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सीएम नीतीश कुमार ने किया एलान, पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा बिहार की स्वर कोकिला डॉ. शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार

* डेस्क : बिहार कोकिला के नाम से मशहूर लोक गायिका पद्म भूषण शारदा सिन्हा का बीते मंगलवार की रात दिल्ली एम्स में निधन हो गया। 72 वर्षीय लोक गायिका शारदा सिन्हा को पिछले 3 अक्टूबर को एम्स के कैंसर संस्थान, इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पिटल की गहन देखभाल इकाई में भर्ती कराया गया था। एम्स में उन्हें कृत्रिम सांसें दी जा रही थीं। छठी मइया अपनी इस लाडली बेटी पर कृपा करेंगी और वह हम सबों के बीच होंगी पर वह दुखदायी खबर आ ही गई। चार दिवसीय पावन महापर्व छठ पर ही छठी मइया की इस दुलारी बेटी इहलोक से प्रस्थान कर गयी। इधर उनके निधन पर बिहार के साथ-साथ देश भर के संगीत प्रेमियों में शोक का लहर व्याप्त है। उनका पार्थिव शरीर आज दिल्ली से पटना लाया जाएगा। वहीं उनके निधन पर सीएम नीतीश कुमार ने गहरा शोक प्रकट करते हुए उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किये जाने का एलान किया है। डॉ. शारदा सिन्हा पिछले पांच दशकों से बिहार की लोकगायन परम्परा की सशक्त हस्ताक्षर रहीं। उन्होंने भोजपुरी, मैथिली और मगही लोक संगीत को न सिर्फ बिहार और उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे देश और विश्व में पहचान दिलाई। उन्होंने बिहार और उत्तर प्रदेश के गांवों में गाये जाने वाले पारंपरिक गीतों नए अंदाज में पेश कर उन्हें राष्टीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाया। उनके निधन से जहां बिहार का हर तबका शोकाकुल है वहीं पूरे देश के संगीत प्रेमियों में शोक की लहर है। उनका निधन ऐसे समय में हुआ है जबकि पूरे देश में छठ की छटा के बीच शारदा सिन्हा के गीत गूंज रहे हैं।
छठ को लेकर पटना जिला प्रशासन ने जारी की एडवाइजरी, जानिए पूरा डिटेल*

डेस्क : लोक आस्था का महापर्व छठ पर गंगा घाटों पर भारी भीड़ उमड़ती है। लाखों लाख की संख्या में लोग पटना के गंगा घाटों पर छठ करने को पहुंचते है। व्रतियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिहाज से जिला प्रशासन ने इस संबंध में जिला प्रशासन ने पटना वासियों के लिए एडवाजरी जारी की है। जिला प्रशासन की ओर से जारी एडवाइजरी के अनुसार नदी में 8 नवंबर तक निजी नाव का बिना अनुमति परिचालन पर रोक लगा दी गई है। गंगा किनारे छठ घाटों, तालाबों और पार्कों में आतिशाबाजी पर भी रोक होगी। घाटों पर अत्यधिक भीड़ होती है। ऐसे में पटाखा फोड़ने से भगदड़ या किसी तरह की अनहोनी होने की संभावना बनी रहती है। वहीं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से भी छठ महापर्व के सुरक्षित आयोजन के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। जनसुरक्षा के दृष्टिकोण से जिला प्रशासन सभी छठव्रतियों, श्रद्धालुओं और आम जनता से इन सलाह का अनुपालन करने की अपील की है। जिला प्रशासन ने पटना के लोगों से अपील की है कि पूजा के लिए घर से निकलते समय अपने बच्चों के पॉकेट में नाम, पता और मोबाइल नंबर लिखकर अवश्य रखें। बच्चों का हाथ कभी न छोड़ें, उन्हें इधर-उधर जाने न दें। महिलाओं और बच्चों का विशेष ध्यान रखें। किसी भी प्रकार का अफवाह न फैलाएं और न ही उस पर ध्यान दें। पटाखे और ज्वलनशील पदार्थ साथ न ले जाएं। धूम्रपान और किसी भी नशे का सेवन न करें। किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न फैलाएं। सड़क पर धीरे-धीरे जाएं, कतारबद्ध होकर जाएं, जल्दबाज़ी बिल्कुल न करें। सुरक्षा मानकों का अनुपालन करें, स्वयं भी सुरक्षित रहें तथा अन्य लोगों को भी सुरक्षित रखें। सुरक्षा जांच आपके और आपके परिवार की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
स्मृति शेष : अपने छठ गीतों से हमेशा जीवित रहेंगी बिहार की स्वर कोकिला डॉ. शारदा सिन्हा

