यहां आम लोगों के लिए खुलेगी 68 साल पुरानी टनल, 62.5 करोड़ रुपये खर्च, जानें क्या-क्या काम हुआ?
डेस्क: जम्मू कश्मीर को लेह लद्दाख से जोड़ने वाली ट्विन-ट्यूब जवाहर टनल एक बार फिर से आम लोगों के लिए खुलने वाली है। यह टनल दिसंबर 2024 में आम लोगों के आवागमन के लिए खोली जा सकती है। 1956 में बनी 2.5 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब जवाहर टनल का ऐतिहासिक महत्व है। यह टनल पीर-पंजाल रेंज के जरिए कश्मीर घाटी और लेह को शेष भारत से जोड़ती है। इस वजह से इस टनल की अहमियत बहुत ज्यादा है।
इस टनल में मरम्मत की जरूरत महसूस किए जाने के बाद बीआरओ ने इस पर काम शुरू किया। इसकी मरम्मत का काम ईपीसी मोड के जरिए 62.5 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इसके लिए MoRTH ने पैसे की व्यवस्था की और सीमा सड़क संगठन ने प्रोजेक्ट बीकन के जरिए लगभग एक वर्ष (गैर-कार्य मौसम को छोड़कर) में काम पूरा किया।
लिहाज से बेहतर करने और इसे मजबूत बनाने की जरूरत महसूस हुई ताकि यह लंबे समय तक आवागमन के लिए उपयुक्त रहे। इसके साथ ही इसमें बेहतर आवागमन की सुविधा प्रदान की गई है, जो अन्य टनल में होती है। इस दौरान सिविल के साथ-साथ इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कार्य भी किए गए हैं, जैसे कि रिसाव को रोकना, फुटपाथ ओवरले, क्षतिग्रस्त कंक्रीट सतह को एपॉक्सी मोर्टार से पैच करना, सुरंग निगरानी नियंत्रण और संचार प्रणाली, अग्निशमन प्रणाली, सुरंग की सफाई के लिए मशीनीकृत व्यवस्था आदि। आधुनिक तकनीक का उपयोग सुरक्षा, संरक्षा और आराम को बढ़ाएगा।
टनल में किए गए काम में 76 हाई-डेफिनिशन सीसीटीवी कैमरे, धुआं और आग सेंसर, SCADA सिस्टम और वास्तविक समय की निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत निगरानी कक्ष शामिल हैं। जवाहर सुरंग NH-44 के लिए एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में कार्य करती है और सभी तेल टैंकर, विस्फोटक लदे वाहन और गैसोलीन वाहन जिन्हें नवनिर्मित काजीकुंड-बनिहाल सुरंग को पार करने की अनुमति नहीं है, वे इस सुरंग का उपयोग करेंगे।
Nov 21 2024, 17:04