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Bihar By-Election Result 2024 Live: बिहार की चारों सीटों के रुझान आए, तरारी में BJP आगे तो इमामगंज में HAM

पटना: इस चुनाव को अग्रिपरीक्षा कहें तो गलत न होगा। इस बार दांव पर सरकार नहीं, बल्कि सरकार और विपक्ष के दिग्गजों की साख है। तरारी, बेलागंज, रामगढ़, इमामगंज में उम्मीदवारों की नहीं बल्कि उनके सरपरस्तों का इम्तिहान जारी है।

वोट की गिनती के बीच उम्मीदवार से ज्यादा उनके अपने बेचैन हैं। वजह भी है, बात अगर रामगढ़ की करें तो यहां राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे अजीत सिंह मैदान में हैं। तरारी में दिग्गज और पूर्व MLC सुनील पांडेय के बेटे विशाल प्रशांत बीजेपी के टिकट पर पहली बार राजनीति के मैदान में हैं। वहीं बेलागंज में वर्तमान सांसद सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ यादव को राजद ने मैदान में उतारा। जबकि इमामगंज में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी हैं।

मांझी, जगदानंद, सुनील पांडे, PK की अग्निपरीक्षा

इन सबके बीच अगर किसी एक शख्स की अग्निपरीक्षा सबसे कठिन है तो वो हैं जन सुराज पार्टी के फाउंडर प्रशांत किशोर। चुनाव रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर अपनी मुहिम में कितने कामयाब हुए, ये तो आज तय हो ही जाएगा। आप हमारे इस पेज पर बिहार की चारों सीटों पर हो रही काउंटिंग के नतीजे लाइव देख सकते हैं।

Bihar By-Election Result 2024: बिहार में चार सीटों पर हुए उपचुनाव, जानें कहां कौन आगे

बिहार की 4 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के रुझान आने शुरु हो गए हैं. इमामगंज, बेलागंज, तरारी और रामगढ पर उप चुनाव हुए थे. प्रशांत किशोर की एंट्री के बाद ये चुनाव काफी दिलचस्प हो गया था. इन सभी सीटों पर 13 नवंबर को मतदान हुआ था.

बेलागंज विधानसभा: इस सीट पर JDU की मनोरमा देवी रुझानों में 12 हजार मतों से आगे चल रही हैं. इस सीट की बात करें तो एक तरफ RJD नेता और जहानाबाद के सांसद सुरेंद्र यादव की साख दांव पर है, तो वहीं दूसरी जेडीयू भी ताल ठोक रही है. पहली बार चुनाव लड़ रही प्रशांत किशोर की जन सुराज ने एंट्री लेते ही चुनाव को दिलचस्प बना दिया है. चुनाव में राजद का समीकरण ध्वस्त करने के लिए जन सुराज ने जहां मुस्लिम प्रत्याशी पर दांव खेला है.

तरारी विधानसभा: तरारी सीट पर NDA के विशाल प्रशांत रुझानों में 6 हजार वोटों से आगे चल रहे हैं. दूसरे नंबर पर सीपीआई(M) के राजू यादव हैं. सात विधानसभा वाले भोजपुर जिले की तरारी विधानसभा सीट पर भी प्रशांत किशोर ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. माना जा रहा है कि यहां मुख्य रूप से बीजेपी प्रत्याशी विशाल प्रशांत और माले प्रत्याशी राजू यादव के बीच मुकाबला है. प्रशांत किशोर को ऐन मौके पर यहां से अपना प्रत्याशी भी बदलना पड़ा था. नतीजे उनके फेवर में होंगे या नहीं ये देखना दिलचस्प होगा.

इमामगंज विधानसभा: इमामगंज विधानसभा सीट से आरजेडी के रोशन कुमार मांझी रुझानों में आगे चल रहे हैं.इमामगंज विधानसभा सीट पर मुख्य रूप से यहां एनडीए, महागठबंधन और जन सुराज के उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है. एनडीए ने यहां से जीतन राम मांझी की बहू दीपा मांझी को उम्मीदवार बनाया था, जबकि महागठबंधन से रोशन मांझी उम्मीदवार थे. वहीं जन सुराज ने जितेंद्र पासवान को उम्मीदवार बनाया था.

