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कोरोना ने बढ़ा दी टेंशन, हफ्तेभर में तेजी से बढ़े वायरस, जानें राज्य में कितने मामले?

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साल 2020 से 2022 तक देश के साथ ही पूरी दुनिया में कोहराम मचाने वाला घातक कोरोना वायरस से होने वाला संक्रमण एक बार फिर तेजी से फैल रहा है। दुनियाभर में एक बार फिर से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। इस नई लहर का प्रकोप एशियाई देशों में सबसे ज्यादा है। कोरोना की ये लहर अब भारत में भी दस्तक दे चुकी है। भारत में विशेषकर मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद, केरल और तमिलनाडु में कोविड संक्रमण के मामले तेजी से सामने आए हैं

केरल में मई महीने में अब तक कोरोना के 273 नए मामले

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने दक्षिण-पूर्व एशिया में मामलों में वृद्धि के बाद दक्षिणी राज्य के सभी जिलों से कोविड-19 निगरानी बढ़ाने का आग्रह किया है। जॉर्ज ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों को संक्रमण में किसी भी वृद्धि पर बारीकी से नज़र रखनी चाहिए और त्वरित कार्रवाई करनी चाहिएय़ उन्होंने यहां जिला चिकित्सा और निगरानी अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान यह टिप्पणी की. मंत्री ने कहा कि मई में केरल में कोविड-19 के 273 मामले सामने आए। सबसे ज्‍यादा मामले कोट्टायम में 82 थे, उसके बाद तिरुवनंतपुरम में 73, एर्नाकुलम में 49, पठानमथिट्टा में 30 और त्रिशूर में 26 मामले थे। जॉर्ज ने समय रहते रिपोर्ट करने के महत्व पर ज़ोर दिया और कहा कि वायरस को नियंत्रित करने के लिए स्व-देखभाल महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि खांसी, गले में खराश या सांस लेने में समस्या जैसे लक्षणों वाले लोगों को मास्क पहनना चाहिए।

दिल्‍ली में कोरोना के 23 नए मामले

दिल्‍ली में कोरोना संक्रमण के 23 नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद अस्पतालों से बिस्तरों, ऑक्सीजन, जरूरी दवाइयों, वैक्सीन, वेंटिलेटर, बाय-पैप, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। कोविड ड्यूटी में लगे स्टाफ को आवश्यकतानुसार रिफ्रेशर प्रशिक्षण दिया जाएगा। सभी स्वास्थ्य संस्थानों को आईएलआई और एसएआरआई मामलों की रोजाना आईएचआईपी पोर्टल पर रिपोर्टिंग करनी होगी।

हरियाणा में कोविड के चार नए मामले

हरियाणा में चार नए कोविड मामले सामने आने के बाद, प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग सार्वजनिक सुरक्षा और तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि हरियाणा में वर्तमान में चार सक्रिय कोविड-19 मामले हैं – दो गुरुग्राम में और दो फरीदाबाद में – जिनका कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा इतिहास नहीं है। इसमें कहा गया है कि मामले – दो पुरुष और दो महिला मरीज – हल्के हैं और वर्तमान में नियमित चिकित्सा देखरेख में घर पर ही क्वारंटीन हैं। बयान में कहा गया है कि सभी चार व्यक्तियों को पहले कोविड-19 के खिलाफ टीका लगाया गया था, जिससे लक्षणों को कम रखने में मदद मिली।

गुजरात में कोरोना के 15 नए मामले

गुजरात में लंबे अंतराल के बाद कोरोना वायरस के 15 नए मामले सामने आए हैं। अधिकारियों ने लोगों से घबराने की अपील नहीं की है, क्योंकि मौजूदा वैरिएंट कम गंभीर है।उन्होंने बताया कि सभी मरीजों का इलाज घर पर ही किया जा रहा है। अतिरिक्त निदेशक (सार्वजनिक स्वास्थ्य) डॉ. नीलम पटेल ने बताया कि गुजरात में वर्तमान में कोविड-19 के जेएन.1 वैरिएंट के 15 सक्रिय मामले हैं। उन्होंने बताया कि यह वैरिएंट ओमिक्रॉन परिवार से आता है, जिसे पहली बार अगस्त 2023 में खोजा गया था। पटेल ने गांधीनगर में कहा, ‘गुजरात में सक्रिय मामलों में से 13 अहमदाबाद शहर में हैं और एक-एक राजकोट शहर और अहमदाबाद ग्रामीण में है। ये मामले ओमिक्रॉन जेएन.1 वैरिएंट के हैं, जो कम गंभीर है। यह गुजरात या भारत के लिए इस समय बहुत चिंता का विषय नहीं है।’ उन्होंने कहा कि हाल के हफ्तों में चीन, थाईलैंड और सिंगापुर जैसे देशों में हजारों मामले सामने आए हैं और यह स्वाभाविक है कि संक्रमण भारत में फैल गया है, क्योंकि लोग एक जगह से दूसरी जगह यात्रा करते हैं। पटेल ने बताया कि गुजरात में कोविड के एक मरीज ने सिंगापुर की यात्रा की थी।

CAG की रिपोर्ट : झारखंड में स्वास्थ्य विभाग में अनियमितता, स्वास्थ्य सेवा और सुविधा का खस्ताहाल

भवन निर्माण में लगे मजदूरों को नहीं मिल रहा लाभ

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : देश की राजधानी दिल्ली में CAG की रिपोर्ट पर उठे विवादों के बीच झारखंड में भी बड़ा खुलासा हुआ है। झारखंड विधानसभा में पेश की गई CAG रिपोर्ट में राज्य के स्वास्थ्य विभाग में वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की ओर इशारा किया गया है।

राज्य में कोरोना काल के दौरान झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर CAG की रिपोर्ट पर सरकार के ज्यादातर मंत्रियों और विधायक ने रिपोर्ट पढ़ने के बाद ही कुछ कहने की बात कही, वहीं विधायक सरयू राय ने रिपोर्ट के आलोक में तात्कालिक स्वास्थ्य मंत्री पर करवाई की मांग की। मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि कोरोना काल में जितनी जरूरत थी उतना खर्च किया गया, किसी को दिक्कत नहीं होने दिया गया था।

चलिए अब जानते है CAG की रिपोर्ट क्या कहती है। मार्च 2020 से 2022 तक covid-19प्रबंधन के लिए भारत सरकार ने 485.54 करोड़ दिए थे, जिसके विरुद्ध झारखंड सरकार को 272.8 करोड़ अपने मद से देना था। लेकिन कुल 756.42 करोड़ से कोरोना से निपटने के लिए शुरू प्रावधान में झारखंड सरकार ने सिर्फ 145.10 करोड़ ही दिए। 

प्रधान महालेखाकार इंदु अग्रवाल ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2016-17 से 2021-22 के बीच किए गए ऑडिट में काफी दयनीय स्थिति सामने आई। झारखंड में 10000 की जनसंख्या पर चार डॉक्टर ही नियुक्त है जबकि राष्ट्रीय औसत के अनुसार 37 डॉक्टर होने चाहिए। 

Cag की रिपोर्ट में यह भी जिक्र है कि कैसे मुख्यालय और अलग-अलग जिलों के वेयर हाउस में रखी गई "रेमडेसिविर इंजेक्शन" बड़ी मात्रा में एक्सपायर हो गई। इतना ही नहीं इंदु अग्रवाल ने बताया कि एनएचएम के अधिकारी के एक फोन पर दो निजी एजेंसियों को वेयर हाउस से बिना कोई कागजात के हजारों वायल "रेमडेसिविर इंजेक्शन" दे दिए, जिसकी जानकारी ड्रग्स कंट्रोलर हो भी नहीं दी गई थी।

इस रिपोर्ट के अनुसार महालेखाकार ने बताया कि राज्य में डॉक्टर नर्स और पैरामेडिकल कर्मियों की भारी कमी है। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियों की भी कमी बताई।आयुष महाविद्यालय में तो शिक्षकों की 60% से 66% तक कमी थी। राजकीय होमियोपैथी कॉलेज में यह कमी 71% से 87% थी।

