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धनबाद पुलिस ने डकैती की घटना को अंजाम देने के फिराक में अपराधी को दबोचा


धनबाद : जिला पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. डकैती की घटना को अंजाम देने के फिराक में जुटे तीन अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इनके पास पिस्टल, गोली व अपराध में इस्तेमाल किए जाने वाले अन्य सामान भी पुलिस ने बरामद किए हैं.

 एसएसपी एचपी जनार्दनन ने क्राइम मीटिंग में नाइट पेट्रोलिंग तेज करने के निर्देश दिया था.

नाइट पेट्रोलिंग के दौरान बरवाअड्डा पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. जिले में डकैती की घटना को अंजाम देने के फिराक में जुटे तीन शातिर अपराधी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. सभी को बरवाअड्डा थाना क्षेत्र के मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के समीप से गिरफ्तार किया गया है. 

गिरफ्तार अपराधियों के पास से एक रॉड, एक देसी कट्टा, गोली समेत अन्य सामान बरामद किया गया है. साथ ही पुलिस ने आरोपियों का एक स्कॉर्पियो वाहन भी जब्त किया है.

सिटी एसपी अजीत कुमार ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि पकड़े गए तीनों कुख्यात अपराधी हैं. गिरफ्तार सभी अपराधी डकैती के अलावे वाहन चोरी और मवेशी चोरी की घटना में संलिप्त रहे हैं. ये लोग एक गिरोह का हिस्सा हैं. धनबाद के अलावे देवघर, गिरिडीह और जामताड़ा में यह आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया करते थे.

एसपी ने कहा कि सभी अपराधी जामताड़ा जिले के नारायणपुर के रहने वाले हैं. इनके विरुद्ध कई आपराधिक मामले भी दर्ज हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस इनके गिरोह के अन्य साथियों की तलाश में पुलिस जुटी हुई है. जिले में कई स्थानों पर डकैती की वारदात को अंजाम देने की इनकी मंशा थी. लेकिन पुलिस ने इनको कामयाब नहीं होने दिया. उन्होंने बताया कि एसएसपी ने पूरी टीम को पुरस्कृत करने का निर्णय लिया है.

ऐसे हुई गिरफ्तारी

पुलिस गस्ती के क्रम में मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स स्टेडियम से मेमको जाने वाले रास्ते में सूनसान जगह पर संदिग्ध अवस्था में स्कार्पियो गाड़ी देखी. गाड़ी खड़ी देखकर जब पुलिस द्वारा पूछताछ करने का प्रयास किया गया तो पुलिस टीम को देखकर उक्त गाड़ी के चालक द्वारा काफी तेजी से गाड़ी को भगाया जाने लगा. पुलिस टीम द्वारा गाड़ी चालक की संदिग्ध गतिविधि को देखते हुए उसका पीछा किया गया. स्कार्पियो चालक द्वारा कुर्मीडीह गोलंबर के पास बने स्पीड ब्रेकर को भी काफी तेजी से पार किया, जिससे गाड़ी अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराते हुए पलट गई.

गाड़ी पलटने के पश्चात तीन लोगों को पुलिस द्वारा मौके से गिरफ्तार किया गया, जबकि तीन अंधेरा का फायदा उठाकर भागने में सफल रहे. तलाशी के क्रम में गिरफ्तार व्यक्तियों के पास से 1 देसी कट्टा, दो जिंदा गोली, 2 मोबाइल और चोरी-डकैती हेतु ताला ग्रिल को तोड़ने, काटने में प्रयुक्त सामग्री तथा एक स्कार्पियो वाहन बरामद किया गया. गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा पूछताछ में डकैती के लिए योजना बनाने की बात स्वीकार की है.

