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मीरजापुर सड़क हादसा: मृतक मजदूराें के परिजनों को दो-दो लाख की आर्थिक मदद,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को लिया संज्ञान

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मीरजापुर जिले के कछवां थाना क्षेत्र में हुए दर्दनाक सड़क हादसे में वाराणसी जनपद के रहने वाले 10 लोगों की मौत पर पूरा प्रदेश मर्माहत है। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मिर्जापुर की सांसद केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने दुख जताया है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों और घायलों के परिजनों को हर संभव मदद का निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने मौके पर वरिष्ठ अफसरों को भी भेजा है। मृतकों को नियमानुसार आर्थिक सहायता दी जाएगी। हादसे में मृतक मजदूरों के परिजनों को प्रधानमंत्री राहत कोष से तत्काल दो-दो लाख रुपये और तीनों घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। सहायता राशि के एलान की जानकारी वाराणसी जिला प्रशासन द्वारा दी गई है।

ट्रक ने ट्रैक्टर-ट्राली में मारी टक्कर, दस मजदूरों की मौत

गौरतलब हो कि मीरजापुर जिले के कछवां थाना क्षेत्र के प्रयागराज-वाराणसी मार्ग पर कटका गांव के समीप गुरूवार देर रात छत की ढलाई कर वापस आ रहे ट्रैक्टर ट्राली सवार मजदूरों को पीछे से एक ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में 10 मजदूरों की मौत हो गई। वहीं, तीन मजदूर घायल हो गए। घायलों को बीएचयू ट्रामा सेंटर रेफर किया गया। मौके पर मीरजापुर एसपी सहित प्रशासन और पुलिस के अधिकारी पहुंचे। सुबह तक बचाव कार्य चलता रहा।

सभी मृतक मजदूर वाराणसी के निवासी थे

सभी मृतक वाराणसी मिर्जामुराद के निवासी थे। मृतकों में भानू प्रताप (25) पुत्र हीरालाल, विकास कुमार (20) पुत्र अखिलेश, अनिल कुमार (35) पुत्र हुबलाल, सूरज कुमार (22) पुत्र हुबलाल, सनोहर (25) पुत्र नन्दू, राकेश कुमार (25) पुत्र कन्हैया लाल, प्रेम कुमार (40) पुत्र महंग, राहुल कुमार उर्फ टिल्लू (26) पुत्र मुन्ना लाल, नितिन कुमार (22) पुत्र दौलत राम, रोशन कुमार (17) पुत्र दीनानाथ हैं। वहीं घायलों में आकाश कुमार (18) पुत्र नन्दलाल, जमुनी (26) पुत्र सहती व अजय सरोज (50) पुत्र छब्बन हैं।

लखनऊ में नीदरलैंड की महिला मार्गरेथा की मौत

लखनऊ। राजधानी के हुसैनगंज क्षेत्र में एक निजी होटल में परिवार के साथ ठहरी नीदरलैंड की महिला मार्गरेथा (75) की मौत हो गयी। उसकी तबियत बिगड़ने पर उसे आलमबाग क्षेत्र के अजंता हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। जहां पर उपचार के दौरान उसकी मौत हो गयी।

नीदरलैंड देश की महिला की मौत की सूचना पर त्वरित गति से हास्पिटल में आलमबाग थाना की पुलिस पहुंची। घटना के बारे में जानकारी लेने के बाद विदेशी मूल की महिला के शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस के मीडिया सेल ने गुरुवार को बताया कि नीदरलैंड की महिला की तबियत खराब होने के बाद उसे एक निजी हास्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां पर गुरुवार की सुबह महिला को मृत घोषित किया गया। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय को इस बाबत सूचना दे दी गयी है। महिला के साथ उसके पति अंगोई, बेटी अनीसा, भतीजी नीदरलैंड से भारत बीस सितम्बर 2024 को आये थे। मुम्बई, गोवा, आगरा घूमते हुए पूरा परिवार लखनऊ आया था।
उप्र के चार हिस्सों में विभाजन को फिर मिली हवा, नरेश टिकैत और बालियान ने मांगा अलग पश्चिमी उप्र

