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शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों की कविताओं को प्रकाशित करेगा अंग्रेजी विभाग

गोरखपुर। शब्द एंड स्टैंजा कविता संग्रह में होंगी हिंदी एवं अंग्रेजी में कविताएँ अध्यक्ष के साथ शोधार्थियों की बैठक में जमा की गई प्रविष्टियां

अंग्रेजी विभाग ने एक नई और अनूठी पहल करते हुए विभाग के शोधार्थियों और स्नातकोत्तर छात्रों की काव्यात्मक रचनाओं पर आधारित पुस्तक शब्द एंड स्टैंजा: वॉइसेज आॅफ बडिंग पोएट्स फ्रॉम द इंग्लिश डिपार्टमेंट के प्रकाशन का निर्णय लिया है। यह पुस्तक छात्रों द्वारा रचित कविताओं का एक संकलन है, जिसमें हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में कविताएं शामिल होंगी।

विभागाध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि इस पुस्तक का उद्देश्य छात्रों की छिपी हुई साहित्यिक प्रतिभा को उजागर करना है। अब तक 25 से अधिक छात्रों ने अपनी कविताएं प्रस्तुत की हैं, जो सामाजिक मुद्दों और विविध विषयों पर आधारित हैं। इन रचनाओं की गुणवत्ता को सराहा गया है।

प्रो. शुक्ला ने कहा, यह पुस्तक छात्रों को अपनी रचनात्मकता प्रदर्शित करने का एक अद्वितीय मंच प्रदान करेगी और उनकी काव्य प्रतिभा को एक नई पहचान देगी। इसे जल्द ही प्रकाशित किया जाएगा और विश्वविद्यालय की कुलपति के कर-कमलों द्वारा विमोचित किया जाएगा। उन्होंने बताया की अभी तक चालीस कविताएँ प्राप्त हो चुकी हैं ।

कुलपति प्रो पूनम टंडन ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह पुस्तक न केवल छात्रों की सृजनशीलता को प्रोत्साहित करेगी बल्कि उनके भीतर साहित्यिक अभिव्यक्ति के प्रति आत्मविश्वास भी बढ़ाएगी। ऐसे प्रयास छात्रों के सर्वांगीण विकास में मील का पत्थर साबित होते हैं।

प्रो शुक्ला नें बताया कि यह पहल न केवल उनकी रचनात्मकता को प्रोत्साहन देगी बल्कि साहित्य के क्षेत्र में विभाग की अग्रणी भूमिका को भी रेखांकित करेगी।

गौरतलब है कि अंग्रेजी विभाग हर महीने अपनी पत्रिका साहित्य विमर्श का भी प्रकाशन करता है, जिसमें छात्रों की रचनात्मक अभिव्यक्तियां प्रकाशित होती हैं। बैठक में श्रेया पांडे, नितेश सिंह, अंकित पाठक, आयुषी कुशवाहा, हर्षिता, रोहिणी सिंह, ऋचा पल्लवी, सौरभ, जगदंबा, नंदिनी, अंबिका, स्मृति, सुरभि, अंजलि, राजेश आदि उपस्थित रहे।

108 सामूहिक विवाह कार्यक्रम स्थल का अधिकारियों ने लिया जायजा

गोरखपुर। गोला क्षेत्र के मां समय डरारी मंदिर पर आयोजित पूर्व मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश व भारत सरकार के पूर्व रक्षा मंत्री स्व मुलायम सिंह यादव के जन्म दिन पर आयोजित 108 कन्याओं का सामूहिक विवाह का आयोजन के तहत 108 जोड़े विवाह बंधन में बंधेंगे। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई हैं। फिजिकल ग्राउंड परिसर में 22 नवंबर यानी शुक्रवार को सामूहिक विवाह समारोह होगा। कार्यक्रम को लेकर प्रशासनिक स्तर से सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।

 एसडीएम गोला राजू कुमार और थानाध्यक्ष गोला वेद प्रकाश शर्मा ने फिजिकल ग्राउंड पहुंचकर कार्यक्रम की व्यवस्थाओं, साज सज्जा और साफ-सफाई का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान एसडीएम गोला ने कहा कि कार्यक्रम में खाने की गुणवत्ता और साफ - सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए। कार्यक्रम के दौरान भोजन समय से प्रारंभ कराया जाए। पीने के पानी के टैंकर और वाहन खड़े कराने की समुचित व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। 

आयोजक दुर्गेश मदन यादव व दुर्गा प्रसाद यादव ने बताया कि 108 जोड़ों का विवाह उनके धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार क्षेत्र के सम्मानित लोगों की उपस्थिति में सम्पन्न कराया जाएगा।

अभाविप केंद्रीय कार्यसमिति बैठक हुई सम्पन्न, अधिवेशन को सकुशल सम्पन्न कराने पर की गई चर्चा

गोरखपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की एक-दिवसीय केंद्रीय कार्यसमिति बैठक गोरखपुर में सम्पन्न हुई। बैठक की शुरुआत राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजशरण शाही, राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल तथा राष्ट्रीय संगठन मंत्री आशीष चौहान ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संवाद भवन में माँ सरस्वती और स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया, तत्पश्चात केन्द्रीय कार्यसमिति बैठक में उपस्थित प्रतिनिधियों ने सामूहिक वंदे मातरम गायन किया।

अभाविप की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद बैठक कल बृहस्पतिवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित की जाएगी। अभाविप द्वारा महेश्वर से पुण्यश्लोका अहिल्याबाई होलकर के त्रिशताब्दी वर्ष पर निकाली गई मानवंदना यात्रा प्रयागराज, अयोध्या से होते हुए अधिवेशन स्थल पर पहुंचेगी। यात्रा के माध्यम से लोकमाता द्वारा भारतीय सांस्कृतिक विशिष्टता के पुनरुत्थान हेतु किए गए प्रयासों को जनसामान्य तक पहुंचाया जाएगा। कल राष्ट्रीय अधिवेशन के निमित्त प्रदर्शित किए जाने वाली प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया जाएगा।

इस एकदिवसीय केन्द्रीय कार्यसमिति बैठक में शिक्षा, समाज से जुड़े विषयों पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। साथ ही अभाविप के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रस्तुत किए जाने वाले कुल पांच प्रस्तावों पर विमर्श हुआ। शैक्षणिक संस्थानों में शिक्षा की गुणवत्ता व शुल्क वृद्धि, मिलावटी खाद्य पदार्थों की समस्या, अन्तरराष्ट्रीय मंच पर भारत का बढ़ता प्रभाव, मणिपुर हिंसा जैसे विषयों पर कुल पांच प्रस्तावों पर इस केन्द्रीय कार्यसमिति बैठक में संवाद हुआ। ये पांच प्रस्ताव 22-24 नवंबर के मध्य राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित किए जाएंगे।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ राजशरण शाही ने कहा कि गोरखपुर शौर्य की भूमि है। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में गोरखपुर के शूरवीरों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। गोरखपुर का राजनैतिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है। नाथ पंथ का देश में सामाजिक समरसता के प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान है। भारतीय शिक्षा व्यवस्था को सस्ती व सुलभ बनाने के लिए प्रभावी प्रयास की आवश्यकता है। शिक्षा को सर्वसमावेशी व सुलभ होगी तो देश का सामान्य से सामान्य विद्यार्थी बेहतर कर सकेगा। अभाविप की यह केंद्रीय कार्यसमिति बैठक सकारात्मक बदलाव को दिशा दिखाने वाली है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता देश के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु कार्य कर रहे हैं। देश की युवा शक्ति आशाओं से युक्त है, यह युवा शक्ति भारत में सकारात्मक बदलाव की वाहक बनेगी। मणिपुर राज्य में शांति व्यवस्था बहाल करने हेतु केंद्र एवं राज्य सरकार को संयुक्त रूप से शीघ्रता से प्रयास करने होंगे। गोरखपुर वैचारिक केन्द्र के रूप में अनेक अवसरों पर देश का मार्ग प्रशस्त करने वाला रहा है, विद्यार्थी परिषद का गोरखपुर राष्ट्रीय अधिवेशन देश के विद्यार्थियों के नेतृत्व में भारत केन्द्रित वैचारिकी द्वारा बदलाव का वाहक बनेगा।

विश्व COPD दिवस पर जागरूकता अभियान: पर्यावरण प्रदूषण और फेफड़ों के स्वास्थ्य पर की गई चर्चा

गोरखपुर। विश्व COPD दिवस के अवसर पर पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के ओपीडी लाउंज में एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में मरीजों और उनके परिजनों को क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD), इसके कारणों, लक्षणों और भारत में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के खतरों के बारे में जानकारी दी गई।

COPD क्या है?

COPD फेफड़ों की एक गंभीर बीमारी है जो सांस लेने में कठिनाई पैदा करती है और जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इसके मुख्य कारण बताए:

धूम्रपान: सक्रिय धूम्रपान के साथ-साथ परोक्ष धूम्रपान भी फेफड़ों के लिए बेहद हानिकारक है।

घरेलू धुएं का संपर्क: ग्रामीण क्षेत्रों में लकड़ी, गोबर के उपले या कोयले के इस्तेमाल से खाना पकाने पर उत्पन्न धुआं, खासकर महिलाओं के लिए, खतरनाक साबित होता है।

पोस्ट-इंफेक्टिव COPD: टीबी जैसी गंभीर फेफड़ों की बीमारियों से उबरने के बाद भी कई लोगों को दीर्घकालिक सांस की समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

लक्षणों को पहचानें

मरीजों को COPD के मुख्य लक्षणों के बारे में बताया गया:

लंबे समय से चल रही खांसी जो ठीक नहीं होती।

लगातार सांस फूलना, खासकर किसी शारीरिक गतिविधि के दौरान।

छाती में भारीपन या जकड़न महसूस होना।

प्रमुख बिंदु

कार्यक्रम में पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर और प्रमुख, डॉ. सुबोध कुमार ने COPD के उपचार और इनहेलर के सही उपयोग के महत्व को समझाया। उन्होंने बताया कि इनहेलर थेरेपी लक्षणों को नियंत्रित करने और फेफड़ों के कार्य को सुधारने में बेहद प्रभावी है।

डॉ. देवेश प्रताप सिंह (सहायक प्रोफेसर, पल्मोनरी मेडिसिन) ने उपस्थित लोगों को COPD के लक्षणों की पहचान करने के तरीके पर विस्तार से जानकारी दी और सलाह दी कि किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

डॉ. आनंद मोहन दीक्षित (प्रोफेसर, CMFM) ने जनता को पर्यावरण प्रदूषण से बचाव के उपायों के बारे में शिक्षित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रदूषण से बचने के लिए स्वच्छ ऊर्जा का उपयोग, मास्क पहनना, पेड़ लगाना और प्रदूषण के चरम समय में बाहर न जाना जैसे उपाय जरूरी हैं।

पर्यावरण प्रदूषण का फेफड़ों पर प्रभाव:

भारत में बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के फेफड़ों पर गंभीर प्रभाव को रेखांकित किया गया। प्रदूषण से होने वाले जोखिम जैसे COPD, अस्थमा और फेफड़ों के कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक किया गया।

इस जागरूकता कार्यक्रम में निम्नलिखित डॉक्टर उपस्थित रहे:

डॉ. सुबोध कुमार (प्रोफेसर और प्रमुख, पल्मोनरी मेडिसिन विभाग)

डॉ. देवेश प्रताप सिंह (सहायक प्रोफेसर, पल्मोनरी मेडिसिन विभाग), डॉ. अमन कुमार (सीनियर रेजिडेंट, पल्मोनरी मेडिसिन विभाग)

डॉ. आदित्य नाग (सीनियर रेजिडेंट, पल्मोनरी मेडिसिन विभाग), डॉ. अभिषेक शर्मा (जूनियर रेजिडेंट, पल्मोनरी मेडिसिन विभाग), डॉ. दुर्गेश (जूनियर रेजिडेंट, पल्मोनरी मेडिसिन विभाग), डॉ. आनंद मोहन दीक्षित (प्रोफेसर, CMFM)

डॉ. शशांक शेखर (सहायक प्रोफेसर, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी), निदेशक की प्रशंसा कार्यक्रम की सराहना करते हुए डॉ. अजय सिंह, निदेशक, एम्स गोरखपुर, ने इस जागरूकता अभियान के लिए सभी डॉक्टरों को बधाई दी और भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया।

गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब सभागार में मीडिया कर्मियों के लिए लगाया गया निशुल्क नेत्र जांच शिविर

गोरखपुर। इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में खबरों को लेकर पत्रकार बंधु तमाम तरह की खबरों के लिए दिन - रात लगे रहते हैं जिससे वह अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं दे पाते हैं और उनका स्वास्थ्य धीरे-धीरे बिगड़ता जाता है। पत्रकारों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब के अध्यक्ष मार्कण्डेय मणि त्रिपाठी और उपाध्यक्ष कुंदन उपाध्याय के सौजन्य से शास्त्री चौक स्थित गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेस क्लब के स्वर्गीय अरविंद शुक्ला सभागार में सेंटर फॉर साइट आंखों का अस्पताल मुगलहा चौराहा, मेडिकल कॉलेज रोड द्वारा नि:शुल्क नेत्र जांच, ब्लड प्रेशर और शुगर जांच शिविर का आयोजन किया गया।

प्रेस क्लब अध्यक्ष ने बताया कि आज लगभग 300 से ज्यादा पत्रकार बंधुओ की जांच हुई है। पत्रकार बंधुओ की सुविधा के लिए आगे भी इस तरह के आयोजन प्रेस क्लब के में आयोजित होगी। आपको बता दें की निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर में पत्रकार बंधुओ के परिवार जनों का भी जांच होगा। जिन लोगों को जांच करना हो वह प्रेस क्लब में जांच के दौरान प्राप्त हुए रजिस्ट्रेशन कार्ड को लेकर सेंटर फॉर साइट आंखों का अस्पताल मुगलहा चौराहा में जाकर परिवार के अन्य सदस्यों का जांच निशुल्क कर सकते हैं। इस दौरान काफी संख्या में मीडिया कर्मी मौजूद रहे।

विश्व सीओपीडी दिवस पर निकाली गई जागरूकता रैली

गोरखपुर। बुधवार को सीओपीडी दिवस के अवसर पर एक जन जागरूकता रैली चेस्ट फिजिशियन डॉक्टर नदीम अर्शद के नेतृत्व में बेतियाहाता से निकाली गई। डॉक्टर नदीम अर्शद ने बताया कि "अपने फेफड़ों के कार्य क्षमता को जाने" की थीम के साथ इस वर्ष सीओपीडी दिवस मनाया जा रहा है।

क्रोनिक आॅबसट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) एक काम और उपचार योग्य बीमारी है जो सांस फूलने लगातार बलगम और खांसी का कारण बनती है। दुनिया भर में इस समय सीओपीडी मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है और आग आबादी में विशेष रूप से कम संसाधन वाले देशों में अत्यधिक प्रचलित है। यह अनुमान है कि हर साल दुनिया भर में 30 लाख लोग सीओपीडी के कारण भरते है। दुनिया में बढ़ती उम्र की आबादी और तंबाकू के धुएं जैसे जोखिम वाले कारकों के लगातार संपर्क में रहने के कारण यह संख्या बढ़ने की उम्मीद है।

तंबाकू के धुएं और सॉस के जरिए शरीर में जाने वाले अगा जहरीले कणों और गैसों के संपर्क में आना सीओपीडी के लिए मुख्य जोखिम कारक है, हालाँकि हाल यो शोध से संकेत मिलता है कि सीओपीडी आनुवंशिक और पर्यावरणीय जोखिम कारकों के संयोजन से होता है जो जीवन भर घटित होते हैं, गर्भ में शुरू होते है एवं बचपन और किशोरावस्था के दौरान जारी रहते हैं। विश्व सीओपीडी दिवस एक वार्षिक वैश्विक पहल है जो क्रॉनिक आॅब्सट्रक्टिव। लंग डिजीज के लिए वैश्विक पहल (गोल्ड) द्वारा संचालित है एवं फोरम आॅफ इंटरनेशनल रेस्पिरेटरी सोसाइटीज (एफआईआरएस) का सदस्य है। विश्व सीओपीडी दिवस का लक्ष्य दुनिया मर में सीओपीडी के बारे में जागरूकता बढाना तथा इसके लिए नई जानकारी और नवीन चिकित्सीय रणनीति प्रस्तुत करना है।

23 वा विश्व सीओपीडी दिवस 20 नवंबर 2024 को मनाया गया। इस वर्ष के विषय का उद्देश्य फेफड़ों की कार्यप्रणाली को मापने के महत्व को उजागर करना है, जिसे स्पाइरोमेट्री के नाम से भी जाना जाता है। यद्यपि स्पिरोमेट्री सीओपीडी के निदान के लिए एक आवश्यक उपकरण है, यह जीवन भर स्वास्थ्य का सूचक भी है। हमारे फेफड़े गर्भ से लेकर युवावस्था तक बढ़ते रहते हैं। इस पूरी अवधि के दौरान हम वायु प्रदूषण और श्वसन संक्रमण जैसे खतरों के प्रति संवेदनशील होते हैं, जो फेफड़ों के विकास में बाधा डाल सकते हैं और आगे चलकर जीवन में दीर्घकालिक फेफड़ों की बीमारी विकसित होने का जोखिम बढ़ा सकते हैं। दुर्भाग्यवश, लक्षण विकसित होने से पहले ही फेफड़ों की अधिकांश कार्यक्षमता नष्ट हो सकती है।

फेफड़ों की कार्यक्षमता न केवल फेफड़ों के स्वास्थ्य का, बल्कि हमारे समग्र स्वास्थ्य का भी सूचक है। फेफड़ों की कार्यक्षमता में मामूली कमी भी श्वसन और गैर श्वसन कारणों से मृत्यु के बढ़ते जोखिम से जुड़ी है। स्पाइरोमेट्री द्वारा जीवन भर फेफड़ों की कार्यप्रणाली को मापने से शीघ्र निदान और शीघ्र चिकित्सीय हस्तक्षेप के अवसर मिल सकते हैं।सीओपीडी के बोझ को कम करने और फेफड़ों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर में पहल की जा रही है, जिसमें धूम्रपान निषेध कार्यक्रम, इनडोर और आउटडोर वायु प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई, साथ ही बचपन में होने वाले नुकसानदेह कारकों की जांच शामिल है। यद्यपि सीओपीडी के लिए कोई वर्तमान में इलाज नहीं है, लेकिन इसे रोकने और जीवन की गुणवता में सुधार लाने के लिए कार्रवाई कहीं भी, विभिन्न प्रकार के व्यक्तियों द्वारा, अनेक प्रकार की परिस्थितियों में की जा सकती है। नियोक्ता सुरक्षित श्वास वातावरण के लिए प्रयास कर सकते हैं, नागरिक वायु स्वच्छता के अच्छे संरक्षक हो सकते हैं, और मरीज और परिवार दोनों ही अधिक शोध और देखभाल तक बेहतर पहुंच का समर्थन करने में मदद कर सकते हैं।

इसमें आवश्यक दवाएं, नियमित स्पिरोमेट्री जांच और दूरदराज के क्षेत्रों में मरीजों के लिए टेलीहेल्थ एक्सेस जैसे अन्य उपचार शामिल है। इसके अलावा, प्रदाता और नीति निमार्ता स्पाइरोमेट्री तक पहुंच में सुधार लाने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं और जीवन के सभी चरणों में एक सामान्य स्वास्थ्य सूचक के रूप में इसके उपयोग का समर्थन कर सकते हैं। यह न केवल श्वसन रोगों के निदान के लिए बल्कि एक सामान्य स्वास्थ्य सूचक के रूप में भी महत्वपूर्ण है।

बाइक जा रहे भाई बहन सड़क हादसे में घायल

खजनी गोरखपुर।इलाके में हरनहीं के पास लिंक एक्सप्रेस वे पर चढ़ कर उनौला खास गांव और खैराटी गांव के पास सड़क पर पहले से खड़ी पिकअप में बाइक सवार ने अनियंत्रित होकर पीछे से ही टक्कर मार दी। हादसे में बाइक सवार शिवम् 17 वर्ष और उसकी बहन करिश्मा 22 वर्ष दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।

दोनों भाई बहन पिता सुरेन्द्र निषाद निवासी ग्राम ब्रम्हसारी बेलघाट गोरखपुर आज अपनी बाइक से हरपुर बुदहट की ओर से अपनी रिश्तेदारी से लौट रहे थे। हरनहीं में लिंक एक्सप्रेस-वे पर चढ़ गए भाई शिवम तेज गति से अपनी बाइक कन्ट्रोल नहीं कर पाया और सामने खड़ी पिकअप से जा भिड़ा। हादसे में घायल दोनों भाई बहन को जिला अस्पताल इलाज के लिए भेजा गया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची 112 वैन से ही उन्हें इलाज के लिए जिला अस्पताल ले जाया गया।

पत्नी ने लगाया पति पर अप्राकृतिक दुष्कर्म,श्वसुर पर रेप और दहेज प्रताड़ना का आरोप, केस दर्ज

खजनी गोरखपुर।थाना क्षेत्र की निवासी विवाहिता ने पति पर अप्राकृतिक यौनाचार एवं श्वसुर पर रेप तथा दहेज के लिए प्रताणित करने का गंभीर आरोप लगाया है। थाने में शिकायत लेकर महिला ने पुलिस को आपबीती सुनाई और लिखित तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है।

दी गई तहरीर में महिला ने बताया कि वर्ष 2018 में विवाह के बाद 2020 में उसे एक बेटी पैदा हुई जिसके लिए उसे प्रताणित किया गया वर्ष 2021 में उसने एक पुत्र को जन्म दिया लेकिन पति श्वसुर सहित सास और ननद भी लंबे समय से मारपीट और शारीरिक शोषण करते रहे और उससे मायके से और दहेज लाने के लिए मारपीट कर घर से निकाल दिया। समझौते के लिए पहुंचे उसके पिता को भी मारपीट कर भगा दिया गया। धमकी और उत्पीड़न से तंग आकर पुलिस के पास आई है।

खजनी थाना क्षेत्र के सियर गांव में महिला की ससुराल तथा कठैचा गांव में मायका है। महिला अपराध से जुड़े मामले को गंभीरता से लेते हुए थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा ने केस दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिए। थानाध्यक्ष ने बताया कि मामले में विधि संमत प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।

डीजीपी ने प्रशिक्षु आईपीएस के साथ की शिष्टाचार भेंट,कहा- आपको जनता को आसानी से सुलभ होना चाहिए

लखनऊ। पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार से सोमवार को पुलिस मुख्यालय में भारतीय पुलिस सेवा के 76वें आरआर बैच के 20 प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा शिष्टाचार भेंट की गयी एवं मुलाकात के दौरान मोमेन्टो भेंट किये गये। भेंट के दौरान प्रशिक्षु अधिकारियों द्वारा पुलिस मुख्यालय स्थित विभिन्न कार्यालयों एवं शाखाओं का भ्रमण कर कार्यों के बारे में जानकारी ली गयी।

प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारियों को पुलिस मुख्यालय स्थित सोशल मीडिया सेन्टर भ्रमण के दौरान सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर चौबीस घंटे मॉनीटरिंग किये जाने तथा सोशल मीडिया सेन्टर की कार्यप्रणाली के बारे में बताया गया। पुलिस महानिदेशक द्वारा मुलाकात के दौरान अपने उद्बोधन में यूपी पुलिस के गौरवशाली इतिहास के बारे में बताते हुए वर्तमान परिवेश में जनता की सुरक्षा एवं अपराधों की रोकथाम एवं महिला सुरक्षा के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा चलाये जा रहे अभियानों यथा कम्युनिटी पुलिसिंग, आॅपरेशन कन्विक्शन, आॅपरेशन त्रिनेत्र आदि के बारे में विस्तार से बताया गया। पुलिस महानिदेशक द्वारा कहा गया कि पुलिस सेवा जनता के विभिन्न वर्गों की सेवा के लिए एक महत्वपूर्ण माध्यम है। आपको जनता के लिए आसानी से सुलभ होना चाहिए।

आपको स्वच्छ इरादे के साथ काम करना चाहिए। विशेषतौर पर महिलाओं एवं बच्चों के विरूद्ध होने वाले अपराधों की रोकथाम एवं उन पर त्वरित कार्रवाई कराते हुये न्यायालय में प्रभावी पैरवी कराकर दोषियों को सजा दिलाना पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा पुलिस की सेवा में नैतिकता, ईमानदारी, सत्यनिष्ठा एवं भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेन्स की नीति रखना ही सफलता का मूल मन्त्र है। पुलिस महानिदेशक द्वारा प्रशिक्षु अधिकारियों के जिज्ञासा भरे प्रश्नों का उत्तर देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की गयी।इस अवसर पर एडीजी फायर सर्विस, डीजी प्रशिक्षण, एडीजी कानून व्यवस्था, एडीजी स्थापना, एडीजी साइबर क्राइम, एडीजी रेलवे, एडीजी प्रशिक्षण, एडीजी लॉजिस्टिक, एडीजी अपराध सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रथम प्रधानमंत्री के नाम पर बन रहे पार्क में भ्रष्टाचार का कांग्रेस ने लगाया आरोप, सौंपा ज्ञापन

गोरखपुर। जिला कांग्रेस कमेटी निर्मला पासवान के नेतृत्व में भारत रत्न देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्वर्ग पंडित जवाहरलाल नेहरू जी लाल डिग्गी पार्क के नाम से हो रहे शोषण और भयावा भ्रष्टाचार की जानकारी सूचना मंडलायुक्त को एक महीने पहले ज्ञापन के माध्यम से दी थी लेकिन उसके बाद कोई कार्रवाई न होने के बाद अपर मंडल आयुक्त कुंवर बहादुर सिंह की को ज्ञापन के माध्यम से चेताया गया कि सपा भाजपा शासन काल में जो निविदा हुई है वह क्या 8 करोड रुपए कार्य का क्या हुआ जो कार्य पास में क्यों नहीं दिख रहे हैं 2018 से 6 से 7 करोड रुपए टेंडर हो गया फिर बार-बार कई फॉर्म का भुगतान क्यों किया गया।

जिला अध्यक्ष ने कहा कि बड़े-बड़े मोटर्स और लाखों सच का हिसाब उसे समय के अवर अभियंता से मांगा गया था 50-60 लाख का २ू१ुं कहां गया। विभाग द्वारा नगर निगम स्टोर में जमा है लाल डिग्गी पार्क में संचालित करने के लिए फब्बारा म्यूजिक फाउंडेशन कराए जाने का भुगतान किया गया था इन मौके पर 4 साल में कुछ नहीं दिख रहा है मंडलायुक्त महोदय से 24 घंटे अल्टीमेट दिया गया। 24 घंटे के अंदर एस्टीमेट नहीं मिला तो लाल डिग्री पार्क में धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे जिसकी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन किया है। जिला उपाध्यक्ष महेंद्र मिश्रा मिश्रा जी ने कहा कि नगर निगम अधिकारी बेअंदाज हो गया है। इसी क्रम में जिला उपाध्यक्ष एसपी सिंह, महानगर राजीव पांडे, जिला महासचिव अनुराग पांडे, राजकुमार यादव, पंकज पासवान, वशिष्ठ मुनिविश्वकर्मा, अभयानंद द्विवेदी, दिनेश मौर्या आदि मौजूद रहे।