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रायपुर निगम की महापौर की सीट महिला के लिए आरक्षित होते ही दावेदारों में लगी होड़, जानिए कौन-कौन हैं रेस में…
रायपुर- नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की आरक्षण प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब भाजपा और कांग्रेस में दावेदारी की रेस शुरू हो चुकी है. रायपुर नगर निगम में महापौर की सीट सामान्य महिला के लिए आरक्षित हुआ है ऐसे में दोनों ही पार्टियों की नेत्रियां खुलकर पार्टी के समक्ष अपनी दावेदारी रख रही है. इनमें कुछ नाम कुछ नाम खुलकर सामने आए है वही कुछ नामों की संगठन में चर्चा तेज हो चुकी है. 

किस पार्टी से कौन कर रहा दावेदारी, किसकी दावेदारी सबसे मज़बूत 

भारतीय जनता पार्टी

मीनल चौबे
निगम में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका सक्रियता से निभायी है. संगठन की राजनीति में सक्रिय हैं. सामान्य महिला में इनकी दावेदारी सबसे मज़बूत मानी जा रही है. 

शैलेंद्री परगनिहा 

संगठन में शैलेंद्री परगनिहा का नाम चर्चे में है. अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की सदस्य है. 25 साल से भी अधिक समय से राजनीति में सक्रिय है. संगठन में पार्षद, ज़िलाध्यक्ष, महामंत्री जैसे अहम भूमिका में रही है. दावेदारी को लेकर उन्होंने कहा है कि टिकट के लिए मज़बूत दावेदारी है, पार्टी ने मौक़ा दिया तो ज़रूर चुनाव लड़ेंगे और जिसे भी टिकट मिलेगी उनके लिए डटकर काम करेंगे. 

वर्णिका शर्मा 

संगठन में सक्रिय है. संगठन के मुद्दों को प्रमुखता से रखती आई हैं. पार्टी में वर्णिका शर्मा का नाम भी चर्चे में है. संघ से जुड़ी वर्णिका शर्मा नक्सल विषयों पर मुखर रही हैं. संगठन में इनके नाम की चर्चा है. हालाँकि, इन्हें इसकी जानकारी अब तक नहीं है.

शताब्दी पांडेय

संगठन और संघ से जुड़ी हुई है. छात्र राजनीति से सक्रिय है, कई अहम भूमिका में रही है. शताब्दी पांडेय का भी नाम सुर्ख़ियों में है, बातचीत में उन्होंने महापौर के टिकट की स्वाभाविक दावेदारी पेश की है और कहा है कि संघ और संगठन जो ज़िम्मेदारी देगी उसे निभायेंगे.

प्रभा दुबे

संगठन की राजनीति में सक्रिय है. प्रभा दुबे को पार्टी ने किरणमई नायक के मुकाबले महापौर प्रत्याशी बनाया था, उनको हार का सामना करना पड़ा था. सक्रिय चेहरों और चर्चे में इनका नाम भी शामिल है. 

सीमा संतोष साहू 

दो बार पार्षद के तौर पर चुनी गई है और भाजपा महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष भी हैं. ओबीसी वर्ग से आती हैं. महापौर की टिकट के लिए दावेदारी भी कर रही है.

सरिता दुबे

ब्राह्मण पारा से पार्षद है. निगम की राजनीति में सक्रिय है. अपने वार्ड के मुद्दों सभा से सड़क तक उठाती रही है. निगम की राजनीति में मीनल चौबे के बाद सरिता दूबे का नाम रेस में आगे है. 

कांग्रेस

वंदना राजपूत

संगठन राजनीति में सक्रिय रही है. पार्टी के पक्ष को मज़बूती के साथ रखा है. राजधानी की महिला मोर्चा में उनका चेहरा सबसे सक्रिय रहा है. उन्होंने महापौर पद के लिए दावेदारी भी की है. कहा है कि दावेदारी है, पार्टी के निर्णय लेगी वो मंज़ूर होगा. 

प्रीति उपाध्याय

संगठन में सक्रिय रही है, दावेदारी की है. प्रीति कुणाल शुक्ला. प्रबल दावेदारी है, ख़ुशी है कि राज्य से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पार्टी ने ज़िम्मेदारिया दी है और सक्षम समझा है। शुरू से पार्टी के लिए काम करते आये है, पूरी उम्मीद है पार्टी टिकट हमें ही देगी.

