बोकारो जिला की दीपक देवी अपनी लगन और जज्बा से विधुत ऊर्जा में हुई आत्मनिर्भर,इसके लिए उन्हें मिलेगा राष्ट्रपति अवार्ड
झारखंड डेस्क
बोकारो: उपनगर चीरा चास की रहने वाली 58 साल की दीपक देवी को उसकी साकारात्मक सोच और दृढ़ संकल्प की बदौलत अपनी अलग पहचान मिली है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भरता की अद्भुत मिशाल पेश की है। उन्होंने प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत अद्भुत मिशाल पेश की है।
बिजली बनाकर दीपक देवी ने किया कमाल
उन्होंने प्रधानमंत्री सूर्य घर बिजली योजना के तहत सौर ऊर्जा उत्पादन के जरिए बिजली की कमी और उसके आर्थिक बोझ का हल निकाल अब वह अपनी बिजली की जरूरतें पूरा कर रही है, बल्कि उससे अतिरिक्त आय भी अर्जित कर रही है।
उनके इस प्रेरणादायी कार्य सराहने के लिए आगामी गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति की ओर से उसे सम्मानित भी किया जाएगा।
राष्ट्रपति भवन से निमंत्रण मिलने के बाद परिवार में खुशी की लहर साफ देखी जा सकती है। दीपक ने बताया कि शुरुआत में इस योजना को धरातल पर उतारने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, यही कारण था कि दीपक देवी को अपनी योजना को धरातल पर उतारने में तीन साल लग गए।
घरेलू खर्च में कटौती कर शुरू किया प्रयास
इस प्रोजेक्ट के लिए उन्हें 90 हजार खर्च करने की जरूरत थी। पति सेवानिवृत्त सीसीएलकर्मी प्रमोद ने उन्हें सुझाव दिया कि इतनी राशि खर्च करने से बढ़िया है कि बिजली विभाग को ही भुगतान किया जाय, लेकिन अपनी लग्न की पक्की दृढ़ इक्षाशक्ति वाली दीपक देवी ने उनके सुझाव को अनसुना करते हुए अपनी मिशन में लगी रही। धीरे-धीरे घरेलू खर्चों में बचत करते करते ढाई साल के लिए उन्होंने जरूरत की रकम जमा कर ली।
फिर सीसीएल में कार्यरत अपने बेटे की मदद से सूर्य घर योजना के लिए आवेदन जमा किया। बेटे ने आवेदन जमा कराने के बाद अधिकृत वेंडर का पता खोज निकला।
बिजली में आत्मनिर्भर हैं दीपक
टाटा पॉवर के अधिकृत वेंडर से नवंबर 2024 में उन्होंने सोलर पैनल लगवाया, इसके बाद वह बिजली के मामले में आत्मनिर्भर हो गई।
दीपक की मेहनत और इक्षाशक्ति को देखते हुए बिजली विभाग ने अतिरिक्त बिजली खरीदने का भरोसा दिया है। चास प्रमंडल के विद्युत अधीक्षक अभियंता शैलेन्द्र भूषण तिवारी ने बताया कि दीपक की पूरी जानकारी मुख्यालय की ओर से मांगी गई थी, सरकार 3.80 की दर से प्रति यूनिट बिजली खरीदेगी।
25 यूनिट तक बिजली बना रही हैं दीपक
दीपक देवी ने बताया कि अबतक उन्होंने 500-500 वॉट के 6 पैनल लगवाए हैं, जिससे 20 से 25 यूनिट बिजली बनती है, खर्च के बाद 15 से 20 यूनिट बिजली सरकार खरीदेगी।
इस कार्य के लिए सरकार से उन्हें 78 हजार की सब्सिडी भी मिली है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए वह आसपास की महिलाओं को प्रेरित भी कर रही है।
दीपक देवी ने बताया कि पिछले 10 जनवरी को उनके मोबाइल पर राष्ट्रपति भवन से आमंत्रण का मैसेज मिला तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ। इसके बाद उन्हें पोस्ट ऑफिस से भी फोन आया फिर पोस्टमैन ने घर आकर उन्हें आमंत्रणपत्र दिया तब जाकर उन्हें यकीन हुआ। वह कहती है कि योजना पर्यावरण संरक्षण के लिए वरदान है।
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