वर्ल्ड मेडिटेशन डे पर श्री श्री रविशंकर का संयुक्त राष्ट्र में होगा संबोधन, 21 दिसंबर भारत के लिए होगा ऐतिहासिक दिन
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संयुक्त राष्ट्र ने "विश्व ध्यान दिवस" पर भारत के मशहूर अध्यात्मिक संत श्री श्री रविशंकर को मुख्य व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया है। श्री श्री रविशंकर 21 दिसंबर दिन शनिवार को इस सबसे बड़े वैश्विक मंच पर दुनिया को भारत की अध्यात्मिक ताकत से अवगत कराएंगे। पूरी दुनिया के लिए वैश्विक ध्यान के लिहाज से श्री श्री रविशंकर का यह भाषण बेहद ऐतिहासिक होने जा रहा है। श्री श्री रविशंकर की दुनिया भर में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक के तौर पर उनकी ख्याति है।1982 में 10 दिनों के गहरे मौन के दौरान उन्होंने सुदर्शन क्रिया की खोज की, जो आर्ट ऑफ लिविंग का मूल आधार है।
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न्यूयॉर्क स्थित यूनाइटेड नेशन में स्थित परमानेंट मिशन के ने वर्ल्ड मेडिटेशन डे से जुड़ा बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के मुताबिक 21 दिसंबर 2024 को पहली बार वर्ल्ड मेडिटेशन डे मनाया जाएगा। इस अवसर पर गुरुदेव श्री श्री रविशंकर का संबोधन होगा। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का विषय "वैश्विक शांति और सद्भाव के लिए ध्यान" होगा। न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर से लेकर यूरोपीय संसद और मलेशिया के दूतावासों तक, दुनिया में तमाम देशों में सभी को इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनने का खास अवसर है।
दुनिया के सबसे बड़े इस मंच पर संयुक्त राष्ट्र ने विश्व ध्यान दिवस पर व्याख्यान देने के लिए आखिरकार श्री श्री रविशंकर को ही क्यों चुना? इसके पीछे भी खास वजह है। संयुक्त राष्ट्र ने यह स्वीकार किया है कि विश्व कल्याण का नेतृत्व करने वाला भारत दुनिया का इकलौता देश है। क्योंकि पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व कल्याण का नेतृत्व कर रहा है। भारत की छवि विश्व बंधु के रूप में उभरी है। किसी भी देश पर संकट, आपदा या आपातकाल की स्थिति में मदद करने वालों की लिस्ट में भारत प्रथम उत्तरदाता रहा है। इसलिए भारत के संत श्री श्री रवि शंकर को संयुक्त राष्ट्र ने विश्व ध्यान दिवस के मौके पर प्रमुख व्याख्यान के लिए चुना है। न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में प्रथम विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन सत्र के दौरान आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर मुख्य भाषण देंगे। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
यूएन के अधिकारियों ने कहा कि भारत ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के रूप में घोषित करने की पहल का नेतृत्व करके वैश्विक कल्याण में एक महत्वपूर्ण योगदान दिया है और इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा सर्वसम्मति से अपनाया गया। विश्व ध्यान दिवस का आगाज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हुआ है। बता दें कि पीएम नरेन्द्र मोदी की सरकार के नेतृत्व में किया गया यह ऐतिहासिक प्रयास, विश्व के साथ अपने प्राचीन ज्ञान को साझा करने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों ने कहा कि यह तिथि भारतीय परंपरा के अनुसार उत्तरायण शुरू होने पर पड़ती है, जो वर्ष का एक शुभ समय है और 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का पूरक है। ऐसे में श्री श्री रविशंकर द्वारा दिया जाने वाला यह व्याख्यान बेहद ऐतिहासिक होगा।






* वन नेशन वन इलेक्शन को राज्यसभा में ध्वनि मत से मंजूरी मिल गई। साथ ही उससे संबंधित एक अन्य विधेयक पर विचार के लिए गठित की जाने वाली समिति में उच्च सदन के 12 सदस्यों को नामित करने के प्रस्ताव को भी ध्वनि मत से मंजूर किया गया है। एक देश, एक चुनाव से संबंधित बिल शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में आया और हंगामे के बीच डिवीजन के बाद इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया। जेपीसी को लेकर भी तस्वीर अब साफ हो गई है। एक देश, एक चुनाव के लिए जरूरी संविधान संशोधन विधेयक के लिए गठित जेपीसी में 39 सदस्य होंगे जिनके नाम सामने आ गए हैं।लोकसभा के 27 और राज्यसभा के 12 सदस्य जेपीसी में होंगे। इससे पहले, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने निम्न सदन, लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले 129वां संशोधन विधेयक, 2024 और उससे जुड़े संघ राज्य क्षेत्र विधि संशोधन विधेयक, 2024 को संसद की संयुक्त समिति के विचार के लिए भेजे जाने का प्रस्ताव रखा था। उच्च सदन से इस समिति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के घनश्याम तिवाड़ी, भुनेश्वर कलिता, के लक्ष्मण, कविता पाटीदार, जनता दल (यूनाइटेड) के संजय झा, कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला, और मुकुल वासनिक, तृणमूल कांग्रेस के साकेत गोखले, द्रविड़ मुनेत्र कषगम के पी विल्सन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, बीजू जनता दल के मानस रंजन मंगराज और वाईएसआर कांग्रेस के वी विजय साई रेड्डी को शामिल किया गया है। *जेपीसी में लोकसभा के ये 27 सदस्य* इस समिति में लोकसभा से जिन 27 सदस्यों को शामिल किया गया उनमें भारतीय जनता पार्टी से पीपी चौधरी, सीएम रमेश, बांसुरी स्वराज, पुरुषोत्तम रुपाला, अनुराग ठाकुर, विष्णु दयाल शर्मा, भर्तृहरि महताब, संबित पात्रा, अनिल बलूनी, विष्णु दत्त शर्मा, बैयजंत पांडा और संजय जायसवाल शामिल हैं। कांग्रेस से प्रियंका गांधी वाड्रा, मनीष तिवारी और सुखदेव भगत को इस समिति का हिस्सा बनाया गया है। समाजवादी पार्टी से धर्मेंद्र यादव और छोटेलाल, तृणमूल कांग्रेस से कल्याण बनर्जी, द्रमुक से टी एम सेल्वागणपति, तेलुगु देशम पार्टी से हरीश बालयोगी, शिवसेना (उबाठा) से अनिल देसाई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) से सुप्रिया सुले, शिवसेना से श्रीकांत शिंदे, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से शांभवी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के शामिल हैं। राधाकृष्णन, राष्ट्रीय लोक दल के चंदन चौहान और जन सेना पार्टी के बालाशौरी वल्लभनेनी को इस समिति में शामिल किया गया है। *भरतृहरि महताब होंगे अध्यक्ष* बीजेपी सांसद भरतृहरि महताब वन नेशन वन इलेक्शन बिल के लिए गठित जेपीसी के अध्यक्ष होंगे। पहले इसमें लोकसभा से 21 सदस्यों और राज्यसभा से 10 सदस्यों को नामित किया गया था। इसे बाद में लोकसभ के 27 और राज्यसभा के 12 सदस्यों में बदल दिया गया। जेपीसी में नई सूची के अनुसार, दोनों सदनों से मिलाकर कुल 39 सदस्य होंगे।

Dec 20 2024, 19:54
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