जन समस्याओं पर कोरांव तहसील पर सीपीआईएम किसान सभा की जन सभा व प्रदर्शन
तेज नारायण कुशवाहा
कोरांव प्रयागराज । भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) तथा उत्तर प्रदेश किसान सभा की जमुनापार क्षेत्रीय कमेटी ने दिनांक 21 अक्टूबर 2024 को कोरांव तहसील में विभिन्न जन समस्याओं पर प्रदर्षन कर उपजिलाधिकारी कोरांव को 9 सूत्रीय मांगपत्र सौंपा। वक्ताओं ने कहा कि एक ओर प्रदेश और देश की जनता मंहगाई, बेकारी, अशिक्षा, आवारा पशुओं की समस्या तथा उदारीकृत आर्थिक नीतियों का दंश झेल रही है तो दूसरी तरफ इलाहाबाद की कोरांव तहसील भ्रष्टाचार और कानूनों को ताख पर रखकर काम करने वालों का अड्डा बन गई है। आये दिन लोंगों की विभिन्न प्रकार की शिकायतें सुनने को मिल रहीं हैं। धन उगाही जोरों पर है।
डरा-धमका कर रिश्वतखोरी का जुगाड़ बनाया जाता है। ग्राम सभा वितनीपुर में तालाब के किनारे पचासों वर्ष से कई आदिवासी परिवार घर बनाकर तब से रह रहे हैं जब माननीय सर्वोच्च न्यायालय का हिंछलाल तिवारी बनाम उ0प्र0 राज्य का फैसला भी नहीं आया था। अब वसूली के लिए सम्बन्धित लेखपाल उन पर दबाव बनाया करते हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी कहा है कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था किये किसी को उजाड़ा न जाये, पर तहसील प्रशासन माननीय सर्वोच्च न्यायालय के वैधानिक आदेशों का पालन नहीं कर रहा है। इसी तरह इसी ग्राम सभा में मनरेगा में भ्रष्टाचार है, बिना मस्टर रोल के मनमानी भुगतान किये जाने की शिकायतें मिली हैं।
मजदूरी के भुगतान में व्यापक हेराफेरी की जा रही है। तहसील प्रशासन आंख-कान बंद किये बैठा है। बिजली की मनमानी आपूर्ति, अघोषित कटौती एक समस्या है और बिजली विभाग में संविदा कर्मियों से काम लेना तथा उन्हें कुछ ही दिनों में दूध की मक्खी की तरह निकाल देना दूसरी समस्या है। जब बिजली अनवरत सेवा है, जैसा इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है तो फिर संविदा कर्मियों से काम क्यों? उन्हें हटाने के बजाये स्थायी क्यों नहीं किया जाता है? स्मार्ट मीटर और बिजली के प्रति यूनिट मूल्य में बढोत्तरी भी समस्या बन गयी है। खाद के वजन में कटौती कर, उसका मूल्य बढ़ाया गया है। राशनिंग प्रणाली भ्रष्टाचार की शिकार है। धान के सरकारी क्रय केन्द्र कागजी हैं। धरातल पर उनका अता-पता नहीं चलता।
बिचैलियों से धान की खरीद होती है। पुलिस उत्पीड़न आम बात है। सरकारी कामों, यथा सड़क, नाली, खड़ंजा आदि में गुणवत्ता नदारद रहती है। वक्ताओं ने स्वामीनाथम आयोग की सिफारिशों के अनुसार सी02+50 प्रतिशत की दर से एम0एस0पी0 निर्धारित करने, क्रय केन्द्रों में खरीद सुनिश्चित करने, उनमें व्याप्त अनियमितता पर रोक लगाने, खरीद में अनावश्यक समय और अनावश्यक शर्तें न लगाने, बिजली, खाद, कीटनाशक में कालाबाजारी पर रोक लगाने, आवारा पशुओं द्वारा फसल की बबार्दी पर रोक लगाने, मनरेगा को मजबूत करने, मनरेगा में व्याप्त अनियमितता पर रोक लगाने, बकाया मजदूरी का अविलम्ब भुगतान करने, विकलांग, वृद्धा, विधवा पेंशन, आवास आदि सरकारी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार पर रोक लगाने, राशनिंग व्यवस्था में व्याप्त अनियमितता दूर करने, तहसील में होने वाले फर्जी बैनामों पर रोक लगाने, विभिन्न स्थानों में टूट-फूट गईं सडकों की मरम्मत कराने की मांग की।
वक्ताओं ने शिरोखर में, बिहारी बस्ती में, टूटी सड़क की अविलम्ब मरम्मत कराने तथा वहां बिहारी बस्ती में बिजली के खम्भे लगवाने, तथा बितनीनुर में दलितों को उजाड़ने से रोकने की मांग की। सभा का संचालन माकपा जमुनापार क्षेत्रीय कमेटी के सचिव दिग्विजय सिंह तथा अध्यक्षता किसान सभा के जिला अध्यक्ष कामरेड मुन्नीलाल यादव ने किया। दिग्विज सिंह और भगवत प्रसाद ने बताया कि प्रदर्शन की तैयारी के लिए पसना, बहियारी, जोकहाइ,तरांव, कुकरहटा, बदौर आदि गांवों पर्चा बांटा गया तथा कोरांव बाजार में चंदा मांगा गया। अभियान को व्यापक जन समर्थन मिला। सभा को माकपा राज्य सचिवमण्डल सदस्य रवि मिश्रा, जिला मंत्री अखिल विकल्प, किसान सभा के प्रान्तीय कोषाध्यक्ष बाबूराम यादव, जिला सचिव भूपेन्द्र पाण्डेय, जिलाध्यक्ष, चाँद मोहम्मद आदि लोगों ने सम्बोधित किया। एवम विभिन्न गांव के किसान मजदूर उपस्थित रहें जिनमें, अन्नू देवी, इंद्रा देवी बद्री प्रसाद कुशवाहा, लाल जी यादव, राम शिरोमणि, कल्लू, शंकर लाल, शिवपूजन सिंह, भोला, मकसूदन, राजित राम आदि।
Oct 23 2024, 17:08