* डेस्क : बिहार कोकिला के नाम से मशहूर लोक गायिका पद्म भूषण शारदा सिन्हा का बीते मंगलवार की रात दिल्ली एम्स में निधन हो गया। 72 वर्षीय लोक गायिका शारदा सिन्हा को पिछले 3 अक्टूबर को एम्स के कैंसर संस्थान, इंस्टीट्यूट रोटरी कैंसर हॉस्पिटल की गहन देखभाल इकाई में भर्ती कराया गया था। एम्स में उन्हें कृत्रिम सांसें दी जा रही थीं। छठी मइया अपनी इस लाडली बेटी पर कृपा करेंगी और वह हम सबों के बीच होंगी। पर वह दुखदायी खबर आ ही गई। चार दिवसीय पावन महापर्व छठ पर ही छठी मइया की इस दुलारी बेटी इहलोक से प्रस्थान कर गयी। डॉ. शारदा सिन्हा पिछले पांच दशकों से बिहार की लोकगायन परम्परा की सशक्त हस्ताक्षर रहीं। उन्होंने भोजपुरी, मैथिली और मगही लोक संगीत को न सिर्फ बिहार और उत्तर प्रदेश में बल्कि पूरे देश और विश्व में पहचान दिलाई। उन्होंने बिहार और उत्तर प्रदेश के गांवों में गाये जाने वाले पारंपरिक गीतों नए अंदाज में पेश कर उन्हें राष्टीय-अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाया। उनके निधन से जहां बिहार का हर तबका शोकाकुल है वहीं पूरे देश के संगीत प्रेमियों में शोक की लहर है। उनका निधन ऐसे समय में हुआ है जबकि पूरे देश में छठ की छटा के बीच शारदा सिन्हा के गीत गूंज रहे हैं। बेगूसराय जिले के सिंहमा गांव (अपनी ससुराल) से एक प्रतिभाशाली महिला शारदा सिन्हा की संगीत यात्रा सन् 1971 से शुरू हुई जो आकाशवाणी और मंच से होते हुए सोशल मीडिया के तमाम माध्यमों से विस्तृत तथा सुदीर्घ होती चली गई। अपनी समृद्ध संगीत यात्रा में उन्होंने टी सीरीज, एचएमवी और टिप्स आदि कंपनियों से जारी कुल 9 एलबमों में पांच दर्जन से अधिक छठ गीतों को गाया और एक-एक कर इनके गाये छठ गीत इस महापर्व के साथ जुड़ते-विस्तारित होते चले गये। पहले इन गीतों ने राज्य, फिर देश की सीमा लांघी और अब वे सभी वैश्विक पहचान रखते हैं। आलम यह है कि दुनियाभर के व्रती शारदा सिन्हा के छठ गीत के बिना इस महापर्व की कल्पना भी नहीं कर सकते। पर यह पहला छठ पर्व है जिस अवसर पर स्वर कोकिला की कूक मूक हो गयी। देश-दुनिया में मैथिली और भोजपुरी के पारंपरिक गीतों की बेमिसाल गायिकी से अपनी बड़ी पहचान बनाने वाली वह पूर्वी प्रदेश की पहली महिला हैं, जिनके गीत और जिनकी खनकती आवाज जनमानस में रच-बस गये हैं। शादी, विवाह, जनेऊ, मुंडन, बेटी विदाई जैसे संस्कार समाज में उनकी आवाज और गाये गीतों के बगैर पूर्ण नहीं होते। छठ के अवसर पर तो एक पखवारा पूर्व से ही उनके गाये दर्जनों गीत हर गांव-गली गूंजने लगते हैं। देश-विदेश में जहां भी छठ पर्व पर छठी मइया और भगवान भास्कर की आराधना होती है, वहां इस पर्व को पावन बनाने में शारदा सिन्हा के गीतों का अमूल्य योगदान होता है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं कि महापर्व छठ में शारदा दीदी के गाये गीत मंत्र से कम नहीं हैं। कभी-कभी तो ऐसा लगता है कि उनके गीतों के बिना अस्ताचलगामी और उदीयमान सूर्य अर्घ्य ग्रहण करने में भी संभवत झिझक महसूस करें। भले ही शारदा सिन्हा अब सदेह हमारे बीच नही रहीं, लेकिन इस जबतक छठ महापर्व होता रहेगा, उनके गाये गीत चहुँओर गूंजते रहेंगे और इसी रूप में वह समाज में मौजूद रहेंगी।
लोक आस्था का महापर्व छठ का खरना आज, गुड़ से बने खीर और रोटी का प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटे के निर्जला उपवास की होगी शुरुआत


