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कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार को स्थायी कर सकती है योगी सरकार, जानिये कैसे
लखनऊ । डीजीपी के चयन और नियुक्ति के लिए कैबिनेट के फैसले ने कई आईपीएस अफसरों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। मनोनयन समिति के गठन के बाद मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार को स्थायी करने पर मुहर लग सकती है। इससे उन्हें दो वर्ष तक डीजीपी की कुर्सी संभालने का मौका मिल सकता है। इससे वे 30 मई 2025 के बजाय 31 जनवरी 2026 को सेवानिवृत्त होंगे। उनकी सेवानिवृत्ति की अवधि पूरी होने के बाद 8 माह का अतिरिक्त समय मिलेगा।

दरअसल, प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद 8 डीजीपी तैनात किए जा चुके हैं। इनमें चार स्थायी थे। स्थायी में ओपी सिंह सर्वाधिक दो वर्ष तक डीजीपी रहे। अब कैबिनेट के हालिया फैसले से सीएम योगी के भरोसेमंद अफसरों में शामिल प्रशांत कुमार को भी 2 वर्ष तक डीजीपी की कुर्सी संभालने का मौका मिल सकता है। हालांकि इससे कई आईपीएस अफसर बिना डीजीपी बने सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इनमें पीवी रामाशास्त्री, आदित्य मिश्रा, संदीप सालुंके, दलजीत सिंह चौधरी, बिजय कुमार मौर्या, एमके बशाल, तिलोत्तमा वर्मा, आलोक शर्मा, अभय कुमार प्रसाद, दीपेश जुनेजा और नीरा रावत शामिल हैं। प्रशांत की सेवानिवृत्ति के बाद नए डीजीपी का चयन करने के लिए जुलाई 2026 के बाद ही सेवानिवृत्त होने वाले अधिकारियों के नाम पर विचार किया जाएगा।

यूपी के अलावा आठ अन्य राज्यों उत्तराखंड, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिसा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर में भी कार्यवाहक डीजीपी बनाए गए थे। इनमें से जम्मू-कश्मीर के डीजीपी आरआर स्वैन को बीते अगस्त में केंद्र सरकार ने स्थायी कर दिया था जिसके बाद वे 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो गए थे। बाकी 8 राज्यों में नियम विरुद्ध कार्यवाहक डीजीपी बनाने पर सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस जारी किया था। इसका जवाब दाखिल करने से पहले राज्य सरकार ने डीजीपी के चयन एवं नियुक्ति की नियमावली बनाकर खुद स्थायी डीजीपी बनाने का रास्ता साफ कर लिया है। इसके साथ ही स्थायी डीजीपी की तैनाती को लेकर यूपी सरकार और संघ लोक सेवा आयोग के बीच करीब ढाई साल से जारी खींचतान भी खत्म हो गई है।

16 अफसरों को किया था सुपरसीड

31 जनवरी 2024 को विजय कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद प्रशांत कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बनाया गया था। वे 16 आईपीएस अफसरों को सुपरसीड करके कार्यवाहक डीजीपी बनाए गए थे। इनमें मुकुल गोयल, आनंद कुमार, शफी अहसान रिजवी, आशीष गुप्ता, आदित्य मिश्रा, पीवी रामाशास्त्री, संदीप सालुंके, दलजीत सिंह चौधरी, रेणुका मिश्रा, बिजय कुमार मौर्या, सत्य नारायन साबत, अविनाश चंद्रा, संजय एम. तरडे, एमके बशाल, तनूजा श्रीवास्तव, सुभाष चंद्रा शामिल थे।
मंत्री ओपी राजभर के डायमंड अपार्टमेंट पुराना किला सदर स्थित फ्लैट से लाखों की चोरी

लखनऊ । मंत्री ओपी राजभर के डायमंड अपार्टमेंट पुराना किला सदर स्थित फ्लैट से लाखों की चोरी हो गई। दो सितंबर की घटना की रिपोर्ट हुसैनगंज कोतवाली में मंगलवार को दर्ज की गई। यह भी तब हुआ जब मंत्री के बेटे अरविंद राजभर के चालक को चोरी के माल के साथ अंबेडकर नगर से पकड़ा गया। इस पूरे मामले में लखनऊ और अंबेडकर नगर की पुलिस कुछ भी बोलने से कतरा रही हैं।

मूलरूप से बलिया निवासी संजय राजभर की ओर से रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। संजय का कहना है कि वह 10 वर्षों से अरविंद राजभर के यहां चालक की नौकरी कर रहे हैं। उन्होंने मेदांता अस्पताल में मुंह के कैंसर का ऑपरेशन कराया था। छुट्टी के बाद वह पत्नी संग मंत्री के फ्लैट पर वापस आ गए थे और इलाज करवा रहे थे।

संजय के मुताबिक दो सितंबर को सुबह नौ बजे मंत्री के यहां काम करने वाला एक अन्य चालक अंबेडकर नगर में जगदीशपुर के ग्राम मोहिउद्दीनपुर निवासी रामजीत राजभर डायमंड अपार्टमेंट आया था। आरोप है कि रामजीत ने पूछा था कि वह फ्लैट में कब तक रुकेगा। संजय ने बताया था कि वह इलाज के लिए जा रहे हैं और शाम तक आ आएंगे। रात में 09:56 बजे रामजीत ने फोन कर फ्लैट की चाबी के बारे में पूछा था। संजय का कहना है कि जब वह फ्लैट पर लौटे तो सारा सामान बिखरा था।

संजय का कहना है कि कमरे से उनके बैग में रखे 2.75 लाख रुपये, पत्नी की सोने की चेन, दो अंगूठी गायब थी। पीड़ित ने रामजीत को फोन मिलाया तो उसका नंबर बंद मिला। पीड़ित ने इसकी सूचना पुलिस को दी। तहरीर भी दी गई थी, लेकिन तब रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। पीड़ित ने रामजीत के साथी धानीगांव, महाराजगंज निवासी गोरख साहनी से संपर्क किया तो उसने रकम और जेवर दिलाने का आश्वासन दिया, लेकिन बाद में उसने भी फोन बंद कर लिया। पीड़ित की तहरीर पर अब रामजीत और गोरख के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई। गोरख खाना बनाने का काम करता है।

