योगी समेत इन 9 नेताओं की सुरक्षा से हटेंगे एनएसजी कमांडो, जानें सरकार का क्या है प्लान?
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केंद्र सरकार ने देश के प्रमुख नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर बड़ा फैसला किया है।केंद्र सरकार ने बुधवार को नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) को वीआईपी सिक्योरिटी से हटाने का फैसला लिया है। इनकी जगह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवान लेंगे। अगले महीने से आदेश लागू हो जाएगा।आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
देश के 9 अति महत्वपूर्ण लोगों को वीआईपी सुरक्षा दी गई है। उनकी सुरक्षा में एनएसजी के कमांडो तैनात है। केंद्र सरकार ने इन वीआईपी सुरक्षा से एनएसजी को पूरी तरह हटाने का निर्णय लिया है।वीआईपी की सुरक्षा अगले महीने तक सीआरपीएफ को सौंपने का आदेश दिया है।गृह मंत्रालय ने विशेष रूप से प्रशिक्षित जवानों की एक नई बटालियन को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वीआईपी सुरक्षा प्रकोष्ठ के साथ जोड़ने की स्वीकृति भी दी है। इस बटालियन को हाल में संसद सुरक्षा से हटाया गया था।
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के ‘ब्लैक कैट’ कमांडो द्वारा संरक्षित ‘जेड प्लस’ श्रेणी के नौ वीआईपी लोगों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा अध्यक्ष मायावती, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू हैं।अब इन्हें सीआरपीएफ का सुरक्षा घेरा प्रदान किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, इन नौ वीआईपी में से दो को सीआरपीएफ द्वारा दिया जाने वाला उन्नत सुरक्षा संपर्क (एएसएल) प्रोटोकॉल भी प्रदान किया जाएगा। इनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ हैं।एएसएल में वीआईपी के आगामी दौरे वाले स्थान की पहले से जांच की जाती है। सीआरपीएफ देश में पांच वीआईपी के लिए इस तरह का प्रोटोकॉल अपनाता है, जिनमें गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गांधी परिवार के तीन कांग्रेस नेता शामिल हैं।
केंद्र सरकार ने एनएसजी को पुनर्गठित करने और अयोध्या में राम मंदिर के पास और देश के दक्षिणी हिस्से में स्थित कुछ महत्वपूर्ण संपत्तियों के आसपास कुछ उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में कमांडो की स्ट्राइक टीम को बढ़ाने और तैनात करने के लिए अपनी श्रमशक्ति का उपयोग करने का फैसला किया है। ब्लैक कैट कमांडो को दो दशक से अधिक समय पहले इस काम में लगाया गया था।
Oct 17 2024, 09:58