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जिला प्रशासन ने न्यू टाउन हॉल में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का किया आयोजन


झारखंड डेस्क: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या जिला प्रशासन द्वारा न्यू टाउन हॉल में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति के एक से बढ़कर एक प्रस्तुति व नृत्य नाटिका ने सभी दर्शकों का मन मोह लिया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन उप विकास आयुक्त श्री सादात अनवर, एडीएम लॉ एंड आर्डर श्री पीयूष सिन्हा, डायरेक्टर डीआरडीए श्री राजीव रंजन, अपर समाहर्ता श्री विनोद कुमार, एसडीएम श्री राजेश कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्रीमती निशु कुमारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री सुनिल कुमार सिंह व अन्य गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। 

सांस्कृतिक कार्यक्रम में छात्रों ने देशभक्ति पर आधारित ग्रुप सॉन्ग व ग्रुप डांस प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में सरस्वती विद्या मंदिर श्यामडीह, डीएवी पब्लिक स्कूल महुदा, के जी बी वी झरिया, के जी बी वी निरसा, के जी बी वी बलियापुर, के जी बी वी तोपचांची, साथी फाउंडेशन, एसएसएलएनटी गर्ल्स हाई स्कूल समेत कई अन्य विभिन्न स्कूल ने अपने अपने कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम के समापन पर सरस्वती विद्या मंदिर श्यामडीह को प्रथम, डीएवी पब्लिक स्कूल महुदा को द्वितीय, के जी बी वी झरिया को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया। इसके अलावा सभी प्रतिभागी को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। वहीं बेहतरीन एंकरिंग के लिए श्री घनश्याम दुबे एवं एमिली बसु को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम में उपायुक्त सुश्री माधवी मिश्रा, एसएसपी श्री हृदीप पी जनार्दनन, उप विकास आयुक्त श्री सादात अनवर, एडीएम (विधि व्यवस्था) श्री पीयूष सिन्हा,अपर समाहर्ता श्री बिनोद कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्रीमती निशु कुमारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री सुनिल सिन्हा, डीआरडीए के श्री मनीष कुमार, श्री घनश्याम दुबे के अलावा बड़ी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

बोकारो के डॉ विक्रम विशाल,को राष्ट्रपति भवन से मिला न्योता,आज वे राष्ट्रपति के साथ भोजन करेंगे


बोकारो: राष्ट्रपति के हाथों सम्मान प्राप्त करनेवालों में बोकारो के खाते में एक और नाम डॉ विक्रम विशाल का जुड गया है। जून 2024 में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने ’राष्ट्रीय भूविज्ञान पुरस्कार 2023’ से डॉ विशाल विक्रम को सम्मानित किया था। 26 जनवरी को नयी दिल्ली में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के साथ डॉ विक्रम भोजन करेंगे। 

राष्ट्रपति भवन से न्योता भेजा गया। संत जेवियर स्कूल बोकारो में उत्सव सा माहौल है। प्राचार्य फादर अरूण मिंज एसजे सहित उप प्राचार्यों ने डॉ विक्रम के साथ बोकारो को बधाई दी है।

कौन हैं डॉ विक्रम विशाल

डॉ विक्रम विशाल ने संत जेवियर स्कूल बोकारो से वर्ष 2001 में 10 वीं व वर्ष 2003 में 12 वीं की शिक्षा पूरी की। इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए बाहर चले गये। फिलहाल डॉ विक्रम आईआईटी बॉम्बे में पृथ्वी विज्ञान विभाग और जलवायु अध्ययन केंद्र में प्रोफेसर के पद पर तैनात है। पिता स्व श्याम सुंदर सिन्हा बोकारो इस्पात संयंत्र में अधिकारी के पद से सेवानिवृत थे। माता प्रतिभा सिन्हा गृहिणी है। पूरा परिवार बोकारो के चीरा चास में रहते है। बडे भाई स्व सिद्धार्थ देश के एक प्रतिष्ठित कंपनी में कार्यरत थे। 

बडी बहन मनीषा अश्विनी सहाय डीएवी सेक्टर छह में शिक्षिका है, जबकि छोटी बहन निशी वैभव सिन्हा सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात है। रिसर्च एक्सपीरियंस इन कार्बन सीक्वेस्ट्रेशन’ में संकाय सदस्य डॉ विक्रम की शैक्षणिक यात्रा में एमआईटी एनर्जी इनिशिएटिव, एमआईटी, यूएसए में विजिटिंग प्रोफेसर, आईआईटी भुवनेश्वर में सहायक संकाय और मोनाश विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर जैसी भूमिकाएं शामिल हैं।