दीप्ति दुबे

पूर्व महापौर प्रमोद दुबे की पत्नी है और प्रमोद दुबे के साथ राजनीति में सक्रिय भी रही हैं. प्रमोद दुबे द्वारा उनकी पत्नी की दावेदारी बेहद अहम मानी जा रही है. 

किरणमयी नायक

किरणमयी नायक वर्तमान में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष हैं. रायपुर नगर निगम की महापौर भी रही हैं. उनका नाम भी महापौर के चेहरे में मज़बूत नज़र आ रहा हैमहिला आयोग में उनका कार्यकाल 2026 तक है. यदि पार्टी उन्हें मौक़ा देती है तो उन्हें महिला आयोग के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर मैदान में उतरेंगी. हालाँकि, यदि पार्टी नए चेहरे पर जाती है तो किरणमयी नायक का नाम हट सकता है बातचीत में उन्होंने कहा कार्यकर्ता से लेकर पार्टी के नेताओं का लगातार संपर्क बना हुआ है, महिला आरक्षण के बाद काफ़ी प्रेशर है. पार्टी जो निर्णय लेगी वही मंज़ूर होगा. 

प्रगति बाजपेयी

2015 से संगठन में सक्रिय रही है, महिला कांग्रेस में प्रदेश सचिव और महासचिव के पद पर रही है इसके साथ ही विभिन्न राज्यों में प्रभारी की भी ज़िम्मेदारी पार्टी ने दी है.कांग्रेस से मज़बूत दावेदार है.

अन्य दावेदार

इसके अलावा कविता ग्वालानी, संगीता दुबे, प्रगति वाजपेयी, उषा रज्जन श्रीवास्तव, ममता राय के नाम भी सामने आए है. वहीं कांग्रेस के नेता जो निगम से लेकर संगठन की राजनीति में सक्रिय और पदाधिकारी भी रहे है, वो अपनी पत्नियों के नाम भी आगे कर रहे हैं. इसमें नागभूषण राव की पत्नी राधिका नागभूषण राव, कुलदीप जुनेजा की पत्नी- परमजीत कुलदीप जुनेजा, कन्हैया अग्रवाल की पत्नी डॉ मीनाक्षी अग्रवाल का शामिल है.

वहीं रायपुर के पूर्व महापौर एजाज़ ढेबर भी अपनी पत्नी का नाम महापौर पद के लिए आगे करते हुए नज़र आए, लेकिन उनकी पत्नी ने संगठन में सालों से सक्रिय नेत्रियों को प्राथमिकता देने की बात कह दी है. हालाँकि, ढेबर अभी भी अपनी पत्नी के लिये टिकट की दावेदारी कर रहे है.

कांग्रेस कराएगी सर्वे, बीजेपी में संगठन नेतृत्व करेगा तय

कांग्रेस नेता पंकज शर्मा ने नगरीय निकाय के कैंडिडेट को लेकर बातचीत में कहा कि पार्टी के लिए नगरीय निकायों में जीत सबसे अहम है. जो भी कैंडिडेट में जीत की सक्षमता और सक्रियता नज़र आयेगी निश्चित रूप से पार्टी उन्हें मौक़ा देगी, सबसे अहम फैक्टर जीत है. इसके साथ उन्होंने सर्वे कराने की भी बात कही. वहीं बीजेपी महामंत्री संजय श्रीवास्तव ने कहा कि आरक्षण पूरा होते ही नेत्रियों ने दावेदारी की है. हालाँकि, सक्रियता के साथ-साथ और भी कई बातों का ध्यान रखा जाएगा.

बीते विधानसभा से लेकर उपचुनाव तक देखा गया कि बीजेपी ने कई नए चेहरों को मौक़ा दिया है. निश्चित ही मज़बूत दावेदारों के नाम है, लेकिन बीजेपी चौकाने से पीछे कभी नहीं हटती. वहीं कांग्रेस का इतिहास निकायों में जीत दर्ज करने का रहा है, लेकिन ये स्पष्ट है कि बीते चुनावों में मिले शिकस्त को देखते हुए जीत सुनिश्चित करने कैंडिडेट्स का चयन कांग्रेस बेहद सोच समझ कर करने वाली है, जिसके लिये सर्वे की भी तैयारी है.

स्पेशल कोर्ट से सौम्या चौरसिया को जमानत, लेकिन जेल से बाहर नहीं आ पाएंगी…

रायपुर-  लंबे समय से जेल में कैद सौम्या चौरसिया के लिए राहत भरी खबर आई है. आय से अधिक संपत्ति मामले में नियत समयावधि में चार्जशीट दाखिल न होने पर एसीबी/ईओडब्लू स्पेशल कोर्ट ने सौम्या चौरसिया को जमानत दे दी है. लेकिन सौम्या चौरसिया अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगी क्योंकि उनके विरुद्ध कोल लेव्ही का केस चल रहा है.

एसीबी/ईओडब्लू कोर्ट में न्यायाधीश निधि शर्मा तिवारी के समक्ष सौम्या चौरसिया के अधिवक्ता फैजल रिज़वी ने 7 जनवरी को ज़मानत आवेदन पेश किया था. अधिवक्ता के आवेदन में बताया कि नियत समयावधि साठ दिन हो चुके हैं और चालान पेश नहीं हुआ है इसलिए ज़मानत दी जाए. इस आवेदन के बाद एसीबी/ईओडब्लू की ओर से आवेदन देकर बहस के लिए आज का समय मांगा गया.

एसीबी की ओर से श्लोक श्रीवास्तव और मिथिलेश वर्मा ने यह तर्क दिया कि एसीबी के प्रकरण में चार्जशीट दाखिल करने की मियाद 60 दिन बल्कि 90 दिन है. इस पर बचाव पक्ष के अधिवक्ता फैजल रिज़वी ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के न्याय दृष्टांत के साथ यह तर्क किया कि चार्जशीट दाखिल करने की अवधि 60 दिन है. बचाव पक्ष की ओर से बीएनएसएस 187(3) का उल्लेख करते हुए न्यायालय से अनुरोध किया कि इसमें भी साठ दिवस की अवधि निर्धारित है.

लेकिन जेल में रहेंगी सौम्या

रायपुर की विशेष अदालत (एसीबी/ईओडब्लू) ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता फैजल रिज़वी के तर्कों से सहमत होते हुए सौम्या चौरसिया को ज़मानत दे दी. ईडी के कोल लेव्ही स्कैम में सौम्या चौरसिया को सुप्रीम कोर्ट से पूर्व में ज़मानत मिल चुकी है, आय से अधिक संपत्ति मामले में भी उन्हें रायपुर अदालत से ही ज़मानत मिल गई है. लेकिन सौम्या चौरसिया अभी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगी क्योंकि उनके विरुद्ध एसीबी/इओडब्लू ने कोल लेव्ही केस में केस दर्ज कर रखा है, और इस प्रकरण में उन्हें ज़मानत नहीं मिल सकी है.

भाजपा नेता प्रेम प्रकाश पांडेय की याचिका पर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई, विधायक देवेंद्र यादव को जवाब पेश करने दिया 10 दिन का समय…

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में बुधवार को भिलाई से कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव के खिलाफ भाजपा नेता प्रेमप्रकाश पांडे की ओर से दायर चुनाव याचिका पर सुनवाई हुई. न्यायाधीश ने देवेंद्र यादव को दस दिनों के भीतर जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया. मामले की अगली सुनवाई 22 जनवरी को होगी. 

मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने प्रतिवादी पक्ष (देंवेंद्र यादव) से कहा कि आपने अभी तक शपथ पत्र पेश क्यों नहीं किया. आपको बहुत मौके कोर्ट द्वारा दिए जा चुके है, यह आपको अंतिम अवसर दिया जा रहा है यदि आपने शपथ पत्र के साथ जवाब पेश नहीं किया तो केस आगे बढ़ाया जाएगा.

प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता ने पिछले 6 सुनवाई की तरह अपने पक्षकार से जेल मुलाकात से किया इंकार तो याचिकाकर्ता के वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. निर्मल शुक्ला और अधिवक्ता देवाशीष तिवारी ने जेल में जाकर प्रतिवादी के अधिवक्ता की देवेंद्र यादव से 8 बार मिलने की तारीखें गिनाई. न्यायालय में झूठ पकड़े जाने पर न्यायाधीश ने अधिवक्ता को फटकार लगाई.

देवेंद्र यादव के अधिवक्ता ने कहा यदि विधायकी रद्द होती है, तो मेरे साथ पूरे क्षेत्र की जनता उपचुनाव से परेशान होगी, न्यायलय ने कहा आप 10 दिनों के अंदर जवाब पेश करें. मामले की आगामी सुनवाई 22 जनवरी को होगी.

मंत्रिमंडल विस्तार पर प्रदेश प्रभारी और मुख्यमंत्री साय का आया बयान, जानिए क्या कहा…

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख तय होने के साथ ही शपथ ग्रहण की तैयारी शुरू हो चुकी है. इसे लेकर सीएम विष्णु देव साय ने कहा कि बहुत जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. वहीं मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण की तैयारी को लेकर प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन ने कहा कि जब भी तैयारी होगी इसकी सूचना आपको पहले होगी और जल्द होगी.

सूत्रों के मुताबिक साय कैबिनेट का विस्तार 12 या 13 जनवरी को तय है. सूत्र बताते हैं कि छत्तीसगढ़ में हरियाणा की तरह मुख्यमंत्री सहित 14 मंत्रियों का फार्मूला लागू हो सकता है.

जानिए संभावित नामों में कौन-कौन

संभावित मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा में आरएसएस बैकग्राउंड से आने वाले दुर्ग शहर से विधायक गजेंद्र यादव को मंत्री बनाया जाना तय है. कहते हैं कि संघ से भी उन्हें मंत्री बनाए जाने का दबाव है. संघ से उनके नाम की पैरवी की खबर है. साथ ही यादव समाज को साधने के लिहाज से भी मंत्रिमंडल में उन्हें जगह दिए जाने की वकालत की गई है. इसके अलावा अमर अग्रवाल का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है. संगठन सूत्र कहते हैं कि उनका नाम लगभग तय है. 14 साल तक मंत्री रह चुके अमर अग्रवाल रिजल्ट ओरिएंटेड काम करने के लिए पहचाने जाते हैं. भीड़ से अलग रहकर काम करने में भरोसा करने वाले अमर अग्रवाल ने पूर्ववर्ती रमन सरकार में आबकारी पॉलिसी बनाई थी. शराब बिक्री का ठेका सिस्टम खत्म किया था. इस फैसले से आबकारी राजस्व में अभूतपूर्व बढ़ोतरी हुई थी. अमर अग्रवाल देश में इकलौते चेहरे रहे हैं, जो सर्वाधिक लंबे समय तक जीएसटी काउंसिल में बतौर सदस्य शामिल थे. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव भी मंत्री बनने वाले संभावित चेहरों में मजबूत माने जा रहे हैं.

HMPV को लेकर छत्तीसगढ़ सतर्क, सुझाव और दिशा निर्देश तैयार करने तकनीकी समिति का किया गठन

रायपुर-   भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के संबंध में सभी राज्यों को जागरूकता हेतु निर्देशित किया गया है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ राज्य में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) संक्रमण के संबंध में वर्तमान / अद्यतन स्थिति पर सतत् निगरानी बनाए रखने हेतु एक तकनीकी समिति का गठन किया गया है।

HMPV के संक्रमण के रोकथाम, बचाव, जागरूकता एवं आगामी कार्ययोजना के संबंध में आवश्यक सुझाव एवं दिशा निर्देश तैयार किए जाने हेतु इस तकनीकी समिति का गठन किया गया है।

इस समिति में संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ.एस.के. पामभोई अध्यक्ष के रूप में हैं। इनके साथ सदस्य के रूप में उपसंचालक डॉ. खेमराज सोनवानी, उपसंचालक डॉ. धर्मेन्द्र गहवई, राज्य सलाहकार आईएसडीपी आकांक्षा राणा तथा राज्य सलाहकार आईएसडीपी चयनिका नाग शामिल हैं। यह तकनीकी समिति राज्य में HMPV के संबंध में समय-समय पर अपना प्रतिवेदन अभिमत स्वास्थ्य विभाग को प्रस्तुत करेगी।

महापौर के लिए कांग्रेस नेताओं की पत्नियों की दावेदारी का विरोध,महिला कांग्रेस ने PCC चीफ को लिखा पत्र, कहा–सक्रिय कार्यकर्ताओं को दें प्राथमिकता

रायपुर- छत्तीसगढ़ के सभी नगर निगम में महापौर के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दावेदारों की होड़ लग गई है. कांग्रेस में महापौर पद के लिए कांग्रेस नेताओं की पत्नियों ने दावेदारी की है, जिस पर महिला कांग्रेस ने विरोध जताया है. महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव ने पीसीसी चीफ दीपक बैज को पत्र लिखकर नगर निगम में महिला आरक्षण के बाद सक्रिय महिला कार्यकर्ता को प्राथमिकता देने की बात कही है.

महिला कांग्रेस की प्रदेश महासचिव प्रगति वाजपेयी ने पत्र में लिखा है कि महापौर के लिए पार्टी के नेता अपनी पत्नियों के नाम आगे कर रहे हैं. ये पार्टी के हित के खिलाफ है. महिला कार्यकर्ताओं की सक्रिय भूमिका को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. सालभर महिला कार्यकर्ता पूरी निष्ठा के साथ पार्टी के लिए काम करती है. प्रदेश की सभी महिला आरक्षित सीटों पर सक्रिय महिला कांग्रेस और पीसीसी के कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाए.

इन नेताओं ने अपनी पत्नियों के लिए की है दावेदारी

बता दें कि प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव के लिए आरक्षण की प्रक्रिया 7 दिसंबर को पूरी हुई. महिला आरक्षित महापौर पद के लिए कांग्रेस नेताओं ने अपनी पत्नियों के लिए टिकट की दावेदारी की है. इसमें पूर्व महापौर एजाज ढेबर, पूर्व महापौर प्रमोद दुबे, कन्हैया अग्रवाल, कुलदीप जुनेजा समेत कई नाम शामिल हैं.

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज को मिला केबिनेट मंत्री का दर्जा, तत्काल प्रभाव से आदेश हुआ लागू…

रायपुर-  राज्य शासन छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सलीम राज, को राज्य सरकार ने केबिनेट मंत्री का दर्जा प्रदान किया है. उन्हें केबिनेट मंत्री का दर्जा केवल शिष्टाचार के लिए प्रदान किया गया है. सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय द्वारा जारी यह आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील हो गया है. 

डॉ. सलीम राज ने केबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, भाजपा के प्रदेश नेतृत्व और शीर्ष नेतृत्व का आभार व्यक्त किया है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि मैं इस जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा के साथ निभाने का प्रयास करूंगा. आप सभी के समर्थन और विश्वास के लिए मैं सदैव कृतज्ञ रहूंगा. आपकी प्रेरणा और मार्गदर्शन से हम छत्तीसगढ़ को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : मुंगेली जनपद अनारक्षित, लोरमी अनारक्षित महिला तो पथरिया अजा महिला के लिए आरक्षित…

मुंगेली- मुंगेली जिले के अंतर्गत आने वाले तीनों जनपद के अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण तय हुआ. मुंगेली अनारक्षित, लोरमी अनारक्षित (महिला) और पथरिया अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित हुआ. इसके साथ मुंगेली और लोरमी जिला और जनपद पंचायत के सदस्यों का भी आरक्षण हुआ.

कलेक्ट्रेट के मनियारी सभाकक्ष में जनपद अध्यक्ष के साथ जिला पंचायत कार्यालय में जिला पंचायत और जनपद पंचायत सदस्यों का आरक्षण तय किया गया. कलेक्टोरेट में आरक्षण की प्रक्रिया कलेक्टर तो जिला पंचायत कार्यालय में जिला पंचायत और जनपद पंचायत सदस्यों का आरक्षण तय हुआ. मुंगेली जिला पंचायत के 12 सदस्य क्षेत्रों के लिए 6 अनारक्षित, 3 अनुसूचित जाति, 2 अन्य पिछड़ वर्ग के लिए आरक्षित किया गया.

देखिए पूरी सूची –

सीएम साय के सलाहकार पंकज झा ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर साधा निशाना, कहा- सुरेश चंद्राकर के पास तो खूब काम था, फिर क्यों…

रायपुर- पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के युवाओं को काम नहीं मिलने की वजह से अपराध बढ़ने वाले बयान पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मीडिया सलाहकार पंकज कुमार झा ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता सुरेश चंद्राकर के पास तो खूब काम थे, फिर उन्होंने क्यों इतना बर्बर अपराध किया?

पंकज कुमार झा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर किए अपने पोस्ट में लिखा है कि भाजपा लगातार कहती रही है कि हर कांग्रेसी अपराधी हैं, ऐसा बिल्कुल नहीं है. पर यह तथ्य है छत्तीसगढ़ में हर अपराध के पीछे प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस से संबंधित कोई न कोई होता ही है. इसके जवाब में भूपेश बघेल ने पिछले दिनों एक अजीब बात कही थी.

पूर्व सीएम ने प्रेस कांफ्रेंस में राजीव मितान क्लब से संबंधित आरोपों पर जवाब देते हुए कहा था कि क्योंकि अब उस क्लब के सदस्यों को काम आदि नहीं दिया जा रहा, इसलिए सूखा नशा, अपराध आदि बढ़ रहे हैं. ऐसा कह कर वे साफ-साफ छत्तीसगढ़ भाजपा के आरोपों पर मुहर लगाते नजर आये कि अपराधों से कांग्रेस का कनेक्शन है.

झा ने कहा कि हालांकि, हम हर कांग्रेसी युवा को अपराधी बिल्कुल नहीं मानते. भूपेशजी को ऐसा बिल्कुल नहीं कहना चाहिए था. पर अगर कांग्रेस के कद्दावर नेता की बात मान भी लें कि अब राजीव के क्लब वालों को पैसा-काम नहीं मिलता, इसीलिए अपराध बढ़ रहे हैं,

इसके साथ ही मुख्यमंत्री साय के मीडिया सलाहकार ने सवाल दागा कि कांग्रेस नेता सुरेश चंद्रकार के पास तो भर-भर कर काम थे. इतने काम थे, इतने पैसे थे कि हेलीकॉप्टर से उसकी बारात आती थी. तो उसने ऐसा घृणित, नृशंस और बर्बर अपराध क्यों किया?

अब तेलंगाना नहीं छत्तीसगढ़ की बिजली से रोशन होंगे किस्टाराम के 29 गांव, 2025 तक बस्तर के सभी गांव में बिजली विस्तार का दावा

बस्तर-    छत्तीसगढ़ बिजली आपूर्ति के मामले में आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ रहा है. इसके लिए राज्य सरकार और विद्युत कंपनी ने सराहनीय कदम उठाए हैं. किस्टाराम के 29 गांवों में तेलंगाना से बिजली की आपूर्ति को बंद कर छत्तीसगढ़ की अपनी बिजली पहुंचाई जा रही है. इससे राज्य की 1 करोड़ रुपए की बचत होगी. 

सीएसईबी (छत्तीसगढ़ स्टेट इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड) के अधिकारी सहदेव ठाकुर ने कहा है कि तेलंगाना से बिजली की आपूर्ति को पूरी तरह से रोककर सभी इलाकों में छत्तीसगढ़ की बिजली पहुंचाई जाएगी. उनका दावा है कि 2025 तक बस्तर के सभी गांवों में बिजली का विस्तार कर दिया जाएगा. यह कदम न केवल राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा बल्कि बस्तर के ग्रामीण इलाकों में विकास को भी प्रोत्साहित करेगा.

दरअसल, सुकमा, बीजापुर, किस्टाराम, और मरईगुड़ा जैसे क्षेत्रों में पहले तेलंगाना से बिजली आपूर्ति की जाती थी. इसके लिए छत्तीसगढ़ को हर साल करीब 1.75 करोड़ रुपए का भुगतान करना पड़ता था. निर्भरता कम होने से छत्तीसगढ़ की 1 करोड़ रुपए की बचत होगी. हालांकि मरईगुड़ा के 15 गांवों में अभी भी तेलंगाना की बिजली उपयोग हो रही है.