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महाकुंभ 2025: बच्चों के साथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए जाने ये 5 जरूरी उपाय


महाकुंभ 2025 जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में लाखों लोग शामिल होते हैं, जिससे भीड़भाड़ का माहौल रहता है। बच्चों के साथ यात्रा करना एक बड़ी जिम्मेदारी है। यहां 5 ऐसे जरूरी कदम बताए गए हैं, जो आपकी यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाएंगे।

1. बच्चों को पहचानने योग्य बनाएं

बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं जो दूर से पहचान में आ सकें। उनके कपड़ों में एक पहचान पत्र (ID) लगाएं, जिसमें उनका नाम, माता-पिता का नाम, फोन नंबर और पता लिखा हो। यह गुम होने की स्थिति में मददगार साबित होगा।

2. भीड़ से बचने के लिए समय और स्थान का चयन करें

महाकुंभ के दौरान सबसे ज्यादा भीड़ स्नान पर्व पर होती है। बच्चों के साथ यात्रा के लिए सुबह जल्दी या शाम को कम भीड़भाड़ वाले समय का चयन करें। बच्चों को मुख्य घाटों की भीड़ में ले जाने से बचें।

3. बच्चों को सुरक्षा नियम समझाएं

यात्रा से पहले बच्चों को सिखाएं कि अगर वे गुम हो जाएं तो क्या करें। उन्हें बताएँ कि वे किसी पुलिसकर्मी, सुरक्षा कर्मी या आयोजन स्थल के वॉलंटियर की मदद लें।

4. GPS ट्रैकर या स्मार्टवॉच का इस्तेमाल करें

बच्चों को GPS ट्रैकर या स्मार्टवॉच पहनाएं, जिससे आप उनकी लोकेशन ट्रैक कर सकें। यह तकनीक गुम होने की स्थिति में बहुत उपयोगी होती है।

5. योजना बनाकर यात्रा करें

यात्रा से पहले महाकुंभ के नक्शे का अध्ययन करें। बच्चों के लिए एक निश्चित मिलन स्थल तय करें और उन्हें इसके बारे में जानकारी दें। इसके अलावा, भीड़भाड़ वाले स्थानों में हमेशा बच्चों का हाथ पकड़े रहें।

इन सावधानियों को अपनाकर आप महाकुंभ 2025 की यात्रा को बच्चों के साथ सुरक्षित और यादगार बना सकते हैं।

पिंगली वेंकैया ने किया तिरंगे का डिजाइन, जानें इसके रंगों और चक्र का रहस्य


भारत का राष्ट्रीय ध्वज न केवल हमारे देश की स्वतंत्रता का प्रतीक है, बल्कि यह देश की एकता, विविधता और सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता है। आइए जानते हैं इसके डिजाइन, रंगों का अर्थ और इसके इतिहास के बारे में विस्तार से।

1. राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन किसने तैयार किया?

भारत के राष्ट्रीय ध्वज का वर्तमान स्वरूप पिंगली वेंकैया ने तैयार किया था।

पिंगली वेंकैया एक स्वतंत्रता सेनानी और कृषि वैज्ञानिक थे।

उन्होंने 1916 में भारतीय ध्वज के लिए कई डिजाइनों पर काम किया।

1931 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने उनके डिजाइन को संशोधित रूप में स्वीकार किया।

22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने इसे स्वतंत्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया।

2. ध्वज का स्वरूप और रंगों का रहस्य

राष्ट्रीय ध्वज को "तिरंगा" कहा जाता है क्योंकि इसमें तीन क्षैतिज पट्टियां हैं। हर रंग का अपना विशेष महत्व है:

केसरिया रंग (ऊपरी पट्टी)

यह साहस, बलिदान और शक्ति का प्रतीक है।

यह देशवासियों को निस्वार्थ सेवा और समर्पण का संदेश देता है।

सफेद रंग (मध्य पट्टी)

