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विशेष जरूरत वाले बच्चों की शिक्षा के लिए बड़े पैमाने पर शिक्षकों की होगी नियुक्ति, BPSC जल्द निकालेगी वैकेंसी

डेस्क : बिहार सरकार ने विशेष जरुरत वाले बच्चों की शिक्षा के लिए बड़ा कदम उठाया है। राज्य के प्रारंभिक (कक्षा एक से आठ) स्कूलों में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति के लिए शीघ्र ही विज्ञापन जारी होगा। इसको लेकर शिक्षा विभाग ने सारी तैयारी कर सामान्य प्रशासन को जिला और आरक्षणवार रिक्ति भेज दी है। सामान्य प्रशासन विभाग के माध्यम से नियुक्ति की अधियाचना बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) को भेजी जाएगी। इसके बाद बीपीएससी योग्य अभ्यर्थियों से नियुक्ति को लेकर आवेदन आमंत्रित करेगा।

कुल नौ तरह की विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए इन शिक्षकों की नियुक्ति होने जा रही है। जो बच्चे देख नहीं पाते हैं, अथवा दृष्टि कम है, इसके लिए अलग-अलग विशेषज्ञ शिक्षक होंगे। विभाग के पदाधिकारियों के अनुसार वर्तमान में स्कूलों में ऐसे बच्चों को पढ़ाने की सुविधा नहीं है। इनके लिए जिला स्तर पर विशेष व्यवस्था की जाती रही है।

गौरतलब है कि पहली बार राज्य के विभिन्न जिलों में विशेष जरूरत वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए इन शिक्षकों की स्थायी पदों पर नियुक्ति की जा रही है। विभिन्न स्कूलों में नामांकित दिव्यांग और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को पढ़ाने के लिए इन शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। कुल पदों में 5534 प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा एक से पांच) तथा 1745 मध्य विद्यालयों (कक्षा छह से आठ) में विशेष शिक्षक नियुक्ति किये जाएंगे। इन शिक्षकों की नियुक्ति के लिए पूर्व में ही शिक्षक पात्रता परीक्षा आयोजित हुई थी। इस पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही इन पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन कर सकेंगे। ये शिक्षक विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को पढ़ाने में पूरी तरह से दक्ष होंगे।

राजधानी पटना में नही थम रहा डेंगू का कहर, फिर मिले 69 नए मरीज

डेस्क : राजधानी पटना में डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते रविवार को एकबाऱ फिर पटना में 69 नए डेंगू पीड़ित मिले। अब कुल डेंगू पीड़ितों की संख्या बढ़कर 3774 हो गई है।

बीते रविवार को कंकड़बाग में आठ, बांकीपुर में 14, पाटलिपुत्र अंचल में 16, एनसीसी में नौ, अजीमाबाद में तीन पीड़ित मिले। 11 पीड़ितों की पहचान नहीं हो पाई। प्रखंडों में सबसे अधिक दानापुर में छह और फुलवारीशरीफ में दो पीड़ित मिले।

वहीं रविवार को चिकनगुनिया के चार नए पीड़ित मिले। अब कुल चिकनगुनिया पीड़ितों की संख्या बढ़कर 240 हो गई है। वहीं राज्यभर में डेंगू के 153 नए मरीज मिले। एक जनवरी से दो नवम्बर तक राज्य में कुल 7641 डेंगू के मरीज मिले हैं।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पश्चिम चम्पारण में छह, वैशाली में तीन, नालंदा में 16, मधुबनी में चार, गोपालगंज, गया में चार, भोजपुर में एक, बेगूसराय में 8 मरीज मिले हैं।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने सीएम नीतीश कुमार पर लगाया यह गंभीर आरोप, विस उपचुनाव में चारो सीटों पर महागठबंधन की जीत का किया दावा

डेस्क : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा है कि जब बिहार में महागठबंधन की सरकार थी और वे स्वास्थ्य मंत्री थे तब स्वास्थ्य विभाग में डेढ़ लाख नौकरी देने की प्रक्रिया शुरू हुई थी। लेकिन सीएम नीतीश ने वह फ़ाइल रुकवा दी। एनडीए के साथ चले गये तो पूरी नियुक्ति प्रक्रिया ठप हो गई। उन्होंने कहा कि हम सीएम नीतीश से हाथ जोड़कर कहेंगे कि नौकरी की प्रक्रिया शुरू करें।

तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कुमार पहले कहते थे कि नौकरी कहाँ से मिलेगा। लेकिन जब महागठबंधन की सरकार बनी तो लाखों शिक्षकों की नौकरी सुनिश्चित हुई। उन्होंने कहा कि आज बिहार की स्थिति देख लीजिए। हमने 110 हत्या का डाटा आज पोस्ट किया है। बिहार में हालत क्या है। अपराधियों का पावर है। अपराधियों की दीपावली है लेकिन सरकार सब कुछ देख कर चुप है। 

वहीं बिहार की चार सीटों पर हो रहे विधानसभा उपचुनाव को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि बेलागंज, इमामगंज, रामगढ़ और तरारी सीटों पर 13 नवंबर को होने वाले उपचुनाव में महागठबंधन की जीत होगी। उन्होंने कहा कि चारों स्थान पर हम लोग चुनाव जीत रहे हैं। सरकार से बिल्कुल जनता का भरोसा उठ चुका है। तेजस्वी रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार से निकलने के पहले कहा कि सभी सीटों पर महागठबंधन के लिए माहौल है। हम लोग चारों स्थान पर चुनाव जीतेंगे।

भाजपा नेताओं के ‘बंटोगे तो कटोगे’ टिप्पणी पर तेजस्वी यादव ने कहा कि इन लोगों का काम ही नफरत फैलाना है। सिर्फ और सिर्फ समाज में नफरत फैलाएंगे। शिक्षा पर बात नहीं करेंगे। स्वास्थ्य पर बात नहीं करेंगे। नौकरी पर बात नहीं करेंगे लेकिन अब इन लोगों की पूरी चौकड़ी जनता समझ चुकी है। जनता इन लोगों को सबक सिखाएगी।

परदेश में रहने वाले बिहारवासियों को छठ में घर आने में हो रही भारी फजीहत, इस तरह से पटना पहुंच रहे लोग

डेस्क :- बिहार के लिए छठ महापर्व है। इस पर्व को मौके पर बिहार से बाहर रहने वाले लोगों की सबसे बड़ी तमन्ना अपने घर आने की होती है। वहीं इसबार परदेश में रहने वाले लोगों को घर आने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बेंगलुरु, मुंबई, पुणे और अन्य शहरों से पटना के लिए यात्री दो से तीन ट्रेनें बदलकर पटना पहुंच रहे हैं। लंबी दूरी की सीधी ट्रेन सेवा होने के बावजूद इन ट्रेनों में जगह नहीं है। भारी प्रतीक्षा सूची और तत्काल टिकटों की मारामारी के बीच कंफर्म टिकट का टोटा है।

बेंगलुरु से पटना आने वाले यात्री पहले कोलकाता आ रहे हैं। फिर कोलकाता से अन्य ट्रेनों से पटना पहुंच रहे हैं। मुंबई से आने वाले यात्री किसी तरह इटारसी पहुंच रहे हैं। इटारसी से अन्य ट्रेनों से डीडीयू और फिर पटना पहुंच रहे हैं। हालांकि, इस दौरान भी परेशानी कम नहीं है। सामान के साथ तीन बार ट्रेनों का बदलना यात्रियों के लिए मुश्किल हो रहा है। यात्रियों की भीड़ ऐसी है कि बोगी मंब घुसना किसी जंग लड़ने जैसा है।

संघमित्रा एक्सप्रेस से दानापुर पहुंचे यात्री मोहित ने बताया कि ट्रेनों की भीड़ की अजीब स्थिति है। बेंगलुरु से दानापुर आने के क्रम में बीच के ठहराव वाले स्टेशनों पर यात्रियों का रेला है। इक्का दुक्का यात्री उतरते हैं और दो दर्जन से अधिक यात्री एक जगह से बोगी में सवार हो रहे हैं। यात्री जुर्माना देकर भी सफर कर रहे हैं। इस ट्रेन की जनरल बोगी में शौचालय तक में यात्री सफर कर बक्सर और आरा तक पहुंचे।

