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*“मुझे वोट दिया, इसका मतलब यह नहीं कि मेरे बॉस हो” वोटर्स पर क्यों भड़के अजित पवार?
#angry_ajit_pawar_tells_baramati_voters_you_are_not_my_boss
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार बारामती में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान अपना आपा खो बैठे। कार्यक्रम में डिप्टी सीएम अजित पवार एक वोटर पर भड़क गए। दरअसल, जब एक वोटर ने अपनी समस्या के बारे में उन्हें बताया, और समस्या के समाधान की बात कही। जिस पर पवार भड़क गए और बोले कि आपने वोट दिया इसका ये मतलब नहीं की आप मेरे मालिक हैं। अजित पवार रविवार को बारामती के दौरे पर थे। इस दौरे के दौरान उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों का उद्घाटन किया। उन्होंने बारामती के मेदाद में बारामती तालुका क्रय-विक्रय संघ परिसर में एक नए पेट्रोल पंप का उद्घाटन किया। पेट्रोल पंप के उद्घाटन के बाद अजीत वपार ने एक सभा की। जहां अलग अलग तहसीलों और गांवो से किसान अपनी समस्या लेकर पहुंचे थे। अजित पवार अधिकारियों को काम शुरू करने के निर्देश दे रहे थे। हालांकि, वहीं एक कार्यकर्ता ने कहा कि कई काम नहीं हुए। एक्टिविस्ट के बयान के बाद कुछ अन्य नागरिकों ने भी यही बात कही। इसके बाद अजित पवार थोड़ा नाराज हो गए और बोले, ‘अरे आपने मुझे वोट दिया इसका मतलब यह नहीं कि आप मेरे मालिक बन गए हो।’ अजित पवार का बचाव करते हुए कैबिनेट मंत्री संजय शिरसाट ने सफाई दी। उन्होंने कहा, 'कभी-कभी, जब निर्वाचित प्रतिनिधि काम कर रहे होते हैं, तो कुछ मतदाता कुछ मुद्दों पर जोर देते रहते हैं। निर्वाचित प्रतिनिधि की टिप्पणियों को प्रमुखता दी जाती है, जबकि मतदाताओं के व्यवहार के बारे में कहीं बात नहीं की जाती है।'
ताइवान की सीमा में लगातार तीसरे दिन घुसे चीनी सेना, क्या है ड्रैगन का इरादा?
#china_pla_aircraft_and_vessels_enter_in_taiwan
* चीन आए दिन ताइवान को आंख दिखा रहा है। चीन लगातार ताइवान को डराने की हर कोशिश में लगा रहता है। चीन कई सालों से ताइवान की सीमा में घुसकर अपनी ताकत का अहसास करता रहता है। एक बार फिर ड्रैगन ने ताइवान को डराने की कोशिश की है। लगातार तीसरे दिन चीन के विमानों और पोत ने ताइवान की संप्रभुता का उल्लंघन किया है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय (एमएनडी) ने सोमवार को बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सात विमानों और पीएलए नौसेना (पीएलएएन) के सात जहाजों ने उनकी सीमा में प्रवेश किया।ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीन के छह विमान ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार कर ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी और पूर्वी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (एडीआईजेड) में प्रवेश कर गए। सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा एक पोस्ट में ताइवानी रक्षा मंत्रालय ने लिखा, 'ताइवान के आसपास 7 पीएलए विमान, 7 पीएलएएन जहाज और 1 आधिकारिक जहाज को सोमवार सुबह छह बजे देखा गया।' इससे पहले रविवार और शनिवार को भी चीनी विमानों और जहाजों ने ताइवान की सीमा का उल्लंघन किया था। चीन द्वारा बीते दिनों ताइवान के आसपास बड़े पैमाने पर युद्धाभ्यास भी किया गया था। इस युद्धाभ्यास को चीन की ताइवान को चेतावनी के रूप में देखा गया था। पीएलए के जवाब में ताइवान ने भी रणनीतिक स्थानों पर युद्ध की तैयारी का अभ्यास किया था बता दें कि इससे पहले राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने नव वर्ष पर दिये गए अपने संदेश में कहा कि चीन के साथ ताइवान के पुन: एकीकरण को कोई कभी नहीं रोक सकता। शी ने सरकारी टीवी चैनल पर प्रसारित अपने नए साल-2025 के संबोधन में कहा था 'ताइवान जलडमरूमध्य के दोनों किनारों पर रहने वाले हम चीनी एक ही परिवार के हैं। कोई भी हमारे बीच नातेदारी के बंधन को कभी भी खत्म नहीं कर सकता है।' चीन स्व-शासित द्वीप ताइवान को अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा होने का दावा करता है और एक अनिवार्य राजनयिक नीति के रूप में ताइवान को अपने हिस्से के रूप में मान्यता देते हुए ‘एक चीन’ की बात करता है। अपने तीसरे पंचवर्षीय कार्यकाल के तहत शासन कर रहे शी ने हाल के वर्षों में ताइवान को चीन के साथ फिर से मिलाने के प्रयासों को तेज करने के लिए इसे एक प्रमुख सैन्य और राजनयिक पहल बनाया।
भारत पहुंचा चीन का खतरनाक वायरस, यहां मिला HMPV वायरस का पहला केस*
#hmpv_first_case_found_in_india
चीन में एचएमपीवी वायरस तेजी से फैल रहा है। एचएमपीवी वायरस पड़ोसी देश में तबाही मचा रहा है। अब उस वायरस ने चीन से बाहर भी अपने पैर फैलाने शुरू कर दिए हैं। चीन के एचएमपीवी वायरस की अब इंडिया में भी एंट्री हो गई है। बेंगलुरु में एचएमपीवी का पहला केस मिला है। बेंगलुरु में 8 महीने के बच्चे में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई है। यह मामला बेंगलुरु के बैपटिस्ट अस्पताल में दर्ज किया गया। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि उन्होंने अपनी प्रयोगशाला में नमूने का परीक्षण नहीं किया है। अस्पताल की लैब में हुई जांच में एचएमपीवी वायरस की पुष्टि हुई है। कर्नाटक स्वास्थ्य विभाग ने इसकी जानकारी केंद्र सरकार को दे दी है। हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। *है यह वायरस?* ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस, जिसे एचएमपीवी के नाम से भी जाना जाता है। एक प्रकार का सामान्य श्वसन वायरस है, जो सभी उम्र के लोगों में फैल सकता है। कहा जा रहा है कि एचएमपीवी वायरस पिछले कई दशकों से मौजूद है। यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, 2001 में पहली बार नीदरलैंड्स में इसकी पहचान हुई थी। सांस की बीमारी वाले बच्चों के सैंपल में वायरस की पुष्टि हुई थी। एचएमपीवी पैरामाइक्सोविरीडे परिवार का वायरस है। वायरस सभी मौसम में हवा में मौजूद होता है। संक्रमित लोगों के खांसने-छींकने से फैलता है। इसके सर्दियों में ज्यादा फैलने का खतरा है। इस वायरस का ज्यादा असर बुजुर्गों और छोटे बच्चों पर होने की आशंका है। वायरस से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में अगर आप आते हैं तो आप भी इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। *एचएमपीवी वायरस के लक्षण* • इस वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित ज्यादा बच्चों-बुजुर्गों हो सकते हैं। • इसमें सांस और फेफड़ों की नली में इन्फेक्शन हो जाता है, जिस वजह से खांसी होती है और सांस लेने में दिक्कत होती है। • इसके अलावा गले में खराश, सिरदर्द, खांसी, बुखार, ठंड लगना और थकान भी रहती है।
भारत से पंगा लेने वाले जस्टिन ट्रूडो की जाने ही वाली है कुर्सी, दे सकते हैं इस्तीफा
#rest_of_world_justin_trudeau_likely_to_resign_as_canada_pm
* कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पिछले काफी समय से पार्टी अंदर पनपे असंतोष का सामना कर रहे हैं। अब खबर आ रही है कि जस्टिन ट्रूडो सोमवार को लिबरल पार्टी के नेता पद से इस्तीफा दे सकते हैं। कनाडा के समाचारपत्र द ग्लोब एंड मेल ने रविवार को अपनी रिपोर्ट्स में ऐसा दावा किया है। द ग्लोब एंड मेल ने रविवार को सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है। ऐसा तब हो रहा है जब 53 साल के ट्रूडो कथित तौर पर अपनी पार्टी के भीतर समर्थन खो रहे हैं और कई सर्वों से संकेत मिल रहा है कि अगर आज चुनाव हुए तो पियरे पोलिएवर के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी उन्हें और लिबरल पार्टी को सत्ता से बाहर कर देगी। *अगले एक या दो दिनों में छोड़ सकते हैं पद* रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिन ट्रूडो अगले एक या दो दिनों के भीतर पद छोड़ सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अभी ये तय नहीं है कि ट्रूडो कब इस्तीफा देंगे, लेकिन माना जा रहा है कि बुधवार को होने वाली राष्ट्रीय कॉकस बैठक से पहले ट्रूडो अपना पद छोड़ सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जस्टिस ट्रूडो को सत्ताधारी लिबरल पार्टी के नेता के पद से भी हटाने पर विचार किया जा रहा है। *क्यों इस्तीफा देंगे ट्रूडो?* जनमत सर्वेक्षणों के मुताबिक, इस समय वह अपने मुख्य प्रतिद्वंदी कंजर्वेटिव पार्टी के पियरे पॉइलीवर से 20 पॉइंट पीछे चल रहे हैं। यही वजह है कि लिबरल सदस्यों की ओर से उन पर इस्तीफा देने का प्रेशर है। उनके विरोध में खुलकर सांसद आ चुके हैं। उन्हें हटाने के लिए तो सिग्नेचर कैंपेन भी चल चुका है। बंद कमरे में उन पर सवालों की बौछार भी हो चुकी है। अब क्योंकि लिबरल पार्टी को लगने लगा है कि ट्रूडो के नेतृत्व में कनाडा में उनकी हार निश्चित है। इसलिए अब ट्रूडो की पीएम वाली कुर्सी जाने का खतरा पूी तरह मंडरा गया है। *ट्रूडो से नाराज हैं कनाडा के लोग* कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की सरकार की लोकप्रियता में गिरावट की कई वजह हैं। इनमें प्रमुख वजहों में अर्थव्यवस्था, कनाडा में घरों की कीमतों में जबरदस्त उछाल, अप्रवासी मुद्दा आदि शामिल हैं। कोरोना महामारी के बाद कनाडा में महंगाई 8 फीसदी तक बढ़ गई थी। हालांकि फिलहाल यह दो प्रतिशत से नीचे है। कनाडा में बेरोजगारी भी बड़ा मुद्दा है, जो फिलहाल छह फीसदी के आसपास है। ट्रूडो सरकार के कार्बन टैक्स कार्यक्रम की भी विपक्ष द्वारा आलोचना की जा रही है। कनाडा में महंगे घर एक बड़ी समस्या है। कनाडा के अधिकतर बड़े शहरों में घर खरीदना आम लोगों के बजट के बाहर हो गया है। लंबे समय से यह समस्या बनी हुई है और सरकार इसे नियंत्रित कर पाने में नाकाम रही है। ये भी एक बड़ी वजह है कि लोगों में ट्रूडो सरकार के प्रति गहरी नाराजगी है। कनाडा में अप्रवासन भी बड़ा मुद्दा है। हालांकि ट्रूडो सरकार ने हाल के समय में अप्रवासन को लेकर नई नीतियां बनाई हैं, जिससे अप्रवासियों की संख्या को नियंत्रित किया जा सके। हालांकि अभी भी लोगों की नाराजगी कम नहीं हुई है। अप्रवासियों की बढ़ती संख्या की वजह से कनाडा की स्वास्थ्य व्यवस्था और अन्य सेवाओं पर भारी दबाव पड़ा है। कनाडा में खालिस्तानियों के बढ़ते प्रभाव को लेकर भी कई कनाडाई नागरिक नाराज हैं। हाल ही में कनाडा की डिप्टी पीएम और वित्त मंत्री ने भी इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद ट्रूडो पर भी इस्तीफा देने का दबाव बढ़ा है।
जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ में सड़क दुर्घटना में 4 की मौत, 2 लापता: उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री ने जताया दुख