लखनऊ। केन्द्र सरकार में पूर्व मंत्री और पश्चिमी उप्र के दमदार नेता संजीव बालियान ने पश्चिमी उप्र को अलग राज्य बनाए जाने की मांग कर उप्र के विभाजन की चर्चाओं को आगे बढ़ाया है। संजीव के अनुसार पश्चिमी उप्र आज मांग नहीं जरुरत है। उन्होंने यह भी कहा कि वे खुद इस मांग को सरकार तक ले जाएंगे। बता दें कि पश्चिमी उप्र को उप्र से बांटने का मुद्दा नया नहीं है। दिवंगत नेता चौधरी चरणसिंह के पुत्र अजित सिंह हरित प्रदेश के नाम से इस क्षेत्र को अलग किये जाने के बाक़ायदा संगठन बनाकर मांग करते रहे है।

हालांकि अब सरकार में और एनडीए में शामिल उनके पुत्र रालोद नेता जयंत चौधरी इस मामले में चुप हैं लेकिन बालियान अगर इस मांग पर मुखर होते है तो जयंत अधिक समय तक चुप नहीं रह सकते क्योंकि बालियान को इस मुद्दे पर क्षेत्र के किसानों का खुलकर समर्थन मिल रहा है। दरअसल बात केवल पश्चिमी उप्र की नहीं, बल्कि उप्र के बंटवारे की है जिसे लेकर मोदी सरकार में 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले से सुगबुगाहट है। कहा जा रहा है कि उप्र को बुंदेलखंड, पूर्वांचल और पश्चिमी उप्र जैसे तीन राज्यों में बाँटा जाना है।

अंदरूनी सूत्रों के अनुसार संघ का भी इस मुद्दे पर केन्द्र को समर्थन प्राप्त है। कहा तो यह भी जा रहा है कि केन्द्र महाराष्ट्र को काटकर अलग विदर्भ राज्य की भी तैयारी में है। सरकार के अंदरूनी सूत्र बताते है कि सम्भवत लोकसभा के परिसीमन के पहले यानी 2026 में केन्द्र सरकार इसकी घोषणा भी कर सकती है। बहुजन समाज पार्टी 2012 में ही उप्र के विभाजन का प्रस्ताव विधानसभा से पारित कर केन्द्र को भेज चुकी है और सरकार उसी प्रस्ताव में थोड़ा बहुत फेरबदल कर ऐसा कर सकती है। कांग्रेस भी इस प्रस्ताव के समर्थन में खुलकर साथ दे सकती है क्योंकि अगर ऐसा होता है तो उसे सपा -बसपा जैसी पार्टियों के तेवरों से छुटकारा मिल सकता है। वजह छोटे -छोटे क्षेत्रों में बंटे उप्र के इन नए राज्यों में दो ही बड़े दल कांग्रेस और भाजपा अस्तित्व में दिखाई देंगे।

जैसे छत्तीसगढ़, तेलंगाना और उत्तराखंड जैसे राज्यों में हो रहा है। बहरहाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री बालियान के बाद किसान नेता नरेश टिकैत ने भी उप्र के विभाजन की मांग की है और इसे चार राज्यों में बाटने की बात की है। कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर उप्र को बांटने को लेकर जबरदस्त अभियान चला था। अब यह अभियान भी पुनः जोर पकड़ रहा है। बुंदेलखंड में भी पृथक राज्य बनाए जाने को लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं। इस मांग को लेकर आंदोलित संगठन रथयात्रा, रैलियां कर रहे हैं।

भाजपा नेता और बुंदेलखंड विकास बोर्ड के निवर्तमान उपाध्यक्ष राजा बुंदेला 12 अक्टूबर से बुंदेलखंड की पदयात्रा पर निकल रहे हैं तो पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत भी एकाएक बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर मुखर है। हमीरपुर से चुनाव हार गए तत्कालीन भाजपा सांसद तो लोकसभा में इसके लिए निजी प्रस्ताव तक ले आए थे पर समयाभाव में उस पर बहस नहीं हुई। पूर्वांचल में भी अलग राज्य की सुगबुगाहट है लेकिन उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसके समर्थन में नहीं है जिसके चलते यह मांग फिलहाल वहां जोर नहीं पकड़ पा रही। बहरहाल, इतना तय है कि इस मांग को अंदरूनी स्तर पर भाजपा की ओर से शह जरूर मिल रही है। हो सकता है भविष्य में उप्र के स्वरुप को लेकर केन्द्र सरकार कोई निर्णय ले भी ले तो आश्चर्य की बात नहीं।
प्रदेश में सड़कों के ढांचे को दुरुस्त करने को मुख्यमंत्री की पहल,10 अक्टूबर तक सभी सड़कें होंगीं गड्ढामुक्त