यह शांति, सच्चाई और पवित्रता का प्रतीक है।

यह देश में शांति और सद्भाव बनाए रखने का संदेश देता है।

हरा रंग (निचली पट्टी)

यह समृद्धि, हरियाली और प्रगति का प्रतीक है।

यह पर्यावरण और कृषि के महत्व को दर्शाता है।

3. अशोक चक्र का महत्व

सफेद पट्टी के केंद्र में अशोक चक्र स्थित है।

यह सम्राट अशोक के सारनाथ स्तंभ से लिया गया है।

चक्र में 24 तीलियां हैं, जो समय, प्रगति और सतत विकास का प्रतीक हैं।

यह धर्म, न्याय और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

4. राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास

1906: पहला भारतीय ध्वज (वंदे मातरम ध्वज) कोलकाता में फहराया गया।.

1921: महात्मा गांधी ने पिंगली वेंकैया के डिजाइन को कांग्रेस के अधिवेशन में प्रस्तुत किया।

1931: तिरंगे को स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक बनाया गया।

1947: भारत के स्वतंत्र होने पर इसे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया।

5. राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े नियम

राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार किया जाना चाहिए।

इसे हमेशा सम्मान के साथ फहराया जाना चाहिए।

ध्वज को जमीन पर गिराना, फाड़ना या किसी अनुचित तरीके से इस्तेमाल करना अपराध है।

इसे केवल खादी या हाथ से बुने कपड़े से बनाया जा सकता है।

6. राष्ट्रीय ध्वज का महत्व

राष्ट्रीय ध्वज न केवल भारत की आजादी का प्रतीक है, बल्कि यह हर भारतीय के गर्व, एकता और देशभक्ति का प्रतीक भी है। यह हमें देश के प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की याद दिलाता है।

निष्कर्ष:

भारत का राष्ट्रीय ध्वज हमारी आजादी और राष्ट्रीयता का प्रतीक है। इसके रंग और अशोक चक्र हमें साहस, शांति और सतत विकास की प्रेरणा देते हैं। तिरंगा हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है।

वॉकिंग या घरेलू काम जानें किसमें होती हैं ज्यादा कैलोरी बर्न


फिटनेस और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग अक्सर यह सवाल पूछते हैं कि वॉकिंग और घरेलू कामों में से कौन-सी गतिविधि ज्यादा कैलोरी बर्न करती है। दोनों ही एक्टिविटीज़ आपके शरीर को सक्रिय रखने में मदद करती हैं, लेकिन इनमें कैलोरी बर्न करने की क्षमता अलग-अलग होती है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

1. वॉकिंग से कैलोरी बर्न

वॉकिंग एक लो-इंटेंसिटी एक्सरसाइज है, जो हर उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है।

औसत कैलोरी बर्न:

30 मिनट की सामान्य गति से (4-5 किमी/घंटा) चलने पर 120-150 कैलोरी बर्न होती है।

तेज वॉकिंग (ब्रिस्क वॉक):

अगर आप तेज़ी से चलते हैं, तो यह आंकड़ा 200 कैलोरी तक पहुंच सकता है।

फायदे:

हृदय स्वास्थ्य में सुधार

वजन घटाने में मदद

मांसपेशियों की मजबूती

2. घरेलू कामों से कैलोरी बर्न

घरेलू काम जैसे झाड़ू-पोंछा, बर्तन धोना, खाना बनाना, या कपड़े धोना भी कैलोरी बर्न करने में सहायक होते हैं।

औसत कैलोरी बर्न:

झाड़ू-पोंछा: 150-200 कैलोरी/घंटा

बर्तन धोना: 100-120 कैलोरी/घंटा

खाना बनाना: 80-100 कैलोरी/घंटा

फायदे:

. पूरे शरीर की गतिविधि होती है

 

. घर साफ-सुथरा रहता है

. मानसिक संतोष मिलता है

3. कौन बेहतर है?

यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस उद्देश्य से गतिविधि कर रहे हैं।

अगर फिटनेस और वजन घटाना प्राथमिकता है, तो वॉकिंग ज्यादा प्रभावी है।

तेज वॉकिंग या हाइकिंग जैसी गतिविधियां ज्यादा कैलोरी बर्न करती हैं और हृदय को स्वस्थ रखती हैं।

अगर समय की कमी है और मल्टीटास्किंग करना चाहते हैं, तो घरेलू काम बेहतर विकल्प हैं।

ये आपको सक्रिय रखते हैं और साथ ही घर को व्यवस्थित भी करते हैं।

4. दोनों को कैसे संतुलित करें?

सुबह या शाम को 20-30 मिनट की वॉक को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

दिन के दौरान घरेलू काम करते समय खुद को एक्टिव रखें।

झाड़ू-पोंछा जैसे काम करते समय तेज़ी से मूव करें, ताकि अधिक कैलोरी बर्न हो सके।

वॉकिंग और घरेलू काम, दोनों ही अपने-अपने तरीके से फायदेमंद हैं। अगर आप ज्यादा कैलोरी बर्न करना चाहते हैं, तो वॉकिंग को प्राथमिकता दें। लेकिन अगर आप समय का बेहतर उपयोग करना चाहते हैं, तो घरेलू काम भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। दोनों को मिलाकर करने से आप फिट और स्वस्थ रह सकते हैं।

याद रखें: कोई भी गतिविधि तभी असरदार होगी, जब आप इसे नियमित रूप से करेंगे।

2024 के लोकसभा चुनाव व झारखण्ड विधानसभा चुनाव के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को राज्यपाल ने किया सम्मानित


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : राजधानी रांची के आर्यभट्ट सभागार में आज 15 वा राष्ट्रीय मतदाता दिवस समारोह का आयोजन किया गया। 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर वर्ष 2024 में झारखण्ड राज्य अन्तर्गत लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव को स्वच्छ/निष्पक्ष/ शांतिपूर्ण चुनाव सम्पन्न किये जाने को लेकर झारखण्ड के कुल-08 पुलिस पदाधिकारियों को सम्मानित किया गया l

मतदाता दिवस के अवसर पर राँँची महाविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार उपस्थित थे। इस मौके पर राज्य की अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी डॉक्टर नेहा अरोड़ा, दक्षिणी छोटा नागपुर प्रमंडल के आयुक्त अंजनी कुमार मिश्र और रांची विश्वविद्यालय के कुलपति अजीत सिंहा समेत कई गणमान्य लोग मौजूद थे। जहां राज्यपाल ने चुनाव के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने वाले पदाधिकारी और कर्मियों को सम्मानित किया। साथ ही वरिष्ठ और दिव्यांग मतदाताओं को राज्यपाल की ओर से सम्मानित किया गया। इसके अलावा नए मतदाताओं को वोटर कार्ड दिया गया।

राज्यपाल अपने संबोधन में पुरानी यादों को बताते हुए कहा कि 25 जनवरी 1950 को भारत निर्वाचन आयोग की स्थापना हुई और वर्ष 2011 से इस दिन को राष्ट्रीय मतदाता दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। राज्यपाल ने कहा कि यह दिन मतदाताओं को उनके अधिकार और कर्तव्य के प्रति जागरूक करता है। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय मतदाता दिवस इस वर्ष वोट जैसा कुछ नहीं वोट जरुर डालेंगे हम के थीम पर आधारित है।

राज्यपाल ने कहा कि लोकतंत्र की सफलता जनता की जागरूकता और भागीदारी पर निर्भर करती है। उन्होंने निर्वाचन प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाने के लिए डिजिटल साधनों और अभियान चलाने वाले सभी अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने लोकतंत्र को और अधिक सशक्त बनाने के लिए सभी नागरिकों से मिलकर कार्य करने का आह्वान किया।

