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जियो के तीन प्लान जो देते हैं डेली 3GB डेटा और 84 दिन की वैलिडिटी

अगर आप जियो यूजर हैं तो डेली 3 जीबी डेटा फ्री में यूज कर सकते हैं. जियो के इन तीन प्लान में आपको डेली 3 हाई स्पीड डेटा और अनलिमिटेड कॉलिंग का बेनिफिट मिलता है. ये प्लान 84 दिन की वैलिडिटी के साथ आते हैं. सबसे अच्छी बात ये है कि ये प्लान 2 हजार रुपये से कम के प्लान हैं. इसका मतलब है कि आपको सस्ते में हाई स्पीड डेटा, अनलिमिटेड कॉलिंग और नेटफ्लिक्स के सब्सक्रिप्शन का भी फायदा मिल रहा है. आइए आपको जियो के तीन ऐसे प्लान के बारे में बताते हैं जो डेली 3 जीबी डेटा इस्तेमाल करने का मौका देते हैं.

जियो के 1799 रुपये वाले प्लान में नेटफ्लिक्स

जियो के 1799 रुपये वाले प्लान में आपको एक से बढ़कर एक बेनिफिट्स मिल रहे हैं. इस प्लान में आपको डेली 3 जीबी डेटा यूज करने के लिए मिलता है. प्लान में कुल 252 GB डेटा मिलता है. 84 दिन की वैलिडिटी वाले इस प्लान में आपको अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग और डेली 100 एसएमएस फ्री मिलते हैं. इसके अलावा एंटरटेनमेंट के लिए आपको नेटफ्लिक्स और जियो सिनेमा का सब्सक्रिप्शन भी मिलता है.

जियो का 1199 रुपये वाला प्लान

इस प्लान में आपको 84 दिन की वैलेडिटी मिलती है. इस प्लान में आपको कुल 252 GB डेटा मिलता है. आप डेली 3 जीबी डेटा को यूज कर सकते हैं. जियो के इन प्लान्स में आपको हाई स्पीड इंटरनेट की सुविधा हासिल कर सकते हैं. इसमें आप ऑफलाइन 100 एसएमएस भी कर सकते हैं. इसके अलावा जियो सिनेमा, जियो टीवी और जियो क्लाउड का सब्सक्रिप्शन भी मुफ्त मिलता है.

449 रुपये में डेली 3GB डेटा

जियो का ये प्लान आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. इस प्लान में भले ही आपको 28 दिन की वैलिडिटी मिलती है. लेकिन आप डेली हाई स्पीड डेटा का लुत्फ उठा सकते हैं. इस प्लान में डेली 3 जीबी डेटा मिलता है. आपको महीनेभर के लिए कुल 84 GB डेटा ऑफर किया जाता है. इसके अलावा इस प्लान में भी आपको जियो सिनेमा का सब्सक्रिप्शन फ्री मिलता है. डेली 100 एसएमएस और अनलिमिटेड वॉयस कॉलिंग मिलती है.

जन सुराज ने अब पटना हाईकोर्ट में दायर की याचिका, BPSC की पुनर्परीक्षा कराने की मांग की

बीपीएससी के छात्रों की मांगों को लेकर जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर आमरण अनशन कर रहे हैं. उनका स्वास्थ्य बिगड़ने की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. दूसरी ओर, जन सुराज पार्टी ने बीपीएससी को लेकर अपनी लड़ाई जारी रखी है और पुनर्परीक्षा की मांग को लेकर पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. जन सुराज की ओर से अधिवक्ता प्रणव कुमार की ओर से पटना उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की गयी है. यह रिट याचिका अनुच्छेद 226 के तहत दायर की गयी है. इसमें कहा गया है कि 70वीं BPSC परीक्षा को रद्द कर फिर से परीक्षा आयोजित की जाए.

जन सुराज पार्टी की ओर से कोर्ट से मांग की गई है कि जब तक फिर से परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है, तब-तक परीक्षा का परिणाम नहीं घोषित किया जाए.

वहीं, जन सुराज पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज भारती ने सरकार के इस दावे को खारिज कर दिया कि प्रश्नपत्र लीक होने के सबूतों के अभाव में 13 दिसंबर की परीक्षा रद्द नहीं की जा सकती.

