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गर्म तेल की कड़ाही में गिरा 2 साल का मासूम,हुई दर्दनाक मौत

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से दिल दहलाने वाला मामला सामने आया हैं. शहर में चाचा की सगाई में आए भतीजे की खोलते तेल की कढ़ाई में गिरने से मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक खेलते-खेलते मासूम खौलते तेल की कढ़ाई में गिर गया. ऐसे में आनन-फानन में मासूम को निकाला गया और इलाज के लिए नजदीक के अस्पताल में ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान बच्चे ने दम तोड़ दिया

भोपाल के निशातपुरा थाना क्षेत्र में आयोजित सगाई कार्यक्रम में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब 2 साल का मासूम गर्म तेल की कढ़ाई में गिर गया. जानकारी के मुताबिक जहां पर सगाई का खाना बन रहा था मासूम उसी के पास खेल रहा था. ऐसे में खेलते खेलते वह गर्म तेल की कढ़ाई में गिर गया, जिसके बाद पूरे सगाई समारोह में हाहाकार मचा गया.

इलाज के दौरान बच्चे ने तोड़ दिया दम

पुलिस ने बताया कि 2 साल का मासूम अक्षांश साहू अपने चाचा की सगाई समारोह में आया था. वह जगह-जगह जाकर मस्ती कर रहा था. ऐसे में किसी की नजर पड़ती इससे पहले ही वह कढ़ाई में जा गिरा. बच्चे के कढ़ाई में गिरने की खबर मिलते ही हड़कंप मच गया. कार्यक्रम में मौजूद परिजन तुरंत बच्चे को लेकर निजी अस्पताल पहुंचे ,लेकिन उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई. मासूम बच्चे की मौत के बाद परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है,जहां सगाई की खुशियां मनाई जा रही थी वहां अब मातम पसरा हुआ है. निशातपुरा थाना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.

सदमे में है परिवार के लोग

निशातपुरा पुलिस के मुताबिक शिव नगर में रहने वाले राजेश साहू व्यापारी हैं. उनके दो बेटे हैं, एक बेटा अक्षांश साहू दो साल है और दूसरा बेटा 7 साल का है. बीती 20 जनवरी को राजेश के परिवार में सगाई का कार्यक्रम संस्कार गार्डन में था. कार्यक्रम लगभग खत्म हो गया था और हलवाई भी चले गए थे. इस दौरान परिवार के सदस्य एक साथ बैठकर खाना खा रहे थे तभी अक्षांश खेलते खेलते गरम तेल की कढ़ाई में गिर गया. इसके बाद निजी अस्पताल में बच्चों को भर्ती कराया गया था, जहां एक दिन चले इलाज के बाद उसकी मौत हो गई. फिलहाल परिवार के लोग सदमे में है इसलिए बयान दर्ज नहीं हो सके हैं.

भारत को बचाने के लिए फारूक अब्दुल्ला ने बताए उपाए, 370 पर भी कही ये बात

पार्टी कार्यालय जम्मू में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अगर देश को आगे ले जाना है तो ये आज भी हमसे बलिदान मांगता है. अगर हम ऐसा नहीं कर सकते, तो हम भारत को नहीं बचा पाएंगे. भारत को बाहर से कोई खतरा नहीं है बल्कि, देश के अंदर से खतरा है. घर को हमेशा कोई अंदर वाला ही नुकसान पहुंचाता है, कोई बाहरी नहीं.

अगर हमें इस घर को मजबूत करना है तो हमें खुद को मजबूत करना होगा. वे जिन परेशानियों का सामना करते हैं और उनका समाधान ढूंढते हैं. यह उनका प्रचार है हिंदू खतरे में हैं. मैं उनसे पूछता हूं कि यह कैसे संभव है? यहां की पूरी आबादी में 80% हिंदू हैं. ऐसा प्रचार केवल लोगों में डर पैदा करने के लिए किया जाता है.

क्यों लगाया गया था आर्टिकल 370?