आज का दिन एक और खास रहा कि जहां झारखंड में मतदाता दिवस के अवसर पर अधिकारियों को सम्मानित किया गया वहीं दिल्ली में राष्ट्रीय मतदाता दिवस के मौके पर निर्वाचन में शानदार प्रदर्शन करने के लिए झारखंड को पहली बार बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट का नेशनल अवार्ड मिला है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के.रवि कुमार को इस सम्मान से नवाजा।

2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में झारखंड राज्य निर्वाचन में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट का मिला राष्ट्रियन सम्मान

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस पर बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट के सम्मान से झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार को किया सम्मानित।

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची डेस्क : 25 जनवरी राष्ट्रीय मतदाता दिवस के अवसर पर पहली बार निर्वाचन में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु झारखंड राज्य को बेस्ट परफॉर्मिंग स्टेट का नेशनल अवार्ड प्राप्त हुआ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार को नई दिल्ली के जोरावर ऑडिटोरियम आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया। 

इस अवसर पर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने राज्य के सभी मतदाताओं, निर्वाचन कार्य में लगे सभी बीएलओ, सभी मतदान कर्मी, पुलिस के पदाधिकारी, सुरक्षा बलों के जवानों, राजनीतिक दलों एवं मीडिया के बंधुओं को उनके निर्वाचन के दौरान अपने कर्तव्य के निर्वहन हेतु धन्यवाद कहा। उन्होंने कहा कि लोकसभा निर्वाचन 2024 एवं विधानसभा निर्वाचन 2024 का स्वच्छ, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण निर्वहन का श्रेय निर्वाचन कार्य के सभी स्टेकहोल्डर को जाता है। हम सब के सम्मिलित प्रयास से आज राज्य को यह सम्मान प्राप्त हुआ है।

विदित हो कि पिछले वर्ष हुए लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार के नेतृत्व में राज्य में कई नवाचार किए गए थे। जिसमें मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत मतदाता सूची को एकीकृत एवं समावेशी बनाते हुए इसकी त्रुटियों को शून्य स्तर पर लाने का प्रयास किया गया था। इसके तहत बीएलओ द्वारा कईबार प्रत्येक घरों के मतदाताओं का सत्यापन करते हुए उनके घरों पर स्टिकर चिपकाया गया था। पीवीटीजी मतदाताओं के लिए विशेष अभियान चलाकर मतदाता सूची से जोडने का कार्य किया गया था। वहीं मतदाताओं के लिए मतदान केंद्रों पर सुनिश्चित न्यून्तम सेवाओं जैसे बिजली, पानी, शौचालय, दिव्यांग एवं वरिष्ठ मतदाताओं के लिए व्हीलचेयर एवं रैंप आदि कि व्यवस्था कि गई थी। 

सुदूर क्षेत्र के मतदाताओं के लिए उनके गांव में हि मतदान केंद्रों का निर्माण कराने के साथ ही 2 किलोमिटर से अधिक दूर वाले मतदान केन्द्रों के लिए वाहन कि भी व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही ऐसे कई नक्सल प्रभावित क्षेत्र भी थे जहां इस बार पहली बार मतदाताओं ने शांतिपूर्ण मतदान किया।  

मतदाताओं को जागरूक करने के लिए इंटरनेट मीडिया पर हैशटैग अभियान एवं हर वृहत स्तर पर स्वीप के तहत कार्यक्रम चलाया गया था। इसके साथ ही सभी मतदान केंद्रों पर बूथ लेवल अवेयरनेस ग्रुप का भी निर्माण किया गया था जिनके द्वारा मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित किया गया। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के नेतृत्व में चलाए जानेवाले जागरूकता के कारण लोकसभा चुनाव मतदान प्रतिशत की वृद्धि देखी गई वही विधानसभा निर्वाचन 2024 में यह अबतक का सर्वाधिक मतदान प्रतिशत रहा। विधानसभा मतदान में महिला मतदाताओं के मतदान प्रतिशत में भी वृद्धि देखी गई। लोकसभा व विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न कराया गया था।

बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री बनी किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर, प्रयागराज में संगम तट पर किया पिंडदान


वर्ष 2000 से कर रही थी तपस्या, बॉलीवुड से आध्यात्म की ओर देखें महामंडलेश्वर का प्रोसेस

रिपोर्टर जयंत कुमार 

लोकेशन प्रयागराज 

रांची डेस्क : बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री चकाचौंध की दुनिया को छोड़ आध्यात्म की ओर बढ़ी है। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में शुक्रवार को इस अभिनेत्री को किन्नर अखाड़ा का महामंडलेश्वर बनाया गया। हम बात कर रहे हैं गुजरे जमाने की मशहूर अभिनेत्री ममता कुलकर्णी की जो अब यामाई ममता नंद गिरि के नाम से जानी जाएगी।

गौरतलब है कि ममता ने काफी पहले संन्यास ले लिया था। वो साध्वी की जिंदगी जी रही थीं। हाल ही में वो 24 साल बाद भारत लौटी हैं। प्रयागराज के संगम तट पर पहुंची ममता कुलकर्णी ने अपना पिंडदान किया और और संगम में तीन डुबकी लगाई। फिर अखाड़े में ही उनका पट्टाभिषेक हुआ। संगम में डुबकी लगाने के बाद ममता कुलकर्णी ने खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा, "ये महादेव का आदेश था। महाकाली की इच्छा थी। ये मेरे गुरु का आदेश था। उन्होंने ही आज का दिन चुना। 

जूना अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने ममता कुलकर्णी को दीक्षा दी। किन्नर अखाड़े में ही उनका पट्टाभिषेक के दौरान उन्हें महामंडलेश्वर पद पर अभिशिक्त किया गया। यानी अब ये यामाई ममता नंद गिरि के नाम से जानी जाएगी। यहां स्टेज पर पांच अलग-अलग गुरुओं ने इनका अभिषेक किया। सबसे पहले गुरु ने उन्हें रुद्राक्ष का कंठा दिया फिर उसके बाद एक गुरु ने चादर यानी भगवा वस्त्र दिया वहीं एक गुरु ने भस्मी दिय, एक गुरु ने चोटी काटी और एक गुरु ने उन्हें कॉपिन दिया। यह पूरी प्रक्रिया है महामंडलेश्वर की। जो तस्वीरों के माध्यम से आप देख रहे हैं। शिखा से मुक्ति दिलाने का कार्य आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने किया यानि चोटी उन्होंने काटी।

52 साल की ममता महाकुंभ के किन्नर अखाड़ा में रह रही है। 2015 में स्थापित किन्नर अखाड़ा एक हिंदू धार्मिक संगठन है, जिसका मुख्य उद्देश्य ट्रांसजेंडर समुदाय को आध्यात्मिक और सामाजिक क्षेत्रों में समानता और मान्यता देना है। अब, ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर के रूप में नियुक्त करके अखाड़ा अपने संदेश और प्रभाव को और अधिक फैलाने कोशिश कर रहा है।

ममता कुलकर्णी का जन्म 20 अप्रैल 1972 को मुंबई में हुआ था. उन्होंने 1992 में आई फिल्म 'तिरंगा' से हिंदी सिनेमा में कदम रखा था. इस फिल्म में उनके साथ नाना पाटेकर भी थे. फिर उन्होंने 'आशिक', 'आवारा', 'क्रांतिवीर', 'वक्त हमारा है', 'सबसे बड़ा खिलाड़ी' और 'करण अर्जुन' जैसी कई हिट फिल्मों में काम किया

रामगढ़ जिले से एक बड़ी घटना घटी,भीषण सड़क हादसे 3 की मौत हो गई है अन्य की हालत गंभीर


झा. डेस्क 

रामगढ़ जिले से एक बड़ी घटना घटी है। जिले के मांडू के पास भीषण सड़क हादसे की खबर है, जिसमें अबतक 3 की मौत हो गई है अन्य की हालत गंभीर बताई जा रही है.