नेट शून्य समाधान

 कंपनी-उर्जानोवासी के संस्थापक निदेशक हैं

अमेरिका के स्टैनफोर्ड विवि में अपने पोस्ट-डॉक्टरल शोध को भी लागू किया। वर्ष 2017 से डॉ विक्रम ने यूएस-डिपार्टमेंट ऑफ़ एनर्जी द्वारा प्रायोजित ’रिसर्च एक्सपीरियंस इन कार्बन सीक्वेस्ट्रेशन’ स्कूल में एक संकाय सदस्य के रूप में कार्य किया है। 

आईआईटी बॉम्बे में सीसीयूएस में डीएसटी-राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र के संयोजक हैं। स्वच्छ ऊर्जा और नेट शून्य समाधान कंपनी-उर्जानोवासी के संस्थापक निदेशक हैं. सीसीयूएस विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नीतियों के विशेषज्ञ है। कई अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं के लिए प्रमुख अन्वेषक हैं। कई राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञ समितियों से जुडे है।

’कार्बन डाइऑक्साइड हटाने के प्रदर्शन’ में सीसीएस एक्स-पुरस्कार

डॉ विक्रम तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार व दो बार फुलब्राइट फेलोशिप प्राप्तकर्ता हैं। सौ से अधिक शोध प्रकाशन लिखा हैं। पांच पेटेंट प्राप्त किये है. ओएनजीसी, एनटीपीसी, इस्पात, पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय, डीएसटी, सीएसआईआर, नीति आयोग, भारतीय मानक ब्यूरो, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो, कोयला मंत्रालय व बिजली मंत्रालय के विशेषज्ञ व ज्ञान भागीदार के रूप में कार्यरत हैं। सरकार द्वारा कई रोडमैप व एटलस का सह-लेखन किया है। पिछले पांच वर्षों में क्लैरिवेट-स्टैनफोर्ड अध्ययन द्वारा उन्हें लगातार दुनिया के शीर्ष दो प्रतिशत उच्च उद्धृत ’ऊर्जा’ वैज्ञानिकों की सूची में शामिल किया गया है। छात्रों के नेतृत्व में उनकी टीम ने ’कार्बन डाइऑक्साइड हटाने के प्रदर्शन’ के लिए एलोन मस्क फाउंडेशन द्वारा समर्थित सीसीएस एक्स-पुरस्कार जीता।

महाकुंभ से लौट रहे धनबाद निवासी एक सेना के अधिकारी और उनकी बेटी समेत 3 की सड़क हादसे में हुई मौत


धनबादः सरायढेला थाना क्षेत्र के खरनागढ़ा के रहने वाले सेना के एक अधिकारी शिवजी सिंह, उनकी बेटी सोनम कुमारी और पड़ोसी राजीव कुमार की सड़क हादसे में मौत हो गई है. ये हादसा यूपी के प्रयागराज-वाराणसी हाइवे के मिर्जा मुराद में हुआ है. वे महाकुंभ स्नान के लिए गये थे और वापस लौट रहे थे.

इस हादसे में वहीं शिवजी सिंह की पत्नी नीरा देवी और राजीव सिंह की पत्नी अलका सिंह की स्थिति नाजुक बनी हुई. जिनका इलाज बनारस के बीएचयू में चल रहा है. घटना की सूचना मिलने बाद उनके परिजन बनारस के लिए रवाना हो गए हैं.

वहीं मृतक राजीव सिंह के पिता शिवदयाल सिंह ने बताया कि उनका बेटा राजीव और बहु नीरा कुंभ स्नान के लिए शुक्रवार को शिवजी सिंह के साथ कार से निकले थे. स्नान के बाद शनिवार को लौट रहे थे. इस दौरान बेटे राजीव सिंह, शिवजी सिंह और उनकी बेटी सोनम कुमारी की मौके पर ही मौत हो गई है.

 उन्होंने कहा कि राजीव अपना व्यवसाय करते थे. राजीव सिंह का एक बेटा है, जिसका नाम प्रिंस सिंह है. वह टाटा में रहकर एमबीए की पढ़ाई कर रहा है.

