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फिर जेल से आया बाहर गुरमीत राम रहीम, दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले सरकार नौंवी बार मेहरबान
#gurmeet_ram_rahim_gets_parole_leaves_for_sirsa_ashram_from_rohtak
* बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषी ठहराया जा चुका डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम एक बार फिर पैरोल पर जेल से बाहर आया है। सिरसा डेरा प्रमुख नौवीं बार पैरोल पर जेल से बाहर आ गया है। दिल्ली चुनाव से पहले गुरमीत राम रहीम को एक बार फिर से भाजपा सरकार ने 30 दिन की पैरोल दी है। जेल जाने के बाद पहली बार राम रहीम सिरसा स्थित अपने आश्रम जा रहा है। इससे पहले जितनी बार राम रहीम को पैरोल मिली, वह यूपी के बरनावा आश्रम जाता था। मंगलवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच रोहतक की सुनारिया जेल से गुरमीत राम रहीम निकला।राम रहीम मंगलवार सुबह करीब 6:36 बजे जेल से हनीप्रीत के साथ रवाना हुआ। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में राम रहीम जेल से बाहर आया था। चुनाव आयोग की ओर से पैरोल के अनुरोध को मंजूरी दिए जाने के बाद वह जेल से बाहर आया था। पिछले 12 महीनों में यह उसकी चौथी अस्थायी रिहाई है और चार साल पहले दोषी ठहराए जाने के बाद से उसकी कुल रिहाई 16 हो गई हैं। दिल्ली में 5 फरवरी को विधानभा चुनाव होने है। इससे पहले हरियाणा की बीजेपी सरकार ने राम रहीम पर मेहरबानी दिखाई है। राम रहीम हरियाणा और पंजाब में काफी प्रभाव रखता है। उसकी पिछली पैरोल लगातार चुनावों के दौरान हुई हैं, चाहे वह नगर निकाय या राज्य विधानसभा के चुनाव हों। *चुनाव से पहले आता रहा है जेल से बाहर* बरोदा उप चुनाव : 20 अक्तूबर 2020 को मां से मिलने के लिए एक दिन की पैरोल मिली। नवंबर 2020 में उप चुनाव हुआ था। पंजाब विस चुनाव : फरवरी 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले 21 दिन की पैरोल मिली। राजस्थान विस चुनाव : 25 नवंबर 2023 को राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले 21 दिन की पैरोल मिली। लोकसभा चुनाव : 25 मई 2024 को हुए लोकसभा चुनाव हुए। राम रहीम को 19 जनवरी को 50 दिन की पैरोल मिली। हरियाणा विस चुनाव : 13 अगस्त 2024 को राम रहीम को 21 दिन की फरलो मिली थी। हरियाणा विस चुनाव : 2 अक्तूबर 2024 को राम रहीम को 20 दिन की सशर्त आपात पैरोल मिली, जबकि 5 अक्तूबर को प्रदेश में विधानसभा चुनाव था। *कब कब मिली पैरोल* • 20 अक्तूबर 2020: मां से मिलने के लिए एक दिन की पैरोल मिली। • 12 मई 2021: ब्लड प्रेशर और बेचैनी की शिकायत पर पीजीआई में जांच के लिए 1 दिन का पैरोल। • 17 मई 2021: मां से मिलने के लिए 1 दिन की पैरोल। • 3 जून 2021: पेट में दर्द की शिकायत पर पीजीआई लाया गया। • 8 जून 2021: स्वास्थ्य जांच के लिए गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल ले जाया गया। • 13 जुलाई 2021: जांच के लिए एम्स गया। • फरवरी 2022: 21 दिन की पैरोल मिली। • जून 2022: 30 दिन की पैरोल मिली। • अक्तूबर 2022: 40 दिन की पैरोल मिली। • 21 जनवरी 2023: 40 दिन की पैरोल मिली। • 20 जुलाई 2023 : 30 दिन की पैरोल मिली। • 20 नवंबर 2023 : 21 दिन की पैरोल मिली। • 19 जनवरी 2024 : 50 दिन की पैरोल मिली। • 12 अगस्त 2024 : 21 दिन की फरलो मिली। • 1 अक्तूबर 2024: 20 दिन की पैरोल मिली। • 27 फरवरी 2025: 20 दिन की पैरोल दी गई है।
पीएम मोदी को आया व्हाइट हाउस से बुलावा, ट्रंप के न्योता पर फरवरी में जा सकते हैं अमेरिका
#pm_modi_may_visit_us_in_february_says_donald_trump
* प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी में अमेरिका का दौरा कर सकते हैं। सोमवार को अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से फोन पर बात की। जिसके बाद ये खबर सामने आ रही है।खुद ट्रंप का इस बात खुलासा किया। व्हाइट हाउस ने बातचीत की डिटेल जारी की है। जिसमें बताया गया है कि दोनों नेताओं के बीच आखिर क्या बातचीत हुई है। इसके अलावा इस बातचीत को लेकर पीएम मोदी सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट भी किया है। अगर ऐसा होता है तो डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी दुनिया के पहले नेताओं में होंगे, जो वाशिंगटन जाएंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को फ्लोरिडा से ‘ज्वाइंट बेस एंड्रयूज’ लौटते समय एयर फोर्स वन विमान में पत्रकारों से कहा, ‘आज सुबह मेरी उनसे लंबी बातचीत हुई। अगले महीने वे व्हाइट हाउस आ रहे हैं। शायद फरवरी में। भारत के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे हैं।’ डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ सोमवार को फोन पर हुई बातचीत के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘मोदी के साथ फोन पर बातचीत के दौरान सभी विषयों पर चर्चा हुई।’ *व्हाइट हाउस ने जारी किया बयान* इससे पहले व्हाइट हाउस ने कहा है कि दोनों नेताओं ने अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी और हिंद-प्रशांत क्वाड साझेदारी को आगे बढ़ाने पर प्रतिबद्धता जताई है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्हाइट हाउस यात्रा की योजनाओं पर चर्चा की गई। व्हाइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की। दोनों नेताओं ने सहयोग को बढ़ाने और रिश्ते को गहरा करने पर चर्चा की। उन्होंने हिंद-प्रशांत, मध्य पूर्व और यूरोप में सुरक्षा सहित कई क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत द्वारा बनाए गए अमेरिका निर्मित सुरक्षा उपकरणों की खरीद बढ़ाने और द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। *दोस्ती और रणनीतिक संबंध मजबूत होंगे* व्हाइट हाउस ने कहा कि दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्हाइट हाउस की यात्रा की योजनाओं पर चर्चा की। इससे हमारे देशों के बीच दोस्ती और रणनीतिक संबंध मजबूत होंगे। व्हाइट हाउस ने अपने बयान में यह भी कहा कि भारत इस साल के अंत में पहली बार क्वाड नेताओं की मेजबानी करेगा। *पीएम मोदी ने क्या कहा?* इधर, प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा कि अपने प्रिय मित्र राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बात करके बहुत खुशी हुई। उनके ऐतिहासिक दूसरे कार्यकाल के लिए उन्हें बधाई दी। हम परस्पर लाभकारी और विश्वसनीय साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम अपने लोगों के कल्याण तथा वैश्विक शांति, समृद्धि एवं सुरक्षा के लिए मिलकर काम करेंगे।
बांग्लादेश को ट्रंप ने दिया बड़ा झटका, आर्थिक मदद पर लगाई रोक, फिर भी क्यों खुश हो रहें यूनुस

