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नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्यपाल को लिखा पत्र, कहा – आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों से अपात्र लोगों को हटाया जाए

रायपुर-  विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने छत्तीसगढ़ के राजयपाल को पत्र लिखकर अनुसूचित क्षेत्र की आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों से विधि विरूद्ध अपात्र व्यक्तियों को तत्काल हटाने की मांग की है. पत्र में कहा गया है कि नवंबर 2024 में अनुसूचित क्षेत्र में संचालित राज्य के अनेक आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों में प्राधिकृत अधिकारी बतौर ऐसे अशासकीय व्यक्तियों को बोर्ड की शक्तियों का प्रयोग करने प्राधिकृत किया गया है, जो अनुसूचित जनजाति वर्ग के नहीं है. यह कृत्य छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम, 1960 के प्रावधानों के विरुद्ध है.

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने अपने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम, 1960 की धारा 48 की उपधारा (5) के खंड (दो) के अनुसार अनुसूचित क्षेत्र में संचालित संसाधन सोसायटी में अध्यक्ष या सभापति का निर्वाचन केवल अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्तियों में से किया जाएगा. अनुसूचित क्षेत्र जिला कोरिया की आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों-रामगढ, चिरमी, तरगांव,जामपारा और धौराटिकरा के लिए जारी किए गए हैं. इसी प्रकार के अन्य अनेक आदेश और भी है, जिनमें अन्य वर्ग के व्यक्तियों को प्राधिकृत किया गया है. विधिक प्रावधानों की मंशा के विरुद्ध इस तरह अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित स्थानों पर उनके वैधानिक अधिकारों की घोर उपेक्षा करके अन्य वर्ग के व्यक्तियों को नियुक्त किया जाना उचित नहीं है.

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राज्यपाल से आग्रह किया है कि राज्य सरकार को निर्देशित करने का कष्ट करें कि अनुसूचित क्षेत्र कि आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों मे अनुसूचित जनजाति वर्ग के अशासकीय व्यक्तियों को ही बोर्ड की शक्तियों का प्रयोग करने के लिए प्राधिकृत किया जाए. जहां भी विधि विरूद्ध अपात्र व्यक्तियों को प्राधिकृत किया गया है वहां उनको तत्काल हटाते हुए पात्र व्यक्तियों को ही नियुक्त किया जाए.

अनुशासनहीनता पर बड़ी कार्रवाई: 3 शिक्षक और 2 सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी बर्खास्त

बलौदाबाजार-  जिले में लंबे समय से कार्य में लापरवाही और अनाधिकृत अनुपस्थिति को लेकर कलेक्टर दीपक सोनी ने सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है. कलेक्टर के निर्देश पर तीन शिक्षकों और दो सहायक ग्रेड-3 कर्मचारियों को शासकीय सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है.

इन कर्मचारियों पर गिरी गाज

कलेक्टर दीपक सोनी के आदेश पर विकासखंड सिमगा के पांच कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया. इनमें विकासखंड सिमगा के शास.प्राथ.शाला रिंगनी में पदस्थ सहायक शिक्षक अमित बहादुर, शास.प्राथ.शाला मोपर के सहायक शिक्षक कल्पना कश्यप, शास.प्राथ.शाला छेरकाडीह के सहायक शिक्षक गीतेंद्र सिंह ध्रुव, शास.उच्च माध्य.विद्यालय केसदा सहायक ग्रेड तीन शरद कुमार यादव और शास. उच्च माध्य.विद्यालय कामता सहायक ग्रेड तीन गौरव कुमार साहू शामिल हैं.

उपरोक्त कर्मचारीगण अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित शासकीय सेवकों के विरुध्द अनुशासनिक कार्रवाई करते हुए कार्य से पृथक कर दिया गया है. इनके द्वारा मूलभूत नियम 18 एवं छ.ग. सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3(1) (एक) (दो) (तीन) तथा अवकाश नियम 7 निहित नियमों के विपरीत पाया गया जो कदाचरण की श्रेणी में आता है.

