/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz कांग्रेस पर बरसे अमित शाह, बोले मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया, वे भ्रम फैला रहे India
कांग्रेस पर बरसे अमित शाह, बोले मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया, वे भ्रम फैला रहे

#union_minister_amit_shah_press_conference

Image 2Image 4

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान डॉ. बीआर आंबेडकर को लेकर दिए बयान पर सियासत गरमा गई है। विपक्ष लगातार शाह से इस्तीफा मांग रहा है। अब गृह मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया। अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने संसद में हुई चर्चा के तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश किया है। यह कांग्रेस ने इसलिए किया क्योंकि भाजपा के वक्ताओं ने फैक्ट के साथ विषय रखे, इससे ये तय हो गया कि कांग्रेस अंबेडकर विरोधी, आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है।

शाह ने कहा, विगत सप्ताह में संसद में लोकसभा और राज्यसभा में संविधान को स्वीकार किए हुए 75 साल के मौके पर संविधान की रचना, संविधान निर्माताओं के योगदान और संविधान में प्रस्थापित किए गए आदर्शों पर एक गौरवमयी चर्चा का आयोजन हुआ। इस चर्चा में 75 साल की देश की गौरव यात्रा, विकास यात्रा और उपलब्धियों की भी चर्चा होनी थी। उन्होंने कहा कि 'ये तो स्वाभाविक है कि जब लोकसभा और राज्यसभा में पक्ष-विपक्ष होते हैं, तो हर मुद्दे पर लोगों का, दलों का और वक्ताओं का नजरिया अलग-अलग होता है। मगर संसद जैसे देश के सर्वोच्च लोकतांत्रिक फोरम में जब चर्चा होती है, तब इसमें एक बात कॉमन होती है कि बात तथ्य और सत्य के आधार पर होनी चाहिए।

गृहमंत्री ने कहा, कल से कांग्रेस ने जिस प्रकार तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर रखने का प्रयास किया है वो निंदनीय है। मैं इसकी निंदा करना चाहता हूं। ये इसलिए हुआ क्योंकि भाजपा के वक्ताओं ने संविधान पर, संविधान की रचना के मूल्यों पर और जब-जब कांग्रेस या भाजपा का शासन रहा, तब शासन ने संविधान के मूल्यों का किस तरह से मूल्यांकन, संरक्षण और संवर्धन किया, इस पर तथ्यों और अनेक उदाहरण के साथ भाजपा के वक्ताओं ने विषय रखे।

कांग्रेस आंबेडकर जी की विरोधी पार्टी-शाह

अमित शाह ने कहा, इससे तय हो गया कि कांग्रेस आंबेडकर जी की विरोधी पार्टी है, कांग्रेस आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है। कांग्रेस ने सावरकर जी का भी अपमान किया, कांग्रेस ने आपातकाल लगाकर संविधान के सारे मूल्यों की धज्जियां उड़ा दी, नारी सम्मान को भी वर्षों तक दरकिनार किया, न्यायपालिका का हमेशा अपमान किया, सेना के शहीदों का अपमान किया और भारत की भूमि तक को संविधान तोड़कर दूसरे देशों को देने की हिमाकत कांग्रेस के शासन में हुई।

कांग्रेस ने बाबासाहेब को हाशिये पर धकेलने का काम किया-शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, कांग्रेस ने फिर एक बार अपनी पुरानी पद्धति को अपनाकर, बातों को तोड़-मरोड़कर और सत्य को असत्य के कपड़े पहनाकर समाज में भ्रांति फैलाने का एक कुत्सित प्रयास किया है। संसद में चर्चा के दौरान ये सिद्ध हो गया कि बाबा साहेब अंबेडकर का कांग्रेस ने किस तरह से पुरजोर विरोध किया था। बाबा साहेब के न रहने के बाद भी किस प्रकार से कांग्रेस ने उन्हें हाशिये पर धकेलने का प्रयास किया।