* जम्मू कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में रविवार को एक वाहन के सड़क से फिसलकर नदी में गिरने से चार लोगों की मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि चालक सहित दो लोग लापता हैं और बचाव अभियान जारी है. यह दुर्घटना पद्दार क्षेत्र के सन्यास में हुई, जब वाहन सड़क से फिसलकर 300 फुट नीचे मचैल नदी में जा गिरा. एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने बचाव अभियान शुरू किया और चार शव बरामद कर लिए. वहीं, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दुर्घटना में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की. अब्दुल्ला ने कहा कि उनका कार्यालय जिला प्रशासन के साथ लगातार संपर्क में है, जो लापता दो व्यक्तियों का पता लगाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है. *मैं पल-पल की जानकारी ले रहा हूं- जितेंद्र सिंह* जम्मू कश्मीर के उधमपुर से सांसद और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने दुर्घटना में लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘यह जानकर दुख हुआ कि वाहन में सवार चार यात्री मृत पाए गए हैं. चालक सहित दो अन्य व्यक्तियों का अभी तक पता नहीं चल पाया है. शोकसंतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं.’ मंत्री ने कहा कि उन्होंने दुर्घटना की रिपोर्ट मिलने के तुरंत बाद किश्तवाड़ के उपायुक्त राजेश कुमार शवन से संपर्क किया. उन्होंने कहा, ‘बचाव दल काम कर रहा है. मैं पल-पल की जानकारी ले रहा हूं.’ *LG और सीएम उमर अब्दुल्ला ने क्या कहा?* वहीं. उपराज्यपाल सिन्हा ने अपने शोक संदेश में कहा, ‘किश्तवाड़ में एक दुखद सड़क दुर्घटना के कारण लोगों की मौत से दुखी हूं. दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है.’ मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी दुर्घटना में चार व्यक्तियों की दुखद मौत पर गहरा शोक व्यक्त किया. उन्होंने इस घटना को बहुमूल्य मानव जीवन की बड़ी क्षति बताते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की.
नए वायरस पर क्या फिर झूठ बोल रहा चीन? कोरोना काल का डरावना मंजर फिर देखने को ना मिले

