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झारखंड सरकार को केंद्रसरकार का झटका, कहाझारखंड का केंद्र के पास कोई 1.36 लाख करोड़ बकाया नहीं है

झारखंड डेस्क 

झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को केन्द्र सरकार ने जोर का झटका दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पिछले कुछ महीनों से लगातार केन्द्र सरकार पर उसके राजस्व का 1.36 लाख करोड़ बकाया होने का दावा कर रहे थे। लेकिन केन्द्र सरकार ने टका सा जवाब देकर झारखंड सरकार को जोरदार झटका दिया है। 

बता दें कि लोकसभा में बिहार के पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त मंत्रालय की ओर से यह जानकारी दी गयी।

वित्त मंत्रालय ने पप्पू यादव को जवाब दिया। कोयले से प्राप्त 1 लाख 36 हजार करोड़ रुपये के राजस्व के रूप में अर्जित कर में झारखंड सरकार का कोई हिस्सा वर्षों से केंद्र सरकार के पास लंबित नहीं है। वित्त मंत्रालय की ओर से साफ किया गया कि केंद्र की ओर से राज्यों को धन आवंटन में कोई भेदभाव नहीं किया जा रहा। बल्कि झारखंड को पिछले तीन साल में करीब 7790 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करायी गयी। 

यह राशि केंद्र प्रायोजित स्कीमों के लिए सहायता अनुदान, वित्त आयोग अंतरण और पूंजीगति व्यय-निवेश के लिए उपलब्ध कराई गई।

केन्द्र सरकार ने जो आंकड़ा पप्पू यादव को उपलब्ध कराया है उसके अनुसार, वर्ष 2023-24 में 4580.61 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई, जबकि 2022-23 में 2964.32 और 2021-22 में 246 करोड़ की राशि उपलब्ध कराई गई।

हेमंत सोरेन सरकार के लिए बड़ा झटका?

केन्द्र सरकार द्वारा दिया गया जवाब झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार के लिए बड़ा झटका है। आपको याद होगा, हेमंत सोरेन बार-बार और कई जनसभाओं में इसका जिक्र करते रहे हैं कि झारखंड के राजस्व का 1.36 लाख करोड़ रुपया केन्द्र सरकार पर बकाया है। अगर यह राशि केन्द्र सरकार से मिल जायेगी तो झारखंड कई योजनाओं की राशि बढ़ा भी दी जायेगा और कई योजनाओं को पूरा किया जा सकता है। यहां यह भी ध्यान देने वाली बात है कि हेमंत सोरेन सरकार, मंईयां योजना समेत कई बड़े वादों के कारण सत्ता में फिर से आयी है, इसे सरकार से मिलने वाली इस बकाया राशि से बड़ी उम्मीदें थी, अब यह सिर्फ राज्य सरकार के लिए, बल्कि राज्य की जनता के लिए भी ‘चिंतनीय विषय’ बन गया है।

धालभूम अनुमंडल में यातायात व्यवस्था सुगम बनाये रखने के लिए पांचवे दिन भी चला जाँच अभियान


जमशेदपुर शहरी क्षेत्र में यातायात व्यवस्था सुगम बनाये रखने को लेकर प्रशासन के विशेष अभियान में पांचवे दिन भी धालभूम अनुमंडल की एसडीओ शताब्दी मजूमदार टीम के साथ सड़क पर उतरी. 

नो पार्किंग जोन में जांच अभियान जुबली पार्क, कलेक्ट्रेट गोलचक्कर, बिष्टुपुर में गोपाल मैदान के आसपास के क्षेत्र से नो पार्किंग जोन में खड़े 20 दो पहिया वाहन व एक चार पहिया वाहन जब्त करते हुए जुर्माना लगाया. 

इधर, अनुमंडल पदाधिकारी, धालभूम श्रीमती मजूमदार ने कहा कि नो पार्किंग जोन में जांच अभियान आगे भी जारी रहेगी. जांच अभियान में कार्यपालक दंडाधिकारी चंद्रजीत सिंह, एमवीआइ सूरज हेंब्रम, ट्रैफिक इंस्पेक्टर व अन्य पदाधिकारी, कर्मी शामिल थे.