दो सहायक शिक्षक निलंबित, शराब पीकर स्कूल आने और अनुशासनहीनता के मामले में डीईओ ने की कार्रवाई

धमतरी-  काम में लापरवाही बरतने वाले दो शिक्षकों पर डीईओ ने निलंबन की कार्रवाई की है. ड्यूटी में अनुपस्थित रहने और शराब पीकर स्कूल आने के मामले में अरौद के सहायक शिक्षक और अनुशासनहीनता के आरोप में सेजेस कंडेल की सहायक शिक्षिका को जिला शिक्षा अधिकारी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

डीईओ टीआर जगदल्ले की ओर से जारी आदेश के अनुसार विकासखंड शिक्षा अधिकारी धमतरी से शिकायत के आधार पर मिलन सिंह ध्रुव, सहायक शिक्षक (एलबी) शासकीय प्राथमिक शाला अरौद लीलर एक जनवरी 2024 से 9 नवंबर 2024 तक अभिलेख (पाठकान) के अनुसार कुल 35 दिन अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहा. इसके अलावा शराब सेवन कर विद्यालय में उपस्थित होने की शिकायत मिली थी. इस पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, किंतु जवाब संतोषप्रद नहीं पाए जाने पर शिकायत प्रकरण में जांच की गई. प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर मिलन सिंह ध्रुव, सहायक शिक्षक (एलबी) शासकीय प्राथमिक शाला अरौद लीलर को छग सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 तथा 10 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया.

इसी तरह प्राचार्य, स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय कंडेल से लावनी साहू सहायक शिक्षक (प्रयोगशाला) प्राप्त शिकायत के आधार पर विभागीय जांच की गई. जांच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के अनुसार लावनी साहू, सहायक शिक्षक (प्रयोगशाला) शासकीय उमावि कंडेल के ऊपर लगा आरोप सही पाया गया. लावनी साहू द्वारा लगातार अनुशासनहीनता एवं स्वेच्छाचारिता की लगातार पुनरावृत्ति की जा रही है. जांच अधिकारी द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर लावनी साहू को छग सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 तथा 10 के तहत् तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया. दोनों का निलंबन मुख्यालय कार्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी, धमतरी नियत किया जाता है. निलंबन अवधि में इन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी.

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की अध्यक्षता में शासकीय मेडिकल कालेजों की स्वशासी सोसायटियों की हुई बैठक

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग में वित्तीय सुधारों की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। विष्णु के सुशासन में राज्य सरकार जनहित में लगातार नीतिगत निर्णय ले रही है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने इस दिशा में प्रयास करते हुए अपने सुझाव सामने रखे थे। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की अध्यक्षता में राज्य के 10 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के स्वशासी सोसायटियों की बैठक में आज चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संबद्ध चिकित्सालयों के वित्तीय विकेंद्रीकरण के विस्तार के लिए कई महत्वपूर्ण एवं जनहित के निर्णय लिए गए हैं। इन निर्णयों से महाविद्यालय स्तर पर स्वशासी सोसायटियों का सुदृढिकरण होगा, आवश्यक कार्यों के लिए शासन पर निर्भरता कम होगी, अतिआवश्यक कार्य समय सीमा पर संपन्न हो सकेंगे और तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति चिकित्सा महाविद्यालय स्तर पर ही हो जाएगी।

चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संबद्ध अस्पतालो के लिए अतिआवश्यक दवाइयां, चिकित्सकीय उपकरणों की खरीदी मरम्मत एवं रखरखाव, कन्ज्यूमेबल सामग्री इत्यादि की तात्कालिक उपचार के लिए आवश्यकता पड़ती रहती है। लेकिन मेडिकल कालेजों के अधिष्ठाता एवं अस्पताल अधीक्षकों के पास इन्हें खरीदने अथवा मरम्मत के लिए बहुत ही सीमित शक्तियों का प्रावधान था। इसकी वजह से इन्हें शासन स्तर के निर्णय पर निर्भर रहना पड़ता था। ये नियम छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पूर्व से चला आ रहा था । राज्य गठन के बाद पहली बार वित्तीय अधिकारों के नियम मे संशोधन किया जा रहा है।