सोशल मीडिया पर मंत्री ओपी राजभर के घर से करोड़ों की नकदी चोरी की खबर मंगलवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। इसके बाद मंत्री के बेटे अरविंद राजभर ने वीडियो बयान जारी कर इसका खंडन किया। कहा कि, उनके एक चालक संजय राजभर के जेवर व नकदी चोरी हुई है। उधर, लखनऊ पुलिस की सूचना पर टांडा कोतवाली पुलिस ने आरोपी रामजीत को उसके घर से मंगलवार को हिरासत में ले लिया। लखनऊ पुलिस अंबेडकर नगर के लिए रवाना हो गई है। रामजीत की पत्नी गीता ने कहा कि मंत्री ओमप्रकाश की कार से सुबह कुछ लोग आए। इसके बाद रामजीत को पीटने लगे। आरोप है कि उनके साथ पुलिस भी थी। वे रामजीत को जबरन साथ ले गए। उनके साथ कुछ महिलाएं भी आई थीं, जो जबरन गीता व उनकी बेटियों को भी ले जाने पर आमादा थीं। आरोपी के पास से कितनी रकम बरामद की गई है, इसको लेकर पुलिस कुछ भी नहीं बोल रही है।
दुधवा टाइगर रिजर्व में अब सातों दिन पर्यटक उठा सकेंगे लुत्फ , मंगलवार को होने वाला अवकाश समाप्त
लखनऊ। ईको पर्यटन सत्र 6 नवंबर से प्रारंभ होगा। इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। सत्र 2024-25 में लखीमपुर के दक्षिणी खीरी वन प्रभाग में महेशपुर (मोहम्मदी) ईको टूरिज्म व बफर प्रभाग में भीरा पर्यटन सर्किट का भी शुभारंभ किया जा रहा है। वहीं पर्यटकों की सहूलियत को देखते हुए दुधवा टाइगर रिजर्व में मंगलवार को होने वाला अवकाश समाप्त कर दिया गया है। अब पर्यटक वहां सातों दिन घूम सकेंगे।

पर्यटकों की सुविधा के मद्देनजर नेचर गाइड भी तैनात किए गए

पर्यटकों की सुविधा के मद्देनजर नेचर गाइड भी तैनात किए गए हैं। योगी सरकार की तरफ से मिल रही सुविधाओं व सुरक्षित वातावरण के कारण ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन दुधवा टाइगर रिजर्व, पीलीभीत टाइगर रिजर्व, अमानगढ़ टाइगर रिजर्व व रानीपुर टाइगर रिजर्व में साल दर साल पर्यटकों की संख्या भी बढ़ रही है। बुधवार को योगी सरकार के वन व पर्यावरण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना कतर्नियाघाट, बहराइच से पर्यटन सत्र का शुभारंभ करेंगे।

योगी सरकार का निर्णय- शुल्क नहीं, सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी

वन, पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने पारिजात सभागार में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए यूपी में बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। योगी सरकार ने निर्णय लिया है कि इस वर्ष पर्यटन शुल्क नहीं बढ़ाया जाएगा, लेकिन सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। वन मंत्री ने बताया कि दुधवा में मंगलवार को होने वाला साप्ताहिक अवकाश भी समाप्त कर दिया गया है। इससे सातों दिन यहां प्रकृति का आनंद उठा सकेंगे। वहीं पर्यटकों के लिए 30 आतिथ्य कार्यकर्ता (हॉस्पिटैलिटी स्टॉफ) को प्रशिक्षित किया गया है। इन्हें इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट के माध्यम से हाउसकीपिंग व कुकिंग संबंधी प्रशिक्षण दिया गया है। वहीं ईको टूरिज्म बोर्ड की सहायता से दुधवा, कतर्नियाघाट, पीलीभीत व रानीपुर में नेचर गाइड का प्रशिक्षण भी कराया गया है। इन्हें द नेचर स्कूल बेंगलुरु के प्रशिक्षकों ने प्रशिक्षण दिया है।

प्रदेश के सभी ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन पर कार्यक्रम का होगा आयोजन

प्रदेश के सभी ईको टूरिज्म डेस्टिनेशन में इसका आयोजन किया जाएगा। इसका उद्देश्य आमजन को ईको पर्यटन का आनंद उठाने के लिए प्रेरित करना है। योगी सरकार के निर्देश पर इसमें प्रदेश सरकार के मंत्री, जनप्रतिनिधि आदि भी मौजूद रहेंगे। दुधवा, पीलीभीत, अमानगढ़ व रानीपुर टाइगर रिजर्व, कतर्नियाघाट, वन्य जीव बिहार, सोहेलवा वन्य जीव विहार, कैमूर वन्य जीव विहार, शहीद चंद्रशेखर आजाद पक्षी विहार नवाबगंज, सांडी पक्षी विहार हरदोई, लाख पक्षी विहार कन्नौज, महावीर स्वामी वन्य जीव विहार ललितपुर, चंद्रप्रभाग वन्य जीव विहार चंदौली, ओखला पक्षी विहार गौतमबुद्धनगर, रपड़ी ईको टूरिज्म सेंटर फिरोजाबाद आदि में भी आयोजन होगा।