सेना के अधिकारी शिवजी सिंह के पड़ोसी राजीव सिंह ने बताया कि शुक्रवार को शिवजी सिंह और उनकी पत्नी नीरा देवी देवी, बेटी सोनम कुमारी के साथ पड़ोस के रहने वाले राजीव कुमार व उनकी पत्नी अलका सिंह सभी कार में सवार होकर कुंभ स्नान के लिए निकले थे. कुंभ स्नान के बाद वह सभी कार से वापस लौट रहे थे. यूपी के प्रयागराज-वाराणसी हाईवे के मिर्जा मुराद में उनकी कार दुर्घटनाग्रस्त हो गई. कार की टक्कर एक डंपर से हो गई.

इस हादसे में शिवजी सिंह और उनकी बेटी सोनम कुमारी के साथ ही पड़ोसी राजीव कुमार की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं शिवजी सिंह की पत्नी नीरा देवी और राजीव सिंह की पत्नी अलका सिंह की स्थिति गंभीर बनी हुई है. दोनों का इलाज बीएचयू में चल रहा है. 

शिवजी सिंह खुद कार चला रहे थे, उनकी पत्नी निरा देवी बेटी सोनम कुमारी और पड़ोसी राजीव सिंह व उनकी पत्नी अलका सिंह कार में सवार थीं.

पड़ोसी ने बताया कि शिवजी सिंह मूल रूप से बिहार के आरा जिला के रहने वाले थे. खरनागढ़ा में पहले ही घर बनाए थे लेकिन छह महीने पहले ही शिफ्ट हुए थे. शिवजी सिंह सेना में एक अधिकारी के पद पर थे, उनकी ड्यूटी लेह लद्दाख में थी. छुट्टी में वह अपने घर धनबाद आए थे, उनकी छुट्टी खत्म हो गई थी. उन्हें दिल्ली से फ्लाइट से ड्यूटी पर जाना था लेकिन मौसम खराब होने के कारण अगले समय तक के लिए फ्लाइट रद्द कर दी गई. जिसके कारण वह ड्यूटी पर नहीं जा सके और ड्यूटी पर नहीं जाने के कारण ही उन्होंने महाकुंभ जाने का प्लान बनाया था. जिसके बाद वह महाकुंभ के लिए परिवार के साथ निकले थे.

महाकुंभ 2025: बच्चों के साथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए जाने ये 5 जरूरी उपाय


महाकुंभ 2025 जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में लाखों लोग शामिल होते हैं, जिससे भीड़भाड़ का माहौल रहता है। बच्चों के साथ यात्रा करना एक बड़ी जिम्मेदारी है। यहां 5 ऐसे जरूरी कदम बताए गए हैं, जो आपकी यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाएंगे।

1. बच्चों को पहचानने योग्य बनाएं

बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं जो दूर से पहचान में आ सकें। उनके कपड़ों में एक पहचान पत्र (ID) लगाएं, जिसमें उनका नाम, माता-पिता का नाम, फोन नंबर और पता लिखा हो। यह गुम होने की स्थिति में मददगार साबित होगा।

2. भीड़ से बचने के लिए समय और स्थान का चयन करें

महाकुंभ के दौरान सबसे ज्यादा भीड़ स्नान पर्व पर होती है। बच्चों के साथ यात्रा के लिए सुबह जल्दी या शाम को कम भीड़भाड़ वाले समय का चयन करें। बच्चों को मुख्य घाटों की भीड़ में ले जाने से बचें।

3. बच्चों को सुरक्षा नियम समझाएं

यात्रा से पहले बच्चों को सिखाएं कि अगर वे गुम हो जाएं तो क्या करें। उन्हें बताएँ कि वे किसी पुलिसकर्मी, सुरक्षा कर्मी या आयोजन स्थल के वॉलंटियर की मदद लें।

4. GPS ट्रैकर या स्मार्टवॉच का इस्तेमाल करें

बच्चों को GPS ट्रैकर या स्मार्टवॉच पहनाएं, जिससे आप उनकी लोकेशन ट्रैक कर सकें। यह तकनीक गुम होने की स्थिति में बहुत उपयोगी होती है।

