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सरायकेला : बिकास चंद्र महतो की नेतृत्व में स्नातक 6 वे सेमेस्टर के हिंदी विभाग के रिज़ल्ट में हुई गड़बड़ी को लेकर प्राचार्य डॉ सरोज कुमार कैवर्त
सरायकेला : अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद चांडिल महाविद्यालय मंत्री बिकास चंद्र महतो की नेतृत्व में स्नातक 6 वे सेमेस्टर के हिंदी विभाग के रिज़ल्ट में हुई गड़बड़ी को लेकर प्राचार्य डॉ सरोज कुमार कैवर्त को सैकड़ो कार्यकर्ता के साथ ज्ञापन सौंपा गया। विषेश उपस्तिथि अभाविप एसएफडी प्रांत सह संयोजक सनातन गोराई थे उन्होंने कहा कि 10 दिनों में इस विषय पर समाधान करना होगा अन्यथा विद्यार्थी परिषद छात्रों का भविष्य को देखते हुए उग्र आंदोलन करेगी। जिला संयोजक समीर महतो ने कहा जल्द से जल्द इसे ठीक करने का आग्रह किया गया तथा चेतावनी देते हुए कहा कि हिन्दी विभाग में जांच की विषय है की इतने अधिक मात्रा में विद्यार्थियों को फेल कर दिया इसमें एक जांच कमिटी बनाई जाए । और इस प्रकार आगे ऐसी घटना न हो इसका सुनिचित करे। इस मौके पर उपस्थित पूजा सिंह महापात्र, बृहस्पति महतो, आकाश मिश्रा, राहुल गंगोली,विकाश गोप,बिमल चंद्र महतो,सैनिक प्रामाणिक, तारक प्रसाद महतो, मंजु वाला महतो,अमृता रानी महतो,बिना वाला मुंडा,सुलोचना सिंह,सुनीता महतो तथा सैंकड़ों विद्यार्थी उपस्थित रहे।
सरायकेल : शांतिपूर्ण निष्पक्ष चुनाव कराने के बाद जिला प्रशासन मतगणना की तैयारी में जुटा, विधानसभा वार वोटो की गिनती के लिए लगेंगे 14 - 14 टेबल .
महिला कॉलेज में बनाया गया है बज्र गृह, कडी सुरक्षा के बीच रखा गया है ईवीएम, महिला कॉलेज और पूरा परिसर पुलिस छावनी में तब्दील। चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिला के पांचो विधानसभा में शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतदान संपन्न होने के बाद अब जिला पुलिस प्रशासन मतगणना की तैयारी में जूट गया है। महिला कॉलेज में वज्र ग्रह बनाया गया है, सभी पांचो विधानसभाओं के लिए अलग-अलग बज्र गृह बना है। जिसमें सभी प्रत्याशियों का भाग्य ईवीएम में बंद है। 23 नवंबर को ईवीएम का पिटारा खुलेगा और वोटो की गिनती होगी। जिले के पांचो विधानसभा चाईबासा सदर, मझगांव ,जगन्नाथपुर ,मनोहरपुर और चक्रधरपुर विधानसभा के मतगणना के लिए अलग-अलग विधानसभा वार मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। जहां वोटो की गिनती के लिए 14-14 टेबल लगाए गए हैं। विभिन्न राजनीतिक पार्टियों पर प्रत्याशियों के पोलिंग एजेंट की उपस्थिति में 23 नवंबर को प्रातः 8:00 बजे से वोटो की गिनती शुरू होगी। पूरा महिला कॉलेज पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। सुरक्षाबलों के जवानो ने मोर्चा संभाल लिया है। मतगणना केंद्र में पास वाले लोगों को ही महिला कॉलेज मतगणना केंद्र में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी। विधानसभा वार बने बज्र गृह से मतगणना केंद्र तक सभी स्थानों में बैरिकेड किया गया है और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। आज जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त कुलदीप चौधरी ने पांचो विधानसभाओं के आरओ, एआर ओ के साथ महिला कॉलेज मतगणना केंद्र , बज्र ग्रह का निरीक्षण किया और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अधिकारियों का आवश्यक दिशा निर्देश दिया। जिले के उपायुक्त और एसपी लगातार महिला कॉलेज में बने बज्र गृह और मतगणना केंद्र का निरीक्षण कर रहे हैं और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा भी ले रहे हैं। प्रथम चरण में 13 नवंबर को चुनाव मतदान संपन्न होने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच महिला कॉलेज में ईवीएम और वींवीपेट को रखा गया है। विधानसभा वार बज्र गृह