रामगढ़ विधानसभा:

शुरुआती रुझानों में बसपा के सतीश कुमार सिंह उर्फ पिंटू यादव 13, हजार मतों से आगे चल रहे हैं. दूसरे नंबर पर बीजेपी के अशोक कुमार सिंह हैं.रामगढ़ विधानसभा सीट पर भी त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. यहां आरजेडी से अजीत सिंह, बीजेपी से अशोक सिंह, बसपा से पिंटू यादव और जन सुराज से सुशील सिंह कुशवाहा चुनावी मैदान में हैं.

बड़ी खबर : पटना पुलिस और एसटीएफ को मिली बड़ी सफलता, 1 लाख के इनामी कुख्यात को दबोचा

डेस्क : पटना पुलिस और एसटीएफ को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पटना पुलिस और एसटीएफ की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए टॉप-10 में शामिल 1 लाख के कुख्यात इनामी अपराधी अनीश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।

मिली जानकारी के अनुसार पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुख्यात अपराधी पाटलिपुत्र इलाके में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए पहुंचा है। इनपुट के आधार पर एसटीएफ और जिला पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर अपराधी को गिरफ्तार कर लिया।

अनीश के खिलाफ बिहार-झारखंड के थानों में 20 से अधिक मामले दर्ज है। जिसमें पटना के नौबतपुर थाने में ही 16 मामले दर्ज है। इसके अलावा जानीपुर, रूपसपुर, कंकड़बाग थाने में हत्या, रंगदारी, आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज है। वही इसने देवघर कोर्ट में पेशी के दौरान एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

सिटी एसपी पश्चिम शरद आर. एस ने बताया कि कई साल से पुलिस अनीश की तलाश में छापेमारी कर रही थी। एक लाख का इनाम घोषित किया गया था। कुख्यात अपराधी उज्जवल के साथ मिलकर वारदात को अंजाम देता था।

बिहार विधान मंडल के शीतकालीन सत्र को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक, विपक्ष द्वारा उठाए गए कई सवाल

डेस्क : बिहार विधान मंडल का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होने जा रहा है। यह सत्र चार दिनों तक चलकर 29 नवंबर को समाप्त होगा। वही सत्र को लेकर बिहार विधानसभा के अध्यक्ष नंदकिशोर यादव के द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलाई गई। बैठक में राष्ट्रीय जनता दल कांग्रेस के साथ-साथ सभी विपक्ष के नेता मौजूद रहे। वहीं सत्ता पक्ष की तरफ से भारतीय जनता पार्टी के कई बड़े नेता और संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी मौजूद रहे।

बैठक खत्म हो जाने के बाद संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि बैठक में विधानसभा के विपक्ष के नेताओं ने कई सवाल उठाए हैं। सरकार ने आश्वासन दिया है कि जो भी जनहित के मुद्दे रहेंगे उन मुद्दों को पूरी तरीके से सरकार देखेगी उसका जवाब देगी। उन्होंने कहा कि बैठक बहुत अच्छे तरीका से हुआ है और उम्मीद है कि विधानसभा सत्र भी बहुत अच्छे तरीके से चलेगा। विपक्ष की हर जनहित के मुद्दे की बातों को सरकार सुनेगी।साथ ही विजय चौधरी ने कहा कि कल जो चुनाव का रिजल्ट आ रहा है वह एग्जिट पोल के साथ-साथ जो जनता का रुझान है वह पूरी तरीके से हम लोगों के साथ है। बता दें कि कल बिहार के चार विधानसभा उपचुनाव का परिणाम सामने आएगा।

वहीं राष्ट्रीय जनता दल ने कहा कि विपक्ष को मौका नहीं मिलता है बोलने का माइक बंद कर दिया जाता है। ऐसे में कई सवाल को लेकर हमने सदन के अंदर बैठक में अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा है ऐसा नहीं होगा। साथ ही हमने यह मांग भी किया है कि जिस प्रकार से विपक्ष के कुछ विधायक सत्ता पक्ष की तरफ बैठ रहे हैं उनकी सीट सुनिश्चित की जाए या तो उनकी सदस्यता रद्द की जाए राजा ने यह मांग की है।

