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महापौर तथा अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण प्रक्रिया कल 7 जनवरी को

रायपुर-   नगरीय निकायों में आम निर्वाचन के लिए नगर निगमों में महापौर तथा नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों में अध्यक्ष के पदों के लिए आरक्षण प्रक्रिया 7 जनवरी 2025 को संपादित की जाएगी। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा पूर्व में इसके लिए 27 दिसम्बर 2024 की तिथि निर्धारित की गई थी। अपरिहार्य कारणों से 27 दिसम्बर को होने वाली आरक्षण की कार्यवाही को स्थगित कर इसके लिए अब 7 जनवरी की तिथि निर्धारित की गई थी।

रायपुर के साइंस कॉलेज परिसर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में 7 जनवरी को सवेरे साढ़े दस बजे से आरक्षण की प्रक्रिया संपादित की जाएगी। आरक्षण की कार्यवाही के अवलोकन के इच्छुक व्यक्ति निर्धारित तिथि, समय व स्थान पर उपस्थित रह सकते हैं। उल्लेखनीय है कि नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2024-25 में प्रदेश में होने वाले नगरीय निकायों के आम निर्वाचन के लिए छत्तीसगढ़ नगर पालिका (महापौर तथा अध्यक्ष के पद का आरक्षण) नियम 1999 के प्रावधानों के अंतर्गत नगर पालिक निगमों के महापौर तथा नगर पालिका परिषद् एवं नगर पंचायत के अध्यक्षों के पदों के आरक्षण की कार्यवाही संपादित की जा रही है।

दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर के संयुक्त ऑपरेशन पार्टी को नक्सलियों ने बनाया निशाना, DRG के 8 जवान और एक ड्राइवर शहीद

बीजापुर-  छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर में नक्सलियों ने बड़ी वारदात को अंजाम दिया है. नक्सलियों ने पूरी तरह से प्लानिंग कर संयुक्त ऑपरेशन से लौट रहे जवानों के वाहन को IED ब्लास्ट कर उड़ाया है. इस घटना में 8 जवान और एक ड्राइवर शहीद हुए हैं. सभी शहीद जवान दंतेवाड़ा डीआरजी के बताए जा रहे हैं. इस घटना की पुष्टि बस्तरआईजी पी सुंदरराज ने की है.

बस्तर पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, बीजापुर के कुटरू-बेदरे सड़क पर नक्सलियों ने IED ब्लास्ट किया है. दंतेवाड़ा, नारायणपुर और बीजापुर के संयुक्त ऑपरेशन पार्टी ऑपरेशन कर वापस लौट रही थी. 6 जनवरी को लगभग 14ः15 बजे जिला बीजापुर के थाना कुटरू क्षेत्रांतर्गत ग्राम अम्बेली के पास माओवादियों द्वारा आईईडी ब्लास्ट कर सुरक्षा बल के वाहन को उड़ाया गया।

जवानों की शहादत जाया नहीं जाएगी – डिप्टी सीएम अरुण साव

इस बड़ी घटना पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि यह नक्सलियों की कायराना हरकत है और यह हमला हताशा में किया गया है. जो जवान शहीद हुए है उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं. जवानों की शहादत जाया नहीं जाएगी. मार्च 2026 तक नक्सल मुक्त करने का अभियान हम पूरा करेंगे.

पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या पर नक्सलियों ने जताया शोक, प्रेस नोट जारी कर कहा – हत्याकांड की जांच हो…

नारायणपुर-  माओवादी संगठन ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या को लेकर प्रेस नोट जारी किया है. माओवादियों ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की कड़ी निंदा की करते हुए खेद व्यक्त किया है. माओवादी प्रवक्ता समता ने पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या की जांच की मांग की है. बता दें कि अक्सर बस्तर में विषम परिस्थिति में पत्रकार मुकेश चन्द्रकार ने माओवादियों से कई बार मध्यस्थता किया था. सीआरपीएफ के जवान को नक्सलियों के चंगुल से भी छुड़ाकर लाया था।

माओवादी प्रवक्ता समता ने प्रेस नोट में लिखा है कि आदिवासी इलाका में पैदा होकर पढ़-लिखकर लोकल पत्रकार बनकर मुकेश चंद्राकर एक पहचान बनी थी. जनता की कई समस्याओं और राजनीतिक, सामजिक, सांस्कृतिक विषयाें पर मीडिया के मध्यम से एक्सपोज करते हुए पत्रकारिता की जिम्मेदारी निभा रहा था.

