बिहार की केन्द्र सरकार से मांग, लागू किया जाए वन नेशन-वन बिजली टैरिफ
डेस्क : बिहार ने एक बार फिर केंद्र सरकार से वन नेशन-वन टैरिफ (एक राष्ट्र-एक बिजली दर) की मांग की है। मंगलवार को दिल्ली में देशभर के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में बिहार ने यह मांग उठाई। बिहार से इस बैठक में सूबे के ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव शामिल हुए।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर हाल खट्टर की मौजूदगी में ऊर्जा मंत्री ने बिहार में बिजली के क्षेत्र में हुए कार्यों को गिनाया और कुछ लंबित परियोजनाओं की जल्द मंजूरी देने का अनुरोध किया। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि देश में एक टैक्स जीएसटी लागू है। वन नेशन-वन इलेक्शन की ओर हम बढ़ रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी है कि देश में सभी राज्यों के लिए बिजली दर भी एक समान हो। बिहार यह मांग लंबे समय से कर रहा है, इसलिए केंद्र सरकार को वन नेशन-वन टैरिफ की ओर अविलंब सकारात्मक कदम उठाना चाहिए। चूंकि बिहार को केंद्रीय बिजलीघरों से ही बिजली मिलती है, लेकिन बिहार को दूसरे राज्यों की तुलना में महंगी बिजली मिलती है। इसलिए कम से कम केंद्रीय बिजलीघरों से बिहार को एक दर पर ही बिजली मिलनी चाहिए।
राज्य में बिजली से संबंधित कार्यों का हवाला देते हुए ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बिहार के कई कार्यों का अनुशरण देश और अन्य राज्यों ने किया है। अभी प्रीपेड स्मार्ट बिजली मीटर लग रहे हैं। बिहार में सबसे अधिक स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाकर एक लंबी लकीर खींची है। देश के दर्जनभर राज्य बिहार आकर स्मार्ट प्रीपेड मीटर को देख चुके हैं।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राज्य में पावर सब स्टेशनों का आधुनिकीकरण होना है। इसके तहत उत्तर बिहार में 780 करोड़ 74 लाख से 64 पीएसएस, दक्षिण बिहार में 805 करोड़ 67 लाख से 63 पावर सब स्टेशनों का आधुनिकीकरण व 33 केवी और 11 केवी का तार बिछाए जाने हैं। फीडर को अलग करने के लिए इस योजना पर अविलंब काम होना जरूरी है। जमुई, मुंगेर, बांका, नवादा और लखीसराय के कई गांवों को ग्रिड से बिजली नहीं मिल पा रही है। इन जिले के गांवों को ग्रिड से बिजली उपलब्ध कराने वाली योजनाओं की भी मंजूरी आवश्यक है।
Nov 13 2024, 12:19