* डेस्क : लोक आस्था का महापर्व छठ का बीते मंगलवार को नहाय-खाय के साथ शुरूआत हो गई। पहले दिन व्रतियों ने पवित्र स्नान के बाद भगवान भास्कर को अर्घ्य देकर कद्दू, अरवा चावल, चना दाल, आंवले की चटनी आदि का प्रसाद ग्रहण किया। वहीं नहाय-खाय के बाद आज बुधवार शाम को व्रती छठ पर्व के दूसरे दिन खरना पर गुड़ से बने खीर,रोटी का प्रसाद ग्रहण करेंगे। इसके साथ ही 36 घंटे के निर्जला उपवास की शुरुआत होगी। गुरुवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाएगा। शुक्रवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ महापर्व सम्पन्न होगा। बीते मंगलवार को नहाय-खाय के दिन व्रतियों ने छठ महापर्व के प्रसाद में उपयोग होने वाले गेहूं धोने व सुखाने का काम किया। छठ गीत गाते हुए गंगा घाटों पर भी कई श्रद्धालु मंगलवार को गेहूं धोते और गेहूं सुखाते नजर आए। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने घरों में गेहूं धोया और सुखाया। कड़ी धूप के कारण व्रतियों के गेहूं सुखाने में मदद मिली। वहीं छठ गीतों से शहर का माहौल भक्तिमय हो गया है। पूरे शहर को रंग-विरंगे लाइट से सजाया गया है। चारो ओर छठ के गीत बज रहे है।
राजनीतिक सलाहकार के रुप में कामयाब रहे पीके की बिहार विस उपचुनाव में अग्नि परीक्षा, अपनी पार्टी के लिए क्या कमाल कर पाएंगे प्रशांत किशोर !

डेस्क : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) अब राजनेता बन गए हैं। पीके का 'जन सुराज' अभियान 2 अक्टूबर को आधिकारिक तौर पर एक राजनीतिक दल में बदल गया। इसके साथ ही 'जन सुराज' का पहला इम्तिहान बिहार के चार विधान सभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में होने जा रहा है। प्रशांत किशोर पहले की घोषणा कर चुके हैं कि उनकी पार्टी 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में सभी 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। वहीं उससे पहले, पीके बिहार में होने वाले चार विधानसभा सीटों के उपचुनावों में अपनी पार्टी की ताकत का आंकलन करने के लिए चुनाव मैदान में कूद गए है।

जन सुराज ने बिहार विधान सभा के चार सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में अपना प्रत्याशी दिया है। बेलागंज से मोहम्मद अमजद, इमामगंज से जितेन्द्र पासवान, रामगढ़ से सुशील कुमार सिंह और तरारी से किरण सिंह को पीके ने अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाया है।

बिहार की इन चार सीटों में दो सीट बेलागंज और रामगढ़ राजद का गढ़ माना जाता है। जबकि इमामगंज और तरारी में एनडीए की अच्छी पकड़ है। अब ऐसे में पीके का सीधा मुकाबला राजद और जदयू के प्रत्याशी से होने वाला है।

रामगढ़ सीट पर पीके केी पार्टी के लिए कड़ी चुनौती हो सकती है। यह सीट राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का गढ़ मानी जाती है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और उनके बेटे सुधाकर सिंह इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। सुधाकर सिंह के हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में बक्सर से जीत दर्ज करने के बाद यह सीट खाली हुई है।