पहले मेडिकल कालेजों के अधिष्ठाता एवं अस्पताल अधीक्षकों को 1 लाख रूपए से उपर के लघु निर्माण, मरम्मत, दवा खरीदी इत्यादि कार्यों के लिए मंत्रालय स्तर पर फाइल भेजनी पड़ती थी। नए निर्णय से अब इनके पास 10 लाख रूपए तक का वित्तीय अधिकार होगा। इसके लिए शासन स्तर से किसी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी। औजारों एवं लघु उपकरणों की खरीदी अथवा मरम्मत के लिए 1 लाख रूपए तक का वित्तीय अधिकार था जिसे अब बढ़ाकर 10 लाख रूपए करने की सहमति स्वशासी समिति की बैठक में दी गयी है। इसी तरह से भण्डार तथा रिएजेंट की खरीदी के लिए 20 हजार रूपए तक की शक्तियां थी जिन्हें बढ़ाकर अधिष्ठाता एवं अस्पताल अधीक्षक को पूर्ण शक्तियां प्रदान करने की अनुशंसा की गयी है। इस वित्तीय विकेंद्रीकरण से स्वाशासी समिति कार्यसंपन्न बनेगी और बहुमूल्य समय की बचत होगी। इससे मरीजो को दवाइओं एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का त्वरित लाभ मिलेगा।

स्वशासी सोसायटियों का पुनर्गठन

राज्य के 10 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों एवं संबद्ध चिकित्सालयों की स्वशासी सोसायटियों का गठन महाविद्यालय की स्थापना के साथ अलग अलग समय पर हुआ है। इन सोसायटियों के लिए कोई एक निर्धारित गाइड लाइन या नियमावली का निर्धारण नहीं किया गया है और इनमें एकरूपता नहीं है। इन सोसायटियों को होने वाली आय व्यय के अनुमोदन के लिए भी कोई मानकीकरण प्रक्रिया नहीं है। इनमें एकरूपता लाने के लिए माडल स्वशासी सोसायटियों का ड्राफ्ट प्रशासकीय विभाग द्वारा अनुमोदित कर जारी किया गया है। पूर्व में सिर्फ सामान्य सभा को ही अधिकार प्राप्त थे, लेकिन नए ड्राफ्ट के अनुसार सामान्य सभा के अधिकारों का विस्तार करते हुए प्रबंधकारिणी समिति और वित्त समिति के अधिकारों में बदलाव किए गए हैं।

इन बदलावों के अनुसार सामान्य सभा को पूर्ण अधिकार के साथ ही अब प्रबंधकारिणी समिति को प्रति कार्य 2 करोड़ रूपए तक अनुमोदन का अधिकार होगा, पहले ये अधिकार नहीं था। वित्त समिति को प्रति कार्य 10 लाख रूपए तक के अनुमोदन का अधिकार दिया गया है, पहले कोई अधिकार नहीं था। केंद्र अथवा राज्य शासन के विभिन्न योजनाओं से स्वशासी समिति को प्राप्त राशि, आवंटन अथवा अनुदान में से सामान्य सभा को खर्च व अनुमोदन का पूर्ण अधिकार होगा वहीं इसी राशि में से प्रबंधकारिणी समिति को 5 करोड़ रूपए तक की राशि के अनुमोदन का अधिकार होगा।

अभी तक राज्य शासन से आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत प्राप्त क्लेम का 25 फीसदी ही संबंधित चिकित्सा महाविद्यालय की स्वशासी सोसायटी को प्राप्त होता था। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की उपस्थिति में इसे बढ़ाकर 45 फीसदी कर दिया गया है। इसके साथ ही एक बड़ा बदलाव करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल की अध्यक्षता में ये निर्णय लिया गया है कि शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं सम्बद्ध चिकित्सालयों को राज्य बजट से दवाइयां मद तथा भण्डार एवं रिएजेंट मद में प्राप्त बजट का 10 फीसदी राशि का आवंटन होता था। इसे बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया गया है। इन फैसलों से मेडिकल कालेजो को वित्तीय रुप से सशक्त बनाने के लिए वित्तीय विकेंद्रीकरण कर मेडिकल कालेजों की स्वशासी सोसायटियों को पुनर्गठित किया गया है।