अगर आपको इस तरह के प्रचार का समाधान ढूंढना है तो आपको जाना होगा कि यहां के लोगों के बीच 1927 में आर्टिकल 370 सिर्फ कश्मीर के लोगों के लिए ही नहीं है. बल्कि, डोगरा लोगों की सुरक्षा के लिए भी लाया गया था. आज यहां रोजगार के अवसर बाहर से आने वालों के लिए जा रहे हैं. उंगलियां उठीं हमारे नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं पर जो मुस्लिम थे और थे पाकिस्तानी करार दिया गया. 75 सालों के बाद लोगों को समझ आ गया है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस लोगों के लिए है.

क्या था आर्टिकल 370?

आर्टिकल 370 भारतीय संविधान में बताया गया वर्णित प्रावधान था. इसमें जम्मू और कश्मीर राज्य को विशेष अधिकार प्रदान करता था. जम्मू और कश्मीर भारत का अहम हिस्सा था, लेकिन इस आर्टिकल के तहत उसे कुछ विशेष स्वतंत्रता थी. इस अनुच्छेद के अंतर्गत जम्मू और कश्मीर राज्य के पास बाहरी और भीतरी मामलों से जुड़े विषयों पर कई विशेष अधिकार मिले हुए थे. जैसे राज्य के भीतर भारत का ही कोई शख्स जमीन लेने का अधिकार नहीं रखता था.

RG kar rape case: सरकार की अपील पर कलकत्ता हाई कोर्ट बोला- पहले CBI,पीड़ित परिवार और दोषी को सुनेगा

कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि वह आरजी कर हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप के मामले में पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), पीड़ित के परिवार और दोषी की बात को सुनेगा. इसके बाद ही वो पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से दायर की गई अपील की सुनवाई पर निर्णय लेगा. दरअसल, ममता की सरकार ने ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा मिलने के खिलाफ सजा की अपर्याप्तता को लेकर हाईकोर्ट में अपील दायर की है, जिसकी सुनवाई और फैसले से पहले कोर्ट ने कहा कि वो सभी पहलुओं और केस से जुड़े लोगों को एक बार फिर से सुनेगा.

वहीं सीबीआई की ने राज्य सरकार की ओर से दायर की गई अपील दायर विरोध किया है. CBI ने दावा किया है वो खुद भी इस मामले में सजा की अपर्याप्तता को लेकर अपील करने का अधिकार रखती है. सीबीआई ने कहा कि वो एक अभियोजन एजेंसी है, इसलिए उसके पास सजा की मात्रा कम होने को लेकर अपील करने का अधिकार मौजूद है. इस मामले में सुनवाई के लिए कोर्ट ने सोमवार की अगली डेट तय की है.

आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई

सियालदह अदालत ने ट्रेनी डॉक्टर रेप और मर्डर केस में सिर्फ एक आरोपी को सजा सुनाई. मुख्य आरोपी संजय रॉय को ऑन-ड्यूटी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. इसी मामले में सरकार की तरफ से कलकत्ता हाईकोर्ट में अपील की गई. जस्टिस देबांग्शु बसाक की अध्यक्षता वाली एक खंडपीठ ने कहा कि वह राज्य सरकार की अपील को स्वीकार करने से पहले सीबीआई, पीड़ित के परिवार और दोषी को उनके वकीलों के पक्ष को सुनेगी उसके बाद ही इस पर कोई फैसला लेगी.

कब होगी अगली सुनवाई?

पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर मामले में दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने अगली सुनवाई के लिए 27 जनवरी की तारीख को तय किया है.

नोएडा में बनेगी ओलंपिक सिटी: 226 गांवों की जमीन पर तैयार होगा विशाल स्पोर्ट्स पार्क!

सड़क परियोजनाओं से लेकर खेल जगत तक यूपी सरकार प्रदेश को विकास के नए आयाम की तरफ ले जाने में तेजी से तत्पर है. ऐसे में इस कड़ी में यूपी को बड़ी सौगात मिली है. यूपी में जल्द ही 226 गांवों की जमीन पर ओलंपिक सिटी तैयार होगी. दिसंबर में यमुना प्राधिकरण (यीडा) के मास्टर प्लान-2041 को प्रदेश कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद ओलंपिक पार्क बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. इसे ‘ओलंपिक स्पोर्ट्स पार्क’ का नाम दिया जाएगा.