बिहार विधानसभा सत्र को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक खत्म हो गई है। बैठक के बाद कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि हम लोग बिहार और देश के कई ज्वलनशील मुद्दे को उठाएंगे और सरकार को उसका जवाब देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने सरकार को कहा है क्या करें जनहित के मुद्दे पर सरकार जवाब देगी तो निश्चित तौर पर विधानसभा बहुत अच्छे तरीके से चलेगा लेकिन हम लोग कई मुद्दों को सरकार की घेरने कोशिश करेंगे।

विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की तैयारियों को लेकर विस अध्यक्ष ने अधिकारियों के साथ की बैठक, दिए कई निर्देश

डेस्क : आगामी 25 नवंबर से बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू होने वाला है। यह शीतकालीन सत्र 25 नवंबर से शुरू होकर 29 नवंबर तक चलेगा। इस दौरान कुल पांच बैठकें होंगी। शीतकालीन सत्र की तैयारियों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव की अध्यक्षता में आज शुक्रवार को हाई लेवल मीटिंग हुई। सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक तैयारी को लेकर हुई इस बैठक में संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, बिहार के मुख्य सचिव, पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह, पटना एसएसपी के साथ सभी बड़े अधिकारी मौजूद रहे। स्वास्थ्य सेवा के साथ बिजली विभाग के भी बड़े अधिकारी भी मीटिंग में शामिल हुए।

विधानसभा सत्र को लेकर विधानसभा के अंदर क्या तैयारी होगी विधानसभा के बाहर क्या तैयारी होगी इसको लेकर बैठक में चर्चा हुई। स्पीकर नंदकिशोर यादव ने बैठक में मौजूद अधिकारियों को जरूरी दिखा निर्देश दिए और सत्र के दौरान होने वाले संभावित हंगामे को लेकर भी सचेत किया।

बैठक में शामिल रहे पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि बिहार विधानमंडल शीतकालीन सत्र को लेकर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया गया है। व्हाइट लाइन पट्टी के अंदर मार्शल मौजूद होते हैं। विधानसभा कैंपस में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी खुद मौजूद रहते हैं। कैंपस के बाहर भी एक सुरक्षा व्यवस्था होती है।

उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान कुछ समूह होते हैं, जो अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए धरना प्रदर्शन करते हैं, उनके लिए भी व्यवस्था की गई है। गर्दनीबाग में धरना स्थल बनाया गया है वहां भी बड़ी अधिकारी और पुलिसकर्मी की प्रतिनियुक्ति रहेगी। लोकतांत्रिक तरीके से जो भी अपनी बात रखना चाहते हैं हम लोग उन्हें वरीय अधिकारियों से मिलवाते भी हैं।

बता दें कि विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर को दिन के 11 बजे से शुरू होगा। विधानमंडल के शीतकालीन सत्र की समाप्ति 29 नवंबर को होगी। शीतकालीन सत्र के दौरान राज्य सरकार अपने वित्तीय कार्य को निपटायेगी। इस सत्र में राज्य सरकार अनुपूरक बजट पेश करेगी। सरकारी सूत्रों के मुताबिक इसी दौरान कुछ नये विधेयक भी पारित कराये जायेंगे।

सीएम नीतीश कुमार ने ग्रामीण कार्य विभाग की 8837.77 करोड़ रुपये लागत की 6199 योजनाओं का किया कार्यारंभ एवं उद्घाटन, ग्रामीण इलाको में आवागमन होगा

डेस्क : ग्रामीण कार्य विभाग की 8837.77 करोड़ रुपये लागत की 6199 योजनाओं का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को ग्रामीण कार्य विभाग की 8837.77 करोड़ रुपये लागत की 6199 योजनाओं का रिमोट के माध्यम से कार्यारंभ एवं उद्घाटन किया। इसके अंतर्गत 6509.93 करोड़ रुपये लागत की 4390 योजनाओं का कार्यारंभ तथा 2327.84 करोड़ रुपये लागत की 1809 योजनाओं का उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम में ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री को हरित गुच्छ भेंटकर स्वागत किया। वहीं कार्यक्रम में ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा, विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता प्रमुख सह विशेष सचिव भगवत राम सहित ग्रामीण कार्य विभाग के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित रहें।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अत्यंत खुशी की बात है कि ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा कई पथों एवं पुलों का उद्घा्टन के साथ-साथ शिलान्यास किया गया है इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन और सुगम होगा। उन्होंने आज के इस कार्यारंभ और उद्घाटन कार्यक्रम के लिए ग्रामीण कार्य विभाग के पदाधिकारियों को बधाई देते हुये कहा कि मैं उम्मीद करता हूं कि जिन योजनाओं का कार्यारंभ किया गया है उन सभी पर्थों एवं पुलों का निर्माण गुणवत्तापूर्ण तरीके से ससमय पूर्ण कर लिया जायेगा।