घटना के संबंध में बताया जा रहा है कि दोपहर 1 बजे अनियंत्रित कार ने सड़क किनारे खड़ी ट्रक में पीछे से टक्कर मार दी. जिससे तीन लोगों की मौत घटनास्थल पर हो गई. सभी एक ही परिवार के बताये जाते हैं.

कैसे हुई घटना

रामगढ़ जिले के मांडू के पास शनिवार की दोपहर करीब एक बजे सड़क दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गई. जबकि चार लोग घायल हैं. मांडू और चरही के बीच में घटना हुई है. मरने वाले सभी लोग बगोदर के रहने वाले बताए जा रहे हैं.

झारखंड में अगले कुछ दिनों में तापमान में आएगी गिरावट,कई जगहों पर हल्का और मध्यम कोहरा भी छाया रहा


झारखंड डेस्क 

झारखंड में ठंड फिर एक बाऱ बढ़ने वाली है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में तापमान में गिरावट देखी जाएगी। राज्य के उत्तरी हिस्सों में अगले तीन दिनों में तापमान 3-4 डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है। बाकी हिस्सों में भी दो दिन बाद तापमान में 3-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना है।25 जनवरी को कई जगहों पर हल्का और मध्यम कोहरा भी छा सकता है।

क्या है मौसम विभाग का आकलन

रांची मौसम केंद्र के प्रमुख अभिषेक आनंद ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में ठंड से थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन अब फिर से सर्दी का सितम बढ़ने के आसार हैं। अभी ज्यादातर जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है। लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी के बाद लोगों को ठंड से बचाव के इंतजाम करने की जरूरत है।

 3 से 4 डिग्री तापमान में आएगी कमी

मौसम विभाग ने बताया कि 25 जनवरी से ठंड बढ़ेगी। राज्य के उत्तरी इलाकों में अगले तीन दिनों में न्यूनतम तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की जा सकती है। इन इलाकों में गढ़वा, पलामू, चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, देवघर, गोड्डा, दुमका, पाकुड़, साहिबगंज, और जामताड़ा जिले शामिल हैं। बाकी जिलों में भी दूसरे दिन से अगले तीन दिनों में तापमान 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है। इसके बाद तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की उम्मीद नहीं है

30 जनवरी तक कुछ जगहों पर रहेगी कोहरा

राज्य के कई हिस्सों में शनिवार सुबह हल्के से मध्यम दर्जे का कोहरा छाया रहा। इसके बाद आसमान साफ हो गया। 26 जनवरी और 30 जनवरी को सुबह के समय कोहरा या धुंध छाई रह सकती है, लेकिन बाद में आसमान साफ रहेगा।

मौसम विभाग ने बुजुर्गों और बच्चों के लिये किया अलर्ट 

मौसम विभाग के अनुसार इस बदलते मौसम में लोगों को खास ध्यान रखने की जरूरत है। ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें, खासकर सुबह और शाम के समय। गरम पेय पदार्थों का सेवन करें और ठंडी चीजों से परहेज करें। बुजुर्गों और बच्चों का खास ख्याल रखें।

झारखंड सरकार के वित्त वाणिज्य कर योजना एवं विकास मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने किया अपना मोबइल नंबर जारी

कहा सरकार के किसी योजना में गड़बड़ी होता है तो लोग दें जानकारी

झारखंड डेस्क 

झारखंड सरकार के वित्त वाणिज्य कर योजना एवं विकास मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सार्वजनिक रूप से अपना मोबाइल नंबर जारी किया है. 

सार्वजनिक रूप से नंबर जारी करते हुए मंत्री राधा कृष्णकिशोर ने कहा कि सरकार की योजनाओं की क्रियान्वयन में किसी प्रकार की गड़बड़ी हो रही हो या समस्या या शिकायत है तो उन्हें कॉल करें या व्हाट्सएप करें. मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने अपना मोबाइल नंबर 9431135292 को आम लोगों के लिए जारी किया है.