जानकारी के मुताबिक ओलंपिक स्पोर्ट्स पार्क को ऐसे तैयार किया जाएगा, जिसमें ओलंपिक गेम्स आसानी से हो सकेंगे. ओलंपिक गेम्स के लिए जैसे स्टेडियम और सुविधाएं होती हैं, यहां पर भी वैसी सुविधा मिलेगी. इसके आस पास लग्जरी रूम भी बनाए जाएंगे, जहां पर खिलाड़ी रुक पाएं. यह स्पोर्ट्स पार्क क्षेत्र के सेक्टर-22F और सेक्टर-23B में बनेगा. यह विशाल स्पोर्ट्स पार्क 52.4 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला होगा.

226 गांवों की जमीन पर तैयार होगी ओलंपिक सिटी

नोएडा के 226 गांवों की जमीन पर ओलंपिक सिटी तैयार होगी, उनके मालिकों को मुआवजा दिया जाएगा. ओलंपिक सिटी तेजी से बनने के लिए निर्देश दिए गए हैं.यमुना अथॉरिटी के अधिकारियों ने बताया कि मास्टर प्लान-2041 में ओलंपिक सिटी स्थापित करने के प्रस्ताव को प्रमुखता से शामिल किया गया था. इस योजना में ओलंपिक विलेज बनाने में प्रस्ताव भी पारित है. इसके तहत 5,000 फ्लैट बनाए जाएंगे. इन फ्लैट्स में 1 बीएचके, 2 बीएचके और 3 बीएचके के आवास होंगे. इनका इस्तेमाल गेम्स के दौरान आने वाले खिलाड़ियों, अधिकारियों और अन्य लोगों के लिए किया जाएगा.

बढ़ा दी गई संख्या

इस ओलंपिक सिटी में गौतमबुद्ध नगर के 131 और बुलंदशहर के 95 गांव से जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. ऐसे में दोनों जिलों दोनों जिलों के 226 गांव को मिलाकर ये मास्टर प्लान तैयार किया गया है. जानकारी के मुताबिक इस मास्टर प्लान में इससे पहले 171 गांव जोड़े गए थे, लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ा दी है.

उत्तर प्रदेश में बिजली की दरें बढ़ने की तैयारी: दिन और रात में अलग-अलग दरें होंगी!

उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लग सकता है. यूपी में बिजली दरें महंगी हो सकती है. साथ ही दिन और रात में अलग-अलग बिजली दरें भी निर्धारित होने का अनुमान है. जानकारी के मुताबिक यूपी के सभी जिलों में पीक आवर्स यानी शाम पांच बजे से देर रात तक बिजली की दरें दिन के मुकाबले 15 से 20% तक महंगी होंगी.

किसानों को छोड़ सभी श्रेणी के घरेलू, वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं पर टाइम ऑफ डे (टीओडी) लागू हो सकता है और बिजली महंगी हो सकती है. ऐसे में इन महंगी दरों से यूपी के 15 लाख किसान अछूत रहेंगे.

प्रस्ताव को लागू करने की तैयारी

मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 के मसौदे में इस व्यवस्था को लागू करने का प्रस्ताव है. हालांकि इस संबंध में अंतिम फैसला राज्य के नियामक आयोग द्वारा बिजली की दरें तय करने की सुनवाई के बाद होगा. फिलहाल इस प्रस्ताव को लागू करने की तैयारी जोरों शोरों से चल रही है.

भारत सरकार की तरफ से 14 जून 2023 में जारी गजट में एक अप्रैल 2025 से बिजली (ग्राहकों के अधिकार) नियम, 2020 में आवश्यक संशोधन कर टाइम ऑफ डे (टीओडी) टैरिफ की व्यवस्था लागू करने की बात कही गई है. इस नियम में दिन और रात के वक्त बिजली के अलग अलग दाम रखने को लिखा है. हालांकि इसमें किसानों को अलग रखा गया.

मामले पर 56 पेज का ड्राफ्ट किया जारी

ऐसे में नियामक आयोग की ओर से जारी मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 के मसौदे में टीओडी टैरिफ लागू करने की बात कही गई है. उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने इस मामले पर 56 पेज का ड्राफ्ट जारी किया. इस ड्राफ्ट के तहत नए रेगुलेशन पर 15 फरवरी तक आपत्ति और सुझाव मंगाए गए हैं, इसके बाद इस पर 19 फरवरी को सुनवाई होगी और फिर इन्हें अंतिम रूप दिया जाएगा. आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने कहा कि अगर ये प्रस्ताव लागू हो जाता है तो इससे सीधा बोझ घरेलू उपभोक्ताओं पर आएगा, लेकिन ये बिजली वितरण क्षेत्र की निजी कंपनियों को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है.

