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महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव का बजेगा बिगुल, आज दोपहर में चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस*
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निर्वाचन आयोग आज महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों की घोषणा करेगा। चुनाव आयोग ने मंगलवार दोपहर साढ़े तीन बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है। महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को समाप्त हो रहा है जबकि झारखंड विधानसभा का कार्यकाल अगले साल पांच जनवरी को समाप्त होने वाला है।चुनाव आयोग ने बकायदा पत्र जारी कर बताया है कि राजधानी दिल्ली के विज्ञान भवन में दोपहर 3.30 बजे प्रेस कांफ्रेंस होगी, जिसमें चुनाव और मतगणना की तारीख का ऐलान किया जाएगा। इसके साथ ही आज यूपी उपचुनाव की तारीख का भी ऐलान हो सकता है। महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं जबकि झारखंड में विधानसभा की 81 सीटों पर चुनाव होने हैं। जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र में 26 नवंबर को और झारखंड में 29 दिसंबर को सरकार का कार्यकाल खत्म हो रहा है।चुनाव आयोग ने अगस्त में हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के चुनावों का ऐलान किया था। उम्मीद लगाई जा रही थी आयोग इसी के साथ महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों का भी ऐलान करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। *दिवाली, छठ को ध्यान में रखकर होगा तारीखों का ऐलान* बता दें कि चुनाव आयोग कई त्योहारों को ध्यान में रखते हुए तारीखों का ऐलान करेगा। दिवाली 29 अक्टूबर से 3 नवंबर तक है और 8 नवंबर को छठ पूजा है। झारखंड में छठ पूजा मनाई जाती है। पिछले दिनों मुख्य चुनाव आयुक्त के नेतृत्व में आयोग की टीम ने झारखंड का दौरा किया था। सभी पार्टियों से चुनाव को लेकर फीडबैक लिया गया था। नेताओं ने दीपावली, छठ के अलावा राज्य गठन का हवाला देते हुए 15 नवंबर के बाद चुनाव कराने का अनुरोध किया था। इस दौरान महाराष्ट्र में काम करने वाले बिहारी वोटर्स अपने घर चले जाते हैं। देव दीपावली भी नवंबर में है। इसलिए चुनाव आयोग नवंबर के दूसरे हफ्ते के अंत में चुनाव शुरू कर सकता है। इससे प्रवासी मतदाताओं को त्योहारों के बाद वापस आने का समय मिल जाएगा। *पिछली बार महाराष्ट्र और झारखंड में कितने फेज में हुए चुनाव* साल 2019 में यानी पिछला महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव एक चरण में ही करवाया गया था। 21 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी और 24 अक्टूबर को रिजल्ट घोषित किया गया था। वहीं, झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 पांच फेज में करवाया गया था। पहले फेज की 30 नवंबर, दूसरे फेज की 7 दिसंबर, तीसरे फेज की 12 दिसंबर, चौथे फेज की 16 दिसंबर और पांचवें फेज की 20 दिसंबर को वोटिंग हुई थी। आयोग ने 23 दिसंबर को रिजल्ट जारी किया था।
बाबा सिद्दीकी को मिली थी Y कैटेगरी की सिक्योरिटी, फिर कैसे हो गई हत्या?

#baba_siddiqui_having_y_category_security_why_could_not_be_saved

महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की मुंबई में दशहरा उत्सव पर हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी।पूर्व मंत्री और एनसीपी अजित पवार गुट के नेता बाबा सिद्दीकी को Y श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी।जानकारी के मुताबिक 15 दिन पहले बाबा सिद्दीकी को जान से मारने की धमकी मिली थी और इसके बाद उनकी सुरक्षा को बढ़ा दिया गया था। उन्हें Y कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी, लेकिन इसके बाद भी शनिवार रात को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई।

बाबा की हत्या को लेकर उनकी सुरक्षा के मद्देनजर कई सवाल उठ रहे हैं। सवाल ये उठ रहे हैं कि बाबा सिद्दीकी को जब Y कैटेगरी की सिक्योरिटी मिली हुई थी फिर भी उनकी हत्या कैसे कर दी गई। हर किसी की जुबान पर लगभग यही बात है कि Y कैटेगरी की सिक्योरिटी होने के बावजूद राकांपा नेता को आरिपियों ने इतने नजदीक जाकर कैसे गोली मार दी? 

पटाखों के शोर के बीच फिल्मी अंदाज में मारी गोली

दरअसल, शनिवार रात मुंबई के बांद्रा ईस्ट इलाके में तीन लोगों ने बाबा सिद्दीकी के बेटे एवं विधायक जीशान सिद्दीकी के ऑफिस के बाहर फिल्मी अंदाज में 3 राउंड लगातार फायरिंग की। इसके बाद आरोपियों ने पटाखों के शोर के बीच गोली मारकर कथित तौर पर 66 साल के बाबा सिद्दीकी की हत्या कर दी। इसके बाद बाबा सिद्दीकी को लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

कानून और व्यवस्था पर उठ रहे सवाल

‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त एवं सत्तारूढ़ पार्टी के नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जो कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करता है।कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस घटना के बाद कहा, यह भयावह घटना महाराष्ट्र में कानून और व्यवस्था की पूर्ण विफलता को उजागर करती है। सरकार को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और न्याय होना चाहिए।

वहीं,वरिष्ठ नेता शरद पवार ने भी राज्य सरकार को घेरा है. शरद पवार ने यह कहकर लोगों को खतरे से अवगत करा दिया है कि अगर गृह मंत्री और शासक इतनी सज्जनता से राज्य की गाड़ी को आगे बढ़ाएंगे तो यह आम लोगों के लिए खतरे की घंटी हो सकती है।

क्या होती है Y कैटेगरी की सुरक्षा? 

भारत सरकार उन लोगों को वाई लेवल की सुरक्षा देती है, जिनकी जान को खतरा होता है। यह सुरक्षा कवर का चौथा स्तर है। सुरक्षा दल में 11 लोग होते हैं, जिनमें 1 से 2 पुलिस अधिकारी शामिल होते हैं। इसमें दो पीएसओ भी होते हैं, जो निजी सुरक्षा गार्ड होते हैं। ज़्यादातर मामलों में, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) या राज्य पुलिस के लोगों को वाई ग्रुप में सुरक्षा का जिम्मा सौंपा जाता है। सुरक्षा कवर के साथ एक कार आती है जिसमें बुनियादी सुरक्षा सुविधाएं होती हैं।

वरिष्ठ सरकारी नेता, न्यायाधीश और अन्य लोग जिन्हें जान का खतरा हो सकता है, उन्हें अक्सर वाई स्तर की सुरक्षा दी जाती है। वाई स्तर की सुरक्षा कवर मशहूर हस्तियों, व्यापारियों और पत्रकारों को भी दी जा सकती है, जिन्हें जान जाने का खतरा होता है।

ईरान पर बड़ा साइबर अटैक, निशाने पर रहे न्यूक्लियर ठिकानें, क्या इजराइल के बदले की शुरूआत?

#israel_iran_conflict_big_cyber_attack_on_iran_s_nuclear_bases 

ईरान और इजरायल के बीच चल रहे मौजूदा तनाव के बीच शनिवार को ईरान के न्यूक्लियर साइट्स सहित कई प्रतिष्ठानों पर एक साथ साइबर अटैक हुए। साइबर हमले से सरकार की लगभग तीनों शाखाएं तबाह हुई। साथ ही न्यूक्लियर ठिकानों को भी निशाना बनाया गया। वहां की न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका शाखा - भारी साइबर हमलों की चपेट में आ गई हैं और उनकी इंफॉर्मेशन को हैक कर लिया गया है।ये हमला ऐसे समय में हुआ है, जब इजरायल ने 1 अक्टूबर को ईरान के बैलिस्टिक मिसाइलों के हमले का करारा जवाब देने की कसम खाई है। ऐसे में कहा जा रहा है कि ईरान पर यह इजरायल का जवाबी हमले की दिशा में पहला कदम है।

साइबर अटैक के बाद ईरानी सेना की नींद उड़ी हुई है।ईरान के सुप्रीम काउंसिल ऑफ साइबर स्पेस के पूर्व सचिव फिरोजाबादी ने कहा है कि साइबर अटैक की जद में ईरानी की तीनों सेनाएं हैं। दावा किया जा रहा है कि साइबर अटैक की चपेट में ईरान का न्यूक्लियर पावर प्लांट, ईंधन वितरण सिस्टम और बंदरगाह परिवहन नेटवर्क भी आया है। 

इसके बाद अब सवाल उठ रहे है कि इजराइल बिना कोई जंग लड़े ईरान के न्यूक्लियर प्लांट को तबाह करने की ठान चुका है? दरअसल, माना जा रहा है कि इजरायल ईरान को आर्थिक चोट पहुंचाने के मूड में हैं। इसलिए न्यूक्लियर प्लांट के साथ साथ इजरायल ईरान के तेल ठिकानों पर भी विस्फोट करने की तैयारी में है ताकि ईरानी अर्थव्यवस्था को पूरी तरह चौपट किया जा सके

इजराइल के टारगेट पर ईरान के ये न्यूक्लियर प्लांट

• इजराइल के टारगेट पर ईरान के परमाणु संयंत्रों में सबसे पहले फार्दो है। जो कि एक न्यूक्लियर एनरिचमेंट प्लांट है। 2009 से ऑपरेशनल है। ये चट्टानों के नीचे बना है। इसकी तेल अवीव से दूरी 1842 किमी है।

• इसी तरह अराक न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर भी टारगेट पर है, जो 2006 में बनकर तैयार हुआ था। यहां रेडियो आइसोटोप प्रोडक्शन होता है।

• इसके अलावा नतांज न्यूक्लियर एनरिचमेंट प्लांट है जो 2004 से ऑपरेशनल है। ये एक अंडरग्राउंड प्लांट है। इसकी तेल अवीव से दूरी 2027 किमी है।

• इस्फहान न्यूक्लियर रिसर्च सेंटर चीन के सहयोग से बना है। इसमें 3000 से ज्यादा साइंटिस्ट काम करते हैं। इजराइल यहां भी हमला कर सकता है।

• आगे बुशहर न्यूक्लियर पावर प्लांट है जो रूस के सहयोग से बना है। 2010 से ऑपरेशनल है। इसकी तेल अवीव से दूरी 2072 किमी है।

ईरान की 7 बड़ी रिफाइनरी भी टारगेट पर

• पहले नंबर पर है अबादान रिफाइनरी.

• दूसरे नंबर पर है इस्फहान रिफाइनरी.

• तीसरे नंबर पर है अराक रिफाइनरी.

• चौथे नंबर पर है बंदर अब्बास रिफाइनरी.

• पांचवें नंबर पर है तेहरान रिफाइनरी.

• छठे नंबर पर है अरवांद रिफाइनरी.

• सातवें नंबर पर है लावन आइलैंड रिफाइनरी।

इजराइल के इस प्लान से पूरे अरब में खलबली मच गई है क्योंकि ईरानी परमाणु संयंत्रों और तेल ठिकानों पर हमले का मतलब पूरे अरब में जंग फैलना होगा और इसके साथ ही पूरी दुनिया में तेल के दामों भी आग लगना तय है। अरब के कई देशों ने अमेरिका से अपील की है कि इजराइल को इस तरह के हमले करने से रोका जाए, लेकिन इजरायल के इस प्लान में अमेरिका भी शामिल है और प्लान सिर्फ इतना ही नहीं है।

बता दें कि हाल ही में हिजबुल्‍लाह के सदस्‍यों पर पैजर अटैक हुआ, जिससे ये आतंकी संगठन ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया सहम गई थी। पैजर में फिट किये गए बम फट रहे थे और लोग सड़कों पर मर रहे थे। ऐसा आरोप है कि हिजबुल्‍लाह पर ये पैजर अटैक इजरायल की सीक्रेट यूनिट 8200 ने अंजाम दिया था। इसके बाद कई वॉकी-टॉकी भी ब्‍लास्‍ट हुए थे।

राम गोपाल ने मुस्लिम घर में भगवा झंडा फहराया! सपा ने शेयर किया VIDEO, बीजेपी पर लगाए गंभीर आरोप

#bahraich_violence_samajwadi_partyshares_video 

बहराइच हिंसा पर सियासत तेज है। उत्‍तर प्रदेश के बहराइच में रविवार को दिन से लेकर रात तक बवाल होता रहा। महसी तहसील के महाराजगंज बाजार में देवी दुर्गा की मूर्ति के विसर्जन जुलूस के दौरान गोलीबारी और पथराव हो गया। इसमें 22 वर्षीय एक युवक राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई। कई लोग घायल भी हो गए। अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक युवक मुस्लिम के घर की छत पर लगा झंडा नोचकर गिरा देता है। फिर उसकी जगह भगवा झंडा लहराता नजर आ रहा है।

समाजवादी पार्टी ने ये वीडियो शेयर किया है।सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए समाजवादी पार्टी की ओर से लिखा गया, बहराइच में जिस गोपाल को गोली लगी है, उसका वीडियो देखिए। गोपाल एक मुस्लिम घर में जबरन घुसा। वहां से हरा झंडा उतारा फेंका और जबरन भगवा झंडा लहराया। अब इस मासूम गोपाल के मन में ये करने का जहर किसने भरा? कौन इस साजिश में शामिल है ये समझना कठिन नहीं है।

सबमें भाजपा और भाजपा के सत्तालोभी नेता शामिल-सपा

इसी पोस्ट में सपा ने आगे लिखा, इस सबमें भाजपा और भाजपा के सत्तालोभी नेता शामिल हैं, जो अगले चुनाव तक यूपी के माहौल को दंगा-फसाद में झोंककर चुनाव जीतना चाहते हैं। अंततः एक मासूम से दंगाई बने गोपाल ने भाजपाई सियासत के चक्कर में अपनी जान गंवा दी। बहराइच का मामला पूरी तरह से इंटेलिजेंस फेल्योर, पुलिस फेल्योर, भाजपाई साजिश और भाजपाई सत्तालोभी कुकृत्य का परिणाम है।

बीजेपी का पलटवार

बीजेपी विधायक शलभमणि त्रिपाठी ने इस वीडियो को शेयर करने वालों पर पलटवार किया है। उन्‍होंने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा है- 'ये तब हुआ जब विसर्जन के दौरान इसी घर से अकारण मां दुर्गा प्रतिमा पर पथराव किया गया, जब चरमपंथियों ने मां दुर्गा की प्रतिमा को अपवित्र करने का प्रयास किया, जब मां भक्तों पर कातिलाना हमला हुआ, बाद में इसी घर में रखे हथियारों से हुई फायरिंग में राम गोपाल मिश्रा को कई गोलियां मारीं गईं। एकतरफा वीडियो बनवाकर हत्यारों को बचा नहीं पाएगा कोई। ऐसी कार्रवाई होगी कि पीढ़ियां याद करेंगी।'

अर्थशास्त्र के नोबेल का हुआ ऐलान, जानें किसे और क्यों मिला ये पुरस्कार

#nobelprizein_economic

रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने अर्थिक क्षेत्र में योगदान के लिए 2024 के नोबेल पुरस्कार का एलान कर दिया है। आर्थिक विज्ञान के क्षेत्र में अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में दिया जाने वाला स्वेरिग्स रिक्सबैंक पुरस्कार डारोन ऐसमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स ए. रॉबिन्सन को दिया गया है। उन्हें यह पुरस्कार इस बात पर रिसर्च के लिए मिला है कि संस्थान कैसे बनते हैं और लोगों की खुशहाली को कैसे प्रभावित करते हैं। उनकी रिसर्च बताती है कि मजबूत और निष्पक्ष संस्थान जैसे-अच्छी सरकारें और कानून व्यवस्था लोगों की जिंदगी पर सकारात्मक असर डालते हैं।

रॉयल स्वीडिश अकेडमी ऑफ साइंसेज की नोबेल समिति ने कहा कि तीनों अर्थशास्त्रियों ने ‘किसी देश की समृद्धि के लिए सामाजिक संस्थाओं के महत्व को प्रदर्शित किया है।’ समिति ने कहा, ‘‘कानून के खराब शासन वाले समाज और आबादी का शोषण करने वाली संस्थाएं वृद्धि या बेहतर बदलाव नहीं लाती हैं। पुरस्कार विजेताओं के शोध से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि ऐसा क्यों होता है।'’

नोबेल पुरस्कार समिति ने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्‍स पर एक पोस्ट में बताया कि संस्थाओं के गठन और परिवर्तन की परिस्थितियों को समझाने के लिए पुरस्कार विजेताओं का मॉडल तीन फैक्‍टरों पर आधारित है। पहला है संसाधनों के बंटवारे और समाज में निर्णय लेने की शक्ति (अभिजात वर्ग या जनता) को लेकर संघर्ष।सम‍ित‍ि ने आगे बताया, 'दूसरा यह है कि जनता को कभी-कभी सत्ता का इस्तेमाल करने का अवसर मिलता है। वे संगठित होकर और शासक वर्ग को धमकी देकर ऐसा कर सकते हैं। इसलिए समाज में सत्ता केवल निर्णय लेने की शक्ति से कहीं अधिक है। तीसरा है प्रतिबद्धता की समस्या, जिसका मतलब है कि अभिजात वर्ग के पास जनता को निर्णय लेने की शक्ति सौंपने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।'

कौन हैं ये तीनों इकोनॉमिस्ट?

डारोन ऐसमोग्लू, अर्मेनियाई मूल के तुर्की-अमेरिकी अर्थशास्त्री हैं, जो मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में पढ़ाते हैं। वे वहां अर्थशास्त्र के एलिजाबेथ और जेम्स किलियन प्रोफेसर हैं। 1993 से MIT से जुड़े ऐसमोग्लू ने अपने शोध कार्य में राजनीतिक और आर्थिक संस्थाओं के प्रभाव को समझने का प्रयास किया है। उनका काम यह दर्शाता है कि कैसे संस्थाएं विकास और समृद्धि को प्रभावित करती हैं। उनके अलावा, साइमन जॉनसन और जेम्स ए. रॉबिन्सन भी अर्थशास्त्र के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले विद्वान हैं, जिन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था की जटिलताओं को समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

2023 में इन्हें मिला था ये पुरस्कार

पिछले वर्ष 2023 में यह पुरस्कार क्लाउडिया गोल्डिन को प्रदान किया गया था, जिन्होंने महिलाओं के श्रम बाजार में स्थिति को समझने में महत्वपूर्ण शोध किया। गोल्डिन के शोध ने दिखाया कि कैसे महिलाओं की कमाई और श्रम में भागीदारी में लिंग अंतर समय के साथ बदला है। उनके काम ने महिलाओं की आर्थिक स्थिति के प्रति जागरूकता बढ़ाई और समाज में परिवर्तन के लिए प्रेरित किया।

नोबेल पुरस्‍कार का इतिहास

यह पुरस्कार आधिकारिक तौर पर 'एल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में बैंक ऑफ स्वीडन पुरस्कार' के रूप में जाना जाता है। केंद्रीय बैंक ने इसे 19वीं सदी के स्वीडिश व्यवसायी और रसायनज्ञ नोबेल की याद में स्थापित किया था। नोबेल ने डायनामाइट का आविष्कार किया था और पांच नोबेल पुरस्कारों की स्थापना की थी। रैग्नर फ्रिश और जान टिनबर्गेन को 1969 में इसका पहला विजेता घोषित किया गया था।

हालांकि, नोबेल के शुद्धतावादी इस बात पर जोर देते हैं कि अर्थशास्त्र पुरस्कार तकनीकी रूप से नोबेल पुरस्कार नहीं है। लेकिन, इसे हमेशा अन्य पुरस्कारों के साथ 10 दिसंबर को नोबेल की पुण्यतिथि पर दिया जाता है।

भारत ने फिर कनाडा को फटकारा, भारतीय उच्चायुक्त-राजनयिकों को लेकर ट्रूडो सरकार के दावे पर लताड़ा*

#india_mea_attacks_canada_justin_trudeau

खालिस्तानी आतंकी निज्जर की हत्या के मामले में भारत ने एक बार फिर कनाडा को सख्त संदेश दिया है। भारत ने कनाडा से कहा है कि ट्रूडो इस तरह भारत पर आरोप नहीं लगा सकते। उन्हें निज्जर मामले में पुख्ता सबूत पेश करने होंगे। भारत ने कहा कि ट्रूडो राजनीतिक लाभ के लिए सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं।भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर इसे ट्रूडो का राजनीतिक हथकंडा बताया है।दरअसल, कनाडा सरकार ने एक जांच के मामले में भारतीय उच्चायुक्त और भारतीय राजनयिकों को जांच के दायरे में माना है। इस संदर्भ में भारत सरकार को कनाडा सरकार ने पत्र लिखा है। इसी पत्र के जवाब में भारत सरकार ने कनाडा को फटकारा और उसके आरोप को खारिज किया।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक रविवार को कनाडा की ओर से एक राजनयिक संदेश मिला, जिसमें कनाडा में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त और राजनयिकों को निज्जर हत्यकांड में ‘पर्सन ऑफ इंट्रस्ट’ बताया गया है।भारत सरकार इन बेतुके आरोपों को दृढ़ता से खारिज करती है और इन्हें ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे के लिए जिम्मेदार ठहराती है, जो वोट बैंक की राजनीति पर केंद्रित है।

भारत सरकार ने आगे कहा, ‘चूंकि प्रधान मंत्री ट्रूडो ने सितंबर 2023 में कुछ आरोप लगाए थे। हमारी ओर से कई अनुरोधों के बावजूद कनाडाई सरकार ने भारत सरकार के साथ सबूत का एक टुकड़ा भी साझा नहीं किया है। यह नवीनतम कदम उन बातचीतों के बाद उठाया गया है जिनमें एक बार फिर बिना किसी तथ्य के दावे सामने आए हैं। इससे इसमें कोई संदेह नहीं रह जाता है कि जांच के बहाने राजनीतिक लाभ के लिए भारत पर कीचड़ उछालने की एक सोची-समझी रणनीति है।

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो भारत विरोधी एजेंडा पहले ही बेनकाब हो चुका है। विदेश मंत्रालय ने 2018 में ट्रूडो के भारत दौरे को वोट बैंक राजनीति को साधने की कोशिश का हिस्सा बताया और कहा कि तब ट्रूडो का यह दांव उल्टा पड़ गया था। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि 2020 में भारत की आंतरिक राजनीति में ट्रूडो के दखल ने दिखाया है कि वह राजनीतिक हितों को साधने के लिए क्या कुछ कर सकते हैं। सरकार ने कहा कि ट्रूडो कैबिनेट में कई ऐसे लोग शामिल हैं जो सीधे तौर पर भारत विरोधी कट्टरवाद और अलगाववाद से प्रेरित हैं।

बता दें कि पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंने हरदीप सिंह निज्जर हत्या में भारतीय एजेंट के शामिल होने का आरोप लगाया था। इसके बाद से भारत-कनाडा संबंधों में खटास आ गई। भारत ने कनाडा सरकार के उस आरोप को भी खारिज किया था और कहा था कि आरोपों को साबित करने के लिए सबूत दें।

हिजबुल्लाह के हमले से बौखलाया इजरायल, कहा- लेबनान की बेका घाटी को तबाह कर देंगे, जारी की कड़ी चेतावनी

इजराइल की सेना ने सोमवार को चेतावनी जारी की कि वह लेबनान की बेका घाटी में हमला करने वाली है। आरोप है क‍ि वहां हिजबुल्लाह हथियार जमा कर रहा है। उसने नागरिकों से वहां से हटने की अपील किया है। इजराइली रक्षा बलों (आईडीएफ) के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि अपनी सुरक्षा के लिए उन घरों से दूरी बनाए रखें। जहां हथियार रखे गए हैं। कहा कि हमला अगले दो घंटों के भीतर शुरू हो जाएगा। उन्होंने इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी। यह सोमवार को हगारी की ओर से दूसरी चेतावनी थी। इससे पहले सुबह दक्षिणी लेबनान के निवासियों को तत्काल स्थान खाली करने के लिए कहा गया, क्योंकि इजराइल ने कथित तौर पर हिजबुल्लाह की क्रूज मिसाइलों को रखने वाले स्‍थानों को निशाना बनाकर हवाई हमले की योजना बनाई थी।

समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, इजराइली सेना के प्रवक्ता अवीचाई अद्रेई ने एक बयान में कहा कि अब तक इजराइल ने लगभग 300 घरों पर हमला किया है, जहां हिजबुल्लाह ने कथित तौर पर मिसाइलें छिपा रखी हैं।

मुंबई में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी मर्डर केस के बाद सलमान खान ने अपने सारे कार्यक्रम किए रद्द, यहां डिटेल में जानिए केस से जुड़े 10 बड़े अपडेट्

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात मुंबई के बांद्रा ईस्ट इलाके में तीन लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई। निर्मल नगर में कोलगेट मैदान के पास बाबा सिद्दीकी के बेटे और विधायक जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर हुई इस घटना के तुरंत बाद दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना के बाद सलमान खान ने अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। उनकी सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है।

 केस के 10 बड़े अपडेट्स

1. मुंबई पुलिस ने पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या के मामले में शामिल दो लोगों को हिरासत में लिया है। सूत्रों ने बताया कि हिरासत में लिए गए आरोपी हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हैं। इस मर्डर केस में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की संलिप्तता की जांच की जा रही है। मुंबई क्राइम ब्रांच इस केस की जांच कर रही है। बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे के इरादे फिलहाल स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन इस बात का संदेह है कि यह कुछ व्यापारिक प्रतिद्वंद्विता के कारण उनका हत्या की गई है।

2. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दो से तीन राउंड गोलियां चलाई गईं। आपको बता दें कि सिद्दीकी को 15 दिन पहले ही जान से मारने की धमकी मिली थी और उन्हें 'वाई' श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई थी।

3. दशकों तक दिग्गज कांग्रेसी रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुनील दत्त और उनकी बेटी प्रिया दत्त के करीबी सहयोगी बाबा सिद्दीकी ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले फरवरी में अजित पवार की एनसीपी में शामिल होने के लिए पार्टी छोड़ दी थी। पिछले कुछ महीनों से वह और उनके बेटे जीशान इस तैयारी में थे कि वे आगामी विधानसभा चुनावों से पहले अपनी राजनीतिक प्राथमिकताएं स्पष्ट कर देंगे।

4. विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) नेताओं ने सिद्दीकी की सनसनीखेज हत्या के लिए महायुति शासन की आलोचना की है और उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फड़नवीस के इस्तीफे की मांग की है।

5.बाबा सिद्दीकी ने विधानसभा में तीन बार बांद्रा (पश्चिम) सीट का प्रतिनिधित्व किया था। मुंबई के एक प्रमुख मुस्लिम नेता सिद्दीकी को कई बॉलीवुड सितारों के करीबी के रूप में भी जाना जाता था।

6. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बताया कि मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक फणसलकर ने उन्हें जानकारी दी है कि दो कथित शूटर को हिरासत में लिया गया है। मुख्यमंत्री ने टेलीविजन चैनलों को बताया कि उनमें से एक उत्तर प्रदेश और दूसरा हरियाणा से है, जबकि तीसरा आरोपी मौके से भाग गया। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस घटना के कुछ देर बाद लीलावती अस्पताल पहुंचे। फडणवीस के पास गृह विभाग का भी प्रभार है।

7. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, "दुख की इस घड़ी में मैं बाबा सिद्दीकी के परिवार, मित्रों और समर्थकों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। न्याय सुनिश्चित किया जाना चाहिए और वर्तमान महाराष्ट्र सरकार को गहन और पारदर्शी जांच का आदेश देना चाहिए। दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए। जवाबदेही सर्वोपरि है।’’

8. शरद पवार ने कहा कि बिगड़ती कानून व्यवस्था चिंताजनक है। पवार ने गृह मंत्री फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह भी चिंताजनक है कि स्थिति को इतनी हल्के ढंग से लिया जा रहा है। शरद पवार ने ‘एक्स’ पर लिखा कि सत्तारूढ़ पार्टी को घटना की जिम्मेदारी लेते हुए और सत्ता छोड़ देनी चाहिए।

9. महाराष्ट्र विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट ने कहा कि ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त एवं सत्तारूढ़ पार्टी के नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जो कानून व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े करता है।

10. शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने कहा कि यह घटना चौंकाने वाली है। ठाकरे ने कहा, ‘‘यह महाराष्ट्र में कानून व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है। प्रशासन, कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है।

बहराइच में बवालःयुवक की मौत पर प्रदर्शन उग्र, हिंसा के बीच कांग्रेस ने मांगा सीएम का इस्तीफा

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उत्तर प्रदेश के बहराइच में दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दौरान हुए बवाल ने बड़ा रूप ले लिया है। सोमवार सुबह एक बार फिर से बहराइच में आगजनी और तोड़फोड़ की गई। कई दुकानों और घरों में तोड़फोड़ की गई। बाइक के शोरूम और एक अस्पताल में आग लगा दी गई है। वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया है। दवाइयों को जला दिया गया है। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों में भी हिंसा बढ़ गई है।

मुख्यमंत्री ने मांगी रिपोर्ट

न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, सोमवार सुबह रामगोपाल मिश्रा की हत्या के बाद एक समुदाय के लोग भड़क गए। भीड़ हाथ में डंडे और लाठी लेकर सड़क पर उतर आए। बाइक शोरूम और एक अस्पताल में आगजनी और तोड़फोड़ की गई है। अस्पताल के अलावा दुकानों और वाहनों में भी आग लगाई है। यूपी के सीएम योगी ने दंगाइयों से सख्ती से निपटने के निर्देश दिए हैं। साथ ही ताजा हालात पर रिपोर्ट मांगी है। अफवाह फैलाने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने हत्या के आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने के लिए कहा है।

सीएम योगी को अब वापस मठ चले जाना चाहिए-अजय राय

बहराइच हिंसा को लेकर सियासत गरमा गई है। कांग्रेस पार्टी ने इस हिंसा को लेकर यूपी सरकार पर निशाना साधा, प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि बीजेपी सरकार में पूरे प्रदेश में जंगल राज कायम हैं। बहराइच में गोली चली, बनारस में 481 साल में भरत मिलाप के दौरान रामभक्तों पर इस सरकार ने लाठी चलवाई। अब उनके बस का कुछ नहीं रह गया है। सीएम योगी को अब वापस मठ चले जाना चाहिए।

सपा ने की सेना बुलाने की मांग

वहीं, समाजदवादी पार्टी ने बहराइच में आगजनी तोड़फोड़ की घटनाओं को लेकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर हमला किया है। सपा नेता आईपी सिंह ने हिंसा को रोकने के लिए सेना को बुलाने की मांग। आईपी सिंह ने पुलिस अधिकारियों के पास बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं होने पर भी सवाल उठाए और कहा कि सरकार को हिंसा को रोकने के लिए सेना को बुलाना चाहिए। आईपी सिंह ने एक्स पर लिखा- 'इस हिंसा को रोकने के लिए सेना बुलाई जाए। हिंसा के दौरान बिना जीवन रक्षक बुलेट प्रूफ जैकेट आदि के एडीजी स्तर के ऐसे किसी पुलिस अफसर को आगे नहीं बढ़ना चाहिए।'

क्या है पूरा मामला

बहराइच में महसी तहसील के महराजगंज कस्बे में गाने को लेकर हुए विवाद के बाद दूसरे समुदाय के युवकों ने पथराव शुरू कर दिया। स्थानीय लोगों के मुताबिक, आज तक इस इलाके में जुलूस या विसर्जन के दौरान कभी हिंसा नहीं हुई थी। इस बार हिंसा की शुरुआत डीजे पर आपत्तिजनक नारे लगाने की वजह से हुई। आरोप ये भी है कि मृतक रामगोपाल ने एक जगह हरा झंडा उखाड़कर भगवा झंडा फहराया था, जिसके बाद आपत्तिजनक नारेबाजी और तेज हो गई। जिस इलाके में नारेबाजी की जा रही थी, वह मुस्लिम बाहुल्य इलाका था। आपत्तिजनक नारेबाजी सुनने के बाद दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए और देखते ही देखते पत्थरबाजी शुरू हो गई। पत्थरबाजी के दौरान ही दूसरे पक्ष की ओर से फायरिंग की गई, जिसमें रामगोपाल को गोली लगी और वह मर गया। राम गोपाल के अलावा कुछ और लोगों को गोली लगी।

आधा राज्य चलाने में कोई दिक्कत हो तो मुझसे सलाह लेना..', उमर अब्दुल्ला से बोले अरविंद केजरीवाल

आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता अरविंद केजरीवाल ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में जीत के लिए बधाई दी और कहा कि अगर उन्हें "आधे राज्य" के प्रबंधन में कोई समस्या आती है, तो वे उनसे सलाह ले सकते हैं। केजरीवाल यह बातें AAP के नेता मेहराज मलिक को डोडा विधानसभा सीट से जीतने पर धन्यवाद देने के लिए डोडा में आयोजित एक सभा में बोल रहे थे।

केजरीवाल ने उमर अब्दुल्ला को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री बनने के लिए बधाई दी और कहा कि "INDIA" गठबंधन के तहत उनके नेतृत्व में राज्य का विकास होगा। उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर को "आधा राज्य" बना दिया गया है, जिसमें मुख्यमंत्री के पास सीमित शक्तियां हैं, जबकि उपराज्यपाल के पास अधिक अधिकार हैं। केजरीवाल ने दिल्ली में 10 वर्षों तक मुख्यमंत्री रहते हुए इसी तरह के अनुभव से गुज़रने की बात कही और उमर अब्दुल्ला से कहा कि यदि उन्हें कोई कठिनाई आती है, तो वे उनसे सलाह ले सकते हैं। मेहराज मलिक ने डोडा विधानसभा सीट से जीत हासिल की, जहां उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गंजेय सिंह राणा को 4,538 मतों से हराया। मलिक इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के खालिद नजीब सुहरावर्दी और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अब्दुल मजीद वानी को भी हराने में सफल रहे। मलिक अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा में AAP के पहले सदस्य बन गए हैं।

केजरीवाल ने उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करने की घोषणा की और उम्मीद जताई कि मलिक को जम्मू-कश्मीर की सेवा करने का अवसर दिया जाएगा। उन्होंने मलिक की जीत को धर्म से परे बताया और कहा कि उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने कहा कि "आप" का लक्ष्य डोडा और जम्मू-कश्मीर का विकास करना है और पार्टी सत्ता की दौड़ में नहीं है। उनका उद्देश्य देश में व्यवस्था में सुधार और आम लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाना है। केजरीवाल ने डोडा के लोगों का धन्यवाद करते हुए कहा कि आप की जीत जम्मू-कश्मीर की राजनीति और स्थिति को अगले दस वर्षों में बदल देगी। उन्होंने कहा कि AAP एक पार्टी नहीं, बल्कि एक नई विचारधारा है, जो गरीबों के बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार और मुफ्त बिजली जैसी सुविधाओं पर काम करती है।