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दिल्ली हाईकोर्ट ने लॉ स्टूडेंट की आत्महत्या मामले में बीसीआई का स्टैंड मांगा


नयी दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में पांच वर्षीय एलएलबी डिग्री पाठ्यक्रमों के लिए उपस्थिति आवश्यकताओं के संबंध में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) की कानूनी शिक्षा समिति से उसके स्टैंड के बारे में पूछा है।

जस्टिस प्रतिभा एम सिंह और जस्टिस अमित शर्मा की खंडपीठ ने बीसीआई की कानूनी शिक्षा समिति को अपनी स्थिति को अंतिम रूप देने के लिए एक वर्चुअल बैठक आयोजित करने को कहा और निर्देश दिया कि दो सप्ताह के भीतर एक हलफनामा दायर किया जाए।

पीठ 2016 में दिल्ली के एमिटी लॉ स्कूल के छात्र सुशांत रोहिल्ला की आत्महत्या से संबंधित एक स्वतः संज्ञान मामले की सुनवाई कर रही थी। उनके दोस्त ने उस वर्ष अगस्त में तत्कालीन सीजेआई को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि रोहिल्ला को कम उपस्थिति के कारण कॉलेज और कुछ संकाय सदस्यों द्वारा परेशान किया गया था।

पत्र के अनुसार, रोहिल्ला को एक पूरे शैक्षणिक वर्ष को दोबारा पढ़ने के लिए मजबूर किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने तब मित्र द्वारा दायर पत्र याचिका का संज्ञान लिया था, और अंततः 6 मार्च, 2017 के अपने आदेश में मामले को हाईकोर्ट को स्थानांतरित कर दिया था, जो इस मामले की सुनवाई कर रहा है।

14 अक्टूबर को पारित अपने आदेश में, पीठ ने दर्ज किया कि बीसीआई के वकील ने वकीलों के निकाय की कानूनी शिक्षा समिति के गठन और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों की उपस्थिति आवश्यकताओं से संबंधित एक दस्तावेज रिकॉर्ड पर रखा था।

कोर्ट ने कहा,

“वर्तमान मामला एलएलबी डिग्री (पांच वर्षीय पाठ्यक्रम) के लिए निर्धारित उपस्थिति आवश्यकताओं से संबंधित है, जिसे बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित किया गया है। तदनुसार, बार काउंसिल ऑफ इंडिया की कानूनी शिक्षा समिति को एक बैठक आयोजित करने दें और उपस्थिति के लिए प्रचलित आवश्यकताओं और 9 सितंबर, 2024 के आदेश के पैराग्राफ 32 (बी) में निर्धारित कारकों पर विचार करने के बाद उपस्थिति आवश्यकताओं के संबंध में न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखने दें”।

केंद्र सरकार द्वारा पीठ को सूचित किया गया कि उसके पिछले आदेश के अनुसरण में, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 19 सितंबर को एक पत्र लिखकर सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को यूजीसी (छात्रों की शिकायतों का निवारण) विनियम, 2023 के अनुसार छात्र शिकायत निवारण समितियों का गठन करने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया था।

हालांकि, पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तुत संक्षिप्त नोट में यूजीसी और एआईसीटीई के साथ-साथ मामले में सभी वैधानिक परिषदों या निकायों के साथ 07 अक्टूबर को आयोजित परामर्श बैठक के परिणाम को शामिल नहीं किया गया है।

पीठ ने कहा, “उच्च शिक्षा विभाग की ओर से एक उचित हलफनामा दायर किया जाए, जिसमें यूजीसी के सचिव द्वारा 19 सितंबर, 2024 को जारी किए गए पत्र की पूरी जानकारी दी जाए। उक्त सूची में वे सभी संस्थान भी शामिल होने चाहिए, जिनके जवाब प्राप्त हुए हैं”।