लखनऊ। बारिश से बदहाल हुई  प्रदेश की सड़कों के सुधार के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीर नज़रिया अपनाते हुए आगामी 10 अक्टूबर के पहले चुस्त दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं ताकि नागरिकों को चलने के लिए बेहतर सड़कें मिलें। सूत्रों के अनुसार प्रदेश में बुनियादी ढांचे को बढ़ाने और प्रदेश के लोगों को भलाई के लिए एक महत्वाकांक्षी कदम के रूप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़कों की गुणवत्ता, जन कल्याण और महिला सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक व्यापक योजना की रूपरेखा तैयार की है जिसके तहत सरकार प्रदेश के नागरिकों को हर संभव बेहतर यातायात का अनुभव देने के लिए कदम उठा रही है। इसी दिशा में योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए प्रदेश की सभी सड़कों को 10 अक्तूबर तक गड्डामुक्त करने का निर्देश दिया है।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रदेश की सभी सड़कों को बेहतर बनाया जाए ताकि उस पर चलने वाले यात्रियों को किसी भी तरह की कोई असुविधा ना हो। यही नहीं सीएम योगी इस निर्देश से सिर्फ खानापूर्ति नहीं करना चाहते हैं, उन्होंने स्पष्ट किया है कि कोई भी सड़क 5 साल से पहले खराब नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि सभी सड़कों को कम से कम 5 साल की गारंटी के साथ ठीक किया जाए और अगर कोई सड़क खराब होती है तो उसे त्वरित ठीक किया जाए। उन्होंने सभी नई सड़कों पर उनकी दीर्घायु सुनिश्चित करने के लिए पांच साल की गारंटी की आवश्यकता पर जोर दिया है और निर्देश दिया है कि निर्माणाधीन राजमार्गों पर टोल लागू नहीं किया जाना चाहिए।

सड़क निर्माण और रखरखाव में गुणवत्ता और जवाबदेही को बनाए रखने के लिए, मुख्यमंत्री ने सड़क निर्माण कार्यों की जियो-टैगिंग और पीएम गतिशक्ति पोर्टल के साथ उनके एकीकरण को अनिवार्य कर दिया है। वे मरम्मत में मैनुअल श्रम के बजाय मशीनीकरण के उपयोग की वकालत करते हैं और इन परियोजनाओं के लिए विस्तृत योजना और कुशल बजट आवंटन के महत्व को रेखांकित करते हैं। नियमित निरीक्षण के महत्व पर जोर देते हुए आदित्यनाथ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सभी निर्माण अनुबंधों में रखरखाव की ज़िम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाना चाहिए। आदित्यनाथ की दृष्टि सड़क निर्माण से आगे बढ़कर व्यापक बुनियादी ढांचे की जरूरतों और  कल्याण को संबोधित करने तक फैली हुई है। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री का लक्ष्य किसानों के लिए बाजारों में खाद्य पहुंच में सुधार करना है। साथ ही अवैध कॉलोनियों से बचने और नए विकास में बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए शहरी क्षेत्रों में सुरक्षा, स्वच्छता और स्मार्ट सड़कों के विकास की आवश्यकता पर भी मुख्यमंत्री जोर दे रहे हैं।
प्रदेश सरकार के लिये कारू का खजाना साबित हो रहा अयोध्या का राम मंदिर, वैष्णो देवी और शिरडी के बराबर पहुंची सालाना कमाई


लखनऊ। राम नगरी अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अभी तक तीन करोड़ भक्तों ने रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई है। रामलला के दरबार में हाजिरी लगाने पहुंच रहे भक्त रामलला को निधि समर्पण भी करते हैं, जिससे राम मंदिर निर्माण शुरू होने के कुछ ही वर्षों में राम मंदिर की सालाना कमाई देश के प्रतिष्ठित मंदिरों वैष्णोदवी, शिरडी साई मंदिर और स्वर्ण मंदिर के बराबर पहुंच गई है। भक्त रामलला को दिल खोलकर दान कर रहे हैं।बीते वित्तीय वर्ष में रामलला को 363 करोड़ का दान विभिन्न माध्यमों से प्राप्त हुआ है।