वहीं बेलागंज सीट पर पिछले तीस सालों से राजद का कब्जा रहा है। यह सीट राजद के सुरेन्द्र यादव के लोकसभा चुनाव जीतने से खाली हुई है। सुरेन्द्र यादव का लंबे समय तक इस सीट पर कब्जा रहा है। इसबार उनके बेटे विश्वनाथ कुमार सिंह राजद की टिकट पर चुनाव मैदान में है। वहीं जदयू ने यहां पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी को चुनाव मैदान में उतारा है। मनोरमा देवी की छवि भी एक बाहुबली नेता की है। हालांकि प्रशांत किशोर जिस मोहम्मद अमजद को अपना प्रत्याशी बनाया है उनकी छवि भी बाहुबली की है।

इमामगंज सीट वर्तमान केन्द्रीय मंत्री व हम सुप्रीमो जीतन राम मांझी के लोकसभा चुनाव जीतने से खाली हुई है। यहां से एनडीए प्रत्याशी के तौर पर जीतन राम मांझी की बहू चुनाव मैदान है। मांझी की इस क्षेत्र पर अपनी अलग पकड़ है। ऐसे में जन सुराज जितेन्द्र पासवान के लिए के जीत का रास्ता आसान नही होगा।

तरारी विधान सभा क्षेत्र पर जदयू और माले दोनो की अच्छी पकड़ रही है। यहां से दोनो के प्रत्याशी जीत हासिल करते रहे है। ऐसे में जन सुराज प्रत्याशी किरण सिंह को अच्छी टक्कर मिलेगी।

यह यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशांत किशोर जो अबतक दूसरी पार्टियों के लिए रणनीति बनाकर उन्हे जीत दिलाने का काम करते रहे है उनकी रणनीति इस उपचुनावों में उनकी अपनी ही पार्टी के लिए कितनी कारगर साबित होती है और जन सुराज पार्टी राजद और जद(यू) जैसे दिग्गजों को कितना टक्कर दे पाती है। यदि इस उपचुनाव मे जनसुराज के दो प्रत्याशी भी जीत हासिल कर लेते है तो अगले वर्ष 2025 के विधान सभा चुनाव में बिहार के दिग्गज पार्टियों के लिए चिंता विषय बन सकता है।

छठ घाट की सफाई के दौरान भीषण हादसा : एक ही परिवार के छह लोग गंगा डूबे, 3 की मौत

डेस्क : आज छठ के पहले दिन बिहार के भागलपुर जिले से एक बडी घटना सामने आई है। जहां बड़ी मोहनपुर घाट पर छठ पूजा की तैयारियों के दौरान हुए दर्दनाक हादसा हुआ है। छठ घाट की सफाई के दौरान एक ही परिवार के छह लोग गंगा नदी में डूब गए। जिनमें तीन की मौत हो गई। घटना के बाद स्थानीय लोगों में शोक का लहर व्याप्त है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सभी पीड़ित घाट की सफाई में लगे हुए थे। इस दौरान एक व्यक्ति गहरे पानी में चला गया। उसे बचाने के प्रयास में अन्य लोग भी पानी में कूद पड़े, जिससे यह हादसा हुआ। स्थानीय लोगों की मदद से तीन लोगों को पानी से बाहर निकाला गया, लेकिन दुर्भाग्यवश, उन्हें बचाया नहीं जा सका। मृतकों में मौसम कुमारी (15), जीतन कुमार और आशुतोष कुमार शामिल हैं। पुलिस ने सभी शवों को गंगा से बरामद कर लिया है।

एसडीपीओ अर्जुन कुमार गुप्ता ने बताया कि हादसे में कुल चार बच्चे डूबे थे। तीन को अस्पताल लाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। उन्होंने बताया कि जीतन कुमार अपनी बुआ मौसम कुमारी के घर आया था और दोनों घाट पर सफाई करने गए थे।

स्थानीय लोगों का आरोप है कि बड़ी मोहनपुर घाट काफी खतरनाक है और प्रशासन की ओर से यहां कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने बताया कि इस घाट पर हजारों की संख्या में लोग छठ पूजा के लिए आते हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई भी सुरक्षा इंतजाम नहीं किए गए हैं। यह हादसा एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही की ओर इशारा करता है। ऐसे हादसों को रोकने के लिए प्रशासन को तुरंत प्रभाव से कार्रवाई करते हुए सभी घाटों पर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।

मुजफ्फरपुर सेंट्रल जेल में इसबार मुस्लिम-सिख समेत 96 बंदी कर रहे छठ महापर्व, जेल प्रशासन की ओर से की गई है पूरी व्यवस्था