बनाया गया है जहां कड़ी सुरक्षा में ईवीएम को रखा गया है। दर्जनों सीसीटीवी से महिला कॉलेज की निगरानी की जा रही है। राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधि अपने-अपने विधानसभा में सुरक्षा में लगे हैं। पूरा महिला कॉलेज सुरक्षा घेरा और पुलिस छावनी में तब्दील हो गया है। सुरक्षा बलों ने मुख्य गेट से लेकर पूरे परिसर में मोर्चा संभाल लिया है। बिना अनुमति किसी को परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। मतगणना को लेकर भी सुरक्षा के पुख्ता, चाक चौबंध इंतजाम किए जा रहे हैं। स्काउट स्कूल के पास से ही सुरक्षा व्यवस्था कडी कर दी गई है और सभी मतगणना केंद्रों में पोलिंग एजेंट के जाने के लिए अलग से गेट बनाया गया है, जो कडी सुरक्षा के बीच और पास, अनुमति वाले लोग ही अंदर जा सकेंगे। पूरा पुलिस प्रशासन शांतिपूर्ण निष्पक्ष चुनाव कराने के बाद अब शांतिपूर्ण और निष्पक्ष मतगणना की तैयारी में जुटा है।
सरायकेला :ईचागढ़ के निवर्तमान विधायक सविता महतो ने मंगलवार को चांडिल के दिवंगत पत्रकार सुदेश कुमार व ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह . शो
सरायकेला :ईचागढ़ के निवर्तमान विधायक सविता महतो ने मंगलवार को चांडिल के दिवंगत पत्रकार सुदेश कुमार व ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह के घर पहुंच कर परिजनों से मिले और इस दुख की घड़ी में शोक सांतना व्यक्त किया। इस दौरान उन्होंने परिजनों को ढांढस बंधाया। इस दौरान सविता महतो ने कहा दिवंगत पत्रकार सुदेश कुमार काफी मिलनसार व हंसमुख स्वभाव के थे। उनके असमय चले जाने से पत्रकारिता जगत में काफी क्षति हुई है।उन्होंने कहा ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के कई प्रमुख समस्याओं को खबर के माध्यम से सुदेश कुमार ने आम जनता तक पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने कहा चुनाव के समय सुदेश कुमार से निरंतर मेरी फोन पर बातें हो रही थी। इस दौरान सविता महतो ने दिवंगत पत्रकार सुदेश कुमार के पत्नी से काफी देर बातचीत की। मालूम हो कि विगत दिनों ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद कुमार सिंह के माता जी और चांडिल के पत्रकार सुदेश कुमार के निधन के खबर पर सविता महतो दोनों के परिजनों से मिले और संवेदना जताई। इस अवसर पर झामुमो केंद्रीय सदस्य काबलु महतो, परमानंद पसारी आदि उपस्थित थे।
सरायकेला :26 माइक्रो आब्जर्वर दोरान मास्‍टर ट्रेनर्स द्वारा ईवीएम मशीनों से होने वाली मतगणना की प्रक्रिया के बारे में विस्‍तार से जानकारी दी गई,
सरायकेला : राज्य के विधानसभा आम निर्वाचन 2024 के 23 नवंबर को काशी साहू कॉलेज, सरायकेला में होने वाली मतगणना के लिए नियुक्‍त गणना सुपरवाईजर एवं गणना सहायकों का प्रशिक्षण एन.आई.टी जमशेदपुर,आदित्यपुर तथा एन. आर. प्लस टू उच्च विद्यालय, सरायकेला में आयोजित किया गया। एन.आर प्लस टू उच्च विद्यालय, सरायकेला में 111 ईवीएम काउंटिंग सुपरवाइजर, 115 ईवीएम काउंटिंग असिस्टेंट, 56 पोस्टल काउंटिंग असिस्टेंट एवं 26 पोस्टल सुपरवाइजर तथा एनआईटी जमशेदपुर,आदित्यपुर मे 128 ईवीएम माइक्रो ऑब्जर्वर तथा 26 माइक्रो आब्जर्वर को अलग-अलग पालियो मे प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान मास्‍टर ट्रेनर्स द्वारा ईवीएम मशीनों से होने वाली मतगणना की प्रक्रिया के बारे में विस्‍तार से जानकारी दी गई । साथ ही मतगणना संबंधी निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देशों, नियमों एवं सुरक्षा के बारे में बताया गया। प्रशिक्षण में उपस्थित गणना सुपरवाइजर एवं गणना सहायकों की शंकाओं एवं प्रश्‍नों का समाधान भी किया गया।
सरायकेला : नवंबर के बाद करीब साढ़े छह सौ नियमित ट्रेनों में जुड़ेंगे ऐसे 1000 से ज्यादा कोच, रेलवे की इस पहल से रोजाना करीब एक लाख अतिरिक्त .