मेरे बयान को तोड़ा-मरोड़ा गया-अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि मैं उस पार्टी से आता हूं जो अंबेडकर का कभी अपमान नहीं कर सकती। राज्यसभा में मैंने जो कहा है कांग्रेस ने उसे तोड़ मरोड़ कर पेश किया है। कांग्रेस ने सत्य को असत्य के कपड़े पहनाकर भ्रांति फैलाई है। कांग्रेस आरक्षण का भी विरोध करती रही है। 31 दिसंबर 1980 को मंडल आयोग की रिपोर्ट आई, उसे भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, 1990 में जब गैर कांग्रेसी सरकार आई तब मंडल आयोग की रिपोर्ट लागू हुई। उस वक्त राजीव गांधी विपक्ष के नेता थे, जिन्होंने ओबीसी आरक्षण के विरोध में लंबा भाषण दिया था।

दिल्ली दंगा मामला में आरोपी उमर खालिद को मिली अंतरिम जमानत, जानें कितने दिनों के लिए रहेंगे बाहर*

#umar_khalid_bail_gets_by_delhi_court

Image 2Image 4

दिल्ली दंगों के आरोपी उमर खालिद को बड़ी राहत मिली है, कड़कड़डूमा कोर्ट ने बुधवार को उमर खालिद को अंतरिम जमानत दी है। उमर खालिद ने अपने मौसेरे भाई और बहन की शादी में शामिल होने के लिए 10 दिनों की अंतरिम जमानत मांगी थी। फरवरी 2020 में दिल्ली में हुए दंगों के पीछे बड़ी साजिश के आरोप में शामिल आरोपी उमर खालिद को कड़कड़डूमा कोर्ट ने 7 दिन की अंतरिम जमानत दी है।कोर्ट ने उमर खालिद को 28 दिसंबर से 3 जनवरी तक अंतरिम जमानत दे दी है।

उमर खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया था और उन पर आपराधिक साजिश, दंगा, गैरकानूनी सभा के साथ-साथ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत कई अन्य अपराधों का आरोप लगाया गया था। 2020 से ही वह जेल में बंद है। यह उमर खालिद की जमानत याचिका का दूसरा दौर है। निचली अदालत ने पहली बार मार्च 2022 में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उमर खालिद ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद कोर्ट ने अक्टूबर 2022 में राहत देने से इनकार कर दिया था।

इसके बाद उमर खालिद ने मई 2023 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। याचिका पर कई बार सुनवाई टली। बाद में उमर ने परिस्थितियों में बदलाव का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली थी। उमर के वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि हम परिस्थितियों में बदलाव के कारण याचिका वापस लेना चाहते हैं और उचित राहत के लिए ट्रायल कोर्ट का रुख करना चाहते हैं।

2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में खालिद के अलावा ताहिर हुसैन, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, शिफा-उर-रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, शादाब अहमद, तस्लीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद, सलीम खान, अतहर खान, सफूरा जरगर, शरजील इमाम, फैजान खान और नताशा नरवाल भी आरोपी हैं।

वन नेशन-वन इलेक्शन पर जेपीसी में प्रियंका गांधी का नाम भी शामिल, कांग्रेस से इन नामों की भी चर्चा

#one_nation_one_election_jpc_priyanka_gandhi_name

Image 2Image 4

केंद्रीय मत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में एक देश एक चुनाव के लिए 129वां संविधान संसोधन बिल पेश किया था। अब एक देश-एक चुनाव को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) में भेजा गया है। लोकसभा के स्पीकर अब जेपीसी का गठन करेंगे। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वन नेशन-वन इलेक्शन बिल पर बनी जेपीसी का हिस्सा हो सकती हैं। जेपीसी में कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी, मनीष तिवारी, रणदीप सुरजेवाला और सुखदेव भगत शामिल होंगे। सूत्रों के मुताबिक टीएमसी से कल्याण बनर्जी और साकेत गोखले इसमें शामिल होंगे. वहीं शिवेसना शिंदे गुट से श्रीकांत इसमें शामिल होंगे।

संयुक्त संसदीय समिति का गठन राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों को मिलाकर किया जाता है। यह समिति किसी भी मुद्दे या बिल की पूरी समीक्षा कर रिपोर्ट तैयार करती है। इसके बाद इसे सरकार के पास भेजा जाता है।अब जेपीसी गठन की तैयारी शुरू हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, जेपीसी में 31 सांसद शामिल हो सकते हैं, जो विधेयक की समीक्षा करेंगे। 31 सदस्यों में से 21 सदस्य लोकसभा से और 10 सांसद राज्यसभा से होंगे। गठन के बाद 90 दिनों के भीतर समिति को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। हालांकि समयसीमा को बढ़ाया भी जा सकता है।