प्रेस नोट में आगे लिखा है कि ठेकेदारों ने विकास के नाम से करोड़ों रुपए का घोटाला किया है. आला अधिकारियों की मिलीभगत में ठेका काम चलता है. यही है मोदी के विकास का माडल. इस दुखद घड़ी में हमारी पार्टी संवेदना व्यक्त करती है.

स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के रवैये पर हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी, कहा – अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर डॉक्टर की सेवा समाप्त करने का आदेश कलंकपूर्ण

बिलासपुर-   हाईकोर्ट ने एक चिकित्सक की याचिका पर सुनवाई के बाद अपने फैसले में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों के रवैये पर कड़ी टिप्पणी की है। कोर्ट ने अपने फैसले में लिखा है कि यह एक कलंकपूर्ण आदेश है, जिसमें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के उल्लंघन का स्पष्ट उल्लेख है। लिहाजा याचिकाकर्ता को विभागीय जांच में शामिल कर उसकी सुनवाई की जानी चाहिए, जो वर्तमान मामले में नहीं की गई है। मामला शराब कारोबारी अनवर ढेबर को लेकर डाॅ. प्रवेश शुक्ला पर लगाए आरोप का है. डॉ. शुक्ला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।

दरअसल, शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर को इलाज कराने के लिए रायपुर सेंट्रल जेल से जिला अस्पताल लाया गया था, जहां लोअर इंडोस्कोपी मशीन के खराब होने के कारण डाॅ. प्रवेश शुक्ला ने उसे एम्स रेफर कर दिया था। मामले में सेवा में कमी और अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए राज्य शासन ने उसकी सेवा समाप्त करने के साथ ही गोलबाजार थाने में एफआईआर दर्ज करा दी, जिसे लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई, जिसमें कहा है कि बगैर विभागीय जांच कराए और उसे सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिए बिना कलंकपूर्ण आदेश पारित कर उसकी सेवा समाप्त कर दिया गया है। ऐसे आदेश से उसका कैरियर चौपट हो जाएगा।

दरअसल, शराब घोटाले के आरोपी अनवर ढेबर को इलाज कराने के लिए रायपुर सेंट्रल जेल से जिला अस्पताल लाया गया था, जहां लोअर इंडोस्कोपी मशीन के खराब होने के कारण डाॅ. प्रवेश शुक्ला ने उसे एम्स रेफर कर दिया था। मामले में सेवा में कमी और अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए राज्य शासन ने उसकी सेवा समाप्त करने के साथ ही गोलबाजार थाने में एफआईआर दर्ज करा दी, जिसे लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका लगाई, जिसमें कहा है कि बगैर विभागीय जांच कराए और उसे सुनवाई का पर्याप्त अवसर दिए बिना कलंकपूर्ण आदेश पारित कर उसकी सेवा समाप्त कर दिया गया है। ऐसे आदेश से उसका कैरियर चौपट हो जाएगा।

सहायक प्राध्यापक गैस्ट्रो सर्जरी विभाग डाॅ. प्रवेश शुक्ला ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर 08 अगस्त 2024 को अस्पताल अधीक्षक एवं एकेडेमिक इंचार्ज द्वारा आदेश को चुनौती दी थी, जिसके तहत उसकी सेवा शासकीय दाऊ कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, रायपुर, जिला रायपुर छत्तीसगढ़ (‘डीकेएस अस्पताल’ ) में सहायक प्रोफेसर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के पद से समाप्त कर दी गई है। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि वह एक सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टर है। उसके पास MBBS, MS(सर्जरी), Dr.NB (डॉक्टरेट ऑफ नेशनल बोर्ड सर्जिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी) सुपर स्पेशलिस्ट कोर्स की डिग्री है और वह गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जन के क्षेत्र में एक प्रसिद्ध डॉक्टर है। प्राइवेट प्रैक्टिस के बजाय उसने सरकारी अस्पताल में काम करने को प्राथमिकता दी है। वह छत्तीसगढ़ का एकमात्र डॉक्टर है जो DKS अस्पताल में तैनात था।

डॉक्टर के खिलाफ आरोप है कि गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सर्जन होने के नाते ओपीडी में इलाज करते समय उसने उसे अन्य सरकारी अस्पताल/एम्स में रेफर कर दिया, क्योंकि जीआई. एंडोस्कोपी (कोलोनोस्कोपी) उपकरण विभाग में उपलब्ध नहीं था। यदि कोलोनोस्कोपी विभाग में उपलब्ध नहीं है, तो वह इसे अन्य सरकारी अस्पताल से करवा सकता था, जो पूर्णतः अनुशासनहीनता है और छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 का उल्लंघन है।

याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि स्पेशलिस्ट चिकित्सक होने के कारण वह छत्तीसगढ़ आए, ताकि जरुरतमंदों की सेवा कर सकें। राज्य शासन ने कलंकपूर्ण आरोप लगाकर उसकी सेवा समाप्त कर दी है। इस तरह के आरोप से तो उसका करियर चौपट हो जाएगा। याचिकाकर्ता ने कहा कि राज्य शासन छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (संविदा नियुक्ति) नियम, 2012 के अनुसार, सक्षम प्राधिकारी अनुबंध की शर्तों को समाप्त कर सकता है, लेकिन संबंधित अधिकारियों को उसके खिलाफ कोई कलंकपूर्ण आरोप लगाने का कोई अधिकार नहीं है। बिना किसी जांच के मनमाने और दुर्भावनापूर्ण तरीके से 08.08.2024 को आपत्तिजनक आदेश पारित किया गया है, जो प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत का पूरी तरह से उल्लंघन है।

8 अगस्त को जारी हुआ था डॉक्टर की सेवा समाप्ति का आदेश

मामले की सुनवाई के बाद जस्टिस प्रसाद ने अपने फैसले में लिखा है कि राज्य शासन के 08 अगस्त 2024 के आक्षेपित आदेश के अवलोकन से ऐसा प्रतीत होता है कि यह एक कलंकपूर्ण आदेश है, जिसमें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के उल्लंघन का स्पष्ट उल्लेख है। लिहाजा याचिकाकर्ता को विभागीय जांच में शामिल कर उसकी सुनवाई की जानी आवश्यक है, जो वर्तमान मामले में नहीं की गई है। सिंगल बेंच ने अपने फैसले में लिखा है कि संबंधित अधिकारियों ने कोई विभागीय जांच न करके तथा कलंकपूर्ण आदेश पारित करने से पहले सुनवाई का उचित अवसर न देकर अवैधता की है। लिहाजा 8 अगस्त 2024 का विवादित आदेश निरस्त किए जाने योग्य है तथा इसे निरस्त किया जाता है।

जिला न्यायधीशों और वरिष्ठ न्यायिक अधिकारियों से हाईकोर्ट ने मांगा संपत्ति का ब्यौरा

बिलासपुर-    छत्तीसगढ़ के जिला सत्र न्यायालयों में पदस्थ सत्र न्यायधीशों व अन्य वरिष्ठ न्यायिक अधिकारियों को हाईकोर्ट ने अपनी सम्पत्ति का विवरण घोषित करने का निर्देश दिया है. इन सभी से बीते वर्ष तक की स्थिति में वार्षिक ब्यौरा मांगा गया है।

छत्तीसगढ़ के बालोद, बलौदा-बाजार, बस्तर में जगदलपुर, बेमेतरा, बिलासपुर, बलरामपुर रामानुजगंज, धमतरी, दुर्ग, रायपुर, जशपुर, कबीरधाम (कवर्धा), मुंगेली , कोरबा, रायगढ़, राजनांदगांव, सरगुजा,(अंबिकापुर, सूरजपुर, महासमुंद, उत्तर बस्तर (कांकेर), कोरिया (बैकुंठपुर), जांजगीर-चांपा, कोंडागांव, दक्षिण बस्तर ( दंतेवाडा) में पदस्थ जिला न्यायपालिका के न्यायिक अधिकारियों द्वारा संपत्ति की घोषणा प्रस्तुत की जानी है. इस संबंध में हाईकोर्ट ने सभी जिला न्यायधीशों को पत्र प्रेषित कर अपने जिले में पदस्थ सभी न्यायिक अधिकारियों से निर्धारित प्रारूप में 31 दिसंबर 2024 तक सम्पत्तियों की जानकारी देने के निर्देश दिए हैं.

निर्धारित पीडीएफ प्रारूप में हाईकोर्ट रजिस्ट्री में ई-मेल 28 फरवरी 2025 तक करना होगा. साथ ही इसकी हार्ड कॉपी भी पंजीकृत डाक से भेजने कहा गया है. यह भी सुनिश्चित करने को कहा गया है कि कोई भी न्यायिक अधिकारी अपनी सम्पत्तियों की घोषणा व्यक्तिगत रूप से सीधे प्रस्तुत न करें. बता दें कि हर वर्ष न्यायिक अधिकारी इसी प्रकार अपनी संपत्ति की अधिक्कारिक घोषणा करते हैं, यह अनिवार्य प्रक्रिया है.

पत्रकार मुकेश हत्याकांड में बड़ा अपडेट : पीएम के बाद डॉक्टर का बयान, 12 साल में नहीं देखी ऐसी हत्या, बीजापुर लाया गया मुख्य आरोपी

रायपुर-   पत्रकार मुकेश हत्याकांड में बड़ा अपडेट सामने आया है. पीएम रिपोर्ट के बाद डॉक्टरों ने बड़ा बयान दिया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मुकेश के शरीर में जख्म के कई निशान मिले हैं. लीवर के 4 टुकड़े, 5 पसलियां टूटी गई है. सिर में 15 फ़्रैक्चर मिले हैं. हार्ट फटा हुआ और गर्दन टूटी मिली है. पीएम के बाद डॉक्टरों ने कहा कि उन्होंने अपने 12 वर्ष के करियर में ऐसी हत्या नही देखी है.

वहीं मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को SIT की टीम हैदराबाद से पकड़ कर बीजापुर लेकर आई है. जहां अब आरोपी से कड़ाई से मामले में विस्तृत पूछताछ की जाएगी. मामले में अबतक 4 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं.

बीजापुर, SIT टीम के प्रभारी मंयक गुर्जर ने बताया कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या मामले में फरार आरोपी सुरेश चंद्राकर देर रात हैदराबाद में पकड़ा गया. साथ ही इस मामले में अबतक मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर के अलावा 3 आरोपियों की गिरफ़्तारी पहले की जा चुकी है. इसमें रितेश चंद्राकर, दिनेश चंद्राकर, और महेंद्र रामटेके शामिल है. मामले में विस्तृत पूछताछ की जा रही है.

लखपति दीदी दिव्या निषाद गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति भवन में आयोजित एट होम रिसेप्शन में होगी शामिल, देश भर से 10 लखपति दीदियों का हुआ चयन

रायपुर-     राजनांदगांव जिले के ग्राम कुसमी की लखपति दीदी दिव्या निषाद 26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आयोजित एट होम रिसेप्शन में शामिल होंगी तथा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु उन्हें सम्मानित करेंगी। लखपति दीदी दिव्या निषाद ने विपरीत और संघर्षपूर्ण स्थिति में भी हार नहीं मानी और राष्ट्रीय आजीविका मिशन बिहान से जुड़कर सफलता की नई ईबारत लिखी है। दिव्या निषाद ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह सम्मान कि बात है कि लखपति दीदी के तौर पर राष्ट्रपति भवन जाने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने बताया कि यह जानकर बहुत अच्छा महसूस हो रहा है और घर में सभी खुश हैं।

लखपति दीदी दिव्या निषाद ने बताया कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी और वर्ष 2021 में कोविड-19 की वजह से उनके पति की आकस्मिक मृत्यु हो गई। उन्होंने बताया कि गरीबी की स्थिति थी और उन्हें किसी भी तरह का अनुभव और ज्ञान नहीं था। पति की आकस्मिक मृत्यु के दुख ने परिवार को अंदर तक झकझोर दिया। ऐसे समय में अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए तथा अपने बच्चों के पालन-पोषण के लिए समूह की दीदियों से मुझे हिम्मत मिली और मैंने कुछ कार्य करने का निर्णय लिया।

लखपति दीदी दिव्या निषाद ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से जुडऩे के बाद मेरे जीवन में परिवर्तन आया और आज बिहान की बदौलत मेरा घर फल-फूल रहा है। अंतर्मुखी स्वभाव होने के कारण बिहान से जुडऩे से आत्मविश्वास बढ़ा। प्रशिक्षण के दौरान बहुत कुछ सीखने को मिला। उन्होंने बताया कि बैंक सखी, बैंक मित्र, पुस्तक लिखने का कार्य, समूह के अध्यक्ष एवं सचिव के कार्य तथा छोटे व्यापार प्रारंभ करने का कार्य सीखने लगी। उन्होंने बताया कि वह जय मां अम्बे स्वसहायता समूह से जुड़ी हुई हैं। समूह में कार्य करने के दौरान आत्मविश्वास बढ़ा और समूह के माध्यम से ऋण लेकर छोटा सा व्यापार प्रारंभ किया। उन्होंने बताया कि उनकी सालाना आय 4 लाख रूपए से अधिक है और वह बहुआयामी कार्य कर रही हैं। बैंक सखी, बैंक मित्र के अलावा उनकी ग्राम भर्रेगांव में साड़ी एवं बच्चों के रेडिमेड कपड़ों की दुकान है। उन्होंने बताया कि समूह से ऋण लेकर ही उन्होंने अपने घर में ही किराने की दुकान भी प्रारंभ की है। अब उन्होंने अपना पक्के का मकान बना लिया है। आजीविका मूलक गतिविधियों से जुड़ते हुए सिलाई एवं अन्य कार्य कर रही हैं।

उल्लेखनीय है कि 26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आयोजित एट होम रिसेप्शन के लिए देश भर से 10 लखपति दीदियों का चयन किया गया है। जिसमें से राजनांदगांव जिले से लखपति दीदी दिव्या निषाद का चयन किया गया है। केन्द्र शासन की लखपति दीदी योजना महत्वपूर्ण पहल है। जिसके तहत महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए कार्य किया जा रहा है। इस योजना के तहत महिलाओं को अपना व्यवसाय प्रारंभ करने के लिए 5 लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के दिया जाता है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में महिलाओं बन रही हैं सशक्त, हो रही हैं आत्मनिर्भर

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन में महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़कर उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने केंद्र हेतु विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इन योजनाओं से जुड़कर महिलाएं न सिर्फ अपने परिवार का सहारा बन रही हैं बल्कि दूसरी महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ रही हैं। ऐसी ही कहानी है जशपुर जिले के बगीचा ब्लॉक की ग्राम झिक्की की रहने वाली नीतू गुप्ता की। जो बिहान योजना से जुड़कर लखपति दीदी बन गई हैं और सक्रिय महिला के रूप में कार्य कर रही है।

नीतू गुप्ता मुद्रा लोन के माध्यम से अपना व्यवसाय को और बढ़ा रही है। सामान्य परिवार से आने वाली नीतू का सपना था की वह भी आत्मनिर्भर होकर अपने परिवार का सहारा बनें। इस तरह से अपने सपनों को पूरा करने के लिए वह बिहान योजना के तहत लक्ष्मी स्व सहायता समूह से जुड़ी। नीतू ने बताया कि उनकी एक छोटी सी किराने की दुकान है। जिससे वे बैंक लिंकेज के माध्यम से मुद्रा लोन लेकर व्यवसाय को बढ़ा रही है। इससे पहले वे सक्रिय महिला के रूप में कार्य करते हुए लोगों को जागरूक कर रहीं थीं। वे बताती है कि महिलाओं को समूह में जोड़ रही है और लोगों को लोन दिलाने का कार्य भी कर रही हैं।

पहले गांव के लोग दूसरे लोगों से ही लोन लेते थे जिससे अधिक ब्याज देना पड़ता था। अब बैंक लिकेज के माध्यम से मुद्रा लोन लेने की समझाईश देती है जिससे लोगों को कम ब्याज दर पर व्यवसाय के लिए पैसा मिल जा रहा है। साथ ही वे सिलाई का कार्य भी करती है। नीतू गुप्ता ने व्यवसाय को बढ़ाने के लिए मुद्रा लोन के माध्यम से एक लाख रूपए का लोन लिया है।

नीतू गुप्ता अपने पति सुनिल गुप्ता के साथ खेती कार्य में भी उनका साथ देती हैं। 07 एकड़ में वे टमाटर, खीरा, करेला लगाते हैं और माह में अच्छी आमदनी अर्जित कर रहे हैं। इस तरह वह विगत दो माह में 2 लाख 50 हजार कमा कर लखपति दीदी बन गई हैं।

पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्या केस का मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर गिरफ्तार, SIT ने हैदराबाद से दबोचा…

रायपुर-  बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर मर्डर केस में एसआईटी ने बड़ी कार्रवाई की है. एसआईटी की टीम ने रविवार की देर रात मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को हैदराबाद से गिरफ्तार किया गया है. अब आरोपी को पुलिस हैदराबाद से बीजापुर लाएगी. आरोपी को से पुलिस पूछताछ करेगी.

बीजापुर एसपी से मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी को हैदराबाद से पकड़ा गया है और अब उससे पूछताछ की जाएगी.

बता दें कि  पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या के मामले में अब मुख्य आरोपी समेत चार की गिरफ्तारी हो चुकी है. इससे पहले पुलिस ने तीन संदेहियों को पकड़ा था. इनमें रितेश चन्द्रकार को रायपुर एयरपोर्ट से पकड़ा गया, वहीं अन्य संदेही सुपरवाइजर महेन्द्र रामटेके और दिनेश चन्द्राकर को बीजापुर से पकड़ा गया. 

बस्तर रेंज आईजी पी सुंदरराज ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि एक जनवरी की रात के लगभग 8.30 बजे से मुकेश चंद्राकर के घर से लापता होने पर उनके बड़े भाई युकेश चंद्राकर ने बीजापुर कोतवाली थाना में 2 जनवरी के गुम इंसान दर्ज कराया था.

बीजापुर पुलिस अधीक्षक ने एएसपी युलैंडन यार्क के नेतृत्व में थाना प्रभारी कोतवाली बीजापुर निरीक्षक दुर्गेश शर्मा समेत अन्य अधिकारियों की तीन टीम का गठन गुम इंसान पतासाजी हेतु की गई. जांच के दौरान पूछताछ के बाद संदेह में आए व्यक्तियों की CDR एवं लोकेशन लिये गये. मृतक के लास्ट लोकेशन के आधार पर 2 जनवरी को रात में ही चट्टान पारा स्थित ठेकेदार सुरेश चन्द्रकार के बाड़ा के सभी रूम को खुलवाकर चेक किया गया. तकनीकी साक्ष्य एवं पूछताछ के माध्यम से प्राप्त जानकारी के अनुसार अलग-अलग जगहों पर खोजबीन की गई.

3 जनवरी को मुकेश चन्द्रकार के सकुशल पतासाजी के हरसंभव प्रयास किए गए. अनहोनी के आशंका को भापते हुऐ सुरेश चन्द्रकार के बाड़ा में बैडमिंटन कोर्ट में नये फ्लोरिंग हुए सेप्टिक टैंक को देखकर हालात से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराते हुऐ दोपहर लगभग 2.30 बजे तहसीलदार एवं एफएसएल टीम की मौजूदगी में नये फ्लोरिंग स्थान को जेसीबी की मदद से तोड़कर पुराने संरचना में से टैंक के ढक्कन को खोला गया.

सेप्टिक टेंक का ढक्कन खोलने पर टेंक से एक पुरुष का शव दिखा जिसके हाथ में बने टेटू से शव का शिनाख्त गुम इंसान पत्रकार मुकेश चन्द्रकार के रूप में हुई. फॉरेंसिक टीम द्वारा शव पंचनाम के दौरान प्रथम दृष्टया से पाया गया मृतक की सिर, पीठ, पेट एवं सीने में कठोर एवं ठोस हथियार से वार कर किया गया था . शव पंचनामा के पश्चात 4 जनवरी को पोस्टमार्टम किया गया. प्रकरण में थाना बीजापुर में बीएनएस की धारा 103, 238, 61, 3(5) के तहत् अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है.

इसके पहले 3 जनवरी को संदेही को पकड़ने के लिए गठित एक टीम को रायपुर के लिए भेजा गया. घटना के संदेही रितेश चन्द्रकार को रायपुर एयरपोर्ट से पकड़ा गया एवं घटना के अन्य संदेही महेन्द्र रामटेके (सुपरवाईजर) एवं दिनेश चन्द्रकार को बीजापुर से पकड़ा गया. तीनों आरोपियों से पूछताछ के साथ घटना में प्रयुक्त आलाजरब की बरामदगी की कार्रवाई की जा रही है.

