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केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की सुरक्षा बढ़ाई गई, मिलेगा Z कैटेगरी का कवर, IB के अलर्ट के बाद हुआ बदलाव



डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की सुरक्षा में बदलाव किया है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास गुट) के प्रमुख को गृह मंत्रालय ने Z कैटेगरी की सुरक्षा दी है। इससे पहले चिराग को SSB के कमांडो की सुरक्षा मिली हुई थी। हालांकि, जेड कैटेगरी की सिक्योरिटी मिलने के साथ ही अब उन्हें CRPF के जवान सुरक्षा देंगे। दरअसल, ये बदलाव IB की थ्रेट रिपोर्ट के बाद किया गया है। भारत में गृह मंत्रालय किसी भी व्यक्ति को सुरक्षा देने का निर्णय लेता है।

चिराग पासवान की सुरक्षा में कुल 33 सुरक्षागार्ड तैनात रहेंगे। इनके साथ ही 10 आर्म्ड स्टैटिक गार्ड वीआईपी के घर पर रहेंगे। इसके अलावा 6 राउंड द क्लॉक पीएसओ, तीन शिफ्ट में आर्म्ड स्कॉर्ट के 12 कमांडो, वाचर्स शिफ्ट में 2 कमांडो और 3 ट्रेंड ड्राइवर राउंड द क्लॉक मौजूद रहेंगे। चिराग पासवान की सुरक्षा बढ़ाने का निर्णय हालिया घटनाओं के आधार पर लिया गया है।

Z कैटेगरी सुरक्षा में विशेष प्रशिक्षित कर्मियों की तैनाती होती है। यह सुरक्षा व्यवस्था 24 घंटे उपलब्ध रहती है। हाल ही में चिराग पासवान की राजनीतिक गतिविधियों में वृद्धि हुई है। उनकी पार्टी और समर्थकों ने इस निर्णय का स्वागत किया है।

भारत सरकार की ओर से देश के कुछ लोगों को सिक्योरिटी दी जाती है। मुख्य तौर पर गृह मंत्रालय की ओर से X, Y, Y Plus, Z, Z Plus सिक्योरिटी दी जाती है। इसके अलावा एक एसपीजी सिक्योरिटी होती है, जो सिर्फ देश के प्रधानमंत्री को मिली है। एसपीजी एक अलग फोर्स की तरह है, जो सिर्फ प्रधानमंत्री को कवर करती है। यह देश में सुरक्षा श्रेणियों का उच्चतम स्तर है। कुछ स्थितियों में पीएम के परिवार को भी इसी सुरक्षा घेरे में रखा जाता है।
बिजनौर में रेल पटरी पर रखे गए पत्थर, पीसती हुई गुजर गई ट्रेन, बड़ा हादसा टला



डेस्क: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में गुरुवार की सुबह रेल की पटरी पर अज्ञात लोगों ने छोटे पत्थर रख दिये, लेकिन ट्रेन उन पर से सकुशल गुजर गई। रेलवे पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है। राजकीय रेलवे पुलिस थाना प्रभारी पवन कुमार ने बताया कि सहारनपुर से मुरादाबाद जा रही मेमू ट्रेन जब गढ़मलपुर क्रासिंग पर पहुंची तो पटरी पर पत्थर टूटने की आवाज आई। हालांकि ट्रेन सकुशल निकल गई। बाद में चालक ने मुर्शदपुर स्टेशन पहुंच कर घटना की जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि मौके पर की गई जांच में पता चला कि पटरी पर किसी ने छोटे-छोटे पत्थर रख दिए थे जिन्हें पीसती हुई ट्रेन आगे निकल गई। कुमार ने बताया कि रेलवे पुलिस तहकीकात कर रही है कि यह बच्चों की शरारत है या साजिश के तहत पटरी पर पत्थर रखे गये। उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में कानपुर, जौनपुर और बागपत समेत कई जगहों पर पटरी पर रसोई गैस सिलिंडर, खम्बा और लट्ठा आदि रखे जाने की घटनाएं सामने आई हैं। इनमें से कुछ मामलों में ट्रेन को पलटाने की साजिश की आशंका भी जाहिर की गयी है।

बता दें कि पिछले हफ्ते यूपी के ललितपुर जिले में भी ट्रेन पलटाने की साजिश रचने वाले एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ने ट्रेन की पटरी पर सरिया रख दिया था, जो ट्रेन के पहिए में उलझ गया। हालांकि लोको पायलट ने तत्परता दिखाते हुए ट्रेन रोक दी, जिससे बड़ा हादसा टल गया। ये घटना 3 अक्टूबर की बताई जा रही है। वहीं ट्रेन की पटरी पर सरिया रखने वाले आरोपी को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह सरिया चोरी करके ले जा रहा था, तभी ट्रेन आ गई। हड़बड़ी में वह पटरी पर ही सरिया छोड़कर भाग गया।
क्या है 'हिज्ब-उत-तहरीर' जिसपर भारत सरकार ने लगाया प्रतिबंध? यरुशलम से है खास कनेक्शन


डेस्क: भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाते हुए वैश्विक इस्लामी कट्टरपंथी समूह हिज्ब-उत-तहरीर पर प्रतिबंध लगा दिया है। गृह मंत्रालय ने हिज्ब-उत-तहरीर को गैरकानूनी/प्रतिबंधित संगठन घोषित करते हुए कहा कि ये संगठन भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था और आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। आइए जानते हैं कि क्या है हिज्ब-उत-तहरीर, इसकी स्थापना कब हुई और इस कट्टरपंथी समूह का मकसद क्या है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन में कहा गया है कि हिज्ब उत तहरीर युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और ISIS जैसे आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रेरित करने में शामिल है। इसके साथ ही ये समूह आतंकवादी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में भी शामिल है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि हिज्ब उत तहरीर सोशल मीडिया और सुरक्षित ऐप्स का सहारा लेकर युवाओं को आतंकी कार्यों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बैठकें आयोजित करता है। यह समूह आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है।

इस्लामी देश और खिलाफत स्थापित करना है मकसद
केंद्र सरकार ने हिज्ब-उत-तहरीर को यूएपीए के तहत प्रतिबंधित संगठन घोषित किया है। सरकार का मानना है कि हिज्ब-उत-तहरीर आतंकवाद में शामिल है और उसने भारत में आतंकवाद के विभिन्न कृत्यों में भाग लिया है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि हिज्ब-उत-तहरीर का लक्ष्य लोकतांत्रिक सरकार को जिहाद के माध्यम से हटाकर भारत सहित विश्वस्तर पर इस्लामी देश और खिलाफत स्थापित करना है।

हिज्ब-उत-तहरीर को बांग्लादेश और यूनाइटेड किंगडम समेत कई देशों में एक प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया है। ब्रिटेन ने इसे एक यहूदी विरोधी संगठन कहा था जो कि सक्रिय रूप से आतंकवाद को बढ़ावा देता है और प्रोत्साहित करता है। आपको बता दें कि इस्लामी कट्टरपंथी समूह हिज्ब-उत-तहरीर की स्थापना साल 1953 में यरुशलम में की गई थी। अरबी में हिज्ब-उत-तहरीर का मतलब 'मुक्ति की पार्टी' है। यूरोपियन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस के मुताबिक, ये संगठन गैर-सैन्य तरीकों से खिलाफत की पुन: स्थापना पर काम करता है।

इससे पहले NIA ने भी गुरुवार को तमिलनाडु हिज्ब-उत-तहरीर, भारत विरोधी साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार एक आरोपी के घर की तलाशी ली है। फैज़ुल रहमान नामक शख्स के घर पर तलाशी की गई और डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों सहित कई आपत्तिजनक सामग्रियों को जब्त किया गया है। NIA द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी पर अलगाववादी एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए पूरे तमिलनाडु में कई अभियान चलाने का आरोप है।
प्रिंस चार्ल्स के हाथों अवॉर्ड लेने आखिर क्यों नहीं गए रतन टाटा? वजह जानकर आप हो जाएंगे हैरान


डेस्क: मशहूर उद्योगपति रतन टाटा आज हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनके महान काम और उनके महान विचार दुनिया के लिए हमेसा मिसाल बनी रहेगी। रतन टाटा के निधन पर पूरे भारत में शोक की लहर है। हर कोई अपने-अपने तरीके से उन्हें याद कर रहा है। रतन टाटा से जुड़ी कई कहानियां और किस्से हैं जो लोग सोशल मीडिया पर साझा कर रहे हैं। रतन टाटा से ही जुड़ा एक किस्सा आज हम आपको बताने जा रहे हैं। दरअसल ये कहानी तब कि है जब ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स रतन टाटा को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड देना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने रतन टाटा से लंदन आने का अनुरोध किया। रतन टाटा ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया और लंदन आने के लिए उन्होंने हामी भर दी।

लंदन के बंकिंघम पैलेस में इस लाइव टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड की तैयारियां पूरी कर ली गई थी। लेकिन इस दिन रतन टाटा लंदन नहीं गए। लेकिन लंदन न जाने के पीछे क्या वजह थी, यह हर किसी को जानना चाहिए।

बिजनेसनमैन, कॉलमिस्ट और एक्टर सुहेल सेठ ने एक इंटरव्यू में इस किस्से के शेयर किया था। उन्होंने कहा कि 6 फरवरी को रतन टाटा को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड दिया जाना था। इसे लेकर बंकिंघम पैलेस में तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। इस दौरान वह 2 या 3 फरवीर को लंदन पहुंचे। इसके बाद जब वह एयरपोर्ट पर उतरे और उन्होंने अपने फोन को देखा तो उसपर रतन टाटा के लगभग 11 मिस्ड कॉल्स थे।

सुहेल सेठ ने बताया कि रतन टाटा के इतने मिस्ड कॉल्स देखकर मैं डर गया कि आखिर रतन को क्या हो गया। इसके बाद उन्होंने रतन टाटा को फोन किया और पूछा कि आखिर क्या हो गया। तब रतन टाटा ने सुहेल सेठ को बताया कि उनके डॉग टैंगों और टीटो में से कोई बीमार है। वह इस हालात में उन्हें ऐसे छोड़कर लंदन नहीं आ सकते हैं।

इसपर सुहेल सेठ ने रतन टाटा को फोन पर कहा कि रतन लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड का यह कार्यक्रम आपके लिए रखा गया है। बावजूद इसके रतन टाटा लंदन नहीं गए। जब इस बात का पता प्रिंस चार्ल्स को लगा तो प्रिंस चार्ल्स इससे काफी प्रभावित हुए। प्रिंस चार्ल्स ने रतन टाटा की तारीफ करते हुए कहा कि इंसान ऐसा होना चाहिए। रतन टाटा कमाल के इंसान है। यही वजह है कि टाटा समूह आज इस मुकाम पर है।
हर घर के किचन में कैसे पहुंचा टाटा नमक, रतन टाटा ने आयोडीन युक्त नमक से रखा भारतीयों के स्वास्थ्य का ख्याल


डेस्क: देश ने आज एक बड़ा अनमोल रतन खो दिया है। टाटा को ग्लोबल ब्रांड बनाने वाले रतन टाटा अब हमारे बीच नहीं रहे लेकिन उनके योगदान को देश याद कर रहा है। रतन टाटा वो शख्स हैं। जिन्होंने टाटा को घर-घर पहुंचा दिया। देश का शायद ही ऐसा कोई घर होगा। जहां टाटा की पहुंच नहीं होगी। नमक से लेकर चाय तक..कार से लेकर हवाई जहाज तक, सुई से लेकर बड़े बड़े ट्रक तक, घड़ी से लेकर AC तक। हर तरफ टाटा की मौजूदगी है। रतन टाटा ने कभी भी मुनाफे के लिए आम लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ नहीं किया। उन्होंने बिजनेस के साथ आम लोगों की सेहत और स्वाद का भी ख्याल रखा।

जब देश में आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियों से लोग परेशान थे तब लोगों की भलाई के लिए रतन टाटा ने एक ऐसा उपाय ढूंढा जिससे लोगों का स्वाद और सेहत दोनों अच्छा रहे। रतन टाटा की टाटा केमिकल्स कंपनी ने साल 1983 में भारत में पहली बार पैकेट में आयोडीन युक्त नमक ब्रांड को लॉन्च किया। यह नमक आज भी लोगों के दिलों में राज करता है और हर घर में टाटा का नमक पहली पसंद है। अगर आपके सामने नमक के कई ब्रांड रखें हो तो सबसे पहले आप टाटा नमक ही चूज करेंगे। क्योंकि आम लोगों के मन में टाटा के ब्रांड को लेकर कोई शंका नहीं है।

जानकारी के अनुसार, टाटा ग्रुप ने देश में नमक बनाने का काम 1927 में गुजरात के ओखा में शुरू किया था। तब किसी ने कल्पना तक नहीं की थी कि गुजरात में नमक भी बनाया जा सकता है। कंपनी ने 1983 में पैकेट में आयोडीन नमक बेचना शुरू कर दिया। इस नमक की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इससे आयोडीन और आयरन की कमी दूर होती है। साथ ही ब्लड प्रेशर को भी यह नमक कंट्रोल करता है।

देश में आज की तारीख में टाटा नमक एक से ज्यादा वैरायटीज में उपलब्ध है। इतने सब गुणों से भरपूर होने के बावजूद इसकी कीमत लागत की अपेक्षा मामूली है। कम पैसे में नमक उपलब्ध होने के कारण लोग इसे इस्तेमाल करते हैं।

टाटा ग्रुप ने चाय बनाने का भी काम किया। टाटा टी का बिजनेस भी भारत में सबसे ज्यादा है। लोग टाटा ग्रुप की चाय पीना ज्यादा पंसद करते हैं। यह छोटे-छोटे पाउज में बाजार में उपलब्ध है।
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में UPSC अभ्यर्थियों की मौत का मामला, CBI ने कोर्ट में दाखिल की सील कवर रिपोर्ट



डेस्क: ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग में तीन छात्रों की मौत का मामले में CBI ने दिल्ली हाई कोर्ट में सील कवर रिपोर्ट दाखिल की है। इसके बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने CBI और MCD को मामले में अब तक की जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है। इसके साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट ने मामले में चीफ सेक्रेटरी को भी रिपोर्ट दाखिल करने का समय दिया है। बता दें कि बीते जुलाई महीने में राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में अचानक पानी भर जाने के कारण यूपीएससी की तैयारी कर रहे तीन छात्रों की डूबकर मौत हो गई थी।

पूरे मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि यह बहुत गंभीर मामला है। इसलिए CBI को जांच पूरी करने के लिए समय दिया है, CVC को जांच की निगरानी करने के लिए कहा है।  हाई कोर्ट ने कहा कि यह बहुत ही रेयर केस है इसलिए ही हमने CBI को जांच सौंपी है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि इस मामले में अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी।

राजधानी दिल्ली के ओल्ड राजेद्र नगर हादसे के मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट सभी पक्षों दलीलों को सुनने के बाद हादसे की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। कोर्ट ने कहा था कि CVC का वरिष्ठ अधिकारी जांच की निगरानी करेगा। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने दिल्ली एमसीडी को फटकार भी लगाई थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि MCD के साथ समस्या यह है कि कोर्ट के समय समय पर आदेश देने के बावजूद वो आदेश लागू नहीं होता।

आईएएस स्टडी सर्किल कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में चल रही लाइब्रेरी में अचानक बारिश का पानी भरने से एर्नाकुलम निवासी 23 वर्षीय नवीन दलविन, उत्तर प्रदेश की 25 साल की श्रेया यादव और तेलंगाना की 25 वर्षीय तान्या सोनी की मौत हो गई थी। घटना के बाद बेसमेंट को सील कर दिया गया था। इस हादसे के बाद काफी हंगामा और प्रदर्शन देखने को मिला था।
हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दिल्ली में जमाया डेरा, सीएम पद के लिए ठोकी दावेदारी


डेस्क: हरियाणा विधानसभा चुनाव के रिजल्ट 8 अक्टूबर को आएंगे। उससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा दिल्ली पहुंच गए हैं। यहां वह आलाकमान से मिलने वाले हैं। दरअसल, एग्जिट पोल में हरियाणा की सत्ता में कांग्रेस की वापसी बताई जा रही है और भूपेंद्र सिंह हुड्डा मुख्यमंत्री की रेस में सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। इसके अलावा इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा के नामों पर भी चर्चा है।

चुनाव के नतीजे आने से पहले दिल्ली में भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एक बयान देकर ये संदेश दे दिया है कि अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो वह मुख्यमंत्री का पद संभालने के लिए पूरी तरह से मैदान में हैं। दिल्ली में संवाददाताओं से बात करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वह न तो टायर्ड हैं और न ही रिटायर्ड हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री पद की उनकी दावेदारी से जुड़े सवाल पर यह टिप्पणी की। हुड्डा ने संवाददाताओं से बातचीत में यह भी कहा कि मुख्यमंत्री पद को लेकर कांग्रेस आलाकमान के फैसले को पार्टी के सभी नेता मानेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि हरियाणा में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिलने जा रहा है, क्योंकि सभी वर्गों ने उसका समर्थन किया है।

हुड्डा ने कहा कहा कि लोकसभा चुनाव में सभी 10 सीट पर कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ा है और बीजेपी का घटा है। यह साफ संकेत है कि हरियाणा में अबकी बार कांग्रेस की सरकार बनेगी। मुख्यमंत्री से जुड़े सवाल पर 77 वर्षीय कांग्रेस नेता ने कहा, "मुख्यमंत्री को लेकर कोई सवाल नहीं है। विधायकों के मत जाने जाएंगे और आलाकमान फैसला करेगा। जिसके नाम पर भी फैसला होगा, सब मानेंगे।" उन्होंने फिर दोहराया कि वह न तो 'टायर्ड' हैं और न ही 'रिटायर्ड' हैं।

बता दें कि कांग्रेस की जीत की स्थिति में मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे माने जा रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा पिछले कुछ हफ्तों में यह बयान कई बार दे चुके हैं। हुड्डा ने यह भी कहा कि कांग्रेस इस चुनाव में हरियाणा के सभी क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन करने जा रही है। हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे कल घोषित होंगे। मतदान 5 अक्टूबर हो हुआ था। मतदान के बाद आए करीब-करीब सभी एग्जिट पोल ने इस चुनाव में कांग्रेस की जीत की संभावना जताई है।
चिकित्सा के नोबेल का एलान, माइक्रो आरएनए की खोज के लिए विक्टर एंब्रोस-गैरी रुवकुन को चुना गया



डेस्क: साल 2024 के नोबेल पुरस्कारों का एलान सोमवार से शुरू हो गया। इसके तहत आज फिजियोलॉजी या मेडिसिन क्षेत्र के लिए इस सम्मान के विजेताओं के नाम का एलान किया गया। इस साल अमेरिका के विक्टर एंब्रोस और गैरी रुवकुन को चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। दोनों को माइक्रो आरएनए की खोज के लिए यह सम्मान दिया जाएगा।

इससे पहले पिछले साल यानी 2023 में कैटालिन कारिको और ड्रू वीसमैन को चिकित्सा का नोबेल दिया गया था। इन्हें न्यूक्लियोसाइड बेस संशोधनों से संबंधित उनकी खोजों के लिए यह सम्मान दिया गया था। इस खोज की वजह से कोरोनावायरस यानी सीओवीआईडी-19 के खिलाफ प्रभावी एमआरएनए टीकों के विकास में मदद मिली थी।

2022 में स्वीडन के स्वांते पैबो को फिजियोलॉजी या मेडिसिन के क्षेत्र के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें विलुप्त होमिनिन और मानव विकास की आनुवांशिकी (जीनोम) से जुड़ी खोजों के लिए यह पुरस्कार दिया गया था। नोबेल समिति ने बयान जारी कर कहा था कि कोरोलिंस्का इंस्टीट्यूट में नोबेल समिति ने आज विलुप्त होमिनिन और मानव विकास के जीनों से जुड़ी खोजों के लिए स्वांते पैबो को फिजियोलॉजी या चिकित्सा क्षेत्र में 2022 का नोबेल पुरस्कार देने का फैसला किया। स्वांते पैबो ने अपने शोध में पाया था कि विलुप्त होमोनिन जीन होमो सेपियन्स में ट्रांसफर हुए थे। पैबो पैलियोजेनेटिक्स के संस्थापकों में से एक रहे हैं जिन्होंने निएंडरथल जीनोम पर बड़े पैमाने पर काम किया है। वह जर्मनी के लीपजिंग में मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट फॉर इवोल्यूशनरी एंथ्रोपोलॉजी मेंजेनेटिक्स विभाग के निदेशक भी रहे हैं।

2021 का चिकित्सा के नोबेल पुरस्कार से डेविड जूलियस और आर्डेन पैटामूटियम को सम्मानित किया गया था। इन दोनों शोधकर्ताओं को शरीर के तापमान, दबाव और दर्द देने वाले रिसेप्टरों की खोज करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया था। दोनों नोबेल विजेता अमेरिकी थे। डेविड जूलियन यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में प्रोफेसर थे। वहीं पैटापूटियन अर्मेनियाई मूल के अमेरिकी नागरिक हैं और ला जोला के स्क्रिप्स इंस्टीट्यूट में वैज्ञानिक थे।

चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के साथ ही नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की शुरूआत हो गई है। अब मंगलवार को भौतिकी, बुधवार को रसायन विज्ञान और गुरुवार को साहित्य के क्षेत्र में दिए जाने वाले नोबेल पुरस्कार विजेता के नाम की घोषणा होगी। इसके अलावा नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में इस पुरस्कार के विजेता की घोषणा 14 अक्तूबर को की जाएगी।

पुरस्कारों में 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर यानी एक मिलियन अमेरिकी डॉलर या दस लाख डॉलर का नकद पुरस्कार दिया जाता है। धनराशि अवॉर्ड के संस्थापक और स्वीडिश आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की छोड़ी हुई वसीयत से आती है। 1896 में उनका निधन हो गया था। नोबेल पुरस्कार अधिकतम तीन विजेताओं को दिया जा सकता है। उन्हें पुरस्कार राशि साझा करनी होती है।
38 लाख रुपये, एक घर और पांच बीघा जमीन, अमेठी हत्याकांड के पीड़ितों को क्या-क्या मिला?

डेस्क: उत्तर प्रदेश के अमेठी में शिक्षक के परिवार की हत्या के बाद आश्रितों को यूपी सरकार ने 38 लाख रुपये का मुआवजा दिया है। इनमें से पांच लाख रुपये नगद दिए गए हैं। वहीं, 33 लाख रुपये का चेक दिया गया है। इसके अलावा रहने के लिए मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत एक घर और पांच बीघा जमीन देने की बात कही गई है। इसके साथ ही अधिकारियों ने उन्हें न्याय दिलाने की बात भी कही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद पीड़ित परिवार से मुलाकात की थी और अब उनकी मदद के लिए सरकार ने हर संभव प्रयास किए हैं।

अमेठी में एक शिक्षक सुनील कुमार के साथ उसकी पत्नी पूनम और दोनों बेटिंयों (दृष्टि और सूनी) की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद मामले ने बहुत तूल पकड़ा था। विपक्ष ने राज्य में कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे। हालांकि, पुलिस ने जल्द ही आरोपी को पकड़ लिया और मामले की जांच जारी है।

पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपी चंदन और मृतक शिक्षक की पत्नी पूनम के बीच अवैध संबंध थे। पिछले डेढ़ साल से दोनों का यह रिश्ता था, लेकिन कुछ दिन पहले ही पूनम ने आरोपी से दूरी बना ली थी। रिश्तों में खटास आने के बाद मृतक पूनम ने 18 अगस्त को आरोपी चंदन वर्मा के खिलाफ SC/ST व छेड़खानी का मुकदमा दर्ज करा दिया। जिसके बाद आरोपी चंदन वर्मा जेल भी गया था। आरोपी चंदन ने व्हाट्सअप स्टेटस लगाया था और इंग्लिश में लिखा था- 5 People will die soon इसके बाद ही उसने हत्या की वारदात को अंजाम दिया।

आरोपी ने पांच लोगों की मौत का दावा किया था। इसमें चार लोग वही थे, जिनकी उसने हत्या की और पांचवां वह खुद था। हालांकि, चार लोगों की हत्या करने के बाद उसने जब सुसाइड करने की कोशिश की तो गोली उसे नहीं लगी और इसके साथ ही गोलियां खत्म हो गईं। इस वजह से वह सुसाइड नहीं कर सका। इसके बाद पुलिस ने उसे भागते हुए पैर में गोली मारकर पकड़ लिया।
यूपी के ललितपुर में पटरी पर सरिया रखकर ट्रेन पलटाने की साजिश, पुलिस ने आरोपी को किया गिरफ्तार, बताई ये वजह



डेस्क: यूपी के ललितपुर जिले में ट्रेन पलटाने की साजिश रचने वाले एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी ने ट्रेन की पटरी पर सरिया रख दिया था, जो ट्रेन के पहिए में उलझ गया। हालांकि लोको पायलट ने तत्परता दिखाते हुए ट्रेन रोक दी, जिससे बड़ा हादसा टल गया। ये घटना 3 अक्टूबर की बताई जा रही है। वहीं ट्रेन की पटरी पर सरिया रखने वाले आरोपी को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह सरिया चोरी करके ले जा रहा था, तभी ट्रेन आ गई। हड़बड़ी में वह पटरी पर ही सरिया छोड़कर भाग गया।

ललितपुर के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद मुस्ताक ने शनिवार को आरोपी के गिरफ्तार किए जाने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देलवारा रेलवे स्टेशन के अधीक्षक ने शुक्रवार को जखौरा थाना पुलिस में एक शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत के अनुसार गुरुवार की रात अज्ञात व्यक्ति ने रेलवे लाइन पर सरिया रख दिया और ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश की। पुलिस अधीक्षक ने आगे बताया कि प्राप्त शिकायत के आधार पर जब मामले की जांच की गई तो घटनास्थल के पास ही रेलवे का लोहे का सरिया आदि रखने का स्थान मिला।

एसपी ने आगे बताया कि जखौरा पुलिस की टीम ने छापेमारी की और आरोपी सत्यम यादव को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। एसपी ने बताया कि आरोपी के घर से भी लोहे का सरिया आदि सामान बरामद किया गया है। पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि घटना की रात वह सरिया चोरी करके जा रहा था, तभी अचानक पाताल एक्सप्रेस आ गई। ट्रेन को देखकर वह हड़बड़ाहट में पटरी पर ही सरिया फेंककर भाग गया।

बता दें कि प्राप्त शिकायत के अनुसार देलवारा रेलवे स्टेशन क्षेत्र में गुरुवार की रात ट्रेन संख्या-12624 (पाताल एक्सप्रेस) के इंजन में लोहे का सरिया फंसने गया था, जिस वजह से चिंगारी निकलने लगी थी। हालांकि गेटमैन ने लोको पायलट को इसकी सूचना दे दी, जिसके बाद लोको पायलट ने ट्रेन रोक दी, जिससे बड़ा हादसा होने से टल गया।