जेपीसी के लिए राजनीतिक पार्टियों से अपने सांसदों के नाम देने के लिए कहा गया है। किस पार्टी से कितने सांसद होंगे, अभी ये तय नहीं है, लेकिन लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते जेपीसी अध्यक्ष और सबसे ज्यादा सांसद भाजपा के होंगे। गौरतलब है कि देश में लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के लिए सरकार ने लोकसभा में संविधान (129वां) संशोधन विधेयक पेश किया है। इसे एक देश एक चुनाव विधेयक कहा जा रहा है।

विधेयक के संसद से पारित होने के बाद साल 2029 के लोकसभा चुनाव के बाद राष्ट्रपति अधिसूचना जारी लोकसभा की पहली बैठक की तारीख तय करेंगे। जब 2029 में चुनी गई लोकसभा का कार्यकाल पूरा होगा तो सभी विधानसभाओं का कार्यकाल भी पूरा मान लिया जाएगा। जिसके बाद 2034 में संभवतः पूरे देश में एक साथ चुनाव कराए जा सकेंगे।

भारत में फिलहाल राज्यों के विधानसभा और देश के लोकसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं। वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में एक साथ ही लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव कराए जाना। नवंबर 2020 में पीएम नरेंद्र मोदी ने कई मंचों पर 'वन नेशन वन इलेक्शन' पर बात की थी। उन्होंने कहा था, "एक देश एक चुनाव सिर्फ चर्चा का विषय नहीं, बल्कि भारत की जरूरत है। हर कुछ महीने में कहीं न कहीं चुनाव हो रहे होते हैं। इससे विकास कार्यों पर प्रभाव पड़ता है। पूरे देश की विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव एक साथ होते हैं तो इससे चुनाव पर होने वाले खर्च में कमी आएगी।

आंबेडकर को लेकर अमित शाह को घेर रही कांग्रेस पर पीएम मोदी का वार, बोले-पार्टी के काले इतिहास को उजागर कर दिया, इसलिए...

#pmmodibigattackoncongressover_ambedkar

Image 2Image 4

पूरा विपक्ष गृह मंत्री अमित शाह को बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर वाले बयान पर घेरने की कोशिश कर रही है। आंबेडकर को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर विपक्ष के हमलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पलटवार किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, 'संसद में गृह मंत्री ने डॉ. आंबेडकर का अपमान करने और एससी-एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया। कांग्रेस इससे स्पष्ट रूप से आहत और स्तब्ध हैं। यही कारण है कि वे अब नाटकबाजी कर रहे हैं। दुख की बात है। लोग सच्चाई जानते हैं।'

पीएम मोदी ने 'एक्स' एक के बाद एक कई ट्वीट कर कहा, 'अगर कांग्रेस और उसका बेकार हो चुका तंत्र यह सोचता है कि उनके दुर्भावनापूर्ण झूठ उनके कई सालों के कुकर्मों खासकर डॉ. आंबेडकर के प्रति उनके अपमान को छिपा सकते हैं, तो वे बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं।'

पीएम मोदी ने दूसरे ट्वीट में कहा,'भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ आंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए हर संभव गंदी चाल चली है।' पीएम मोदी आगे कहते हैं,'डा आंबेडकर के प्रति कांग्रेस के पापों की सूची में शामिल हैं, उन्हें एक बार नहीं बल्कि दो बार चुनावों में हराना, पंडित नेहरू ने उनके खिलाफ प्रचार किया और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाया। उन्हें भारत रत्न देने से इनकार करना, संसद के सेंट्रल हॉल में उनके चित्र को गौरवपूर्ण स्थान न देना।'

उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहे जितनी कोशिश कर ले, वे इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि एससी-एसटी समुदायों के खिलाफ सबसे भयानक नरसंहार उनके शासन में ही हुए हैं। वे सालों तक सत्ता में रहे, लेकिन एससी और एसटी समुदायों को सशक्त बनाने के लिए कुछ भी ठोस नहीं किया।

पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद में गृह मंत्री द्वारा दिए गए बयान का वीडियो ट्वीट में अटैच करते हुए लिखा, संसद में गृह मंत्री अमित शाह जी ने डॉ आंबेडकर का अपमान करने और एससी/एसटी समुदायों की अनदेखी करने के कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया। उनके के ज़रिए प्रस्तुत तथ्यों से वे साफ तौर पर हैरान हैं। यही वजह है कि वे अब नाटकबाजी में शामिल हो गए। उनके लिए दुख की बात है कि लोग सच्चाई जानते हैं।

अमित शाह ने क्या कहा था?