आगामी दो साल में जीएस श्रेणी के ऐसे 10 हजार से ज्यादा कोच बेड़े से जुड़ेंगे,सामान्य श्रेणी के यात्रियों की सुविधाओं में विस्तार रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता । सरायकेला : दक्षिण पूर्वी रेलवे में रेल यात्रा के प्रति आमजनों की लगातार बढ़ती रुचि और आकर्षण के मद्देनजर रेलवे भी तदनुरूप सुविधाओं के विस्तार को गति दे रहा है। इस क्रम में रेलवे ने बीते तीन माह में ही विभिन्न ट्रेनों में सामान्य श्रेणी (जीएस) के करीब छह सौ नये अतिरिक्त कोच जोड़े हैं। ये सभी कोच नियमित ट्रेनों में जोड़े गए हैं। इतना ही नहीं, चालू नवंबर माह में जीएस श्रेणी के ऐसे एक हजार से ज्यादा कोच करीब साढ़े छह सौ नियमित ट्रेनों में जोड़ दिए जााएंगे। एक अनुमान के मुताबिक रेलवे के बेड़े में इन नये जीएस कोचों के जुड़ने से रोजाना करीब एक लाख यात्री लाभान्वित होंगे। इनके अलावा आगामी दो वर्षों में बड़ी संख्या में जीएस श्रेणी के कोचों को रेलवे के बेड़े में शामिल करने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है।   रेलवे बोर्ड ने सामान्य श्रेणी के रेल यात्रियों की नई सुविधाओं के बारे में यहां विस्तार से जानकारी दी है। रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक (सूचना व प्रचार) दिलीप कुमार ने बताया कि सामान्य श्रेणी के यात्री रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं। इस श्रेणी के यात्रियों को अधिकतम सुविधा मुहैया कराने की दिशा में रेलवे विभिन्न दिशाओं में कार्य कर रहा है। इसके तहत बीते जुलाई से अक्टूबर के तीन माह के दौरान जीएस श्रेणी के कुल 583 नये कोचों का निर्माण किया गया। साथ ही इन नवनिर्मित कोचोंं को 229 नियमित ट्रेनों में जोड़ा गया है। इससे रोजाना हजारों अतिरिक्त यात्रियों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि इस नवंबर माह तक जीएस श्रेणी के कुल एक हजार से ज्यादा नये कोच तैयार होकर रेलवे के बेड़े में जुड़ जाएंगे। इन्हें 647 नियमित ट्रेनों में जोड़ा जाएगा। इन डिब्बों के शामिल होने से रोजाना करीब एक लाख अतिरिक्त सवारी रेल यात्रा के सफर का लाभ उठा पाएंगे।     कार्यकारी निदेशक ने बताया कि सामान्य श्रेणी के यात्रियों की सुविधाओं के मद्देनजर नये जीएस कोचों का निर्माण तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि अगले दो वर्षों में रेलवे के बेड़े में ऐसे गैर-वातानुकूलित सामान्य श्रेणी के 10 हजार से ज्यादा जीएस कोचों को शामिल कर लिया जाएगा। इनमें छह हजार से ज्यादा जीएस कोच होंगे, जबकि बाकी डिब्बे स्लीपर श्रेणी के होंगे। इतनी बड़ी संख्या में non AC कोचों के शामिल होने से सामान्य श्रेणी के करीब आठ लाख अतिरिक्त यात्री रोजाना रेल यात्रा का सफर कर पाएंगे। जीएस श्रेणी के ये नवनिर्मित तमाम कोच LHB के होंगे । ये सफर को आरामदायक और सुविधाजनक बनाने के साथ-साथ सुरक्षित और द्रुत बनाने में भी मदद करेगी। पारंपरिक आईसीएफ़ रेल डिब्बों के मुकाबले ये नये एलएचबी  कोच अपेक्षाकृत हल्के और मजबूत हैं। हादसे की स्थिति में इन कोचों में नुकसान भी कम से कम होगा।
सरायकेला : आद्रा मंडल रायनगर स्टेशन पर नया ब्लॉकटस्टेशन कमीशन किया गया।..
सरायकेला : आद्रा मंडल के बांकुड़ा (BQA)-मासाग्राम (MSAE) खंड में बोवाईचांदी (BWCN) और मासाग्राम (MSAE) स्टेशनों के बीच रायनगर स्टेशन पर यार्ड रिमॉडलिंग कार्य के अंतर्गत एक नए ब्लॉक स्टेशन और एक लूप लाइन का निर्माण सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। इस परियोजना में नया यात्री प्लेटफॉर्म और स्टेशन मास्टर कार्यालय का भी निर्माण किया गया है। रायनगर स्टेशन को दिनांक 16.11.2024 से कमीशन किया गया, जिससे इस क्षेत्र में रेलवे सेवाओं का विस्तार और सुधार हुआ है। नए ब्लॉक स्टेशन के कमीशन के बाद, बोवाईचांदी-रायनगर- मासाग्राम खंड में एब्सोल्यूट ब्लॉक कार्य प्रणाली (Absolute Block Working System) को लागू कर दिया गया है। इस प्रक्रिया में, बोवाईचांदी और मासाग्राम खंड के बीच अब तक लागू "वन ट्रेन ओनली सिस्टम" को हटा दिया गया है। अब इस खंड में ट्रेनें एब्सोल्यूट ब्लॉक प्रणाली के अंतर्गत संचालित होंगी, जिससे संचालन अधिक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और कुशल होगा। इसके अलावा, रायनगर स्टेशन पर यात्री सुविधाओं को बढ़ाने के लिए भी कार्य प्रगति पर हैं। इनमें फुट ओवर ब्रिज (FOB) का निर्माण प्रमुख है, जो यात्रियों की सुविधा और आवागमन को आसान बनाने के लिए किया जा रहा है। यह सभी विकास कार्य यात्रियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने और रेलवे परिचालन को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक, आद्रा मंडल, दक्षिण-पूर्व रेलवे
सरायकेला :कुरली गांव में दिल दहला देने वाले घटना सामने आई है ।यहां 2 वर्षीय मासूम बालक और उसकी मां की निर्मम हत्या कर दी गई है।पुलिस जुटी जांचम.
सरायकेला : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के कुरली गांव में दिल दहला देने वाले घटना सामने आई है ।यहां 2 वर्षीय मासूम बालक और उसकी मां की निर्मम हत्या कर दी गई है। वहीं मृतक मासूम का पिता लापता है. अंदेशा जताया जा रहा है कि मासूम का पिता ही दोनों की हत्या कर मौके से फरार हो गया है. पुलिस इस दिल दहला देने वाली घटना की जांच में जुट गई है ।चांडिल के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अरविंद कुमार बिन्हा के नेतृत्व में पुलिस ने गहराई से मामले की जांच शुरू कर दी हे।

ूत्र के अनुसार चौका थाना क्षेत्र के कुरली गांव में रविवार की रात चौका थाना क्षेत्र के कुरली गांव निवासी 35 वर्षीय अशोक महतो की 26 वर्षीय पत्नी मधुमिता महतो और उसके दो साल के बेटा रोहित कुमार की हत्या कर दी गई ।वहीं रात से ही अशोक महतो भी घर से गायब है। पुलिस की जांच में दोनों की हत्या जहर देकर किए जाने की आशंका जताई गई है ।वैसे पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल सरायकेला भेज दिया है। बताया जा रहा है कि मृतक मां और बेटे के मुंह में कपड़ा भर दिया गया था. वहीं गला दबाने का निशान भी मिलने की बात कही जा रही है. बताया जा रहा है कि रोज की भांति रविवार की रात भी मधुमिता अपने ससुर को खाना देकर अपना और पति का खाना लेकर ऊपरी मंजिल पर चली गई थी ।सुबह देर तक नीचे नहीं उतरने पर ससुर विजय महतो ने ऊपर जाकर देखा तो मां और बेटे की लाश पड़ी हुई मिली. वहीं उसका बेटा अशोक महतो घर पर नहीं मिले. इसके बाद उन्होंने अन्य लोगों को इसकी जानकारी दी। जानकारी मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरू की. पुलिस घर से लापता अशोक महतो की भी तलाश कर रही है। घटना की जानकारी मिलने के बाद चांडिल के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अरबिंद कुमार बिन्हा ने घटना स्थल पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली. इसके पूर्व चौका थाना प्रभारी बजरंग महतो ने पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की, पुलिस मृतका के ससुराल और मायके वालों से पूछताछ कर जानकारी जुटा रही है. वहीं आशंका जताई जा रही है कि अशोक महतो ही दोनों की हत्या कर मौके से फरार हो गया। मृतका के पिता सत्यनारायण महतो ने चौका थाना में लिखित आवेदन देकर अपने दामाद के खिलाफ जहर देकर जान मारने का आरोप लगाया है। जानकारी के अनुसार अशोक महतो की शादी वर्ष 2021 में चांडिल प्रखंड के रावताड़ा में सत्यनारायण महतो की बेटी मधुमिता महतो के साथ हुई थी। अशोक शेयर मार्केट में रुपये लगाने का काम करता था. फिलहाल उसका धंधा मंदा चल रहा था।
सरायकेला : नारायण आईटीआई में स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की पुण्यतिथि मनाई गई।...
सरायकेला : जिला के चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के नारायण आईटीआई लुपुंगडीह परिसर में स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की पुण्यतिथि मनाई गई एवं उनके तस्वीर पर श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया । इस अवसर संस्थान के संस्थापक डॉक्टर जटाशंकर पांडेजी ने कहा की लाला लाजपत राय भारत के एक प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे। इन्हें पंजाब केसरी भी कहा जाता है। इन्होंने पंजाब नैशनल बैंक और लक्ष्मी बीमा कम्पनी की स्थापना भी की थी ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं लाल-बाल-पाल में से एक थे। सन् 1928 में इन्होंने साइमन कमीशन के विरुद्ध एक प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जिसके दौरान हुए लाठी-चार्ज में ये बुरी तरह से घायल हो गये और अन्ततः 17 नवम्बर सन् 1928 को इनकी महान आत्मा ने पार्थिव देह त्याग दी।लाला लाजपत राय का जन्म पंजाब के मोगा जिले में 28 जनवरी 1865 को एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।इन्होंने कुछ समय हरियाणा के रोहतक और हिसार शहरों में वकालत की। ये भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के प्रमुख नेता थे। बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल के साथ इस त्रिमूर्ति को लाल-बाल-पाल के नाम से जाना जाता था। इन्हीं तीनों नेताओं ने सबसे पहले भारत में पूर्ण स्वतन्त्रता की माँग की थी बाद में समूचा देश इनके साथ हो गया। इन्होंने स्वामी दयानन्द सरस्वती के साथ मिलकर आर्य समाज को पंजाब में लोकप्रिय बनाया। लाला हंसराज एवं कल्याण चन्द्र दीक्षित के साथ दयानन्द एंग्लो वैदिक विद्यालयों का प्रसार किया, लोग जिन्हें आजकल डीएवी स्कूल्स व कालेज के नाम से जानते है। लालाजी ने अनेक स्थानों पर अकाल में शिविर लगाकर लोगों की सेवा भी की थी30 अक्टूबर 1928 को इन्होंने लाहौर में साइमन कमीशन के विरुद्ध आयोजित एक विशाल प्रदर्शन में हिस्सा लिया, जिसके दौरान हुए लाठी-चार्ज में ये बुरी तरह से घायल हो गये। उस समय इन्होंने कहा था: "मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश सरकार के ताबूत में एक-एक कील का काम करेगी।" और वही हुआ भी; लालाजी के बलिदान के 20 साल के भीतर ही ब्रिटिश साम्राज्य का सूर्य अस्त हो गया। 17 नवंबर 1928 को इन्हीं चोटों की वजह से इनका देहान्त हो गया।लाला जी की मृत्यु से सारा देश उत्तेजित हो उठा और चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव व अन्य क्रांतिकारियों ने लालाजी पर जानलेवा लाठीचार्ज का बदला लेने का निर्णय किया।[4] इन देशभक्तों ने अपने प्रिय नेता की हत्या के ठीक एक महीने बाद अपनी प्रतिज्ञा पूरी कर ली और 17 दिसम्बर 1928 को ब्रिटिश पुलिस के अफ़सर सांडर्स को गोली से उड़ा दिया। लालाजी की मौत के बदले सांडर्स की हत्या के मामले में ही राजगुरु, सुखदेव और भगतसिंह को फाँसी की सजा सुनाई गई। इस अवसर मुख्य रूप से मौजूद रहे ऐडवोकेट निखिल कुमार, शांति राम महतो, प्रकाश महतो, जोयदीप पाण्डेय, पवन कुमार महतो,अजय मंडल, शशि महतो, कृष्णा पद महतो आदि उपस्थित रहे।
सरायकेला : पत्रकारिता जीवन को अलविदा कर गया वानांचल 24 टी वी लाईव का मुख्य संपादक: सुदेश कुमार।
सरायकेला : नया कुछ कर गुजरने के चाहत और उत्साह के साथ 2010 पत्रकारिता टी वी न्यूज चैनल से आरंभ किया । सुदेश कुमार झारखंड से प्रसारित होने वाला पहला इलेक्ट्रॉनिक न्यूज चैनल 365 दिन मे काम करना आरंभ किया ।

समय के अंतराल में सुदेश अन्य इलेक्ट्रॉनिक न्यूज चैनलों मे काम किया और अल्प समय मे एक अच्छा पत्रकार के रूप मे क्षेत्र मे जगह बना लिया । पिछले दो साल से कुछ अधिक समय पहले पोर्टल और यूट्यूब न्यूज वानांचल 24 टी वी लाइव को आरंभ किया । सुदेश दिन रात कड़ी मेहनत कर ईचागढ़- सरायकेला खरसावां जिला से बाहर  राजधानी रांची में वानांचल के लिए टीम बनाया और देखते ही देखते वानांचल 24 टी वी लाईव की लोकप्रियता बढ़ने लगा। गौरतलब है कि, वानांचल टी वी 24 लाईव मे सुदेश कुमार को उनके पूर्व ब्यूरो हेड रह चुके साथी का भी साथ मिलता रहा । परिणाम स्वरूप यूट्यूब न्यूज होने का बाबजूद भी समय - समय पर वानांचल मे समाचार बनने का अंदाजा और वजन अच्छे इलैक्ट्रानिक न्यूज चैनल जैसा लगता था । कहते है न, वक्त से किसकी यारी है ? आज इसकी तो कल उसकी बारी है । बता दूं कि, 17 नवम्बर'2024 के देर रात सुदेश खाना खाने के बाद अपने न्यूज रूम कमरे मे काम करने चला गया । 17 के देर रात्री जब उनकी पत्नी उसे देखने आयी तो वह जमीन पर लेटा पाया गया । उसे जगाने पर भी जब वह नही जगा तो उसे रात मे ही हस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित किए ।

बता दूं कि, सुदेश अपने पीछे दो छोटे बेटा और पत्नी को छोड़कर गया है । इधर जानकारी के अनुसार, सुदेश जिस शौक से वानांचल 24 टी वी लाईव को आरंभ किया था । वानांचल के एक्टिव सारे रिपोर्टर इसके नाम को सुदेश के याद मे जीवित रखने का सोच बनाया है । क्यों कि सुदेश की पत्नि इस संथान मे सुदेश के साथ सह संपादक रह चुकी है । अगर वह सहमती देती है तो, वानांचल टीम हमेशा सुदेश के सपनों को पुरा करने मे कोई कसर बाकी नही छोड़ेगा ।चांडिल अनुमंडल के बामनी नदी स्थित मुक्ति धाम में उनकी अंतिम विधाएं दिए गए ।ओर देखते ही पंचत्वी में विलीन हो गया ।इस अंतिम क्षण में सिकोड़ा लोगो उपस्थित रहे।
सरायकेला :केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने फर्जी खबरों से निपटने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए डिजिटल मीडिया में जवाबदेही
डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म को ऐसे समाधान प्रस्तुत करने होंगे जो उनके सिस्टम के हमारे समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखें: श्री अश्विनी वैष्णव।

केंद्रीय मंत्री ने एआई की नैतिक और आर्थिक चुनौतियों पर प्रकाश डाला, रचनाकारों के बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा का आह्वान किया सरायकेला :  भारतीय प्रेस परिषद ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस 2024 के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय मीडिया केंद्र, नई दिल्ली में राष्ट्रीय प्रेस दिवस समारोह आयोजित किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, रेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन, भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की सचिव श्रीमती न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई और वरिष्ठ पत्रकार श्री कुंदन रमनलाल व्यास उपस्थित रहे। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने राष्ट्रीय प्रेस दिवस समारोह में मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता के रूप में वर्चुअल माध्यम से उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए भारत के जीवंत और विविधतापूर्ण मीडिया पारिस्थितिकी तंत्र पर प्रकाश डाला, जिसमें 35,000 पंजीकृत समाचार पत्र, कई समाचार चैनल और एक मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचा शामिल है। मंत्री ने कहा कि 4जी और 5जी नेटवर्क में निवेश ने भारत को वैश्विक स्तर पर सबसे कम डेटा कीमतों के साथ डिजिटल कनेक्टिविटी के मामले में सबसे आगे पहुंचा दिया है। हालांकि, उन्होंने मीडिया और प्रेस के बदलते परिदृश्य के कारण हमारे समाज के सामने आने वाली चार प्रमुख चुनौतियों की ओर इशारा किया:

1. फर्जी खबरें और गलत सूचना

फर्जी खबरों के फैलने से मीडिया पर भरोसा कम होता है और लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा होता है। अपने संबोधन के दौरान, श्री अश्विनी वैष्णव ने डिजिटल मीडिया के तेजी से विकास और इन प्लेटफार्मों पर प्रकाशित सामग्री की जिम्मेदारी पर एक महत्वपूर्ण सवाल उठाया। 1990 के दशक में विकसित सेफ हार्बर की अवधारणा , जब डिजिटल मीडिया की उपलब्धता विश्वविद्यालयों और शोध संस्थानों में चुनिंदा उपयोगकर्ताओं तक सीमित थी, ने प्लेटफार्मों को उपयोगकर्ता-जनित सामग्री के लिए जवाबदेह ठहराए जाने से प्रतिरक्षा प्रदान की। उन्होंने उल्लेख किया कि वैश्विक स्तर पर इस बात पर बहस तेज हो रही है कि क्या सेफ हार्बर प्रावधान अभी भी उचित हैं, गलत सूचना, दंगों और यहां तक कि आतंकवादी कृत्यों के प्रसार को सक्षम करने में उनकी भूमिका को देखते हुए। उन्होंने कहा, "क्या भारत जैसे जटिल संदर्भ में काम करने वाले प्लेटफॉर्म को अलग तरह की ज़िम्मेदारियाँ नहीं अपनानी चाहिए? ये ज़रूरी सवाल एक नए ढाँचे की ज़रूरत को रेखांकित करते हैं जो जवाबदेही सुनिश्चित करता है और राष्ट्र के सामाजिक ताने-बाने की सुरक्षा करता है।"

2. कंटेंट क्रिएटर्स के लिए उचित मुआवज़ा* पारंपरिक मीडिया से डिजिटल मीडिया में बदलाव ने पारंपरिक मीडिया को आर्थिक रूप से प्रभावित किया है, जो पत्रकारिता की अखंडता और संपादकीय प्रक्रियाओं में भारी निवेश करता है। श्री वैष्णव ने पारंपरिक सामग्री निर्माताओं के लिए उचित मुआवजे की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, डिजिटल प्लेटफॉर्म और पारंपरिक मीडिया के बीच सौदेबाजी की शक्ति में विषमता को संबोधित किया। उन्होंने कहा,

"सामग्री बनाने में पारंपरिक मीडिया द्वारा किए गए प्रयासों को उचित और उचित मुआवजा दिया जाना चाहिए।"

3. एल्गोरिथम पूर्वाग्रह* डिजिटल प्लेटफॉर्म को चलाने वाले एल्गोरिदम ऐसी सामग्री को प्राथमिकता देते हैं जो जुड़ाव को अधिकतम करती है, मजबूत प्रतिक्रियाएं पैदा करती है और इस तरह प्लेटफॉर्म के लिए राजस्व को परिभाषित करती है। ये अक्सर सनसनीखेज या विभाजनकारी कथाओं को बढ़ावा देते हैं। श्री वैष्णव ने इस तरह के पूर्वाग्रहों के सामाजिक परिणामों पर प्रकाश डाला, विशेष रूप से भारत जैसे विविधतापूर्ण राष्ट्र में, और प्लेटफार्मों से ऐसे समाधान निकालने का आह्वान किया जो उनके सिस्टम के हमारे समाज पर पड़ने वाले प्रभाव को ध्यान में रखते हों।

4. बौद्धिक संपदा अधिकारों पर कृत्रिम बुद्धिमत्ता का प्रभाव ।
एआई का उदय उन रचनाकारों के लिए नैतिक और आर्थिक चुनौतियां पेश करता है जिनके काम का उपयोग एआई मॉडल को प्रशिक्षित करने के लिए किया जाता है। केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता में प्रगति के कारण रचनात्मक दुनिया के सामने आने वाली महत्वपूर्ण उथल-पुथल पर प्रकाश डाला । एआई प्रणालियों द्वारा उत्पन्न चुनौतियों का समाधान करते हुए, उन्होंने मूल रचनाकारों के बौद्धिक संपदा (आईपी) अधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता पर बल दिया। “एआई मॉडल आज उन विशाल डेटासेट के आधार पर रचनात्मक सामग्री उत्पन्न कर सकते हैं जिन पर उन्हें प्रशिक्षित किया जाता है। लेकिन उस डेटा में योगदान देने वाले मूल रचनाकारों के अधिकारों और मान्यता का क्या होता है? क्या उन्हें उनके काम के लिए मुआवजा या मान्यता दी जा रही है?” मंत्री ने सवाल किया। उन्होंने कहा, "यह केवल एक आर्थिक मुद्दा नहीं है, यह एक नैतिक मुद्दा भी है"। श्री वैष्णव ने हितधारकों से राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर इन चुनौतियों से निपटने के लिए खुली बहस और सहयोगात्मक प्रयासों में शामिल होने का आग्रह किया। उन्होंने लोकतंत्र के एक मजबूत स्तंभ के रूप में मीडिया की भूमिका को बनाए रखने और 2047 तक एक सामंजस्यपूर्ण और समृद्ध विकसित भारत के निर्माण के महत्व पर जोर दिया। *डिजिटल युग में आगे बढ़ना: फर्जी खबरों से निपटना और नैतिक पत्रकारिता को कायम रखना* पारंपरिक प्रिंट से लेकर सैटेलाइट चैनलों और अब डिजिटल युग तक पत्रकारिता के विकास पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. मुरुगन ने आज लोगों तक समाचार पहुँचने की गति का उल्लेख किया। हालाँकि, उन्होंने फ़र्जी खबरों की बढ़ती चुनौती पर ज़ोर दिया , जिसे उन्होंने “वायरस से भी तेज़” फैलने वाला बताया। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि फ़र्जी खबरें राष्ट्रीय अखंडता के लिए ख़तरा हैं, सेना को कमज़ोर करती हैं और भारतीय संप्रभुता को चुनौती देती हैं। हर व्यक्ति को संभावित कंटेंट क्रिएटर में बदलने में स्मार्टफोन की भूमिका को स्वीकार करते हुए, डॉ. मुरुगन ने गलत सूचना से निपटने में अधिक जिम्मेदारी और विनियमन की आवश्यकता पर जोर दिया । उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि संविधान द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी दी गई है, लेकिन इसका प्रयोग सटीकता और नैतिक जिम्मेदारी के साथ किया जाना चाहिए। डॉ. मुरुगन ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के प्रयासों की सराहना की, जिसमें समाचारों की प्रामाणिकता सुनिश्चित करने और झूठे आख्यानों का मुकाबला करने के लिए प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) के भीतर एक तथ्य जांच इकाई की स्थापना भी शामिल है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव श्री संजय जाजू ने पत्रकारों को समर्थन देने के उद्देश्य से सरकार की पहलों पर प्रकाश डाला, जिसमें मान्यता , स्वास्थ्य और कल्याण योजनाएं , तथा भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) जैसे संस्थानों के माध्यम से क्षमता निर्माण कार्यक्रम शामिल हैं। उन्होंने प्रेस और पत्रिकाओं के पंजीकरण अधिनियम, 2023 जैसे सुधारों का भी उल्लेख किया , जो मीडिया विनियमों को आधुनिक बनाता है। नियमित प्रेस ब्रीफिंग, वेब स्क्रीनिंग, कॉन्फ्रेंस आदि के माध्यम से सूचना तक पहुँच में सुधार के प्रयासों पर भी जोर दिया गया। उन्होंने निष्पक्ष, पारदर्शी और टिकाऊ प्रेस इकोसिस्टम बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों का भी आह्वान किया , जो पत्रकारिता को सच्चाई के प्रतीक , विविध आवाज़ों के लिए एक मंच और समाज में सकारात्मक बदलाव के उत्प्रेरक के रूप में स्थापित करता है। *पत्रकारिता की अखंडता बनाए रखने में पीसीआई की भूमिका* अपने संबोधन के दौरान, न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई ने इस बात पर प्रकाश डाला कि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की व्यापक उपलब्धता और आध्यात्मिक मीडिया, ब्लॉग और पॉडकास्ट के लगातार उपयोग ने समाचार और सूचना तक पहुँच को काफ़ी हद तक बढ़ा दिया है। इसने न केवल जीवन को आसान बनाया है, बल्कि अपने साथ चुनौतियाँ भी लाई हैं और इसी संबंध में सटीक समाचार समय पर हम तक पहुँचना चाहिए। उन्होंने बताया कि भारतीय प्रेस परिषद ने पत्रकारिता की अखंडता को बनाए रखने, जनहित की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कदम उठाए हैं कि मीडिया सूचना के लिए एक विश्वसनीय और नैतिक मंच के रूप में कार्य करे। उन्होंने पीसीआई द्वारा चलाए जा रहे पुरस्कारों और इंटर्नशिप कार्यक्रमों पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, "इस साल, 15 पत्रकारों को विभिन्न श्रेणियों में राष्ट्रीय उत्कृष्टता पुरस्कार मिले और पीसीआई की पहल का उद्देश्य पत्रकारिता में प्रतिभा, नैतिक विकास को बढ़ावा देना है, लेकिन साथ ही महत्वाकांक्षी पत्रकारों के बीच जिम्मेदारी और जागरूकता की भावना को भी बढ़ावा देना है।"