दुधवा जाने के लिए सड़क और रेल मार्ग दोनों की सुविधा

दुधवा टाइगर रिजर्व उत्तर प्रदेश में एक संरक्षित क्षेत्र है जो मुख्य रूप से लखीमपुर खीरी और बहराइच जिलों में फैला है और इसमें दुधवा राष्ट्रीय उद्यान , किशनपुर वन्यजीव अभयारण्य और कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य शामिल हैं। यह 1,284.3 किमी 2 (495.9 वर्ग मील) के क्षेत्र को कवर करता है ।दुधवा टाइगर रिजर्व रेल और सड़क दोनों से सुलभ है। पूर्वोत्तर रेलवे की दुधवा शाखा-लाइन दुधवा/पलिया को लखनऊ, बरेली और गोंडा से जोड़ती है। दुधवा रेलवे स्टेशन पार्क के ठीक बीच में है जो दुधवा में पर्यटक परिसर से लगभग 4 किमी दूर है।

सड़क :
दिल्ली-मुरादाबाद-बरेली-पीलीभीत (या शाहजहाँपुर)-खुटार-मैलानी-पलिया-दुधवा (430 किमी)।
शाहजहाँपुर-पुवायाँ-खुटार-मैलानी-पलिया-दुधवा (लगभग 107 किमी)
बरेली-पीलीभीत-पूरनपुर-खुटार-मैलानी-पलिया-दुधवा (लगभग 178 किमी)


रेल :दिल्ली-मुरादाबाद-बरेली-शाहजहांपुर (एनआर 301 किमी) और फिर सड़क मार्ग से दुधवा (107 किमी)।

लखनऊ से :लखनऊ सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है। कई एयरलाइन्स भारत के प्रमुख शहरों से लखनऊ के लिए कई उड़ानें संचालित करती हैं। भारत के बाहर, 35 किलोमीटर की दूरी पर नेपाल सबसे नजदीकी हवाई अड्डा है।
सड़क :
लखनऊ-सीतापुर-लखीमपुर-गोला-खुटार-मैलानी-पलिया-दुधवा (248 किमी)।
लखनऊ-सीतापुर-लखीमपुर-बिजुआ-भीरा-मैलानी-पलिया-दुधवा (219 किमी)।
रेल:
निकटतम रेलवे स्टेशन दुधवा (4 किमी), पलिया (10 किमी) और मैलानी (37 किमी) हैं, हालांकि सबसे सुविधाजनक तरीका लखनऊ जाकर सड़क या रेल द्वारा दुधवा पहुंचना है।
लखनऊ-सीतापुर-लखीमपुर-गोला-मैलानी-पलिया-दुधवा (एनईआर) (लगभग 270 किमी)

प्रमुख शहरों से दूरी
लखनऊ: 238 किमी
दिल्ली: 410 किमी
मुंबई: 1277
बैंगलोर: 1697
राजस्व बढ़ाने के लिए नए स्रोत तलाशें: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में चालू वित्तीय वर्ष में कर-करेत्तर राजस्व प्राप्तियों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने बारी-बारी से जीएसटी, वैट, आबकारी, स्टाम्प एवं पंजीयन, परिवहन, भू-राजस्व और ऊर्जा में राजस्व संग्रह के लक्ष्य और उसके सापेक्ष प्राप्तियों का विवरण प्राप्त किया। साथ ही विभागीय अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इस अवसर पर वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल और स्टाम्प एवं पंजीयन मंत्री रवीन्द्र जायसवाल की उपस्थिति भी रही।

विविध माध्यमों से 1.16 लाख करोड़ से अधिक की राजस्व प्राप्ति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नियोजित प्रयासों से प्रदेश के कर-करेत्तर राजस्व संग्रह में सतत वृद्धि हो रही है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में 2 लाख 70 हजार करोड़ के राजस्व संग्रह के लक्ष्य के सापेक्ष अक्टूबर तक विविध माध्यमों से 1.16 लाख करोड़ से अधिक की राजस्व प्राप्ति हुई है। इसमें जीएसटी/वैट से लगभग 64 हजार करोड़, एक्साइज टैक्स के रूप में 26 हजार करोड़, स्टाम्प एवं पंजीयन से 17700 करोड़, खनन से 2000 करोड़ तथा परिवहन से 6,300 करोड़ से अधिक का संग्रहित कर राजस्व सम्मिलित है। यह स्थिति संतोषजनक कही जा सकती है। यह जनता से एकत्रित राशि है जो प्रदेश के विकास में, जनता के हित में, लोक कल्याणकारी कार्यों में व्यय होगी।

राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए हमें नए स्रोत भी बनाने चाहिए

अधिकारियों को उन्होंने निर्देश दिया कि राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए हमें नए स्रोत भी बनाने चाहिए। हर जिले को दिए गए टारगेट की साप्ताहिक, पाक्षिक और मासिक समीक्षा करें। राजस्व संग्रह बढ़ोतरी के लिए किए गए प्रयासों के आधार पर हर एक अधिकारी की रिपोर्ट तैयार करें।मुख्यमंत्री ने कहा कि लगातार प्रयासों से आज प्रदेश में 31 लाख से अधिक GST पंजीकृत व्यापारी हैं। इसे और बढ़ाया जाना चाहिए। प्रदेश में अपार संभावनाएं हैं, उसका लाभ उठाने की आवश्यकता है। अधिकारियों की जवाबदेही तय करें। पोस्टिंग मेरिट के आधार पर ही होनी चाहिए।

अभी कार्यशैली में व्यापक सुधार की जरूरत

जीएसटी की चोरी, अपवंचन की कोशिशों को रोकने के लिए सजगता बढ़ाये जाने की जरूरत है। विशेष अनुशासनिक इकाइयों और सचल दल इकाइयों की सक्रियता और बढ़ाये जाने की जरूरत है। यद्यपि हाल के समय में इनकी सजगता से कर चोरी पर प्रभावी रोक लगाने में सफलता मिली है। फिर भी अभी कार्यशैली में व्यापक सुधार की जरूरत है।राजस्व बढ़ोतरी में एक्साइज विभाग की बड़ी भूमिका है। जिलेवार टारगेट की साप्ताहिक समीक्षा करें। जहां भी लापरवाही हो रही हो, संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई में देर न करें।