क्या होता है टीओडी?

दिन और रात के समय बिजली की दर अलग-अलग रखे जाने को टाइम ऑफ डे (टीओडी) टैरिफ कहते हैं. ऐसे में इसके तहत रात के वक्त बिजली के दाम ज्यादा होते है और दिन के वक्त के दाम कम होते हैं

हैरान करने वाली खबर: पिछले 4 साल से बैठकों में अनुपस्थित रहने पर PWD अधिकारी पर लगा मात्र 5 रुपये का जुर्माना!

हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां बीते 4 सालों से बैठक में न आने पर एक अधिकारी पर जो जुर्माना लगाया गया है वो आपको हैरत में डाल देगा. जिले के लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी पर इस घोर लापरवाही के लिए केवल 5 रुपये का जुर्माना लगाए जाने का निर्णय लिया गया है. वह पिछले 4 सालों से विकास कार्यों के लिए होने वाली बैठकों में नदारद रहे हैं.

हमीरपुर में मंडल टौणीदेवी पीडब्ल्यूडी के अधिकारी पर आरोप है कि वह पिछले चार सालों से विकास कार्यों की होने वाली बैठकों में शामिल नहीं हो रहे थे, जिसके कारण उनपर ब्लॉक समिति की बैठक में 5 रुपये का जुर्माना लगाए जाने का निर्णय लिया गया है. अब अधिकारी को ये जुर्माना चुका होगा, जो जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है.

5 रुपये का लगाया गया जुर्माना

किसी अधिकारी पर विकास कार्यों की जिम्मेदारी हो और वह इनसे संबंधित बैठकों में नदारद रहे तो दिक्कत आती हैं. लेकिन हद तब हो जाए जब वह अधिकारी एक बैठक नहीं बल्कि चार साल तक पंचायत समिति हमीरपुर की बैठक में शामिल न हो. इसके लिए लापरवाह अधिकारी पर जुर्माना लगाया गया. सोमवार को हमीरपुर पंचायत समिति की त्रैमासिक बैठक आयोजित हुई. बैठक की अध्यक्षता बीडीसी अध्यक्ष हरीश शर्मा ने की. बैठक में जिले के विकासकार्यों पर चर्चा चल रही थी. लेकिन बैठक में पीडब्ल्यूडी मंडल टौणीदेवी के अधिकारी शामिल नहीं थे. मालूम हुआ कि वह बीते चार साल से बैठक में शामिल नहीं हुए हैं.

कई बार जारी की गईं थीं चेतावनी

इसी दौरान बैठक में अहम निर्णय लेते हुए टौणीदेवी मंडल के लोक निर्माण विभाग के अधिकारी पर फैसला लिया गया. बैठक में उनपर बीत चार सैलून से अनुपस्थित रहने पर 5 रुपये का जुर्माना लगाया गया. इस मामले में बीडीसी अध्यक्ष हरीश शर्मा ने बताया कि टौणीदेवी मंडल के पीडब्ल्यूडी अधिकारी को पहले भी चेतावनी जारी की गई थी. उन्होंने बताया कि उनके बैठकों में न आने से जिले के विकासकार्यों में दिक्कतें आ रहीं थीं. उन्होंने बताया कि उन्हेंजिम्मेदारी का अहसास कराने और दूसरों को नजीर पेश करने के लिए यह जुर्माना लगाया गया है.