5. योजना बनाकर यात्रा करें

यात्रा से पहले महाकुंभ के नक्शे का अध्ययन करें। बच्चों के लिए एक निश्चित मिलन स्थल तय करें और उन्हें इसके बारे में जानकारी दें। इसके अलावा, भीड़भाड़ वाले स्थानों में हमेशा बच्चों का हाथ पकड़े रहें।

इन सावधानियों को अपनाकर आप महाकुंभ 2025 की यात्रा को बच्चों के साथ सुरक्षित और यादगार बना सकते हैं।

पिंगली वेंकैया ने किया तिरंगे का डिजाइन, जानें इसके रंगों और चक्र का रहस्य


भारत का राष्ट्रीय ध्वज न केवल हमारे देश की स्वतंत्रता का प्रतीक है, बल्कि यह देश की एकता, विविधता और सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता है। आइए जानते हैं इसके डिजाइन, रंगों का अर्थ और इसके इतिहास के बारे में विस्तार से।

1. राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन किसने तैयार किया?

भारत के राष्ट्रीय ध्वज का वर्तमान स्वरूप पिंगली वेंकैया ने तैयार किया था।

पिंगली वेंकैया एक स्वतंत्रता सेनानी और कृषि वैज्ञानिक थे।

उन्होंने 1916 में भारतीय ध्वज के लिए कई डिजाइनों पर काम किया।

1931 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने उनके डिजाइन को संशोधित रूप में स्वीकार किया।

22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने इसे स्वतंत्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया।

2. ध्वज का स्वरूप और रंगों का रहस्य

राष्ट्रीय ध्वज को "तिरंगा" कहा जाता है क्योंकि इसमें तीन क्षैतिज पट्टियां हैं। हर रंग का अपना विशेष महत्व है:

केसरिया रंग (ऊपरी पट्टी)

यह साहस, बलिदान और शक्ति का प्रतीक है।

यह देशवासियों को निस्वार्थ सेवा और समर्पण का संदेश देता है।

सफेद रंग (मध्य पट्टी)

यह शांति, सच्चाई और पवित्रता का प्रतीक है।

यह देश में शांति और सद्भाव बनाए रखने का संदेश देता है।

हरा रंग (निचली पट्टी)

यह समृद्धि, हरियाली और प्रगति का प्रतीक है।

यह पर्यावरण और कृषि के महत्व को दर्शाता है।

3. अशोक चक्र का महत्व

सफेद पट्टी के केंद्र में अशोक चक्र स्थित है।

यह सम्राट अशोक के सारनाथ स्तंभ से लिया गया है।

चक्र में 24 तीलियां हैं, जो समय, प्रगति और सतत विकास का प्रतीक हैं।

यह धर्म, न्याय और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

4. राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास

1906: पहला भारतीय ध्वज (वंदे मातरम ध्वज) कोलकाता में फहराया गया।.

1921: महात्मा गांधी ने पिंगली वेंकैया के डिजाइन को कांग्रेस के अधिवेशन में प्रस्तुत किया।

1931: तिरंगे को स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक बनाया गया।

1947: भारत के स्वतंत्र होने पर इसे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया।

5. राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े नियम

राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार किया जाना चाहिए।

इसे हमेशा सम्मान के साथ फहराया जाना चाहिए।

ध्वज को जमीन पर गिराना, फाड़ना या किसी अनुचित तरीके से इस्तेमाल करना अपराध है।

इसे केवल खादी या हाथ से बुने कपड़े से बनाया जा सकता है।

6. राष्ट्रीय ध्वज का महत्व

राष्ट्रीय ध्वज न केवल भारत की आजादी का प्रतीक है, बल्कि यह हर भारतीय के गर्व, एकता और देशभक्ति का प्रतीक भी है। यह हमें देश के प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की याद दिलाता है।

निष्कर्ष:

भारत का राष्ट्रीय ध्वज हमारी आजादी और राष्ट्रीयता का प्रतीक है। इसके रंग और अशोक चक्र हमें साहस, शांति और सतत विकास की प्रेरणा देते हैं। तिरंगा हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है।