अमित शाह मंगलवार को संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर बहस के दौरान सदन को संबोधित किया था। इस दौरान अमित शाह ने कहा था कि बीआर अंबेडकर का नाम लेना अब एक "फैशन" बन गया है. अब यह एक फैशन हो गया है। अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।

दुर्भावनापूर्ण झूठ’: बीआर अंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी पर विवाद पर पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रतिक्रिया दी

Image 2Image 4

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह की बीआर अंबेडकर पर टिप्पणी पर विपक्ष के विरोध का जवाब देते हुए कहा कि कांग्रेस ने दलित आइकन की विरासत को खत्म करने के लिए गंदी चालें चलीं। अगर कांग्रेस और उसका सड़ा हुआ पारिस्थितिकी तंत्र सोचता है कि उनके दुर्भावनापूर्ण झूठ उनके कई सालों के कुकर्मों, खासकर डॉ. अंबेडकर के प्रति उनके अपमान को छिपा सकते हैं, तो वे बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं!” उन्होंने एक्स पर लिखा।

“भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक वंश के नेतृत्व वाली एक पार्टी ने डॉ. अंबेडकर की विरासत को खत्म करने और एससी/एसटी समुदायों को अपमानित करने के लिए हर संभव गंदी चाल चली है,” उन्होंने कहा।

प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर अंबेडकर को भारत रत्न न देने का आरोप लगाया।

“डॉ. अंबेडकर के प्रति कांग्रेस के पापों की सूची में शामिल हैं: उन्हें एक बार नहीं बल्कि दो बार चुनावों में हराना, पंडित नेहरू ने उनके खिलाफ प्रचार किया और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाया, उन्हें भारत रत्न न देना, संसद के सेंट्रल हॉल में उनके चित्र को गौरवपूर्ण स्थान न देना,” मोदी ने एक्स पर लिखा। प्रधानमंत्री ने आगे कहा: “कांग्रेस चाहे जितनी कोशिश कर ले, लेकिन वे इस बात से इनकार नहीं कर सकते कि एससी/एसटी समुदायों के खिलाफ सबसे भयानक नरसंहार उनके शासन में हुए हैं। वे सालों तक सत्ता में रहे, लेकिन एससी और एसटी समुदायों को सशक्त बनाने के लिए कुछ भी ठोस नहीं किया।”

अमित शाह ने क्या कहा?

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर यह हमला ऐसे समय में किया है जब संसद में अमित शाह की बीआर अंबेडकर पर की गई टिप्पणी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है। अमित शाह ने मंगलवार को संविधान के 75 साल पूरे होने पर दो दिवसीय चर्चा के बाद राज्यसभा में अपने संबोधन में कहा कि कांग्रेस ने अंबेडकर का नाम लेना एक फैशन बना लिया है। "अभी एक फैशन हो गया है - अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर। शाह ने कहा, "अगर भगवान का इतना नाम लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता है। अगर वे भगवान का नाम इतनी बार लेते तो उन्हें स्वर्ग में जगह मिल जाती।"

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई कांग्रेस नेताओं ने शाह की इस टिप्पणी पर निशाना साधा। गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि जो लोग मनुस्मृति में विश्वास करते हैं, वे अंबेडकर से असहमत होंगे। खड़गे ने कहा कि गृह मंत्री द्वारा बाबासाहेब अंबेडकर का "अपमान" एक बार फिर साबित करता है कि भाजपा-आरएसएस तिरंगे के खिलाफ थे, उनके पूर्वजों ने अशोक चक्र का विरोध किया था और संघ परिवार के लोग पहले दिन से ही भारत के संविधान की जगह मनुस्मृति को लागू करना चाहते थे। खड़गे ने शाह के इस्तीफे की भी मांग की। "उन्होंने (अमित शाह) उन्होंने कहा, "उन्होंने बाबा साहब अंबेडकर और संविधान का अपमान किया है। मनुस्मृति और आरएसएस की उनकी विचारधारा से यह स्पष्ट है कि वह बाबा साहब अंबेडकर के संविधान का सम्मान नहीं करना चाहते। हम इसकी निंदा करते हैं और उनके इस्तीफे की मांग करते हैं। उन्हें देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए, उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।"

अरविंद केजरीवाल का एक और दांव,दिल्ली में बुजुर्गों के मुफ्त इलाज का ऐलान

#arvind_kejriwal_announced_sanjivani_yojana_before_delhi_chunav

Image 2Image 4

दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक है। संभवतः फरवरी में होने वाले चुनाव को देखते हुए आम आदमी पार्टी ने कमर कस ली है।दिल्ली में बुजुर्गों के मुफ्त इलाज के लिए आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बड़ी घोषणा करते हुए संजीवनी योजना का ऐलान किया है।दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बुजुर्गों के लिए संजीवनी योजना शुरू करने की घोषणा की। इसके तहत दिल्ली में 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों का इलाज मुफ्त होगा।

अरविंद केजरीवाल ने योजना की घोषणा करते हुए कहा कि दिल्ली वालों के लिए संजीवनी लेकर आया हूं। दिल्ली में 60 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्गों को मुफ्त इलाज मिलेगा। इलाज का सारा खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी। ये केजरीवाल की गारंटी है। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता घर-घर जाकर रजिस्ट्रेशन करेंगे। दिल्ली के पूर्व सीएम ने कहा कि सरकारी या प्राइवेट अस्पतालों में फ्री इलाज होगा। कोई अपर लिमिट नहीं होगी। कोई एपीएल, बीपीएल कार्ड नहीं चाहिए। इसका रजिस्ट्रेशन दो-तीन दिन में शुरू हो जाएगा। हमारे कार्यकर्ता आपके घर में आएंगे, आपको एक कार्ड देंगे, उसे संभालकर रखना। चुनाव के बाद आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर योजना बनाएगी और लागू करेगी।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज मैं जो घोषणा कर रहा हूं वो भारत के इतिहास में कभी नहीं हुआ है। हम बुजुर्गों का बहुत सम्मान करते हैं और उन्ही की वजह से हमारा देश आज यहां तक पहुंचा है। इस वजह से अब यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनका ध्यान रखें। अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'आप लोगों ने मेहनत करके देश को आगे बढ़ाया है और अब हमारा फर्ज बतना है कि हम आपका ख्याल रखें। इस वजह से हम संजीवनी योजना की घोषणा कर रहे हैं। बुढ़ापे में एक चीज सबको तकलीफ देती है और वो है बढ़ती उम्र के साथ 10 बीमारियों की चिंता। इस वजह से यह संजीवनी योजना दिल्ली के बुजुर्गों के लिए है।

इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने 12 दिसंबर को महिलाओं के लिए ‘महिला सम्मान योजना‘ की घोषणा की थी। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं के खाते में हर महीने एक हजार रुपये ट्रांसफर करने का ऐलान किया था। बाद में उन्होंने कहा था कि चुनाव जीतने के बाद महिलाओं को एक हजार की जगह 2100 रुपये दिए जाएंगे।

उत्तर कोरिया में फिर खुला भारतीय दूतावास, क्या इस कूटनीतिक बदलाव की वजह?