इसके अलावा CAG की विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट में नए मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निर्माण में देरी, संसाधनों के कमी की वजह से यूजी और पीजी की सीटों में कमी, बिना जांच किए और कम गुणवत्ता वाली दवाओं को भी बीमार मरीजों में वितरित करने सहित कई गड़बड़ियों का खुलासा किया गया है।

कैग की रिपोर्ट में कहा गया कि झारखंड में भवन निर्माण के लिए जो मजदूर निबंदित है उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है श्रम विभाग और बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड के बीच समन्वय नहीं है। यहां काम कर रहे मजदूर को 60 साल की आयु के बाद पेंशन जैसी सुविधाएं भी नहीं मिल रही।

Political COVID’ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस खतरनाक वायरस से की किसकी तुलना?*l

#jagdeepdhankharsayspoliticalcoviddestroyingindian_democracy

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत में चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने में यूएसएजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएड) द्वारा कथित तौर पर वित्त पोषण किए जाने को लेकर शुक्रवार को चिंता व्यक्त की। उन्होंने इसे ‘Political COVID’ करार दिया। कथित तौर पर वित्त पोषण किए जाने को लेकर कहा कि जिन लोगों ने देश के लोकतांत्रिक मूल्यों पर इस तरह के हमले की अनुमति दी, उन्हें बेनकाब किया जाना चाहिए।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, मैं दंग रह गया जब अमेरिका के राष्ट्रपति ने खुद स्वीकार किया कि भारत में चुनावी नतीजों को प्रभावित करने के लिए वित्तीय ताकत का उपयोग किया गया। किसी और को निर्वाचित कराने की साजिश रची गई। चुनाव का अधिकार केवल भारतीय जनता का है, कोई भी बाहरी ताकत इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती।” उन्होंने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे इस ‘Political COVID’ के खिलाफ एकजुट हों।

समाज में ‘Political COVID’ ने घुसपैठ की-धनखड़

उपराष्ट्रपति निवास में शनिवार को 5वें आरएस इंटर्नशिप कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए जगदीप धनखड़ ने कहा कि समय आ गया है कि हम पूरी तरह से इस बीमारी की जांच करें। हमारे लोकतंत्र को नष्ट करने के लिए हमारे समाज में इस ‘Political COVID’ ने घुसपैठ की है। इस भयावह गतिविधि में शामिल सभी लोगों को पूरी तरह से बेनकाब किया जाना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि चुनाव करना केवल भारतीय लोगों का अधिकार है। कोई भी उस प्रक्रिया से छेड़छाड़ कर रहा है तो, वह हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर कर रहा है. इससे हमारे लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशिश की जा रही है।

संवैधानिक संस्थाओं पर व्यवस्थित तरीके से हमले हो रहे-धनखड़

उपराष्ट्रपति ने चिंता जताई कि भारत की संवैधानिक संस्थाओं पर व्यवस्थित तरीके से हमले हो रहे हैं। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री – ये सभी संवैधानिक पद हैं. लेकिन इनका मजाक उड़ाया जा रहा है। यह एक नई तरह की ‘वोकिज्म’ है, जहां सम्मान की जगह अपमान को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों पर कड़ा ऐतराज जताया। भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को उनकी संवैधानिक भूमिका निभाने के लिए भी निशाना बनाया जाता है। उनका लंबा प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभव है, लेकिन उनकी जनजातीय पहचान पर सवाल उठाए जाते हैं। यह अस्वीकार्य है।

चीन में एचएमपीवी की रिपोर्ट पर स्वास्थ्य संस्था का बयान: घबराने की कोई बात नहीं

चीन में एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) के फैलने की अटकलों के बीच, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने कहा है कि "घबराने की कोई बात नहीं है", दूरदर्शन ने रिपोर्ट किया । संस्था के महानिदेशक अतुल गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि देश में अभी तक श्वसन संबंधी बीमारी एचएमपीवी का कोई मामला सामने नहीं आया है।

चीन में एचएमपीवी के प्रकोप के बारे में खबरें आई हैं और यह गंभीर है। हमें ऐसा नहीं लगता, मैं स्पष्ट कर दूं, यह किसी भी अन्य श्वसन वायरस की तरह है जो ज्यादातर बुजुर्गों और 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है," गोयल ने कहा। उन्होंने कहा कि सर्दियों के दौरान श्वसन संबंधी बीमारियां आम हैं और भारत के अस्पताल इनसे निपटने के लिए सुसज्जित हैं। गोयल ने संवाददाताओं से कहा, "विशेष रूप से दवाओं की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इसके खिलाफ एंटी-वायरल दवाएं नहीं हैं। अस्पतालों में या आईसीएमआर के आंकड़ों के अनुसार कोई बड़ा मामला नहीं है। घबराने की कोई बात नहीं है।"

इससे पहले एएनआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया था कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) देश में श्वसन और मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामलों की बारीकी से निगरानी कर रहा है। हालांकि चीन में एचएमपीवी प्रकोप की रिपोर्ट की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन एनसीडीसी ने कथित तौर पर कहा है कि वह इस मामले के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के संपर्क में है। विशेष रूप से, शीत लहर और वायु गुणवत्ता सूचकांक की स्थिति के कारण, सर्दियों के मौसम में श्वसन संबंधी बीमारियों को लेकर चिंताएं आम तौर पर देश में मौजूद रहती हैं।

चीनी रोग नियंत्रण प्राधिकरण ने दिसंबर के अंत में घोषणा की थी कि वह अज्ञात मूल के निमोनिया के लिए एक निगरानी प्रणाली स्थापित कर रहा है क्योंकि सर्दियों में कुछ श्वसन संबंधी बीमारियों के मामलों में वृद्धि होने की उम्मीद है, रॉयटर्स ने बताया। देश के इस कदम का उद्देश्य अज्ञात रोगजनकों को संभालने के लिए प्रोटोकॉल की पहचान करने और स्थापित करने में अधिकारियों की सहायता करना था। कथित तौर पर इस प्रणाली पर चीन का कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि इसकी तैयारी का स्तर पांच साल पहले की तुलना में बेहतर है, जब COVID-19 पहली बार सामने आया था।

कोरोना के बाद चीन में नए वायरस ने डराया, तेजी से फैल रहा, कई इलाकों में इमरजेंसी घोषित

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कोरोना महामारी का प्रकोप लोग अभी भूले नहीं है। उस वक्त एक जानलेवा वायरस ने पूरी दुनिया की रफ्तार को रोक दिया था। करोड़ो लोग इसका शिकार हुए और लाखों को अपनी जान से हाथ तक धोना पड़ा। कोरोना वायरस चीन के वुहान से निकला था। अब करीब पांच साल के बाद एक बार फिर चीन में एक और खतरनाक वायरस ने दस्तक दे दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन दिनों चीन में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस का प्रकोप देखने को मिल रहा है। बताया जा रहा है कि इस खतरनाक वायरस के कारण चीन के अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इतना ही नहीं,ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस के कारण मरीज बड़ी संख्या में मर भी रहे हैं।

ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों में खांसी-जुकाम और सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण नजर आ रहे है। जिन लोगों को पहले से सांस की कोई बीमारी है उनको ज्यादा खतरा बताया जा रहा है। चूंकि ये वायरस संक्रामक है और एक से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है ऐसे में चीन का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है और वायरस की रोकथाम के लिए बड़े पैमाने पर टेस्टिंग भी चल रही है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीन में इस वायरस से इमरजेंसी जैसे हालात है।

चीन का यह सच सोशल मीडिया पर अब आग की तरफ फैल रहा है। कई रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा है कि यह नया वायरस तेजी से फैल रहा है। चीन पर नजर रखने वाले कुछ लोगों का तो यह भी दावा है कि अस्पताल और श्मशान घाट भी अब भर चुके हैं। लोग इस वायरस की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। ऐसे कई वीडियो को ऑनलाइन शेयर किया गया है। इनमें अस्पतालों में भीड़ दिखाई दे रही है।

