मेरा DNA भी भारतीय...', इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने ऐसा क्यों कहा?
#indonesian_president_prawobo_subianto_says_i_have_indian_dna
इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्राबोओ सुबिअंतो का भारत दौरा खत्म हो चुका है और वह मलेशिया पहुँच चुके हैं। हालांकि, अभी उनके भारत दौरे की चर्चा खत्म नहीं हुई है।इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो गणतंत्र दिवस पर इस बार भारत के मुख्य अतिथि थे। रविवार को वो कर्तव्य पथ पर परेड के दौरान भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ शरीक भी हुए और उन्होंने परेड में शामिल इंडोनेशिया सेना के दल की सलामी भी ली। गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर शनिवार शाम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की ओर से डिनर का आयोजन किया गया था। राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो के साथ इस भोज में इंडोनेशिया का एक प्रतिनिधिमंडल भी पहुंचा था। डिनर में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो ने एक ऐसी बात कही जिसकी खासी चर्चा हो रही है।
राष्ट्रपति मुर्मू की ओर से आयोजित रात्रिभोज में, सुबियांटो ने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि हाल ही में हुए डीएनए टेस्ट से पता चला है कि उनमें भारतीय वंश है। उन्होंने मजाक में कहा, 'कुछ हफ़्ते पहले, मैंने अपना जेनेटिक सीक्वेंसिंग टेस्ट और अपना डीएनए टेस्ट करवाया, जिससे पता चला कि मेरे पास भारतीय डीएनए है। सब जानते हैं कि जब मैं भारतीय संगीत सुनता हूं, तो मैं नाचने लगता हूं। यह मेरे भारतीय जीन का हिस्सा होगा।' इस बात पर प्रधानमंत्री मोदी समेत सभी मेहमान हंसी में डूब गए।
इस बयान से पहले सुबियांटो ने दोनों देशों के बीच स्थायी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंधों की बात की। उन्होंने दोनों देशों के बीच साझा विरासत पर जोर देते हुए कहा, हमारी भाषा का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा संस्कृत से आता है। कई इंडोनेशियाई नाम संस्कृत में हैं। हमारे दैनिक जीवन में, प्राचीन भारतीय सभ्यता का प्रभाव बहुत मजबूत है।
प्रबोवो सुबियांतो ने पीएम मोदी के नेतृत्व को प्रेरणादायक बताते हुए उनकी प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा, मुझे भारत आकर बहुत गर्व हो रहा है। मैं एक पेशेवर राजनीतिज्ञ नहीं हूं, मैं एक अच्छा राजनयिक नहीं हूं, मैं वही कहता हूं जो मेरे दिल में है। मैं यहाँ कुछ दिनों के लिए आया था लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और प्रतिबद्धताओं से बहुत कुछ सीखा।
वहीं सुबिअंतो से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अपना वक्तव्य दिया था। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत और इंडोनेशिया के बीच सभ्यतागत संबंध हज़ारों साल पुराने हैं। उन्होंने कहा, दोनों देशों के लिए बहुलतावाद, समावेशिता और क़ानून के शासन के मूल्य समान हैं और ये साझा मूल्य हमारे समकालीन संबंधों को दिशा देते हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने सदियों पुराने सभ्यतागत संबंधों के लिए 'बाली जात्रा' पर्व का उदाहरण दिया. प्राचीन काल में भारत के नाविक और व्यापारी बाली और हिंद-प्रशांत क्षेत्र की दूसरी जगहों की यात्रा करते थे और इसी से बाली जात्रा पर्व मनाना शुरू हुआ। आज भी कार्तिक पूर्णिमा के मौक़े पर ओडिशा के कटक में ये पर्व मनाया जाता है। राष्ट्रपति मुर्मू ने हिंद-प्रशांत की परिकल्पना और भारत की 'एक्ट ईस्ट' पॉलिसी में इंडोनेशिया को एक अहम स्तंभ बताया।
Jan 27 2025, 12:25