पूछताछ और जांच में यह बातें खुलकर आई है कि पत्रकार मुकेश चन्द्रकार और रितेश चन्द्रकार रिश्ते में भाई लगते थे. दोनों में पारिवारिक एवं सामाजिक विषयों को लेकर आपस में बातचीत होते रहती थी. एक जनवरी को रात लगभग 8 बजे मृतक मुकेश चन्द्रकार और आरोपी रितेश चन्द्रकार के बीच मोबाइल पर बातचीत हुई.

इसके बाद मृतक मुकेश चन्द्रकार आरोपी रितेश चन्द्रकार के बीजापुर की चट्टान पारा स्थित ठेकेदार सुरेश चन्द्रकार के बाड़े में पहुंचा. खाने खाने के दौरान आरोपी रितेश चन्द्रकार और मुकेश चन्द्रकार से पारिवारिक सबंध होने के बावजूद काम में बाधा डालने की बात को लेकर बहस हुई.

इस दौरान आरोपी रितेश चन्द्रकार ने सुनियोजित तरीके से बाड़े में उपस्थित सुपरवाइजर महेन्द्र रामटेके के साथ मिलकर मुकेश चन्द्रकार के सिर, छाती, पेट एवं पीठ पर लोहे के रॉड से वार किया. दोनों आरोपियों के द्वारा किए गए हमले से मुकेश चन्द्रकार की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई. मृत्यु के पश्चात उसके शव को ठिकाने लगाने के उद्देश्य से शरीर को पास के सेप्टीक टेंक में डाल दिया एवं उसे स्लेब के ढक्कन से बंद कर दिया.

इसके बाद आरोपी रितेश चन्द्रकार ने जगदलपुर में अपने बड़े भाई सुरेश चन्द्रकार एवं अन्य परिजनों के साथ मौजूद अपने बड़े भाई दिनेश चन्द्रकार से संपर्क कर घटना के बारे में जानकारी देकर बोदली की ओर रवाना हुआ. इस दौरान दिनेश चन्द्रकार ने तुरंत जगदलपुर से निकलकर बोदली पहुंचा. रितेश चन्द्रकार, महेन्द्र रामटेके और दिनेश चन्द्रकार की मुलाकात बोदली में हुई तथा घटना के सबंधित साक्ष्यों को मिटाने हेतु साजिश रचा गया.

आरोपी रितेश चन्द्रकार,महेन्द्र रामटेके एवं दिनेश चन्द्रकार द्वारा प्रयुक्त हथियार एवं मृतक के मोबाइल को ठिकाने लगाने के लिए अलग-अलग जगह गए. उसके बाद रितेश चन्द्रकार द्वारा अपने बड़े भाई दिनेश चन्द्रकार को सेप्टिक टेंक को प्लास्टर करने के लिए बताकर अपने बड़े भाई ठेकेदार सुरेश चन्द्रकार की गाड़ी से रायपुर के लिए रवाना हो गया. इसके बाद रितेश चन्द्रकार 2 जनवरी की शाम को रायपुर से नई दिल्ली के लिए चला गया.

2 जनवरी की सुबह दिनेश चन्द्रकार ने चट्टान पारा स्थित सुरेश चन्द्रकार के बाड़े में स्थित घटनास्थल में सेप्टिक टेंक (जहां पर मृतक मुकेश चन्द्रकार के शव को हत्या के पश्चात छुपाया गया) की नए सिरे से सीमेंट फ्लोरिंग से की. इस मामले में अब तक तीन आरोपी रितेश चन्द्रकार, दिनेश चन्द्रकार और महेन्द्र रामटेके को पुलिस गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है. मामले की अग्रिम विवेचना के लिए एएसपी आईपीएस मयंक गुर्जर के नेतृत्व में गठित की 11 सदस्यीय SIT टीम को सौंपा गया.  

जीपी सिंह के बाद अब उनकी पत्नी को हाईकोर्ट से मिली राहत, ACB का आय से अधिक संपत्ति मामला रद्द

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ कैडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह के अलावा उनकी पत्नी के पत्नी के खिलाफ पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा दर्ज कराए गए एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के आय से अधिक संपत्ति के मामले को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच में हुई.

बता दें कि जीपी सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति समेत राजद्रोह और एक्सटॉर्शन से संबंधित तीन अपराध पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में दर्ज कराए थे. मामले में हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने पूर्व में ही पूर्वाग्रह से ग्रस्त होकर गलत तरीके से दर्ज एफआईआर मान निरस्त कर दिया था. अब उनकी पत्नी मनप्रीत कौर के खिलाफ भी दर्ज एफआईआर रद्द कर दी गई है.

एडीजी जीपी सिंह की पत्नी मनप्रीत कौर के खिलाफ कांग्रेस सरकार में एसीबी/ईओडब्ल्यू ने आय से अधिक संपत्ति मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 के तहत प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 12 और आपराधिक षडयंत्र की धारा 120 बी दर्ज किया था. मामले में एसीबी ने कथित तौर पर स्टेट बैंक के ब्रांच मैनेजर मणिभूषण से दो किलो सोना जब्त किया था. यह सोना पार्किंग में खड़ी स्कूटी से जब्त किया गया था. इस स्कूटी को मणिभूषण का बताया गया और दो किलो सोना को आईपीएस जीपी सिंह के अवैध कमाई का हिस्सा बताया गया जिसे खपाने के लिए अपने परिचित में स्टेट बैंक के मैनेजर मणि भूषण को देने की कहानी एसीबी द्वारा बताई गई थी. मामले में जीपी सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला एसीबी द्वारा तो दर्ज किया ही गया था साथ में उनकी पत्नी, माता-पिता और पारिवारिक मित्र के खिलाफ भी दर्ज किया गया था. जीपी सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले को हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने रद्द कर दिया था. जबकि उनके माता-पिता का देहावसान हो चुका है जिसके चलते उनके माता-पिता के ऊपर केस खत्म हो चुका है.

चीज जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की डीबी में जीपी सिंह की पत्नी मनप्रीत कौर की ओर से तर्क प्रस्तुत किया कि मनप्रीत कौर विभिन्न प्राइवेट कॉलेजों में बतौर गेस्ट लेक्चरर काम करती थीं. मनप्रीत कौर की क्वालिफिकेशन एमएससी लाइफ साइंस के अलावा लाइफ साइंस में पीएचडी भी है. उनकी पीसी कल्चर में स्पेशलाइजेशन है. शादी से पहले उन्होंने ट्यूशन और नौकरी के माध्यम से कमाए गए पैसों से सेविंग की थी. शादी के बाद उन्होंने एजुकेशनल कंसलटेंट और पर्सनैलिटी डेवलपमेंट की क्लासेस शुरू की थी. सन 2001 से लेकर 2021 तक उनके पति जीपी सिंह जहां-जहां पदस्थ रहे वहां विभिन्न कॉलेजों में उन्होंने मेहमान प्रवक्ता के तौर पर नौकरी की है जिससे उन्हें आय प्राप्त हुई. इसके अलावा कंसल्टेंसी से भी उन्हें आय प्राप्त हुई. उनकी उनके पति जीपी सिंह के अलावा इंडिविजुअल इन इनकम है. उन्होंने नियमित तौर पर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत 2001 से अपनी इनकम टैक्स रिटर्न भरा है. पर उनकी 10 साल की इनकम को एसीबी ने काउंट ही नहीं किया. ना ही एंटी करप्शन ब्यूरो ने उन्हें इस संबंध में कोई समन भेजा और न उनका पक्ष. बिना समन और बिना पक्ष जाने उन्हें आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के लिए अपने पति आईपीएस जीपी सिंह को उकसाने के लिए आरोपी बना दिया गया.

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि भ्रष्टाचार के मामले में मुख्य आरोपी याचिकाकर्ता मनप्रीत कौर के पति आईपीएस जीपी सिंह को बनाया गया था. जिसे अदालत ने ही रद्द कर दिया है.

लिहाजा याचिकाकर्ता के खिलाफ मामला बने रहने का और ट्रायल चलाने का कोई औचित्य नहीं बनता. सभी तर्कों को सुनने के पश्चात चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है.