इस पर मिले ब्याज को मिलाकर मंदिर की सालाना आय 400 करोड़ पहुंच गई है। उल्लेखनीय है कि 9 नवंबर 2019 को रामलला के हक में निर्णय आने के बाद पांच अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर निर्माण के लिए आधारशिला रखी थी। जब से राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन शुरू हुआ उसी दिन से रामभक्तों ने निधि समर्पित करनी शुरू दी। पिछले पांच सालों में रामलला को विभिन्न माध्यमों से 55 अरब का दान प्राप्त हुआ। जबकि 13 क्विंटल चांदी और 20 किलो सोना भी मिला है। रामलला को ऑनलाइन, नगदी, चेक, आरटीजीएस के माध्यम से दान प्राप्त होता है। साथ ही विदेशी दान भी रामलला को प्राप्त होने लगा है। पिछले एक साल में लगभग 15 करोड़ का विदेशी दान भी रामलला को प्राप्त हुआ है।

राम मंदिर के ट्रस्टी डॉ़ अनिल मिश्र बताते हैं कि रामलला को भक्त राम जन्मभूमि सेवा केंद्र स्थित दान काउंटर पर दान अर्पित करते हैं। इसके अलावा दर्शन पथ पर दान काउंटर बने हैं। राम कचहरी स्थित मंदिर में स्थित ट्रस्ट कार्यालय पर दान लिए जाते हैं।मंदिर परिसर में रामलला के दान पात्र में भक्त चढ़ावा अर्पित करते हैं। इसके अलावा ऑनलाइन माध्यमों से भी भक्त श्रद्धा अर्पित करते हैं। राममंदिर में सभी सुविधाएं नि:शुल्क हैं। किसी भी सुविधा के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है।

उप्र उत्तराखंड एकोनॉमिक एसोसिएशन के अध्यक्ष व अयोध्या की अर्थव्यवस्था पर शोध कर रहे अवध विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर विनोद श्रीवास्तव के अनुसार देश के प्रमुख मंदिरों की सालाना आय की बात करें तो सबसे आगे आंध्र प्रदेश का तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर है। इस मंदिर की सालाना आय करीब 1600 करोड़ है। यह दान के अलावा भी आय के अन्य माध्यम हैं। इसके बाद केरल पद्मनाभस्वामी मंदिर की आय करीब 700 करोड़ सालाना है। फिलहाल राम मंदिर की सालाना आय कुछ ही वर्षों में वैष्णो देवी, शिरडी साई मंदिर के बराबर पहुंच गई है। जबकि दशकों पुराने अक्षरधाम, सोमनाथ व जगन्नाथ मंदिर कमाई में पीछे हो गए हैं।

यह है देश के टॉप टेन कमाऊ मंदिर
(आंकड़े करोड़ में )

* तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर आंध्रप्रदेश - 1450-1613

* पद्मनाभस्वामी मंदिर केरल- 650-700

* स्वर्ण मंदिर पंजाब - 500

* श्रीरामलला मंदिर, अयोध्या (उप्र)- 400 करोड़

* वैष्णो देवी मंदिर जम्मू-कश्मीर- 400

* शिरडी साई मंदिर महाराष्ट्र-400

* जगन्नाथ मंदिर पुरी, उड़ीसा-230-240

* श्री सिद्धि विनायक मंदिर महाराष्ट्र-100-150

* अक्षरधाम मंदिर नई दिल्ली -60-100

* सोमनाथ मंदिर गुजरात- 50-100
गोचर भूमि को कब्जा मुक्त कराने के लिए विशेष अभियान चलाएगी योगी सरकार

लखनऊ। योगी सरकार प्रदेश भर में गोचर भूमि को अवैध कब्जाधारियों से मुक्त कराने के लिए विशेष अभियान चलाने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी ने इसके लिए नोडल अधिकारियों को नियुक्त करने के निर्देश
दिये हैं। साथ ही अभियान की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराने के भी आदेश दिये हैं। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान लापरवाही बदार्शत नहीं की जाएगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोवंश को हरा चारा, भूसा और पौष्टिक पशुआहार उपलब्ध कराने के लिए फैसला लिया है। इसी क्रम में प्रदेश के 12 जिलों में 27 हजार से अधिक गोचर भूमि को शत प्रतिशत कब्जामुक्त किया जा चुका है।

अभियान की प्रतिदिन रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे नोडल अधिकारी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में एक उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों को गोचर भूमि को अवैध कब्जाधरियों से मुक्त कराने के निर्देश दिये हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप अभियान को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए नोडल अधिकारियों की सूची तैयार की जा रही है ताकि अभियान की प्रॉपर मानीटरिंग हो सके। वहीं नोडल अधिकारियों को प्रतिदिन अभियान की रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रदेश भर में गोचर भूमि की सूची तैयार की जा रही है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कितनी गोचर भूमि पर कब्जा है। इसी के अनुसार जिलावार अभियान चलाया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि समय-समय पर गोचर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जाता है। इसी क्रम में एक बार फिर वृहद स्तर पर अभियान चलाया जाएगा। योगी ने यह भी निर्देश दिये हैं कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में निराश्रित गोवंश का वास्तविक आंकलन करें और गो-आश्रय स्थलों में अतिरिक्त शेड का निर्माण करें। गोआश्रय स्थलों की साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था हो, कहीं पर भी कीचड़ और जल भराव की स्थिति उत्पन्न न हो। सभी आश्रय स्थलों में भूसा, हरा चारा, पानी आदि की समुचित व्यवस्था होनी चाहिये। मृत गोवंश को ससम्मान एवं ठीक विधि से दफनाने की व्यवस्था हो।

प्रदेश भर में 65 हजारहेक्टेयर से अधिक गोचर भूमि, 27 हजार से अधिक अब तक कब्जा मुक्त

राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश भर में राजस्व अभिलेखों के अनुसार 65,177 हेक्टेयर गोचर भूमि है। इनमें हरदोई में 4,599 हेक्टेयर, कानपुर नगर में 3,678 हेक्टेयर, रायबरेली में 3349 हेक्टेयर, लखनऊ में 3,077 हेक्टेयर, फतेहपुर में 2805 हेक्टेयर और अमेठी में 2,005 हेक्टेयर गोचर भूमि है। वहीं अब तक 27,688.75 हेक्टेयर गोचर भूमि कब्जामुक्त करायी जा चुकी है, जिसका प्रतिशत कुल गोचर भूमि का 42.48 प्रतिशत है। वहीं 37,488.25 हेक्टेयर गोचर भूमि को कब्जामुक्त कराने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
संगमनगरी में जल्द ही डिजिटल कुम्भ म्यूजियम बनाएगी योगी सरकार,डिजिटल कुम्भ म्यूजियम के लिए 21.38 करोड़ रुपए स्वीकृत, छह करोड़ की धनराशि जारी
लखनऊ/प्रयागराज। महाकुम्भ को दिव्य एवं भव्य बनाने के लिए योगी सरकार एक अहम पहल करने जा रही है। सीएम योगी के विजन के अनुसार, संगमनगरी में पर्यटन विभाग ’डिजिटल कुम्भ म्यूजियम’ बनाने की तैयारी में है। जहां श्रद्धालु डिजिटल माध्यमों से समुद्र मंथन देख सकेंगे। इसके अलावा, कुम्भ, महाकुम्भ सहित अन्य धार्मिक-आध्यात्मिक स्थलों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।

पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से विकास करने वाले के लिए महाकुम्भ अवसर और चुनौती दोनों है। ऐसे में, पर्यटन विभाग श्रद्धालुओं को विशिष्ट अनुभव देने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में प्रयागराज में शिवालय पार्क के पास, अरैल रोड नैनी में डिजिटल कुम्भ म्यूजियम बनेगा। इसके लिए 21.38 करोड़ रुपए स्वीकृत हुए हैं, जिसमें छह करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं। संग्रहालय का आकार 10,000 वर्ग मीटर होगा, जिसमें एक साथ 2000 से 2500 लोग भ्रमण कर सकेंगे। यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।

-समुद्र मंथन के 14 रत्नों की बनेगी गैलरी

सीएम योगी के विजन अनुसार, परियोजना के अंतर्गत डिजिटल म्यूजियम में समुद्र मंथन की 14 रत्नों वाली गैलरी बनाई जाएगी। जिसमें समुद्र मंथन के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। डिजिटल स्क्रीन सहित अन्य माध्यमों से प्रयागराज महाकुम्भ-कुम्भ, हरिद्वार, नासिक, उज्जैन कुम्भ आदि के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। इसके अलावा, लैंडस्केपिंग विकसित की जाएगी। टिकट काउंटर भी बनाया जाएगा।