इसके अलावा, एमिटी लॉ स्कूल की ओर से पेश हुए वकील ने कहा कि रोहिल्ला के माता-पिता को समय-समय पर उसकी उपस्थिति की कमी के बारे में विधिवत सूचित किया गया था और इस प्रकार, संस्थान को उसकी मौत के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है।

इसके बाद पीठ ने वकील से निर्देश प्राप्त करने को कहा कि क्या विश्वविद्यालय रोहिल्ला के परिवार को अनुग्रह राशि देने के लिए तैयार है।

इस मामले में न्याय मित्र के रूप में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने प्रस्तुत किया कि विभिन्न संस्थानों में हाल ही में आत्महत्या की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हुई हैं। उन्होंने परामर्श के दायरे का विस्तार करने के लिए एक नोट रिकॉर्ड पर रखने की अनुमति मांगी।

अनुरोध को स्वीकार करते हुए, न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 06 नवंबर को निर्धारित की।

पिछले महीने, पीठ ने सचिव, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (उच्च शिक्षा से संबंधित) से कहा था कि वे इस बात पर चर्चा करने के लिए हितधारक परामर्श शुरू करें कि क्या स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में उपस्थिति मानदंडों को अनिवार्य बनाया जाना चाहिए।

21 अगस्त को, पीठ ने कहा था कि स्नातक या स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में अनिवार्य उपस्थिति मानदंडों पर पुनर्विचार करने की तत्काल आवश्यकता है।

कोर्ट ने कहा था कि यह विभिन्न कारकों का अध्ययन करने और उपस्थिति आवश्यकताओं के संबंध में स्नातक और स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए क्या समान अभ्यास विकसित किए जा सकते हैं, इस बारे में एक रिपोर्ट पेश करने के लिए एक समिति बनाने का इरादा रखता है।

आज का इतिहास: आज ही के दिन हुई थी ब्रिटिश ब्राॅडकास्टिंग कॉरपोरेशन की स्थापना


नयी दिल्ली : 18 अक्टूबर का इतिहास महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि 1973 में आज ही के दिन अमेरिका के मशहूर अर्थशास्त्री वैसिली लिओन्टीफ को अर्थव्यवस्था का नोबेल पुरस्कार दिया गया था। 

1976 में 18 अक्टूबर को ही विलियम एन लिप्सकोंब जूनियर को रसायन का नोबेल पुरस्कार दिया गया था।

2008 में आज ही के दिन उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती ने रायबरेली की रेल कोच फैक्ट्री के लिए 189.25 करोड़ एकड़ भूमि रेल मंत्रालय को वापस की थी।

2007 में 18 अक्टूबर को ही आठ वर्ष के बाद बेनजीर भुट्टो अपने देश पाकिस्तान लौटीं थीं।

2005 में आज ही के दिन पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ ने नियंत्रण रेखा को भूकंप राहत कार्य के लिए खोलने का सुझाव दिया था।

2004 में 18 अक्टूबर को ही कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन को मारा गया था।

2000 में आज ही के दिन श्रीलंका में पहली बार विपक्षी सदस्य अनुरा भंडारनायके को संसद अध्यक्ष बनाने की सहमति हुई थी।

1998 में 18 अक्टूबर को ही भारत और पाकिस्तान आणविक खतरे रोकने के लिए सहमत हुए थे।

1980 में आज ही के दिन पहली हिमालय कार रैली काे मुंबई के ब्रेबोर्न स्टेडियम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया था।

1976 में 18 अक्टूबर के दिन विलियम एन लिप्सकोंब जूनियर को रसायन का नोबेल पुरस्कार दिया गया था।

1973 में आज ही के दिन अमेरिका के मशहूर अर्थशास्त्री वैसिली लिओन्टीफ को अर्थव्यवस्था का नोबेल पुरस्कार दिया गया था।

1972 में 18 अक्टूबर को ही पहले बहुद्देशीय हेलिकाॅप्टर एस ए 315 का बैंगलोर में परीक्षण हुआ था।

1954 में आज ही के दिन टेक्सास इंस्ट्रूमेंट्स कंपनी ने पहले ट्रांजिस्टर रेडियो की घोषणा की थी।

1922 में 18 अक्टूबर को ही ब्रिटिश ब्राॅडकास्टिंग कॉरपोरेशन की स्थापना हुई थी।

1900 में आज ही के दिन काउंट बर्नार्ड वॉन बुलो जर्मनी के चांसलर बने थे।

1878 में 18 अक्टूबर के दिन ही थॉमस एल्वा एडीसन ने घरेलू उपयोग के लिए बिजली उपलब्ध कराई थी।

1572 में आज ही के दिन स्पेन की सेना ने मास्ट्रिच पर हमला कर दिया था।

18 अक्टूबर को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1950 में 18 अक्टूबर को ही हिंदी फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता ओम पुरी का जन्म हुआ था।

1925 में आज ही के दिन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का जन्म हुआ था।

18 अक्टूबर को हुए निधन

1996 में आज ही के दिन भारत के प्रमुख क्रांतिकारियों में से एक रामकृष्ण खत्री का निधन हुआ था।

1976 में 18 अक्टूबर के दिन ही प्रसिद्ध तेलुगू साहित्यकार विश्वनाथ सत्यनारायण का निधन हुआ था।

गुड न्यूज़ : बीसीआई ने शहरी क्षेत्रों में जूनियर अधिवक्ताओं के लिए ₹20,000 ग्रामीण समकक्षों के लिए ₹15,000 वजीफा देने की सिफारिश की

नयी दिल्ली : नवोदित कानूनी पेशेवरों पर वित्तीय दबाव को कम करने के उद्देश्य से एक निर्णायक कदम उठाते हुए, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने जूनियर अधिवक्ताओं के लिए एक संरचित वजीफा कार्यक्रम का प्रस्ताव पेश किया है। यह पहल कानूनी क्षेत्र में अपना करियर शुरू करने वाले, वरिष्ठ अधिवक्ताओं, कानूनी फर्मों और स्वतंत्र चिकित्सकों के अधीन काम करने वाले लोगों का समर्थन करने के लिए बनाई गई है।

दिल्ली हाईकोर्ट के 29 जुलाई के निर्देश के जवाब में सामने आए इस प्रस्ताव की उत्पत्ति अधिवक्ता सिमरन कुमारी द्वारा नए वकीलों के सामने आने वाली आर्थिक कठिनाइयों के बारे में बताई गई चिंताओं से हुई है। इसके अतिरिक्त, इस तरह के वित्तीय समर्थन के लिए एक मिसाल पहले मद्रास हाईकोर्ट द्वारा दी गई थी, जिसमें जूनियर वकीलों के लिए ₹15,000 से ₹20,000 के मासिक वजीफे की वकालत की गई थी। 

बीसीआई के दिशा-निर्देशों में शहरी क्षेत्रों में जूनियर अधिवक्ताओं के लिए 20,000 रुपये प्रति माह वजीफा देने की सिफारिश की गई है, जबकि शांत ग्रामीण क्षेत्रों में उनके समकक्षों को 15,000 रुपये मिलेंगे। 

यह वित्तीय सहायता जूनियर अधिवक्ता की पेशेवर भागीदारी की शुरुआत से कम से कम तीन साल तक जारी रखने की सलाह दी जाती है।

हालांकि, दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि ये भुगतान अनिवार्य के बजाय अनुशंसित हैं, यह स्वीकार करते हुए कि कम लाभ वाले बाजारों में वरिष्ठ अधिवक्ता और छोटी फर्म इन शर्तों के साथ संघर्ष कर सकती हैं। 

बीसीआई का परिपत्र, जिसे सभी राज्य बार काउंसिल और एसोसिएशनों को भेजा गया

है, जूनियर अधिवक्ताओं को न केवल वित्तीय रूप से बल्कि मेंटरशिप के माध्यम से भी समर्थन देने के महत्व पर जोर देता है। इसमें कोर्टरूम अवलोकन, कानूनी शोध और केस रणनीति जैसे व्यावहारिक प्रशिक्षण अवसर शामिल होने चाहिए। 

बीसीआई जूनियर और उनके वरिष्ठ समकक्षों के बीच औपचारिक समझौतों को प्रोत्साहित कर रहा है ताकि भागीदारी की शर्तों को स्पष्ट रूप से रेखांकित किया जा सके, जिसमें वजीफा विवरण और समर्थन की अवधि शामिल है। 

इन समझौतों के साथ-साथ सावधानीपूर्वक रिकॉर्ड रखने की व्यवस्था भी की जानी है, तथा तथा वार्षिक रिपोर्ट राज्य बार काउंसिल को प्रस्तुत की जानी है। 

वजीफा भुगतान या अपनी नियुक्ति के अन्य पहलुओं से संबंधित समस्याओं का सामना कर रहे जूनियर अधिवक्ताओं के लिए, बीसीआई उनके राज्य बार काउंसिल के समक्ष शिकायत दर्ज करने का एक माध्यम प्रदान करता है। 

हालांकि, काउंसिल वित्तीय बाधाओं को ध्यान में रखते हुए शिकायतों पर विचार करेगी, जो कुछ वरिष्ठ अधिवक्ताओं की भुगतान करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं। 

वजीफा कार्यक्रम की प्रभावशीलता और अनुकूलनशीलता सुनिश्चित करने के लिए, बीसीआई एक समिति स्थापित करने की योजना बना रही है, जिसका कार्य समय-समय पर इन दिशानिर्देशों की समीक्षा करना और आर्थिक रुझानों और हितधारकों से प्राप्त फीडबैक को दर्शाने के लिए वजीफा राशि को समायोजित करना है।

जूनियर असिस्टेंट समेत इन पदों पर निकाली भर्ती, पढ़ें योग्यता और एज लिमिट सहित अन्य डिटेल



नई दिल्ली:- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेघालय (एनआईटी मेघालय) ने जूनियर असिस्टेंट और टेक्निकल असिस्टेंट समेत कई पदों पर भर्ती निकाली है। भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया फिलहाल चल रही है। 

इच्छुक और योग्य उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट https://www.nitm.ac.in/recruitment पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। अभ्यर्थी इस बात का ध्यान रखें कि इस वैकेंसी के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 12 नवंबर, 2024 है। इस डेट के बीतने के बाद कोई आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसलिए समय रहते अप्लाई कर दें।

इस भर्ती प्रक्रिया के माध्यम से टेक्निकल असिस्टेंट के 01, अधीक्षक के 01 और टेक्नीशियन के 06 पदों पर भर्ती की जाएगी। इसके अलावा, जूनियर असिस्टेंट के 02 पदों पर नियुक्ति होनी है। इन पदों से जुड़ी एजुकेशन क्वालिफिकेशन और आयु सीमा नीचे दी जा रही है, जिसे पढ़ने के बाद अभ्यर्थी अप्लाई कर सकते हैं।

टेक्निकल असिस्टेंट के पद पर आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय/संस्थान से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक या बीई होना चाहिए या फिर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में 60 फीसदी अंकों के साथ डिप्लोमा होना चाहिए। इसके अलावा बेहतर एकेडिमक रिकॉर्ड होना आवश्यक है। इस भर्ती के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की अधिकतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए।

टेक्नीशियन के पदों पर अप्लाई करने वाले कैंडिडेट्स को कम से कम 60% अंकों के साथ सरकार से मान्यता प्राप्त बोर्ड से साइंस स्ट्रीम में सीनियर सेकेंडरी (10+2) पास होना चाहिए। इस पद के लिए अधिकतम आयु 27 साल होना चाहिए।

जूनियर असिस्टेंट भर्ती के लिए आवेदन करने वाले किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से सीनियर सेकेंडरी (10+2) पास होना चाहिए। इसके अलावा, न्यूनतम टाइपिंग गति 35 शब्द प्रति मिनट के साथ होना चाहिए। 

एनआईटी मेघालय नॉन-फैकल्टी भर्ती के लिए ऐसे करें आवेदन

सबसे पहले उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट https://www.nitm.ac.in/ पर जाना होगा। अब

होमपेज पर एनआईटी मेघालय भर्ती 2024 लिंक पर क्लिक करें।

आवश्यक विवरण प्रदान करें। भरे हुए फॉर्म को एक बार अच्छी तरह पढ़ लें और क्रॉस चेक कर लें कि कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं, इसके बाद आवेदन पत्र जमा करें। 

आवश्यक दस्तावेज जमा करें। भरे हुए फॉर्म को भविष्य के संदर्भ के लिए उसका प्रिंटआउट अपने पास रखें।इन पदों पर आवेदन करने से पहले नोटिफिकेशन को अच्छी तरह से पढ़ने के बाद समय पर आवेदन कर दें। अंतिम समय पर अप्लाई करने से आवेदन पत्र में गड़बड़ी हो सकती है। 

हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड में ग्रेजुएट एवं डिप्लोमा इंजीनियर ट्रेनी के पदों पर भर्ती का एलान, यहां पढ़ें पूरी डिटेल

नई दिल्ली:- हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड (HURL) की ओर से ग्रेजुएट इंजीनियर ट्रेनी एवं डिप्लोमा इंजीनियर ट्रेनी के रिक्त पदों को भरने के लिए भर्ती निकाली गई है। भर्ती के लिए एप्लीकेशन प्रॉसेस स्टार्ट हो चुकी है जो निर्धारित अंतिम तिथि 21 अक्टूबर 2024 तक जारी रहेगी।

अभ्यर्थी तय तिथि तक या उससे पहले एचयूआरएल की ऑफिशियल वेबसाइट hurl.net.in पर जाकर आवेदन प्रक्रिया पूर्ण कर सकते हैं। इसके साथ ही आप इस पेज उपलब्ध करवाए गए डायरेक्ट लिंक पर क्लिक करके सीधे आवेदन कर सकते हैं।

भर्ती विवरण

इस भर्ती के माध्यम से कुल 212 पदों पर भर्ती की जाएगी। इसमें से ग्रेजुएट इंजीनियर ट्रेनी के अंतर्गत केमिकल के 40 पदों, इंस्ट्रूमेंटेशन के 15 पदों, इलेक्ट्रिक एवं मैकेनिकल के 6-6 पदों पर भर्ती की जाएगी। 

डिप्लोमा इंजीनियर ट्रेनी के अंतर्गत केमिकल के 130 पदों और इंस्ट्रूमेंटेशन के 15 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी।

आवेदन कैसे करें

इस भर्ती में शामिल होने के लिए सबसे पहले HURL की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं।

वेबसाइट के होम पेज पर करियर सेक्शन में जाकर भर्ती से संबंधित लिंक पर क्लिक करना होगा।

इसके बाद Click to Apply लिंक पर क्लिक करके पहले पंजीकरण लिंक पर क्लिक करके रजिस्ट्रेशन करना होगा।

इसके बाद लॉग इन पर क्लिक करके आवेदन प्रक्रिया पूर्ण करनी होगी।

अब आपको निर्धारित शुल्क जमा करके पूर्ण रूप से भरे हुए फॉर्म को सबमिट कर देना है।

इस भर्ती में फॉर्म भरने के साथ अभ्यर्थी पदानुसार निर्धारित शुल्क अवश्य जमा करें। GET पदों पर आवेदन के लिए उम्मीदवारों को 750 रुपये एवं DET पदों पर फॉर्म भरने के लिए 500 रुपये का शुल्क भुगतान करना होगा। अभ्यर्थी ध्यान रखें कि ये शुल्क नॉन रिफंडेवल होगा।

कैसे होगा चयन

इस भर्ती में आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को चयनित होने के लिए सबसे पहले कंप्यूटर बेस्ड टेस्ट (CBT) में भाग लेना होगा। सीबीटी एग्जाम में सफल हों के लिए न्यूनतम पासिंग प्रतिशत 50 फीसदी तय किया गया है। 

सीबीटी एग्जाम के बाद शॉर्टलिस्ट हुए उम्मीदवारों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन प्रक्रिया के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इसके बाद अभ्यर्थी सफल उम्मीदवारों को अंतिम मेरिट लिस्ट में जगह प्रदान की जाएगी। भर्ती से जुड़ी अधिक डिटेल के लिए अभ्यर्थी ऑफिशियल नोटिफिकेशन का अवलोकन अवश्य कर लें।

एम्स गोरखपुर में सीनियर रेजिडेंट पदों पर ऑफलाइन कर सकते हैं आवेदन, 1 नवंबर है लास्ट डेट

नई दिल्ली:- ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) गोरखपुर की ओर से सीनियर रेजिडेंट के 144 रिक्त पदों पर भर्ती निकाली गई है। इस भर्ती में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी ऑफलाइन माध्यम से एप्लीकेशन फॉर्म भर सकते हैं। आवेदन पत्र निर्धारित पते पर पहुंचाने की लास्ट डेट 1 नवंबर 2024 निर्धारित है।

आपको बता दें कि यह भर्ती टेन्योर बेसिस पर हो रही है और इसमें चयनित होने वाले उम्मीदवारों की नियुक्ति 1 वर्ष की अवधि के लिए की जाएगी। परफॉर्मेंस के आधार पर भर्ती का टेन्योर 2 वर्ष की अवधि के लिए एक्सटेंड किया जा सकता है।

इस तरीके से कर सकते हैं आवेदन

फॉर्म भरने के लिए आपको सबसे पहले एम्स गोरखपुर की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा और यहां रिक्रूटमेंट सेक्शन में जाकर भर्ती से संबंधित ऑफलाइन आवेदन लिंक पर क्लिक करना होगा। अब आपको इसका प्रिंटआउट निकालकर पूर्ण रूप से भर लेना है और इसमें सभी आवश्यक दस्तावेजों को अटैच करना है। अब फॉर्म को "भर्ती कक्ष (शैक्षणिक ब्लॉक), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान गोरखपुर, कुंराघाट, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश- 273008" के पते पर स्पीड पोस्ट/ पंजीकृत डाक/ कूरियर द्वारा भेज सकते हैं।

एप्लीकेशन फीस

इस भर्ती में आवेदन के साथ अनरिजर्व, ओबीसी एवं ईडब्ल्यूएस वर्ग के उम्मीदवारों को 1180 रुपये शुल्क का भुगतान करना होगा। एससी, एसटी, पीडब्ल्यूडी एवं महिला अभ्यर्थी इस भर्ती में शामिल होने के लिए निशुल्क फॉर्म भर सकते हैं। 

चयन प्रक्रिया

इस भर्ती में चयनित होने के लिए पहले उम्मीदवारों को लिखित परीक्षा से होकर गुजरना होगा। रिटेन टेस्ट में सफल होने वाले अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किया जायेगा। रिटेन टेस्ट 80 अंकों के लिए और इंटरव्यू 20 अंकों के लिए करवाया जाएगा। साक्षात्कार के समय अभ्यर्थियों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी किया जायेगा। सभी चरणों के आधार पर उम्मीदवारों को फाइनल मेरिट लिस्ट में जगह प्रदान की जाएगी।

वेतन

इस भर्ती में चयनित होने वाले उम्मीदवारों को पे स्केल 7th के अनुसार 67700 रुपये प्रतिमाह वेतन प्रदान किया जायेगा। इसके साथ ही चयनित उम्मीदवार को अन्य भत्ते अलग से दिए जाएंगे। भर्ती से जुड़ी विस्तृत डिटेल के लिए अभ्यर्थी ऑफिशियल वेबसाइट पर जा सकते हैं या आधिकारिक नोटिफिकेशन का अवलोकन कर सकते हैं।

राजधानी दिल्ली में दिवाली से पहले पटाखे पर बैन,आतिशी सरकार ने जारी किया आदेश

नई दिल्ली : प्रदूषण की रोकथाम के लिए राजधानी दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की ओर से नोटिस जारी किया गया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने नोटिस को एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि सर्दियों में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए आज से 1 जनवरी तक पटाखों के उत्पादन , भंडारण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लागू है।प्रतिबंध को लेकर दिल्ली सरकार ने निर्देश जारी किया. इसके साथ ही सभी दिल्ली वालों से सहयोग की अपील की है।

पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के लिए एलजी को पत्र : दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बीते 9 सितंबर को दिल्ली सरकार की तरफ से पटाखों के निर्माण भंडारण बिक्री और आतिशबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था. हालांकि बाद में उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह कहा था कि पटाखों पर प्रतिबंध लगाने के लिए दिल्ली सरकार की तरफ से उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को पत्र लिख दिया गया है. जब तक नोटिफिकेशन नहीं जारी होता है. तब तक पटाखों पर कानूनी तौर पर प्रतिबंध नहीं लग सकता है. 1 महीने बाद अब दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति की ओर से पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का नोटिस जारी किया गया है।

आज यानी 14 अक्टूबर से 1 जनवरी तक दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध है. पटाखों के निर्माण भंडारण और बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया गया है. नियम को लागू करने के लिए दिल्ली पुलिस समेत अन्य विभाग निगरानी करेंगे।

दिल्ली सरकार ने लोगों से की सहयोग की अपील : अक्सर दीपावली पर लोग जमकर आतिशबाजी करते हैं. जिससे हवा में प्रदूषण की मात्रा बढ़ जाती है. ऐसे में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया जाता है. बीते वर्ष भी पटाखे पर प्रतिबंध लगाया गया था लेकिन लोगों ने जमकर आतिशबाजी की थी. दिल्ली में पटाखों के निर्माण भंडारण और बिक्री पर प्रतिबंध रहता है लेकिन एनसीआर के शहरों में धड़ल्ले से पटाखे बिकते हैं. ऐसे में जमकर आतिशबाजी भी होती है. दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की तरफ से लोगों से अनुरोध किया गया है कि वह इस कार्य में सहयोग करें जिससे कि प्रदूषण की रोकथाम हो सके।

दिल्ली की रात में घूमने की ये 5 जगहें आपको देंगी जन्नत का अहसास


दिल्ली में कई मशहूर जगहें हैं जो रात में अपनी अलग ही खूबसूरती बिखेरती हैं। यहां ऐसी 5 जगहों की सूची दी गई है, जो रात में घूमने के लिए जन्नत से कम नहीं हैं:

1 इंडिया गेट: रात में रोशनी से जगमगाता हुआ इंडिया गेट बेहद खूबसूरत लगता है। यहां रात को टहलने और आसपास के फूड स्टॉल्स का आनंद लेने का अलग ही मज़ा है।

2 कुतुब मीनार: रात के समय कुतुब मीनार को लाइटिंग से सजाया जाता है, जिससे यह और भी आकर्षक दिखता है। ऐतिहासिक धरोहरों में रुचि रखने वालों के लिए यह एक शानदार जगह है।

3 हौज खास विलेज: रात में यह जगह युवा वर्ग के बीच काफी लोकप्रिय है। यहां के कैफे, बार और आर्ट गैलरीज़ की चमक-धमक रात में और भी बढ़ जाती है।

4 लोटस टेम्पल: रात के समय लोटस टेम्पल की शांति और इसकी खूबसूरत लाइटिंग इसे खास बनाती है। अगर आप शांति और सुकून की तलाश में हैं, तो यहां जाना सही रहेगा।

5 दिल्ली का हार्ट - कनॉट प्लेस: रात में कनॉट प्लेस का माहौल बेहद जीवंत हो जाता है। यहां की दुकानों और रेस्तरांओं में खाने-पीने का भरपूर मज़ा लिया जा सकता है।

इन जगहों पर घूमते वक्त आपको दिल्ली की रात की खूबसूरती का एक अद्भुत अनुभव मिलेगा।

नोएडा के सेक्टर 125 स्थित एक फेमस यूनिवर्सिटी में 2 गुटों में फायरिंग,पुराने विवाद को लेकर चली गोली, एक छात्र को लगी गोली


नयी दिल्ली : नोएडा शहर के सेक्टर 125 स्थित रेड लाइट पर दो पक्षों में कहासुनी हो गयी। एक पक्ष ने गोली चला दी। दूसरे पक्ष के एक युवक की जांघ में गोली लग गयी।

दोनों ही पक्ष 125 स्थित निजी यूनिवर्सिटी के छात्र बताए जा रहे हैं और दोनों पक्ष आपसी विवाद को लेकर समझौते के लिए आये थे। बात नहीं बनने पर घटना हुई। घायल युवक का उपचार चल रहा। 

पुलिस ने स्वजन की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी। चार टीम आरोपितों की तलाश में जुटी हैं। चर्चा है कि घटना यूनिवर्सिटी परिसर में कहासुनी और गोली चलने की घटना गेट पर हुई।

दशहरा के दिन हरियाणा के कैथल में बड़ा हादसा,अनियंत्रित होकर नहर में गिरी कार, एक ही परिवार के आठ लोगों की मौत


 

हरियाणा:- कैथल के गांव मुंदडी के पास आज सुबह एक बड़ा हादसा हो गया, जब एक कार अनियंत्रित होकर सिरसा ब्रांच नहर में गिर गई। इस दर्दनाक हादसे में कार में सवार एक ही परिवार के आठ लोगों की मौत हो गई। मृतकों में चार महिलाएं, चार बच्चे शामिल हैं। वहीं, कार चालक की हालत गंभीर बताई जा रही है।

मौके पर मौजूद राहगीरों ने हादसे की सूचना तत्काल पुलिस को दी. सूचना पर पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया. पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, सात लोगों के शव बरामद किए गए हैं. एक व्यक्ति अभी लापता है. उसकी तलाश नहर में की जा रही है. हादसा सुबह 9 बजे के करीब हुआ है. मृतक परिवार डीग गांव का रहने वाला था.

क्या बोले डीएसपी?

डीएसपी ललित कुमार ने बताया कि कार से एक परिवार हरियाणा के कैथल में बाबा लदाना के मेले में शामिल होने जा रहे थे. इसी बीच, कार मुंदरी के पास नहर में गिर गई. सूचना पर मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम की ओर से बचाव कार्य जारी है. पुलिस ने इस घटना की सूचना मृतकों के परिजन को भेज दी है. ऑल्टो कार को नहर से बाहर निकालने की कवायद जारी है.

पुलिस ने बताया कि हादसे के कारणों की जांच की जाएगी. कार में कोई तकनीकी खामी थी या ड्राइवर ने खुद गलत गाड़ी चलाई, इसका पता लगाया जाएगा. सभी शवों का पोस्टमार्टम कराया जाएगा. राहगीरों से भी जानकारी ली गई है. पुलिस आशंका जता रही है कि कार में सवार सभी लोगों की डूबने से मौत हुई है. हालांकि, एक अधिकारी ने कहा कि मौत के कारणों का पता पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा.