालकृष्ण आडवाणी और 204 सांसदों ने राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को एक याचिका भी सौंपी थी. इसमें कथित पक्षपात के लिए नवीन चावला को चुनाव आयुक्त के पद से हटाने की मांग की गई थी

छत्तीसगढ़: गंगालूर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़, 8 नक्सली मारे गए

छत्तीसगढ़ में एक बार फिर से सुरक्षाबलों के जवानों ने सर्चिंग के दौरान 8 नक्सलियों को ढेर कर दिया है. इसकी जानकारी स्थानीय पुलिस ने जारी की है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि शनिवार को गंगालूर में सुरक्षाबलों के जवान सर्चिंग पर निकले. इसी दौरान इलाके में नक्सलियों और सुरक्षाबलों के जवानों के बीच गोलीबारी शुरू हो गई. गोलीबारी में अब तक 8 नक्सलियों के मारे जाने की खबर सामने आई है. सुरक्षाबलों ने इस दौरान कई ऑटोमेटिक हथियार बरामद किए हैं.

जानकारी के मुताबिक स्थानीय पुलिस के जवान और कोबरा डीआरजी एसटीएफ सीआरपीएफ 222 के जवान संयुक्त रूप से गंगालूर इलाके में सर्चिंग के लिए निकले. सुबह करीब 8.30 बजे सुरक्षाबलों की टीम पर नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी. गोलीबारी के जवाब में सुरक्षाबलों ने भी सुरक्षा घेरा बनाया और जवाबी फायरिंग की. इस मुठभेड़ में अभी तक 8 नक्सली मारे गए हैं. वहीं सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के ठिकानों से कई आधुनिक हथियार और नक्सली सामग्री भी जब्त की है.

रुक-रुक कर हो रही फायरिंग

सूत्रों की मानें तो इलाके में अभी भी नक्सलियों और सुरक्षाबलों के जवानों के बीच फायरिंग हो रही है. पुलिस और सुरक्षाबलों के जवान फिलहाल जंगलों के अंदरूनी इलाकों में जा-जा कर संदिग्ध स्थानों पर जांच कर रहे हैं. इससे पहले भी क्षेत्र में नक्सलियों के मारे जाने की खबरें सामने आ चुकी हैं.

14 नक्सली मारे थे

इससे पहले 21 जनवरी को छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर गरियाबंद में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच लंबी मुठभेड़ चली थी. इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के जवानों ने 14 नक्सलियों को ढेर कर दिया था. बता दें कि देश के गृहमंत्री अमित शाह पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि मार्च 2026 से पहले देश और राज्य से नक्सल गतिविधियों को पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा. इसी के तहत लगातार सुरक्षाबल सर्च ऑपरेशन में जुटे हैं और नक्सलियों के खिलाफ एक के बाद एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे रहे हैं.

शत्रुघ्न सिन्हा बोले- क्या ये बिहार को आगे ले जाने वाला चुनावी बजट था?

टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने आज बजट पेश होने के बाद कहा कि बिहार मेरी ताकत है और बिहार के लिए किए गए प्रावधानों से मुझे अच्छा लगा है. लेकिन अभी चुनाव का समय भी है, तो क्या ये बिहार को आगे ले जाने वाला चुनावी बजट था? बिहार में बुनियादी ढांचे का विकास अच्छा है, लेकिन क्या ये काफी है? पहले बताए गए बड़े विशेष पैकेजों का क्या हुआ? बिहार को ध्यान में रखते हुए ये बजट लॉलीपॉप जैसा लगता है.

अब वेतनभोगी वर्ग की बात करें तो छूट 12 लाख की जगह 15 लाख होनी चाहिए थी, लेकिन फिर भी हम इसकी सराहना करते हैं. अभी भी बहुत सी चीजों का अध्ययन करने की जरूरत है.

उन्होंने कहा कि इस बजट से बहुत उम्मीदें थीं, क्या हुआ जो पीएम मोदी ने कहा कि 75 हजार और 1 लाख रुपए लोगों को दिया जाएगा. क्या हुआ उन सब बातों का? स्पेशल पैकेज और आम बजट की तुलना में बिहार के लिए लोकलुभावना बजट पेश किया गया है. उन्होंने कहा कि ये तो मुझे लॉलीपॉप की तरह दिखाई देता है.

जो हुआ है हम उसकी सराहना करते हैं

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि फिलहाल, आज की बजट में बिहार के लिए जो कुछ भी किया गया है, हम उसकी सराहना करते हैं, क्योंकि समथिंग इस बेटर दैन नथिंग. उन्होंने कहा कि सैलरीड क्लास पर नजर रखने पर साफ दिखाई दे रहा है कि आप वोटर्स पर नजर रख रहे हैं.