उन्होंने कहा कि वैसे सभी पथों एवं पुलों जिनका उद्घापटन आज किया जा रहा है उन सभी पथों का नियमित निरीक्षण करते हुये उनका सतत् मेंटेनेंस सुनिश्चत करें ताकि उसकी गुणवत्त गुणवत्ता बनी रहे। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य विभाग के पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि विभाग के अन्य सभी पथों एवं पुलों की सतत् निगरानी करते हुये उनका नियमित मेंटेनेंस भी सुनिश्चित करें। ज्ञातव्य है कि आज उद्घाटन की गई योजनाओं के तहत मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना अंतर्गत 983 करोड़ रुपये की लागत से 763 पथों (कुल लंबाई 947 किलोमीटर) एवं 4 पुलों (कुल लंबाई 435 मीटर) का निर्माण किया गया है।

मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ अनुरक्षण कार्यक्रम अंतर्गत 1 हजार 113 करोड़ रुपये की लागत से 972 पथों (कुल लंबाई 1,904 किलोमीटर) की मरम्मती करायी गयी है। मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना अंतर्गत 92 करोड़ रुपये की लागत से 33 पथों (कुल लंबाई 104 किलोमीटर) का उन्नयन (पुनर्निर्माण/सुदृ ढ़ीकरण/चौड़ीकरण) कराया गया है। राज्य योजना अंतर्गत 139 करोड़ रुपये की लागत से 5 पथों (कुल लंबाई 6 किलोमीटर) एवं 36 पुलों (कुल लंबाई 1,614 मीटर) का निर्माण कराया गया है। कार्यारंभ के तहत मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना अंतर्गत 1 हजार 824 करोड़ रूपये की लागत से 1,472 पथों (कुल लंबाई 1,571 किलोमीटर) एवं 5 पुलों (कुल लंबाई 304 मीटर) का निर्माण किया जाना है।

मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ अनुरक्षण कार्यक्रम अंतर्गत 2 हजार 350 करोड़ रूपये की लागत से 2.306 पथों (कुल लंबाई 4,148 किलोमीटर) की मरम्मती करायी जानी है। मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना अंतर्गत 1 हजार 739 करोड़ रूपये की लागत से 442 पथों (कुल लंबाई 1,701 किलोमीटर) एवं 01 पुल (कुल लंबाई 27 मीटर) का उन्नयन (पुनर्निर्माण/सुदृढ़ीकरण/चौड़ीकरण) का कार्य कराया जाना है। राज्य योजना अंतर्गत 597 करोड़ रूपये की लागत से 30 पथों (कुल लंबाई 73 किलोमीटर) एवं 139 पुलों (कुल लंबाई 5,993 मीटर) का निर्माण कराया जाना है।

राजधानी पटना में ग्राम रक्षा दल का उग्र प्रदर्शन, सीएम हाउस और जदयू कार्यालय की बढ़ाई गई सुरक्षा

डेस्क : राजधानी पटना में आज शुक्रवार की सुबह-सुबह ग्राम रक्षा दल के प्रदर्शनकारी जदयू दफ्तर पहुंचकर जमकर बवाल काटा है। प्रदर्शनकारी जदयू दफ्तर का घेराव करने की कोशिश कर रहे थे। हालांकि वो इसमें कामयाब नहीं हुए और वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें गेट से भगा दिया।

