रद्दी हमेशा बेकार नहीं होती, इससे कुछ जरूरतें भी पूरी होती हैं, मंथन फाउंडेशन ने चलाया अभियान
भोपाल। जूना, पुराना, कबाड़ा और रद्दी सामान... किसी हरकारे की पुकार पर घर से निकला... कबाड़ी की जेब से कुछ मुड़े टुडे नोट या रेज़गारी निकली... और किस्सा खत्म! लेकिन इससे आगे भी इसकी कोई उपयोगिता हो सकती है। बच्चों की शिक्षा के लिए कोई मिशन भी इस रद्दी के सहारे आगे बढ़ सकता है। दीपावली करीब है, घरों से अनुपयोगी सामान बाहर निकालने की मशक्कत शुरू हो चुकी है। इस दौर में सामाजिक संस्था मंथन फाउंडेशन ने शिक्षा के ध्येय को लेकर अपने अभियान को तेज किया है।
संस्था मंथन फाउंडेशन गत 5 वर्षों से गरीब बच्चों की शिक्षा को लेकर प्रयासरत है। इसके चलते संस्था सदस्य शहर के अलग अलग इलाकों में जाकर रद्दी और कबाड़ सामान जमा कर इससे होने वाली राशि से जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा पर खर्च करती है। संस्था की रितिका जैन ने बताया कि हमने राजधानी में रद्दी कैंपेन 5.0 शुरू किया है। "इस दिवाली आपकी रद्दी हमारे काम आएगी, बच्चों को शिक्षा के करीब लाएगी।" सूत्र के साथ चलाए जा इस अभियान के तहत इस शनिवार को तृप्ति अभिनव होम्स में रद्दी संग्रहण शिविर आयोजित किया।
रितिका ने बताया कि इस शिविर के दौरान आस-पास के लोगों से अनुरोध किया कि वे आगे आएं और अपनी रद्दी दान कर इस नेक कार्य में हमारा साथ दें। इस अभियान के तहत लोगों से पुराने समाचार पत्र/ पेपर, किताबें, खोके, लोहा, प्लास्टिक का सामान, पुराने कपड़े, उपयोग में न आने वाले सामान इकट्ठा किया जा रहा है। अभियान की अधिक जानकारी के लिए इन नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है 7024432499, 9479890655
शहर में और कैंप लगेंगे
जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा मुहैया कराने के लिए रद्दी कलेक्शन अभियान दीपावली तक जारी रहेगा। मंथन फाउंडेशन इसके तहत शहर के अलग अलग स्थानों और कालोनियों में कैंप लगाएगा।
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Oct 21 2024, 10:57