ऑनलाइन शेयर किए गए वीडियो में अस्पतालों में भीड़ दिखाई दे रही है। कुछ यूजर्स का कहना है कि चीन में एचएमपीवी, इन्फ्लूएंजा ए, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और कोविड-19 समेत कई वायरस एक साथ फैल रहे हैं। चीन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। हालांकि, अब भी इस वायरस को लेकर बहुत कुछ सही से बता नहीं रहा।

वहीं, रॉयटर्स की एक रिपोर्ट की मानें तो चीन के रोग नियंत्रण प्राधिकरण ने शुक्रवार को कहा कि वह अज्ञात तरीके के निमोनिया के लिए एक निगरानी प्रणाली चला रहा है। सर्दियों में सांस संबंधी रोगों के मामले बढ़ने की आशंका है। एक खास सिस्टम स्थापित करने का मकसद अधिकारियों को अज्ञात रोगजनकों से निपटने के लिए प्रोटोकॉल स्थापित करने में मदद करना है।

क्या है यह एचएमपीवी वायरस

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) भी कोरोना की ही तरह से श्वसन पथ को संक्रमित करता है, हालांकि कोरोना के इतर इस वायरस के कारण ऊपरी और निचले दोनों श्वसन पथ में संक्रमण का खतरा हो सकता है। यह न्युमोवायरिडे परिवार के मेटापन्यूमोवायरस क्लास से जुड़ा है। इसे सबसे पहले 2001 में डच शोधकर्ताओं ने खोजा था। यह वायरस तब सामने आया था रिसर्चर जब श्वसन संक्रमण यानी सांस संबंधी बीमारी से पीड़ित बच्चों के नमूनों का अध्ययन कर रहे थे। अध्ययनों से पता चला है कि यह वायरस कम से कम छह दशकों से मौजूद है। यह एक सामान्य श्वसन रोगजनक़ के रूप में पूरी दुनिया में फैल गया है। यह मुख्य रूप से खांसने और छींकने से निकलने वाली बूंदों से फैलता है। संक्रमित लोगों के साथ निकट संपर्क और दूषित वातावरण के संपर्क में आने से भी संचरण हो सकता है। चीनी सीडीसी की वेबसाइट के अनुसार, इस वायरस का संक्रमण काल तीन से पांच दिनों का होता है। एचएमपीवी द्वारा प्रेरित प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बार-बार होने वाले संक्रमणों को रोकने के लिए बहुत कमजोर होती है। हालांकि यह पूरे साल पाया जा सकता है, लेकिन यह सर्दी और वसंत में सबसे अधिक पाया जाता है।

2023 में अमेरिका में भी बढ़े थे मामले

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के कई हिस्सों में साल 2023 की शुरुआत में फिर उसी साल के मई-जून के महीनों में एचएमपीवी के कारण संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े थे। जानकारी के अनुसार अमेरिका में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के लिए लगभग 11 प्रतिशत पीसीआर और 20 प्रतिशत एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट सकारात्मक आए थे।

महामारी से पहले के स्तर की तुलना में इसकी पॉजिटीविटी दर में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को इस वायरल संक्रमण के जोखिमों को देखते हुए बचाव के लिए उपाय करते रहने की आवश्यकता है।

Anmol Solanki’s Journey: A Tale of Resilience and Stardom

Anmol Solanki’s life is a powerful testament to perseverance and grit. His story, marked by tragedy, sacrifice, and ultimate success, serves as an inspiration to many.  

At just one year old, Anmol lost his father, a devastating loss that placed the burden of raising him and his sister solely on his mother’s shoulders. A hardworking Anganwadi worker, she instilled in him the values of strength and determination. However, life dealt another cruel blow in 2014, when his mother suffered a brain hemorrhage. For six months, Anmol cared for her during dialysis treatments, but in May 2016, he lost her too.  

Left to support himself and his sister, Anmol faced harsh realities. To make ends meet, he dropped out of school and took on work as a waiter, earning just ₹500 per day. Despite the financial struggles, his resilience never wavered. The turning point came when his sister secured a job, enabling him to complete his education.  

As life began to stabilize, the COVID-19 pandemic struck, bringing further uncertainty. Yet Anmol refused to let adversity define him. Instead, he saw it as an opportunity to chase his dreams. He stepped into the entertainment industry and landed his breakthrough role in Netflix's Jamtara, a crime drama that put him on the map.  

The success of Jamtara paved the way for more opportunities, including a significant role in Shakti 2 on Colors TV. Sharing the screen with established actors like Rubina Dilaik, Kamya Punjabi, and Sudesh Berry, Anmol proved his talent and cemented his place in the entertainment world.  

Capitalizing on his growing popularity, Anmol entered the realm of social media influencing. With an authentic voice and a compelling personal story, he quickly struck a chord with audiences. Partnering with leading brands, he successfully built his image as a lifestyle influencer, inspiring countless individuals who see in him the embodiment of resilience and determination.  

Now, at just 25 years old, Anmol Solanki’s journey stands as a shining example of how hard work and an unyielding spirit can overcome even the greatest challenges. From working as a waiter to becoming a celebrated actor and influencer, his story is proof that dreams can indeed come true—if one has the courage to pursue them relentlessly.

নস্ত্রাদামুসের ভবিষ্যদ্বাণী – শঙ্কিত ২০২৫ সাল

*ডেস্ক* : ষোড়শ শতকে ফ্রান্সের গণৎকার তথা চিকিৎসক ছিলেন তিনি৷ তাঁর কিছু ভবিষ্যতবানী অক্ষরে অক্ষরে মিলে গিয়েছিলো। তাঁর এমন কিছু ভবিষ্যত বাণী আছে ২০২৫ সাল সম্পর্কে যা মানুষকে আবার ভাবিয়ে তুলছে। শেষের মুখে ২০২৪৷ আসছে ২০২৫৷ নতুন বছরের দোড়াগোড়ায় আরও একবার উঠে এল নস্ত্রাদামুসের ভবিষ্যদ্বাণী৷ ফ্রান্সের নস্ত্রদাম শহরের বাসিন্দা ছিলেন এই গণৎকার মিশেল৷ শহরের নামের সঙ্গে মিশিয়ে তাঁর নাম মিশেল দ্য নস্ত্রদাম৷ অর্থাৎ নস্ত্রদাম শহরের মিশেল। সেই থেকে তাঁর নাম নস্ত্রাদামুস৷ ১৫৫৫ খ্রিস্টাব্দে প্রকাশিত হয়েছিল তাঁর লেখা ‘লে প্রোফেতি’ বা ‘দ্য প্রোফেসিজ’৷ এই বইয়ে ৯৪২ টি পদ্যে আধুনিক পৃথিবীর অনেক কিছুই ভবিষ্যদ্বাণী করা হয়েছে বলে ভক্তদের বিশ্বাস৷

২০২৪ সালের জন্য করা নস্ত্রাদামুসের ভবিষ্যদ্বাণীতে ছিল ভয়াবহ যুদ্ধের কথা৷ মনে করা হয় এটাই ছিল ২০২২ সালের রাশিয়া ইউক্রেন যুদ্ধ৷ ২০২৫-এ এই যুদ্ধ বন্ধ হতে পারে বলে মনে করা হচ্ছে তাঁর ভবিষ্যদ্বাণী থেকে। নস্ত্রাদামুস ভবিষ্যদ্বাণী করেছেন যে নতুন বছর ইংল্যান্ডের ভাল যাবে না৷ ফিরে আসতে পারে “প্রাচীন প্লেগ”-এর মড়ক৷ এই প্রাদুর্ভাব শত্রুদের চেয়েও খারাপ হবে। যেহেতু তার COVID-19 মহামারির ভবিষ্যদ্বাণী সত্য হয়েছে, বিশেষজ্ঞরা প্লেগের সতর্কতাকেও গুরুত্ব দিচ্ছেন৷ নস্ত্রাদামুস ভবিষ্যদ্বাণী করেছেন যে ২০২৫ সালে পৃথিবীর সঙ্গে একটি বিশাল গ্রহাণুর সংঘর্ষ বা গ্রহের বিপজ্জনক সান্নিধ্যে আসতে পারে। গ্রহাণুগুলি গ্রহের কাছাকাছি আসা একটি নতুন ঘটনা নয়। প্রতি বছর কয়েকশো গ্রহাণু পৃথিবীকে অতিক্রম করে এবং তাদের বেশিরভাগই নিরাপদ দূরত্ব বজায় রাখে। বন্যা,আগ্নেয়গিরির অগ্ন্যুৎপাত, জলবায়ুর পরিবর্তনে তছনছ হতে পারে ব্রাজিল৷ লাতিন আমেরিকার এই দেশকে নস্ত্রাদামুস বলেছেন ‘বিশ্বের উদ্যান’ হিসেবে৷ স্বাভাবিক কারণেই শঙ্কিত বিশ্বের অনেক নাগরিক। এখন আমাদের তাকিয়ে থাকতে হবে ভিবিষ্যতের দিকে।
कोरोना महामारी में भारत ने दिया था साथ, अब डोमिनिका प्रधानमंत्री मोदी को देगा सर्वोच्च सम्मान

कोविड 19 महामारी के दौरान मदद के लिए डोमिनिका राष्ट्रमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर देने की घोषणा की है.

