बलिया: उनहत्तर हजार भर्ती के शिक्षक चौथी वर्षगांठ पर जरुरत मंदों को करेंगे फल कम्बल का वितरण, बी एस ए ने दी अनुमति
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संजीव सिंह बलिया। उनहत्तर हजार शिक्षक भर्ती के शिक्षक 16 अक्टूबर को जरुरत मंदों को फल कम्बल का वितरण करेगा।जिसकी अनुमति जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दें दीं हैं।![]()
69000 शिक्षक भर्ती मे कार्यरत शिक्षकों का 16 अक्टूबर को सेवा काल का 4 वर्ष पूर्ण हो रहा है। संयुक्त लीगल टीम प्रत्येक वर्ष नियुक्ति के वर्षगांठ पर जरुरत मंदों को सेवा भाव से फल और कंबल वितरण का कार्य करता है। ये कार्यक्रम 69हजार शिक्षक भर्ती के शिक्षकों के सहयोग और उपस्थिति से ही सफल होता है। इसी क्रम मे बलिया के 69 हजार के भर्ती शिक्षक अपनी सेवा काल के चतुर्थ वर्षगांठ पर जरुरत मंदों को फल और कंबल का वितरण करेगा। कार्यक्रम के लिए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को अवगत कराने के साथ - साथ जिला अस्पताल से भी अनुमति ले लिया गया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीष कुमार सिंह ने अनुमति दें दीं हैं। इस दौरान पंकज कुमार सिंह, दुष्यन्त सिंह, योगेन्द्र बहादुर सिंह, तौशीफ आलम, प्रवीण पाण्डेय, सुरज राय, आशुतोष तिवारी, सौरभ कुमार, नन्दलाल वर्मा, दिवेन्दु शर्मा, बाहिद अली , रतना, श्वेता, प्रिया कुमारी, अविनाश सिंह, विश्वनाथ पाण्डेय, सुनील कुमार,आलोक राय, प्रवीण राय,रोहित सिंह, श्री प्रकाश यादव, अभिमन्यु, प्रकाश तिवारी, प्रकाशचंद्र राम, वीरेन्द्र, सत्यप्रकाश सिंह, नवनीत, अजीत, अनिल जायसवाल, संदीप सिंह, आदित्य सक्सेना, प्रियंका, सन्तोष यादव, अनीश,संतोष व समस्त शिक्षक गण।














संजीव सिंह बलिया। नगरा:आज दिनांक 12/10/24 को प्राचीन दुर्गा मंदिर रामलीला समिति के तत्वाधान में आयोजित रामलीला में प्राचीन दुर्गा मंदिर रामलीला समिति के तत्वाधान में आयोजित रामलीला में भगवान के राम की पूजा अर्चना के बाद रामलीला का मंचन शुरू हुआ। मंचन के दौरान दिखाया गया कुंभकरण व मेघनाद रावण वध के साथ हुआ रामलीला मंचन रामलीला मैदान में आयोजित सबसे प्राचीन रामलीला में आज रावण द्वारा कुंभकरण को युद्ध क्षेत्र में श्री राम की सेना से युद्ध करने के लिए भेजा गया , श्री राम जी ने इंद्रास्त्र का प्रयोग कर कुंभकरण का सिर धड़ से अलग कर दिया जिससे उसकी मृत्यु हो गई कुंभकरण की मृत्यु के बाद रावण ने स्वयं कहा कि है उसके विनाश और अहंकार के अंत की शुरुआत है, मेघनाथ और लक्ष्मण के युद्ध में केवल लक्ष्मण ही मेघनाथ का वध कर सकते थे ईश्वरी वरदान के कारण मेघनाथ को ऐसी शक्ति प्राप्त हो गई थी कि भगवान राम उनका वध नहीं कर सकते थे लक्ष्मण ने अपने घातक बनो से मेघनाथ के सर को धड़ से अलग कर दिया और उसका शीश भगवान राम के चरणों में रख दिया मेघनाथ की पत्नी सुलोचना मेघनाथ का कटा हुआ शीश लेने राम जी के पास पहुंची अंत में मेघनाथ की चिता को सुलोचना ने अग्नि दी और स्वयं सती हो गई, मेघनाथ एक महान शक्तिशाली योद्धा था परंतु रावण का अहंकार उसकी है धर्मिता पराई स्त्री पर उसकी बुरी नज़र, उसके संपूर्ण परिवार के विनाश का कारण बनी, एक लाख पूत सवा लखनाती त रावण के घर दिया ना बाती, अंत में भगवान श्री राम ने अहिरावण का वध करने के पश्चात रावण को भी उसकी नाभि पर अस्त्र चलाकर मृत्यु लोग भेजे उसको मोक्ष प्राप्त प्रदान किया एक लाख पुत्र और सवा लाख नाती होने के बावजूद भी रावण की मृत्यु पर उसके घर में दिया और बाती करने वाला भी कोई नहीं बचा,
संजीव सिंह बलिया।
संतोष द्विवेदी, अच्छेलाल सिंह, SBन्यूज के ब्यूरो चीफ संजीव सिंह, सुपरफास्ट न्यूज से शिवकुमार सहित तमाम विशिष्ट लोगों की उपस्थिती रही ।उपस्थित सम्मानित अतिथियों का काशीनाथ जायसवाल पूर्व प्रधान नगरा ,संजय बहादुर सिंह सभासद नगरा द्वारा अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया गया। आज के कार्यक्रम में रामलीला में सहयोग प्रदान करने में रितेश चौरसिया,नजीर, राजू खान, सेठ सिंह, रमेश पाठक, दीपू पाठक, सोनू पाठक, निशांत सिंह 'कान्हा' मनीष पाठक,रवि पाठक,दिव्यांश पाठक, अमित पाठक इन लोगों का कार्यक्रम में भूमिका सराहनीय रहा। संचालन संजय बहादुर सिंह ने किया।
Oct 16 2024, 11:06
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