विशेष ट्रेनों की लेटलतीफी से परेशानी

वैसे रेलवे ने इस बार बड़ी संख्या में विशेष ट्रेनें चलाई हैं, लेकिन यात्रियों की संख्या के लिहाज से ये अपर्याप्त हैं। इन ट्रेनों की लेटलतीफी सबसे बड़ी परेशानी है। पटना जंक्शन, भागलपुर, बरौनी, दानापुर व अन्य स्टेशनों पर पहुंचने वाली ट्रेनें पांच से सात घंटे की देरी से पहुंचीं। यात्रियों ने बताया कि इन ट्रेनों में साफ-सफाई की स्थिति ठीक नहीं है। शौचालय जाम हो जा रहा है। ट्रेनों में पेंट्रीकार की सुविधा नहीं है।

स्वास्थ्य विभाग में इस पदों पर होगी बंपर बहाली, जानिए पूरा डिटेल

डेस्क :- बिहार में 4500 कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) की बहाली होगी। इसके लिए राज्य स्वास्थ्य समिति ने विज्ञापन जारी कर दिया है। योग्य अभ्यर्थियों से एक नवंबर से आवेदन मांगा गया है। यह आवेदन 21 नवंबर तक भरा जा सकता है।

सभी 4500 पदों में से अनारक्षित वर्ग के लिए 979, ईडब्ल्यूएस के लिए 245, एससी 1243 एसटी 55 इबीसी 1170 और पिछड़ा वर्ग 640 पिछड़े वर्ग की महिला 168, इसमें महिलाओं के आरक्षित सीटों की संख्या 731 पद हैं। इसके लिए योग्यता बीएससी नर्सिंग रखी गई है। आवेदन संबंधी जानकारी shs.bihar.gov.in पर ली जा सकती है। इसके पहले दो बार वेकेंसी जारी हुई थी। लेकिन अलग-अलग कारण से रद्द कर दी गई थी। पहली बार मार्च में वेकेंसी जारी हुई थी। फिर 21 जुलाई तक दूसरी बार आवेदन मांगा गया था।

उम्र सीमा

ईडब्ल्यूएस और अनारक्षित वर्ग के पुरुषों के लिए अधिकतम आयु सीमा 42 वर्ष और महिलाओं के लिए 45 वर्ष है। एससी और एसटी वर्ग के पुरुष और महिलाओं के लिए अधिकतम आयुसीमा 47 वर्ष है। पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग के पुरुष और महिला आवेदकों के लिए आयुसीमा 45 वर्ष है।

आवेदन शुल्क

अनारक्षित, इडब्ल्यूएस, पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग के पुरुषों के लिए 500 रुपये, महिलाओं के लिए 250 रुपये लगेंगे। एससी और एसटी के पुरुषों और महिलाओं के लिए 250 रुपये आवेदन शुल्क रखा गया है। दिव्यांग पुरुष और महिला आवेदकों के लिए आवेदन शुल्क 250 रुपये रखा गया है।

हर बिहारी अपने घर में मनाए छठ त्योहार इसमें पूरी तत्परता से जुटी है एनडीए सरकार :- अरविन्द सिंह

डेस्क :- भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि बिहारवासियों के लिए छठ महापर्व पर एनडीए सरकार खास तोहफा देने का काम कर रही है। एनडीए सरकार ने विशेष ट्रेनों के माध्यम से हर बिहारी की घर वापसी आसान बनाने का काम किया हैं, एनडीए सरकार हर घर में त्योहारों की रौनक बढ़ाने का काम कर रही है।

बिहार के माटी पानी प्राकृतिक एवं सूरज उपासना का छठ पर्व के अवसर पर बिहार एवं बिहार वासियों के दिल में प्रफुल्लन उत्साह उमंग प्रेम भाईचारा स्वच्छता पवित्रता और सामाजिक सद्भाव के भाव से बिहार का यह छठ पर्व मनाया जाता है।

छठ महापर्व पर बिहारवासियों के लिए मोदी सरकार का विशेष उपहार देने का काम किया है। स्पेशल ट्रेनों में 1.20 लाख से अधिक बर्थ उपलब्ध कराने का काम मोदी सरकार ने किया है और तो और नियमित ट्रेनों के 123 अतिरिक्त फेरे लगेंगे साथ ही 54 हजार से अधिक यात्रियों के लिए अनारक्षित क्षमता उपलब्ध करा रही हैं मोदी सरकार।

दीपावली और छठ महापर्व पर 17 जोड़ी स्पेशल ट्रेनें चलाने का रेलवे ने फैसला लिया है। दिल्ली से मुजफ्फरपुर, दरभंगा और सीतामढ़ी के बीच 6 स्पेशल ट्रेनें चलेंगी। हर बिहारी घर में मनाए छठ त्योहार इसमें पूरी तत्परता से जुटी है एनडीए सरकार।

श्री अरविन्द ने कहा कि वहीं देश के यशस्वी मा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में एनडीए सरकार सफाई और स्वच्छता अभियान को नई ऊँचाई पर ले जा रही है। छठ महापर्व के अवसर पर भी यह अभियान निरंतर जारी है।

पटना सहित विभिन्न नगर निकायों में लगभग 100 करोड़ रुपये की राशि से घाटों की सफाई और निर्माण का कार्य राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। वहीं मा मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में पटना सहित विभिन्न नगर निकायों में लगभग 100 करोड़ रुपये की राशि से घाटों की सफाई एवं निर्माण का कार्य राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है।

प्रदेश एनडीए सरकार भी अपनी पूरी तत्परता के साथ छठ घाटों की साफ-सफाई का ध्यान छठ व्रतियों के सहूलियत के लिए रख रही है।

भूल-भुलैयानुमा घर में तहखाना बनाकर छुपा रखा था करोड़ों का हथियार और मादक पदार्थ, पुलिस ने खोज निकाला

डेस्क : बिहार की रोहतास पुलिस ने एक बड़े हथियार और मादक पदार्थों की तस्करी का खुलासा करते हुए करोड़ो रुपये के हथियार और मादक पदार्थ जब्त किया है।

जिले की नगर थाना क्षेत्र के मुबारकगंज मोहल्ले में 40 कमरों वाले भूल-भुलैयानुमा घर में तहखाना बनाकर हथियार-गोली व मादक पदार्थों की तस्करी का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। यहां से हथियार-गोली, करोड़ों रुपये मूल्य की हेरोइन व 1.31 लाख नकद जब्त किया है। वहीं अवैध धंधे में संलिप्त 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार जिले के एसपी रौशन कुमार ने बी-सैप, एसटीएफ और कई थानों की पुलिस और वज्रवहन के साथ मुबारकगंज में हेरोइन तस्कर रहे गुलाटी कहार के घर पर छापेमारी की। इस दौरान 1.88 किलो हेरोइन, एक कट्टा, एक पिस्टल, दो मैगजीन, 39 कारतूस, दो बंदूक, 22 मोबाइल, लैपटॉप आदि बरामद हुआ है।

पुलिस ने गुलाटी के बेटे विकास और अनुराग राज, चेनारी के अल्तमस, मुबारकगंज के रोहन, धीरज, रंजीत, अतीक, कुंदन, गांधी कुमार, करनसराय के यश व एक किशोर को गिरफ्तार किया। छापे सुबह 9.30 बजे तक चली। गिरफ्तार 10 लोगों को जेल और किशोर को बाल सुधार गृह भेजा गया है।

गौरतलब है कि 90 के दशक में हेरोइन तस्कर गुलाटी की तूती बोलती थी। बाद में उसकी हत्या हुई थी।

जन सुराज के संस्थापक पीके ने अपनी आमदनी का किया खुलासा, राजनीति दलों को सलाह देने की इनकी रेट को जानकर आप रह जाएंगे दंग

डेस्क : चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर को लेकर सबसे अहम सवाल ये उठता रहा है कि प्रशांत किशोर कहां से इतना पैसा ला रहे हैं कि वे दो साल से बिहार के गांवों में टेंट सिटी लगाकर रह रहे हैं। उनकी जन सुराज पार्टी के भी खर्चे बड़े हैं। आखिर इतना पैसा आ कहां से आ रहा है। अपने उपर लग रहे इन आरोपों को लेकर प्रशांत किशोर ने इसका राज खोला है। जन सुराज के प्रशांत किशोर ने कथित तौर पर खुलासा किया है कि वह राजनीतिक दलों या नेताओं को चुनाव रणनीति सेवाएँ प्रदान करने के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक शुल्क लेते हैं ।

बीते दिनों जहानाबाद जिले के बेलागंज विधान सभा क्षेत्र में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने उपस्थित लोगों को बताया कि लोग अक्सर उनसे उनके अभियानों के लिए धन के स्रोत के बारे में सवाल करते हैं। उन्होंने कहा कि अलग-अलग राज्यों में दस सरकारें मेरी रणनीतियों पर चल रही हैं। क्या आपको लगता है कि मेरे पास अपने अभियान के लिए टेंट और छतरियां लगाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होंगे? क्या आपको लगता है कि मैं इतना कमज़ोर हूँ? बिहार में, किसी ने मेरी तरह की फीस के बारे में नहीं सुना है। अगर मैं किसी को सिर्फ़ एक चुनाव में सलाह देता हूँ, तो मेरी फीस ₹ 100 करोड़ या उससे भी ज़्यादा होती है। अगले दो सालों तक, मैं सिर्फ़ एक ऐसी चुनावी सलाह से अपने अभियान को फ़ंड करना जारी रख सकता हूँ।"

प्रशांत किशोर ने कहा कि जनता के पैसे लूट कर अपना घऱ भरने वाले लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं। खासकर मुसलमानों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है कि मैं पैसे कहां से ला रहा हूं। तभी मुझ पर बीजेपी की बी टीम होने का आऱोप लगाया जा रहा है। प्रशांत किशोर को अपना घर भरने के लिए जनता से पैसे लेने की जरूरत नहीं है।

पीके ने कहा कि कुछ लोग ये आऱोप लगा रहे हैं कि मुझे बीजेपी से पैसा आ रहा है और मैं बीजेपी का बी टीम बनकर काम कर रहा हूं। ऐसा आरोप लगाने वाले लोग तब कहां थे जब पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की बीजेपी से सबसे तीखी लड़ाई हो रही थी। प्रशांत किशोर ने कहा कि पश्चिम बंगाल के उस विधानसभा चुनाव में मैंने ममता बनर्जी के लिए रणनीति बनायी थी औऱ ऐलान किया था कि बीजेपी को 100 सीटें भी आय़ेगी तो मैं सन्यास ले लूंगा। मेरा दावा सच साबित हुआ। अगर मैं बीजेपी की बी टीम हूं तो ममता बनर्जी के लिए काम करता?

उन्होंने लोगों से कहा-मुझे कमजोर आदमी मत समझिये। देश के कम से कम 10 राज्यों में सरकार बनाने में मेरा रोल रहा है। मैंने उन राज्यों में सत्ता में आने वाली पार्टी के लिए काम किया था। प्रशांत किशोर ने कहा कि राजनीतिक पार्टी को सलाह देने के लिए मैं इतना पैसा लेता हूं जितना बिहार में किसी ने सोचा तक नहीं होगा। पीके ने कहा कि एक चुनाव में सलाह देने के लिए मैं कम से कम 100 करोड़ रूपया लेता हूं।

प्रशांत किशोर ने लोगों से कहा कि इससे अंदाजा लगा लीजिये कि मेरे पास कहां से पैसे आते हैं। अगर एक पार्टी से मेरा करार हो गया तो 100 करोड़ रूपये से ज्यादा राशि मिलती हैं। 100 करोड़ रूपये में तो सालों साल टेंट तंबू लगाने का खर्च निकल जायेगा।

बीपीएससी हेड मास्टर का रिजल्ट आने पर तेजस्वी ने दी प्रतिक्रिया, बोले – हमारी प्रेरणा से बना रिकार्ड, केंद्र करने लगा अनुकरण

डेस्क: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रधान शिक्षक परीक्षा में सफल होने वाले सभी शिक्षकों को हार्दिक बधाई और असीम शुभकामनाएं दी हैं। शनिवार को बयान जारी कर उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार हमने विगत वर्ष आज ही के दिन पिछले साल 2 नवंबर को रिकॉर्ड बनाते हुए गांधी मैदान से एक राज्य में, एक दिन में, एक विभाग में, एक साथ एक लाख 20 हजार 336 नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए थे।

अगस्त 2022 में सरकार में आने के बाद हमने मात्र 17 महीनों में पांच लाख नियुक्तियां की तथा विभिन्न विभागों में तीन लाख से अधिक नियुक्तियां प्रक्रियाधीन करवाई। उन्होंने कहा कि हमारी पहल और प्रेरणा से प्रथम बार बिहार में नौकरी मिलने के बाद नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम किए जाने लगे, जिसका अनुसरण भारत सरकार ने भी करना प्रारंभ किया।

तेजस्वी ने आगे कहा कि हमने 17 महीनों के अल्प कार्यकाल में युवा जोश, नई सोच, नई दृष्टि और नए विजन के साथ नौकरी-रोजगार प्रदान करने एवं नियुक्ति प्रक्रिया के जो मापदंड स्थापित किए उससे लाखों अभ्यर्थी लाभान्वित होते रहेंगे।

जयंती पर स्मरण कर लौह-पुरुष को राजद ने बताया राष्ट्रीय एकता का सूत्रधार

शुक्रवार को जयंती पर भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्मरण राजद के नेता व कार्यकर्ता भाव-विह्वल होते रहे। राजद के प्रदेश कार्यालय में आयोजित समारोह की अध्यक्षता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव ने की।

तैल-चित्र पर माल्यार्पण के बाद उन्होंने कहा कि उप प्रधानमंत्री रहे सरदार पटेल को यूं ही लौह-पुरुष की उपाधि नहीं मिली। उनका व्यक्तित्व व कृतित्व ही ऐसा था। राजनीति में वैसा व्यक्तित्व विरले होता है। किसान नेता के रूप में उन्होंने बारदोली के किसान संघर्ष को एक दिशा दी थी। वे राष्ट्रीय एकता के सूत्रधार थे।

अपने स्पष्ट और बेबाक निर्णय से उन्होंने देश की एकता को मजबूत किया था। वे छोटी-छोटी रियासत के विरुद्ध थे और स्वतंत्र भारत में लगभग 610 रियासतों का विलय कराकर उन्होंने राष्ट्र-निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दिया।

बीनू यादव, एजाज अहमद, डॉ. अनवर आलम, मुकुंद सिंह, फैयाज आलम कमाल, प्रमोद कुमार राम, भाई अरुण कुमार, निर्भय कुमार अंबेडकर,उपेंद्र चंद्रवंशी आदि समारोह में उपस्थित रहे।

बेलागंज विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में जदयू और राजद के बीच होगी सीधी टक्कर, क्या मनोरमा देवी फतह कर पाएंगी राजद का यह अभेद किला !

डेस्क : बिहार की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। एनडीए और इंडी एलायंस के साथ अन्य दलों ने अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है और 25 अक्टूबर तक सभी प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कर अपनी-अपनी विधानसभा में चुनाव प्रचार भी तेज कर दिया है। इन चार विधान सभा सीटों में सबसे हॉट सीट बेलागंज माना जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस सीट पर पिछले 30 सालों से माय समीकरण ही कारगर होता रहा है। जिसकी वजह से राजद का इस विधानसभा सीट पर दबदबा रहा है। आजतक राजद की जीत का मुख्य कारण माय समीकरण ही है।

राजद नेता सुरेंद्र यादव 1990 से लगातार बेलागंज विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं। 1990 व 1995 में जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सुरेंद्र यादव का मुक़ाबला अभिराम शर्मा (1990 में निर्दलीय, 1995 में कांग्रेस) से हुआ। 1998 में सुरेंद्र यादव, जहानाबाद से लोकसभा चुनाव जीत गए, जिसके बाद यहाँ हुए उपचुनाव में राजद के ही महेश सिंह यादव विधायक बने। लेकिन, अगले ही साल हुए लोकसभा चुनाव में सुरेंद्र यादव की हार हो गई। सुरेंद्र यादव वापस 2000 में बेलागंज से चुनाव लड़ने आ गए और करीब 23,000 वोटों के बड़े अंतर से भाजपा के कृष्ण सिंह को हराया। साल 2004 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने सांसदी का टिकट नहीं दिया, लेकिन आगे 2009 से लगातार जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र से उन्हें राजद ने चुनाव लड़वाया। वह जहानाबाद से लोकसभा चुनाव हारते रहे और बेलागंज से विधानसभा चुनाव जीतते रहे। आखिरकार, 26 वर्षों के बाद 2024 लोकसभा चुनाव में वह वापस सांसद बने। अब उनके बेटे विश्वनाथ यादव बेलागंज से उपचुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

वहीं बेलागंज विधानसभा चुनाव में 2000 के बाद यह पहला अवसर है जब एनडीए की ओर से जदयू ने राजद प्रत्याशी की ही जाति के प्रत्याशी को टिकट दिया है। एनडीए प्रत्याशी के तौर पर जदयू की मनोरमा देवी को इसबार यहां से चुनाव मैदान में है। दोनों यादव जाति से आते हैं। वहीं मनोरमा देवी के पति का यादव समाज में पकड़ रही है। इसके साथ ही मनोरमा देवी खुद समाज सेवा का काम करती रही है। जिसकी वजह से वो यादव समाज के साथ-साथ अन्य समाज में भी उनकी अच्छी पकड़ है। वहीं यदि बाहुबल की बात करे तो इसमें भी वो कम नहीं है। इनके दिवंगत पति बिंदेश्वरी प्रसाद यादव जो बिंदी यादव के नाम से जाना जाता था। उसके ऊपर नक्सलियों को कारतूस सप्लाई करने का आरोप लगा था। इस मामले में बिंदी यादव की गिरफ्तारी भी हुई थी। वहीं पिछले दिनों मनोरमा देवी के आवास पर जो एनआईए की छापेमारी मनोरमा देवी से पूछताछ की थी वह नक्सलियों से संबंध को लेकर माना गया था।

इतना ही नहीं मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव की छवि भी दबंग की रही है और यही वजह है कि इस सीट से जन सुराज प्रत्याशी मोहम्मद अमजद एक बयान को लेकर मनोरमा देवी ने साफ शब्दों में कहा था कि मर्यादा में रहकर बयानबाजी होनी चाहिए। यदि सामने वाला मर्यादा तोड़ेगा तो उन्हें भी जवाब देना आता है। मनोरमा देवी के इस बयान का मतलब साफ है कि यदि कोई बाहुबल दिखाने की कोशिश करेगा तो वह भी कम नही है।

यहां बता दें प्रशांत किशोर की नई पार्टी जन सुराज ने बेलागंज सीट से जिस मोहम्मद अमजद को प्रत्याशी बनाया है उनकी पहचान एक बाहुबली नेता के रुप में है। इनके उपर दंगा करने का साजिश, आपराधिक धमकी, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली की धमकी जैसे आरोप है।

वैसे एनडीए की प्रत्याशी मनोरमा देवी ने मीडिया से बातचीत के दौरान बेलागंज में चुनाव का माहौल क्या चल रहा है। इस पर कहा कि विधानसभा में माहौल क्या चल रहा है यह तो जनता ही बताएगी। लेकिन, माहौल काफी अच्छा चल रहा है।

वहीं बिहार के वरिष्ठ पत्रकारों का कहना है कि यहां पर 30 सालों से MY समीकरण ही बनते आ रहा है। इसके चलते राजद का इस विधानसभा सीट पर दबदबा रहा है। आज तक राजद की जीत का मुख्य कारण MY समीकरण ही है, लेकिन आज की मौजूदा स्थिति गड़बड़ाई हुई है। इसका कारण M में भी सेंध और Y में भी सेंध लग चुकी है। मनोरमा देवी को एनडीए ने उम्मीदवार बनाया है तब से कड़ा मुकाबला हो गया है। इसका असर इस बार चुनाव में देखने को मिल सकता है। यहां उलट पलट की स्थिति इस बार बन रही है।

वैसे एक बात तय है कि बेलागंज में राजद और जदयू के बीच ही मुकाबला होने जा रहा है। हालांकि इसमें इन दोनो की जीत-हार इस पर भी निर्भर होगा कि प्रशांत किशोर के प्रत्याशी का क्या प्रभाव होता है।

अब देखने वाली बात यह होगी की मनोरमा देवी इस सीट पर फतह कर 30 वर्षों के राजद का यह किला ध्वस्त कर पाती है या फिर इसपर राजद का दबदबा ही कायम रहता है।