G Kar Case: मैं शर्मिंदा हूं…संजय को उम्रकैद मिलने के बाद मां ने खुद को घर में किया कैद

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में पिछले साल 9 अगस्त तो महिला डॉक्टर के साथ रेप के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. सोमवार को सियालदह कोर्ट ने मामले के दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई. वहीं इस फैसले के बाद संजय की मां ने खुद घर में कैद कर लिया और फैसले पर टिप्पणी करने से मिलने से इनकार कर दिया

इससे पहले दिन में जब मीडिया के लोग शहर में उनकी झुग्गी के सामने पहुंचे थे तो संजय की मां मालती ने कहा था कि वो इस घटना को लेकर काफी शर्मिंदा है. उन्होंने मीडियाकर्मियों से कहा कि उन्हें अकेला छोड़ दें. 75 साल की मालती ने कहा था कि उनकी भी तीन बेटियां हैं और बेटियों की मां होने के नाते वह मृतक डॉक्टर के माता-पिता का दर्द समझ सकती हैं. उन्होंने कहा था कि उनके बेटे को जो भी सजा मिलेगी, वह उसका समर्थन करेंगी.

फैसले से पहले संजय की मां ने कही थी ये बात

मलती ने ये भी कहा था कि अगर कोर्ट उनके बेटे को फांसी के फंदे पर लटकाने का फैसला करती है, तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होगी, क्योंकि कानून की नजर में बेटे का अपराध साबित हो चुका है. उन्होंने कहा था कि वो अकेले में रोएंगी लेकिन इसे नियति का खेल मानकर स्वीकार कर लेंगी.

मैं हर बात के लिए शर्मिंदा हूं’

वहीं सोमवार को जब जज ने संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, उसके कुछ ही मिनटों बाद मालती ने खुद को घर में बंद कर लिया और बाहर मौजूद पत्रकारों द्वारा फैसले के बारे में पूछे गए सवालों का कोई जवाब नहीं दिया. हालांकि कुछ देर बाद उन्होंने पत्रकारों से चिल्लाते हुए कहा कि वो कुछ नहीं कहना चाहती. उन्होंने कहा कि वो हर बात के लिए शर्मिंदा हैं. उन्होंने मीडिया से कहा कि वो लोग वहां से चले जाएं . इसके बाद मालती ने घर का दरवाजा बंद कर लिया.

कोर्ट में मौजूद नहीं था परिवार का कोई सदस्य

जिस समय आरोपी संजय राय को कोर्ट फैसला सुना रही थी उस दौरान न तो उसकी मां मालती औऱ न ही कोई रिश्तेदार कोर्ट में मौजूद था. संजय की तीन बहनों में एक बहन की कई साल पहले मौत हो चुकी है. मालती की झुग्गी के पास रहने वाली संजय की बड़ी बहन ने शनिवार को कहा था कि मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि संजय घटनास्थल पर अकेला नहीं था. उन्होंने कहा कि क्या अन्य लोग भी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इसमें शामिल थे, इसकी भी जांच होनी चाहिए और उन्हें सजा मिलनी चाहिए.

‘संजय अकेले अपराध नहीं कर सकता…’

वहीं संजय के पड़ोसियों ने कहा कि उनका मानना है कि संजय अकेले अपराध नहीं कर सकता और उसके साथ अन्य लोग भी रहे होंगे, जिनकी अब तक पहचान नहीं हो पाई है. एक पड़ोस उर्मिला महतो ने कहा कि उन्होंने संजय को बड़ा होते हुए देखा है. उन्होंने बताया कि बॉक्सिंग क्लब में शामिल होने के बाद संजय शराब पीने लगा और बुरी संगत में पड़ गया. उन्होंने कहा कि यह अकल्पनीय था कि उसे एक महिला के साथ बलात्कार और हत्या के लिए दोषी ठहराया जाएगा.

पटना में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को आया हार्ट अटैक, दिल्ली लाया जा रहा

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को हार्ट अटैक आ गया है. देवनानी एक बैठक में शामिल होने के लिए बिहार की राजधानी पटना पहुंचे हुए थे. जहां, उन्हें हार्ट अटैक आ गया. जानकारी के मुताबिक, देवनानी को पटना से दिल्ली लाया जा रहा है. शुरू में उन्हें पटना के पीएमसीएच स्थित इंदिरा गांधी कार्डियोलॉजी संस्थान में भर्ती कराया गया था, लेकिन अब उन्हें दिल्ली लाया जा रहा है.

वासुदेव देवनानी पटना में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय पीठासीन सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे थे. इस बीच उन्हें हार्ट अटैक आ गया. फिलहाल उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली लाया जा रहा है. कहा जा रहा है कि देवनानी को दिल्ली एम्स में भर्ती कराया जा सकता है.

क्या बोले बिहार विधानसभा के अध्यक्ष?

बिहार विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कहा कि सुबह उन्हें सीने में दर्द महसूस हुआ. इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. वहां, डॉक्टरों ने बताया कि गैस की दिक्कत है. अब वो सामान्य हैं. उनको वापस राजस्थान भेजने की तैयारी चल रही है

सीने में दर्द की थी शिकायत

बताया जा रहा है कि सोमवार सुबह उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की थी. कुछ देर बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद आनन-फानन में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां, पता चला कि उन्हें हार्ट अटैक आया है. अटैक की वजह से देवनानी पीठासीन बैठक में भी शामिल नहीं हो पाए.

बीजेपी के कद्दावर नेताओं में होती है गिनती

वासुदेव देवनानी की गिनती राजस्थान में बीजेपी के बड़े और कद्दावर नेताओं में होती है. वो राजस्थान की अजमेर नॉर्थ से बीजेपी विधायक हैं. 2023 के आखिरी में हुए विधानसभा चुनाव में देवनानी की लड़ाई कांग्रेस के महेंद्र सिंह से थी. मुकाबला काफी करीबी का भी रहा. चुनाव में देवनानी को 57,895 वोट मिले जबकि महेंद्र सिंह को 53,251 वोट ही पा सके.

देवनानी लगातार चार बार से चुनाव जीत रहे हैं. इससे पहले उन्होंने 2013, 2018 में भी विधानसभा चुनाव जीता था. इससे पहले 2008 के विधानसभा चुनाव में भी देवनानी ने कांग्रेस के उम्मीदवार को पटखनी दी थी.

सैफ अली खान पर हमले में मदद करने वाले ऑटो ड्राइवर को मिला इनाम, संस्था ने दिया 11 हजार रुपये का चेक और शॉल!

बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान पर हमले का मामला पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में बना हुआ है. हमले के मुख्य आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इस बीच जिस ऑटो ड्राइवर ने जख्मी हालत में एक्टर को लीलावती हॉस्पिटल पहुंचाया था उसे इनाम दिया है. ड्राइवर को हजार का नकद इनाम दिया गया है. ये इनाम एक संस्था की तरफ से ऑटो ड्राइवर के जज्बे को देखते हुए दिया है.

सैफ को अस्पताल पहुंचाने वाले वाले ऑटो ड्राइवर का नाम भजन सिंह राणा है. एक संस्था ने उसके काम को सराहा और उसे बतौर इनाम 11 हजार रुपए का चेक दिया गया साथ ही उसे शॉल दिया. भजन सिंह राणा उत्तराखंड के रहने वाले हैं और वो सालों से मुंबई में ऑटो चला रहे हैं. एक्टर को अस्पताल पहुंचाने के बाद वो सुर्खियों में आ गए थे. सोशल मीडिया पर उनकी काफी तारीफ हो रही है. मुंबई पुलिस ने ड्राइवर को पूछताछ के लिए भी बुलाया था और इस मामले की पूरी जानकारी ली थी.

ड्राइवर ने बताई थी पूरी कहानी

एक इंटरव्यू के दौरान भजन सिंह राणा ने बताया था कि वो रात में ऑटो चलाते हैं. जब सैफ पर हमला हुआ तो एक महिला ने आवाज देकर बीच सड़क पर आकर ऑटो रुकवाया था. उन्होंने रिक्शा-रिक्शा करके आवाज लगाई. इस दौरान सैफ अली खान ने सफेद कुर्ता और पायजामा पहन रखा था, जो पूरी तरह से खून से लथपथ था. ऑटो वाले ने बताया कि उस वक्त उन्होंने ये नहीं देखा कि वो सैफ अली खान हैं. ड्राइवर ने बताया कि सैफ अली खान के साथ ऑटो में उनके दोनों बेटे तैमूर और जेह भी थे

ड्राइवर ने एक्टर से नहीं लिया किराया

भजन सिंह ने बताया था कि हॉस्पिटल के इमरजेंसी डोर पर जब उन्हें लेकर पहुंचे तो वहां एंबुलेंस खड़ी थी. उन्होंने वहीं अपना ऑटो साइड लगाया. अस्पताल पहुंचने पर सैफ ने कहा कि फटाफट स्टाफ को बुलाओ, मैं सैफ अली खान हूं. भजन सिंह ने बताया कि तभी उन्हें पता चला कि ये एक्टर सैफ अली खान हैं. इसके बाद सैफ ऑटो से उतरे और हॉस्पिटल के अंदर चले गए. ड्राइवर ने बताया कि उसने उनसे किराया भी नहीं लिया. उन्होंने कहा कि पैसा जान से बढ़कर नहीं होता.