नवा रायपुर के महानदी भवन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए स्वशासी सोसायटियों को संबोधत करते हुए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा है कि विष्णु के सुशासन में मेडिकला कालेजों में वित्तीय अनुशासन एवं सुधारों के जरिए बेहतर करने का प्रयास कर रहे हैं। ये निर्णय तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार के लिए उठाया गया एक बड़ा कदम है। इन निर्णयों से हम मेडिकल कालेजों को अधिकार संपन्न बना रहे हैं ताकि छोटी जरूरतों के लिए उन्हें निर्भर न रहना पड़े और जनहित में वो आवश्यक निर्णय तत्काल लेकर मरीजों की बेहतरी के लिए काम कर सकें।

बैठक में चिकित्सा शिक्षा विभाग की आयुक्त किरण कौशल उपस्थित थीं । वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सभी स्वशासी सोसाइटी के जनप्रतिनिधि सदस्य, संभाग आयुक्त, संबंधित जिलों के कलेक्टर, मेडिकल कॉलेजों के डीन और अस्पताल अधीक्षक भी बैठक में शामिल हुए।

राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने स्थानीय निर्वाचन की तैयारियों की समीक्षा की

रायपुर-   राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह की अध्यक्षता में आज राज्य निर्वाचन आयोग अटल नगर नवा रायपुर कार्यालय के सभा कक्ष में नगरपालिकाओं एवं त्रिस्तरीय पंचायतों के आगामी आम/उप निर्वाचन अंतर्गत निर्वाचन कार्यों की तैयारियों के संबंध में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में रायपुर संभाग के संभागायुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, संभाग के सभी कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक तथा उप जिला निर्वाचन अधिकारी शामिल हुए। बैठक में मुख्य रूप से चुनाव के सुचारू रूप से संचालन हेतु चुनाव की तैयारी, सुरक्षा व्यवस्था, मतदान केन्द्रों की स्थिति और निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़ी महत्वपूर्ण तैयारियों की समीक्षा की गई। इस बैठक के माध्यम से चुनाव के सुचारू और सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए।

राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने सभी अधिकारियों से शांतिपूर्ण निर्वाचन सम्पन्न कराने सभी आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने मतदाता सूची प्रकाशन के पूर्व सभी प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न कराने निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि निर्वाचन नामावली को सभी जिला निर्वाचन अधिकारी व्यक्तिगत रूप से स्वयं देखे, उसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि नहीं होना चाहिये।

राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने चुनावी प्रक्रिया के दौरान होने वाली चुनौतियों और संभावित समस्याओं पर भी चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने, मतदाता जागरूकता बढ़ाने, और मतदान प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा की समय-समय पर निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किये गए दिशानिर्देशों के पालन प्रतिवेदन की समीक्षा की जा रही है। सभी जिलों के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अपने-अपने जिलों के निर्वाचन की तैयारी की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया।
राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने उपस्थित सभी अधिकारियों से कहा कि आप सभी अपनी तैयारीयों की समीक्षा करते रहें। गत 26 नवम्बर को बिलासपुर एवं सरगुजा संभाग तथा 29 नवम्बर को दुर्ग संभाग के अधिकारियों की चुनाव तैयारी के संबंध में समीक्षा की जा चुकी है कल 4 दिसंबर को बस्तर संभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर चुनाव तैयारियों की समीक्षा की जाएगी।

राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने सुरक्षा उपायों और कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने मतदान केंद्रों पर सुविधाओं, कर्मचारियों की तैनाती, और निर्वाचन सामग्री की उपलब्धता की भी समीक्षा की ताकि किसी भी तरह की असुविधा न हो। बैठक में यह भी सुनिश्चित किया गया कि सभी संबंधित अधिकारियों के बीच समन्वय और सहयोग बना रहे ताकि चुनाव प्रक्रिया बिना किसी बाधा के पूरी हो सके। उन्होंने कहा कि राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को समय पर सही जानकारी प्रदान करें। इस अवसर पर रायपुर संभाग के संभागायुक्त महादेव कावरे, पुलिस विभाग के नोडल अधिकारी ओ पी पाल, रायपुर संभाग के आई जी अमरेश मिश्रा, राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव डॉ. सर्वेश्रवर नरेन्द्र भूरे, रायपुर कलेक्टर गौरव कुमार सिंह सहित अन्य प्रमुख अधिकारी उपस्थित थें।

अनिश्चितकालीन हड़ताल पर नगरीय निकाय के प्लेसमेंट कर्मचारी, ये हैं मांगें…

रायपुर-   प्लेसमेंट कर्मचारियों को अन्य विभाग की तर्ज पर निकायों से सीधा वेतन भुगतान करने और श्रम सम्मान राशि 4000 रुपए देने की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय के प्लेसमेंट कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ के बैनर तले नया रायपुर तूता धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी है.

बता दें कि 184 नगरीय निकायों, 14 नगर निगम, 50 नगर पालिका और 120 नगर पंचायतों में प्लेसमेंट कर्मचारी कार्यरत हैं. इस हड़ताल में प्रदेशभर के कर्मचारी शामिल हैं और सरकार से जल्द मांगों को पूरा करने की गुहार लगा रहे हैं.