प्रधानमंत्री मोदी को 19-21 नवंबर को यह अवॉर्ड जॉर्जटाउन, गुयाना में भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन के दौरान दिया जाएगा. डोमिनिका राष्ट्रमंडल के राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन उन्हें सम्मानित करेंगे.

यह सम्मान COVID-19 महामारी के दौरान डोमिनिका में दिए गए उनके योगदान और भारत सरकार की मजबूत साझेदारी दर्शाता है.यह पुरस्कार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य, शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी में डोमिनिका के लिए भारत के समर्थन के लिए दिया जा रहा है.

पीएम मोदी हमारे सच्चे शुभचिंतक- डोमिनिका

डोमिनिका सरकार का कहना है पीएम मोदी हमारे सच्चे शुभचिंतक रहे हैं. COVID-19 के दौरान फरवरी 2021 में प्रधानमंत्री मोदी ने डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका COVID-19 वैक्सीन की 70,000 खुराक की आपूर्ति की थी. गंभीर स्वास्थ्य संकट के बीच हमारी जरूरत के समय में उन्होंने साथ दिया. हमारी सरकार कृतज्ञता अर्पित करती है.

स्वास्थ्य, शिक्षा, जयवायु परिवर्तन पर सहयोग

डोमिनिका राष्ट्रमंडल का कहना है कि स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ-साथ भारत की मोदी सरकार ने वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन को लेकर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है और समाधानजनक पहल की है.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन और युद्ध जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में आपसी सहयोग के महत्व पर जोर दिया है. पीएम मोदी ने इन मुद्दों के समाधान में डोमिनिका और कैरेबियन के साथ काम करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दुहराया है.

अफ्रीका और एम पॉक्स का पुराना इतिहास रहा है,अफ्रीका में आउट ऑफ कंट्रोल है एम पॉक्स, सीडीसी ने दी चेतावनी बचाव करना जरूरी


डेस्क:–अफ्रीकी संघ के स्वास्थ्य प्रहरी, अफ्रीका सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (अफ्रीका CDC), ने चेतावनी दी है कि मंकीपॉक्स (Mpox) का प्रकोप अभी भी पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं है। अफ्रीका CDC के निदेशक, नगाशी नगोंगो ने गुरुवार को एक ब्रीफिंग में कहा कि इस बीमारी का प्रसार अभी भी ऊपर की ओर बढ़ रहा है और इसे नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता है। नगोंगो ने इस प्रकोप को COVID-19 की तुलना में अधिक गंभीर महामारी बनने से रोकने के लिए संसाधनों की तत्काल जरूरत बताई है और एक संभावित गंभीर महामारी को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की अपील की है। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने, परीक्षण क्षमता बढ़ाने, और अधिक टीके उपलब्ध कराने की अपील की। अफ्रीका में मंकीपॉक्स का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, और यदि इसे नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह महामारी गंभीर संकट में बदल सकती है।

अफ्रीका CDC ने कहा कि इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए तत्काल संसाधनों की जरूरत है, जिनमें टीकाकरण, परीक्षण क्षमता, और उपचार के साधन शामिल हैं। अफ्रीकी देशों से मिलकर इस पर काम करने और बाहरी सहायता प्राप्त करने की उम्मीद जताई गई है ताकि इस बीमारी पर जल्द नियंत्रण पाया जा सके और एक बड़े स्वास्थ्य संकट को टाला जा सके।

इस स्थिति में, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अफ्रीकी देशों के लिए मिलकर काम करना और अंतरराष्ट्रीय सहायता प्राप्त करना आवश्यक है, ताकि इस बीमारी पर जल्दी नियंत्रण पाया जा सके और एक बड़े स्वास्थ्य संकट से बचा जा सके।

अफ्रीका के बाद यूके में भी एम पॉक्स का केस मिला है, जिससे बाद स्वास्थ्य विभाग भी चौकन्ना हो गए हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो उन्हें इस बात का ज्यादा डर है कि आने वाला ठंड का मौसम कहीं इसके मामलों के बढ़ने का कारण न बन जाए। हालांकि, अभी तक इस बारे में अन्य जानकारियां प्राप्त करने के लिए इस पर रिसर्च की जा रही हैं।
Playboy turned Humanitarian Kamal Muhamed recognised among Top 10 Authors of 2024

Kamal Muhamed is among the list of Top 10 authors recognised for courages efforts and attempt. His maiden book Daring Prince Truth Revaled, in english an autobioraphy which took 6 long years of dedication for its completion. and was released on March 23rd 2024 by Dr.Mohanji his Childhood friend.( Humanitarian , Author & Spiritual Leader)

Kamal Muhamed, was born on September 8, 1964, in Kannur, a go-getter an artistic thinker and marketing enthusiast known for his resiliencec and determination.

Raised in a modest family, he pursued his vision of becoming a Human Rights activist and social worker, for serving underprivileged society, leaving school early to become self-reliant. Starting as a Sales Trainee at 21, with multinational he built a career across India Gulf and Middle East, and Africa overcoming challenges, including surviving Yemen’s war.

Kamal played an important role in OPERATION RAHAT’s mass evacuation in 2015 and during Covid 19 with selfless social activities for the community.

His Daring Prince Truth Revealed, is nominated for the 2025 Sahitya Sparsh Awards. A BOOK fully devoted to serve the needy and poor and Global Noble Causes the list of Top 10 Authors includes Legend Robin Sharma. Founder & Author The 5 am Club

Kamal a proven humble and down to earth Humanitarian & Social Activist attained various accolades naming a few in 2024, Dada Saheb Phalke Motivational Award, for Best Author & Social Activist, JCI Humanitarian Award & NCFC Best Humanitarian for Social Services from Nepal.

Kamal H. Muhamed is associated with AICHLS & NCNB( Member United Nations Global Compact) as Head of State, Wellmed Trip. Com Mauritius, Long Rock Hospitalities, an upcoming project to fulfill his young age dream .

He is also Well Wisher and supporter of Ammucare Charitable Trust.( Mohanji Foundation) He lives with His Arab Wife Leila Nasher and 3 Children Haroon, Maryam & Moosa at outskirts of Kochi.

After Author's recognition news was spread he was given a warm welcome by Surya Vanitha Library at his home town where he donated few books gifted by Dr.Mohanji on my request..

Daring Prince's Malayalam version is getting ready for Publication in early 2025 through renowned Olive Books. His advice always to young and startup entrepreneurs: embrace risk, learn, and never quit.

https://www.amazon.in/Daring-Prince-Revealed-Kamal-Muhamed/dp/8197046433?dplnkId=8d49bdef-7258-4d81-b64a-79bb119acdfd

https://hrcin.org/

https://ammucare.org/

कोरोना ने बढ़ा दी टेंशन, हफ्तेभर में तेजी से बढ़े वायरस, जानें राज्य में कितने मामले?

