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यूपी कैबिनेट : अब सिर्फ 3 साल में मिलेगा ट्रांसफर का अवसर
लखनऊ। योगी सरकार ने प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। सोमवार को मंत्रिपरिषद की बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया, जिसमें अब शिक्षकों को 5 वर्षों की न्यूनतम सेवा के बजाय केवल 3 वर्षों की सेवा के बाद स्थानांतरण का अधिकार मिल सकेगा। इस निर्णय से घर से दूर प्रदेश के विभिन्न जिलों में सेवाएं दे रहीं महिला शिक्षकों को विशेष लाभ होगा, क्योंकि उन्हें अपने परिवार के पास वापस आने का अवसर पहले से कम समय में मिल सकेगा।

नई नियमावली से शिक्षकों को मिलेगी राहत

नई उच्चतर सेवा नियमावली 2024 के अनुसार, प्रदेश के सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेजों में कार्यरत शिक्षक, जो नियमित आधार पर नियुक्त और स्थायी रूप से पदस्थापित हैं, अब केवल 3 वर्षों की सेवा के बाद अपने स्थानांतरण का अनुरोध कर सकेंगे। इससे पहले यह सीमा 5 साल थी। नई नियमावली के अंतर्गत यह प्रावधान भी है कि शिक्षक अपने संपूर्ण सेवा काल में केवल एक बार स्थानांतरण के हकदार होंगे। इस निर्णय के पीछे योगी सरकार की मंशा है कि इससे शिक्षक समुदाय में सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। घर से दूर रहने के कारण कठिनाई महसूस कर रही महिला शिक्षकों और अन्य शिक्षकों को इस नियमावली से काफी राहत मिलेगी। योगी सरकार के इस कदम को शिक्षा प्रणाली में संतुलन और स्थिरता बनाए रखने की दिशा में एक ठोस प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

अधिनियम-2023 के तहत नई व्यवस्थाएं लागू

योगी सरकार ने हाल ही में उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम-2023 को लागू किया है, जो कि 23 अगस्त 2023 को प्रख्यापित किया गया था। इस अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग अधिनियम-1980 को निरसित कर दिया गया है, जिससे 1980 के अधिनियम के तहत जारी स्थानांतरण नियम स्वतः समाप्त हो गए हैं। इसके बाद 2005 में जारी नियमावली भी निरस्त कर दी गई
है, जिससे नई नियमावली बनाने की आवश्यकता उत्पन्न हुई। अधिनियम-2023 की धारा-31 (1) के तहत शिक्षा सेवा में चयन की नई व्यवस्था लागू की गई है, जो शिक्षक समुदाय में स्थानांतरण की प्रक्रिया को और सुगम बनाएगी। इस नई व्यवस्था के तहत शिक्षक केवल अपने महाविद्यालय के प्रबंधतंत्र और विश्वविद्यालय के अनुमोदन के साथ स्थानांतरण का आवेदन कर सकेंगे, जिसे निदेशक, उच्च शिक्षा को प्रस्तुत करना होगा।

स्थानांतरण की प्रक्रिया हुई सरल और पारदर्शी

इस नई नियमावली के तहत एक महाविद्यालय से दूसरे महाविद्यालय में एकल अथवा पारस्परिक स्थानांतरण करने के लिए शिक्षकों को विधिवत आवेदन प्रक्रिया का पालन करना होगा। आवेदन पत्र संबंधित महाविद्यालय के प्रबंधतंत्र के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा, जो विश्वविद्यालय द्वारा अनुमोदित होगा। प्रबंधतंत्र की सहमति के बाद ही आवेदन को निदेशक, उच्च शिक्षा के पास भेजा जा सकेगा। इससे स्थानांतरण प्रक्रिया में पारदर्शिता और स्पष्टता आएगी, साथ ही अनावश्यक देरी से भी बचा जा सकेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय शिक्षकों की व्यावसायिक संतुष्टि बढ़ाने में सहायक होगा। साथ ही, यह कदम शिक्षा क्षेत्र में महिला सशक्तीकरण के उद्देश्य को भी पूरा करता है, क्योंकि इससे उन महिला शिक्षकों को लाभ मिलेगा जो अपने परिवारों से दूर सेवा देने को मजबूर हैं। योगी सरकार का यह निर्णय राज्य के शैक्षिक ढांचे में संतुलन और सुधार की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