भारती ने कहा किबापू परीक्षा परिसर में शामिल उम्मीदवारों के लिए पहले ही दोबारा परीक्षा आयोजित की जा चुकी है, जिससे करीब 12,000 उम्मीदवार प्रभावित हुए हैं. अगर सब कुछ ठीक होता तो बीपीएससी दोबारा परीक्षा का आदेश नहीं देता. हालांकि, केवल चुनिंदा उम्मीदवारों की दोबारा परीक्षा लेना अनुचित है. यह मेडिकल दाखिले के लिए नीट जैसी परीक्षा नहीं है; इससे सरकारी नौकरी तय होती है.

प्रशांत किशोर की हालत में सुधार

इस बीच, जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की हालत में गुरुवार को सुधार हुआ. प्रशांत किशोर बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में 2 जनवरी से भूख हड़ताल पर हैं और मंगलवार को तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

पार्टी के एक बयान के अनुसार, किशोर की हालत में सुधार के बाद उन्हें आईसीयू से आइसोलेशन वार्ड में ले जाया गया. पार्टी नेताओं ने दावा किया कि उनके स्वास्थ्य में सुधार के बावजूद किशोर (47) अभी भी निमोनिया और गुर्दे की पथरी से पीड़ित हैं.

चिराग पासवान ने आंदोलनरत छात्रों का किया समर्थन

दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने गुरुवार को बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों का समर्थन किया.लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज की निंदा की और नीतीश कुमार सरकार से बातचीत के लिए दरवाजे खुले रखने की अपील की.

चिराग पासवास ने कहा कि वह छात्रों पर लाठीचार्ज के पक्ष में बिल्कुल नहीं हैं. छात्र जो भी कहें, उसे गंभीरता से सुना जाना चाहिए और उनकी वास्तविक मांगों को स्वीकार किया जाना चाहिए. छात्रों के लिए बातचीत का दरवाजा हमेशा खुला रहना चाहिए.

मंत्री की यह टिप्पणी पटना में बीपीएससी उम्मीदवारों के विरोध प्रदर्शन के बीच आई है, जो 13 दिसंबर की परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर नीतीश कुमार से मुलाकात की मांग कर रहे हैं.

बिहार के लखीसराय में रेल हादसे में तीन सगी बहनों की मौत, एक गंभीर रूप से घायल

बिहार के लखीसराय में हुए एक दर्दनाक हादसे में तीन महिलाओं की मौत हो गई है. एक रेल पटरी को पार करते समय हमसफर एक्सप्रेस की चपेट में आने से तीनों महिलाओं की मौत हो गई. मरने वाली महिलाएं सगी बहने थीं. वहीं इस हादसे में एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई. जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

मिली जानकारी के अनुसार, लखीसराय जिले के चानन के शहीद जितेंद्र हाल्ट के पास एक दर्दनाक हादसा हो गया. तेज रफ्तार ट्रेन की चपेट में आने से तीन महिलाओं की मौत हो गई,. वहीं एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई. हादसे में मृत और घायल चारों महिलाएं सगी बहने हैं.

जानकारी के मुताबिक, चारों बहनें एक पैसेंजर ट्रेन से उतर कर ट्रैक को पार कर रही थीं. उसी दौरान दूसरे ट्रैक पर तेज रफ्तार हमसफर एक्सप्रेस आ गई. महिलाएं ट्रेन को देख नहीं पाईं और ट्रेन की चपेट में आ गईं. टक्कर इतनी जोरदार थी कि शव 15 से 20 फीट की दूरी तक ट्रैक पर बिखर गए.

ब्रह्मभोज के लिए जा रही थीं महिलाएं

मृतकों में पिपरिया की निवासी संसर देवी (42), पीरगौरा की रहने वाली चंपा देवी (55), तथा पीरगौरा की ही निवासी राधा देवी (60) शामिल हैं. वहीं एक बहन हादसे में बच गई, लेकिन गंभीर रूप से घायल है. घायल महिला के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है. जानकारी के अनुसार, सभी बहनें अपने बड़े बहनोई साधु मंडल के भाई शंभू मंडल के ब्रह्मभोज में शामिल होने के लिए गोपालपुर गांव जा रही थीं. इसी दौरान यह हादसा हो गया.

