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मारपीट कर मोबाइल और चैन छीन कर भागे बदमाश

खजनी गोरखपुर।थाना क्षेत्र के सीयर सहजुपार गांव के निवासी स्वर्गीय राम नरेश मौर्या के पुत्र हरिकिशुन मौर्या आज सबेरे 4.30 बजे अपने घर से टहलने के लिए निकले थे, इस दौरान 4.50 बजे एक बाइक पर सवार दो अज्ञात युवकों ने उन्हें रास्ते में रोक लिया और नकली बंदूक दिखा कर जबरन मोबाइल और चैन छीनने लगे।

पीड़ित ने जब विरोध किया तो उसे भद्दी गालियां देते हुए लात घूंसे और पंच से मारपीट कर लहुलुहान कर दिया और मोबाइल तथा चैन छीन कर भाग गए।

पीड़ित के द्वारा 112 नंबर पर कॉल करके पुलिस को घटना की सूचना दी गई तथा थाने में पहुंच कर तहरीर देकर अज्ञात

हमालावर बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।

इस संदर्भ में थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा ने बताया कि शिकायत मिली है जांच की जा रही है।

निक्षय मित्र योजना में भटहट सीएचसी ने पूरे जिले में पेश की मिशाल

गोरखपुर, टीबी के उपचाराधीन मरीजों को गोद लेकर पोषण में सहयोग, मानसिक संबल देने और योजनाओं का लाभ दिलवाने से संबंधित निक्षय मित्र योजना में लगातार अभिनव प्रयास सामने आ रहे हैं।

इसी कड़ी में भटहट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ने पूरे जिले में मिसाल पेश की है। इस केंद्र के चिकित्सकों, स्टॉफ और सत्रह सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) ने 71 टीबी उपचाराधीन मरीजों को एक साथ गोद लिया है। जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी (डीटीओ) डॉ गणेश यादव ने बताया कि जिले की अन्य स्वास्थ्य इकाइयों को भी एडॉप्शन का भटहट मॉडल अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा ।

डीटीओ डॉ यादव ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे के दिशा निर्देशन में निक्षय मित्र योजना से सरकारी व गैर सरकारी संगठनों, जनप्रतिनिधियों और समाज के अलग अलग वर्गों के लोगों को जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। विभिन्न वर्गों के लोग और कई संस्थाएं जन्मदिन, पुण्यतिथि और स्थापना दिवस जैसे मौकों पर नये उपचाराधीन टीबी मरीजों को गोद ले रही हैं। गोद लेने वाले मरीज को इलाज चलने तक प्रति माह पोषण संबंधी सहयोग देने के साथ साथ लगातार फॉलो अप करना है ताकि उसकी दवा नियमित तौर पर चलती रहे । टीबी मरीज की दवा बीच में बंद होने पर जटिलताएं बढ़ जाती हैं। टीबी उपचारीधीन मरीजों को यह विश्वास भी दिलाना है कि नियमित दवा सेवन से वह ठीक हो जाएंगे। पात्र मरीजों और उनके परिजनों को सरकार की महत्वपूर्ण सामाजिक योजनाओं जैसे पीएम आवास, पेंशन, आयुष्मान भारत योजना आदि से जोड़ने में भी निक्षय मित्र मदद कर करते हैं। इसी कड़ी में भटहट सीएचसी पर 71 लोगों ने कुल 71 टीबी मरीजों को गोद लिया है।

भटहट सीएचसी के वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक (एसटीएस) सद्दाम हुसैन ने बताया कि टीबी उपचाराधीन 53 पुरुष और 18 महिलाएं गोद ली गयी हैं। यह सभी कमजोर आय वर्ग के हैं और ज्यादातर छोटे किसान या मजदूर परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। इनमें पांच मरीज बाल श्रेणी के हैं। सीएचसी के अधीक्षक डॉ अविनाश सिंह के नेतृत्व में पूरे एक माह तक पूरी सीएचसी का संवेदीकरण किया गया, जिससे लोगों ने निक्षय मित्र बनने के प्रति उत्साह दिखाया। गुरूवार को आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि राघवेंद्र सिंह, एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी, डिप्टी सीएमओ डॉ अश्वनी चौरसिया, भाजपा नेता संजय सिंह और चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रशांत ने सीएचसी की तरफ से टीबी उपचाराधीन मरीजों को पोषण पोटली सौंपा।