#chinadismissesreportsofmassivefluoutbreak

दुनिया में पांच साल पहले कोरोना वायरस ने दस्‍तक दी थी। चीन के वुहान में सामने आए इस वायरस ने देखते ही देखते लाखों लोगों को मौत की नींद में सुला दिया। कुछ वक्‍त गुजरा, वायरस का प्रकोप कम पड़ा, लोगों ने राहत की सांस ली। अब चीन में कोरोना जैसे एक नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) की दस्‍तक की खबर है। मीडिया रिपोर्टस की मानें तो वहां के अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं। यहां तक श्मशानों में भी शवों की दफनाने के लिए लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं। हालांकि, चीन इस बात को मानने से इनकार कर रहा है।

कोरोना के फैलाव के लिए दुनिया चीन को जिम्मेदार ठहराती है, लेकिन चीन ने कभी इसे स्वीकार नहीं किया। जिस तरह चीन ने समय रहते कोरोना पर दुनिया को सचेत नहीं किया था। क्या उसी तरह चीन इस बार भी जानकारी छिपा रहा है?

चीन ने फ्लू के प्रकोप की खबरों को खारिज किया

दरअसल, चीन ने देश में बड़े पैमाने पर फ्लू के प्रकोप संबंधी खबरों को अधिक तवज्जो नहीं देते हुए शुक्रवार को कहा कि सर्दियों के दौरान होने वाली श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले पिछले साल की तुलना में इस वर्ष कम गंभीर हैं। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेशियों के लिए चीन की यात्रा करना सुरक्षित है। मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने देश में 'इन्फ्लूएंजा ए' और अन्य श्वसन रोगों के फैलने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में पत्रकारों से कहा, ''सर्दियों के मौसम में श्वसन संक्रमण चरम पर होता है।''

एक तरफ सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में चीन के अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ दिख रही है। दूसरी तरफ निंग ने कहा, ''पिछले वर्ष की तुलना में ये बीमारियां कम गंभीर प्रतीत होती हैं और छोटे स्तर पर फैल रही हैं।'' उन्होंने कहा, ''मैं आपको आश्वस्त कर सकती हूं कि चीन सरकार चीनी नागरिकों और विदेशियों के स्वास्थ्य की परवाह करती है। चीन में यात्रा करना सुरक्षित है।''

क्या है तस्वीरों का सच?

चीन नए वायरस ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) से जूझ रहा है। चीन के सोशल मीडिया पर भीड़ भरे हेल्‍थ सेंटर्स की तस्‍वीरों का अंबार लगा है। चीन से सामने आई रिपोर्टों और सोशल मीडिया पोस्‍ट के मुताबिक, संक्रमितों से अस्‍पताल भरे हैं और अंतिम संस्‍कार स्‍थलों पर भीड़ बढ़ गई है। बहुत से सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि इन्फ्लूएंजा ए, एचएमपीवी, माइकोप्लाज्मा निमोनिया और कोविड-19 सहित कई वायरस चीन में घूम रहे हैं। साथ ही इस तरह के दावे भी किए जा रहे हैं कि चीन ने आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी है। चीन के अधिकारियों ने लोगों से मास्‍क लगाने और लगातार हाथ धोने के लिए कहा है। हालांकि इसकी अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

कोरोना की तरह चीन इस बार भी छिपा रहा जानकारी?

बता दें कि चीन में बच्चों में फैल रही इस बीमारी की जानकारी प्रो-मेड नाम की संस्था ने दी है। ये संस्था इंसान और पशुओं की बीमारी के फैलाव पर नज़र रखती है। इसी प्रो-मेड संस्था ने दिसंबर 2019 में कोविड 19 वायरस को लेकर चेतावनी दी थी, जबकि इसके 2 महीने बाद दुनिया को इस वायरस के खतरे का एहसास हुआ। अब प्रो-मेड ने एक बार फिर दुनिया को अलर्ट किया है, लेकिन चीन चुप्पी साधे हुए है।

चीन पर शक की क्‍या है वजह?

चीन कड़े सेंसरशिप कानूनों को लागू करता है। यही कारण है कि चीन से सच पूरी तरह से बाहर नहीं आ पाता है। ऐसे में चीन और चीन की सरकार हमेशा से ही संदेह के घेरे में रहती है।

जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मोदी ने पूजा है', ग्रामीण भारत महोत्सव में बोले पीएम मोदी

#pmnarendramodiinauguratesgrameenbharatmahotsav

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की राजधानी में स्थित भारत मंडपम में 'ग्रामीण भारत महोत्सव 2025' का उद्घाटन किया। ये कार्यक्रम 9 जनवरी तक चलेगा। इस दौरान उन्होंने इस महोत्सव में शामिल कलाकारों और कारीगरों से बातचीत की। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत के लिए गांवों का समृद्ध होना जरूरी है। गांव आत्मनिर्भर होगा तभी देश आत्मनिर्भर होगा। साल 2014 से ही केंद्र सरकार लगातार, हर पल ग्रामीण भारत की सेवा में लगी हुई है। इसके परिणाम भी नजर आ रहे हैं, क्‍योंकि जब इरादे नेक होते हैं तो नतीजे भी संतोष देने वाले होते हैं।

गांव के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन देना सरकार की प्राथमिकता-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, गांव के लोगों को गरिमापूर्ण जीवन देना मेरी सरकार की प्राथमिकता है। हमारा विजन है, भारत के गांव के लोग सशक्त बनें, उन्हें गांव में ही आगे बढ़ने के ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले, उन्हें पलायन न करना पड़े, गांव के लोगों का जीवन आसान हो, इसलिए हमने गांव-गांव में मूलभूत सुविधाओं की गारंटी का अभियान चलाया। पीएम मोदी ने कहा कि जो गांव में जिया है वो गांव को जीना जानता है। मैने गांव में भी जिया है और गांव के संभावनाओं को भी देखा है। गांव में विविधताओं से भरा सामर्थ्य होता है।

ग्रामीणों की क्रय शक्ति करीब तीन गुना बढ़ी-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि हाल ही में एक अहम सर्वे हुआ है, जिसमें पता चला कि साल 2011 की तुलना में अब ग्रामीणों की क्रय शक्ति करीब तीन गुना बढ़ गई है। अब गांव के लोग पहले की तुलना में ज्यादा खर्च कर रहे हैं। आजादी के बाद देश के ग्रामीण खाने पर 50 प्रतिशत आमदनी खर्च कर रहे थे। यह पहली बार है कि यह दर 50 फीसदी तक घट गई है।

पूर्व की सरकारों पर बोला हमला

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पूर्व की सरकारों ने दलितों, जनजातियों और पिछड़े वर्ग के लोगों की परेशानियों पर ध्यान नहीं दिया, जिसके चलते गांवों से पलायन हुआ और गरीबी बढ़ी। गांवों और शहरों में लगातार अंतर बढ़ रहा है। 'जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मोदी ने पूजा है'। जिन इलाकों को विकास से वंचित रखा गया, अब वहां समान अधिकार मिल रहे हैं। कल ही स्टेट बैंक ने रिपोर्ट जारी की है, जिसके अनुसार, साल 2012 में भारत में ग्रामीण इलाकों में गरीबी 26 प्रतिशत थी, लेकिन 2024 में यह घटकर पांच प्रतिशत से भी कम रह गई है।'

ग्रामीणों के लिए बनाई गई योजनाओं की दी जानकारी

पीएम मोदी ने केंद्र की ग्रामीणों के लिए बनाई गई योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा, 'हमारी सरकार ने गांव के हर वर्ग के लिए विशेष नीतियां बनाई हैं। दो-तीन दिन पहले ही कैबिनेट ने 'पीएम फसल बीमा योजना' को एक वर्ष अधिक तक जारी रखने की मंजूरी दे दी है। दुनिया में डीएपी का दाम बढ़ रहा है, आसमान छू रहा है, लेकिन हमने निर्णय किया कि हम किसान के सिर पर बोझ नहीं आने देंगे और सब्सिडी बढ़ाकर डीएपी का दाम स्थिर रखा है। हमारी सरकार की नीयत, नीति और निर्णय ग्रामीण भारत को नई ऊर्जा से भर रहे हैं।

दिल्ली चुनाव के लिए बीजेपी की पहली लिस्ट, केजरीवाल के खिलाफ लड़ेंगे प्रवेश वर्मा
#bjp_candidate_list_delhi_election *
भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है।भाजपा ने प्रवेश वर्मा को नई दिल्ली विधानसभा सीट से उतारा है।प्रवेश वर्मा आप के उम्मीदवार अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी की पहली सूची में 29 उम्मीदवारों का नाम हैं। कालकाजी सीट से आप की उम्मीदवार दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी के खिलाफ भाजपा ने रमेश बिधुड़ी को उतारा है। करोल बाग से दुष्यंत गौतम, राजौरी गार्डन से मनजिंदर सिंह सिरसा, बिजवासन से कैलाश गहलोत चुनाव लड़ेंगे। वहीं करोल बाग से दुष्यंत गौतम, राजौरी गार्डन से मनजिंदर सिंह सिरसा, बिजवासन से कैलाश गहलोत और गांधी नगर से अरविंदर सिंह लवली को टिकट दिया है। प्रवेश वर्मा पूर्व सांसद हैं। हालांकि बीते लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उनको टिकट नहीं दिया था। वह दिल्ली के पूर्व सीएम और भापजा के दिग्गज नेता साहेब सिंह वर्मा के बेटे हैं। पिछले दिनों उन पर अपने आवास पर महिलाओं को पैसे बांटने का आरोप लगे थे। नई दिल्ली सीट पर मुकाबला काफी कांटे का है। कांग्रेस ने अपने दिग्गज संदीप दीक्षित को मैदान में उतारा हैं। संदीप दीक्षित पूर्व सांसद और पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे हैं।
माता-पिता का नहीं रखा ध्यान तो हाथ से जाएगी ट्रांसफर की गई प्रॉपर्टी, सुप्रीम कोर्ट ने क्यों कहा ऐसा?

#scsaidgiftdeedcanbecancelledifparentsnottakingcareoftheirchild

मां-बाप की सेवा और देखभाल प्रत्येक संतान की जिम्मेदारी है। हमारी संस्कृति इसे जीवन का महत्वपूर्ण अंग मानती है परंतु आधुनिक समाज में अनेक संतानों ने अपनी इस जिम्मेदारी को भुला दिया है। इसलिए आज चंद माता-पिता अपनी संतानों के हाथों ही उत्पीड़ित और अपमानित हो रहे हैं। अनेक संतानें शादी के बाद अपने माता-पिता की ओर से आंखें ही फेर लेती हैं। उनका एकमात्र उद्देश्य किसी भी तरह उनकी सम्पत्ति पर कब्जा करना ही रह जाता है तथा इसके बाद वे उन्हें घर से निकालने और उन पर अत्याचार करने में जरा भी संकोच नहीं करतीं। ऐसे समय में सुप्रीम कोर्ट ने बुजुर्गों के लेकर बहुत अहम फैसला सुनाया है।सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अगर बच्चे माता-पिता की देखभाल नहीं करते हैं,तो माता-पिता की ओर से बच्चों के नाम पर की गई संपत्ति की गिफ्ट डीड को रद्द किया जा सकता है।

कोर्ट ने क्या-क्या कहा?

कोर्ट ने वरिष्ठ नागरिकों के हितों की रक्षा करने की जरूरत पर जोर देते हुए इस फैसले को सामने रखा। कई पेरेंट्स को उनके बच्चे प्रॉपर्टी और गिफ्ट लेने के बाद नजरअंदाज कर देते हैं और उन्हें खुद की देखभाल करने के लिए छोड़ दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अहम फैसला सुनाते हुए कहा, अगर बच्चे पेरेंट्स की देखभाल करने में विफल रहते हैं तो माता-पिता ने उन्हें जो प्रॉपर्टी और गिफ्ट दिए हैं वो वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम के तहत रद्द किया जा सकता है। अदालत ने कहा, संपत्ति का ट्रांसफर शून्य घोषित किया जाएगा।

वरिष्ठ नागरिकों के हितों की होगी रक्षा

वरिष्ठ नागरिकों के हितों की रक्षा की आवश्यकता पर जोर देते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे कई वरिष्ठ नागरिक हैं जिन्हें उनके बच्चे अनदेखा कर देते हैं और संपत्ति हस्तांतरित करने के बाद उन्हें अपने हाल पर छोड़ देते हैं। जस्टिस सीटी रविकुमार और संजय करोल की पीठ ने कहा कि यह अधिनियम एक लाभकारी कानून है जिसका उद्देश्य उन बुजुर्गों की मदद करना है जिन्हें संयुक्त परिवार प्रणाली के कमजोर होने के कारण अकेला छोड़ दिया जाता है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के लिए इसके प्रावधानों की व्याख्या उदारतापूर्वक की जानी चाहिए,न कि संकीर्ण अर्थों में।

हाई कोर्ट के फैसले को क्यों पलटना पड़ा?

सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के उस फैसले को पलट दिया जिसमें कहा गया था कि गिफ्ट डीड में बच्चों को माता-पिता की देखभाल करने के लिए बाध्य करने वाला एक खंड होना चाहिए और इसकी अनुपस्थिति में गिफ्ट डीड को रद्द नहीं किया जा सकता है। अधिनियम की धारा 23 कहती है कि जहां कोई वरिष्ठ नागरिक इस अधिनियम के प्रारंभ होने के बाद उपहार या अन्यथा अपनी संपत्ति को इस शर्त के अधीन स्थानांतरित करता है कि प्राप्तकर्ता ट्रांसफर करने वाले को बुनियादी सुविधाएं और बुनियादी शारीरिक आवश्यकताएं प्रदान करेगा। यदि ऐसा प्राप्तकर्ता ऐसी सुविधाएं और शारीरिक आवश्यकताएं प्रदान करने से इनकार करता है या करने में विफल रहता है, तो संपत्ति का ट्रांसफर धोखाधड़ी या जबरदस्ती या अनुचित प्रभाव से किया गया माना जाएगा और हस्तांतरणकर्ता के विकल्प पर न्यायाधिकरण द्वारा शून्य घोषित किया जाएगा।

माता-पिता की सहमति के बिना बच्चे नहीं चला पाएंगे सोशल मीडिया अकाउंट, नए नियम लाने की तैयारी में केंद्र सरकार

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आने वाले समय में बच्चे बगैर आपकी अनुमित के सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट बनाने और चलाने के लिए पैरेंट्स यानी माता-पिता की मंजूरी जरूरी होगी। इसको लेकर केंद्र सरकार नया नियम लाने जा रही है। यह नियम डेटा प्रोटेक्शन के नए ड्राफ्ट में है। केंद्र सरकार इन नियमों को लागू करने के लिए डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन (डीपीडीपी) एक्ट के ड्रॉफ्ट को जारी कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस ड्रॉफ्ट के तहत जिन नियमों का जिक्र किया गया है उन्हें अंतिम निमय बनाने के लिए 18 फरवरी के बाद विचार किया जाएगा।

रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट लिखकर डीपीडीपी नियमों के ड्रॉफ्ट को लेकर लोगों से सलाह भी मांगी है। उन्होंने लिखा कि डीपीडीपी नियमों का मसौदा परामर्श के लिए खुला है। आपकी राय चाहता हूं।

मंजूरी के 14 महीने के बाद सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी

करीब 14 महीने पहले संसद की ओर से डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण अधिनियम-2023 को मंजूरी देने के बाद मसौदा नियम सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किए गए हैं। मसौदा माईजीओवी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। इसका उद्देश्य डिजिटल व्यक्तिगत डाटा की सुरक्षा के लिए कानूनी ढांचे को मजबूत करना है। मसौदा नियमों में डिजिटल डाटा संरक्षण अधिनियम, 2023 के तहत व्यक्तियों की सहमति लेने, डाटा प्रसंस्करण निकायों और अधिकारियों के कामकाज से संबंधित प्रावधान तय किए गए हैं। नियमों में व्यक्तियों से स्पष्ट सहमति हासिल करने के लिए एक तंत्र बनाने की बात कही गई है।

डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट

ड्राफ्ट के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 की सेक्शन 40 की सब-सेक्शन 40 (1) और (2) की शक्तियों का प्रयोग करते हुए केंद्र सरकार की ओर से एक्ट के लागू होने की डेट को या उसके बाद बनाए जाने वाले प्रस्तावित नियमों का ड्राफ्ट पब्लिश किया जाता है। ड्राफ्ट नियमों में डिजिटल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 के तहत लोगों की सहमति लेने, डेटा प्रोसेसिंग निकायों और अधिकारियों के कामकाज से संबंधित प्रोविजन (प्रावधान) तय किए गए हैं।

18 फरवरी के बाद होगा विचार

नोटिफिकेशन में कहा गया है कि ड्राफ्ट नियमों पर 18 फरवरी 2025 के बाद विचार किया जाएगा। नियमों में डीपीडीपी एक्ट, 2023 के तहत पेनाल्टी का जिक्र नहीं किया गया है। डीपीडीपी नियमों का लंबे समय से इंतजार हो रहा था। फिलहाल सरकार ने जो ड्राफ्ट तैयार किया है उसमें नियमों के उल्लंघन पर किसी तरह की कार्रवाई का जिक्र नहीं है। सरकार ने अभी सिर्फ लोगों से उनकी राय मांगी है। सरकार लोगों की राय पर गौर करने के बाद कोई कदम उठाएगी।