घटनास्थल पर पहुंचे रेलवे के अधिकारी

इधर घटना की सूचना मिलने के बाद हडकंप मच गया. घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंचे. शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. वहीं घायल महिला को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस दर्दनाक हादसे के बाद परिवार और गांव में मातम पसरा हुआ है.

RG Kar रेप-मर्डर मामले की सुनवाई पूरी, 18 जनवरी को सियालदह कोर्ट सुनाएगा फैसला

सियालदह अदालत में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले की सुनवाई पूरी हो गई है. कोर्ट 18 जनवरी को दोपहर सजा का ऐलान करेगा. आरजी कर रेप केस मामले की सुनवाई 11 नवंबर को शुरू हुई. यह सिलसिला लगातार दो महीने तक चलता रहा. जांच एजेंसी सीबीआई इस मामले में पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है. गिरफ्तार सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय एकमात्र आरोपी था. केंद्रीय एजेंसी सीबीआई ने अदालत से उसकी अधिकतम सजा की अपील की है.

बता दें कि 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्टिपल में लेडी डॉक्टर का शव मिला था. उसके बाद कोलकाता पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की तो सिविक वॉलेंटियर संजय रॉय का नाम सामने आया. उस पर लेडी डॉक्टर की हत्या करने का आरोप लगा और उसे गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने इसकी जांच शुरू की थी.

जांच के दौरान सीबीआई ने इस मामले में आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रिंसिपल संदीप घोष सहित कई लोगों से लंबी पूछताछ की. संदीप घोष और पूर्व पुलिस अधिकारी को इस मामले में गिरफ्तार भी किया गया, लेकिन बाद में जमानत मिल गयी थी.

सीबीआई ने अधिकतम सजा की मांग की

सीबीआई के दावे का विरोध करते हुए आरोपी के वकील ने अदालत से कहा कि वह घटना में शामिल नहीं था. वकील ने कहा कि आरोपी को झूठे मामले में फंसाया जा रहा है. आरोपी के वकील ने बुधवार को अदालत को बताया कि पीड़िता के शरीर पर संघर्ष के कोई निशान नहीं थे. उसके कपड़े भी सही सलामत थे. परिणामस्वरूप, सीबीआई जो कह रही है वह सही नहीं है. आरोपी के वकील ने दावा किया कि सीबीआई द्वारा उपलब्ध कराए गए सबूत भी अपर्याप्त थे.

सीबीआई ने कहा कि इस घटना की जांच में मिले सभी सबूत एक ही आरोपी की ओर इशारा करते हैं. विशेषज्ञ डॉक्टरों की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि यह घटना एक व्यक्ति के साथ भी संभव है. इन साक्ष्यों का हवाला देते हुए केंद्रीय एजेंसी ने गिरफ्तार व्यक्ति के लिए अधिकतम सजा की मांग की है.

पीड़िता के परिवार ने की ये मांग

दूसरी ओर, पीड़ित परिवार ने अदालत को बताया कि उनका मानना ​​है कि यह घटना एक व्यक्ति के लिए संभव नहीं था. पीड़िता के माता-पिता एक नई, अधिक विस्तृत जांच चाहते हैं. अदालत ने सभी पक्षों के बयान सुने हैं. सीबीआई ने आरोपी के वकील के बयान के जवाब में गुरुवार को अपनी स्थिति व्यक्त की. यह मुकदमा सियालदह अदालत में बंद दरवाजे के पीछे चल रहा है.दूसरी ओर, लेडी डॉक्टर की हत्या के मामले पर डॉक्टरों ने लंबे समय तक आंदोलन किया था और न्याय की मांग की थी.

महाकुंभ में डुबकी लगाएंगी स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन, साथ में करेंगी 15 दिन का कल्पवास

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है, देश और दुनिया के करोड़ों लोग इस सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन में शामिल होने के लिए आ रहे हैं. इन मेहमानों के बीच लाखों विदेशी मेहमान यहां आध्यात्म की अनुभूति करने आ रहे हैं. इन्हीं विदेशी मेहमानों में एपल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल भी शामिल हैं. स्टीफ जॉब्स की पत्नी के साथ इंफोसिस फाउडेंशन की अध्यक्ष सुधा मूर्ति और जिंदल ग्रुप की चेयरपर्सन सावित्री जिंदल भी शामिल हैं.

जानकारी के मुताबिक एपल कंपनी के को-फाउडर रहे दिवंगत स्टीफ जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल प्रयागराज में शामिल होने के लिए आ रही हैं. वह यहां पर आकर कल्पवास करेंगी. उनके साथ ही कई और दिग्गज अरबपति महिलाएं भी रहेंगी जिनमें सुधा मूर्ति और सावित्री जिंदल जैसे नाम शामिल हैं. इनके अलावा बीजेपी की सांसद हेमा मालिनी भी महाकुंभ में शामिल होने के लिए पहुंचेंगी.

अरबपति हैं लॉरेन

एपल कंपनी में रहते हुए स्टीव जॉब्स ने नाम के साथ-साथ अरबों डॉलर भी कमाए थे. उनके निधन के बाद उनकी संपत्ति लॉरेन को मिली है. करीब 25 अरब डॉलर की संपत्ति की मालकिन लॉरेन पॉवेल 13 जनवरी को भारत पहुंचेंगी. पौण पूर्णिमा पर लॉरेन पॉवेल अन्य वीवीआईपी महिलाओं के साथ प्रथम डुबकी लगाएंगी और संगम की रेती पर कल्पवास भी करेंगी. निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद के शिविर में लॉरेन पॉवेल के ठहरने की व्यवस्था की गई है.

लॉरेन कल्पवास के दौरान 19 जनवरी से शुरू होने वाली कथा की पहली यजमान भी होंगी. लॉरेन पॉवेल 29 जनवरी तक शिविर में रहेंगी और इस दौरान वह सनातन को और भी करीब से जानेंगी. सुधा मूर्ति भी महाकुंभ में संगम में स्नान करेंगी, उनके ठहरने के लिए उल्टा किला के पास कॉटेज तैयार किया गया है. वहीं सावित्री देवी जिंदल, स्वामी अवधेशानंद व चिदानंद मुनि के शिविरों में ठहरेंगी. वहीं हेमा मालिनी जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज के शिविर में ठहरेंगी.

पति 3 साल से पत्नी का करा रहा रेप… सऊदी में बैठकर देखता वीडियो और बदले में लेता पैसे

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां पर एक महिला ने अपने ही पति पर आरोप लगाया है कि उसका पति दुबई में है और उसके पति के दोस्त पिछले तीन साल से महिला के साथ दुष्कर्म कर रहे हैं. यही नहीं महिला ने बताया कि उसके पति के दोस्त महिला के साथ दुष्कर्म करते हुए वीडियो बनाकर उसके पति को भेजते हैं, जिसके बदले महिला का पति पैसे लेता है.

ये मामला बुलंदशहर के गुलौठी का है. महिला की शादी गुलौठी के रहने वाले एक युवक से 15 साल पहले साल 2010 में शादी हुई थी. उसके दो बेटे और दो बेटियां हैं. उसका पति सऊदी में रहकर काम करता है. साल में एक या दो बार अपने परिवार से मिलने के लिए आता है. महिला ने आरोप लगाया कि तीन साल पहले उसका पति अपने दो दोस्तों को लेकर घर आया और महिला के साथ दुष्कर्म कराया.

बच्चों के लिए चुप रही महिला

महिला ने शिकायत करते हुए बताया कि वही दो दोस्त पति की गैर-मौजूदगी में भी महिला के घर पर आते हैं और उसके साथ रेप करते हैं. वह इस दौरान वीडियो भी बनाते हैं. महिला ने कहा कि जब मैंने अपने पति से उसके दोस्तों की शिकायत की तो उसने मुझे ही चुप कर दिया. उसने मुझे इसलिए चुप किया, क्योंकि उसके दोस्त उसे वीडियो भेजते हैं. रेप के बदले पैसे देते हैं. मैं अब तक सिर्फ अपने बच्चों के लिए चुप रही.

सऊदी में बैठकर देखता वीडियो

महिला ने आगे कहा कि वह मेरे साथ होने वाले दुष्कर्म का वीडियो सऊदी अरब में बैठकर देखता है. महिला ने बताया कि जब वह इसके खिलाफ आवाज उठाती, तो उसका पति उसे तलाक की धमकी देकर फिर चुप करा देता था. हाल ही में जब उसका पति आया तो महिला का उसके साथ झगड़ा हुआ. इसके बाद महिला थाने पहुंची और आपबीती बताई. महिला के भाई ने कहा कि उसकी बहन ने उसे भी 15 दिन पहले ही सारी बात बताई. अब पुलिस मामले की जांच कर रही है. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.

वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम की रिपोर्ट: 2025 में 7 करोड़ से अधिक नई नौकरियां आएंगी, जानें किन सेक्टरों में बढ़ेंगे मौके

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) की फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025 के अनुसार इस साल 78 मिलियन यानी की 7 करोड़ से अधिक नई नौकरियां आएंगी. वहीं 2030 तक लगभग 170 मिलियन नई नौकरियां आने की संभावना है. रिपोर्ट्स के अनुसार कई सेक्टर में जाॅब की गिरावट भी हो सकती है. आइए जानते हैं कि किन सेक्टरों में जाॅब के मौके बढ़ेंगे और किन सेक्टरों में नौकरियों की गिरावट हो सकती है.

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की वार्षिक बैठक 20 से 25 जनवरी को दावोस में होने वाली है. बैठक से पहले जारी इस रिपोर्ट में कहा गया कि अगले पांच सालों में कृषि श्रमिकों और ड्राइवरों की नौकरियां सबसे तेजी से बढ़ने वाली जाॅब की कैटेगरी में होंगी. हालांकि कैशियर और टिकट क्लर्क की जाॅब में सबसे ज्यादा गिरावट हो सकती है. 1000 से ज्यादा कंपनियों के डेटा के आधार पर अध्ययन में पाया गया कि स्किल डिफरेंस आज भी व्यवसाय परिवर्तन के लिए सबसे बड़ी बाधा बना हुआ है.

इन सेक्टरों में तेजी से बढ़ेंगी नौकरियां

एआई, बिग डेटा और साइबर सिक्योरिटी में टेक्नोलॉजी स्किल की मांग में तेजी से बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. यानी की इन सेक्टरों में आने वाले समय में नौकरियां अधिक आएंगी. रिपोर्ट के अनुसार शिक्षा जैसे आवश्यक क्षेत्र में 2030 तक सबसे अधिक नौकरी आएंगी. वहीं एआई और नवीकरणीय ऊर्जा में प्रगति जाॅब मार्केट को नया रूप दे रही है

प्रौद्योगिकी या विशेषज्ञ भूमिकाओं की मांग में वृद्धि हो रही है. वहीं सबसे तेजी से बढ़ने वाली पांच नौकरियों की सूची में खेत में काम करने वाले मजदूर, मजदूर और हल्के ट्रक या डिलीवरी सेवा चालक, सॉफ्टवेयर और एप्लिकेशन डेवलपर, फिनिशर और संबंधित ट्रेड कर्मचारी और दुकान विक्रेता होंगे.

इन सेक्टर में कम हो सकती हैं नौकरियां

वहीं रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक कैशियर और प्रशासनिक सहायक जैसी भूमिकाएं सबसे तेजी से घट रही हैं. सबसे तेजी से घटने वाली नौकरियों की सूची में कैशियर और टिकट क्लर्क सबसे ऊपर हैं. इसके बाद प्रशासनिक सहायक और कार्यकारी सचिव. बिल्डिंग केयरटेकर, क्लीनर और हाउसकीपर, सामग्री-रिकॉर्डिंग और स्टॉक-कीपिंग क्लर्क कर्मचारी हैं.

तिरुपति मंदिर में भगदड़ में 6 की मौत, 40 घायल; सरकार ने किया 25 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बुधवार देर रात भयावह तस्वीर सामने आई. एकादशी के मौके पर दर्शन करने के लिए इकट्ठा हुए श्रद्धालु लंबे समय से लाइन में लग कर टोकन लेने का इंतजार कर रहे थे. हर श्रद्धालु अपने परिवार के लिए जल्दी से टोकन लेकर दर्शन करना चाहता था, इसी के चलते जैसे ही पुलिस ने तिरुमाला श्रीवारी वैकुंठ द्वार टिकट काउंटर खोला, सभी लोग एक साथ दौड़ पड़े और भगदड़ मच गई.

इस भगदड़ में अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है और लगभग 40 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उनको अस्पताल में भर्ती किया गया है. सरकार ने तिरुपति घटना के पीड़ित परिवारों को 25 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है. मंत्री सत्य प्रसाद ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने का ऐलान किया है. साथ ही भगदड़ की घटना पर मामले दर्ज कर लिए गए हैं और जांच की जा रही है. पुलिस ने बीएनएस की धारा 194 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. साथ ही सीएम चंद्रबाबू नायडू पीड़ित परिवारों से खुद मुलाकात भी करेंगे.

कैसे हुआ हादसा?

एकादशी दर्शन के लिए तिरुपति मंदिर में दर्शन करने के लिए हजारों की तादाद में लोग जुटे थे. दर्शन करने के लिए सभी के पास टोकन होना जरूरी था, बिना टोकन के वो दर्शन नहीं कर सकते थे. बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग सभी इस भीड़ में शामिल थे. टोकन देने के लिए 91 काउंटर बनाए गए थे. एक पीड़ित परिवार ने बताया कि वो सुबह 11 बजे से कतार में खड़े हो कर टोकन मिलने का इंतजार कर रहे थे. इसी बीच जैसे ही पुलिस ने तिरुमाला श्रीवारी वैकुंठ द्वार का टिकट काउंटर हजारों लोग एक साथ टोकन लेने के लिए दौड़ पड़े और कई लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए.

अब तक हुई 6 लोगों की मौत में एक महिला की पहचान की गई. मृत महिला का नाम मल्लिका बताया जा रहा है. महिला के पति ने बताया कि कैसे उनकी पत्नी इस भयावह घटना का शिकार हो गई. महिला के पति ने कहा, जब मैं और मेरी पत्नी बाकी लोगों के साथ वैकुंठ द्वार दर्शन काउंटर से टिकट हासिल करने के की कोशिश कर रहे थे तभी भगदड़ मच गई और इस भगदड़ में हालात इतने खराब हो गए कि मेरी पत्नी की मौत हो गई. मैंने अपने रिश्तेदारों को इस बात की जानकारी दे दी है और वो सब यहां पहुंच रहे हैं.

कौन जिम्मेदार?

इस घटना का कौन जिम्मेदार है? यह सवाल सबसे पहले मन में आता है, लेकिन इस के जवाब के लिए जांच की जा रही है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) (Tirumala Tirupati Devasthanams) ने इस हादसे के बाद कई जानकारियां सामने रखी है. टीटीडी बोर्ड मेंबर भानु प्रकाश रेड्डी ने कहा, मंदिर में एकादशी दर्शन के लिए टोकन दिए जा रहे थे, हम ने 91 काउंटर खोले थे. भगदड़ मचना बहुत दुखद है. मैं सभी श्रद्धालुओं से माफी मांगता हूं. टीटीडी के चेयरमेन बी.आर. नायडू ने कहा कि यह भगदड़ ज्यादा भीड़ इकट्ठी होने की वजह से मची थी.

प्रयागराज: महाकुंभ के दौरान पांच दिन तक नहीं चलेगी कोई गाड़ी, चलना होगा पैदल

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ में अब बस कुछ ही दिन बाकी हैं. 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत होगी, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु पहुंचेंगे. उनकी सुरक्षा के लिए प्रशासन ने कई इंतजाम किए हैं. इसमें ट्रैफिक व्यवस्था सबसे अहम है. प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान पांच दिनों नो व्हीकल जोन रहेगा यानी पांच दिन प्रयागराज में कोई गाड़ी मेला क्षेत्र में नहीं चलेगी.

दूसरे शहर से आने वाली गाड़ियों को भी शहर के बाहर ही पार्किंग एरिया में ही रोक दिया जाएगा. इसके बाद पार्किंग एरिया से आगे श्रद्धालुओं को शटल सर्विस की बसों से मेले में पहुंचने में मदद मिलेगी. नो व्हीकल जोन एरिया 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के स्नान के वक्त 5 दिनों तक शहर में लागू रहेगा. ये पांच दिन 27 जनवरी से 31 जनवरी तक होंगे, जब मेला क्षेत्र में कोई भी गाड़ी नहीं जाएगी.

24 सैटेलाइट पार्किंग एरिया

प्रयागराज के एडीजी भानु भास्कर ने जानकारी देते हुए बताया कि मौनी अमावस्या के साथ-साथ और भी चार स्नान पर्वों के दौरान भी 3 दिन प्रयागराज में मेला क्षेत्र के अंदर नो व्हीकल जोन रहेगा. यातायात व्यवस्था के बारे में बात करते हुए भानु भास्कर ने आगे बताया कि मेला क्षेत्र के आसपास 24 सैटेलाइट पार्किंग बनाई गई हैं, जिसमें सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं. इस ढंग से व्यवस्था की गई है कि जिधर से भी श्रद्धालु शहर में प्रवेश करेंगे. उसी ओर बनाए गए स्नान घाट पर स्नान कर पाएंगे

ज्यादा पैदल चलना पड़ेगा

आमतौर पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं को करीब एक से डेढ़ किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. वहीं इस पर्व के दौरान स्नान के लिए सभी श्रद्धालुओं को 3 से 4 किलोमीटर पैदल चलना पड़ेगा. यही नहीं स्नान के दौरान एक दिन पहले और एक दिन बाद में यहां से कोई ट्रेन भी नहीं चलेगी. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लगाई गईं शटल सर्विस की सभी बसें सिविल लाइंस बस अड्डे से निकलेंगी. ऐसे में अगर कोई इमरजेंसी होती है तो उसके लिए ग्रीन कॉरिडोर भी बनाए गए हैं, जिससे की एंबुलेंस को सुरक्षित निकाला जा सकेगा.

गूगल मैप्स का इस्तेमाल करना असम पुलिस को पड़ा भारी, नागालैंड के लोगों ने बना लिया बंधक

गूगल मैप्स का इस्तेमाल कई लोग करते हैं. यह हमारी सुविधा के लिए बनाया गया है. लेकिन कई बार इसका इस्तेमाल करना भारी भी पड़ जाता है. ऐसा ही एक मामला अब असम से सामने आया है. यहां असम पुलिस एक अपराधी का गूगल मैप्स के जरिए पीछा कर रही थी. लेकिन गलती से वो नागालैंड पहुंच गए. उनमें से सिर्फ तीन लोगों ने पुलिस की वर्दी पहनी थी. बाकी सादी वर्दी में थे. नागालैंड के लोगों को लगा कि शायद उनके इलाके में अपराधी घुस आए हैं. इसलिए लोगों ने पुलिस वालों पर हमला कर दिया और रात भर बंधक बनाकर रखा.

दरअसल, असम पुलिस की 16-सदस्यीय एक टीम छापेमारी के दौरान ‘गूगल मैप्स’ के जरिये अनजाने में नागालैंड के मोकोकचुंग जिले में पहुंच गई थी. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिसकर्मियों को अपराधी समझकर उनपर हमला कर दिया और उन्हें रात भर बंधक बनाकर रखा.

नागालैंड की सीमा में चली गई पुलिस

असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह घटना मंगलवार रात को उस समय हुई जब जोरहाट जिला पुलिस की एक टीम एक आरोपी को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही थी. पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘यह चाय के बागान वाला इलाका था, जिसे गूगल मैप पर असम में दिखाया गया था. हालांकि, यह वास्तव में नागालैंड के अंदर था. GPS पर भ्रम और भ्रामक मार्गदर्शन के कारण अपराधी की तलाश में टीम नगालैंड की सीमा में चली गई.’ उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने असम पुलिस की टीम के कर्मियों को अत्याधुनिक हथियार लेकर आया बदमाश समझा और उन्हें हिरासत में ले लिया.

सादे कपड़ों में थे पुलिसकर्मी

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘पुलिस टीम के 16 कर्मियों में से केवल तीन वर्दी में थे और बाकी सभी सादे कपड़ों में थे. इससे स्थानीय लोगों में भी भ्रम की स्थिति पैदा हो गई. उन्होंने टीम पर हमला भी किया और हमारा एक कर्मी घायल हो गया.’

नागालैंड में प्रतिकूल स्थिति की सूचना मिलने पर जोरहाट पुलिस ने तुरंत मोकोकचुंग के पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया, जिन्होंने असम पुलिस कर्मियों को बचाने के लिए एक टीम मौके पर भेजी. स्थानीय लोगों को तब एहसास हुआ कि यह असम से आई असली पुलिस टीम थी और उन्होंने घायल व्यक्ति सहित पांच सदस्यों को छोड़ दिया. हालांकि, उन्होंने शेष 11 लोगों को रात भर बंधक बनाए रखा. सुबह उन्हें रिहा कर दिया गया और बाद में वे जोरहाट पहुंच गए.