#covid19casesincreasein_india

साल 2020 से 2022 तक देश के साथ ही पूरी दुनिया में कोहराम मचाने वाला घातक कोरोना वायरस से होने वाला संक्रमण एक बार फिर तेजी से फैल रहा है। दुनियाभर में एक बार फिर से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। इस नई लहर का प्रकोप एशियाई देशों में सबसे ज्यादा है। कोरोना की ये लहर अब भारत में भी दस्तक दे चुकी है। भारत में विशेषकर मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद, केरल और तमिलनाडु में कोविड संक्रमण के मामले तेजी से सामने आए हैं

केरल में मई महीने में अब तक कोरोना के 273 नए मामले

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने दक्षिण-पूर्व एशिया में मामलों में वृद्धि के बाद दक्षिणी राज्य के सभी जिलों से कोविड-19 निगरानी बढ़ाने का आग्रह किया है। जॉर्ज ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों को संक्रमण में किसी भी वृद्धि पर बारीकी से नज़र रखनी चाहिए और त्वरित कार्रवाई करनी चाहिएय़ उन्होंने यहां जिला चिकित्सा और निगरानी अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान यह टिप्पणी की. मंत्री ने कहा कि मई में केरल में कोविड-19 के 273 मामले सामने आए। सबसे ज्‍यादा मामले कोट्टायम में 82 थे, उसके बाद तिरुवनंतपुरम में 73, एर्नाकुलम में 49, पठानमथिट्टा में 30 और त्रिशूर में 26 मामले थे। जॉर्ज ने समय रहते रिपोर्ट करने के महत्व पर ज़ोर दिया और कहा कि वायरस को नियंत्रित करने के लिए स्व-देखभाल महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि खांसी, गले में खराश या सांस लेने में समस्या जैसे लक्षणों वाले लोगों को मास्क पहनना चाहिए।

दिल्‍ली में कोरोना के 23 नए मामले

दिल्‍ली में कोरोना संक्रमण के 23 नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद अस्पतालों से बिस्तरों, ऑक्सीजन, जरूरी दवाइयों, वैक्सीन, वेंटिलेटर, बाय-पैप, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। कोविड ड्यूटी में लगे स्टाफ को आवश्यकतानुसार रिफ्रेशर प्रशिक्षण दिया जाएगा। सभी स्वास्थ्य संस्थानों को आईएलआई और एसएआरआई मामलों की रोजाना आईएचआईपी पोर्टल पर रिपोर्टिंग करनी होगी।

हरियाणा में कोविड के चार नए मामले

हरियाणा में चार नए कोविड मामले सामने आने के बाद, प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग सार्वजनिक सुरक्षा और तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि हरियाणा में वर्तमान में चार सक्रिय कोविड-19 मामले हैं – दो गुरुग्राम में और दो फरीदाबाद में – जिनका कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा इतिहास नहीं है। इसमें कहा गया है कि मामले – दो पुरुष और दो महिला मरीज – हल्के हैं और वर्तमान में नियमित चिकित्सा देखरेख में घर पर ही क्वारंटीन हैं। बयान में कहा गया है कि सभी चार व्यक्तियों को पहले कोविड-19 के खिलाफ टीका लगाया गया था, जिससे लक्षणों को कम रखने में मदद मिली।

गुजरात में कोरोना के 15 नए मामले

गुजरात में लंबे अंतराल के बाद कोरोना वायरस के 15 नए मामले सामने आए हैं। अधिकारियों ने लोगों से घबराने की अपील नहीं की है, क्योंकि मौजूदा वैरिएंट कम गंभीर है।उन्होंने बताया कि सभी मरीजों का इलाज घर पर ही किया जा रहा है। अतिरिक्त निदेशक (सार्वजनिक स्वास्थ्य) डॉ. नीलम पटेल ने बताया कि गुजरात में वर्तमान में कोविड-19 के जेएन.1 वैरिएंट के 15 सक्रिय मामले हैं। उन्होंने बताया कि यह वैरिएंट ओमिक्रॉन परिवार से आता है, जिसे पहली बार अगस्त 2023 में खोजा गया था। पटेल ने गांधीनगर में कहा, ‘गुजरात में सक्रिय मामलों में से 13 अहमदाबाद शहर में हैं और एक-एक राजकोट शहर और अहमदाबाद ग्रामीण में है। ये मामले ओमिक्रॉन जेएन.1 वैरिएंट के हैं, जो कम गंभीर है। यह गुजरात या भारत के लिए इस समय बहुत चिंता का विषय नहीं है।’ उन्होंने कहा कि हाल के हफ्तों में चीन, थाईलैंड और सिंगापुर जैसे देशों में हजारों मामले सामने आए हैं और यह स्वाभाविक है कि संक्रमण भारत में फैल गया है, क्योंकि लोग एक जगह से दूसरी जगह यात्रा करते हैं। पटेल ने बताया कि गुजरात में कोविड के एक मरीज ने सिंगापुर की यात्रा की थी।

CAG की रिपोर्ट : झारखंड में स्वास्थ्य विभाग में अनियमितता, स्वास्थ्य सेवा और सुविधा का खस्ताहाल

भवन निर्माण में लगे मजदूरों को नहीं मिल रहा लाभ

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : देश की राजधानी दिल्ली में CAG की रिपोर्ट पर उठे विवादों के बीच झारखंड में भी बड़ा खुलासा हुआ है। झारखंड विधानसभा में पेश की गई CAG रिपोर्ट में राज्य के स्वास्थ्य विभाग में वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार की ओर इशारा किया गया है।

राज्य में कोरोना काल के दौरान झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर CAG की रिपोर्ट पर सरकार के ज्यादातर मंत्रियों और विधायक ने रिपोर्ट पढ़ने के बाद ही कुछ कहने की बात कही, वहीं विधायक सरयू राय ने रिपोर्ट के आलोक में तात्कालिक स्वास्थ्य मंत्री पर करवाई की मांग की। मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि कोरोना काल में जितनी जरूरत थी उतना खर्च किया गया, किसी को दिक्कत नहीं होने दिया गया था।

चलिए अब जानते है CAG की रिपोर्ट क्या कहती है। मार्च 2020 से 2022 तक covid-19प्रबंधन के लिए भारत सरकार ने 485.54 करोड़ दिए थे, जिसके विरुद्ध झारखंड सरकार को 272.8 करोड़ अपने मद से देना था। लेकिन कुल 756.42 करोड़ से कोरोना से निपटने के लिए शुरू प्रावधान में झारखंड सरकार ने सिर्फ 145.10 करोड़ ही दिए। 

प्रधान महालेखाकार इंदु अग्रवाल ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2016-17 से 2021-22 के बीच किए गए ऑडिट में काफी दयनीय स्थिति सामने आई। झारखंड में 10000 की जनसंख्या पर चार डॉक्टर ही नियुक्त है जबकि राष्ट्रीय औसत के अनुसार 37 डॉक्टर होने चाहिए। 

Cag की रिपोर्ट में यह भी जिक्र है कि कैसे मुख्यालय और अलग-अलग जिलों के वेयर हाउस में रखी गई "रेमडेसिविर इंजेक्शन" बड़ी मात्रा में एक्सपायर हो गई। इतना ही नहीं इंदु अग्रवाल ने बताया कि एनएचएम के अधिकारी के एक फोन पर दो निजी एजेंसियों को वेयर हाउस से बिना कोई कागजात के हजारों वायल "रेमडेसिविर इंजेक्शन" दे दिए, जिसकी जानकारी ड्रग्स कंट्रोलर हो भी नहीं दी गई थी।

इस रिपोर्ट के अनुसार महालेखाकार ने बताया कि राज्य में डॉक्टर नर्स और पैरामेडिकल कर्मियों की भारी कमी है। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मियों की भी कमी बताई।आयुष महाविद्यालय में तो शिक्षकों की 60% से 66% तक कमी थी। राजकीय होमियोपैथी कॉलेज में यह कमी 71% से 87% थी।

इसके अलावा CAG की विस्तृत ऑडिट रिपोर्ट में नए मेडिकल कॉलेज अस्पताल के निर्माण में देरी, संसाधनों के कमी की वजह से यूजी और पीजी की सीटों में कमी, बिना जांच किए और कम गुणवत्ता वाली दवाओं को भी बीमार मरीजों में वितरित करने सहित कई गड़बड़ियों का खुलासा किया गया है।