पलामू के सतबरवा प्रखंड के मलय डैम में जिला स्तरीय पंचायत सशक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसी कार्यशाला में पलामू में संचालित विकास योजनाओं समेत कई बिंदुओं पर समीक्षा की गयी. इस बैठक में झारखंड सरकार के मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने भाग लिया. लोगों को संबोधित करते हुए मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि मंईयां सम्मान योजना रेवड़ी नहीं है बल्कि यह माता बहनों की आराधना है.

मंत्री ने कहा कि पंचायत या जिला के विकास में पंचायत जनप्रतिनिधियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण. शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करना बेहद ही जरूरी है, इसमें पंचायत जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम है. पंचायत जनप्रतिनिधि नियमित रूप से मध्यान भोजन का निरीक्षण करें. अबुआ आवास योजना का लाभ सीरियल के अनुसार ही मिलना चाहिए.

 अगर क्षेत्र में किसी भी प्रकार की समस्या हो या विकास योजनाओं की क्रियान्वयन में दिक्कत हो रही हो बेहिचक लोग उन्हें कॉल कर सकते हैं या व्हाट्सएप कर सकते हैं.

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पलामू डीसी शशिरंजन ने कहा कि प्रत्येक तीन महीने में पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ कार्यशाला आयोजित होगी. इस कार्यशाला में जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिमा कुमारी, उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह, नगर आयुक्त जावेद हुसैन, उप विकास आयुक्त शब्बीरअहमद मौजूद रहे.

भारत ने फिल्म 'इमरजेंसी' की स्क्रीनिंग पर रोक के लिए ब्रिटेन से की मांग


नई दिल्ली:- यूनाइटेड किंगडम (यूके) में अभिनेत्री कंगना रनौत की फिल्म 'इमरजेंसी' की स्क्रीनिंग के दौरान खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथियों ने जमकर हंगामा किया। कट्टरपंथियों ने फिल्म की स्क्रीनिंग को रोकने की कोशिश की। अब भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपनी साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में इस मामले पर प्रतिक्रिया दी। मंत्रालय ने यूके से ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

यूके के सामने अपनी जिंता जाहिर कर चुके

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि हमने कई रिपोर्ट देखी हैं कि किस तरह कई हॉलों में फिल्म 'इमरजेंसी' को रोका जा रहा है। हम लगातार यूके सरकार के समक्ष भारत विरोधी तत्वों द्वारा हिंसक विरोध और धमकी से जुड़ी चिंता जाहिर कर चुके हैं। 

मंत्रालय ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को चुनिंदा रूप से लागू नहीं किया जा सकता है। फिल्म को बाधित करने में शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

उचित कार्रवाई करेगा यूके

विदेश मंत्रालय ने उम्मीद जताई कि यूके की सरकार जिम्मेदार लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी। प्रवक्ता ने यह भी बताया कि लंदन में हमारा उच्चायोग हमारे समुदाय के लोगों की सुरक्षा और कल्याण के लिए नियमित रूप से संपर्क में है। उम्मीद करते हैं कि यूके इस मामले में सख्त और उचित कार्रवाई करेगा।

अमेरिका सामने उठाया जाएगा पन्नू का मामला

सोशल मीडिया पर अमेरिकी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू का एक वीडियो वायरल हो रहा है। मीडिया में वह डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में दिख रहा है। जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से पूछा गया कि क्या भारत ने अमेरिका के साथ इस मुद्दे को उठाया है।

रणदीप जायसवाल ने कहा कि जब भी कोई भारत विरोधी गतिविधि होती है तो हम ऐसे मामलों को अमेरिका के साथ उठाते हैं। इसलिए हम अमेरिकी सरकार के साथ ऐसे मुद्दे उठाते रहेंगे, जिनका हमारी सुरक्षा पर असर पड़ता है, जिनका भारत विरोधी एजेंडा है।