वॉकिंग या घरेलू काम जानें किसमें होती हैं ज्यादा कैलोरी बर्न


फिटनेस और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग अक्सर यह सवाल पूछते हैं कि वॉकिंग और घरेलू कामों में से कौन-सी गतिविधि ज्यादा कैलोरी बर्न करती है। दोनों ही एक्टिविटीज़ आपके शरीर को सक्रिय रखने में मदद करती हैं, लेकिन इनमें कैलोरी बर्न करने की क्षमता अलग-अलग होती है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

1. वॉकिंग से कैलोरी बर्न

वॉकिंग एक लो-इंटेंसिटी एक्सरसाइज है, जो हर उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है।

औसत कैलोरी बर्न:

30 मिनट की सामान्य गति से (4-5 किमी/घंटा) चलने पर 120-150 कैलोरी बर्न होती है।

तेज वॉकिंग (ब्रिस्क वॉक):

अगर आप तेज़ी से चलते हैं, तो यह आंकड़ा 200 कैलोरी तक पहुंच सकता है।

फायदे:

हृदय स्वास्थ्य में सुधार

वजन घटाने में मदद

मांसपेशियों की मजबूती

2. घरेलू कामों से कैलोरी बर्न

घरेलू काम जैसे झाड़ू-पोंछा, बर्तन धोना, खाना बनाना, या कपड़े धोना भी कैलोरी बर्न करने में सहायक होते हैं।

औसत कैलोरी बर्न:

झाड़ू-पोंछा: 150-200 कैलोरी/घंटा

बर्तन धोना: 100-120 कैलोरी/घंटा

खाना बनाना: 80-100 कैलोरी/घंटा

फायदे:

. पूरे शरीर की गतिविधि होती है

 

. घर साफ-सुथरा रहता है

. मानसिक संतोष मिलता है

3. कौन बेहतर है?

यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस उद्देश्य से गतिविधि कर रहे हैं।

अगर फिटनेस और वजन घटाना प्राथमिकता है, तो वॉकिंग ज्यादा प्रभावी है।

तेज वॉकिंग या हाइकिंग जैसी गतिविधियां ज्यादा कैलोरी बर्न करती हैं और हृदय को स्वस्थ रखती हैं।

अगर समय की कमी है और मल्टीटास्किंग करना चाहते हैं, तो घरेलू काम बेहतर विकल्प हैं।

ये आपको सक्रिय रखते हैं और साथ ही घर को व्यवस्थित भी करते हैं।

4. दोनों को कैसे संतुलित करें?

सुबह या शाम को 20-30 मिनट की वॉक को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

दिन के दौरान घरेलू काम करते समय खुद को एक्टिव रखें।

झाड़ू-पोंछा जैसे काम करते समय तेज़ी से मूव करें, ताकि अधिक कैलोरी बर्न हो सके।

वॉकिंग और घरेलू काम, दोनों ही अपने-अपने तरीके से फायदेमंद हैं। अगर आप ज्यादा कैलोरी बर्न करना चाहते हैं, तो वॉकिंग को प्राथमिकता दें। लेकिन अगर आप समय का बेहतर उपयोग करना चाहते हैं, तो घरेलू काम भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। दोनों को मिलाकर करने से आप फिट और स्वस्थ रह सकते हैं।

याद रखें: कोई भी गतिविधि तभी असरदार होगी, जब आप इसे नियमित रूप से करेंगे।

2024 के लोकसभा चुनाव व झारखण्ड विधानसभा चुनाव के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को राज्यपाल ने किया सम्मानित


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : राजधानी रांची के आर्यभट्ट सभागार में आज 15 वा राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह का आयोजन किया गया। 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर वर्ष 2024 में झारखण्ड राज्य अन्तर्गत लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव को स्वच्छ/निष्पक्ष/ शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न किये जाने को लेकर झारखण्ड के कुल-08 पुलिस पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया l

मतदाता दिवस के अवसर पर राँँची महाविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार उपस्थित थे। इस मौके पर राज्य की अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉक्टर नेहा अरोड़ा, दक्षिणी छोटा नागपुर प्रमंडल के आयुक्त अंजनी कुमार मिश्र और रांची विश्वविद्यालय के कुलपति अजीत सिंहा समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे। जहां राज्यपाल ने चुनाव के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले पदाधिकारी और कर्मियों को सम्मानित किया। साथ ही वरिष्ठ और दिव्यांग मतदाताओं को राज्यपाल की ओर से सम्मानित किया गया। इसके अलावा नए मतदाताओं को वोटर कार्ड दिया गया।

राज्यपाल अपने संबोधन में पुरानी यादों को बताते हुए कहा कि 25 जनवरी 1950 को भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना हुई और वर्ष 2011 से इस दिन को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। राज्यपाल ने कहा कि यह दिन मतदाताओं को उनके अधिकार और कर्तव्य के प्रति जागरूक करता है। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस इस वर्ष वोट जैसा कुछ नहीं वोट जरुर डालेंगे हम के थीम पर आधारित है।

राज्यपाल ने कहा कि लोकतंत्र की सफलता जनता की जागरूकता और भागीदारी पर निर्भर करती है। उन्होंने निर्वाचन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए डिजिटल साधनों और अभियान चलाने वाले सभी अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने लोकतंत्र को और अधिक सशक्त बनाने के लिए सभी नागरिकों से मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।

आज का दिन एक और खास रहा कि जहां झारखंड में मतदाता दिवस के अवसर पर अधिकारियों को सम्मानित किया गया वहीं दिल्ली में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर निर्वाचन में शानदार प्रदर्शन करने के लिए झारखंड को पहली बार बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट का नेशनल अवार्ड मिला है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के.रवि कुमार को इस सम्मान से नवाजा।

2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में झारखंड राज्य निर्वाचन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट का मिला राष्ट्रियन सम्मान

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट के सम्मान से झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार को किया सम्मानित।

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची डेस्क : 25 जनवरी राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर पहली बार निर्वाचन में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु झारखंड राज्य को बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट का नेशनल अवार्ड प्राप्त हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार को नई दिल्ली के जोरावर ऑडिटोरियम आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया। 

इस अवसर पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने राज्य के सभी मतदाताओं, निर्वाचन कार्य में लगे सभी बीएलओ, सभी मतदान कर्मी, पुलिस के पदाधिकारी, सुरक्षा बलों के जवानों, राजनीतिक दलों एवं मीडिया के बंधुओं को उनके निर्वाचन के दौरान अपने कर्तव्य के निर्वहन हेतु धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि लोकसभा निर्वाचन 2024 एवं विधानसभा निर्वाचन 2024 का स्वच्छ, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वहन का श्रेय निर्वाचन कार्य के सभी स्टेकहोल्डर को जाता है। हम सब के सम्मिलित प्रयास से आज राज्य को यह सम्मान प्राप्त हुआ है।

विदित हो कि पिछले वर्ष हुए लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार के नेतृत्व में राज्य में कई नवाचार किए गए थे। जिसमें मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत मतदाता सूची को एकीकृत एवं समावेशी बनाते हुए इसकी त्रुटियों को शून्य स्तर पर लाने का प्रयास किया गया था। इसके तहत बीएलओ द्वारा कईबार प्रत्येक घरों के मतदाताओं का सत्यापन करते हुए उनके घरों पर स्टिकर चिपकाया गया था। पीवीटीजी मतदाताओं के लिए विशेष अभियान चलाकर मतदाता सूची से जोडने का कार्य किया गया था। वहीं मतदाताओं के लिए मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यून्तम सेवाओं जैसे बिजली, पानी, शौचालय, दिव्यांग एवं वरिष्ठ मतदाताओं के लिए व्हीलचेयर एवं रैंप आदि कि व्यवस्था कि गई थी। 

सुदूर क्षेत्र के मतदाताओं के लिए उनके गांव में हि मतदान केंद्रों का निर्माण कराने के साथ ही 2 किलोमिटर से अधिक दूर वाले मतदान केन्द्रों के लिए वाहन कि भी व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही ऐसे कई नक्सल प्रभावित क्षेत्र भी थे जहां इस बार पहली बार मतदाताओं ने शांतिपूर्ण मतदान किया।  

