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भूल-भुलैयानुमा घर में तहखाना बनाकर छुपा रखा था करोड़ों का हथियार और मादक पदार्थ, पुलिस ने खोज निकाला

डेस्क : बिहार की रोहतास पुलिस ने एक बड़े हथियार और मादक पदार्थों की तस्करी का खुलासा करते हुए करोड़ो रुपये के हथियार और मादक पदार्थ जब्त किया है।

जिले की नगर थाना क्षेत्र के मुबारकगंज मोहल्ले में 40 कमरों वाले भूल-भुलैयानुमा घर में तहखाना बनाकर हथियार-गोली व मादक पदार्थों की तस्करी का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। यहां से हथियार-गोली, करोड़ों रुपये मूल्य की हेरोइन व 1.31 लाख नकद जब्त किया है। वहीं अवैध धंधे में संलिप्त 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार जिले के एसपी रौशन कुमार ने बी-सैप, एसटीएफ और कई थानों की पुलिस और वज्रवहन के साथ मुबारकगंज में हेरोइन तस्कर रहे गुलाटी कहार के घर पर छापेमारी की। इस दौरान 1.88 किलो हेरोइन, एक कट्टा, एक पिस्टल, दो मैगजीन, 39 कारतूस, दो बंदूक, 22 मोबाइल, लैपटॉप आदि बरामद हुआ है।

पुलिस ने गुलाटी के बेटे विकास और अनुराग राज, चेनारी के अल्तमस, मुबारकगंज के रोहन, धीरज, रंजीत, अतीक, कुंदन, गांधी कुमार, करनसराय के यश व एक किशोर को गिरफ्तार किया। छापे सुबह 9.30 बजे तक चली। गिरफ्तार 10 लोगों को जेल और किशोर को बाल सुधार गृह भेजा गया है।

गौरतलब है कि 90 के दशक में हेरोइन तस्कर गुलाटी की तूती बोलती थी। बाद में उसकी हत्या हुई थी।

जन सुराज के संस्थापक पीके ने अपनी आमदनी का किया खुलासा, राजनीति दलों को सलाह देने की इनकी रेट को जानकर आप रह जाएंगे दंग

डेस्क : चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर को लेकर सबसे अहम सवाल ये उठता रहा है कि प्रशांत किशोर कहां से इतना पैसा ला रहे हैं कि वे दो साल से बिहार के गांवों में टेंट सिटी लगाकर रह रहे हैं। उनकी जन सुराज पार्टी के भी खर्चे बड़े हैं। आखिर इतना पैसा आ कहां से आ रहा है। अपने उपर लग रहे इन आरोपों को लेकर प्रशांत किशोर ने इसका राज खोला है। जन सुराज के प्रशांत किशोर ने कथित तौर पर खुलासा किया है कि वह राजनीतिक दलों या नेताओं को चुनाव रणनीति सेवाएँ प्रदान करने के लिए 100 करोड़ रुपये से अधिक शुल्क लेते हैं ।

बीते दिनों जहानाबाद जिले के बेलागंज विधान सभा क्षेत्र में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने उपस्थित लोगों को बताया कि लोग अक्सर उनसे उनके अभियानों के लिए धन के स्रोत के बारे में सवाल करते हैं। उन्होंने कहा कि अलग-अलग राज्यों में दस सरकारें मेरी रणनीतियों पर चल रही हैं। क्या आपको लगता है कि मेरे पास अपने अभियान के लिए टेंट और छतरियां लगाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होंगे? क्या आपको लगता है कि मैं इतना कमज़ोर हूँ? बिहार में, किसी ने मेरी तरह की फीस के बारे में नहीं सुना है। अगर मैं किसी को सिर्फ़ एक चुनाव में सलाह देता हूँ, तो मेरी फीस ₹ 100 करोड़ या उससे भी ज़्यादा होती है। अगले दो सालों तक, मैं सिर्फ़ एक ऐसी चुनावी सलाह से अपने अभियान को फ़ंड करना जारी रख सकता हूँ।"

प्रशांत किशोर ने कहा कि जनता के पैसे लूट कर अपना घऱ भरने वाले लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं। खासकर मुसलमानों के बीच भ्रम फैलाया जा रहा है कि मैं पैसे कहां से ला रहा हूं। तभी मुझ पर बीजेपी की बी टीम होने का आऱोप लगाया जा रहा है। प्रशांत किशोर को अपना घर भरने के लिए जनता से पैसे लेने की जरूरत नहीं है।

पीके ने कहा कि कुछ लोग ये आऱोप लगा रहे हैं कि मुझे बीजेपी से पैसा आ रहा है और मैं बीजेपी का बी टीम बनकर काम कर रहा हूं। ऐसा आरोप लगाने वाले लोग तब कहां थे जब पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की बीजेपी से सबसे तीखी लड़ाई हो रही थी। प्रशांत किशोर ने कहा कि पश्चिम बंगाल के उस विधानसभा चुनाव में मैंने ममता बनर्जी के लिए रणनीति बनायी थी औऱ ऐलान किया था कि बीजेपी को 100 सीटें भी आय़ेगी तो मैं सन्यास ले लूंगा। मेरा दावा सच साबित हुआ। अगर मैं बीजेपी की बी टीम हूं तो ममता बनर्जी के लिए काम करता?

उन्होंने लोगों से कहा-मुझे कमजोर आदमी मत समझिये। देश के कम से कम 10 राज्यों में सरकार बनाने में मेरा रोल रहा है। मैंने उन राज्यों में सत्ता में आने वाली पार्टी के लिए काम किया था। प्रशांत किशोर ने कहा कि राजनीतिक पार्टी को सलाह देने के लिए मैं इतना पैसा लेता हूं जितना बिहार में किसी ने सोचा तक नहीं होगा। पीके ने कहा कि एक चुनाव में सलाह देने के लिए मैं कम से कम 100 करोड़ रूपया लेता हूं।

प्रशांत किशोर ने लोगों से कहा कि इससे अंदाजा लगा लीजिये कि मेरे पास कहां से पैसे आते हैं। अगर एक पार्टी से मेरा करार हो गया तो 100 करोड़ रूपये से ज्यादा राशि मिलती हैं। 100 करोड़ रूपये में तो सालों साल टेंट तंबू लगाने का खर्च निकल जायेगा।

बीपीएससी हेड मास्टर का रिजल्ट आने पर तेजस्वी ने दी प्रतिक्रिया, बोले – हमारी प्रेरणा से बना रिकार्ड, केंद्र करने लगा अनुकरण

डेस्क: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रधान शिक्षक परीक्षा में सफल होने वाले सभी शिक्षकों को हार्दिक बधाई और असीम शुभकामनाएं दी हैं। शनिवार को बयान जारी कर उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार हमने विगत वर्ष आज ही के दिन पिछले साल 2 नवंबर को रिकॉर्ड बनाते हुए गांधी मैदान से एक राज्य में, एक दिन में, एक विभाग में, एक साथ एक लाख 20 हजार 336 नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए थे।

अगस्त 2022 में सरकार में आने के बाद हमने मात्र 17 महीनों में पांच लाख नियुक्तियां की तथा विभिन्न विभागों में तीन लाख से अधिक नियुक्तियां प्रक्रियाधीन करवाई। उन्होंने कहा कि हमारी पहल और प्रेरणा से प्रथम बार बिहार में नौकरी मिलने के बाद नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम किए जाने लगे, जिसका अनुसरण भारत सरकार ने भी करना प्रारंभ किया।

तेजस्वी ने आगे कहा कि हमने 17 महीनों के अल्प कार्यकाल में युवा जोश, नई सोच, नई दृष्टि और नए विजन के साथ नौकरी-रोजगार प्रदान करने एवं नियुक्ति प्रक्रिया के जो मापदंड स्थापित किए उससे लाखों अभ्यर्थी लाभान्वित होते रहेंगे।

जयंती पर स्मरण कर लौह-पुरुष को राजद ने बताया राष्ट्रीय एकता का सूत्रधार

शुक्रवार को जयंती पर भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्मरण राजद के नेता व कार्यकर्ता भाव-विह्वल होते रहे। राजद के प्रदेश कार्यालय में आयोजित समारोह की अध्यक्षता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भोला यादव ने की।

तैल-चित्र पर माल्यार्पण के बाद उन्होंने कहा कि उप प्रधानमंत्री रहे सरदार पटेल को यूं ही लौह-पुरुष की उपाधि नहीं मिली। उनका व्यक्तित्व व कृतित्व ही ऐसा था। राजनीति में वैसा व्यक्तित्व विरले होता है। किसान नेता के रूप में उन्होंने बारदोली के किसान संघर्ष को एक दिशा दी थी। वे राष्ट्रीय एकता के सूत्रधार थे।

अपने स्पष्ट और बेबाक निर्णय से उन्होंने देश की एकता को मजबूत किया था। वे छोटी-छोटी रियासत के विरुद्ध थे और स्वतंत्र भारत में लगभग 610 रियासतों का विलय कराकर उन्होंने राष्ट्र-निर्माण में अपना अमूल्य योगदान दिया।

बीनू यादव, एजाज अहमद, डॉ. अनवर आलम, मुकुंद सिंह, फैयाज आलम कमाल, प्रमोद कुमार राम, भाई अरुण कुमार, निर्भय कुमार अंबेडकर,उपेंद्र चंद्रवंशी आदि समारोह में उपस्थित रहे।

बेलागंज विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में जदयू और राजद के बीच होगी सीधी टक्कर, क्या मनोरमा देवी फतह कर पाएंगी राजद का यह अभेद किला !

डेस्क : बिहार की चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। एनडीए और इंडी एलायंस के साथ अन्य दलों ने अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है और 25 अक्टूबर तक सभी प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल कर अपनी-अपनी विधानसभा में चुनाव प्रचार भी तेज कर दिया है। इन चार विधान सभा सीटों में सबसे हॉट सीट बेलागंज माना जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस सीट पर पिछले 30 सालों से माय समीकरण ही कारगर होता रहा है। जिसकी वजह से राजद का इस विधानसभा सीट पर दबदबा रहा है। आजतक राजद की जीत का मुख्य कारण माय समीकरण ही है।

राजद नेता सुरेंद्र यादव 1990 से लगातार बेलागंज विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा चुनाव जीत रहे हैं। 1990 व 1995 में जनता दल के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले सुरेंद्र यादव का मुक़ाबला अभिराम शर्मा (1990 में निर्दलीय, 1995 में कांग्रेस) से हुआ। 1998 में सुरेंद्र यादव, जहानाबाद से लोकसभा चुनाव जीत गए, जिसके बाद यहाँ हुए उपचुनाव में राजद के ही महेश सिंह यादव विधायक बने। लेकिन, अगले ही साल हुए लोकसभा चुनाव में सुरेंद्र यादव की हार हो गई। सुरेंद्र यादव वापस 2000 में बेलागंज से चुनाव लड़ने आ गए और करीब 23,000 वोटों के बड़े अंतर से भाजपा के कृष्ण सिंह को हराया। साल 2004 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने सांसदी का टिकट नहीं दिया, लेकिन आगे 2009 से लगातार जहानाबाद लोकसभा क्षेत्र से उन्हें राजद ने चुनाव लड़वाया। वह जहानाबाद से लोकसभा चुनाव हारते रहे और बेलागंज से विधानसभा चुनाव जीतते रहे। आखिरकार, 26 वर्षों के बाद 2024 लोकसभा चुनाव में वह वापस सांसद बने। अब उनके बेटे विश्वनाथ यादव बेलागंज से उपचुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।

वहीं बेलागंज विधानसभा चुनाव में 2000 के बाद यह पहला अवसर है जब एनडीए की ओर से जदयू ने राजद प्रत्याशी की ही जाति के प्रत्याशी को टिकट दिया है। एनडीए प्रत्याशी के तौर पर जदयू की मनोरमा देवी को इसबार यहां से चुनाव मैदान में है। दोनों यादव जाति से आते हैं। वहीं मनोरमा देवी के पति का यादव समाज में पकड़ रही है। इसके साथ ही मनोरमा देवी खुद समाज सेवा का काम करती रही है। जिसकी वजह से वो यादव समाज के साथ-साथ अन्य समाज में भी उनकी अच्छी पकड़ है। वहीं यदि बाहुबल की बात करे तो इसमें भी वो कम नहीं है। इनके दिवंगत पति बिंदेश्वरी प्रसाद यादव जो बिंदी यादव के नाम से जाना जाता था। उसके ऊपर नक्सलियों को कारतूस सप्लाई करने का आरोप लगा था। इस मामले में बिंदी यादव की गिरफ्तारी भी हुई थी। वहीं पिछले दिनों मनोरमा देवी के आवास पर जो एनआईए की छापेमारी मनोरमा देवी से पूछताछ की थी वह नक्सलियों से संबंध को लेकर माना गया था।

इतना ही नहीं मनोरमा देवी के बेटे रॉकी यादव की छवि भी दबंग की रही है और यही वजह है कि इस सीट से जन सुराज प्रत्याशी मोहम्मद अमजद एक बयान को लेकर मनोरमा देवी ने साफ शब्दों में कहा था कि मर्यादा में रहकर बयानबाजी होनी चाहिए। यदि सामने वाला मर्यादा तोड़ेगा तो उन्हें भी जवाब देना आता है। मनोरमा देवी के इस बयान का मतलब साफ है कि यदि कोई बाहुबल दिखाने की कोशिश करेगा तो वह भी कम नही है।

यहां बता दें प्रशांत किशोर की नई पार्टी जन सुराज ने बेलागंज सीट से जिस मोहम्मद अमजद को प्रत्याशी बनाया है उनकी पहचान एक बाहुबली नेता के रुप में है। इनके उपर दंगा करने का साजिश, आपराधिक धमकी, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली की धमकी जैसे आरोप है।

वैसे एनडीए की प्रत्याशी मनोरमा देवी ने मीडिया से बातचीत के दौरान बेलागंज में चुनाव का माहौल क्या चल रहा है। इस पर कहा कि विधानसभा में माहौल क्या चल रहा है यह तो जनता ही बताएगी। लेकिन, माहौल काफी अच्छा चल रहा है।

वहीं बिहार के वरिष्ठ पत्रकारों का कहना है कि यहां पर 30 सालों से MY समीकरण ही बनते आ रहा है। इसके चलते राजद का इस विधानसभा सीट पर दबदबा रहा है। आज तक राजद की जीत का मुख्य कारण MY समीकरण ही है, लेकिन आज की मौजूदा स्थिति गड़बड़ाई हुई है। इसका कारण M में भी सेंध और Y में भी सेंध लग चुकी है। मनोरमा देवी को एनडीए ने उम्मीदवार बनाया है तब से कड़ा मुकाबला हो गया है। इसका असर इस बार चुनाव में देखने को मिल सकता है। यहां उलट पलट की स्थिति इस बार बन रही है।

वैसे एक बात तय है कि बेलागंज में राजद और जदयू के बीच ही मुकाबला होने जा रहा है। हालांकि इसमें इन दोनो की जीत-हार इस पर भी निर्भर होगा कि प्रशांत किशोर के प्रत्याशी का क्या प्रभाव होता है।

अब देखने वाली बात यह होगी की मनोरमा देवी इस सीट पर फतह कर 30 वर्षों के राजद का यह किला ध्वस्त कर पाती है या फिर इसपर राजद का दबदबा ही कायम रहता है।

पूर्णिया में एक दिल दहलाने वाली घटना, भाइयों ने अपनी बहन की मौत का बदला लेने के लिए अपने जीजा की कर दी हत्या

बिहार के पूर्णिया में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. पूर्णिया में भाइयों ने अपनी बहन की मौत का बदला लेने के लिए अपने जीजा की हत्या कर दी. इलाके में 6 महीने पहले युवक की बहन ने पंखे से झूलकर आत्महत्या कर ली थी, जिसके बाद भाई ने दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. बहन की हत्या का आरोप भाइयों ने अपने जीजा सहित उसके परिजन पर लगाया था, लेकिन पुलिस ने किसी को गिरफ्तार नहीं किया था

बहन की हत्या की शिकायत युवक ने उच्च अधिकारियों से की, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में जीजा की गिरफ्तारी न होने से नाराज भाई ने शुक्रवार रात जीजा की चाकू से गोदकर हत्या कर दी. मृतक गौरव कुमार बायसी न्यायालय में पेशकार था. घटना पूर्णिया के सहायक खजांची थाना क्षेत्र के डीएससी ग्राउंड के पास की है. पुलिस ने मामला दर्ज कर के हत्यारे साले की जांच में जुट गई है.

कब हुई थी शादी?

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मृतक गौरव कुमार बायसी की शादी प्रियंका से 28 नवंबर 2021 को हुई थी. शादी के 4 साल बाद 1 मई 2024 को घर में गौरव कुमार की पत्नी प्रियंका कुमारी का शव फंदे से झूलता हुआ पाया गया. ऐसे में प्रियंका के परिजनों ने दहेज को लेकर ससुराल वालों पर हत्या का आरोप लगाकर सहायक खजांची थाना में मुकदमा दर्ज कराया था. प्रियंका के भाई का आरोप था कि गौरव, उसकी सास और ससुर ने मिलकर प्रताड़ित किया, जिसकी वजह से उसकी बहन की मौत हुई है.

चाकू से गोद गोदकर ले ली जान

मामले में कारवाई करते हुए पुलिस ने सास को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन गौरव पर कोई एक्शन नहीं हुआ. ऐसे में प्रियंका के परिवार वालों और भाईयों ने उच्च अधिकारियों के पास न्याय के लिए गुहार लगाई लेकिन बहन के पति की गिरफ्तारी नहीं हुई. बदले की आग में जलते हुए 1 नवंबर की रात को प्रियंका के भाइयों ने उसके पति की चाकू से गोद गोदकर हत्या कर दी.

बिहार में दिवाली के दिन 2 आईपीएस समेत 9 डीएसपी का तबादला, गृह विभाग ने जारी की अधिसूचना

डेस्क : बिहार सरकार ने आज दीपावली के दिन दो आईपीएस समेत 9 डीएसपी का स्थानांतरण किया है। इस संबंध में गृह विभाग के द्वारा जारी अधिसूचना जारी कर दी गई है।

गृह विभाग के जारी अधिसूचना के अनुसार मुजफ्फरपुर के नगर सहायक पुलिस अधीक्षक IPS भानु प्रताप सिंह को दानाप का एसडीपीओ बनाया गया है. वहीं दानापुर की एसडीपीओ आईपीएस दीक्षा को सहायक पुलिस अधीक्षक, अपराध अनुसंधान विभाग पटना भेजा गया है।

बड़ी खबर : गांधी जयंती के बाद अब पटेल जयंती पर बिहार में एक नई राजनीतिक पार्टी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने अपनी नई पार्टी का किया

डेस्क : बीते दिनों राजधानी पटना में पूर्व केन्द्रीय मंत्री आरसीपी सिंह को लेकर एक पोस्टर लगाया गया था। जिसपर लिखा था टाइगर अभी जिंदा है। इसके बाद इस बात की चर्चा जोरो पर थी कि पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह अपनी नई पार्टी बना सकते है। जिसपर आज मुहर लग गई। बता दें इससे पहले बीते 2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर प्रशांत किशोर ने अपनी पार्टी जनसुराज का एलान किया था। वही आज गुरुवार को पटेल जयंती के मौके पर आरसीपी सिंह ने अपनी नई पार्टी का ऐलान कर दिया है। इन्होंने अपनी पार्टी का नाम 'आसा' रखा है।

वहीं, इस मौके पर आरसीपी सिंह ने कहा कि पार्टी के झंडे में 3 रंग होंगे। झंडे में सबसे ऊपर हरा, बीच में पीला, नीचे नीला रंग होगा। उन्होंने कहा कि जब चुनाव आयोग हमें पार्टी सिंबल देगा तो बीच के पीले रंग वाले हिस्से में पार्टी का लोगो काले रंग से आएगा। कहा कि उन्होंने ये दिन इसलिए चुना है, क्योंकि सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती इसी दिन है। पटेल गुजरात के लेवा पाटीदार जाति से आते हैं, जिसे बिहार में कुर्मी कहा जाता है।

जानकारी हो कि आरसीपी सिंह की गिनती जदयू के दूसरे नंबर के नेता में की जाती थी। एक समय था कि नीतीश कुमार के सभी बड़े राजनीतिक फैसले में उनकी भूमिका रहती थी। यही कारण था कि नीतीश कुमार ने उनको पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाया। नरेंद्र मोदी की सरकार में कैबिनेट मिनिस्टर बनने को लेकर उनके और जदयू के एक बड़े नेता के बीच में विवाद शुरू हुआ और यह विवाद इतना गहरा हो गया कि उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा।

इधर आरसीपी के नई पार्टी बनाने की घोषणा से राजनीतिक गलियारों में नफा-नुकसान का आंकलन हो रहा है। कुछ जानकार आरसीपी के इस कदम से उनके नुकसान की बातें कह रहे हैं। वहीं, कुछ इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं।

सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री ने पदाधिकारियों को दिए निर्देश, सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के कार्य में लाए तेजी

डेस्क : सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी ने राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने के कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी विभागीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रचार-प्रसार के विभिन्न माध्यमों से राज्य सरकार की प्राथमिकताओं को भी आमजनों तक पहुंचाएं।

बीते बुधवार को विभाग के निदेशक वैभव श्रीवास्तव ने जिला और प्रमंडलस्तर पर क्रियान्वित योजनाओं एवं गतिविधियों की गहन समीक्षा की। इस क्रम में उन्होंने सोशल मीडिया से राज्य सरकार के उत्कृष्ट प्रयासों के व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकताओं को रेखांकित किया। विभाग की क्षेत्रीय पदाधिकारियों से कहा कि जिलास्तर पर फेसबुक लाइव के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों के जुड़ें। साथ ही यूजर्स के कमेंट का तत्काल निष्पादन करने का निर्देश दिया ताकि उनकी समस्याओं का निपटारा हो सके। उन्होंने पारंपरिक प्रचार माध्यम से राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं से आमजन को अवगत कराने का निर्देश दिया।

बैठक में अपर सचिव संजय कृष्ण, संयुक्त सचिव विदुभूषण चौधरी, संयुक्त निदेशक रवि भूषण सहाय एवं विशेष कार्य पदाधिकारी कुमारिल सत्यनंदन मौजूद रहे।

जमीन का सर्वे करने वाले कर्मियों दीपावली पर मिला बड़ा तोहफा, मानदेय में हुई बढ़ोत्तरी

डेस्क : बिहार में जमीन सर्वे का काम चल रहा है। वहीं जमीन का सर्वे करने वाले कर्मियों को इस दीपावली में राज्य सरकार की ओर से बड़ा तोहफा मिला है। इनके मानदेय में 4 से 10 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है। इन्हें बढ़े हुए मानदेय का लाभ इसी वर्ष 1 अगस्त के प्रभाव से मिलेगा।

सर्वे कार्य में मानदेय पर बहाल 6 पदों के कर्मियों के मानदेय में वृद्धि की गई है। इस फैसले से करीब 14 हजार कर्मियों को सीधा लाभ मिलेगा। यह नए और पुराने सभी कर्मियों पर लागू होगा। सबसे अधिक बिहार सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी के मानदेय में 10 हजार रुपये की बढ़ोतरी करते हुए इसे 55 हजार रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 65 हजार कर दिया गया है।

इस प्रस्ताव पर विभागीय मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल का अनुमोदन प्राप्त है। भू-अभिलेख एवं परिमाप की निदेशक जे. प्रियदर्शिनी ने इससे संबंधित आदेश बुधवार को जारी कर दिया है। इस मामले को लेकर विकास आयुक्त की अध्यक्षता में गठित समिति ने 6 अगस्त को मानदेय में बढ़ोतरी का निर्णय लिया था।

विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा है कि सरकार ने वादे के मुताबिक मानदेय बढ़ाया है। अब उम्मीद है कि कर्मी भी सर्वेक्षण के कार्य में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेंगे और निर्धारित समय में संपन्न करेंगे।

पहले अब

सहायक बंदोबस्त 55000 65000पदाधिकारी

कानूनगो 32000 40000

विशेष सर्वेक्षण अमीन 27000 35000

लिपिक 25000 30000

अमीन (अमानत/सर्वेयर) 18000 25000

मोहर्रिर 21000 25000

राज्यपाल, सीएम और विस अध्यक्ष ने देश और प्रदेशवासियों को दी दीपावली की बधाई, लोगों से की यह अपील*

डेस्क : आज पूरे देश में दीपों का त्योहार दीपावली की धूम मची हुई है। मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की तैयारी चल रही है। वहीं इस मौके पर बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विधान सभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने देश और प्रदेशवासियों को दीपावली की शुभकामना और बधाई दी है। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने अपने शुभकामना संदेश में कहा है कि दीपावली सनातन संस्कृति का सबसे महत्वपूर्ण उत्सव है। दीपों का यह त्योहार बुराई पर अच्छाई और अज्ञान पर ज्ञान की विजय का प्रतीक है। राज्यपाल ने बिहारवासियों के जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य की कामना की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शुभकामना संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रकाश पर्व दीपावली अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह अंधेरे से उजाले का संकल्प एवं प्रकाश का महापर्व है। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया है कि वे प्रकाश पर्व दीपावली को पारस्परिक सौहार्द्र, सद्भाव और उल्लास के साथ मनाएं। विधानसभा अध्यक्ष नन्दकिशोर यादव ने प्रदेशवासियों को दीपावली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देते हुए सभी के लिए उन्नति और प्रगति की कामना की है। उन्होंने कहा कि यह पावन पर्व सभी के जीवन को सुख, समृद्धि, सौभाग्य एवं आरोग्यता के धवल प्रकाश से दीप्त करे। दीपावली स्वयं को अंधेरे में रखकर दूसरों को प्रकाशित करने वाले दीपक की त्याग और समर्पण से भी प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करता है।