छठ महापर्व : पटना के उल्लारधाम में उमड़ा आस्था का जनसैलाब, लाखों की संख्या में व्रतियों ने दिया अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य
डेस्क : लोक आस्था का महापर्व छठ का आज तीसरे दिन डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया गया। पटना के विभिन्न छठ घाटों पर आस्था का जनसैलाब उमड़ा और डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। वहीं कल शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्ध्य के साथ इस महापर्व का समापन होगा। छठ महापर्व के उमंग में पूरा बिहार डूबा हुआ है। रंगीन रोशनी से नहा उठे पटना के गंगा घाटों की नयनाभिराम सुंदरता देखते ही बन रही है। हर गली, हर घर में छठी मइया के गीत गूंज रहे हैं।
वहीं पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र के दुल्हन बाजार प्रखंड स्थित भगवान भास्कर की नगरी उल्लारधाम में आस्था का जनसैलाब उमड़ा। लाखों श्रद्धालु छठव्रतियों ने अस्तचलगामी सूर्य (डूबते सूर्य) की पहली आर्ग देकर भगवान भास्कर और छठी मईया की सूर्य उपासना करते हुए भगवान भास्कर और छठी मइया की दरबार में हाजरी लगाते हुए पूजा अर्चना कर अपने परिवार की सुख शांति और समृद्धि की मंगलकामना करते हुए अपने मनोवांक्षित मनोकामनाएं पूर्ण करने की आशीर्वाद लिया।
गौरतलब है कि पटना जिले के पालीगंज अनुमंडल क्षेत्र के दुल्हन बाजार प्रखंड के उल्लारधाम स्थित द्वापर कालीन पौराणिक और ऐतिहासिक विश्व विख्यात सूर्य उपासना की बारह सूर्य पीठों में से एक मुख्य केंद्र स्थलियों में एक उल्लार्क सूर्य मंदिर है। जिसको द्वापरयुग भगवान श्रीकृष्ण के जामवंती पुत्र राजा शांब द्वारा स्थापित किया गया था।
ऐसी मान्यता है राजा शांब को दुर्वासा ऋषि की श्राप से पूरे शरीर में भयंकर कुष्ठ व्याधि हो गई थी। जिससे निजात पाने के लिए ऋषि दुर्वासा ने राजा शांब को कुष्ठ व्याधि से मुक्ति के लिए बारह अलग अलग जगहों पर बाहर सूर्य पीठों की स्थापना कर वहां बारह वर्ष सूर्य उपासना करने की उपाय बताए थे। जिसके बाद राजा शांब ने देश विभिन्न हिस्सों में कोणार्क, लोलार्क, पंडारक, देवार्क, अंगारक के साथ साथ बारह सूर्य पीठों में से एक उल्लार्क सूर्य मंदिर और एक तलाब की निर्माण कर यहां सूर्य उपासना किया था। जोकि अब उल्लारधाम के नाम से विश्व विख्यात और सुप्रसिद्ध है।
Nov 08 2024, 10:04