सैनिकों के कल्याण के लिए मानवीय संवेदना से कार्य करें – राज्यपाल रमेन डेका
रायपुर-   राज्यपाल रमेन डेका की अध्यक्षता में आज राजभवन में सैनिक कल्याण बोर्ड छत्तीसगढ़ के राज्य प्रबंधन समिति की 16वीं बैठक सम्पन्न हुई। इस बैठक में भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं, व उनके आश्रितों के लिए सशस्त्र सेना झंडा दिवस निधि द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं पर चर्चा की गई एवं भूतपूर्व सैनिकों के हितों में महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये। राज्यपाल ने कहा कि भारत माता की सेवा में अपना जीवन गुजारने वाले वीर सपूतों का कल्याण करना सबका दायित्व और कर्त्तव्य है। इसमे मानवीय संवेदना के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। इस दिशा में हम सभी को विशेष ध्यान देना चाहिए।
राज्यपाल श्री डेका ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि ‘‘सशस्त्र सेना झंडा‘‘ दिवस निधि के लिए संग्रह बढ़ाने के लिए राज्य सैनिक कल्याण बोर्ड एवं गृह विभाग के प्रयास सराहनीय हैं। उन्होंने कहा कि संग्रह बढ़ाने के लिए सभी तरीकों पर ध्यान देना चाहिए। सरकार की सहायता पर ही निर्भर ना रहते हुए समुदाय को भी इसके लिए प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए और अधिक योजनाएं शुरू की जा सकें। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आज की बैठक में लिये गये सभी निर्णयों से छत्तीसगढ़ में भूतपूर्ण सैनिक उनके लाभान्वित होंगे।
श्री डेका ने राज्य के दूरदराज के इलाकों में कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ की सैनिक कल्याण टीम द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि समर्पण के साथ देश की सेवा करने वाले हमारे बहादुर पूर्व सैनिकों की अच्छी तरह से देखभाल की जाए।
बैठक के दौरान भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं एवं उनके आश्रितों के हित में कई बिदुओं पर निर्णय लिये गये। जिसमें जवानों की भांति जूनियर कमिश्नड ऑफिसर (जे.सी.ओ.) के लिये भी पुत्री विवाह हेतु 50 हजार रूपए का आर्थिक अनुदान तथा चार्टेड एकाउटेन्ट, कंपनी सेक्टरी के व्यवसायिक पाठयक्रम का अध्ययन करने वाले बच्चों को 20 हजार रूपए एकमुश्त प्रतिवर्ष का आर्थिक अनुदान प्रदान किया जायेगा। आईटीआई प्रशिक्षण के दौरान भूतपूर्व सैनिक प्रशिक्षु को देय 5 हजार रूपए प्रति माह के स्थान पर प्रशिक्षु द्वारा संस्थान को देय वास्तविक शुल्क प्रदान किया जायेगा तथा लघु व्यवसाय हेतु देय आर्थिक अनुदान 15 हजार रूपए जो सैम्फेक्स योजनाओं में सम्मिलित नहीं थे उनको वृद्धि कर 25 हजार रूपए कर दिया गया है। समिति ने जिला सैनिक कल्याण कार्यालय जगदलपुर के द्वितीय तल पर सभागार का निर्माण एवं भूतल पर दिव्यांग भूतपूर्व सैनिकों के लिए कमरा निर्माण के प्रस्ताव को अनुमोदित किया।
बैठक में सैनिक कल्याण बोर्ड के संचालक विवेक शर्मा ने बोर्ड की अब तक की गतिविधियों एवं बजट के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया। बैठक में अपर मुख्य सचिव गृह विभाग मनोज पिंगुआ, राज्यपाल के सचिव यशवंत कुमार, गृृह विभाग के सचिव हिम शिखर गुप्ता, वित्त विभाग की सचिव शारदा वर्मा, ब्रिगेडियर प्रशासन, मध्य भारत एरिया, ब्रिगेडियर एस. के. मल्होत्रा, कार्यवाहक सचिव केंद्रीय सैनिक बोर्ड, नई दिल्ली कैप्टेन (भा.नौ.) शाश्वत पूर्णानंद, अतिरिक्त महानिदेशक, पुनर्वास परिक्षेत्र मध्य कमान, लखनऊ ब्रिगेडियर विक्रम हिरू, कर्नल सुमीत शर्मा प्रभारी कमान्डर मुख्यालय छत्तीसगढ़ एवं ओडिशा सब एरिया (कोसा) ने भाग लिया। इसके अलावा बैठक में अशासकीय सदस्यगण मेजर जनरल संजय शर्मा (से.नि.), विंग कमाण्डर ए श्रीनिवास राव (से.नि.), गैर शासकीय सदस्य द्वय कैलाश नाहटा एवं टी आर साहू उपस्थित थे।
त्वरित कार्रवाई : बीईओ पर हाथ उठाना पड़ा प्रधान पाठक को भारी, संभागीय संयुक्त संचालक ने किया निलंबित…

रायपुर- विकासखंड शिक्षा अधिकारी (BEO) पर हाथ उठाना पूर्व माध्यमिक शाला के प्रधान पाठक को भारी पड़ गया. संभागीय संयुक्त संचालक राकेश पांडेय ने त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रधान पाठक राजन कुमार बघेल को निलंबित कर दिया है.

संभागीय संयुक्त संचालक राकेश पांडेय ने बताया कि शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला परसदा सोंठ अभनपुर में पदस्थ प्रधान पाठक राजन कुमार बघेल ने अभद्र व्यवहार किया और अपशब्दों का प्रयोग किया गया. हाथ मरोड़ा गया और गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की गई. यहां तक कुर्सी को पटकते हुए फ़ाइल पकड़कर सिर में मारा गया. प्राथमिक तौर पर दोषी पाए जाने के बाद प्रधान पाठक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है.

निलंबन आदेश में बताया गया कि प्राचार्य पद पर पदोन्नति के संबंध में अपना गोपनीय प्रतिवेदन सुधार के लिए विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी अभनपुर के समक्ष उपस्थित हुए थे. इस दौरान बहसबाजी करते हुए अधिकारी से अभद्र व्यवहार किया गया, जिसकी वजह से प्रधानपाठक को सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण, अपील) नियम 1966 के नियम-9 (1) के तहत् तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है. निलंबन अवधि के दौरान राजन कुमार बघेल का मुख्यालय कसडोल विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय नियत किया गया है.