#donald_trump_halts_all_us_aid_to_bangladesh

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश की यूनुस सरकार को बड़ा झटका दिया है। ट्रंप ने बांग्लादेश को दी जाने वाली अमेरिकी मदद पर तत्काल रोक लगा दी है। सत्ता संभालने के बाद ट्रंप ने कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता पर 90 दिनों के लिए रोक लगा दी है। इससे पहले उन्होंने यूक्रेन की विदेशी सहायता निलंबित की थी।

अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी ने बांग्लादेश में अपनी सभी सहायता और प्रोजेक्ट्स पर रोक लगाने का आदेश दिया है। इस फैसले को बांग्लादेश की यूनुस सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।हालांकि, अमेरिका ने रोहिंग्‍या मुस्लिमों के लिए दी जाने वाली सहायता राश‍ि को जारी रखा है। अमेरिका के रोहिंग्‍या मुस्लिमों के लिए जारी सहायता रखने से मोहम्‍मद यूनुस सरकार थोड़ा खुश है।

अमेरिका बांग्‍लादेश को जलवायु संकट, रोहिंग्‍या शरणार्थी, हेल्‍थ, मानवाधिकारों से लेकर शिक्षा तक के लिए पैसा देता था। ट्रंप प्रशासन का रोहिंग्याओं से जुड़ी समस्‍या के प्रति फोकस है। अमेरिका रोहिंग्‍या मुस्लिमों के लिए मानवीय सहायता देने वाले देशों में अग्रणी है। साल 2017 में जब से रोहिंग्‍या संकट शुरू हुआ है तब से लेकर अब तक 2.4 अरब डॉलर की सहायता उसने दी है। यही नजह है कि दुनिया भर के देशों का हुक्‍का पानी बंद करने के बावजूद ट्रंप ने रोहिंग्‍याओं के लिए दी जा रही आर्थिक मदद को आगे भी जारी रखा है। ऐसे में मोहम्‍मद यूनुस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को धन्‍यवाद कहा है।

शेख हसीना के जाने के बाद से ही बांग्‍लादेश आर्थिक संकटों के दौर से गुजर रहा है। दुनियाभर की कंपनियों ने अपने ऑर्डर रद कर दिए हैं। यही नहीं बिजली का भी देश में संकट चल रहा है। अब ट्रंप के इस आदेश ने बांग्‍लादेश की मुश्किलें काफी बढ़ा दी हैं।

बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने शुक्रवार को एक व्यापक आदेश में केवल इजरायल और मिस्र को छोड़कर, यूक्रेन सहित सभी विदेशी सहायता पर रोक लगा दी है। इस आदेश से सामान्य सहायता से लेकर सैन्य सहायता तक सब कुछ प्रभावित करेगा। इसमें केवल आपातकालीन खाद्य सहायता और इजरायल, मिस्र के लिए सैन्य मदद को छूट दी गई है।

ट्रंप की सख्ती के बाद कोलंबिया का यू-टर्न, प्रवासियों की वापसी के लिए राष्ट्रपति पेट्रो ने भेजा विमान

#columbiauturnafterustrump sanctions

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी सत्ता में वापसी के बाद से ही अनधिकृत अप्रवासियों का मुद्दा फिर से चर्चा में है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप देश भर से अवैध प्रवासियों को ढूंढ-ढूंढ के बाहर निकाल रहे हैं।ट्रंप के इस कदम के खिलाफ, कोलंबिया ने अपना सिर उठाया और डिपोर्टेशन फ्लाइट्स की अनुमति अपने देश में नहीं दी। लेकिन, 24 घंटे के अंदर ही ट्रंप ने कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोलंबिया पर टैरिफ और अन्य प्रतिबंध लगाने की धमकी दी थी, जिसके बाद कोलंबिया ने अमेरिकी शर्तों को मानते हुए निर्वासन उड़ानों को स्वीकार करने पर सहमति जता दी। कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने अमेरिका से प्रवासियों को वापस लाने के लिए विशेष विमान भेजने का फैसला किया है। अमेरिका से जंजीरों में बांधकर अमानवीय तरीके प्रवासियों को भेजे जाने की तस्वीरे सामने आने और इस मुद्दे पर डोनाल्ड ट्रंप के साथ तनातनी के बाद कोलंबिया ने ये फैसला लिया है।कोलंबिया सरकार ने कहा है कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि उनके नागरिकों को बेइजज्त करके अमेरिका से ना निकाला जाए। इस संबंध में कोलंबिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने अपने बयान में 'सम्मानजनक वापसी' शब्द पर विशेष जोर दिया है।

कोलंबियाई राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि गुस्तावो पेट्रो के निर्देशन में कोलंबिया सरकार ने डिपोर्टेशन फ्लाइट से देश में आने वाले अपने नागरिकों की सम्मानजनक वापसी की सुविधा के लिए राष्ट्रपति विमान उपलब्ध कराया है। पेट्रो ने अपने निर्वासित नागरिकों की सम्मानजनक वापसी चाहते हैं। अमेरिका से कोलंबियाई नागरिकों की वापसी के लिए एक विशेष टीम का गठन भी किया गया है। कोलंबियाई सरकार अमेरिका से बातचीत कर रही है ताकि निर्वासित लोगों के साथ सम्मानजनक व्यवहार सुनिश्चित हो सके। बयान से साफ है कि कोलंबियाई सरकार अपने नागरिकों के सम्मानजनक व्यवहार को लेकर बेहद गंभीर है।

इससे पहले कोलंबिया में पहले अपने निर्वासित नागरिकों को वापस लेने से मना कर दिया था। कोलंबिया के राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो ने पूर्व में अमेरिका द्वारा अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने के तरीके की आलोचना की थी और कहा कि उनकी सरकार अमेरिका से निर्वासित प्रवासियों को ले जाने वाली उड़ानों को तब तक स्वीकार नहीं करेगी, जब तक ट्रंप प्रशासन उनके साथ 'सम्मानजनक' व्यवहार करने वाला प्रोटोकॉल नहीं बनाता। एक्स पर लिखे संदेश में पेट्रो ने कहा, 'प्रवासी अपराधी नहीं है और उसके साथ सम्मान के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए। इंसान इसका हकदार भी है। यही कारण है कि मैंने कोलंबियाई प्रवासियों को ले जा रहे अमेरिकी सैन्य विमानों को वापस कर दिया।

कोलंबिया की सरकार ने बदला फैसला

इससे नाराज होकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोलंबिया के खिलाफ टैरिफ लगाने और अन्य जवाबी कदम उठाने का एलान कर दिया था। इसके कुछ ही घंटों बाद कोलंबिया ने भी अमेरिका पर आयात शुल्क बढ़ाए जाने का फैसला किया था। इससे दोनों मुल्कों में तनातनी बढ़ गई थी। हालांकि, अब कोलंबिया की सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। माना जा रहा है कि इसी के चलते कोलंबिया की सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा।

क्या हो सकते थे कोलंबिया पर गंभीर परिणाम?

अगर, कोलंबिया ने ट्रंप की शर्तें नहीं मानी होती, तो देश को गंभीर आर्थिक और राजनयिक नुकसान झेलना पड़ सकता था।

1.टैरिफ का असर: कोलंबिया से अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले सभी सामानों पर 25% टैरिफ लगने का खतरा था। यह टैरिफ एक सप्ताह में बढ़कर 50% तक हो सकता था। कोलंबिया की अर्थव्यवस्था, जो अपने 33% निर्यात के लिए अमेरिकी बाजार पर निर्भर है, इस टैरिफ से बुरी तरह प्रभावित होती।

2.वीजा प्रतिबंध: कोलंबियाई सरकारी अधिकारियों और उनके सहयोगियों के वीज़ा रद्द हो सकते थे। इसका असर कोलंबिया की अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों और राजनयिक संबंधों पर पड़ता।

3.सख्त सीमा जांच: कोलंबियाई नागरिकों की अमेरिकी सीमा पर कड़ी जांच होती। इससे व्यापार, यात्रा और प्रवासियों के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता।

4.आर्थिक प्रतिबंध: कोलंबिया की वित्तीय गतिविधियों, बैंकों और व्यापार पर कड़े प्रतिबंध लगाए जा सकते थे। इससे कोलंबिया की अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लगता।

5.राजनयिक अलगाव: अमेरिका और कोलंबिया के बीच व्यापार और राजनयिक संबंध प्रभावित हो सकते थे। कोलंबिया, जो अमेरिका को अपना सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार मानता है, अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग पड़ सकता था।

भारत-इंडोनेशिया ने दक्षिण चीन सागर में की आचार संहिता की वकालत, चीन के खिलाफ चली बड़ी चाल

#india_indonesia_call_for_code_of_conduct_in_south_china_sea

दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामकता लगातार बढ़ती जा रही है। चीन के तटरक्षक बल और समुद्री मिलिशिया को दक्षिण चीन सागर में पहले से कहीं ज़्यादा संख्या में, लंबे समय तक और ज़्यादा आक्रामकता के साथ तैनात किया गया। चीन के तटरक्षक बल अन्य देशों को मजबूर करने और डराने के लिए आक्रामकता और बल का प्रयोग करते रहे हैं। इस बीच भारत और इंडोनेशिया ने दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती सैन्य ताकत के बीच प्रासंगिक अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप एक 'पूर्ण और प्रभावी' आचार संहिता की वकालत की है।

भारत दौरे पर आए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्यापक बातचीत में दक्षिण चीन सागर में हालात पर विस्तृत विचार विमर्श हुआ। बैठक में दोनों पक्षों ने 'भारत के सूचना संलयन केन्द्र-हिंद महासागर क्षेत्र' (आईएफसी-आईओआर) में इंडोनेशिया से एक संपर्क अधिकारी तैनात करने पर सहमति व्यक्त की। मोदी और सुबियांतो ने सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हुए भारत-इंडोनेशिया आतंकवाद विरोधी सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया और बिना किसी 'दोहरे मापदंड' के इस खतरे से निपटने के लिए ठोस वैश्विक प्रयास करने का आह्वान किया।

रविवार को जारी बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने सभी देशों से संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके सहयोगियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने का आह्वान किया। बयान के अनुसार प्रधानमंत्री और सुबियांतो ने भारत-इंडोनेशिया आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के तरीकों पर भी चर्चा की तथा द्विपक्षीय लेन-देन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग के वास्ते पिछले वर्ष दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के शीघ्र क्रियान्वयन के महत्व पर बल दिया।

मोदी और सुबियांतो का मानना है कि द्विपक्षीय लेन-देन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग से व्यापार को और बढ़ावा मिलेगा तथा दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच वित्तीय एकीकरण गहरा होगा। संयुक्त बयान में समुद्री क्षेत्र की स्थिति का उल्लेख करते हुए कहा गया कि दोनों नेताओं ने क्षेत्र में शांति, स्थिरता, नौवहन और उड़ान की स्वतंत्रता को बनाए रखने और बढ़ावा देने के महत्व की पुष्टि की।उन्होंने निर्बाध वैध समुद्री वाणिज्य और 1982 के यूएनसीएलओएस (समुद्र के कानून पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन) सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त सिद्धांतों के अनुसार विवादों के शांतिपूर्ण समाधान को बढ़ावा देने का भी आह्वान किया।

आसियान देश भी दक्षिण चीन सागर पर एक बाध्यकारी आचार संहिता पर जोर दे रहे हैं। इसका मुख्य कारण चीन द्वारा इस क्षेत्र पर अपने व्यापक दावों को स्थापित करने के लगातार प्रयास हैं। बीजिंग सीओसी का कड़ा विरोध कर रहा है। चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है।2016 में हेग स्थित स्थायी मध्यस्थता न्यायालय ने अपने फैसले में दक्षिण चीन सागर के अधिकांश हिस्से पर बीजिंग के दावे को खारिज कर दिया था। हालांकि, चीन ने इस फैसले को खारिज कर दिया था। भारत इस क्षेत्र में नियम-आधारित व्यवस्था की वकालत करता रहा है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय कानून, विशेषकर यूएनसीएलओएस का पालन करना भी शामिल है।

50 फीसदी से ज्यादा बढ़ाएंगे रिजर्वेशन, ‘जय संविधान’ कार्यक्रम में राहुल गांधी ने किया ऐलान

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मध्य प्रदेश के महू में सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बड़ी रैली की। महू में राहुल गांधी ने जय बापू, जय भीम, जय संविधान रैली को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत जय बापू, जय भीम, जय संविधान से की। साथ ही जनता को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने अडानी-अंबानी से लेकर पेट्रोल की कीमतों तक को लेकर बीजेपी की सरकार पर निशाना साधा है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है, इसमें हिंदुस्तान की हजारों साल पुरानी सोच है। इसमें आंबेडकर जी, महात्मा गांधी जी, भगवान बुद्ध, फुले जी जैसे महापुरुषों की आवाज है। कांग्रेस नेता ने कहा, बीजेपी ने लोकसभा से पहले भी संविधान को खत्म करने की बात कही थी, इन्होंने कहा था कि अगर 400 सीटें आ गईं तो संविधान बदल देंगे, लेकिन उनके सामने कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के नेता और कार्यकर्ता खड़े हुए हैं। नतीजा ये हुआ कि लोकसभा में नरेंद्र मोदी को संविधान के आगे माथा टेकना पड़ा।

राहुल गांधी ने कहा कि जिस दिन ये संविधान खत्म हो जाएगा, उस दिन देश के गरीबों के लिए कुछ नहीं बचेगा। दलितों-आदिवासियों-पिछड़ों के लिए देश में कुछ नहीं बचेगा। इनका यही लक्ष्य है। राहुल गांधी ने कहा कि संविधान से पहले गरीबों और आदिवासियों के पास कोई अधिकार नहीं थे। बीजेपी और आरएसएस चाहती है कि आजादी से पहले जो स्थिति थी, वैसा ही भारत वे लोग चाहते हैं। गरीब भूखे मर जाएं, वे लोग कोई सपना नहीं देखें। हिंदुस्तान को सिर्फ अरबपति चलाएं। सारे कॉन्ट्रैक्ट उनके हाथ में चले जाएं। संविधान की लड़ाई आरएसएस और बीजेपी के लोगों से है।

संघ प्रमुख मोहन भागवत पर कड़ा प्रहार

राहुल गांधी ने संघ प्रमुख पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ दिन पहले आरएसएस के नेता मोहन भागवत ने कहा कि भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी नहीं मिली, वो झूठी आजादी थी, असली आजादी तो मोदी जी के आने के बाद मिली थी। राहुल गांधी ने कहा कि ये सीधा संविधान पर आक्रमण है।

सबसे ज्यादा बेरोजगारी भारत में

राहुल गांधी ने अंबानी की शादी पर भी इशारों-इशारों में निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा कि आज 50 साल में सबसे ज्यादा बेरोजगारी भारत में है। यहां के अरबपति अरबों रुपये अपने बेटे की शादी में खर्चा कर देते हैं। कोई दस करोड़ की घड़ी पहनता है तो कोई 15 करोड़ की घड़ी पहनता है, मगर आपको अपने बच्चे की शादी करवानी हो तो कर्जा लेना पड़ता है। उन्होंने कहा एक बात भूलिए मत, जितना धन अदाणी और अंबानी के पास जाएगा, उतना कम रोजगार आपके बच्चों को मिलेगा।

जीएसटी अरबपति नहीं देते

राहुल ने कहा कि जो नोटबंदी इन्होंने की, जो जीएसटी लागू की, ये हिन्दुस्तान के गरीब लोगों को खत्म करने के औजार है। ये योजना नहीं ये हथियार है। उन्होंने कहा कि जीएसटी कौन देता है, जीएसटी अरबपति नहीं देते हैं। जीएसटी हिन्दुस्तान के गरीब लोग देते हैं। राहुल गांधी ने कहा कि लाखों करोड़ों रुपये आपके जेब से निकाला जाता है।

आदिवासी राष्ट्रपति को मंदिर में नहीं जाने दिया

इसके साथ ही राहुल गांधी ने राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन में किसी गरीब को आपने देखा क्या। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इन्होंने मंदिर के उद्घाटन में नहीं जाने दिया। इसके साथ ही संसद भवन के उद्घाटन में भी राष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया।गरीब, जनरल कास्ट और दलितों/पिछड़ों के हाथ में क्या आ रहा है? 90 फीसदी आबादी का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।

सत्ता में आते ही जाति जनगणना कराने का वादा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि देश का बजट 90 अफसर बनाते हैं, उनमें से दलित, पिछड़ा, गरीब जनरल कास्ट, आदिवासी कितने है मैंने सोचा पता लगाते हैं। इनमें से 3 पिछड़े हैं, कहते हैं उनको की चुप बैठो वरना तुम्हारी एसीआर बिगाड़ देंगे। क्या ये अन्याय नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि आप या तो मजदूरी करो या चिल्लाओगे तो जेल जाओ। ये बीजेपी का विजन है। हम सत्ता में आते ही जाति जनगणना कर देंगे। पिछड़ों को ये भी नहीं मालूम कि उनकी आबादी कितनी है, शर्म की बात है। मोदी जी कहते हैं कि मैं ओबीसी हूं लेकिन आबादी का पता नहीं। आरक्षण की सीमा को 50 फीसदी से ज्यादा करेंगे।

वक्फ कानून में संशोधन के सभी 14 प्रस्ताव पास, विपक्ष के सभी सुझाव संसदीय समिति से खारिज

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वक्फ संशोधन बिल पर चर्चा कर रही ज्‍वाइंट पार्लियामेंट कमेटी यानी जेपीसी ने सोमवार को बीजेपी और एनडीए के सभी संशोधनों को स्वीकार कर लिया। संसदीय समिति ने सोमवार को सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए सदस्यों द्वारा प्रस्तावित सभी 14 संशोधनों को स्वीकार कर लिया। इस दौरान विपक्ष द्वारा पेश किए गए हर बदलाव को ठुकरा दिया गया।जेपीसी की अगली बैठक 29 जनवरी को होगी।विपक्ष ने आरोप लगाया है कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही है।

जेपीसी की बैठक के बाद समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि 44 संशोधनों पर चर्चा हुई। 6 महीने के दौरान विस्तृत चर्चा के बाद, हमने सभी सदस्यों से संशोधन मांगे। यह हमारी अंतिम बैठक थी इसलिए समिति द्वारा बहुमत के आधार पर 14 संशोधनों को स्वीकार किया गया है। विपक्ष ने भी संशोधन सुझाए थे। हमने उनमें से प्रत्येक संशोधन को आगे बढ़ाया और इस पर वोटिंग हुई। मगर उनके के समर्थन में 10 वोट पड़े और इसके विरोध में 16 वोट पड़े। इसके बाद विपक्षी दलों को संशोधन को अस्वीकार कर दिया गया।

जगदंबिका पाल पर तानाशाही का आरोप

वहीं, विपक्षी सांसदों ने जेपीसी की बैठकों में लोकतांत्रिक प्रक्रिया नष्ट होने का आरोप लगाया। टीएमसी सांसद और जेपीसी के सदस्य कल्याण बनर्जी ने आरोप लगाया कि जेपीसी बैठक के दौरान उनकी बात नहीं सुनी गई और जगदंबिका पाल तानाशाही तरीके से काम कर रहे हैं। उन्होंने पूरी प्रक्रिया को हास्यास्पद करार दिया।

जगदंबिका पाल ने आरोपों को खारिज किया

हालांकि जगदंबिका पाल ने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि पूरी प्रक्रिया लोकतांत्रिक तरीके से हुई और बहुमत के आधार पर फैसले लिए गए। विधेयक में जो अहम संशोधन प्रस्तावित हैं, उनमें से एक ये है कि मौजूदा कानून में प्रावधान है कि वक्फ संपत्तियों पर सवाल नहीं उठाए जा सकते, लेकिन प्रस्तावित विधेयक में इसे हटा दिया गया है।

संशोधन विधेयक में कई प्रस्ताव

वक्फ संशोधन विधेयक वक्फ बोर्डों के प्रशासन के तरीके में कई बदलावों का प्रस्ताव करता है, जिसमें गैर-मुस्लिम और (कम से कम दो) महिला सदस्यों को नामित करना शामिल है। इसके अलावा, केंद्रीय वक्फ परिषद में (यदि संशोधन पारित हो जाते हैं) एक केंद्रीय मंत्री और तीन सांसद, साथ ही दो पूर्व न्यायाधीश, चार 'राष्ट्रीय ख्याति' वाले लोग और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल होने चाहिए, जिनमें से किसी का भी इस्लामी धर्म से होना आवश्यक नहीं है। इसके अलावा, नए नियमों के तहत वक्फ परिषद भूमि पर दावा नहीं कर सकती।

अमेरिका में रह रहे सिख क्यों भड़के? बोले- ये हमारी आस्था के खिलाफ

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अमेरिका में मौजूद अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकालने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कमर कस ली है। ट्रंप के राष्ट्रपति बने के बाद से अवैध प्रवासियों को ढूंढ़ने के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं और उनके खिलाफ लगातार कड़ी कार्रवाई जारी है। इसी के तहत अब अमेरिका की होमलैंड सिक्योरिटी के अधिकारी अब गुरुद्वारों में भी अवैध अप्रवासियों की तलाश कर रहे हैं। अमरीकी पुलिस ने न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी में कुछ गुरुद्वारों में जांच की है। पुलिस ने गुरुद्वारों में जाने के पीछे तर्क दिया है कि धार्मिक स्थलों में प्रवासी छुप सकते हैं। पुलिस के धार्मिक स्थलों की शुचिता का ख्याल ना करने पर सिख संगठनों ने चिंता जताई है। कुछ सिख संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है और इसे अपने धर्म की पवित्रता के लिए खतरा माना है।

ट्रंप ने बदले नियम

डोनाल्ड ट्रंप के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के कुछ ही घंटों बाद, कार्यवाहक होमलैंड सिक्योरिटी सचिव बेंजामिन हफमैन ने एक निर्देश में बाइडेन प्रशासन के उन दिशानिर्देशों को रद्द कर दिया जो इमिग्रेशन और कस्टम्स एन्फोर्समेंट (आईसीई) और कस्टम्स और बॉर्डर प्रोटेक्शन (सीबीपी) की कार्रवाई को तथाकथित ‘संवेदनशील’ क्षेत्रों में रोकते थे। इन ‘संवेदनशील’ क्षेत्रों में पूजा स्थल जैसे गुरुद्वारे और चर्च शामिल थे। इस बदलाव से एजेंसियों को गुरुद्वारों और चर्च जैसे पूजा स्थलों में जाने की इजाजत मिल गई है।

होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा, यह कार्रवाई सीबीपी और आईसीई के कर्मचारियों को हमारे इमिग्रेशन कानूनों को लागू करने और उन अपराधियों को पकड़ने का अधिकार देती है, जो अवैध रूप से हमारे देश में आए हैं। प्रवक्ता ने कहा, अपराधी अब अमेरिका के स्कूलों और चर्चों में छिपकर बच नहीं पाएंगे। ट्रंप प्रशासन हमारे हाथ नहीं बांधेगा और सामान्य समझ के इस्तेमाल पर भरोसा करेगा।

अमेरिकी अधिकारियों ने गुरुद्वारे की ली तलाशी

इसी क्रम में यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (डीएचएस) के अधिकारियों ने रविवार को न्यूयॉर्क और न्यू जर्सी जैसे शहरों में गुरुद्वारों का दौरा किया। अवैध अप्रवासियों की मौजूदगी की जांच के लिए की गई इस कार्रवाई सपर सिख संगठनों में तीखी प्रतिक्रिया हुई है। सिख अमेरिकन लीगल डिफेंस एंड एजुकेशन फंड ने इस कदम पर गहरी चिंता जताते हुए कि इससे सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता प्रभावित होती है। साथ ही अप्रवासी समुदाय के भीतर भी डरावना संदेश जाता है।एक अन्य संगठन ने कहा कि बिना वारंट या वारंट के साथ भी गुरुद्वारों की निगरानी करना अस्वीकार्य है। ये हमारी आस्था पर हमला है और इससे धार्मिक क्रियाकलाप प्रभावित होंगे।

सहयोग न करने वाले देशों पर लगाएंगे प्रतिबंध

अमेरिकी संसद के निचले सदन के स्पीकर माइक जॉनसन ने चेतावनी दी है कि जो भी देश अमेरिका से निर्वासित हुए अपने नागरिकों को वापस लेने में सहयोग नहीं करेगा, उस पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे। बता दें कि ट्रंप सरकार ने अमेरिका से अवैध अप्रवासियों को निर्वासित करना शुरू कर दिया है। कोलंबिया ने पूर्व में अपने निर्वासित नागरिकों को वापस भेजने के अमेरिका के तरीके से नाराजगी जाहिर करते हुए अपने नागरिकों को वापस लेने से मना कर दिया था। जिसके बाद ट्रंप सरकार ने कोलंबिया पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का निर्देश दिया तो कोलंबिया की सरकार ने यू-टर्न लेते हुए अपने निर्वासित नागरिकों को वापस लेने का फैसला किया

उत्तराखंड में यूसीसी लागू, सीएम ने किया पोर्टल और नियमावली का लोकार्पण

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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में संहिता की नियमावली व पोर्टल ucc.uk.gov.in का किया लोकार्पण। सीएम ने रिमोट दबाकर वेब पोर्टल का लोकार्पण किया। सीएम धामी ने यूसीसी लागू होने पर प्रदेश की जनता को बधाई दी। वहीं, इसकी अधिसूचना भी जारी हो गई है। इसी के साथ समान नागरिक संहिता लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया।

इस अवसर पर सीएम पुष्‍कर धामी ने कहा कि मैं ये बहते हुए बहुत भावुक हूं क‍ि उत्तराखंड में आज से यूसीसी लागू हो गया है। इसी पल से उत्तराखंड में सभी जाति धर्म की महिलाओं को समान न्याय की शुरुआत हो गई है। 2022 के चुनाव में हमने जो जनता से वायदा किया था, उसे आज हम पूरा कर रहे हैं। अब से हलाला, इद्दत, बाल विवाह, बहु विवाह पर पूरी तरह से रोक होगी। संविधान के अनुच्छेद -342 में अनुसूचित जनजातियों को सरंक्षित किया गया है, इसलिए उन्हें बाहर रखा गया है। किसी धर्म संप्रदाय को टार्गेट करने जैसा यूसीसी में कुछ नहीं है। केवल कुप्रथाओं को प्रतिबंधित किया गया है।

उन्‍होंने आगे कहा कि कई देशों में पहले से ही यूसीसी लागू है। निकाह पर कोई रोक नहीं है। जैसे पहले रस्म होती थी वैसे ही होंगी, लेकिन सभी में न्यूनतम आयु लड़कियों के लिए 18 साल और लड़कों के लिए 21 साल की गई है। संपति के अधिकार में बच्चों का भी बराबर का अधिकार होगा, चाहे वह लिव इन रिलेशनशिप से जन्मा बच्चा ही क्यों न हो। विवाह और तलाक दोनों में रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

समान नागरिक संहिता लागू करने के साथ ही उत्तराखंड स्वतंत्रता के बाद ऐसा करने वाला पहला राज्य बन गया। उत्तराखंड सरकार ने सभी नागरिकों को समान अधिकार देने के उद्देश्य से समान नागरिक संहिता कानून बनाया है। सात फरवरी 2024 को विधानसभा ने इससे संबंधित विधेयक पारित किया। 12 मार्च को इसे राष्ट्रपति से मंजूरी प्राप्त हुई। फिर 14 मार्च को सरकार ने समान नागरिक संहिता को लागू करने से पहली इसकी नियमावली बनाने का निर्णय लिया। लगभग एक साल तक चली कसरत के बाद नियमावली तैयार की गई। इसके बाद इसे धरातल पर उतारने के लिए कार्मिकों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। संहिता के प्रविधानों के अनुसार विभिन्न विषयों का पंजीकरण कराने के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी बनाया गया है।

यूसीसी पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन की थ्री लेयर की व्यवस्था होगी। इसके अलावा इंटरनेट की सुविधा ना होने या पोर्टल काम नहीं करने पर वहां सीएससी के माध्यम से पंजीकरण होगा। इसके लिए आधार कार्ड से रजिस्ट्रेशन कराया जाएगा। कोई भी शिकायत होने पर आप पोर्टल पर ही दर्ज करा सकते हैं। इस कानून के बाद उत्तराधिकारी होने के लिए गवाह की जरुरत होगी। तलाक लेने के लिए कोर्ट की मंजूरी जरुरी होगी। वैवाहिक संबंध तोड़ने पर 60 दिन के भीतर देना होगा पोर्टल पर सूचना देनी होगी। इसके अलावा लिव इन में रहने वालो को एक माह के भीतर पंजीकरण करवाना होगा। पंचायत पालिका निगम स्तर पर उप रजिस्ट्रार व रजिस्ट्रार तैनात किए जाएंगे।

गृह मंत्री अमित शाह ने महाकुंभ में लगाई पवित्र डुबकी, सीएम योगी रहे मौजूद

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गृह मंत्री अमित शाह प्रयागराज पहुंचे हैं। अमित शाह ने सोमवार को महाकुंभ पहुंचकर संगम में डुबकी लगाई। इस दौरान उनके साथ उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदि‍त्‍यनाथ भी मौजूद रहे। साथ ही कई संत पवित्र स्नान में गृह मंत्री के साथ मौजूद रहे।

इससे पहले अमित शाह अपने परिवार के साथ धर्म नगरी पहुंचे। अमित शाह ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर कहा, कुंभ समरसता पर आधारित हमारे सनातन जीवन-दर्शन को दर्शाता है। आज धर्म नगरी प्रयागराज में एकता और अखंडता के इस महापर्व में संगम स्नान करने और संतजनों का आशीर्वाद लेने के लिए उत्सुक हूं। प्रयागराज पहुंचने पर उनका मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी कैबिनेट ने फूल देकर भव्य स्वागत किया।

बता दें, दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम महाकुंभ में भाग लेने के लिए त्रिवेणी संगम पर श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी है। उत्तर प्रदेश सूचना विभाग के अनुसार, 26 जनवरी 2025 तक 13.21 करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगा चुके हैं। यह आंकड़ा लगातार तेजी से बढ़ता जा रहा है।

गृहमंत्री संगम स्नान एवं पूजन के साथ अक्षयवट एवं बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन करेंगे। इसके बाद वह सभी शंकराचार्य से मिलेंगे। इनके अलावा शरणानंदजी महाराज, गोविंद गिरि महाराज तथा अन्य संतों से भेंट करेंगे। जगन्नाथ ट्रस्ट शिविर में संतों संग वह भोजन करेंगे। शाम को करीब 6:50 बजे वह बमरौली एयरपोर्ट से दिल्ली रवाना होंगे।