JSSC CGL सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के बीच परीक्षा को रद्द करने के लिए मचा बवाल, देवेंद्रनाथ महतो गिरफ्तार, छात्रों पर हुआ लाठी चार्ज


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : जेएसएससी यानी झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित सीजीएल परीक्षा शुरू होने से लेकर अब तक यानी परिणाम आने तक विवादों में रहा है। आज एक बार फिर नामकुम में जेएसएससी कार्यालय के पास छात्रों का उग्र प्रदर्शन देखने को मिला। पुलिस के द्वारा लाठियां भी बरसाई गई।

सीजीएल परीक्षा का परिणाम आने के बाद अभ्यर्थियों का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन की प्रक्रिया कार्यालय में शुरू हो चुका है, इस बीच वहां प्रदर्शन करने पहुंचे JLKM के नेता देवेंद्रनाथ महतो को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है, साथ ही आंदोलन कर रहे छात्रों पर लाठियां भी चटकाई है। बता दे की जेएसएससी कार्यालय से कुछ दूरी पर नामकुम बाजार स्थित छात्रों का जुटान हुआ। जहां पुलिस भी पहुंची और उन्हें हटाने का प्रयास किया।

विरोध कर रहे छात्र नेता प्रश्न पत्र लीक होने का आरोप लगा रहे है और परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे हैं। अपनी मांगों के समर्थन में देवेंद्रनाथ महतो कई समर्थकों से सड़क पर उतरे, लेकिन पुलिस ने आयोग कार्यालय पहुंचने के पहले ही उन सभी को हिरासत में ले लिया।

JSSC-CGLmen गड़बड़ी को लेकर छात्र की लड़ाई सड़क से लेकर अदालत तक, कोर्ट तक जारी,कल 17 दिसम्बर को होगी सुनवाई


झारखंड डेस्क 

झारखंड सीजीएल परीक्षा को रद्द करने को लेकर छात्र सड़क से लेकर अदालत तक की लड़ाई लड़ रहे हैं। एक तरफ जहां राजधानी में प्रदर्शन किया जा रहा है, तो दूसरी तरफ हाईकोर्ट में भी इस मामले में याचिका दायर हुई है। मामले को लेकर कोर्ट में कल यानि 17 दिसंबर को सुनवाई होगी। हालांकि सरकार के एक दाव से छात्रों की मंशा पर पानी फिर सकता है।

दरअसल याचिका की सुनवाई से पहले सरकार ने सीआईडी जांच का आदेश जारी कर दिया है। ऐसे में कोर्ट में सरकार की तरफ से ये दलील दी जायेगी, कि सरकार पूरे प्रकरण की जांच करा रही है। दूसरी तरफ जेएसएससी की तरफ से दो टूक कहा जा रहा है कि परीक्षा में किसी भी तरह की धांधली नहीं हुई है। अभ्यर्थियों का सर्टिफिकेट वैरिफिकेशन भी शुरू हो चुका है।

ऐसे में जांच का ऐलान और वैरिफिकेशन को छात्र हित से जोड़कर सरकार अपना दावा मजबूत कर सकती है। इधर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाये हैं। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर लिखा है कि हेमंत सरकार के पुन: सरकार में आने के बावजूद JSSC-CGL परीक्षा में हुई अनियमितता व कदाचार के प्रति असंवेदनशील रवैया बदला नहीं है। सरकार का मकसद सामने आ गया है।

अमर बाऊरी ने कहा कि पहला काम हेमंत सरकार कर रही है कि किसी भी तरह सीबीआई जांच ना हो, इसके लिए हर जतन किया जाए और दूसरा हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के पूर्व सुनियोजित तरीके से कोर्ट को दिग्भ्रमित करने की पटकथा लिखी जाए। 17 दिसंबर को हाई कोर्ट में होने जा रही सुनवाई से पूर्व मामले की लीपापोती करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा सीआईडी जांच की अनुशंसा आखिरी समय में की गई है।

छात्र पहुंचे JSSC CGL आंदोलन में नपेंगे तो थाना प्रभारी, एसपी ने जारी किया सभी थाना प्रभारियों को पत्र, रेल-बस सभी पर कड़ी नजर रखने के निर्देश

 

