43 साल बाद किसी भारतीय पीएम का कुवैत दौरा, दो दिन में 7 देशों को साधेंगे
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दो दिवसीय दौरे पर कुवैत के दौरे पर रवाना हो चुके हैं। मोदी दो दिवसीय दौरे पर कुवैत जा रहे हैं। पीएम मोदी का ये दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि 43 साल बाद ये पहला मौका है जब किसी भारतीय पीएम का कुवैत दौरा हो रहा है। पीएम मोदी 21 और 22 दिसंबर को कुवैत के दौरे पर रहेंगे। कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबा के बुलावे पर प्रधानमंत्री मोदी वहां जा रहे हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी अपनी कुवैत यात्रा के दौरान कुवैत के अमीर शेख मेशाल अल-अहमद अल-जबेर अल-सबाह से द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। पीएम अपनी यात्रा में कुवैत के लीडर्स से द्विपक्षीय बातचीत के अलावा भारतीय समुदाय का भी हालचाल जानेंगे। भारत और कुवैत के बीच रिश्तों को और मजबूत करने में प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का बड़ा योगदान होगा क्योंकि कुवैत भारत के टॉप ट्रेडिग पार्टनर में से एक है।
पीएम मोदी कुवैत की इस यात्रा से अरब के सात देशों को साधने की भी कोशिश कर रहे हैं। भारत और मिडिल-ईस्ट के देशों एनर्जी और गैस सहित कई तरह के कारोबार पर निर्भर हैं। अरब मुल्क कई कारणों से भारत को अहमियत देते हैं। यही वजह है कि कुवैत की इस यात्रा को जोड़ दें तो यह चौंदहवी बार होगा जब पीएम मोदी अरब के किसी देश का दौरा कर रहे हैं। इससे पहले वह दो बार कतर और सऊदी अरब, एक बार ओमान और बहरीन, जबकि सात बार संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा कर चुके हैं।
इंदिरा गांधी ने 1981 में की थी कुवैत यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी से पहले साल 1981 में इंदिरा गांधी ने कुवैत की यात्रा की थी, जबकि साल 2013 में कुवैत के प्रधानमंत्री भारत की यात्रा पर आए थे। हालांकि, इस बीच भारत की तरफ से उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने साल 2009 में कुवैत की यात्रा की थी। भारत और कुवैत के द्विपक्षीय संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं और कोरोना काल के दौरान भी दोनों देश एक-दूसरे के साथ खड़े थे और एक-दूसरे की मदद की थी। भारत ने कुवैत में मेडिकल टीम भेजा था, जबकि कुवैत ने भारत को लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई की थी।







* वन नेशन वन इलेक्शन को राज्यसभा में ध्वनि मत से मंजूरी मिल गई। साथ ही उससे संबंधित एक अन्य विधेयक पर विचार के लिए गठित की जाने वाली समिति में उच्च सदन के 12 सदस्यों को नामित करने के प्रस्ताव को भी ध्वनि मत से मंजूर किया गया है। एक देश, एक चुनाव से संबंधित बिल शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में आया और हंगामे के बीच डिवीजन के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया। जेपीसी को लेकर भी तस्वीर अब साफ हो गई है। एक देश, एक चुनाव के लिए जरूरी संविधान संशोधन विधेयक के लिए गठित जेपीसी में 39 सदस्य होंगे जिनके नाम सामने आ गए हैं।लोकसभा के 27 और राज्यसभा के 12 सदस्य जेपीसी में होंगे। इससे पहले, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने निम्न सदन, लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले 129वां संशोधन विधेयक, 2024 और उससे जुड़े संघ राज्य क्षेत्र विधि संशोधन विधेयक, 2024 को संसद की संयुक्त समिति के विचार के लिए भेजे जाने का प्रस्ताव रखा था। उच्च सदन से इस समिति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घनश्याम तिवाड़ी, भुनेश्वर कलिता, के लक्ष्मण, कविता पाटीदार, जनता दल (यूनाइटेड) के संजय झा, कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला, और मुकुल वासनिक, तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले, द्रविड़ मुनेत्र कषगम के पी विल्सन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, बीजू जनता दल के मानस रंजन मंगराज और वाईएसआर कांग्रेस के वी विजय साई रेड्डी को शामिल किया गया है। *जेपीसी में लोकसभा के ये 27 सदस्य* इस समिति में लोकसभा से जिन 27 सदस्यों को शामिल किया गया उनमें भारतीय जनता पार्टी से पीपी चौधरी, सीएम रमेश, बांसुरी स्वराज, पुरुषोत्तम रुपाला, अनुराग ठाकुर, विष्णु दयाल शर्मा, भर्तृहरि महताब, संबित पात्रा, अनिल बलूनी, विष्णु दत्त शर्मा, बैयजंत पांडा और संजय जायसवाल शामिल हैं। कांग्रेस से प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी और सुखदेव भगत को इस समिति का हिस्सा बनाया गया है। समाजवादी पार्टी से धर्मेंद्र यादव और छोटेलाल, तृणमूल कांग्रेस से कल्याण बनर्जी, द्रमुक से टी एम सेल्वागणपति, तेलुगु देशम पार्टी से हरीश बालयोगी, शिवसेना (उबाठा) से अनिल देसाई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) से सुप्रिया सुले, शिवसेना से श्रीकांत शिंदे, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से शांभवी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के शामिल हैं। राधाकृष्णन, राष्ट्रीय लोक दल के चंदन चौहान और जन सेना पार्टी के बालाशौरी वल्लभनेनी को इस समिति में शामिल किया गया है। *भरतृहरि महताब होंगे अध्यक्ष* बीजेपी सांसद भरतृहरि महताब वन नेशन वन इलेक्शन बिल के लिए गठित जेपीसी के अध्यक्ष होंगे। पहले इसमें लोकसभा से 21 सदस्यों और राज्यसभा से 10 सदस्यों को नामित किया गया था। इसे बाद में लोकसभ के 27 और राज्यसभा के 12 सदस्यों में बदल दिया गया। जेपीसी में नई सूची के अनुसार, दोनों सदनों से मिलाकर कुल 39 सदस्य होंगे।
Dec 21 2024, 10:49
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