प्रत्येक मरीज का रखेंगे ध्यान

निक्षय मित्र और भटहट सीएचसी के डेंटल हाइजिनिस्ट प्रकाश श्रीवास्तव ने बताया कि सीएचसी के सभी निक्षय मित्रों ने संकल्प लिया है कि वह ठीक होने तक गोद लिये गये मरीजों का फॉलो अप करेंगे। सभी मरीजों को पोषण पोटली में भुना चना, सोयाबीन, अरहर दाल, मूंगफली दाना, गुड़, कच्चा चना, किसमिस, सेब और केला दिया गया है। आगे भी यथासंभव पोषण सामग्री प्रदान की जाएगी।

1000 रुपये मिलेगी प्रोत्साहन राशि

एसीएमओ आरसीएच ने उपस्थित लोगों को बताया कि टीबी के इलाज में पोषण की महत्ता को देखते हुए ही निक्षय मित्र योजना चलाई जा रही है। पोषण से भरपूर खानपान से मरीज जल्दी ठीक हो जाते हैं। सरकार ने भी एक नवम्बर से पोषण के लिए प्रति माह 500 की दर से मिलने वाली धनराशि बढ़ा कर 1000 रुपये कर दिया है।

इन्होंने किया विशेष सहयोग

एसटीएस ने बताया कि डब्ल्यूएचओ कंसल्टेंट डॉ नॉविल रोज, चिकित्सा अधिकारी डॉ शिप्रा राज, डॉ सीबी शर्मा, डॉ एजाज अहमद, डॉ दिनेश साहनी, पीपीएम समन्वयक एएन मिश्रा, मिर्जा आफताब बेग, एचईओ कमलेश्वर सिंह, प्रकाश श्रीवास्तव, रतनलाल श्रीवास्तव, डीडी भारतीय, मुरलीश्याम, संजय कुशवाहा, मनोज, संदीप सिंह, राकेश चौधरी, आरती त्रिपाठी, राकेश गौंड, सौम्या श्रीवास्तव, सुख सागर, पिंटू और अमीरुन्निशा का इस पहल में विशेष योगदान रहा है।

डीडीयू के कृषि संस्थान के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ अवधेश यादव को मिला 2023-24 का "बेस्ट पी एच डी अवार्ड"


गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान के कृषि अभियांत्रिकी के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ अवधेश यादव को उत्तर-प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद, लखनऊ द्वारा सर्वोत्तम पी. एच डी. थीसिस अवार्ड के लिए चुना गया है। जिसके तहत डाॅ यादव को रूपये पांच हजार नकद तथा प्रशस्ति पत्र दिया जाएगा।

डाॅ यादव ने कृषि अभियांत्रिकी विषय मे सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय से शोध की उपाधि प्राप्त की है। डाॅ यादव ने अपने शोध मे ये सिद्ध किया है कि सरसो, सूरजमुखी और मूंगफली की तुलना मे स्वास्थ्य के लिए ज्यादा लाभदायक है। उन्होने यह निष्कर्ष चिप्स तलने मे तेल सोखने की मात्रा के आधार पर निकाला है। इन्होने अपने शोध के माध्यम से यह सलाह दी है कि ह्रदय रोग से पीङित व्यक्ति भी कैनोला तेल मे फ्राई किए गये चिप्स का सेवन कर सकता है। कैनोला तेल नई पीढी के लिए स्वास्थ्य वर्धक होगा। ऐसे मे चिप्स लवर्स के लिए यह एक बेहतर विकल्प के रूप मे प्रयोग किया जा सकता है। डाॅ यादव की इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो पूनम टण्डन, कृषि संस्थान के निदेशक प्रो शरद कुमार मिश्र व विश्वविद्यालय के तमाम शिक्षकों ने बधाई दी।

टीम भावना से महायोगी गोरखनाथ विवि को पहुंचाएंगे नई ऊंचाइयों पर : डॉ. सुरिंदर सिंह

गोरखपुर, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम गोरखपुर के नवनियुक्त कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह ने शुक्रवार को अपना पदभार ग्रहण कर लिया। इसके पहले गुरुवार देर शाम विश्वविद्यालय में एक समारोह का आयोजन कर नवनियुक्त कुलपति का स्वागत किया गया और कुलपति के रूप में सफल कार्यकाल पूर्ण करने वाले मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी को विदाई दी गई।

स्वागत एवं विदाई समारोह में नए कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने बहुत ही कम समय में जो उपलब्धियां हासिल की हैं वह सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए प्रेरक हैं। इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में यहां के कुलपति का दायित्व मिलना उनके लिए गर्व की बात है। उनकी पूरी कोशिश होगी कि टीम भावना से इस विश्वविद्यालय को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया जा सके। कार्यकाल पूर्ण करने वाले कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि इस पीढ़ी के बच्चों में ज्ञान, साहस और बुद्धिमत्ता का स्तर बहुत अच्छा है, इसलिए उन्हें अच्छी दिशा देकर हम भविष्य को बदल सकते हैं और विश्वविद्यालय को नए रूप में विकसित कर सकते हैंI उन्होंने बताया कि विकसित विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए तीन बातों का हमेशा ध्यान रखना आवश्यक है। पहला सही समय, स्थान और व्यक्ति, दूसरा उच्च गति, समय और गुणवत्ता के साथ काम करना और अंतिम एक है उन सभी उच्च स्तरीय लोगों से मिलना जिन्हें हम टेलीविजन पर देखते है I उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक कार्य करना आसान है और यह टीम के साथ मिलजुलकर किया जाएगा।

कार्यक्रम में मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने नए कुलपति का स्वागत करने के साथ अपने कार्यकाल के अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय की पूरी टीम बहुत ही ऊर्जावान है। आज विश्वविद्यालय जहां भी पहुंचा है वह समवेत प्रयास का ही परिणाम है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस संकल्प के साथ इस विश्वविद्यालय की स्थापना की है, उनको सिद्ध करने की दिशा में यह तेजी से आगे बढ़ रहा है। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय परिवार के वरिष्ठों ने नए कुलपति का अभिनंदन किया और कार्यकाल पूर्ण करने वाले कुलपति के साथ किए गए कार्यों से जुड़े संस्मरण साझा किए।

इस अवसर पर भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव, महायोगी गोरखनाथ चिकित्सालय के निदेशक कर्नल डॉ. राजेश बहल, श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के प्राचार्य डॉ. अरविन्द सिंह कुशवाहा, नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्या डॉ. डीएस अजीथा, आयुर्वेद कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गिरिधर वेदांतम, फार्मेसी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. शशिकांत सिंह, संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता डॉ. सुनील सिंह, कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ. विमल दूबे, उप कुलसचिव (प्रशासन) श्रीकांत, परीक्षा नियंत्रक अमित कुमार सिंह एवं विश्वविद्यालय के समस्त शिक्षक उपस्थित रहे।

स्त्री एवं पुरुष एक दूसरे के पूरक होते हैं : कुलपति

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग में मिशन शक्ति फेज 5 के अंतर्गत “भारतीय संस्कृति और स्त्री” विषयक कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि स्त्री एवं पुरुष एक दूसरे के पूरक होते है। पुरुष एवं स्त्री को समान रूप से देखने पर बल देते हुए कुलपति ने कहा कि स्त्री एवं पुरुष दोनों की मानसिकता को बदलने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने सुरक्षा, सम्मान एवं स्वावलंबन को मिशन शक्ति का ध्येय बताया।

मुख्य वक्ता प्रो. नंदिता सिंह, पूर्व अधिष्ठाता कला संकाय ने कहा कि स्त्री एवं पुरुष दोनों के सहयोग से समाज में परिवर्तन होता है। संस्कृति एवं प्रकृति एक दूसरे से जुड़ी होती हैं। प्रकृति एवं संस्कृति के समन्वय से यह पृथ्वी चल रही है। स्त्री ही सभ्यता को बचाएगी। पृथ्वी एवं स्त्री दोनों ही हमारी संरक्षणकर्ता है। स्त्रियों की हर क्षेत्र में भागीदारी सुनिश्चित करके हम उन्हें शक्तिशाली बना सकते हैं। वर्तमान समय में इको फेमिनिज्म एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। वंदना शिवा लगातार इस क्षेत्र में काम कर रही हैं। उनकी पुस्तक ‘वैदिक इकोलॉजी’ में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि स्त्री की सक्रिय भूमिका ही एक सुनहरे भविष्य का निर्माण कर पाएगी। वंदना शिवा की पुस्तक ‘द नेचर ऑफ नेचर’ में इस बात का जिक्र किया गया है कि पिछले 30 वर्षों में होने वाले जलवायु परिवर्तन पृथ्वी पर सारे इकोसिस्टम को ध्वस्त कर सकते हैं। गांधी के साथ मेडेलिन स्लेड (मीरा) त्याग और समर्पण की प्रतिमूर्ति थीं।

कार्यक्रम में कला संकाय अधिष्ठाता, प्रो. राजवंत राव ने कहा कि शब्द जीवित प्राणी हैं। शब्दों के माध्यम से स्त्रियों की इतिहास रचना हो सकती है। उन्होंने बताया कि पत्नी का अर्थ रक्षा करने वाला, भार्या का का अर्थ भरण करने वाला, दंपत्ति का अर्थ घर का स्वामी होता है। उन्होंने छात्राओं की तरफ संबोधित करते हुए कहा कि सुख, सुविधा, आजादी की अधिक इच्छा उन्नति से अवनति की ओर ले जा सकती है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी निर्णय विवेक सम्मत होना चाहिए।

प्रो. प्रज्ञा चतुर्वेदी ने कार्यक्रम के प्रारंभ में विभाग की ओर से कुलपति जी, अनेक गणमान्य अध्यापकों और कर्मचारियों का स्वागत करते हुए कहा कि मिशन शक्ति कार्यक्रम का प्रारंभ ओडिशा के मुख्यमंत्री ने किया था। स्त्रियाँ हर क्षेत्र में कार्य कर रही हैं लेकिन उनकी सुरक्षा का प्रश्न आज भी उठता है जो विचारणीय है।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. पद्मजा सिंह ने किया। उक्त अवसर पर प्रो. विमलेश कुमार मिश्र, प्रो. कमलेश गौतम, डॉ. मणिंद्र यादव, डॉ. विनोद कुमार रावत एवं अनेक शोध छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

अंतिम साँस तक परिषद का कार्यकर्ता परिषद के प्रति समर्पित रहता है:- एस. बालकृष्ण

गोरखपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के गोरखपुर में आयोजित हो रहे 70 वें राष्ट्रीय अधिवेशन के निमित्त कार्यकर्ता स्नेह मिलन कार्यक्रम दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संवाद भवन में आयोजित किया गया।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री एस. बालकृष्ण ने कहा कि पूर्व कार्यकर्ताओं को व्यवस्था में वर्तमान कार्यकर्ताओं की हर संभव सहायता करनी चाहिए। विद्यार्थी परिषद को किस प्रकार से मजबूत करें, हमें यह सुनिश्चित करना है। हम समाज के किसी भी क्षेत्र में हों हमें राष्ट्र प्रथम के भाव से काम करना है। भारत विरोधी शक्तियाँ भारत को तोड़ने की साजिश कर रही हैं, हमें एक जिम्मेदार राष्ट्रवादी संगठन के कार्यकर्ता होने के नाते ऐसी राष्ट्र विरोधी ताकतों से जमकर सामना करने की आवश्यकता है। अभाविप के कार्यकर्ताओं ने अपने आप को समाज में एक रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया हैं। एबीवीपी ने जीवन में विज़न और मिशन दिया है। आज एबीवीपी के कार्यकर्ता समाज के प्रत्येक क्षेत्र में नेतृत्व करने का कार्य कर रहे हैं, वे समाज परिवर्तन के वाहक हैं।

अभाविप पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्रीय संगठन मंत्री घनश्याम शाही ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कार्यकर्ता कभी पूर्व नही होता है, कार्यकर्ता आजीवन कार्यकर्ता रहता है। पूर्व कार्यकर्ता संगठन में अभिभावक की भाँति होते हैं। विद्यार्थी परिषद केवल नारे नहीं लगाती है बल्कि उन नारों को जीवंत करके दिखाया है। विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं में कथनी और करनी मे कोई अंतर नहीं है, विद्यार्थी परिषद किसी आंदोलन की उपज नही है बल्कि एबीवीपी की स्थापना एक वैचारिक अधिष्ठान के रूप में हुई, एबीवीपी मात्र समस्या नही बल्कि समस्याओं को उठाने के साथ ही उसका समाधान दुनिया के समक्ष प्रस्तुत करती हैं, एबीवीपी के कार्यकर्ता अखंड भारत के उद्देश्य को लेकर कार्य करते हैं।

कार्यक्रम का आभार ज्ञापन अभाविप गोरक्ष प्रांत अध्यक्ष डॉ. राकेश प्रताप सिंह तथा मंच संचालन अभाविप गोरक्ष प्रांत मंत्री मयंक राय ने किया।

पीएम श्री कंपोजिट स्कूल में बाल दिवस मनाया गया

खजनी गोरखपुर।इलाके में स्थित उनवल प्रथम में तथा कंपोजिट स्कूल भिउरी में बाल दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें स्कूल के बच्चों के द्वारा जयंती के अवसर पर परिसर में बाल मेले का आयोजन किया गया जिसमें बच्चों ने मेला लगाया साथ ही विभिन्न प्रतियोगिताओं और खेलों का आयोजन किया गया। सेवानिवृत्त शिक्षक कृष्ण केशव मिश्रा ने बच्चों को बाल दिवस के आयोजन तथा देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से जुड़े संस्मरण सुनाए। इस दौरान प्रधानाध्यापक नवीन त्रिपाठी, सूर्य प्रकाश पांडेय,सुमन देवी, बृजेश त्रिपाठी, सूरज सिंह, राजेंद्र यादव, सीमा पांडे, विकास आदि शिक्षक तथा भिउरी विद्यालय प्रबंध समिति के बैजू प्रसाद अध्यक्ष राजमती उपाध्यक्ष अंगद सिंह अरविन्द कुमार दुबे सुप्रिया गुप्ता बंदना सिंह सहायक अध्यापक गण के साथ अवधेश प्रसाद, शिवधारी यादव, नीतू देवी, मीनू देवी, बासमती देवी, फूलमती देवी, गीत देवी, मनीषा, विमला देवी, वंदना, लीला देवी, पिंकी सहित अभिभावक और शिक्षक उपस्थित रहे।

दिव्यांग बच्चों की तहसील स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता हुई

खजनी गोरखपुर।पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार आज बीआरसी परिसर में दिव्यांग बच्चों की तहसील स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। आयोजन में मुख्य अतिथि बीईओ सावन कुमार दूबे ने प्रतिभागी दिव्यांग बच्चों को मेडल, प्रशस्ति पत्र और पुरस्कार देकर सम्मानित किया। प्रतियोगिता में उरूवां, बेलघाट और खजनी ब्लॉक के कुल 55 दिव्यांग बच्चों ने हिस्सा लिया। इस दौरान दृष्टि

दिव्यांग बच्चों के लिए गीत, संगीत और छू कर पहचानों प्रतियोगिता श्रवण बाधित बच्चों के लिए 100 मीटर लंबी दौड़, कुर्सी दौड़ तथा अस्थि बाधित बच्चों के लिए चित्रकला प्रतियोगिता तथा बौद्धिक दिव्यांग बच्चों के लिए जलेबी दौड़,रिंग थ्रो प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें प्रथम द्वितीय स्थान पाने वाली तन्नु, विद्या, किशन, अंशु,अनुभव, चांदनी,रूपा और प्रिंस आदि को मुख्य अतिथि के द्वारा पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

इससे पूर्व मां सरस्वती की पूजा अर्चना के साथ प्रतियोगिता की शुरुआत की गई। इस दौरान स्पेशल एजुकेटर रजनीश तिवारी, राजेश पांडेय,संतोष त्रिपाठी, सुषमा त्रिपाठी, यतेंद्र, अजय सिंह, ओपी रावत, विजय प्रताप सिंह, संदीप पांडेय, रूबी, रामराम, सुरेश यादव, हिमांशु मौर्या, नीरज राय, निष्ठा श्रीवास्तव, मालती सिंह, सत्य प्रकाश राय, वीना राय, बबीता,राम मुरारीलाल,

समेत दर्जनों शिक्षक मौजूद रहे।

म्स, गोरखपुर में एक्सटेंशन सैंपल कलेक्शन सेंटर और बिलिंग काउंटर का हुआ उद्घाटन

गोरखपुर। एक विस्तार नमूना संग्रह केंद्र और बिलिंग काउंटर का उद्घाटन आज कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ने किया। यह स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नई सुविधाओं का उद्देश्य निदान प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और रोगी की सुविधा में सुधार करना है। नमूना संग्रह केंद्र मरीजों को आसानी से परीक्षण के लिए नमूने उपलब्ध कराने में सक्षम करेगा, जबकि बिलिंग काउंटर भुगतान प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा, प्रतीक्षा समय को कम करेगा और समग्र सेवा दक्षता में सुधार करेगा। यह पहल पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली, सुलभ स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की एम्स गोरखपुर की चल रही प्रतिबद्धता का हिस्सा है। यह सुविधा अब जनता के लिए खुली है।

डॉ. सुरिंदर सिंह होंगे महायोगी गोरखनाथ विवि के नए कुलपति


गोरखपुर। जेएसएस एएचईआर (जेएसएस एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च) मैसूर, कर्नाटक के पूर्व कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के नए कुलपति होंगे। उनका चयन विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया है। डॉ. सिंह, वर्तमान कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी का स्थान लेंगे जिनका उपलब्धियों भरा कार्यकाल 14 नवंबर को पूरा गया।

एमबीबीएस और एमडी डिग्रीधारी डॉ. सुरिंदर सिंह जेएसएस एएचईआर मैसूर में कुलपति पद का कार्यकाल 4 नवंबर को पूर्ण कर चुके हैं। साथ ही भारत सरकार के औषधि महानियंत्रक भी रह चुके हैं। वह केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ बॉयोलॉजिकल के निदेशक, रीजनल ड्रग टेस्टिंग लैब के निदेशक, सेंट्रल ड्रग लैब में अपर निदेशक, सेंट्रल रिसर्च इंस्टिट्यूट में माइक्रोबायोलॉजी के सहायक निदेशक, सरदार पटेल राजकीय मेडिकल कॉलेज बीकानेर में माइक्रोबायोलॉजी के सहायक प्रोफेसर, एम्स नई दिल्ली में माइक्रोबायोलॉजी के सीनियर डेमोंस्ट्रेटर के रूप में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनके नेतृत्व में जेएसएस एएचईआर मैसूर ने देश के 25 टॉप यूनिवर्सिटी में अपना स्थान बनाया है। साथ ही जेएसएस एएचईआर को पांच सालों में 55 करोड़ रुपये का शोध अनुदान दिलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। डॉ. सुरिंदर सिंह की सेवाओं को देखते हुए ग्लोबल फार्मा इंडस्ट्री के क्षेत्र में लगातार तीन साल विश्व के सर्वाधिक प्रभावी लोगों (मोस्ट इंफ्लुएंशील पीपल) में शामिल किया जा चुका है। वह फार्मा बायो वर्ल्ड अवार्ड 2011, डॉ. बीसी राय मेमोरियल अवार्ड 2014, इनोवेशन लीडरशिप अवार्ड, वर्ष 2022 में टॉप 20 वाइस चांसलर ऑफ इंडिया अवार्ड समेत अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उनके नेतृत्व में स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय वर्कशॉप और प्रशिक्षण कार्यक्रमों का सफल आयोजन भी हो चुका है। 

अपना कार्यकाल पूर्ण करने वाले महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने नए कुलपति के रूप में डॉ. सुरिंदर सिंह का चयन करने पर कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ आभार जताते हुए कहा है कि डॉ. सुरिंदर सिंह के सुदीर्घ अनुभव से विश्वविद्यालय नई ऊंचाइयों को छुएगा। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय के प्रथम कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी के कार्यकाल में अनेक उपलब्धियां हासिल हुई हैं। उनके कार्यकाल में विश्वविद्यालय ने बीएएमएस, एमबीबीएस समेत रोजगारपरक अनेक पाठ्यक्रमों की शुरुआत की तो करीब तीन दर्जन ख्यातिलब्ध संस्थाओं से एमओयू किया गया।