कैग की रिपोर्ट में कहा गया कि झारखंड में भवन निर्माण के लिए जो मजदूर निबंदित है उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है श्रम विभाग और बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड के बीच समन्वय नहीं है। यहां काम कर रहे मजदूर को 60 साल की आयु के बाद पेंशन जैसी सुविधाएं भी नहीं मिल रही।

Political COVID’ उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस खतरनाक वायरस से की किसकी तुलना?*l

#jagdeepdhankharsayspoliticalcoviddestroyingindian_democracy

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भारत में चुनाव में मतदाताओं की भागीदारी बढ़ाने में यूएसएजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएड) द्वारा कथित तौर पर वित्त पोषण किए जाने को लेकर शुक्रवार को चिंता व्यक्त की। उन्होंने इसे ‘Political COVID’ करार दिया। कथित तौर पर वित्त पोषण किए जाने को लेकर कहा कि जिन लोगों ने देश के लोकतांत्रिक मूल्यों पर इस तरह के हमले की अनुमति दी, उन्हें बेनकाब किया जाना चाहिए।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, मैं दंग रह गया जब अमेरिका के राष्ट्रपति ने खुद स्वीकार किया कि भारत में चुनावी नतीजों को प्रभावित करने के लिए वित्तीय ताकत का उपयोग किया गया। किसी और को निर्वाचित कराने की साजिश रची गई। चुनाव का अधिकार केवल भारतीय जनता का है, कोई भी बाहरी ताकत इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती।” उन्होंने सभी नागरिकों से आह्वान किया कि वे इस ‘Political COVID’ के खिलाफ एकजुट हों।

समाज में ‘Political COVID’ ने घुसपैठ की-धनखड़

उपराष्ट्रपति निवास में शनिवार को 5वें आरएस इंटर्नशिप कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित करते हुए जगदीप धनखड़ ने कहा कि समय आ गया है कि हम पूरी तरह से इस बीमारी की जांच करें। हमारे लोकतंत्र को नष्ट करने के लिए हमारे समाज में इस ‘Political COVID’ ने घुसपैठ की है। इस भयावह गतिविधि में शामिल सभी लोगों को पूरी तरह से बेनकाब किया जाना चाहिए। उन्होंने यहां तक कहा कि चुनाव करना केवल भारतीय लोगों का अधिकार है। कोई भी उस प्रक्रिया से छेड़छाड़ कर रहा है तो, वह हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को कमजोर कर रहा है. इससे हमारे लोकतंत्र को नष्ट करने की कोशिश की जा रही है।

संवैधानिक संस्थाओं पर व्यवस्थित तरीके से हमले हो रहे-धनखड़

उपराष्ट्रपति ने चिंता जताई कि भारत की संवैधानिक संस्थाओं पर व्यवस्थित तरीके से हमले हो रहे हैं। उन्होंने कहा, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री – ये सभी संवैधानिक पद हैं. लेकिन इनका मजाक उड़ाया जा रहा है। यह एक नई तरह की ‘वोकिज्म’ है, जहां सम्मान की जगह अपमान को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों पर कड़ा ऐतराज जताया। भारत की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति को उनकी संवैधानिक भूमिका निभाने के लिए भी निशाना बनाया जाता है। उनका लंबा प्रशासनिक और राजनीतिक अनुभव है, लेकिन उनकी जनजातीय पहचान पर सवाल उठाए जाते हैं। यह अस्वीकार्य है।

चीन में एचएमपीवी की रिपोर्ट पर स्वास्थ्य संस्था का बयान: घबराने की कोई बात नहीं

चीन में एचएमपीवी (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) के फैलने की अटकलों के बीच, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने कहा है कि "घबराने की कोई बात नहीं है", दूरदर्शन ने रिपोर्ट किया । संस्था के महानिदेशक अतुल गोयल ने संवाददाताओं से कहा कि देश में अभी तक श्वसन संबंधी बीमारी एचएमपीवी का कोई मामला सामने नहीं आया है।

चीन में एचएमपीवी के प्रकोप के बारे में खबरें आई हैं और यह गंभीर है। हमें ऐसा नहीं लगता, मैं स्पष्ट कर दूं, यह किसी भी अन्य श्वसन वायरस की तरह है जो ज्यादातर बुजुर्गों और 1 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में फ्लू जैसे लक्षण पैदा करता है," गोयल ने कहा। उन्होंने कहा कि सर्दियों के दौरान श्वसन संबंधी बीमारियां आम हैं और भारत के अस्पताल इनसे निपटने के लिए सुसज्जित हैं। गोयल ने संवाददाताओं से कहा, "विशेष रूप से दवाओं की आवश्यकता नहीं है क्योंकि इसके खिलाफ एंटी-वायरल दवाएं नहीं हैं। अस्पतालों में या आईसीएमआर के आंकड़ों के अनुसार कोई बड़ा मामला नहीं है। घबराने की कोई बात नहीं है।"

इससे पहले एएनआई ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया था कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) देश में श्वसन और मौसमी इन्फ्लूएंजा के मामलों की बारीकी से निगरानी कर रहा है। हालांकि चीन में एचएमपीवी प्रकोप की रिपोर्ट की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन एनसीडीसी ने कथित तौर पर कहा है कि वह इस मामले के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के संपर्क में है। विशेष रूप से, शीत लहर और वायु गुणवत्ता सूचकांक की स्थिति के कारण, सर्दियों के मौसम में श्वसन संबंधी बीमारियों को लेकर चिंताएं आम तौर पर देश में मौजूद रहती हैं।

चीनी रोग नियंत्रण प्राधिकरण ने दिसंबर के अंत में घोषणा की थी कि वह अज्ञात मूल के निमोनिया के लिए एक निगरानी प्रणाली स्थापित कर रहा है क्योंकि सर्दियों में कुछ श्वसन संबंधी बीमारियों के मामलों में वृद्धि होने की उम्मीद है, रॉयटर्स ने बताया। देश के इस कदम का उद्देश्य अज्ञात रोगजनकों को संभालने के लिए प्रोटोकॉल की पहचान करने और स्थापित करने में अधिकारियों की सहायता करना था। कथित तौर पर इस प्रणाली पर चीन का कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि इसकी तैयारी का स्तर पांच साल पहले की तुलना में बेहतर है, जब COVID-19 पहली बार सामने आया था।

कोरोना के बाद चीन में नए वायरस ने डराया, तेजी से फैल रहा, कई इलाकों में इमरजेंसी घोषित

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कोरोना महामारी का प्रकोप लोग अभी भूले नहीं है। उस वक्त एक जानलेवा वायरस ने पूरी दुनिया की रफ्तार को रोक दिया था। करोड़ो लोग इसका शिकार हुए और लाखों को अपनी जान से हाथ तक धोना पड़ा। कोरोना वायरस चीन के वुहान से निकला था। अब करीब पांच साल के बाद एक बार फिर चीन में एक और खतरनाक वायरस ने दस्तक दे दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन दिनों चीन में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस का प्रकोप देखने को मिल रहा है। बताया जा रहा है कि इस खतरनाक वायरस के कारण चीन के अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इतना ही नहीं,ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस के कारण मरीज बड़ी संख्या में मर भी रहे हैं।

ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों में खांसी-जुकाम और सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण नजर आ रहे है। जिन लोगों को पहले से सांस की कोई बीमारी है उनको ज्यादा खतरा बताया जा रहा है। चूंकि ये वायरस संक्रामक है और एक से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है ऐसे में चीन का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है और वायरस की रोकथाम के लिए बड़े पैमाने पर टेस्टिंग भी चल रही है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चीन में इस वायरस से इमरजेंसी जैसे हालात है।

चीन का यह सच सोशल मीडिया पर अब आग की तरफ फैल रहा है। कई रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा है कि यह नया वायरस तेजी से फैल रहा है। चीन पर नजर रखने वाले कुछ लोगों का तो यह भी दावा है कि अस्पताल और श्मशान घाट भी अब भर चुके हैं। लोग इस वायरस की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। ऐसे कई वीडियो को ऑनलाइन शेयर किया गया है। इनमें अस्पतालों में भीड़ दिखाई दे रही है।

ऑनलाइन शेयर किए गए वीडियो में अस्पतालों में भीड़ दिखाई दे रही है। कुछ यूजर्स का कहना है कि चीन में एचएमपीवी, इन्फ्लूएंजा ए, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और कोविड-19 समेत कई वायरस एक साथ फैल रहे हैं। चीन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। हालांकि, अब भी इस वायरस को लेकर बहुत कुछ सही से बता नहीं रहा।

वहीं, रॉयटर्स की एक रिपोर्ट की मानें तो चीन के रोग नियंत्रण प्राधिकरण ने शुक्रवार को कहा कि वह अज्ञात तरीके के निमोनिया के लिए एक निगरानी प्रणाली चला रहा है। सर्दियों में सांस संबंधी रोगों के मामले बढ़ने की आशंका है। एक खास सिस्टम स्थापित करने का मकसद अधिकारियों को अज्ञात रोगजनकों से निपटने के लिए प्रोटोकॉल स्थापित करने में मदद करना है।

क्या है यह एचएमपीवी वायरस

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) भी कोरोना की ही तरह से श्वसन पथ को संक्रमित करता है, हालांकि कोरोना के इतर इस वायरस के कारण ऊपरी और निचले दोनों श्वसन पथ में संक्रमण का खतरा हो सकता है। यह न्युमोवायरिडे परिवार के मेटापन्यूमोवायरस क्लास से जुड़ा है। इसे सबसे पहले 2001 में डच शोधकर्ताओं ने खोजा था। यह वायरस तब सामने आया था रिसर्चर जब श्वसन संक्रमण यानी सांस संबंधी बीमारी से पीड़ित बच्चों के नमूनों का अध्ययन कर रहे थे। अध्ययनों से पता चला है कि यह वायरस कम से कम छह दशकों से मौजूद है। यह एक सामान्य श्वसन रोगजनक़ के रूप में पूरी दुनिया में फैल गया है। यह मुख्य रूप से खांसने और छींकने से निकलने वाली बूंदों से फैलता है। संक्रमित लोगों के साथ निकट संपर्क और दूषित वातावरण के संपर्क में आने से भी संचरण हो सकता है। चीनी सीडीसी की वेबसाइट के अनुसार, इस वायरस का संक्रमण काल तीन से पांच दिनों का होता है। एचएमपीवी द्वारा प्रेरित प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया बार-बार होने वाले संक्रमणों को रोकने के लिए बहुत कमजोर होती है। हालांकि यह पूरे साल पाया जा सकता है, लेकिन यह सर्दी और वसंत में सबसे अधिक पाया जाता है।

2023 में अमेरिका में भी बढ़े थे मामले

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के कई हिस्सों में साल 2023 की शुरुआत में फिर उसी साल के मई-जून के महीनों में एचएमपीवी के कारण संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े थे। जानकारी के अनुसार अमेरिका में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के लिए लगभग 11 प्रतिशत पीसीआर और 20 प्रतिशत एंटीजन टेस्ट रिपोर्ट सकारात्मक आए थे।

महामारी से पहले के स्तर की तुलना में इसकी पॉजिटीविटी दर में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों को इस वायरल संक्रमण के जोखिमों को देखते हुए बचाव के लिए उपाय करते रहने की आवश्यकता है।

Anmol Solanki’s Journey: A Tale of Resilience and Stardom

Anmol Solanki’s life is a powerful testament to perseverance and grit. His story, marked by tragedy, sacrifice, and ultimate success, serves as an inspiration to many.  

At just one year old, Anmol lost his father, a devastating loss that placed the burden of raising him and his sister solely on his mother’s shoulders. A hardworking Anganwadi worker, she instilled in him the values of strength and determination. However, life dealt another cruel blow in 2014, when his mother suffered a brain hemorrhage. For six months, Anmol cared for her during dialysis treatments, but in May 2016, he lost her too.  

Left to support himself and his sister, Anmol faced harsh realities. To make ends meet, he dropped out of school and took on work as a waiter, earning just ₹500 per day. Despite the financial struggles, his resilience never wavered. The turning point came when his sister secured a job, enabling him to complete his education.  

As life began to stabilize, the COVID-19 pandemic struck, bringing further uncertainty. Yet Anmol refused to let adversity define him. Instead, he saw it as an opportunity to chase his dreams. He stepped into the entertainment industry and landed his breakthrough role in Netflix's Jamtara, a crime drama that put him on the map.  

The success of Jamtara paved the way for more opportunities, including a significant role in Shakti 2 on Colors TV. Sharing the screen with established actors like Rubina Dilaik, Kamya Punjabi, and Sudesh Berry, Anmol proved his talent and cemented his place in the entertainment world.  

Capitalizing on his growing popularity, Anmol entered the realm of social media influencing. With an authentic voice and a compelling personal story, he quickly struck a chord with audiences. Partnering with leading brands, he successfully built his image as a lifestyle influencer, inspiring countless individuals who see in him the embodiment of resilience and determination.  

Now, at just 25 years old, Anmol Solanki’s journey stands as a shining example of how hard work and an unyielding spirit can overcome even the greatest challenges. From working as a waiter to becoming a celebrated actor and influencer, his story is proof that dreams can indeed come true—if one has the courage to pursue them relentlessly.

নস্ত্রাদামুসের ভবিষ্যদ্বাণী – শঙ্কিত ২০২৫ সাল

*ডেস্ক* : ষোড়শ শতকে ফ্রান্সের গণৎকার তথা চিকিৎসক ছিলেন তিনি৷ তাঁর কিছু ভবিষ্যতবানী অক্ষরে অক্ষরে মিলে গিয়েছিলো। তাঁর এমন কিছু ভবিষ্যত বাণী আছে ২০২৫ সাল সম্পর্কে যা মানুষকে আবার ভাবিয়ে তুলছে। শেষের মুখে ২০২৪৷ আসছে ২০২৫৷ নতুন বছরের দোড়াগোড়ায় আরও একবার উঠে এল নস্ত্রাদামুসের ভবিষ্যদ্বাণী৷ ফ্রান্সের নস্ত্রদাম শহরের বাসিন্দা ছিলেন এই গণৎকার মিশেল৷ শহরের নামের সঙ্গে মিশিয়ে তাঁর নাম মিশেল দ্য নস্ত্রদাম৷ অর্থাৎ নস্ত্রদাম শহরের মিশেল। সেই থেকে তাঁর নাম নস্ত্রাদামুস৷ ১৫৫৫ খ্রিস্টাব্দে প্রকাশিত হয়েছিল তাঁর লেখা ‘লে প্রোফেতি’ বা ‘দ্য প্রোফেসিজ’৷ এই বইয়ে ৯৪২ টি পদ্যে আধুনিক পৃথিবীর অনেক কিছুই ভবিষ্যদ্বাণী করা হয়েছে বলে ভক্তদের বিশ্বাস৷

২০২৪ সালের জন্য করা নস্ত্রাদামুসের ভবিষ্যদ্বাণীতে ছিল ভয়াবহ যুদ্ধের কথা৷ মনে করা হয় এটাই ছিল ২০২২ সালের রাশিয়া ইউক্রেন যুদ্ধ৷ ২০২৫-এ এই যুদ্ধ বন্ধ হতে পারে বলে মনে করা হচ্ছে তাঁর ভবিষ্যদ্বাণী থেকে। নস্ত্রাদামুস ভবিষ্যদ্বাণী করেছেন যে নতুন বছর ইংল্যান্ডের ভাল যাবে না৷ ফিরে আসতে পারে “প্রাচীন প্লেগ”-এর মড়ক৷ এই প্রাদুর্ভাব শত্রুদের চেয়েও খারাপ হবে। যেহেতু তার COVID-19 মহামারির ভবিষ্যদ্বাণী সত্য হয়েছে, বিশেষজ্ঞরা প্লেগের সতর্কতাকেও গুরুত্ব দিচ্ছেন৷ নস্ত্রাদামুস ভবিষ্যদ্বাণী করেছেন যে ২০২৫ সালে পৃথিবীর সঙ্গে একটি বিশাল গ্রহাণুর সংঘর্ষ বা গ্রহের বিপজ্জনক সান্নিধ্যে আসতে পারে। গ্রহাণুগুলি গ্রহের কাছাকাছি আসা একটি নতুন ঘটনা নয়। প্রতি বছর কয়েকশো গ্রহাণু পৃথিবীকে অতিক্রম করে এবং তাদের বেশিরভাগই নিরাপদ দূরত্ব বজায় রাখে। বন্যা,আগ্নেয়গিরির অগ্ন্যুৎপাত, জলবায়ুর পরিবর্তনে তছনছ হতে পারে ব্রাজিল৷ লাতিন আমেরিকার এই দেশকে নস্ত্রাদামুস বলেছেন ‘বিশ্বের উদ্যান’ হিসেবে৷ স্বাভাবিক কারণেই শঙ্কিত বিশ্বের অনেক নাগরিক। এখন আমাদের তাকিয়ে থাকতে হবে ভিবিষ্যতের দিকে।
कोरोना महामारी में भारत ने दिया था साथ, अब डोमिनिका प्रधानमंत्री मोदी को देगा सर्वोच्च सम्मान

कोविड 19 महामारी के दौरान मदद के लिए डोमिनिका राष्ट्रमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर देने की घोषणा की है.