इधर, जेएसएससी लगातार प्रेस वार्ता के माध्यम से स्पष्टीकरण और दिग्भ्रमित करने वाली बातें कर रहा है। हजारों की संख्या में छात्र सड़क पर है, परेशान है और सीबीआई जांच के माध्यम से न्याय की गुहार लगा रहे हैं परंतु सरकार की प्राथमिकता सिर्फ किसी तरह पुलिस के माध्यम से अपनी दमनकारी नीतियों का प्रयोग करते हुए छात्रों को डरा कर मामले को दबाने का है ! सरकार अपने आप को मिली बहुमत का इस्तेमाल जनहित में कर सकती थी परंतु यहां एजेंडा कुछ और ही लग रहा है।

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, मुसाबनी प्रखंड इकाई की ओर से स्थानीय विधायक व शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का किया गया अभिनंदन


झारखंड डेस्क 

नये शिक्षा मंत्री से शिक्षकों को काफी उम्मीदें हैं। जिस तरह से सूबे के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने जिम्मेदारी संभालते ही सक्रियता दिखायी है, उससे शिक्षक संवर्ग में ये उम्मीद बंधी है कि सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी। 

अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ, मुसाबनी प्रखंड इकाई की ओर से स्थानीय विधायक व शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। अग्रसेन भवन मुसाबनी में आयोजित कार्यक्रम में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी विनय कुमार दुबे के सेवानिवृत्ति के उपरांत उनको विदाई भी दी गई।

इस दौरान संघ के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रदेश सलाहकार समिति सदस्य, शिक्षक नेता सुनील कुमार ने अपने संबोधन में शिक्षा मंत्री का स्वागत एवं अभिनंदन करते हुए शिक्षकों की निम्न समस्याओं की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने शिक्षा मंत्री से अनुरोध किया कि शिक्षकों की मांगों पर जल्द से जल्द विचार करते हुए उनकी बहुप्रतिक्षित समस्याओं का निदान किया जाये।

शिक्षकों की इन मांगों पर ध्यान कराया आकृष्ट

1) झारखंड के अन्य कर्मियों की भांति शिक्षकों के लिए भी MACP लागू किया जाए।

2) पूर्व से कार्यरत शिक्षकों की वरीयता अक्षुण्ण रखते हुए शिक्षकों को विभिन्न ग्रेडों स्नातक कला/ भाषा/ विज्ञान एवं प्रधानाध्यापक के रिक्त पद जिस पर पूर्व से कार्यरत शिक्षकों का हक है, शीघ्र प्रोन्नति देते हुए भरा जाए।

3) शिक्षक समस्याओं के समाधान हेतु पदाधिकारियों को जिम्मेवार बनाया जाए।

4) विभिन्न विभागीय समस्याओं के समाधान हेतु समय सीमा निर्धारित की जाए।

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5) विभागीय अधिकारियों द्वारा विभिन्न समस्याओं का समाधान हेतु संघ के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया जाता है। कई मामलों में एक समस्या पर ही पिछले कई वर्षों से लगातार केवल आश्वासन दिया जा रहा है। परंतु आश्वासन की पूर्ति हेतु कोई गंभीर प्रयास अधिकारियों द्वारा नहीं किया जाता। ऐसी स्थिति में मजबूरन शिक्षकों को धरना, प्रदर्शन आदि का सहारा लेना पड़ता है जिससे अनावश्यक श्रम, समय एवं पैसे की बर्बादी होती है। ऐसी स्थिति में विभागीय पदाधिकारियों को सख्त निर्देश दिया जाए कि जिन मामलों के समाधान हेतु विभागीय अधिकारियों द्वारा आश्वासन दिया जाता है, उन मामलों के समाधान की दिशा में अधिकारियों के स्तर पर गंभीर एवं सार्थक प्रयास होना चाहिए। केवल आश्वासन देकर मामले को टालने की नीति पर रोक लगाये जाने की आवश्यकता है।

6) शिक्षण के अलावा विभिन्न लिपिकीय कार्यों पर रोक लगाना।

7) माननीय शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में प्रत्येक दो-तीन माह के अंतराल पर शिक्षक संघ के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर शिक्षक समस्याओं, उनके समाधान, कार्य की प्रगति आदि की समीक्षा करना।