शिक्षण कार्य में आएगी अधिक समर्पण और प्रतिबद्धता

उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि इस नियमावली के लागू होने के बाद से शिक्षकों को अपने गृह जनपद में लौटने का अवसर मिलेगा, जिससे शिक्षण कार्य में अधिक समर्पण और प्रतिबद्धता आएगी। इससे न केवल शिक्षकों के कार्यस्थल पर संतोष का स्तर बढ़ेगा, बल्कि छात्रों को भी लाभ होगा, क्योंकि शिक्षक अधिक सहज और संतुष्ट होकर अपने कर्तव्यों का पालन कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि योगी सरकार द्वारा सहायता प्राप्त डिग्री कॉलेज के शिक्षकों के स्थानांतरण नियमों में किए गए इस बदलाव से राज्य के शिक्षा क्षेत्र में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।
भाजपा सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, कानून व्यवस्था के मामले में फेल : अखिलेश यादव

लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को कहा है कि भाजपा सरकार ने पूरी व्यवस्था को बर्बाद कर दिया है। स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण, कानून व्यवस्था के हर मोर्चे पर सरकार फेल है। शासन-प्रशासन अकर्मण्यता का शिकार है। डेंगू, मलेरिया जैसी संक्रामक बीमारियों से राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के तमाम शहरी इलाके बेहाल हैं।

डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 2111 तक पहुंच गया

लखनऊ के अस्पतालों में डेढ़ हजार से ज्यादा बुखार के मरीज भर्ती हैं। लखनऊ में अब तक बड़ी संख्या में लोग डेंगू और मलेरिया की चपेट में आ चुके हैं। साफ-सफाई के अभाव में मच्छर जनित बीमारियां बढ़ती जा रही है। 03 नवम्बर 2024 तक मिले डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 2111 तक पहुंच गया है।लखनऊ में ही प्लेटलेट को लेकर मारामारी है तो अन्य जिलों की स्थिति क्या होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। भाजपा सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था ध्वस्त है।

सरकारी अस्पतालों के इंतजाम नाकाफी

टीबी जैसे रोग के 86 प्रतिशत मरीज उत्तर प्रदेश में हैं। प्रदेश में 31 अक्टूबर तक 5 लाख 59 हजार टीबी मरीजों की पहचान की जा चुकी है। मलेरिया के जनवरी से अब तक 475 मरीज मिल चुके हैं। सरकारी अस्पतालों के इंतजाम नाकाफी है। लोग मजबूरी में निजी अस्पतालों में जाने के लिए विवश है। मरीजों से निजी ब्लड बैंक मनमानी वसूली कर रहे हैं।शहरों की आबोहवा जहरीली हो रही है। हवा की खराब गुणवत्ता की वजह से सांस और अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों की हालत बिगड़ती जा रही है। लाखों-करोड़ों वृक्षारोपण का दावा करने वाली भाजपा सरकार में झूठ और लूट के अलावा कुछ नहीं दिखाई देता है।

भाजपा सरकार में शिक्षा व्यवस्था भी चौपट

इसी तरह भाजपा सरकार में शिक्षा व्यवस्था भी चौपट है। भाजपा सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को रसातल में पहुंचा दिया है। सरकारी स्कूलों में लोग अपने बच्चों को नहीं भेजना चाहतें। भाजपा सरकार स्कूलों की व्यवस्था सुधारने के बजाय 27,764 परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने का षडयंत्र कर रही है। इससे गरीब परिवार के बच्चों की पढ़ाई रूक जाएगी। इसके पीछे भी भाजपा सरकार की साजिश दिखाई देती है। सरकारी स्कूल बंद हो जाएंगे तो अभिभावकों के पास अपने बच्चों को महंगे निजी स्कूलों में भेजने के अलावा कोई रास्ता नहीं होगा।
बुजुर्ग ने मुख्यमंत्री  योगी से लगाई गुहार तो संडे को बैंक खोलकर मिली 'मदद'
लखनऊ। योगी सरकार की सीएम हेल्पलाइन (1076) प्रदेशवासियों की समस्याओं के निस्तारण में अहम भूमिका निभा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सतत मॉनीटरिंग का नतीजा है कि कई मामलों में सीएम हेल्पलाइन के जरिये प्रदेशवासियों की समस्याओं का निस्तारण कुछ ही घंटों में किया जा रहा है। इसका ताजा उदाहरण राजधानी के इंदिरानगर के एक बुजुर्ग की समस्या का निस्तारण में देखा भी गया, जिनकी समस्या का निस्तारण कुछ ही घंटों में कर दिया गया। इतना ही नहीं बुजुर्ग की समस्या के निस्तारण के लिए मुख्य सचिव ने संज्ञान लिया तो संडे को बैंक खोलकर बैंक अधिकारियों ने मामले का निपटारा किया और खाते से पैसे निकालकर दिये जबकि इसके लिए बुजुर्ग काफी दिनों से बैंक के चक्कर लगा रहे थे।

छोटे से काम के लिए कई दिनों से बैंक के चक्कर लगा रहे थे बुजुर्ग सोहनलाल

राजधानी के इंदिरानगर स्थित कैलाशपुरी निवासी मुकेश कुमार ने बताया कि उनके पिता सोहनलाल और माता राजेश्वरी का एक बैंक में ज्वाइंट अकाउंट था। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले इलाज के दौरान उनकी माता का देहांत हो गया। मुकेश ने बताया कि पिता सोहनलाल को पैसे की जरूरत थी। इस पर वह बैंक गये और पत्नी के देहांत की सूचना के साथ पैसे निकालने के लिए चेक दिए। वहीं बैंक अधिकारियों ने ज्वाइंट अकाउंट से पैसे न निकलने की बात कही। उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी का देहांत हो गया है, ऐसे में उन्हे कुछ कागजी कार्रवाई करनी होगी। इसके बाद ही ज्वाइंट अकाउंट से पैसे निकल पाएंगे।

हेल्प लाइन पर शिकायत करने पर जागे अधिकारी

बुजुर्ग सोहनलाल ने बताया कि बैंक अधिकारियों द्वारा जो भी कागजी कार्रवाई बतायी गयी, उसे पूरा किया गया। इसके बाद भी पैसे नहीं निकल सके। उन्होंने वजह पूछी तो अधिकारियों ने बताया कि प्रोसेस में समय लग रहा है। इसके बाद सोहनलाल लगातार कई दिनों तक बैंक के चक्कर लगाते रहे लेकिन पैसे नहीं मिले। इससे परेशान होकर बुजुर्ग ने 26 अक्टूबर शाम को सीएम हेल्पलाइन (1076) पर अपनी समस्या बतायी। साथ ही पैसे की जरूरत की बात कही। इस पर सीएम हेल्पलाइन के अधिकारियों ने उनकी समस्या के जल्द निस्तारण की बात कही।

मुख्य सचिव के निर्देश पर रविवार को बैंक खोलकर बुजुर्ग को दिये पैसे

मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने बताया कि सीएम हेल्पलाइन पर सोहनलाल की समस्या के बारे में बताया। इस पर उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को बैंक के जीएम और मैनेजर से संपर्क कर तत्काल समस्या के निस्तारण के निर्देश दिये।मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के हस्तक्षेप के बाद बैंक अधिकारियों ने सोहनलाल की समस्या का कुछ ही घंटों में निस्तारण कर दिया, जबकि इसके लिए वह काफी दिनों से बैंक के चक्कर लगा रहे थे। इतना ही नहीं मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के निर्देश पर बैंक अधिकारियों ने रविवार को बैंक खोलकर सोहनलाल को पैसे दिये। इस पर सोहनलाल और उनके परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने योगी सरकार की सीएम हेल्पलाइन की तारीफ कर मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।
आगरा में वायुसेना का विमान दुर्घटनाग्रस्त, दोनों पायलट ने कूदकर बचाई जान
लखनऊ । आगरा में सोमवार को वायु सेना का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें पायलट और को-पायलट ने कूदकर जान बचाई। फिलहाल इस घटना को लेकर वायु सेना की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

बताया जा रहा है कि हादसे के बाद पायलट और उसके साथी दो किलोमीटर दूर मिले हैं। गनीमत रही कि पायलट ने सूझबूझ का परिचय देते हुए विमान को कागारौल के सोनिगा गांव के पास खाली खेतों में गिराया। यदि आबादी वाले हिस्से में विमान क्रैश होता तो बड़ी क्षति हो सकती थी।