बता दें ग्राम रक्षा दल के सदस्य लगातार नीतीश सरकार से स्थायी नियुक्ति की मांग कर रहे हैं, जिसे लेकर वे अपनी आवाजें बुलंद कर रहे हैं। इसका नाम मुख्य रूप से बिहार राज्य दलपती एवं ग्राम रक्षा दल भी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनका नाम पुलिस मित्र भी रखा था। ग्राम रक्षा दल अपने मानदेय बढ़ाने सहित 11 सूत्री मांगों को लेकर कई बार हंगामा कर चुके हैं। मालूम हो कि ग्राम रक्षा दल का मानदेय मात्र 4000 रुपये है। बहाली के बाद से उनका मानदेय नहीं बढ़ा है। जिसके कारण वो कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं।

इधर ग्राम रक्षा दल का प्रदर्शन देखते हुए जदयू दफ्तर के साथ साथ सीएम हाउस के बाहर की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। बताया जा रहा है कि ग्राम रक्षा दल के सदस्य बड़ी संख्या में गर्दनीबाग धरनास्थल से मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने के लिए जाने वाले थे लेकिन विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए सीएम आवास के चारों तरफ के रास्तों को बंद कर दिया गया है। वहीं हज भवन की तरफ से आने वाले रास्तों पर भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है।

वहीं सीएम की सुरक्षा को देखते हुए सीएम आवास के तरफ जाने वाली सभी रास्तों को पुलिस बल की तैनाती की गई है। सामान्य वाहनों को सीएम आवास की तरफ जाने से रोका जा रहा है। पुलिस बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों के अवागमन पर रोक लगा रही है।

बिहार को मिली 16 हजार करोड़ की सड़क योजनाएं, मोकामा से बड़हिया होते मुंगेर तक बनेगी 4 लेन की नई सड़क : डिप्टी सीएम

* डेस्क : बीते गुरुवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी बिहार दौरे पर आए थे। अपने बिहार दौरे में गडकरी ने राज्य को करीब 16000 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी है। इस बात की जानकारी देते हुए बिहार के डिप्टी सीएम सह पथ निर्माण मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने बिहार दौरे में राज्य को करीब 16000 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी है। इससे साबित हुआ है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की प्रगति के रोडमैप के केंद्र में बिहार है। उन्होंने कहा कि बिहार में सड़क निर्माण पर करीब 2 लाख करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं। साथ ही एक लाख 8 हजार करोड़ की लागत से 11 ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे बन रहे हैं। हमारे विशेष आग्रह पर केंद्रीय मंत्री ने मोकामा से बड़हिया, लखीसराय होते हुए मुंगेर तक जाने वाली एक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे बनाने की भी घोषणा की है। साथ ही 20 हजार करोड़ की लागत से 14 ब्रिजों का निर्माण जारी है। अगले साल तक केंद्र सरकार की 78 हजार करोड़ की लागत वाली 1700 किमी विस्तार वाली सड़क योजनाओं का डीपीआर भी बनाया जा रहा है। 2025 के अंत तक 25 हजार करोड़ की लागत वाली 1300 किलोमीटर विस्तार वाली परियोजनाओं को पूरा करा लिया जाएगा। डिप्टी सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार पटना को हर दिशा से सुलभ संपर्कता से आच्छादित कर रही है। केंद्रीय बजट में घोषित 18 हजार करोड़ लागत वाली पटना-पूर्णिया ग्रीनफील्ड कॉरिडोर का डीपीआर भी मार्च 2025 तक निर्गत कर दिया जाएगा। 10 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली पटना ग्रीनफील्ड रिंगरोड (कुल लंबाई 138 किमी) जिसमें गंगा पर 9.5 किमी लंबा छह लेन पुल भी शामिल है, का काम 2027 तक पूरा करा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री से पटना-सिलीगुड़ी, रक्सौल-हल्दिया और बक्सर-भागलपुर पर भी तेजी से काम आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है। साथ ही 550 किमी लंबाई के सिंगल और इंटरमीडिएट लेन वाले एनएच के दोहरीकरण का अनुरोध भी किया है।
इच्छुक शिक्षकों को मिलेगा स्थानांतरण का अवसर, शिक्षा विभाग ने जारी किया नया आदेश

* डेस्क : बिहार के शिक्षकों के लिए एक खुशखबरी है। राज्य सरकार इच्छुक शिक्षकों को तबादले का अवसर देगी। विशेष परिस्थिति में सरकार ने यह फैसला किया है। उनसे ऐच्छिक स्थानों का विकल्प भी लिया जाएगा। यह जानकारी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने दी है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की व्यावहारिक परेशानी को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है। कई शिक्षकों को मौजूदा पदस्थापन को लेकर कई तरह की समस्या है। लिहाजा, उन्हें सरकार राहत देगी। पहली दिसम्बर से ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू होगी। इच्छुक शिक्षक 15 दिसंबर तक आवेदन कर सकेंगे। विभाग 31 दिसंबर तक आवेदनों की स्क्रूटनी करेगा। इसके बाद स्थानांतरण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। उन्होंने बताया कि सारे अभ्यावेदनों पर इच्छा के अनुरूप कार्रवाई हो ही जाएगी, ऐसा नहीं है। लेकिन, शिक्षकों की व्यावहारिक परेशानियों को देखकर उसके निदान की पूरी कोशिश होगी। नए साल में उन्हें नया स्थान आवंटित हो जाएगा। इधर, शिक्षा विभाग ने ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर तबादले के लिए आए पहले के सारे आवेदन को रद्द कर दिया है। शिक्षकों के स्थानांतरण को लेकर शिक्षा विभाग ने गुरुवार को विधिवत आदेश जारी कर दिया है। अपने आदेश में प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने कहा है कि विभिन्न स्रोतों से अनुरोध प्राप्त हो रहे हैं कि कुछ शिक्षक विशेष समस्या से ग्रसित होने के कारण स्थानांतरण को इच्छुक हैं। ऐसे शिक्षक जो किसी विशेष समस्या के कारण अपने स्थानांतरण के लिए इच्छुक हैं, वे ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन नये सिरे से दे सकते हैं।
फार्मेसी शिक्षकों को बड़ा झटका, पटना हाईकोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए सरकार को विवेकानुसार निर्णय लेने को कहा

* डेस्क : बिहार के फार्मेसी शिक्षकों को बड़ा झटका लगा है। पटना हाई कोर्ट ने बिहार प्रदेश फार्मेसी शिक्षक संघ के नियमित शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष से बढ़ाकर 67 वर्ष करने के मामले में कोई राहत नहीं दी। कोर्ट ने आवेदक संघ को स्वास्थ्य विभाग के समक्ष अपना दावा पेश करने का छूट दी। साथ ही मामले को निष्पादित कर दिया। न्यायमूर्ति नानी तगिया की एकलपीठ ने बिहार प्रदेश फार्मेसी शिक्षक संघ की अर्जी पर सुनवाई की। आवेदक की ओर से कोर्ट को बताया गया कि बिहार चिकित्सा शिक्षा संस्थान (विनियमन और नियंत्रण) (संशोधन) अधिनियम, 1993 में फार्मेसी शिक्षा को चिकित्सा शिक्षा में शामिल माना गया है। बिहार सेवा संहिता में किए गए विभिन्न संशोधनों से राज्य अधिकारियों ने आयुष डॉक्टरों और शिक्षकों, बिहार दंत चिकित्सा सेवा के शिक्षकों और अधिकारियों, बिहार कर्मचारी राज्य बीमा चिकित्सा सेवा के डॉक्टरों, और व्यावसायिक चिकित्सक (शिक्षण संवर्ग सहित) तथा बिहार स्वास्थ्य सेवा और बिहार चिकित्सा शिक्षा सेवा के डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष से बढ़ाकर 67 वर्ष कर दी है। यही नहीं, राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव ने पत्रांक 17/द1-31/2016-807(17) दिनांक 24.11.2016 जारी कर बिहार विधान मंडल को जानकारी दी कि सरकारी फार्मेसी संस्थान, पटना के नियमित शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष से बढ़ाकर 67 वर्ष करने पर विभाग विचार कर रही है। वहीं, राज्य सरकार ने जवाबी हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया कि कर्मियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाना सरकार का नीतिगत निर्णय है और संघ नियमों में संशोधन से सेवानिवृत्ति की आयु में वृद्धि का दावा नहीं कर सकते। दोनों पक्षों की दलील के बाद कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत राज्य को नियम बनाने या संशोधित करने का निर्देश देने की शक्ति नहीं है। कोर्ट ने सरकार को विवेकानुसार आवेदकों की सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष से बढ़ाकर 67 वर्ष करने के बारे में निर्णय लेने की बात कही।