शिक्षकों की समस्याओं को शिक्षा मंत्री ने गंभीरता से सुना और समस्याओं को दूर करने की दिशा में ठोस कदम उठाने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की सभी वाजिब समस्याओं का समाधान होगा। शिक्षकों की समस्याओं के समाधान में कोई पदाधिकारी मुझे बरगला नहीं सकता। संघ द्वारा आयोजित आज का कार्यक्रम बहुत शानदार रहा, इस कार्यक्रम को मैं आजीवन याद रखूंगा और जब इस कार्यक्रम को याद रखूंगा तो आपकी समस्याओं को कैसे भूल सकता हूं, उसका भी समाधान करूंगा। मंच पर ही सुनील सोरेन के निवेदन पर शिक्षा मंत्री ने आगामी जनवरी में होने वाले संघ के जिला स्तरीय वार्षिक वनभोज सह मिलन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित होने की स्वीकृति प्रदान की।

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इस कार्यक्रम में कार्यक्रम में पूर्वी सिंहभूम जिला कमेटी की ओर से सरोज कुमार लेंका, माधिया सोरेन, पूर्व जिला अध्यक्ष सुनील कुमार यादव, अजम्बर सिंह सरदार आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम को सफल बनाने में राजकुमार रौशन, बासेत मार्डी, मोहम्मद सुलेमान, सुजीत कुमार कर्ण, अवधेश कुमार पांडे, विवेकानंद दास आदि की सराहनीय भूमिका रही।

JSSC CGL को लेकर रांची में प्रदर्शन पर पुलिस ने की सख्ती,दिया निर्देश की अगर छात्र धरना स्थल तक पहुंचे तो नपेंगें थानेदार

हजारीबाग: JSSC CGL को लेकर रांची में प्रदर्शन पर पुलिस ने पूरी सख्ती बरती है। छात्रों के इस प्रदर्शन को विपक्षी दलों का भी समर्थन है, लिहाजा पुलिस के सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम है। इधर हजारीबाग पुलिस का एक पत्र सोशल मीडिया में खूब वायरल हो रहा है। जिसमें हजारीबाग एसपी ने थाना प्रभारियों को चेतावनी दी है कि पूर्व में जिन भी छात्र नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है, वो अगर रांची प्रदर्शन में पहुंचेंगे, तो उस थाना क्षेत्र का थाना प्रभारी जिम्मेदार होंगे।

हजारीबाग एसपी ने पत्र के साथ 8 छात्र नेताओं की सूची भी जारी की है। इसके अलावे लॉज में पढ़ने वाले छात्रों के भी प्रदर्शन में शामिल होने की उम्मीद जतायी है। जिन छात्र नेता के खिलाफ कड़ी निगरानी के निर्देश दिये हैं, उसमें उदय कुमार मेहता, महेंद्र प्रसाद मेहता, अमन कुमार, अखिल कुमार, रोहित कुमार सिंह, विनय कुमार, आशीष कुमार, अनुज कुमार शामिल हैं।

पत्र में कहा गया है कि 11 लोगों पर हजारीबाग प्रदर्शन में नामजद मामला दर्ज किया गया था। एसपी ने निर्देश दिया है कि जिन 11 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, वो किसी भी हालत में प्रदर्शन में नहीं पहुंचने चाहिये। अगर ऐसा होता है, तो संबंधित थाना क्षेत्र के प्रभारी पर कार्रवाई होगी।

वहीं कोचिंग संस्थान के प्रबंधकों के लिए भी निर्देश दिया गया है कि वो उन्हें थाना में बुलाकर बांड भराकर नोटिस तामिल कराये, कि उनके संस्थान से एक भी छात्र प्रदर्शन में शामिल नहीं होगा। ये भी निर्देश दिया गया है कि बस और रेलवे के जरिये रांची जाने वाले छात्रों पर नजर रखा जाये। साथ ही सोशल मीडिया पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है।

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हलांकि पुलिसकर्मियों को ये भी आदेश दिया गया है कि वो किसी भी सूरत मेंलाठीचार्ज नहीं करेंगे। पुलिसकर्मियों और थाना प्रभारी को 7 अलग-अलग बिंदुओं में दिशाना निर्देश जारी किया है। साथ ही हर 2-2 घंटे में पूरी रिपोर्ट तलब की गयी है।

झारखण्ड : अब किन-किन महिलाओं को. नहीं मिलेगा मंईयां सम्मान योजना का लाभ, जाने सरकार ने किया बनाया है नियम


झारखंड डेस्क 

झारखण्ड : झारखंड में अब मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का लाभ अब केवल उन महिलाओं को मिलेगा जिनके पति को किसी तरह की सरकारी सहायता मानदेय या निविदा न मिल रहा हो.

बता दें कि झारखंड सरकार के द्वारा महिला सशक्तिकरण को बढ़वा देने के लिए मंईयां सम्मान योजना लाया गया. जिसके तहत राज्य की सभी महिलाओं को हर महीने 1000 की रुपये राशि दी जा रही है, हालांकि सरकार ने इस महीने से इस राशि को बढ़ाकर 2500 रुपये देने का वादा किया है.

वहीं अब 2500 की राशी देने से पहले राज्य सरकार एक क्राइटेरिया बना ली है. अब राज्य सरकार ने महिलाओं को देने वाली मंइयां सम्मान योजना का लाभ लेने वाली महिलाओं के लिए कड़े गाइडलाइंस जारी किए हैं. सामाजिक सुरक्षा विभाग की निदेशक ने तीन दिसंबर को सभी जिलों के उपायुक्त को पत्र भेजकर ऐसे लाभुकों को चिह्नित करने और योजना से बाहर करने का निर्देश दिया है.

ये महिलाएं अब मंईयां सम्मान योजना का लाभ नहीं ले सकेंगी

पत्र के मुताबिक, जिन महिलाओं को पति किसी भी तरह के सरकारी या सरकारी सहायता प्राप्त संस्थान में मानदेय या निविदा पर भी काम कर रहे हैं उन्हें लाभ से वंचित कर दिया जाएगा.

इतनी लाख महिलाओं ने अबतक किया है आवेदन

आपको बता दें कि अबतक इस योजना में 53 लाख 63 हजार 354 महिलाओं को लाभ की स्वीकृति मिली हुई है. जबकि 64 लाख 42 हजार 005 महिलाओं ने इसके लिए कुल आवेदन किया है. नए प्रविधान के मुताबिक ऐसे अयोग्य लोगों की पहचान इसी साल दिसंबर महीने तक करनी है और उन्हें पोर्टल से बाहर करना है.

उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है कि ऐसे लोगों को लाभ लेने से रोकते हुए दी गई राशि वसूल करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ की जाए. बताया गया है कि कई महिलाएं दो- दो जिलों में योजना का लाभ ले रही हैं.

बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन पर लगाया ये आरोप

मंइयां सम्मान योजना के लिए जारी किए गए नए निर्देश का भाजपा विरोध कर रही है. प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी कह चुके हैं कि जिन महिलाओं को इसका लाभ मिल चुका है उनसे राशि वसूलने नहीं दिया जाएगा. भाजपा ने राज्य सरकार पर महिलाओं से झूठे वादे करने का भी आरोप लगाया है.

गौरलब है कि सरकार की ओर से कहा गया था कि 2500 रुपये वाली पहली किस्त सरकार 11 दिसंबर को लाभुको के खाते में भेज देगी हालांकि सरकार किसी कारणवश अब तक इस राशि को नहीं भेज सकी है.

पुलिस मख्यालय ने सभी जिलों को किया निर्देश जारी, बृहत पैमाने पर हो होंगे पुलिस विभाग में ट्रांसफर पोस्टिंग


झारखंड डेस्क 

नयी सरकार बनने के बाद राज्य में ट्रांसफर पोस्टिंग आम है। अब झारखंड में भी पुलिस विभाग में बड़ी संख्या में तबादले हो सकते हैं। जानकारी के मुताबिक पुलिस मख्यालय ने इसे लेकर सभी जिलों को निर्देश जारी कर दिया है। सभी एसपी और एसएसपी को जारी पत्र में कहा गया है कि लंबे समय से एक ही जगह पर जमे पुलिसकर्मियों का तबादला किया जायेगा।

तबादले की जद में सिपाही से लेकर इंस्पेक्टर तक आयेंगे। माना जा रहा है कि इसी महीने आखिरी तक पुलिस विभाग में बड़ी संख्या से जिला स्तर पर तबादले शुरू हो सकते हैं। कुछ पुलिसकर्मियों का ऐच्छिक तो कुछ का प्रशासनिक आधार पर तबादला किये जाने की तैयारी हैं। सूची तीन दिनों के भीतर डीआइजी कार्मिक को भेजने के लिए कहा गया है।