प्रधानमंत्री मोदी को 19-21 नवंबर को यह अवॉर्ड जॉर्जटाउन, गुयाना में भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन के दौरान दिया जाएगा. डोमिनिका राष्ट्रमंडल के राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन उन्हें सम्मानित करेंगे.

यह सम्मान COVID-19 महामारी के दौरान डोमिनिका में दिए गए उनके योगदान और भारत सरकार की मजबूत साझेदारी दर्शाता है.यह पुरस्कार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य, शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी में डोमिनिका के लिए भारत के समर्थन के लिए दिया जा रहा है.

पीएम मोदी हमारे सच्चे शुभचिंतक- डोमिनिका

डोमिनिका सरकार का कहना है पीएम मोदी हमारे सच्चे शुभचिंतक रहे हैं. COVID-19 के दौरान फरवरी 2021 में प्रधानमंत्री मोदी ने डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका COVID-19 वैक्सीन की 70,000 खुराक की आपूर्ति की थी. गंभीर स्वास्थ्य संकट के बीच हमारी जरूरत के समय में उन्होंने साथ दिया. हमारी सरकार कृतज्ञता अर्पित करती है.

स्वास्थ्य, शिक्षा, जयवायु परिवर्तन पर सहयोग

डोमिनिका राष्ट्रमंडल का कहना है कि स्वास्थ्य, शिक्षा के साथ-साथ भारत की मोदी सरकार ने वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन को लेकर भी गंभीर चिंता व्यक्त की है और समाधानजनक पहल की है.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने जलवायु परिवर्तन और युद्ध जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में आपसी सहयोग के महत्व पर जोर दिया है. पीएम मोदी ने इन मुद्दों के समाधान में डोमिनिका और कैरेबियन के साथ काम करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दुहराया है.

अफ्रीका और एम पॉक्स का पुराना इतिहास रहा है,अफ्रीका में आउट ऑफ कंट्रोल है एम पॉक्स, सीडीसी ने दी चेतावनी बचाव करना जरूरी


डेस्क:–अफ्रीकी संघ के स्वास्थ्य प्रहरी, अफ्रीका सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (अफ्रीका CDC), ने चेतावनी दी है कि मंकीपॉक्स (Mpox) का प्रकोप अभी भी पूरी तरह से नियंत्रण में नहीं है। अफ्रीका CDC के निदेशक, नगाशी नगोंगो ने गुरुवार को एक ब्रीफिंग में कहा कि इस बीमारी का प्रसार अभी भी ऊपर की ओर बढ़ रहा है और इसे नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता है। नगोंगो ने इस प्रकोप को COVID-19 की तुलना में अधिक गंभीर महामारी बनने से रोकने के लिए संसाधनों की तत्काल जरूरत बताई है और एक संभावित गंभीर महामारी को रोकने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की अपील की है। उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने, परीक्षण क्षमता बढ़ाने, और अधिक टीके उपलब्ध कराने की अपील की। अफ्रीका में मंकीपॉक्स का संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, और यदि इसे नियंत्रित नहीं किया गया, तो यह महामारी गंभीर संकट में बदल सकती है।

अफ्रीका CDC ने कहा कि इस बीमारी को नियंत्रित करने के लिए तत्काल संसाधनों की जरूरत है, जिनमें टीकाकरण, परीक्षण क्षमता, और उपचार के साधन शामिल हैं। अफ्रीकी देशों से मिलकर इस पर काम करने और बाहरी सहायता प्राप्त करने की उम्मीद जताई गई है ताकि इस बीमारी पर जल्द नियंत्रण पाया जा सके और एक बड़े स्वास्थ्य संकट को टाला जा सके।

इस स्थिति में, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि अफ्रीकी देशों के लिए मिलकर काम करना और अंतरराष्ट्रीय सहायता प्राप्त करना आवश्यक है, ताकि इस बीमारी पर जल्दी नियंत्रण पाया जा सके और एक बड़े स्वास्थ्य संकट से बचा जा सके।

अफ्रीका के बाद यूके में भी एम पॉक्स का केस मिला है, जिससे बाद स्वास्थ्य विभाग भी चौकन्ना हो गए हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो उन्हें इस बात का ज्यादा डर है कि आने वाला ठंड का मौसम कहीं इसके मामलों के बढ़ने का कारण न बन जाए। हालांकि, अभी तक इस बारे में अन्य जानकारियां प्राप्त करने के लिए इस पर रिसर्च की जा रही हैं।
Playboy turned Humanitarian Kamal Muhamed recognised among Top 10 Authors of 2024

Kamal Muhamed is among the list of Top 10 authors recognised for courages efforts and attempt. His maiden book Daring Prince Truth Revaled, in english an autobioraphy which took 6 long years of dedication for its completion. and was released on March 23rd 2024 by Dr.Mohanji his Childhood friend.( Humanitarian , Author & Spiritual Leader)

Kamal Muhamed, was born on September 8, 1964, in Kannur, a go-getter an artistic thinker and marketing enthusiast known for his resiliencec and determination.

Raised in a modest family, he pursued his vision of becoming a Human Rights activist and social worker, for serving underprivileged society, leaving school early to become self-reliant. Starting as a Sales Trainee at 21, with multinational he built a career across India Gulf and Middle East, and Africa overcoming challenges, including surviving Yemen’s war.

Kamal played an important role in OPERATION RAHAT’s mass evacuation in 2015 and during Covid 19 with selfless social activities for the community.

His Daring Prince Truth Revealed, is nominated for the 2025 Sahitya Sparsh Awards. A BOOK fully devoted to serve the needy and poor and Global Noble Causes the list of Top 10 Authors includes Legend Robin Sharma. Founder & Author The 5 am Club

Kamal a proven humble and down to earth Humanitarian & Social Activist attained various accolades naming a few in 2024, Dada Saheb Phalke Motivational Award, for Best Author & Social Activist, JCI Humanitarian Award & NCFC Best Humanitarian for Social Services from Nepal.

Kamal H. Muhamed is associated with AICHLS & NCNB( Member United Nations Global Compact) as Head of State, Wellmed Trip. Com Mauritius, Long Rock Hospitalities, an upcoming project to fulfill his young age dream .

He is also Well Wisher and supporter of Ammucare Charitable Trust.( Mohanji Foundation) He lives with His Arab Wife Leila Nasher and 3 Children Haroon, Maryam & Moosa at outskirts of Kochi.

After Author's recognition news was spread he was given a warm welcome by Surya Vanitha Library at his home town where he donated few books gifted by Dr.Mohanji on my request..

Daring Prince's Malayalam version is getting ready for Publication in early 2025 through renowned Olive Books. His advice always to young and startup entrepreneurs: embrace risk, learn, and never quit.

https://www.amazon.in/Daring-Prince-Revealed-Kamal-Muhamed/dp/8197046433?dplnkId=8d49bdef-7258-4d81-b64a-79bb119acdfd

https://hrcin.org/

https://ammucare.org/