इण्डस्ट्री से संवाद करें, तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करें

यह सुनिश्चित कराएं कि डिस्टिलरी में जीरो लिक्विड डिस्चार्ज हो। नदियां इनके वेस्ट से प्रदूषित न हों। इण्डस्ट्री से संवाद करें, तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित करें।अवैध मदिरा, कच्ची शराब बनाने और बेचने की गतिविधियों को बंद करने में हमें सफलता मिली है। ऐसी गतिविधियों पर कार्रवाई लगातार जारी रखी जानी चाहिए। दूसरे प्रदेशों से अनधिकृत मदिरा प्रदेश में न आने पाए, इसके लिए हर समय एक्टिव रहना होगा। राजस्व संग्रह लक्ष्य के सापेक्ष आबकारी विभाग द्वारा और बेहतर प्रयास किया जाना अपेक्षित है।उन्होंने कहा कि सामान्य जन की जरूरतों को दृष्टिगत रखते हुए स्टाम्प एवं निबंधन से जुड़े नियमों को और सरल बनाया जाना चाहिए। बिल्डर-बायर्स के बीच समस्याओं का समाधान तेजी के साथ किया जाए।

बायर को उसके फ्लैट की रजिस्ट्री समय से मिलनी चाहिए

आवास विकास, विकास प्राधिकरण अथवा निजी बिल्डर, जहां कहीं भी रजिस्ट्री लंबित है, दोनों पक्षों से संवाद कर हल निकालें। हमें हर एक बायर के हितों की सुरक्षा करनी है। बायर को उसके फ्लैट की रजिस्ट्री समय से मिलनी चाहिए। इसके लिए हर आवश्यक कदम उठाए जाएं। रजिस्ट्री से राजस्व बढ़ाने, नए विकल्पों पर भी विचार किया जाए।बिना परमिट, बिना फिटनेस एक भी वाहन सड़क पर नहीं आनी चाहिए। दुर्घटनाओं को कम करने के लिए जागरुकता बढाएं।मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन सत्र प्रारंभ हो चुका है। अवैध खनन, ओवरलोडिंग की गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाई जाएं। खनन में काफी पोटेंशियल है, इसे पहचानें और राजस्व बढ़ाने के प्रयास करें।
पत्नी,दो बेटों और बेटी की गोली मार कर हत्या करने के बाद खुद को मारी गोली, मौत


लखनऊ/वाराणसी। भेलूपुर थाना क्षेत्र के भदैनी स्थित पॉवर हाउस के सामने की गली में अपनी पत्नी,दो बेटों और बेटी की गोली मार कर हत्या करने वाले राजेन्द्र गुप्ता ने खुद भी मंगलवार शाम मौत को गले लगा दिया। राजेन्द्र की लाश रोहनिया स्थित उसके आवास में मिली। सूचना पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। शव के बगल में छानबीन के दौरान पुलिस को पिस्टल भी मिली। संभावना जताई गई कि राजेन्द्र ने अपने पूरे परिवार की हत्या के बाद खुद के कनपटी में गोली मार लिया। घटना को लेकर पूरा शहर स्तब्ध है। भेलूपुर पुलिस ने पॉचों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

घर देर तक बंद देख पुलिस को घटना की जानकारी दी

शराब कारोबारी राजेन्द्र गुप्ता भदैनी पॉवर हाउस के सामने की गली में अपनी पत्नी नीतू, बेटी गौरांगी और बेटों नवनेंद्र व सुबेंद्र के साथ रहता था। मंगलवार को पड़ोसियों ने उसका घर देर तक बंद देख पुलिस को घटना की जानकारी दी। भेलूपुर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर कमरा खुलवाया तो नीतू, उसकी बेटी गौरांगी और दोनों पुत्र नवनेंद्र व सुबेंद्र खून से लथपथ मृत पड़े थे। घर से शराब कारोबारी गायब था। हृदय विदारक घटना की जानकारी पाते ही मौके पर पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल भी पहुंच गए।

तांत्रिक ने परिवार को बताया प्रगति में बाधक

अफसरों ने फॉरेंसिक एक्सपर्ट और डॉग स्क्वॉड के साथ देर तक मौके पर छानबीन किया। छानबीन में सामने आया कि राजेंद्र गुप्ता किसी तांत्रिक नुमा ज्योतिष के संपर्क अक्सर दिखता था। तांत्रिक ने राजेन्द्र को बताया था कि उसकी प्रगति की राह में उसकी पत्नी नीतू गुप्ता और बच्चे बाधक हैं। इसके बाद राजेंद्र पत्नी पर छुट्टी का दबाब बना रहा था। माना जा रहा है कि इसी वजह से उसने अपने पूरे परिवार को मौत की नींद सुला दी।

राजेन्द्र अपने पिता,भाई और उसकी पत्नी की भी हत्या किया था

शराब कारोबारी राजेन्द्र गुप्ता ने लगभग 27 साल पहले अपने पिता लक्ष्मी नारायण गुप्ता, गार्ड, भाई कृष्णा गुप्ता और उनकी पत्नी मंजू की हत्या कर चुका था। वह जेल से सजा काटकर इन दिनों अपने घर आया हुआ था। पुलिस अफसरों के अनुसार वाराणसी शहर में राजेंद्र गुप्ता के चार बड़े मकान हैं। चारों घरों से कई लाख रुपए किराया परिवार को मिलता है। पिता लक्ष्मी नारायण गुप्ता से इन संपत्तियों को लेकर ही राजेन्द्र विवाद करता था। इसी विवाद में पिता, गार्ड, भाई और उसकी पत्नी की हत्या की थी।

हर माह 10 लाख से ज्यादा की आमदनी

बाबा और पिता के बूते ही राजेंद्र का भदैनी में आलीशान मकान और जमीन है। शिवाला में उसकी जमीन पर ही देसी शराब का ठेका है। किरायेदार भी रहते हैं। मीरापुर रामपुर गांव में वह मकान बनवा रहा था। इसके अलावा छित्तूपुर सहित कुछ जगहों जमीन खरीदी थी। राजेंद्र के करीबियों ने बताया कि भदैनी व शिवाला के किरायेदारों और शराब ठेका संचालक से प्रति माह राजेंद्र को 10 लाख रुपये से ज्यादा किराया मिलता था।

हत्या, दो शादी और एक महिला से नजदीकी को ध्यान में रख जांच कर रही पुलिस

पुलिस के अनुसार, राजेंद्र पर उसके पिता व एक चौकीदार के साथ ही छोटे भाई व भाई की पत्नी की हत्या का आरोप था। ये घटनाएं वर्ष 1997 की हैं। इसी आरोप में राजेंद्र जेल भी गया था। पुलिस के मुताबिक, राजेंद्र ने दो शादी की थी। हाल के दिनों में एक अन्य महिला से भी उसकी करीबी बढ़ी थी। राजेंद्र की पहली पत्नी अपने बेटे के साथ कई साल से पश्चिम बंगाल के आसनसोल में रहती है। इन्हीं सभी बिंदुओं को वारदात की वजह मान कर सीसीटीवी कैमरों की फुटेज, सर्विलांस और मुखबिरों की मदद से पुलिस की 10 टीमें जांच कर रही हैं।
ब्राह्मण की हत्या पर क्यों सन्नटा,सवर्ण समाज की आवाज दब रही है : सूरज प्रसाद चौबे

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में नहीं थम रही है ब्राह्मण हत्या,हत्याएं का सिल सिला थमने का नाम नहीं ले रहा है,कुछ दिवस पहले लखनऊ में पुलिस कस्टडी में मोहित पांडेय की मृत्यु, दो दिन पूर्व प्रयागराज में एक ब्राह्मण परिवार का नरसंहार,किया गया । पवन दुबे, जितेन्द्र दुबे को बिकास यादव,रतन यादव विपिन यादव आदि लड़ी डंडों से पीट पीट कर मार डाला,आज लखनऊ में 75 वर्षीय रामचरण शुक्ला जो सायकिल चलते थे कथा सुनाकर जीवनयापन करते थे बहुत ही गरीब थे।

मैनपुरी में रवि शर्मा आटा की चक्की चलाते थे साथ में भतीजा कृष्णा शर्मा को शिशुपाल यादव,लव यादव ने मिल कर गोली मारकर हत्या कर दी । लगातार हो रही ब्राह्मण की हत्याओं को कोई मीडिया नहीं दिखा रहा है न ही टी बी पर डिबेट हो रहा है। इस तरह से हो रही हत्याओं से न सिर्फ परिवारों को तोड़ा बल्कि पूरे सवर्ण समाज को चिंता में डाल दिया,उत्तर प्रदेश सरकार को तत्काल सख्त कदम उठाने होगे क्या योगी जी की सरकार में ब्राह्मणों को न्याय मिलेगा।

क्या आरोपियों के घर बुलडोजर चलेगा, क्या चोरी तक की घटनाओं में एनकाउंटर करने वाली पुलिस इन आरोपियों का एनकाउंटर करेगी,यादव होते तो अखिलेश यादव बोलते,राजभर होते तो ओमप्रकाश राजभर बोलते,निषाद होते तो संजय निषाद बोलते पर ब्राह्मण सवर्ण की हत्या हो रही है कोई नहीं बोल रहा है क्या ब्राह्मण सवर्ण भारत का नागरिक नहीं है दशकों से अत्याचार अन्याय दुष्प्रचार झेल रहे सवर्ण जल्दी ही देश व्यापी प्रदर्शन करेंगे क्या प्रदेश ब्राह्मणों के लिए नया जम्मू कश्मीर बनता जा रहा है उक्त बाते सवर्ण समाज की हुई आपात बैठक में बोलते हुए सवर्ण आर्मी उत्तर प्रदेश महासचिव सुरज प्रसाद चौबे ने कही।

औरंगजेब ने देश को लूटा,आलमगीर ने झारखंड को : सीएम योगी
लखनऊ /कोडरमा (झारखंड)।  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कोडरमा जिले के डोमचांच में चुनावी सभा को सम्बोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। योगी ने मुगल शासक औरंगजेब का जिक्र करते हुए जेल में बंद कांग्रेस नेता आलमगीर आलम पर हमला किया। उन्होंने कहा कि एक औरंगजेब था, जिसने देश को लूटा, एक आलमगीर है, जिसने झारखंड को लूट लिया। उनके घर से नोटों की गड्डी मिली थी। योगी ने कहा कि भाजपा देश की सुरक्षा की गारंटी है।

देश के स्वाभिमान की गारंटी है। युवाओं के रोजगार की गारंटी है। महिलाओं के लिए सम्मान और स्वालंबन की गारंटी है। विरासत और विकास के समंवय की गारंटी भी है। जब कांग्रेस के लोग सत्ता में थे तब अयोध्या में दुर्व्यवस्थाएं थीं। राम मंदिर का निर्माण ना हो इसके लिए उनके द्वारा रोड़े अटकाए जाते थे। अयोध्या में अब 500 वर्षों के बाद भव्य दीपोत्सव मनाया गया। हर भारतवासी के लिए इससे ज्यादा सम्मान और क्या हो सकता है। उन्होंने झारखंड के लोगों ने चुनाव के बाद अयोध्या जाने की गुजारिश की। योगी ने कहा कि 2017 के बाद यूपी में बुलडोजर चलवाना शुरू किया, उसके बाद से कुछ जेल में हैं और कुछ का राम नाम सत्य हो गया।