हमले का आरोपी गिरफ्तार

बात करें हमलावर की तो आरोपी का नाम मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद है, जो बांग्लादेश का रहने वाला है. मुंबई पुलिस ने कल उसे ठाणे से गिरफ्तार किया था. सूत्रों से मुताबिक हमलावर सैफ के बेटे जहांगीर को बंधक बनाकर पैसे मांगने की योजना बना रहा था. आरोपी का मकसद 1 करोड़ लेकर हमेशा के लिए बांग्लादेश वापस लौट जाने का था. कल उसे बांद्रा कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट ने उसे पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया था. वहीं सोमवार को उसे सांताक्रुज लॉकअप से बांद्रा पुलिस स्टेशन लाया गया. पुलिस और क्राइम ब्रांच उससे पूछताछ करेगी.

बिहार के बेतिया में संदिग्ध मौतों का मामला: एक ही गांव में 5 लोगों की मौत, शराब पीने से हुई मौत की आशंका!

बिहार के बेतिया के एक ही गांव के पांच लोगों की संदिग्ध मौत हो गई. इस मामले में देर रात गांव में एसपी और डीएम ने भी दौरा किया. ये मामला लौरिया के मठिया गांव से सामने आया है, जहां 5 लोगों की हुई संदिग्ध मौत के बाद गांव पहुंचे एसपी और डीएम ने ग्रामीणों से मौत के कारणों की जानकारी ली. प्रशासन की ओर से स्पेशल जांच टीम का गठन किया गया है, जो आसपास के गांवों में भी घटना से जुड़े मामलों की जांच करेगी.

देर रात लौरिया के मठिया गांव में पहुंचे एसपी डॉ शौर्य सुमन ने बताया कि 5 लोगों की मौत हुई है. फिलहाल मेडिकल के दस सदस्य की टीम का गठन किया गया है. वह गांव में जांच कर रही हैं. टीम ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिरकार ये मौत कैसे हुईं. टीम में उत्पाद अधीक्षक को भी शामिल किया गया, जो शराब बिक्री और निर्माण से जुड़े ठिकानों की जांच करेंगे.

कहां से आए शराब के पाउच?

मठिया में गांव सैकड़ों की संख्या में शराब के पाउच नजर आए. पुलिस इनके बारे में जानकारी जुटाने में लगी हुई है कि ये शराब के पाउच कहा से आए हैं. पांच लोगों में प्रदीप कुमार नाम के शख्स की भी संदिग्ध मौत हुई. उनके बड़े भाई ने बताया कि शराब पीने से ही उनके भाई की मौत हुई है. मरने वाले लोगों की पहचान मठिया पंचायत के रहने वाले एक ही परिवार के 30 वर्षीय मनीष चौधरी और 50 वर्षीय सुरेश चौधरी, 35 वर्षीय नेयाज देवान, इसी गांव के वार्ड नं चार के रहने वाले 30 वर्षीय प्रदीप कुमार गुप्ता और वार्ड नं 7 के रहने वाले 58 वर्षीय शिव राम के रूप में हुई है. सभी का अंतिम संस्कार उनके परिजनों ने किया.

क्या है 5 संदिग्ध मौत की वजह

इससे पहले भी इस गांव में दो लोगों की संदिग्ध मौत हो गई थी. अब इस तरह से मरने वाले लोगों की संख्या सात हो गई है. प्रदीप के परिजनों ने उसकी मौत की वजह ज्यादा शराब पीना बताई. वहीं और मृतकों के परिजनों ने कुछ खास जानकारी नहीं दी. गांव में पहुंची मेडिकल टीम ने जब परिजनों से मौत का कारण पूछा तो किसी ने दमा के रोगी होने की बात कही, तो वहीं किसी ने लकवा मार देने को मौत का कारण बताया.