5वीं और 8वीं की केंद्रीकृत परीक्षा लेने स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश, जानिए क्या-क्या दिए गए हैं निर्देश…

रायपुर-   साय कैबिनेट के फैसले के बाद कक्षा 5वीं और 8वीं की केंद्रीकृत परीक्षा लेने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने दिशा निर्देश दिया है. प्रदेश के सभी कलेक्टर और जिला शिक्षा अधिकारी को आदेश जारी किया गया है. बता दें कि 2010-11 में कक्षा पांचवी, आठवीं की बोर्ड परीक्षा को समाप्त किया गया था. प्रत्येक बच्चों को निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा दी जाती है. इसी कारण किसी बच्चों को फेल नहीं किया जाता था. बोर्ड परीक्षा बंद करने से विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता पर असर को देखते हुए फिर से केंद्रीयकृत परीक्षा लेने का फैसला लिया गया है.

प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में कक्षा पांचवी, कक्षा आठवी की नियमित परीक्षा ली जाएगी. यदि विद्यार्थी वार्षिक परीक्षा में अनुत्तीर्ण होता है तो उसे परीक्षा दिनांक के दो माह के भीतर फिर से परीक्षा का अवसर दिया जाएगा. किसी भी विद्यार्थी को प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण होने तक विद्यालय से निष्कासित नहीं किया जाएगा. सीजी बोर्ड के सभी सरकारी, अशासकीय, अनुदान प्राप्त स्कूल में परीक्षा आयोजित की जाएगी.

केंद्रीय परीक्षा जिला स्तर पर ली जाएगी. जिला शिक्षा अधिकारी गोपनीयता बनाए रखते हुए गुणवत्ता युक्त परीक्षा सम्पन्न कराएंगे. परीक्षा के लिए विद्यार्थी से कोई भी शुल्क नहीं लिया जाएगा. परीक्षा मार्च में आयोजित की जाएगी. परीक्षा की समय सारणी संचालक लोकशिक्षण सचिवालय जारी करेगा.

पढ़िए आदेश की कॉपी –

महिला बीईओ और प्रधान पाठक के बीच हुई हाथापाई, थाने तक पहुंचा मामला

अभनपुर-  अभनपुर में महिला बीईओ के साथ प्रधान पाठक का विवाद इस कदर बढ़ा कि मामला हाथापाई तक जा पहुंचा. बीईओ की शिकायत पर अभनपुर पुलिस प्रधान पाठक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच में जुट गई है.

बताया जा रहा है कि सोमवार को परसदा गांव स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधान पाठक राजन बघेल अपने CR में श्रेणी की मार्किंग करवाने के लिए अभनपुर स्थित विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय आए थे. इस दौरान श्रेणी की मार्किंग के लिए बीईओ धनेश्वरी साहू पर दबाव बनाने लगे. बीईओ के इंकार करने पर गाली-गलौज करते हुए फाइलों को उनके टेबल पर पटकने लगे.

इस पर कार्यालय स्टाफ ने उन्हें नियंत्रित कर कक्ष से बाहर लाकर पानी पिलाया गया. लेकिन इसके बाद प्रधान पाठक फिर से बीईओ कक्ष में गए और अपनी CR श्रेणी में तत्काल सुधार करने का दबाव बनाने लगा. बीईओ के पुनः इनकार करने पर वे इस कदर आक्रोशित हो गए मामला हाथापाई तक पहुंच गया. कार्यालय के स्टाफ ने बीच-बचाव कर दोनों को छुड़ाते हुए प्रधान पाठक को बाहर ले गए.

पूरी घटना विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के कक्ष में लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई है. मामले में प्रार्थीया की रिपोर्ट पर थाना अभनपुर द्वारा प्रधान पाठक के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 115(2), 296 और 351(2) के तहत अपराध दर्ज कर लिया गया है.