इस बार महाकुंभ में 45 से 50 करोड़ देशी-विदेशी पर्यटकों के आने की उम्मीद, सुरक्षा का खास रखा जा रहा ध्यान
लखनऊप। यूपी के प्रयागराज में 2025 में लगने वाले महाकुंभ भव्य व दिव्य बनाने की तैयारियां जोरों पर है। इसमें 45 से 50 करोड़ देशी-विदेशी पर्यटकों के आने की उम्मीद है। करोड़ों में आने वाले पर्यटक स्थानीय लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार देने का काम करेंगे। इसे देखते हुए पर्यटन विभाग की ओर से विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इससे न सिर्फ वेंडर और सेवा प्रदाताओं की आय बढ़ेगी, बल्कि 45 हजार से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिलेगा। इसके साथ ही सभी धार्मिक पर्यटन स्थलों के पास भी रोजगार के नए स्रोत विकसित होंगे। इसके साथ ही सुरक्षा व्यवस्था के के कड़े इंतजाम किये जा रहे है।
प्रदेश में पर्यटन सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए नई पर्यटन नीति-2022 को मंज़ूरी दी गई है। इसके बाद पर्यटन क्षेत्र के विकास ने गति पकड़ी है। नई पर्यटन नीति से प्रदेश में 20 हजार करोड़ के निवेश और 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें पहले पर्यटन सेक्टर से जुड़े सर्विस प्रोवाइडर को कौशल विकास और प्रबंधन से जोड़ा जा रहा है। प्रयागराज महाकुंभ इसके लिए बड़ा मंच साबित हो रहा है।इस क्रम में महाकुंभ में पर्यटकों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से संपर्क में आने वाले सभी सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। नाविकों, टूर गाइड, स्ट्रीट वेंडर और सेवा प्रदाताओं को कौशल विकास और प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जा रही है। नाविकों की आय बढ़ाने और उनके क्षमता विकास के लिए पर्यटन विभाग 2000 नाविकों को प्रशिक्षण दे रहा है। राजधानी के मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान में इनकी ट्रेनिंग चल रही है।इसके बाद नाविक रिवर गाइड की भूमिका का निर्वहन कर सकेंगे।
इससे नाविकों को रोजगार मिलेगा। विभाग प्रयागराज में 1000 टूर गाइड को कौशल विकास और प्रबंधन की ट्रेनिंग दे रहा है। अब तक 420 टूर गाइड प्रशिक्षित होकर सेवा देने को तैयार हैं। क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी के अनुसार महाकुंभ के पहले इस ट्रेनिंग से 45 हजार से अधिक परिवारों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। इसके साथ ही धार्मिक पर्यटन स्थलों के पास भी रोजगार के नए स्रोत विकसित होंगे।महाकुंभ के पहले पर्यटन क्षेत्र से जुड़े सभी सेवा प्रदाताओं और जनशक्ति को कुशल बनाने के लिए टूर गाइड और नाविकों के साथ स्ट्रीट वेंडर और टैक्सी ड्राइवर को भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इनको पर्यटकों के साथ व्यवहार के प्रति संवेदनशील बनने, पर्यटक स्थलों पर स्वच्छता आदि के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पर्यटन विभाग 600 स्ट्रीट वेंडर और 600 टैक्सी ड्राइवर को प्रशिक्षण देगा। अभी तक 250 स्ट्रीट वेंडर और 120 टैक्सी ड्राइवर को ट्रेनिंग दी गई है। अन्य का प्रशिक्षण चल रहा है।
इसके साथ ही महाकुंभ में आने के बाद पर्यटक व श्रद्धालु अपने आप को सुरिक्षत महसूस करें। इसको लेकर सुरक्षा व्यवस्था के तगड़े इंतजाम किये जा रहे है। चूंकि महाकुंभ के लिए तंबुओं का शहर बस रहा है। इस महाकुंभ नगरी में सुरक्षा और व्यवस्था हाईटेक होगी। प्रदेश के किसी जिले के मुकाबले सबसे ज्यादा 56 थाने होंगे। 144 पुलिस चौकी होगी। अभी कानपुर में सबसे ज्यादा 52 थाने हैं। महाकुंभ नगरी में चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा रहेगी। इसके अलावा आसमान और जल दोनों स्थानों से ड्रोन के माध्मय से निगरानी की जाएगी। ताकि गंगा और युमना नदीं में घुसकर कोई किसी प्रकार की वारदात न करने पाये।
Nov 03 2024, 10:14