यूपी से माफिया का सफाया हो गया है। यूपी से सब माफिया गायब हो गए हैं। उन्होंने कहा कि जैसे गधे के सिर से सींग गायब हो जाता है वैसे ही अब यूपी में माफिया गायब हो गए हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी झामुमो पर निशाना साधते हुए योगी ने कहा कि जेएमएम वाले सरकारी नौकरी नहीं दे पा रहे है। भर्ती नहीं करवा पा रहे हैं लेकिन 5 साल में 5 लाख रोजगार देंगे हम। योगी ने कहा कि भाजपा देश में सुरक्षा की गारंटी देती है। देश की सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकते है। आज चीन की सेनाएं पीछे हट रही हैं। पाकिस्तान भारत का नाम सुनकर कांपता है। पाकिस्तान यूएन में कहता है, भारत हमला कर सकता है। सरकार ऐसी ही होनी चाहिए, जिससे दुश्मन डरे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर की समस्या का समाधान किया है।

योगी ने कहा कि डबल इंजन की सरकार से विकास होगा। जहां भाजपा की सरकारें वहां विकास हुआ। भाजपा ने विकास का एक मॉडल दिया। कांग्रेस सत्ता में रही देश में कुछ नहीं किया। गरीबों के लिए ईमानदारी से योजना नहीं चलाई। भाजपा ने आस्था, विरासत का सम्मान किया है। योगी ने कहा कि यह शहीदों की पावन धरा है। मैं पावन धरा को प्रणाम करने पहुंचा हूं। आज से छठ पर्व शुरू होने जा रहा है। छठ माई आप सबके जीवन में खुशहाली लायें। इसकी भी कामना करता हूं। उन्होंने लोगों से हाथ उठवाकर कोडरमा में भाजपा प्रत्याशी डॉ नीरा यादव और बरकट्ठा से अमित यादव को वोट देने की अपील की। सभा को कोडरमा सांसद और केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, कोडरमा प्रत्याशी और विधायक डॉ नीरा यादव, बरकट्ठा के अमित यादव ने भी सम्बोधित किया। इसके पूर्व कार्यक्रम को रामचंद्र सिंह, डॉ नरेश पंडित, प्रदीप केडिया, रवि मोदी, अम्बिका सिंह, श्यामसुंदर सिंघानिया, महेंद्र वर्मा, सत्यनारायण यादव, आत्मानंद पांडेय ने भी सम्बोधित किया। सभा की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष अनूप जोशी जबकि संचालन महामंत्री शिवेंद्र नारायण ने किया।
अखिलेश यादव ने पुलिस नियमावली पर उठाये सवाल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के विरुद्ध मुख्य विपक्ष की भूमिका निभाते समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव दिखायी दे रहे हैं। अखिलेश यादव लगातार प्रदेश सरकार के निर्णयों, घोषणाओं पर प्रत्यक्ष एवं सोशल मीडिया के माध्यम से सवाल उठा रहे हैं। मंगलवार को भी अखिलेश ने उप्र पुलिस के नये नियमावली पर सवाल उठाये हैं।

व्यवस्था बनाने वाले खुद दो साल रहेंगे या नहीं

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स के माध्यम से अपनी बातों को रखते हुए कहा कि सुना है किसी बड़े पुलिस अधिकारी को स्थायी पद देने और उसका कार्यकाल दो साल बढ़ाने की व्यवस्था बनाई जा रही है। सवाल ये है कि व्यवस्था बनाने वाले खुद दो साल रहेंगे या नहीं। कहीं ये दिल्ली के हाथ से लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश तो नहीं है। दिल्ली बनाम लखनऊ दो।

इस निर्णय के लिए यूपीएससी के ऊपर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा

जानकारी हो कि उत्तर प्रदेश में कैबिनेट की बैठक के बाद पुलिस महानिदेशक के पद को लेकर अहम नियमावली को मंजूरी दी गयी है। नये नियमावली के अंतर्गत प्रदेश सरकार अपनी बनायी समिति के चयन पर किसी होनहार एवं तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी को पुलिस महानिदेशक बना सकेगी। आगे से प्रदेश सरकार को इस निर्णय के लिए यूपीएससी के ऊपर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

प्रशांत कुमार इसी वर्ष मई माह में सेवानिवृत हो जायेंगे

प्रदेश के कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार इसी वर्ष मई माह में सेवानिवृत हो जायेंगे। प्रदेश सरकार के इस अहम फैसले से पुलिस महानिदेशक पद पर कोई पूर्णकालिक पुलिस महानिदेशक बैठेगा। ऐसा तीन वर्ष की अवधि के बाद होगा। बीते तीन वर्षो में कोई पूर्णकालिक पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश में नहीं बैठ सका है।
अब डीजीपी की सीधे नियुक्ति कर सकेगी राज्य सरकार, कैबिनेट ने नियुक्ति नियमावली 2024 को दी मंजूरी
लखनऊ । प्रदेश में अब डीजीपी की नियुक्ति राज्य सरकार के स्तर से ही हो सकेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट ने इस बाबत पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश के पुलिस बल प्रमुख) चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2024 को मंजूरी प्रदान कर दी। इसमें हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में मनोनयन समिति गठित करने का प्राविधान किया गया है। वहीं डीजीपी का न्यूनतम कार्यकाल दो वर्ष निर्धारित किया गया है।

मनोनयन समिति में मुख्य सचिव, संघ लोक सेवा आयोग द्वारा नामित अधिकारी, उप्र लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या नामित अधिकारी, अपर मुख्य सचिव गृह, बतौर डीजीपी कार्य कर चुके एक सेवानिवृत्त डीजीपी सदस्य होंगे। इस नियमावली का उद्देश्य डीजीपी के पद पर उपयुक्त व्यक्ति की नियुक्ति के चयन के लिए स्वतंत्र एवं पारदर्शी तंत्र स्थापित करना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसका चयन राजनीतिक या कार्यकारी हस्तक्षेप से मुक्त है। साथ ही प्रदेश की विशिष्ट दशाओं तथा पुलिसिंग आवश्कताओं के अनुरूप भी है।

डीजीपी का चयन राज्य सरकार द्वारा पुलिस बल का नेतृत्व करने के लिए उनकी सेवा अवधि, सामान्यत: बहुत अच्छे सेवा रिकॉर्ड और अनुभव की सीमा के आधार पर किया जाना प्राविधानित किया गया है। मनोनयन समिति उन अधिकारियों के नाम पर विचार करेगी, जिनकी सेवानिवृत्ति में छह माह से अधिक शेष है। केवल उन नामों पर ही विचार किया जाएगा, जो वेतन मैट्रिक्स के स्तर 16 में डीजीपी के पद पर कार्यरत हैं।


डीजीपी को पद से हटाने से संबंधित प्राविधानों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित दिशा-निर्देशों का पालन किया गया है। किसी आपराधिक मामले में या भ्रष्टाचार के मामले में, या यदि वह अन्यथा अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का निर्वहन करने में विफल है, तो राज्य सरकार द्वारा उन्हें दो वर्ष की अवधि पूरी होने से पहले जिम्मेदारियों से मुक्त किया जा सकता है।बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में वर्ष 2006 में पुलिस सुधारों को लेकर दायर याचिका पर पारित निर्णय एवं आदेश के मुताबिक राज्य सरकारों से एक नवीन पुलिस अधिनियम बनाने की आशा की गई थी, ताकि पुलिस व्यवस्था को किसी भी दबाव से मुक्त रखा जा सके। साथ ही नागरिकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के साथ विधि का शासन स्थापित किया जा सके।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों डीजीपी की नियुक्ति करने पर 8 राज्यों का अवमानना का नोटिस जारी किया था। इसमें यूपी भी शामिल था। दरअसल, यूपी में बीते ढाई साल में लगातार कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती की जा रही है। मुकुल गोयल को डीजीपी के पद से हटाने के बाद संघ लोक सेवा आयोग में नये डीजीपी के चयन का पैनल नहीं भेजा गया। लगातार कार्यवाहक डीजीपी की तैनाती को लेकर सवाल भी उठते रहे हैं। राज्य सरकार नई नियमावली लाकर इन पर विराम लगा दिया है।

स्थायी डीजीपी के लिए भेजना पड़ता है पैनल
दरअसल, स्थायी डीजीपी की तैनाती के लिए संघ लोक सेवा आयोग को अधिकारियों के नाम का पैनल भेजना होता है। आयोग इनमें से तीन वरिष्ठ अधिकारियों के नाम का चयन करके राज्य सरकार को उनमें से किसी एक को चुनने का विकल्प देता है। विजिलेंस क्लीयरेंस के बाद राज्य सरकार तीनों में से उपयुक्त अधिकारी का चयन करती है।

ढाई साल में बने कार्यवाहक डीजीपी
डीएस चौहान
आरके विश्वकर्मा
विजय कुमार
प्रशांत कुमार
परियोजनाओं में गड़बड़ी मिली तो जेई से लेकर चीफ इंजीनियर तक सब की जवाबदेही तय होगी : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सड़क निर्माण की परियोजना तैयार करते समय स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखें। प्रत्येक परियोजना के लिए समयबद्धता और गुणवत्ता अनिवार्य शर्त है, इससे समझौता नहीं किया जा सकता। गड़बड़ी पर जेई से लेकर चीफ इंजीनियर तक सबकी जवाबदेही तय होगी। एग्रीमेंट के नियमों का उल्लंघन होगा तो कांट्रेक्टर ब्लैकलिस्ट होगा और कठोर कार्रवाई भी होगी। पेटी कॉन्ट्रेक्टर की व्यवस्था स्वीकार नहीं की जानी चाहिए।

सीएम ने  गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए दिशा-निर्देश दिए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लोक निर्माण विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की और निर्माणकार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि डीपीआर को अंतिम रूप देने के साथ ही कार्य प्रारंभ करने और समाप्त होने की तिथि सुनिश्चित कर ली जानी चाहिए और फिर इसका कड़ाई से अनुपालन किया जाए। बजट की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। पूर्ण हो चुके कार्यों की थर्ड पार्टी ऑडिट भी कराई जाए।

विकास में संतुलन सबसे आवश्यक

सड़क और सेतु हो अथवा आमजन से जुड़ी अन्य निर्माण परियोजनाएं, स्वीकृति देने से पहले उसकी लोक महत्ता का आंकलन जरूर किया जाए। विकास में संतुलन सबसे आवश्यक है। पहले आवश्यकता की परख करें, प्राथमिकता तय करें, फिर मेरिट के आधार पर किसी सड़क अथवा सेतु निर्माण की स्वीकृति दें। विकास कार्यों का लाभ सभी 75 जनपदों को मिले। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय तहसील/ब्लाक मुख्यालय योजना अंतर्गत प्रदेश के समस्त तहसील/ब्लॉक मुख्यालय को जिला मुख्यालय से न्यूनतम दो लेन मार्गों से जोड़े जाने का कार्य तेजी से पूरा किया जाए। एक भी तहसील-एक भी ब्लॉक इससे अछूता न रहे।

भव्य 'मैत्री द्वार' बनाने का कार्य तेजी के साथ पूरा कराएं

प्रदेश के अंतरराज्यीय तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भव्य 'मैत्री द्वार' बनाने का कार्य तेजी के साथ पूरा कराएं। जहां भूमि की अनुपलब्धता हो, तत्काल स्थानीय प्रशासन से संपर्क करें। द्वार सीमा पर ही बनाए जाएं। यह आकर्षक हों, यहां प्रकाश व्यवस्था भी अच्छी हो। अब तक 96 मार्गों पर प्रवेश द्वार पूर्ण/निर्माणाधीन हैं। अवशेष मार्गों पर प्रवेश द्वार निर्माण की कार्यवाही यथाशीघ्र पूरी कर ली जाए।