हम तो कह रहे थे कि इसकी सीमा 15 लाख होनी चाहिए, लेकिन जो 12 लाख किया गया है, हम इसकी भी प्रशंसा करते हैं. उन्होंने कहा कि देश में सबसे ज्यादा कंज्यूमर सैलरीड क्लास से आता है. ये ऐसे लोग हैं जो मिडिल क्लास से भी आते हैं और सबसे ज्यादा चाय भी पीते हैं. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा जीएसटी ये लोग देते रहे हैं.

दूल्हा-दुल्हन ले रहे थे सात फेरे, पंडाल के पीछे हो गया बड़ा कांड… शादी समारोह में मच गई भगदड़

हरियाणा के नारनौल से शादी के दौरान एक युवक की चाकू घोंपकर हत्या का मामला सामने आया है. घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस का कहना है कि मृतक पर 6 केस चल रहे हैं. इन मामलों में वह जेल भी जा चुका था. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुई एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि मृतक इलाके में ‘हफ्ता’ के नाम से मशहूर था.

नारनौल के पुरानी मंडी इलाके मोहल्ले में शुक्रवार की देर रात एक शादी समारोह चल रहा था. इसी दौरान महेश पंडाल के पीछे बैठकर कुछ लोग के साथ ताश खेल रहा था. ताश खेलने के दौरान महेश का एक युवक से झगड़ा गया और फिर देखते ही देखते युवक ने महेश की चाकू घोंपकर हत्या कर दी. इसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गया. मामले की जानकारी होते ही इलाके में भगदड़ मच गई. शादी का मंडप में मानों सन्नाटा पसर गया हो.

युवक की चाकू मारकर हत्या

घटना के बाद शोर सुनकर मौके पर पहुंचे स्थानीय लोग युवक को लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे. जहां से प्राथमिक उपचार देने के बाद युवक को PGI रोहतक रेफर किया था, यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. साथ ही पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपी परवीन को हिरासत में ले लिया है. पुलिस हत्या के कारणों को लेकर आरोपी से पूछताछ कर रही है.

हफ्ता’ के नाम से मशहूर था मृतक

लोगों का कहना है कि महेश योगी इलाके में ‘हफ्ता’ के नाम से मशहूर था. इलाके में हफ्ता मांगने के चलते उसका नाम हफ्ता रख दिया गया था. इस संबंध में लोगों ने उसके खिलाफ स्थानीय थाने में 6 मामले दर्ज कराए थे. इसके अलावा आरोपी के खिलाफ हत्या और लूट के भी मामले दर्ज थे.

हिमाचल प्रदेश: बीजेपी के सीनियर लीडर और पूर्व सांसद किशन कपूर का निधन, 74 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला (Dharamshala) से बड़ी खबर सामने आई है. बीजेपी के सीनियर लीडर और पूर्व सांसद किशन कपूर (BJP Kishan Kapoor Death) का 74 साल की उम्र में निधन हो गया है. पीजीआई चंडीगढ़ में उनका इलाज चल रहा था. आज यानि शनिवार को उन्होंने चंडीगढ़ में अंतिम सांस ली. बीजेपी से लेकर अन्य पार्टियों के लीडर्स ने उनके निधन पर शोक जताया है. धर्मशाला भाजपा मंडल अध्यक्ष डॉ. विशाल नैहरिया ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी है.

किशन कपूर ने राजनीति की लंबी पारी खेली और हमेशा धर्मशाला के विकास की लड़ाई लड़ी और सदन में आवाज बुलंद की. धर्मशाला के मुद्दों को उठाने वाली यह आवाज हमेशा के लिए खामोश हो गई. किशन कपूर 5 बार विधायक रहे हैं और 3 बार मंत्री व एक बार सांसद रहे हैं. उन्होंने अपना पहला चुनाव 1985 में लड़ा था. यह चुनाव वह हार गए थे. साल 1990 में पहली बार विधायक बने.

2008 व 2017 में प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री रहे, जबकि 2019 में कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद बने. साल 2008 से 2012 प्रो. प्रेम कुमार धूमल की सरकार में परिवहन, जनजातीय मंत्री रहे. वर्ष 2017 से 2019 तक जयराम सरकार में उद्योग, परिवहन व शहरी विकास मंत्री रहे. 2019 से 2024 तक कांगड़ा के सांसद बने.

किशन कपूर राजनीतिज्ञ ही नहीं बल्कि भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सदस्य थे. कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के वर्ष 2019 में उन्होंने रिकॉर्ड मतों के अंतर से सीट जीती थी. उन्होंने 4.77 लाख मतों के अंतर से जीत हासिल की थी जो पूरे देश में 72.2 फीसद के साथ दूसरा सबसे बड़ा मतदान प्रतिशत है. कपूर का राजनीति में लंबा इतिहास रहा है और वे अपेक्षाकृत कम उम्र में ही सक्रिय राजनीति में आ गए थे.

1952 में हुआ था कपूर का जन्म

किशन कपूर का जन्म 25 जून 1952 को हरि राम व गुलाबो देवी के घर खनियारा में हुआ था. किशन कपूर का विवाह रेखा कपूर से हुआ था. जिनके दो बच्चे प्रगति कपूर बेटी व शाश्वत कपूर हैं.

किशन कपूर का राजनैतिक सफर

1970 जनसंघ और जनता पार्टी के सदस्य बने

1978 युवा मोर्चा सचिव

1980 भाजपा के गठन में भाग लिया

1982-1984 मंडल अध्यक्ष भाजपा धर्मशाला

1985 धर्मशाला निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार के रूप में पहला विधायक चुनाव लड़ा

1990 भाजपा के विधायक के रूप में धर्मशाला निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया

1993 धर्मशाला से दूसरी बार जीतकर विधानसभा पहुंचे

1993-97 विधानसभा में मुख्य सचेतक नियुक्त

1994 भाजपा हिमाचल प्रदेश राज्य कार्यकारिणी सदस्य नियुक्त

1995-97 कांगड़ा जिला भाजपा अध्यक्ष रहे

1996 मणिपुर संसदीय क्षेत्र के लिए भाजपा चुनाव प्रभारी नियुक्त

1998 धर्मशाला निर्वाचन क्षेत्र से तीसरी बार जीते

1998 परिवहन, जनजातीय विकास, मुद्रण एवं लेखन सामग्री तथा विधि मंत्री के रूप में शपथ ली

2003 धर्मशाला से चुनाव लड़े और हार गए

2004 भाजपा हिमाचल प्रदेश के राज्य प्रवक्ता नियुक्त

2007 धर्मशाला से चौथी बार जीते

2008 परिवहन, शहरी विकास, आवास और नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री के रूप में शपथ ली

2009 विभाग बदलकर उद्योग, श्रम एवं रोजगार तथा सैनिक कल्याण मंत्रालय कर दिया गया

2012 धर्मशाला से चुनाव लड़ा और हार गए

2017 धर्मशाला निर्वाचन क्षेत्र से पांचवीं बार जीते

2017 खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले तथा चुनाव मंत्री के रूप में शपथ ली

2019 पूरे देश में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत के रिकॉर्ड अंतर से पहली बार कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से सांसद चुने गए.

बरेली: भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष ने फेसबुक पर की हिंदू धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी, पुलिस ने दर्ज किया मामला

उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद में उस वक्त हड़कंम मच गया जब फेसबुक पर ‘हिंदू धर्म साबित करो और एक करोड़ का इनाम पाओ’ जैसे कई आपत्तिजनक टिप्पणियां भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष ने कीं. पुलिस ने भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष सुशील गौतम के खिलाफ कैंट थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है. सुशील गौतम फिलहाल फरार हैं. पुलिस उनकी तलाश कर रही है. जिला अध्यक्ष फरार चल रहा है. पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए जगह-जगह दबिश दे रही है.

बरेली के थाना कैंट में तैनात दरोगा रोहित तोमर ने एक रिपोर्ट दर्ज की है. उन्हें सोशल मीडिया के जरिए शिकायत मिली थी कि भीम आर्मी जिलाध्यक्ष सुशील गौतम ने फेसबुक पर हिन्दू धर्म और ब्राह्मणों को लेकर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की है. यह शिकायत हिमांशु पटेल नामक युवक ने की थी.

हिमांशु ने सुशील गौतम की दो पोस्ट का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया था. जिसमें एक में लिखा था ‘हिंदू धर्म साबित करो और एक करोड़ इनाम पाओ’ और दूसरे में लिखा था- ब्राह्मण कहता है कि पृथ्वी पर जब-जब धर्म की हानि होती है तब-तब ईश्वर धर्म को बचाने के लिए आता है. ब्राह्मण की रक्षा करने के लिए धरती पर जन्म लेते हैं. यह षडयंत्र है और इससे लोगों को भ्रमित किया जा रहा है.

अभी तक फरार है सुशील

उसके बाद जिला अध्यक्ष के खिलाफ कैंट थाने में रिपोर्ट दर्ज कर ली है. इस घटना के बाद से ब्राह्मण समाज के लोगों में आक्रोश है. वो सुशील गौतम को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं. पुलिस अब जिला अध्यक्ष को गिरफ्तार करने के लिए जगह-जगह दबिश दे रही है. लेकिन जिला अध्यक्ष अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं लग पाया है.

वहीं पूरे मामले में कैंट पुलिस का कहना है कि जिला अध्यक्ष के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है और जल्दी गिरफ्तार कर जेल भेजा जाएगाय पुलिस की टीमें लगातार दबिश दे रही हैं.

बॉयफ्रेंड से मिलने दिल्ली पहुंची बरेली की लड़की, हो गई गैंगरेप का शिकार,किया सुसाइड

उत्तर प्रदेश के बरेली के भमोरा थाना क्षेत्र से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां एक पॉलिटेक्निक की छात्रा ने दुष्कर्म के बाद डिप्रेशन में आकर आत्महत्या कर ली. छात्रा प्रेमी से मिलने दिल्ली गई थी, लेकिन वहां प्रेमी नहीं मिला था. इसके बाद कुछ लोगों ने छात्रा को बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था. घर आने के बाद छात्रा खुद को नहीं संभाल पाई और उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

बरेली के भमोरा थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली सीबीगंज के राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज की छात्रा को कॉलेज के ही एक युवक से प्यार हो गया था. मृतका की मां का आरोप है कि 17 साल की बेटी प्रेमी के बहकावे में आकर 26 जून 2024 को भागकर दिल्ली गई थी, लेकिन वहां उसे कहीं भी प्रेमी नजर नहीं आया. छात्रा ने युवक को खोजने की बहुत कोशिश की. हालांकि, उसको इस काम में सफलता नहीं मिली.

बंधक बनाकर किया रेप

इस दौरान कुछ लोगों ने उसे नशीला पदार्थ देकर बेहोश कर दिया और आठ दिन तक बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. किसी तरह छात्रा आरोपियों के चंगुल से छूटकर प्रेमी के गांव के पहुंची, लेकिन वहां भी उसे प्रेमी नहीं मिला. इसके बाद युवक के परिजनों ने छात्र के परिवार को उसकी जानकारी दी और कहां कि अपनी बेटी को आकर ले जाओ. इसके बाद परिवार के लोग उसे घर ले आए. घर आने के बाद से ही छात्रा डिप्रेशन में रहने लगी थी. इसी बीच उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा

घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने छात्रा के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. बेटी की मौत के बाद से ही परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है. पिता की शिकायत पर पुलिस ने प्रेमी और मृतका की सहेली के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली हैं . वहीं, इस मामले में परिवार और गांववालों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. इस घटना के बाद पूरे गांव में शोक की लहर है.

मामले की जांच में जुटी पुलिस

गांववालों का कहना है कि लड़की बहुत सीधी-सादी और पढ़ाई में होशियार थी. किसी ने सोचा भी नहीं था कि उसके साथ ऐसा कुछ हो सकता है. मामले पर पुलिस का कहना है कि वह मामले की हर एंगल से जांच की जा रही है और दोषियों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा.

मौनी महाराज ने महाकुंभ में भगदड़ के बाद ली भू-समाधि, 3 घंटे तक 10 फीट गहरे गड्ढे में रहे

प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ की घटना से दुखी परमहंस पीठाधीश्वर शिवयोगी मौनी महाराज ने भू-समाधि ले ली है. शिवयोगी मौनी महाराज ने यह भू-समाधि 3 घंटे के लिए 10 फीट गहरे गड्ढे में ली. भू समाधि से पहले मौनी बाबा ने विधिवत पूजा अर्चना की. उन्होंने रुद्राक्ष की मालाओं के मुकुट को उतारकर अलग रख दिया.

मौनी बाबा ने शुक्रवार की रात को भू-समाधि ली. वह अब तक 55 से ज्यादा बार भू समाधि ले चुके हैं. ये उनकी 57वीं भू-समाधि है. मौनी बाबा का कहना था कि प्रयागराज महाकुंभ की घटना से वह बेहद व्यथित हैं. भू-समाधि के जरिए वह कामना करना चाहते हैं कि महाकुंभ में दोबारा ऐसी कोई दुखद घटना ना हो. महाकुंभ में पूरे विश्व के लोग आ आ रहे हैं. किसी को कोई दिक्कत न हो इसके लिए भूमि के अंदर तपस्या करूंगा.