मतदाताओं को जागरूक करने के लिए इंटरनेट मीडिया पर हैशटैग अभियान एवं हर वृहत स्तर पर स्वीप के तहत कार्यक्रम चलाया गया था। इसके साथ ही सभी मतदान केंद्रों पर बूथ लेवल अवेयरनेस ग्रुप का भी निर्माण किया गया था जिनके द्वारा मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित किया गया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के नेतृत्व में चलाए जानेवाले जागरूकता के कारण लोकसभा चुनाव मतदान प्रतिशत की वृद्धि देखी गई वही विधानसभा निर्वाचन 2024 में यह अबतक का सर्वाधिक मतदान प्रतिशत रहा। विधानसभा मतदान में महिला मतदाताओं के मतदान प्रतिशत में भी वृद्धि देखी गई। लोकसभा व विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न कराया गया था।

बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री बनी किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर, प्रयागराज में संगम तट पर किया पिंडदान


वर्ष 2000 से कर रही थी तपस्या, बॉलीवुड से आध्यात्म की ओर देखें महामंडलेश्वर का प्रोसेस

रिपोर्टर जयंत कुमार 

लोकेशन प्रयागराज 

रांची डेस्क : बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री चकाचौंध की दुनिया को छोड़ आध्यात्म की ओर बढ़ी है। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में शुक्रवार को इस अभिनेत्री को किन्नर अखाड़ा का महामंडलेश्वर बनाया गया। हम बात कर रहे हैं गुजरे जमाने की मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी की जो अब यामाई ममता नंद गिरि के नाम से जानी जाएगी।

गौरतलब है कि ममता ने काफी पहले संन्यास ले लिया था। वो साध्वी की जिंदगी जी रही थीं। हाल ही में वो 24 साल बाद भारत लौटी हैं। प्रयागराज के संगम तट पर पहुंची ममता कुलकर्णी ने अपना पिंडदान किया और और संगम में तीन डुबकी लगाई। फिर अखाड़े में ही उनका पट्टाभिषेक हुआ। संगम में डुबकी लगाने के बाद ममता कुलकर्णी ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, "ये महादेव का आदेश था। महाकाली की इच्छा थी। ये मेरे गुरु का आदेश था। उन्होंने ही आज का दिन चुना। 

जूना अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता कुलकर्णी को दीक्षा दी। किन्नर अखाड़े में ही उनका पट्टाभिषेक के दौरान उन्हें महामंडलेश्वर पद पर अभिशिक्त किया गया। यानी अब ये यामाई ममता नंद गिरि के नाम से जानी जाएगी। यहां स्टेज पर पांच अलग-अलग गुरुओं ने इनका अभिषेक किया। सबसे पहले गुरु ने उन्हें रुद्राक्ष का कंठा दिया फिर उसके बाद एक गुरु ने चादर यानी भगवा वस्त्र दिया वहीं एक गुरु ने भस्मी दिय, एक गुरु ने चोटी काटी और एक गुरु ने उन्हें कॉपिन दिया। यह पूरी प्रक्रिया है महामंडलेश्वर की। जो तस्वीरों के माध्यम से आप देख रहे हैं। शिखा से मुक्ति दिलाने का कार्य आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने किया यानि चोटी उन्होंने काटी।

52 साल की ममता महाकुंभ के किन्नर अखाड़ा में रह रही है। 2015 में स्थापित किन्नर अखाड़ा एक हिंदू धार्मिक संगठन है, जिसका मुख्य उद्देश्य ट्रांसजेंडर समुदाय को आध्यात्मिक और सामाजिक क्षेत्रों में समानता और मान्यता देना है। अब, ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर के रूप में नियुक्त करके अखाड़ा अपने संदेश और प्रभाव को और अधिक फैलाने कोशिश कर रहा है।

ममता कुलकर्णी का जन्म 20 अप्रैल 1972 को मुंबई में हुआ था. उन्होंने 1992 में आई फिल्म 'तिरंगा' से हिंदी सिनेमा में कदम रखा था. इस फिल्म में उनके साथ नाना पाटेकर भी थे. फिर उन्होंने 'आशिक', 'आवारा', 'क्रांतिवीर', 'वक्त हमारा है', 'सबसे बड़ा खिलाड़ी' और 'करण अर्जुन' जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया