*गौरा सम्भारो परिवार,हम तो बॉनर बनिबे.. रामभद्राचार्य रावण के आतंक से ब्रह्मा जी के आह्वाहन पर शंकर जी ने लिया बंदर रूप,भगवान राम की बचाई लाज..*
गौरा सम्भारो परिवार,हम तो बॉनर बनिबे... रामभद्राचार्य रावण के आतंक से ब्रह्मा जी के आह्वाहन पर शंकर जी ने लिया बंदर रूप,भगवान राम की बचाई लाज....विजेथुआ महोत्सव के पांचवे दिन की अंतिम कथा के दौरान जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने मारुतिनंदन हनुमान जी के अवतार का वर्णन करते हुए कहा कि हनुमान जी महराज शंकर स्वयं केसरी नंदन हैँ। क्योंकि जब रावण के आतंक से ब्रह्मा जी खुद शंकर जी के पास भागते हुए गए और कहा कि हे प्रभू अब तो आंखे खोलो, धरती पर अत्याचार बढ़ गया है, कुछ करिये नहीं तो रावण के अत्याचार और आतंक से धरती पर त्राहिमाम मच गया है।शंकर जी ने गौरा पार्वती से कहा -हे गौरा अब अपना धाम सम्भालो, हम बन्दर का रूप धारण करेंगें और राम जी की सहायता के लिए जाएंगे। प्रवचन के दौरान महराज जी ने कहा कि शंकर जी ने पार्वती से कहा हे गौरा -सीताराम चरण के सेवा हम करिबे, सीताराम मुरती नयन भरी निहरबइ । नंदी, चन्द्रमा सम्भालो, गंगा सम्भालो गौरा सम्भारो शेषनाग, हम तो बानर बनिबइ। कथा के दौरान महराज जी ने वर्णन करते हुए कहा कि कालिनेमी को हनुमान जी की शक्ति का था एहसास इसलिए रावण की बात मानने को तैयार नहीं था। दसमुख कहा मरमु तेहिं सुना। पुनि पुनि कालनेमि सिरु धुना देखत तुम्हहि नगरु जेहिं जारा। तासु पंथ को रोकन पारा। तब रावण ने उसको (कालिनेमी) सारा मर्म बतलाया। कालनेमि ने सुना और बार-बार सिर पीट रहा था, तब कालिनेमी ने कहा कि जो बन्दर तुम्हारे देखते-देखते नगर जला डाला हो , उसका मार्ग कौन रोक सकता है। बाद में पूरी लंका को नष्ट कर रामजी अयोध्या को लौट आये, और हनुमान जी महराज को कलयुग में धर्म कि रक्षा के लिए छोड़ कर धाम चले गए। कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष डॉ. आर ए वर्मा, विधायक राजेश गौतम, मोहित, रितेश, विजय, जगदम्बा, सुशील त्रिपाठी विवेक सिंह कमलेश, रत्नेश, दिनेश राजू सिंह सहित हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों तथा मातृशक्तियों ने कथा का अमृतपान किया। इनसेट - अदभूत अनुशासन दिखा पूज्य जगतगुरु रामभद्राचार्य जी के श्रीमुख से हो रहे विजेष्ठुआ महावीरन में श्री हनुमंत कथा मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हर मोड़ पर डटे रहे सीएम योगी के कटोगे तो बटोगे बयान पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने समर्थन करते हुए कहा कि सही कहा मुख्यमंत्री ने लोग अर्थ गलत निकाल रहे हैं। विजेथुआ महावीरन धाम पर श्रीराम हनुमत कथा के पांचवें दिन जगतगुरु बोले कि इस धाम पर मार्ग चौड़ीकरण की जरूरत है। यहां उच्चकोटि धर्मशालाएं और महिला विद्यालय की आवश्यकता है श्री रामभक्त हनुमान का यह स्थान रामायण काल का प्राचीनतम स्थान स्थान है। मेरी मंशा कि यहां सुंदर ट्रस्ट बने ताकि राम चरित्र मानस का निरंतर पाठ हो। पहली बार 1971 में हनुमान जी व्रत का यहीं पर उद्यापन किया था। अयोध्या विजेथुआ महाबीरन धाम में दीपोत्सव पर जगतगुरु ने कहा कि बहुत ही आनंददायक रहेगा दीपावली पर्व से जुड़ा यह दीप प्रज्वलन कार्यक्रम। 200000 से ज्यादा आये श्रद्धालू ने रचा नया इतिहास कथा का आनंद लिया और बीच में कुछ छोटी मोटी विद्युत जेन से भी भीड़ थमी रही इधर से उधर नहीं हुए 200000 से ज्यादा लोग समाज के सभी जाति एवं वर्ग के लोग स्वयं सेवक के साथ आयोजन समिति के सदस्य हर मोड़ पर डटे रहे। कथा के अन्त में विजेथुआ महोत्सव के संयोजक विवेक तिवारी ने आये हुये लोगों का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
Oct 31 2024, 01:47