उन्होंने महाकुंभ क्षेत्र में सेक्टर-6 में स्थित अपने शिविर में भू समाधि ली है. मौनी बाबा के शिविर में रुद्राक्ष की मालाओं के जरिए द्वादश ज्योतिर्लिंग के स्वरूप को तैयार किया गया है. मौनी बाबा ने महाकुंभ में पहली बार 7 करोड़ 51 लाख रुद्राक्ष की मणियों से दिव्य 12 ज्योतिर्लिंगों की स्थापना की है. हर ज्योतिर्लिंग 11 फीट ऊंचा, 9 फीट चौड़ा और 7 फीट मोटा है.

13 साल मौन व्रत पर रहे

महाराज शिवयोगी 13 साल तक मौन व्रत में रहे हैं, इसलिए लोग इन्हें मौनी महाराज के नाम से बुलाते हैं. इनका जन्म प्रतापगढ़ के पट्टी क्षेत्र में हुआ. यहीं पर शिक्षा-दीक्षा हुई. इसके बाद मुंबई में जीविकोपार्जन के लिए गए. फिर वहीं सांसारिक जीवन से विरक्त होकर इन्होंने संन्यास धारण कर लिया.

1989 में किया था मौन धारण

मौनी महाराज अमेठी के बाबूगंज स्थित सगरा आश्रम के प्रमुख हैं. राष्ट्र कल्याण की भावना और भगवान शिव के दर्शन की इच्छा को लेकर महाराज ने 1989 में मौन धारण किया. मौन रहने और भगवान शिव की पूजा का सिलसिला 2002 तक चला. तभी से सब लोग इन्हें मौनी महाराज के नाम से जानने लगे.

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ महाकुंभ में लगाएंगे डुबकी, CM योगी और 77 देशों के डेलीगेट्स का दौरा कल


उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और 77 देशों के 118 राजनयिक शनिवार को महाकुंभ मेले का दौरा करेंगे. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और राजनयिक संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे, जबकि सीएम योगी आदित्यनाथ एक धार्मिक समारोह में भाग लेंगे. महाकुंभ में भगदड़ की घटना में श्रद्धालुओं की मौत के बाद वीआईपी का यह पहला दौरा है.

सर्किल ऑफिसर (प्रोटोकॉल-III) प्रतिमा सिंह ने शनिवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और सीएम योगी के महाकुंभ नगर के प्रस्तावित दौरे की पुष्टि की, हालांकि, उन्होंने उपराष्ट्रपति के कार्यक्रम का विवरण साझा नहीं किया. इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 फरवरी को महाकुंभ का दौरा करने की उम्मीद है.

हादसे के बाद पहली बार आज महाकुंभ जाएंगे योगी

शनिवार को सीएम आदित्यनाथ शाम करीब 4 बजे सतुवा बाबा के शिविर में पट्टाभिषेक समारोह में शामिल होंगे. आधिकारिक बयान के अनुसार, 77 देशों के 118 राजनयिक 1 फरवरी को महाकुंभ मेले में पहुंचेंगे, जहां उनका अरैल में भव्य स्वागत किया जाएगा.

ये राजनयिक अरैल में अपने-अपने राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगे और संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे. बयान में आगे बताया गया है कि राजनयिक अक्षयवट, सरस्वती कूप और लेटे हुए हनुमान मंदिर का भी दौरा करेंगे.

77 देशों के 118 राजनयिक जाएंगे महाकुंभ

महाकुंभ में भाग लेने वाले देशों में संयुक्त राज्य अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, फ्रांस, रूस, ब्राजील, स्विट्जरलैंड, जापान, न्यूजीलैंड, जर्मनी, नेपाल और कनाडा शामिल हैं.

2019 के कुंभ के दौरान भी इसी तरह का राजनयिक जमावड़ा आयोजित किया गया था. यहां एक अधिकारी ने कहा कि आने वाले कुछ प्रतिनिधि संगम में डुबकी भी लगा सकते हैं.

अधिकारी ने कहा कि उनके दौरे के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था पहले से ही मजबूत कर दी गई है, साथ ही आम तीर्थयात्रियों की सुविधा को भी ध्यान में रखा गया है, जो 12 साल के धार्मिक महाकुंभ में भाग लेने के लिए हर दिन लाखों की संख्या में आते हैं.