पत्र में कहा गया हैकि वैसे जवान-पदाधिकारी जिन्हें स्थानीय भाषा का ज्ञान हो तथा वे चाईबासा जिला या आसपास के जिलों के निवासी हों, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।आठ वर्ष या इससे अधिक समय से पदस्थापित पदाधिकारियों को चाईबासा जिले में स्थानांतरित करने को कहा है। वहीं, दूसरी तरफ उन्हें सूचना है कि अनेक ऐसे पुलिसकर्मी हैं जो लंबे समय से जमशेदपुर में पदस्थापित रहे हैं।

अवधि पूरा होने पर अनेक पुलिसकर्मी का स्थानांतरण जमशेदपुर से सरायकेला हुआ है।ऐसे पुलिसकर्मी जो वर्तमान में जिस जिले में पदस्थापित हैं एवं जिनका उस जिले में कुल पदस्थापन अवधि आठ वर्ष से अधिक है, उसकी सूची तैयार करना है।

उक्त सूची में शामिल सिपाही से लेकर पुलिस निरीक्षक स्तर तक के पदाधिकारियों को मैदानी क्षेत्र से उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में भी पदस्थापित किया जा सकता है।लिस्ट मिलने के बाद जिला व प्रमंडल स्तर पर पुलिसकर्मियों की तबादला सूची जारी हो सकती है।

अनुसंधानकर्ताओं को न्यायाधीश ने सिखाया अनुसंधान का गुर

समाज के प्रति हम सब की जिम्मेवारी है जिसे समय पर पूरा करना हमारा कर्तव्य है : प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश

धनबाद : झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार व प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी के निर्देश पर पुलिस पदाधिकारियों के लिए आयोजित एकदिवसीय जिला स्तरीय कैपिसिटी बिल्डिंग सह जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन सिविल कोर्ट धनबाद में रविवार को धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार तिवारी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार सिंह, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला,एसएसपी एच पी जनार्दनन बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष धनेश्वर महतो, बार एसोसिएशन महासचिव जीतेंद्र कुमार ने दीप प्रज्वलित कर किया।

 इस मौके पर न्यायाधीश श्री तिवारी ने कहा कि समाज के प्रति हम सब की जिम्मेवारी है जिसे समय पर पूरा करना हमारा कर्तव्य है।  अनुसंधानकर्ताओं को संबोधित करते हुए न्यायाधीश ने कहा कि सड़क दुर्घटना में समय पर कागजात कोर्ट में जमा नहीं किए जाने के कारण मृतकों के परिजनों को मुआवजा नहीं मिल पाता है ।इस विषय पर पुलिस पदाधिकारियों को संदेश देते हुए जिला जज ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि सड़क दुर्घटना के मामले में किसी भी हालत में 30 दिन के अंदर दुर्घटना सूचना रिपोर्ट कोर्ट को भेज देनी है,अन्यथा थाने के भार साधक अधिकारी पर कार्रवाई हो सकती है। 

उन्होंने कहा कि यदि समय पर पुलिस ऐसा कर दें तो मृतक के परिजनों को तमाम मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा यह समाज के प्रति हमारा कर्तव्य है।एसएसपी श्री जनार्दनन ने कहा कि पुलिस के पास अत्यधिक कार्य का बोझ होता है जिस कारण भी कई बार अनुसंधान में कई तरह की त्रुटियां रह जाती है जिसका फायदा अभियुक्त ले जाते हैं इसलिए यह कार्यशाला हमारे अनुसंधान कर्ताओं को अनुसंधान में काफी मदद करेगी। महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों और उससे संबंधित कानून की जानकारी देते हुए न्यायाधीश संजय कुमार सिंह ने कहा कि दुष्कर्म पीड़ितों की गरीमा बनाए रखने में न्यायपालिका सहित आप सबों का अहम रोल है ।

  नए आपराधिक कानून के संबंध में कार्यशाला को संबोधित करते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अरणेश व ऐनटिल के मामले में पारीत निर्णय का पुलिस कठोरता से पालन करे अब किसी भी व्यक्ति को न्यायिक हिरासत में भेजने के लिए कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के समय उस व्यक्ति के विरुद्ध उसके अपराध में शामिल होने के पुख्ता साक्ष्य भी पेश करना होगा अन्यथा उस व्यक्ति को जेल नहीं भेजा जाएगा। 

लोक अभियोजक धनबाद अवधेश कुमार ने एनडीपीएस एक्ट में पुलिस पदाधिकारीयों को अनुसंधान करने के तरीके के विषय में बताया। 

अधिवक्ता मो सिराज ने लोगों को सावधानीपूर्वक सड़क पर गाड़ी चलाने की सलाह दी और कहा कि असावधानी के कारण ही आए दिन दुर्घटना हो जाया कर रही है। कार्यशाला के विषय में जानकारी देते हुए डालसा सचिव सह अवर न्यायाधीश राकेश रोशन ने पीड़ित से संबंधित कानून व उसके पुनर्वास से संबंधित कानून, योजना, कुमार विमलेंदु ने पोक्सो एक्ट से संबंधित कानून के विषय में बताया। डालसा सचिव ने बताया कि कार्यशाला में तमाम न्यायिक पदाधिकारी, बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष,महासचिव जीतेंद्र कुमार,लोक अभियोजक,अवधेश कुमार,अपर एवं सहायक लोक अभियोजक, विभिन्न थानों के पदाधिकारी, पारा लीगल वालंटियर,डालसा के पैनल अधिवक्ता, एलएडीसीएस के,चीफ कुमार विमलेंदु,डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट, सहायक कन्हैया लाल ठाकुर,नीरज गोयल, शैलेन्द्र झा,सुमन पाठक, स्वाति, मुस्कान समेत दर्जनों लोग उपस्थित थे।

झारखंड: सत्ता के अहंकार में लोकतांत्रिक अधिकारियों की हत्या उचित नही :बाबूलाल मरांडी


झारखंड डेस्क 

 झारखंड में JSSC-CGL परीक्षा परिणाम को रद्द करने की मांग तेज हो रही है। इधर प्रदर्शनकारियों पर पुलिस टीम सख्त होती जा रही है। जानकारी के मुताबिक कई प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने शिकंजा कसा है।

इधर भाजपा ने आंदोलनकारियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर नाराजगी जतायी है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि JSSC-CGL में गड़बड़ी का विरोध करने वाले आंदोलनकारियों पर पुलिस द्वारा की जा रही कारवाई बेहद चिंताजनक है।

बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कहा कि यदि यह सूचना सही है तो फिर सत्ता के अहंकार में लोकतांत्रिक अधिकारों की हत्या कतई उचित नहीं है। जनता ने आपको बहुमत प्रदान किया है। इसलिए जनादेश का सम्मान करते हुए छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करें और इस मामले का संज्ञान लेकर छात्र आंदोलनकारियों पर किए जा रहे पुलिसिया कारवाई को अविलंब रोकें।

दरअसल सोशल मीडिया हैंडल X पर पोस्ट कर आनंद कुमार ने बताया है कि सूचना मिल रही है कि एग्जाम फाइटर्स के संचालक कुणाल प्रताप सिंह के घर आज रात पुलिस पहुंची थी.15 को अभ्यर्थियों ने बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है और 17 दिसंबर को हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई है.JSSC CGL आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कुणाल अपराधी नहीं हैं.धैर्य रखना चाहिए।

आपको बता दें कि 15 दिसंबर को संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा 2023 का रिजल्ट रद्द करने की मांग को लेकर हजारों की संख्या में छात्र और अभ्यर्थी रांची में जेएसएससी कार्यालय नामकुम के बाहर धरना प्रदर्शन कर सकते हैं। पुलिस के द्वारा कई स्थानों पर छात्रों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग भी की गई है। झारखंड पुलिस के खुफिया विभाग ने इसे लेकर सभी जिलों के एसपी को अलर्ट करते हुए पत्र भी भेजा है।

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स्पेशल ब्रांच के द्वारा जारी किए गए पत्र में यह लिखा गया है कि जानकारी मिली है कि 15 नवंबर को नामकुम थाना क्षेत्र स्थितजेएसएससी के सामने सीजीएल परीक्षा परिणाम रद्द करने की मांग को लेकर प्रदेश के सभी जिले मुख्यतः रांची, हजारीबाग, रामगढ़ ,धनबाद, बोकारो ,चतरा, गिरिडीह, जमशेदपुर, दुमका, सरायकेला, पलामू और गढ़वा से 4000 से 5000 की संख्या में अभ्यर्थी प्रदर्शन करने के लिए पहुंचेंगे. स्पेशल ब्रांच की ओर से बताया गया है कि छात्रों के आंदोलन को सभी प्रमुख विपक्षी दलों का भी समर्थन प्राप्त है।