#india_will_restart_its_embassy_in_north_korea

Image 2Image 4

पाकिस्तान हो, चीन या बांग्लादेश, भारत के अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंध बहुत अच्छे नहीं कहे जा सकते हैं। ऐसे में भारत उत्तर कोरिया में राजनायिक संबंध बनाने की ओर अग्रसर है। भारतीय विदेश नीति में हाल ही में एक बड़ा कदम देखा गया जब भारत ने उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में अपना दूतावास दोबारा खोला। कोविड-19 महामारी के कारण उत्पन्न चुनौतियों के चलते भारत ने उत्तर कोरिया की राजधानी प्योंगयांग में स्थित अपने दूतावास का संचालन अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। महामारी के दौरान लागू किए गए कड़े यात्रा प्रतिबंधों और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं के कारण दूतावास के कर्मचारियों को वापस बुला लिया गया था। हालांकि, भारत ने उत्तर कोरिया दोबारा चालू कर लिया है।

जुलाई 2021 में भारत ने चुपचाप प्योंगयांग में अपना दूतावास बंद कर दिया और राजदूत अतुल मल्हारी गोत्सुर्वे पूरे स्टाफ के साथ मॉस्को के रास्ते नई दिल्ली लौट आए। हालांकि विदेश मंत्रालय ने कभी भी आधिकारिक तौर पर दूतावास को 'बंद' घोषित नहीं किया, लेकिन जब पत्रकारों ने पूछा कि पूरे स्टाफ को वापस क्यों बुलाया गया, तो उसने कहा कि यह कदम कोविड-19 के कारण उठाया गया था। वर्षों तक प्योंगयांग स्थित राजनयिक मिशन के बारे में कोई अद्यतन जानकारी नहीं दी गई और चौदह महीने पहले गोत्सुर्वे को मंगोलिया में राजदूत के रूप में नई नियुक्ति दी गई।

उत्तर कोरिया के साथ भारत के संबंध थोड़े ढके-छिपे ही रहे हैं। अब ऐसा लगता है कि भारत की कूटनीति में बड़ा बदलाव आया है और भारत ने प्योंगयांग के साथ अपने रिश्तों को मजबूती देने की कोशिश शुरू कर दी है।अब अचानक इस महीने की शुरुआत में भारत ने उत्तर कोरिया में अपने दूतावास का कामकाज फिर से शुरू करने का फैसला किया है। फिलहाल एक तकनीकी और राजनयिक कर्मचारियों की एक टीम को उत्तर कोरिया भेजा गया है। उत्तर कोरिया की सरकार जासूसी के लिए बदनाम भी है, ऐसे में पहले तकनीकी टीम दूतावास की जांच कर रही है। हालांकि अभी किसी राजदूत की नियुक्ति में थोड़ा समय लग सकता है।

उत्तर कोरिया का प्रभाव हाल के वर्षों में काफी बढ़ा है। इसकी वजह है उत्तर कोरिया का परमाणु शक्ति संपन्न होना और साथ ही उत्तर कोरिया ने हाइपरसोनिक मिसाइलों और लंबी दूरी की मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है। ऐसे में सामरिक तौर पर उत्तर कोरिया की अहमियत चार वर्ष पहले की तुलना में काफी बढ़ गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत सरकार को ये भी डर है कि उत्तर कोरिया की मिसाइल तकनीक पाकिस्तान या पाकिस्तान के आतंकी संगठनों के हाथ न लगने पाए, इसलिए भी भारत सरकार उत्तर कोरिया के साथ अपने रिश्तों को सुधारना चाहती है।

उत्तर कोरिया के दो बड़े साझेदार है, जिसमें रूस और चीन शामिल है। इसमें चीन उत्तर कोरिया को अमेरिका और दक्षिण कोरिया के खिलाफ कूटनीतिक और सैन्य दबाव के साधन के रूप में उपयोग करता है। वहीं हाल के कुछ सालों में यूक्रेन युद्ध के बाद, रूस और उत्तर कोरिया के बीच संबंध और प्रगाढ़ हुए। हाल ही में किम जोंग उन ने रूस का दौरा किया, और दोनों देशों ने सैन्य साझेदारी को बढ़ाने का फैसला लिया है।उत्तर कोरिया के साथ संबंध प्रगाढ़ करके भारत, चीन और रूस के साथ अपने कूटनीतिक समीकरणों को मजबूत कर सकता है। इसकी मदद से उत्तर कोरिया के प्राकृतिक संसाधन भारत के लिए निवेश और व्यापार के नए रास्ते खोल सकते हैं।

संसद में पीएम मोदी से मिले शरद पवार, जानिए क्या हुई बात

#sharad_pawar_meets_pm_modi

Image 2Image 4

पूर्व कृषि मंत्री और राज्यसभा सांसद शरद पवार ने संसद भवन में बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर अनार किसानों के सामने आने वाले मुद्दों पर चर्चा की। बैठक में अनार उद्योग से जुड़ी चुनौतियों, खासकर किसानों को प्रभावित करने वाली चुनौतियों पर चर्चा की गई। किसानों की चिंताओं के बारे में मुखर रहे पवार ने प्रधानमंत्री से इन मुद्दों को सुलझाने और कृषि क्षेत्र के लिए समर्थन सुनिश्चित करने के लिए दखल करने की मांग की।

बता दें कि दोनों नेता उस समय मिले हैं, जब कांग्रेस संसद में अडाणी मुद्दे पर प्रदर्शन कर रही है। बुधवार को भी जब शरद पवार संसद भवन पहुंचे तब कांग्रेस के नेता बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर के कथित अपमान के विरोध में प्रदर्शन कर रहे थे। इस बीच पवार ने पश्चिमी महाराष्ट्र के फलटन के दो किसानों के साथ संसद में प्रधानमंत्री से उनके कार्यालय में मुलाकात की और उन्हें अपने खेत से अनार का एक डिब्बा भेंट भी किया।

प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद पवार ने कहा,'मैंने साहित्य सम्मेलन के विषय पर बात नहीं की।' जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने पीएम मोदी महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर कोई बात की है? तो उन्होंने इस सवाल का जवाब 'नहीं' में दिया।

शरद पवार ना सिर्फ महाराष्ट्र में बल्कि राष्ट्रीय स्तर विपक्षी खेमे के लिए बड़ा चेहरा हैं। ऐसे में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पीएम मोदी से मुलाकात को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं, हालांकि बाद में साफ हो गया कि उन्होंने किसानों के मुद्दों को लेकर पीएम से यह मीटिंग की है।

शरद पवार महाराष्ट्र की राजनीति में चाणक्य माने जाते हैं। हर राजनीतिक स्थिति में सभी दलों के नेताओं को साधकर रखते हैं। इसके बूते ही कांग्रेस से अलग होने के बाद भी कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र की सत्ता में लगातार 15 साल टिके रहे। वह पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी भी माने जाते हैं। कई मौके ऐसे आए, जब पीएम नरेंद्र मोदी ने शरद पवार की सार्वजनिक तौर से तारीफ की।

हम पर जितना कर लगाता है तो हम भी उन पर उतना ही टैक्स लगाएंगे', डोनाल्ड ट्रंप ने भारत को दी धमकी

#donald_trump_warn_to_india_over_high_tariffs

अमेरिका के अगले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अब तक पदभार नहीं संभाला है। हालांकि जब से चुनाव जीते हैं तब से ही अपने फैसलों से सबको चौंका रहे हैं। अब एक बार फिर उन्होंने ऐसा बयान दिया है जो भारत समेत कई देशों के लिए चिंता का सबब है। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि जितना टैरिफ हमारे समान पर लगेगा उतना ही लगाएंगे।

Image 2Image 4

ट्रंप ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर भारत हमपर टैक्स लगाता है तो हम भी भारत पर उतना ही टैक्स लगाएंगे। उन्होंने कहा कि टैक्स तो पारस्परिक। यदि वे हम पर टैक्स लगाते हैं, तो हम भी उन पर उतना ही टैक्स लगाएंगे। ट्रंप ने कहा कि वो लगभग अमेरिका के सभी सामानों पर भारी टैक्स लगाते हैं और हम उन पर टैक्स नहीं लहा रहे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। चीन के साथ संभावित व्यापार समझौते पर एक सवाल का जवाब में उन्होंने कहा कि भारत और ब्राजील उन देशों में शामिल हैं जो कुछ अमेरिकी उत्पादों पर उच्च टैरिफ लगाते हैं।

ट्रंप ने कहा रेसिप्रोकल, यह बहुत ही अहम है। अगर कोई हम पर कर लगाता है, जैसे- भारत। हमें अपने बारे में बात करने की जरूरत नहीं। अगर भारत हमें 100 फीसदी चार्ज करता है, तो हम ऐसा क्यों न करें? वे हमें साइकिल भेजते हैं। हम भी उन्हें साइकिल भेजते हैं। वे हमें 100-200 चार्ज करते हैं। ट्रंप ने कहा कि भारत में टैक्स बहुत है। ब्राजील भी ऐसा ही करता है। अगर वे हम पर टैक्स लगाना चाहते हैं तो वो ठीक है, लेकिन हम भी वैसा ही करेंगे।

हाल ही में ट्रंप ने घोषणा की कि वह जनवरी में अपने पदभार ग्रहण करने के पहले दिन ही ऐसे आदेशों पर हस्ताक्षर करेंगे, जिसके तहत मेक्सिको और कनाडा से आने वाले सभी सामानों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। यह तब तक लागू रहेगा जब तक कि वे अपने देशों से अमेरिका में अवैध अप्रवासियों और ड्रग्स, खास तौर से फेंटानाइल के प्रवाह को न रोकें। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि यदि चीन ने अमेरिका में फेंटेनाइल ड्रग आने से रोकने के लिए निर्णायक कार्रवाई नहीं की तो वह चीन से आने वाले सामानों पर मौजूदा दरों के अतिरिक्त 10 प्रतिशत टैरिफ लगाएंगे।

मणिपुर में स्टारलिंक जैसी डिवाइस बरामद! जानें एलन मस्क का जवाब

#starlink_device_being_used_in_manipur_elon_musk_react_on_claims

मणिपुर में सुरक्षा बलों ने इंफाल पूर्वी जिले से तलाशी अभियान के दौरान स्नाइपर राइफल, पिस्तौल, ग्रेनेड और अन्य हथियारों के साथ एक स्टारलिंक के लोगो वाली डिवाइस बरामद किया है। यह बरामदगी 13 दिसंबर को इंफाल ईस्ट से की गई है। मणिपुर में स्टारलिंक जैसी डिवाइस मिलने से हड़कंप मच गया है और सुरक्षा एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं। इस बीच स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क का बयान सामने आया है।उन्होंने उन सभी दावों को भी खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा है कि स्टारलिंक डिवाइस का इस्तेमाल मणिपुर में किया जा रहा है।

Image 2Image 4

सुरक्षा बलों ने हाल ही में इंफाल पूर्वी जिले के केराओ खुनौ में छापेमारी के दौरान हथियारों और गोला-बारूद के साथ कुछ इंटरनेट डिवाइस जब्त किए थे। एक्स पर एक पोस्ट में दीमापुर मुख्यालय वाली स्पीयर का‌र्प्स ने सर्च अभियान में बरामद वस्तुओं की तस्वीरें डालीं। स्पीयर का‌र्प्स ने कहा कि आपरेशन में स्नाइपर्स, स्वचालित हथियार, राइफलें, पिस्तौल, देश-निर्मित मोर्टार, सिंगल बैरल राइफल, ग्रेनेड, गोला-बारूद और युद्ध जैसे भंडार वाले 29 हथियार बरामद किए गए है। इन तस्वीरों में स्टारलिंक लोगो वाला इंटरनेट डिवाइस भी शामिल था।

सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों के आते ही हड़कंप मच गया। लोगों ने दावा किया कि स्टारलिंक का इस्तेमाल आतंकवादियों की ओर से किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर उट रहे सवालों के बीच स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क का जवाब आया है।एलन मस्क ने कहा कि भारत के ऊपर स्टारलिंक सैटेलाइट बीम बंद कर दिए गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने उन सभी दावों को भी खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा है कि स्टारलिंक डिवाइस का इस्तेमाल मणिपुर में किया जा रहा है।

राज्य पुलिस के मुताबिक, केराओ खुनौ से जब्त की गई वस्तुओं में एक इंटरनेट सैटेलाइट एंटीना, एक इंटरनेट सैटेलाइट राउटर और 20 मीटर (लगभग) एफटीपी केबल शामिल हैं। स्टारलिंक के पास भारत में काम करने का लाइसेंस नहीं है। हालांकि, इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है कि बरामद उपकरण असली स्टारलिंक डिवाइस है या नहीं। स्टारलिंक जैसे उपकरण की बरामदगी के बाद अब एजेंसियां इस पहलू की भी जांच कर रही हैं कि उपकरण संघर्षग्रस्त राज्य में कैसे पहुंचा?