डेस्क : बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में चार दिवसीय महापर्व छठ की विशेष छटा जेल के अंदर भी देखने को मिल रही है। इस साल मुजफ्फरपुर के शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय जेल में कुल 96 बंदी छठ महापर्व का व्रत कर रहे हैं। इनमें 49 पुरुष और 47 महिलाएं शामिल हैं, जिनमें से कई सजायाफ्ता और विचाराधीन हैं। इस अनुष्ठान में मुस्लिम और सिख बंदी भी भाग ले रहे हैं, जो इस पर्व की सामुदायिक भावना को दर्शाता है।

जेल प्रशासन ने छठ व्रत करने वाले बंदियों के लिए विशेष तैयारियां की हैं। सभी व्रतियों को नए कपड़े और पूजा सामग्री दी गई है ताकि वे पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ पूजा कर सकें। इसके अलावा, जेल के अंदर कृत्रिम छठ घाट भी बनाया गया है, जिसमें सुंदर आकृतियों के साथ सजावट की गई है ताकि बंदी जेल के अंदर भी वास्तविक घाट का अनुभव कर सकें।

आज मंगलवार को 'नहाय खाए' की रस्म के बाद, बुधवार को सभी व्रती बंदियों ने 'खरना' का प्रसाद ग्रहण कर 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू करेंगे। जेल अधीक्षक बृजेश मेहता ने बताया कि छठ पर्व को लेकर बंदियों को आवश्यक सामग्रियां और सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। वहीं जेल के अन्य बंदी भी व्रत कर रहे बंदियों की मदद में जुटे हुए हैं, जिससे इस पर्व की सामुदायिक भावना और सहयोग की भावना देखने को मिल रही है। यह आयोजन दर्शाता है कि आस्था और परंपरा के महत्त्व को किसी भी प्रकार की सीमाओं में बांधा नहीं जा सकता।

शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापन के लिए शिक्षा विभाग ने जारी किया दिशा-निर्देश, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क : शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापन के लिए सात से 22 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे। शिक्षा विभाग ने सोमवार को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। तबादले के लिए दस विकल्प देने होंगे। इनमें तीन विकल्प देना अनिवार्य है। केवल तीन विकल्प भरे जाते हैं तो इनमें रिक्ति नहीं रहने पर सॉफ्टवेयर से निकटतम जिले में तबादला होगा। एक अनुमंडल वाले जिलों के पुरुष शिक्षक पास के जिले के अनुमंडलों का विकल्प देंग। महिला पंचायत का विकल्प देंगी।

दिशा-निर्देश में आवेदन की प्रक्रिया बतायी गयी है। इसमें कहा गया है कि पुराने नियमित शिक्षक, बीपीएससी से बहाल तथा सक्षमता पास शिक्षक अपने टीचर आईडी से ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर लॉगिन करेंगे। स्क्रीन पर प्रदर्शित 3 मेनू में ट्रांसफर एप्लीकेशन फॉर्म को क्लिक करेंगे तो पंजीकृत मोबाईल पर ओटीपी जाएगा। इसे अंकित करने के बाद वेरीफाई ओटीपी बटन को क्लिक किया जाएगा। इसके बाद प्रोफाइल एवं वर्तमान पदस्थापन का विवरण स्वत प्रदर्शित होगा।

आवेदन करते समय ओटीपी वाला मोबाइल साथ रखना होगा। प्रोफाइल और वर्तमान पदस्थापन के विवरण में त्रुटिपूर्व प्रविष्टि है तो डीईओ या डीपीओ (स्थापना) से सुधार करा लें। प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार ने डीईओ को पत्र लिख दिशानिर्देश शिक्षकों को अवगत कराने के लिए कहा है।

सोना लूट गिरोह का कुख्यात बिनोद राय गिरफ्तार, एसटीएफ की टीम ने दबोचा

डेस्क : बिहार एसटीएफ को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ ने सोना लुट गिरोह का कुख्यात अपराधी बिनोद राय उर्फ बिनोद कुमार को वैशाली के बिदुपुर इलाके से छापेमारी कर गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार बिनोद राय अपराधी वैशाली जिले का कुख्यात अपराधी होने के साथ ही अंतरराज्यीय सोना लुटेरा गिरोह सुबोध सिंह गैंग का सक्रिय सदस्य भी है।

बिनोद काफी समय से इस गैंग के साथ मिलकर कई स्थानों पर सोना लूट की घटना को अंजाम दे चुका है। इसके खिलाफ बिदुपुर समेत अन्य कई थानों में कई संगीन जुर्म में अनेक मामले दर्ज हैं। वह मूल रूप से वैशाली जिले के बिदुपुर थाने के कैलाचक का रहने वाला है।

यह अपराधी 2 नवंबर, 2020 को पश्चिम बंगाल के टीटागढ़ में चर्चित भाजपा नेता मनीष शुक्ला की हत्या में भी शामिल था। 30 दिसंबर, 2016 को बैरकपुर स्थित मनापुरम फाइनेंस लिमिटेड से करीब 9 करोड़ 88 लाख रुपये का सोना लूट की वारदात और 14 जुलाई, 2021 को हरियाणा के फरीदाबाद में एक्सिस बैंक से लगभग 95 लाख रुपये के सोना लूटकांड में भी शामिल था। उसके खिलाफ पश्चिम बंगाल, हरियाणा एवं बिहार राज्य के विभिन्न जिलों में हत्या, डकैती एवं आर्म्स एक्ट समेत कई कांड दर्ज हैं।

लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर पटना जिला प्रशासन की पूरी तैयारी, 205 जगहों पर मजिस्ट्रेट और पूरे जिले में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती*

डेस्क : लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ की आज मंगलवार को नहाय-खाय के साथ शुरूआत हो गई। पर्व को शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न कराने को लेकर जिला प्रशासन की ओर से पूरी तैयारी की गई है। छठपूजा पर 205 जगहों पर मजिस्ट्रेट और पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती रहेगी। जिन मजिस्ट्रेटों को तैनात किया जाना है उनके साथ सोमवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह व एसएसपी राजीव मिश्रा ने संयुक्त ब्रीफिंग की। डीएम ने कहा कि जो संवेदनशील इलाके हैं, वहां विशेष चौकसी बरतें। कुछ भी गड़बड़ होता है तो तत्काल इसकी सूचना जिला नियंत्रण कक्ष को दें। जिलाधिकारी ने कहा कि छठ पर्व के मौके पर बड़ी संख्या में बिहार के निवासी अपने घर आ रहे हैं। रेलवे की ओर से बड़ी संख्या में विशेष ट्रेन चलाई जा रही हैं। उन्होंने यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और भीड़ प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया। पटना सदर अनुमंडल में 114 स्थानों, पटना सिटी अनुमंडल में 81 स्थानों और दानापुर अनुमंडल में 10 स्थानों पर दंडाधिकारियों व पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती की गई है। सभी एसडीओ और एसडीपीओ अपने-अपने क्षेत्र में विशेष चौकसी बरतें। सशस्त्रत्त् बल, लाठी बल और महिला पुलिसकर्मियों को भी लगाया गया है। मोटरबोट के जरिये रिवर पेट्रॉलिंग की व्यवस्था की गई है। गंगा में कुल 18 नदी गश्ती दल तैनात किया गया है। ये सभी मोटरबोट, लाइफ जैकेट, गोताखोर और अन्य उपस्करों से लैस रहेंगे। नदी गश्ती दल की ओर से लगातार पेट्रोलिंग करते हुए यह सुनिश्चित की जाएगी कि कोई भी असामाजिक तत्व किसी भी तरह से गड़बड़ी न करने पाए। 10 रिवर फ्रंटघाट गश्ती तथा 03 स्पीड बोट गश्ती दल भी तैनात किया गया है। छठव्रतियों और श्रद्धालुओं की सुविधा तथा सुरक्षा के लिए मोटरबोट और अन्य संसाधनों के साथ नाविक और गोताखोरों की तैनाती की गई है। देसी नाव, नाविक और गोताखोर का 333 दल आपदा की स्थिति से निपटने के लिए मुस्तैद किया गया है। जिले के 23 प्रखंडों में 306 नाव, 306 नाविक तथा 333 प्रशिक्षित गोताखोर ड्यूटी पर तत्पर रहेंगे। एनडीआरएफ की 08 तथा एसडीआरएफ की 14 टीमें भी तैनात कर दी गई हैं। पटना शहरी क्षेत्रों के तालाबों के नजदीक आपदा की स्थिति से निपटने के लिए गोताखोरों को सभी संसाधनों जैसे कांटा जाल, महाजाल और रस्सी सहित तैनात किया गया है।