-वन स्टॉप सॉल्यूशन की तरह कार्य करेगा चित्रकूट टूरिज्म ऐप

उत्तर प्रदेश में स्थित वह पावन तीर्थस्थल जहां मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के लगभग 11 वर्ष व्यतीत किए। अगर वहां आप घूमना चाहते हैं तो मोबाइल में चित्रकूट टूरिज्म ऐप इंस्टाल कीजिए। यहां दर्शनीय स्थलों का नाम, महत्व, दर्शन के समय समेत समग्र जानकारी मिल जाएगी। इतना ही नहीं आप कैसे पहुंचेंगे, कहां रुक सकते हैं यह सब ऐप बताएगा।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि पर्यटकों की सुविधा देखते हुए यह ऐप विकसित किया गया है। ऐप खोलते ही दर्शनीय स्थलों का नाम और वहां की डिटेल दिखेगी। जैसे रामघाट पर क्लिक करते ही भ्रमण का समय, स्थान का महत्व व इतिहास, तापमान, शहर से दूरी सहित अन्य जानकारी आ जाएगी। इसी तरह अन्य स्थलों की जानकारी भी उपलब्ध है। महाकुम्भ में विशेष स्नान की तिथियां, महत्व आदि के बारे सूचना दी गई है। इसके अलावा स्थानीय प्रसिद्ध खानपान, शापिंग आदि के बारे में बहुत ही गहरी जानकारी दी गई है। ऐप पर कनेक्टिविटी, ठहरने के स्थल समेत नजदीकी पेट्रोल पम्प व एटीएम का विवरण भी उपलब्ध होगा।
लोकतंत्र की मजबूती के लिए पत्रकारिता का सशक्त और ईमानदार होना आवश्यक है: सतीश महाना

लखनऊ।उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष श्री सतीश महाना जी से आज उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति की नवनिर्वाचित कमेटी ने शिष्टचार भेंट की। इस मौके पर संसदीय पत्रकारिता की बात करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह एक जिम्मेदार कार्य है, जिसमें पत्रकारों को महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहनता और निष्पक्षता के साथ लिखना चाहिए।

श्री महाना ने कहा कि पत्रकारों को हमेशा तथ्यों के आधार पर रिपोर्टिंग करनी चाहिए और बिना किसी पक्षपात के सटीक जानकारी जनता तक पहुंचानी चाहिए। संसदीय पत्रकारिता में एक छोटी सी गलती भी बड़ी गलतफहमी पैदा कर सकती है, इसलिए इस क्षेत्र में काम करते हुए पत्रकारों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए। श्री महाना ने जोर देते हुए कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए पत्रकारिता का सशक्त और ईमानदार होना आवश्यक है।

विधानसभा अध्यक्ष ने इस दौरान पत्रकारों के लिए की जा रही सुविधाओं के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यूपी विधानसभा में पत्रकारों के बैठने के लिए स्थित प्रेस रूम का भव्य सौंदर्यीकरण कराया जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य पत्रकारों को बेहतर कामकाजी माहौल उपलब्ध कराना है, ताकि वे अपने कार्य को और अधिक प्रभावी ढंग से कर सकें। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में पत्रकारों के लिए एक विशेष संसदीय कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा, जिसमें पत्रकारों को संसदीय विषयों पर गहन जानकारी और प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता समाज का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, और इस क्षेत्र में कार्यरत सभी पत्रकारों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने कार्य में उच्चतम मानदंडों का पालन करें।

श्री महाना कीे इस पहल की सराहना करते हुए संवाददाता समिति के अध्यक्ष श्री हेमंत तिवारी ने उनका आभार व्यक्त किया। श्री तिवारी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के सहयोग और नेतृत्व में पत्रकारों के लिए जो सुविधाएं और अवसर प्रदान किए जा रहे हैं, वे प्रशंसनीय हैं। उन्होंने पूरी निर्वाचन प्रक्रिया में सतीश महाना द्वारा दिए गए समर्थन की भी सराहना की और कहा कि इससे पत्रकारिता जगत को एक नई दिशा मिल रही है। श्री तिवारी ने आशा व्यक्त की कि विधानसभा में पत्रकारों के लिए किए जा रहे सुधार और संसदीय कार्यशाला के आयोजन से पत्रकारों को अपने कार्य को और बेहतर तरीके से करने में मदद मिलेगी।

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अंत में कहा कि उनका उद्देश्य पत्रकारों को ऐसे साधन और अवसर प्रदान करना है, जिससे वे अपनी जिम्मेदारियों को और अधिक प्रभावी ढंग से निभा सकें और समाज को सही दिशा में मार्गदर्शन कर सकें। उन्होंने पत्रकारों से यह अपेक्षा की कि वे पत्रकारिता के उच्च मानदंडों का पालन करते हुए निष्पक्ष और संतुलित रिपोर्टिंग करें, जिससे लोकतंत्र की जड़ें और मजबूत हो सकें।इस मौके पर समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी,उपाध्यक्ष आकाश शेखर शर्मा,अविनाश चंद्र मिश्रा, कोषाध्यक्ष आलोक कुमार त्रिपाठी एवं संयुक्त सचिव विजय कुमार त्रिपाठी,अनिल सैनी और कार्यकारिणी सदस्य- दिलीप सिन्हा,रितेश सिंह,अब्दुल वहीद,नावेद शिकोह,वेद प्रकाश दीक्षित,शबीहुल हसन,भूपेंद्र मणि त्रिपाठी,रेनू निगम,डॉ सुयश मिश्रा व सत्येंद्र राय मौजूद रहे।
भाजपा सरकार ने आरोपियों को दिया संरक्षण, पीड़ितों की आवाज दबाने का काम : अखिलेश यादव
लखनऊ। समाजवादी पार्टी  के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में अन्याय, अत्याचार चरम पर है। सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन निर्दोष लोगों को झूठे मामलों में फंसाती है और दोषियों को बचाने का काम किया जा रहा है। मामला हाथरस में दलित बेटी को जबरन दाह संस्कार का रहा हो या बीएचयू में गैंगरेप का मामला हो, इस सरकार में न्याय नहीं मिला। सरकार ने आरोपियों को संरक्षण दिया जबकि पीड़िता के पक्ष में न्याय के लिए आवाज उठाने वालों पर कार्रवाई हो रही है।

भाजपा सरकार वाराणसी आईआईटी, बीएचयू गैंगरेप का विरोध करने वाले 13 छात्र-छात्राओं का निलम्बन कर रही है। यह बेहद निंदनीय है। सरकार की शह पर विश्वविद्यालय की तानाशाही बेहद शर्मनाक है।

अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार अपराधियों को बचाने और न्याय के लिए आवाज उठाने वालों को प्रताड़ित कर क्या संदेष देना चाहती है। दरअसल सभी आरोपी भाजपा के कार्यकर्ता हैं, इसीलिए यह सरकार उन्हें बचाने के लिए हर हथकंडे अपनाती है।

प्रदेश में महिलाओं के साथ अपराध की घटनायें लगातार बढ़ती जा रही है। बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं है। इसके लिए पूरी तरह से भाजपा जिम्मेदार है। इसकी कथनी-करनी में जमीन आसमान का अन्तर है। इस सरकार में महिलाएं अन्याय की शिकार हो रही है। उनकी कहीं सुनवाई नहीं होती है। कई महिलाएं न्याय न मिलने के कारण लखनऊ में विधान भवन और मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना और आत्मदाह का प्रयास तक कर चुकी है।

अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार के दौरान महिला सुरक्षा के लिए कई काम हुए थे। 1090 सेवा शुरू की गई थी। जिससे कोई भी बहन-बेटी अपने साथ होने वाली किसी भी घटना की सूचना दे सकती थी, जिस पर पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करती थी। भाजपा सरकार ने पूरा सिस्टम बर्बाद कर दिया।

इससे पूर्व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शारदीय नवरात्र पर्व पर सभी को हार्दिक बधाई देते हुए उनके सुख समृद्धि की कामना की है। उन्होंने कहा कि नवरात्र मां दुर्गा की आराधना और शक्ति की उपासना का पर्व है। इसमें मां दुर्गा के नौ रूपों का ध्यान और पूजा की जाती है। व्रत के दिनों में आत्मशुद्धि के साथ लोकमंगल की भावना को भी बल मिलता है।
पटाख फैक्ट्री में धमाका, पांच मकान जमीनदोंज, महिला व उसके दो मासूम बेटों समेत पांच की मौत

लखनऊ । बरेली के सिरौली थाना क्षेत्र के कल्याणपुर गांव में आबादी के बीच चल रही अवैध पटाखा फैक्टरी में बुधवार शाम को जोरदार धमाका हो गया। इससे पांच घर जमींदोज हो गए। मलबे में दबने और झुलसने से महिला व उसके दो मासूम बेटों समेत पांच की मौत हो गई। इनमें से एक महिला की पहचान नहीं हो सकी है।

इसके अलावा हादसे में पांच लोग घायल भी हुए हैं। एक व्यक्ति अभी भी लापता है। आशंका जताई जा रही है कि वह भी मलबे में दबा हो सकता है। ऐसे में स्थानीय बचाव दलों के साथ राज्य आपदा बचाव दल (एसडीआरएफ) भी देर रात तक बचाव कार्य में जुटा रहा।एसएसपी अनुराग आर्य के मुताबिक सिरौली के मोहल्ला कौवा टोला निवासी दो भाई नाजिम और नासिर शाह कल्याणपुर के रहमान शाह के घर में बगैर लाइसेंस के पटाखा फैक्टरी चलवा रहे थे।

पटाखे बनाने के साथ ही यहां पर भंडारण भी किया जाता था। नासिर का भाई नाजिम रहमान का दामाद है। शाम करीब चार बजे अचानक पटाखों में तेज धमाका हो गया। इससे रहमान के घर समेत पड़ोसी मोहम्मद अहमद उर्फ पप्पू शाह, इसरार, रुखसार व बाबू शाह के घर भी जमींदोज हो गए। मलबे में दबने से रहमान के बेटे वाहिद की पत्नी तबस्सुम (44) व पड़ोसी रुखसार की पत्नी रुखसाना (28) की मौत हो गई। मलबे से एक अन्य अज्ञात महिला का शव मिला है।

ये शव मामूली रूप से झुलसे भी थे। इस बीच तबस्सुम के दो बेटे हसन (4) व शहजान (5) कहीं नजर नहीं आए तो परिजनों ने पुलिस को सूचना दी। इस पर जेसीबी के साथ ही बचाव दल तेजी से मलबा हटाने में जुट गए। देर रात हसन और शहजान के शव बरामद हुए। इधर, रहमान के दामाद नाजिम का अभी भी पता नहीं चल सका है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।धमाका इतना जोरदार था कि पांच मकान जमींदोज हो गए। इसके साथ ही आसपास के घरों और धर्मस्थलों की दीवारों में दरार आ गई। खिड़कियों में लगे शीशे टूटकर बिखर गए।

हादसे में जिस तबस्सुम की मौत हुई है, वह रहमान शाह की बहू है। वहीं उसके दो पौत्रों की भी मौत हो गई है। इसके अलावा खुद रहमान, उसकी पत्नी छोटी बेगम, विवाहित बेटी फातिमा पत्नी नाजिम व फातिमा की जेठानी सितारा पत्नी नासिर मलबे में दबकर गंभीर रूप से घायल हो गईं हैं।एक अन्य व्यक्ति भी घायल मिला है। सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उधर, एसपी यातायात मोहम्मद अकमल खान व सीओ मीरगंज गौरव सिंह समेत आसपास के कई थानों की पुलिस व तहसील प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में जुट गए। देर शाम एडीजी रमित शर्मा, आईजी डॉ. राकेश सिंह और एसएसपी अनुराग आर्य ने भी घटनास्थल का जायजा लिया।

लापरवाही में इन पर गिरी गाज

एसएसपी ने धमाके में लापरवाही मानते हुए दो माह पहले ही आए सिरौली इंस्पेक्टर रवि कुमार को लाइन हाजिर कर दिया है। कस्बा इंचार्ज देशराज सिंह, हल्का इंचार्ज दरोगा नाहर सिंह, बीट आरक्षी कस्बा अजय कुमार व बीट के मुख्य आरक्षी कल्याणपुर सुरेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया। एसएसपी ने बताया कि सीएफओ चंद्रमोहन शर्मा की भूमिका की भी जांच की जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बरेली में पटाखा फैक्ट्री में हुए हादसे का संज्ञान लेते हुए मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

उन्होंने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। 27 सितंबर से जिले में विस्फोटक लाइसेंस होल्डर्स का सत्यापन अभियान शुरू हुआ है। इस सूची में लाइसेंसधारक नासिर शाह का भी नाम था। आरोपियों ने विस्फोटक सामग्री ससुराल में छिपा दी थी। इसमें स्थानीय पुलिस की लापरवाही मानी जा रही है। हादसे में दो बच्चों समेत पांच की मौत हुई है।