शुरुआती जानकारी के मुताबिक यह मिग-29 विमान था, जो पंजाब के आदमपुर से उड़ा था। फिलहाल घटनास्थल पर ग्रामीणों की भारी भीड़ है। मौके पर पुलिस बल भी पहुंच गया है।
टालेंगे तो और भी बुरा हारेंगे : अखिलेश यादव
लखनऊ। समाजवादी पार्टी  के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में होने वाले उपचुनाव की तारीख बढ़ाई जाने पर भाजपा सरकार पर तंज कसा है।

अखिलेश यादव ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट (एक्स)पर लिखा कि "टालेंगे तो और भी बुरा हारेंगे।" उन्होंने लिखा कि पहले मिल्कीपुर का उपचुनाव टाला, अब बाकी सीटों के उपचुनाव की तारीख, भाजपा इतनी कमजोर कभी न थी।

दरअसल बात यह है कि उप्र मेंह्यमहा-बेरोजगारीह्ण की वजह से जो लोग पूरे देश में काम-रोजगार के लिए जाते हैं, वो दिवाली और छठ की छुट्टी लेकर उप्र आए हुए हैं और उपचुनाव में भाजपा को हराने के लिए वोट डालने वाले थे। जैसे ही भाजपा को इसकी भनक लगी, उसने उपचुनावों को आगे खिसका दिया, जिससे लोगों की छुट्टी खत्म हो जाए और वो बिना वोट डाले ही वापस चले जाएं।

ये भाजपा की पुरानी चाल है,'हारेंगे तो टालेंगे

उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में 09 सीटों पर 13 नवम्बर को उपचुनाव (मतदान) होने वाले थे। चुनाव आयोग ने सोमवार को उत्तर प्रदेश की 09 सीटों समेत अन्य प्रदेशों की कुल 14 सीटों पर होने वाले चुनाव की तारीखों में संशोधन करते हुए 20 नवम्बर को अब बदली तारीख में मतदान कराने का निर्णय लिया है। चुनाव की बदली तारीख को लेकर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा को निशाने पर लेकर ट्वीट कर निशाना साधा है।
अब टीचर का ट्रांसफर 5 की बजाए 3 साल में होगा, योगी कैबिनेट में 27 प्रस्तावों को मंजूरी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को यहां लोकभवन में हुई कैबिनेट की बैठक में एफडीआई नीति में संशोधन, जलशक्ति, पशुपालन, आबकारी और उच्च शिक्षा समेत अन्य विभागों से संबंधित कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गयी। कैबिनेट की बैठक के बाद जलशक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, पशुपाल मंत्री धर्मपाल सिंह और वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पत्रकारों को फैसलों की जानकारी दी।

इन प्रस्तावों को मिली मंजूरी-

मध्य गंगा नहर परियोजना के द्वितीय चरण पुनरीक्षण प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। सरकार के इस फैसले से संभल, अमरोहा और मुरादाबाद के 1850 ग्राम लाभान्वित होंगे। ललितपुर में भौरट बांध परियोजना के द्वितीय पुनरीक्षित प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। केन बेतवा लिंक परियोजना से संबंधित प्रस्ताव को स्वीकृति। इससे बुंदेलखंड के सूखाग्रस्त क्षेत्र को लाभ प्राप्त होगा। पशुपालन विभाग का प्रस्ताव भी आया जिसे मंजूरी मिली है। प्रदेश में पशु चिकित्सकों की कमी को पूरी करने के लिए पशुपालन पाठ्यक्रम के लिए डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स के लिए नीति तैयार करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है।

आबकारी विभाग के तहत उत्तर प्रदेश शीरा नीति 2024-25 के प्रस्ताव को मंजूरी। एक नवंबर 2024 से 31 अक्टूबर 2025 के शीरा वर्ष के लिए शीरा रिजर्वेशन को मंजूरी मिली है। इसके तहत 19 फीसदी शीरा रिजर्वेशन को मिली स्वीकृति। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा विभाग के लिए नियमावली उत्तर प्रदेश सहायता प्राप्त महाविद्यालय अध्यापक स्थानांतरण नियमावली 2024 को मंजूरी प्रदान की गयी है। इस फैसले के तहत महाविद्यालय में न्यूनतम तैनाती के 5 वर्ष को घटाकर 3 वर्ष किया गया है। उत्तर प्रदेश निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2019 में संशोधन को मंजूरी मिली है। इस फैसले से अन्य प्रदेशों के शिक्षण संस्थाओं को प्रदेश में स्थापित होने का अवसर मिलेगा।

लखनऊ में अंग्रेजी एवं विदेशी भाषा केंद्रीय विश्वविद्यालय के लखनऊ परिसर स्थापना के लिए तहसील सरोजिनी नगर में चकरौली परगना बिजनौर में 2.3239 हेक्टेयर भूमि को चिह्नित कर उपलब्ध करवाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी। योगी कैबिनेट ने एफडीआई नीति में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है। उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2020 के अंतर्गत 300 करोड़ के निवेश के प्रोत्साहन प्रस्ताव पास हुआ है।

सेवानिवृत्त राज्य कर्मचारियों के लिए उत्तर प्रदेश रिटायरमेंट बेनिफिट रूल्स 1961 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी मिली है। कोई सरकारी कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद यदि अपने किसी नॉमिनी, वारिस को नहीं छोड़ता तो उसकी ग्रेच्युटी का पैसा सरकार को समाहित होता था लेकिन अब नई नीति के तहत इसको बदलाव किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी है। अब यदि कोई व्यक्ति सक्षम न्यायालय से इस प्रकार की परिस्थितियों में उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्रस्तुत करता है तो उसे यह पैसा दे दिया जाएगा।

जनपद बागपत में अंतराष्ट्रीय योग एवं आरोग्य केंद्र स्थापना के लिए प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी। बागपत तहसील के ग्राम हरियाखेवा में 1.069 हेक्टेयर भूमि पर्यटन विभाग को नि:शुल्क हस्तांतरण को मंजूरी मिली है। प्रदेश के हेरिटेज इमारतों को संरक्षित करने के लिए पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप द्वारा डेवलप करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी है।
जन समस्याओं को नजरअंदाज कर नकरात्मक राजनीति में व्यस्त हैं कांग्रेस-भाजपा: मायावती
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को भाजपा और कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी समेत कई जन समस्याओं पर अपना ध्यान केंद्रित करने की बजाए भाजपा और कांग्रेस ज्यादातार आरोप-प्रत्यारोप की नकरात्मक राजनीति में ही अभी व्यस्त हैं। जिन राज्यों में चुनाव होने हैं, वहां पर इन लोगों ने मिथ्या प्रचारों व वादों की भरमार लगा रखी है। जनता खुली आंखों से देख रही है कि इनके द्वारा किए गये पिछले चुनावी वादों का क्या बुरा हाल हो रहा है।

मायावती ने एक बयान में कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में चाहे कांग्रेस की सरकार हो या फिर भाजपा की, दोनों दलों ने जनता से जो वादे किये थे वो ईमानदारी से नहीं निभाए जा रहे हैं। क्योंकि इनके वादे होते ही लोगों को गुमराह करने व सरकार बन जाने पर उन्हें भुला देने के लिए। यही कारण है कि खासकर हिमांचल प्रदेश, कर्नाटक की कांग्रेस सरकारें वादाखिलाफी का आरोप झेल रही हैं। भाजपा की विभिन्न सरकारें सरकार बन जाने पर जनहित व जनकल्याण के वास्तविक ज्वलंत मुद्दों पर से ध्यान भटकाने के लिए अनेक प्रकार की जुगाड़ की राजनीति करती नजर आती हैं। वे कर्म को धर्म नहीं मानकर धर्म के ही कार्यक्रमों में ज्यादा व्यस्त नजर आती हैं।

बसपा प्रमुख ने कहा कि पार्टी चुनाव में जनता को गुमराह करने वाला अपना कोई घोषणा पत्र जारी नहीं करती है बल्कि करोड़ों, गरीबों, मजलूमों व बेरोजगार लोगों के प्रति ईमानदार कर्म को ही अपना संवैधानिक दायित्व और राजनीतिक धर्म मानकर काम करती है। यूपी में अब तक चार बार रही बसपा सरकार के कार्य दिखते हैं जो अपने आप में मिसाल है। बसपा सरकार ने सरकारी व गैरसरकारी स्तर पर जितने रोजगार मुहैया कराए हैं उतने रोजगार उसके बाद की सपा और भाजपा सरकार मिलकर भी अब तक दे पायी हैं। मायावती ने कहा कि महाराष्ट्र व झारखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान लोगों की यह मांग भी शत प्रतिशत जायज है कि उन्हें रेवड़ी नहीं रोजगार चाहिए।
लखनऊ विधान भवन के सामने महिला ने आत्मदाह का प्रयास किया

लखनऊ। पुश्तैनी जमीन पर कब्जा और पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं होने से आहत एक महिला ने सोमवार को लखनऊ के हजरतगंज स्थित विधानभवन के सामने आत्मदाह करने पहुंची। वो अपने आपको आग लगा पाती कि भवन के बाहर सुरक्षा में लगी महिला पुलिस कर्मियों ने उसे बचा लिया।

प्रांरभिक पूछताछ में पता चला है कि पीड़ित महिला गाजियाबाद के लोनी इलाके की रहने वाली है। उसने बताया कि उसका पुश्तैनी मकान नगर में हैं,जिस पर कुछ दबंगों ने कब्जा कर लिया। उसने स्थानीय पुलिस से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कोई भी सुनवाई नहीं हुई। अधिकारियों से लेकर पुलिस थानों में भटक रही है, लेकिन हर जगह से उसे मायूस होना पड़ रहा है। इसी वजह से वह काफी आहत चल रही थी, जिसके चलते उसने विधानभवन के सामने पहुंचकर आत्मदाह का प्रयास किया। लेकिन वहां पर पहले से मौजूद आत्मदाह निरोधी दस्ते समय रहते उसे बचा लिया। हजरतगंज थाना में लाकर उससे पूछताछ की जा रही है।

आज लगभग 11:25 बजे थाना क्षेत्र हजरतगंज के विधान सभा मार्ग पर एक महिला, आयु लगभग 40 वर्ष, निवासी थाना लोनी, जनपद गाजियाबाद, द्वारा आत्मदाह का प्रयास किया गया।उन्होंने ज्वलनशील पदार्थ का उपयोग कर आत्मदाह का प्रयास किया, लेकिन घटना स्थल पर मौजूद आत्मदाह निरोधी दस्ते ने तत्परता से कार्य करते हुए उसे समय पर बचा लिया। इसके बाद उन्हें थाने लाकर पूछताछ की जा रही है।प्रारंभिक पूछताछ में यह जानकारी मिली कि गांव में पुश्तैनी जमीन पर अन्य ग्रामीणों द्वारा कब्जा किया जा रहा है, जिसके समाधान हेतु उसने विधान सभा के सामने यह कदम उठाया।

हाथरस : यमुना एक्सप्रेसवे पर यात्रियों से भरी टूरिस्ट बस में लगी भीषण आग, सभी सुरक्षित, छठ पूजन के लिए जा रहे बिहार जाने के लिए निकले थे


लखनऊ/हाथरस। छठ महापर्व के चलते बिहार जाने के लिए नोएडा से आगरा के रेलवे स्टेशन पर जा रहे लोगों से भरी स्लीपर कोच की डबल डेकर बस में रविवार की रात हाथरस जिले से गुजरते हुए यमुना एक्सप्रेसवे पर आग का गोला बन गई। निजी बस के इंजन से धुआं उठते ही चालक ने ब्रेक लगा दिए। आग फैलने से पहले ही सभी यात्री सामान लेकर बाहर निकल गए और जन बच गई। यमुना एक्सप्रेसवे पर बस में लगी आग का यह नजारा देख हर कोई दंग रह गया। उठतीं लपटें दूर तक दिख रही थीं। दमकल आने से पहले ही पूरी बस जल गई। करीब एक घंटा बाद आग पर काबू पाया जा सका। नंबर प्लेट से लेकर सीट आदि कुछ नहीं बचा। मौके से चालक-परिचालक भाग गए। बस किस ट्रैवल्स की है यह जानने के प्रयास में पुलिस जुटी हुई है। आग लगने का कारण शार्ट सर्किट बताया जा रहा है।

एक टूरिस्ट डबल डेकर बस में तीन दर्जन से ज्यादा यात्री सवार थे और यह सभी लोग बिहार जाने के लिए निकले थे। जो नोएडा में रहकर अलग-अलग कंपनियों में काम करते हैं। इनके कुछ साथी आगरा में भी रहते हैं। इसके चलते सभी ने आगरा फोर्ट से ट्रेन से एक साथ बिहार जाने की योजना बनाई थी। इसी के अनुसार ट्रेन में सीट आरक्षित कराई गई थी। रविवार दोपहर नोएडा से टूरिस्ट बस आगरा जाने के लिए करीब 40 लोग नोएडा से लेकर रवाना हुई। रात करीब 8:00 बजे वोल्वो स्लीपर कोच बस यमुना एक्सप्रेस वे पर माइलस्टोन 143 सादाबाद क्षेत्र के गांव मिढ़ावली के निकट पहुंची, तभी इंजन से धुआं उठने लगा। अन्य वाहन चालकों ने इसकी जानकारी बस चालक को दी। तब तक धुआं बस के अंदर नजर आने लगा।

यह देख यात्री घबरा गए। बस में चीख पुकार मच गई। चालक ने तत्काल बस रोक दी। सभी यात्री आनन फानन अपना सामान लेकर बस से उतर गये। तभी आग की लपटें तेजी से उठने लगी। यह नजारा देख आसपास तमाम वाहन रुक गए। लोग वाहनों को रोक कर यह नजारा देखने लगे। इस सूचना पर यमुना एक्सप्रेसवे वे की पेट्रोलिंग टीम, कोतवाली पुलिस घटना स्थल पर पहुंच गई। कुछ देर में ही फायर ब्रिगेड की गाड़ी घटनास्थल पर पहुंची। तब तक बस आग का गोला बन चुकी थी। कुछ देर बाद मथुरा से भी फायर ब्रिगेड की गाड़ी आग पर नियंत्रण पाने के लिए पहुंची, लेकिन तब तक पूरी बस जलकर खाक हो चुकी थी। बाद में हाथरस से भी फायर ब्रिगेड की गाड़ियां हाईवे पर पहुंच गई। आग पर नियंत्रण पाने के बाद पुलिस ने यमुना एक्सप्रेस पर अन्य वाहनों की कतारों को आगरा रवाना किया। बस में बच्चे, महिलाएं भी सवार थी।

सीओ हिमांशु माथुर ने बताया कि बस में शॉर्ट सर्किट से आग लगी थी। चालक और परिचालक बस छोड़कर मौके से फरार हो गए। यात्री अपने सामान के साथ सुरक्षित बाहर निकल गए थे। किसी को कोई चोट नहीं आई है। यात्रियों का कोई नुकसान नहीं हुआ है। अधिकतर लोग बिहार के रहने वाले हैं, जो नोएडा से आगरा आ रहे थे। बस किस ट्रेवल्स की है, इसकी जानकारी की जा रही है।
पहले किया विकास, अब संवाद से उपचुनाव की जमीन को सीचेंगे सीएम योगी आदित्यनाथ

लखनऊ। अभी हाल में संपन्न हुए हरियाणा विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भारतीय जनता पार्टी ने अनवरत तीसरी बार फतह हासिल की। चुनाव प्रचार में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जनता से संवाद काफी कारगर साबित हुआ। हरियाणा के बाद अब अपने उत्तर प्रदेश में भी योगी आदित्यनाथ मतदाताओं से संवाद स्थापित करने उतरेंगे। उत्तर प्रदेश में 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव है। योगी आदित्यनाथ हर सीट पर भाजपा व सहयोगी दल प्रत्याशी के लिए संवाद करने पहुंचेंगे।

9 सीटों पर योगी सरकार के कद्दावर मंत्रियों को सौंपी गई जिम्मेदारी

योगी आदित्यनाथ संवाद के जरिए एनडीए को जिताने की अपील तो करेंगे लेकिन चुनाव के पहले ही यहां विकास और सुशासन के बलबूते उन्होंने आमजन के दिल में जगह बना ली है। अगस्त से सितंबर तक मुख्यमंत्री योगी ने इन जिलों में नई परियोजनाओं की गंगा बहाकर विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। विकास, सुशासन और संवाद के जरिए योगी आदित्यनाथ ने उपचुनावों में जीत की नींव तैयार करने की पूरी कोशिश की है। प्रत्याशी मैदान में, सरकार-संगठन घर-घर तक भाजपा व सहयोगी दल के प्रत्याशी चुनाव मैदान में प्रचार में जुटे हैं तो वहीं योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में सरकार के मंत्री व भाजपा के पदाधिकारी भी क्षेत्रों में प्रचार में जुटे हैं। सभी 9 सीटों पर योगी सरकार के कद्दावर मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

नौ विधानसभा सीटों पर सीएम योगी ने बहाई विकास की बयार

सभी चुनाव प्रचार में लगे हैं। वहीं भाजपा संगठन भी सरकार, पदाधिकारियों व स्थानीय नेताओं संग चुनाव प्रचार में घर-घर तक योगी सरकार के कार्यों, कानून व्यवस्था व सुशासन के बलबूते कमल खिलाने की अपील कर रहा है। मिशन-9 पर योगी की विकास यात्रा आदित्यनाथ ने यूपी की 9 सीटों पर होने वाले उपचुनाव के पहले ही बतौर मुखिया यहां विकास की बयार बहाई। 17 अगस्त को अंबेडकरनगर में युवाओं को नियुक्ति पत्र, ऋण वितरण व स्मार्टफोन-टैबलेट वितरण किया। 22 अगस्त को मुजफ्फरनगर जनपद में योगी आदित्यनाथ ने लगभग 5000 युवाओं को नियुक्ति पत्र दिया, लगभग 50 करोड़ का ऋण वितरण किया, 2500 से अधिक युवाओं को स्मार्टफोन-टैबलेट दिया। 27 अगस्त को मैनपुरी में विकास का कारवां जारी रहा।

305 परियोजनाओं का किया लोकार्पण

यहां भी 3700 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र, ऋण वितरण, 2500 से अधिक युवाओं को स्मार्टफोन व टैबलेट वितरण किया गया। 28 अगस्त को अलीगढ़ में 4000 युवाओं को नियुक्ति पत्र, 35 करोड़ का ऋण वितरण, 1500 से अधिक विद्यार्थियों को स्मार्टफोन-टैबलेट बांटा। 705 करोड़ की 305 परियोजनाओं का लोकार्पण भी किया। 29 अगस्त को कानपुर नगर में नियुक्ति पत्र वितरण, 191 करोड़ का ऋण वितरण, 8000 से अधिक युवाओं को स्मार्टफोन-टैबलेट वितरित किया। पहली सितंबर को योगी ने मीरजापुर में नियुक्ति पत्र वितरित किया।

1300 युवाओं को स्मार्टफोन-टैबलेट दिया

एक हजार लाभार्थियों को ऋण बांटे। 1300 युवाओं को स्मार्टफोन-टैबलेट दिया। 2 सितंबर को मुरादाबाद, 3 सितंबर को मैनपुरी, 4 सितंबर को फूलपुर, 8 सितंबर को अंबेडकरनगर, 18 सितंबर को गाजियाबाद, 23 सितंबर को मीरजापुर को योगी आदित्यनाथ ने विकास की नई परियोजनाओं से जोड़ा।भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला कहते हैं कि उत्तर प्रदेश में जब-जब उपचुनाव हुआ, योगी आदित्यनाथ ने भाजपा कार्यकर्ता के रूप में प्रचार की कमान संभाली। इसका परिणाम हुआ कि भाजपा व सहयोगी दलों ने काफी कमाल किया।

इन सीटों पर योगी ने दिलाई जीत

गोला गोकर्णनाथ में तत्कालीन विधायक अरविंद गिरि के निधन से सीट रिक्त हुई तो 2022 में योगी के प्रचार की बदौलत अमन गिरि यहां से कमल खिलाने में सफल हुए।मई 2023 में छानबे सीट पर उपचुनाव में अपना दल (सोनेलाल) की रिंकी कोल व स्वार टांडा में अपना दल (एस) के शफीक अंसारी चुनाव जीते। इन दोनों के लिए भी योगी ने पसीना बहाया और जनता से संवाद के बलबूते इन्हें लखनऊ पहुंचाया। रामपुर में आकाश सक्सेना, ददरौल से उपचुनाव में अरविंद सिंह की जीत भी योगी के संवाद का ही नतीजा है। लखनऊ पूर्व से आशुतोष टंडन के निधन के उपरांत हुए उपचुनाव में भी योगी ने भाजपा प्रत्याशी ओपी श्रीवास्तव के लिए प्रचार-प्रसार किया, वे भी इस सीट से जीतकर सदन पहुंचे।