चीनी उद्योग विभाग की सड़कों के निर्माण में प्राथमिकता दें

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग की सड़कों का निर्माण अब लोक निर्माण विभाग द्वारा ही किया जा रहा है। यह किसानों-व्यापारियों के हित से जुड़ा प्रकरण है, इसे प्राथमिकता दें। यहां गड्ढे नहीं होने चाहिए।अभी लगभग 6000 किमी सड़कों का पुनर्निर्माण/चौड़ीकरण/सुदृढ़ीकरण किया जाना है। इन्हें एफडीआर तकनीक से बनाया जाना चाहिए। इसके लिए बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी।

मार्ग का चयन मानक के अनुरूप ही हो

धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्गों पर अच्छी सड़कें हों, पर्यटकों/श्रद्धालुओं को आवागमन में सुविधा हो, सड़कों के निर्माण/चौड़ीकरण किये जा रहे हैं। इसमें प्रत्येक जिले के सिख, बौद्ध, जैन, वाल्मीकि, रविदासी, कबीरपंथी सहित सभी पंथों/ संप्रदायों के धार्मिक, ऐतिहासिक,पौराणिक महत्व के स्थलों को जोड़ा जाए। मार्ग का चयन मानक के अनुरूप ही हो। जनप्रतिनिधियों से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर धर्मार्थ कार्य विभाग और संबंधित जिलाधिकारी के सहयोग से इसे समय से पूरा कराएं।

कहीं भी अनावश्यक वृक्ष नहीं कटने चाहिए

सड़क निर्माण, चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण के कार्यों में पर्यावरण संरक्षण की भावना का पूरा ध्यान रखा जाए। कहीं भी अनावश्यक वृक्ष नहीं कटने चाहिए। सड़क निर्माण की कार्ययोजना में मार्ग के बीच आने वाले वृक्षों के संरक्षण को अनिवार्य रूप से सम्मिलित करें।देवरिया-बरहज मार्ग का सुदृढ़ीकरण किया जाना आवश्यक है। इस संबंध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करें।

चयनित मार्गों को यथासंभव फोर लेन मार्ग से जोड़ा जाना चाहिए

औद्योगिक विकास विभाग, एमएसएमई एवं जैव ऊर्जा विभाग द्वारा डिफेंस कॉरिडोर, औ‌द्योगिक लॉजिस्टिक्स पार्क, औ‌द्योगिक क्षेत्र और प्लेज पार्क योजना जैसी बड़े महत्व की योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इन औद्योगिक क्षेत्रों तक आने-जाने के लिए चयनित मार्गों को यथासंभव फोर लेन मार्ग से जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे राज्य मार्ग जो वर्तमान में दो-लेन एवं दो-लेन से कम चौड़े हैं उन्हें लोक महत्ता के अनुरूप न्यूनतम दो-लेन विद पेव्ड शोल्डर की चौड़ाई में निर्माण किया जाना चाहिए।

जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव लें, प्राथमिकता तय करें

सभी विधानसभाओं के प्रमुख जिला मार्गों को न्यूनतम दो-लेन (7 मीटर) एवं अन्य जिला मार्गों को न्यूनतम डेढ़-लेन (5.50 मीटर) चौडाई में निर्माण कराया जाए। जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव लें, प्राथमिकता तय करें और कार्य प्रारंभ कराएं।क्षतिग्रस्त सेतु, जनता द्वारा निर्मित अस्थाई पुल, संकरे पुल, बाढ़ के कारण प्रायः क्षतिग्रस्त होने वाले मार्गों पर पुल तथा सार्वजनिक, धार्मिक एवं पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण मार्गों पर सेतु निर्माण को प्राथमिकता में रखें। हर विधानसभा में जरूरत के अनुसार 03 लघु सेतुओं के निर्माण की कार्ययोजना तैयार करें।

रेल ओवरब्रिज, रेल अंडरब्रिज से जुड़े प्रस्तावों को भारत सरकार को भेजें

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी दीर्घ सेतु क्षतिग्रस्त हैं, उन्हें तत्काल ठीक कराया जाए। सभी जिलों से प्रस्ताव लें, जहां दीर्घ सेतु की आवश्यकता हो, कार्ययोजना में सम्मिलित करें। शहरी क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त/संकरे सेतुओं के स्थान पर नये सेतुओं का निर्माण कराया जाना आवश्यक है। इसका लाभ सभी जिलों को मिलना चाहिए। रेल ओवरब्रिज, रेल अंडरब्रिज से जुड़े प्रस्तावों को तत्काल भारत सरकार को भेजें। राज्य सरकार द्वारा इसमें हर जरूरी सहयोग किया जाए।शहरों की घनी आबादी को जाम से मुक्ति दिलाने हेतु बाईपास रिंगरोड, फ्लाईओवर निर्माण कराया जाना चाहिए। निर्माण कार्य का प्रस्ताव शहर, कस्बे की आबादी एवं प्राथमिकता के आधार पर तैयार किया जाए।

इंटर-कनेक्टिविटी प्रदान किये जाने हेतु सम्पर्क मार्ग का निर्माण भी हो

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर ऐसी बसावट या ग्राम जिसकी आबादी 250 से अधिक हो तथा मार्ग की लम्बाई 1.00 किमी या उससे अधिक हो, उन्हें एकल कनेक्टिीविटी प्रदान किये जाने हेतु संपर्क मार्ग का निर्माण कराया जाए। इसी प्रकार, दो ग्रामों को जिनकी आबादी 250 से अधिक है, को इंटर-कनेक्टिविटी प्रदान किये जाने हेतु सम्पर्क मार्ग का निर्माण भी हो। इसके लिए सर्वे कराएं, आवश्यकता को परखें, फिर निर्णय लें।