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अमेरिकी रिपोर्ट ने भारत में अल्पसंख्यकों को खतरे में बताया, विदेश मंत्रालय ने कहा-पक्षपाती एजेंडा
#uscirf_india_minorities_rights_attack_report

अमेरिका में धार्मिक स्वतंत्रता के मुद्दे को लेकर भारत पर एक रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें भारत की सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। वरिष्ठ नीति विश्लेषक सेमा हसन ने लिखा है कि भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों पर हिंसक हमले होते हैं। धार्मिक अशांति फैलाने के लिए गलत जानकारी दी जाती है। इसके अलावा सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि रिपोर्ट में मुस्लिम, वक्फ संशोधन बिल गोहत्या विरोधी कानून की बात की गई है। इन सब के चलते आयोग ने देश को धार्मिक भेद-भाव वाले देशों के लिस्ट में नामित करने का आग्रह किया है। अमेरिकी सरकार के आयोग USCIRF (US Commission on International Religious Freedom) की ओर से 2 अक्टूबर को जारी रिपोर्ट में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA), समान नागरिक संहिता (UCC), राज्यों में धर्मांतरण का विरोध और गोहत्या विरोधी कानून का जिक्र किया गया है। साथ ही कहा गया है कि इन कानूनों का मकसद भारत में अल्पसंख्यकों को टारगेट करना और उन्हें मताधिकार से वंचित रखना है। रिपोर्ट में आगे लिखा है, भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति 2024 में लगातार बदतर होती जा रही है। खासकर देश में राष्ट्रीय चुनाव होने से पहले और तुरंत बाद के महीनों में। लोगों को मारा गया, पीटा गया और लिंचिंग की गई। धार्मिक नेताओं को मनमाने ढंग से गिरफ्तार किया गया। घरों और पूजा स्थलों को ध्वस्त कर दिया गया। ये घटनाएं धार्मिक स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन हैं। भारत सरकार धर्मांतरण विरोधी कानून, गोहत्या कानून और आतंकवाद विरोधी जैसे कानून लागू करके धार्मिक समुदायों का दमन कर रही है। अपनी सलाना रिपोर्ट में USCIRF ने अमेरिकी विदेश विभाग से ये आग्रह किया है कि वो भारत में धार्मिक स्तर पर हो रहे उल्लंघनों को ध्यान में रखते हुए उसे विशेष चिंता वाले देश के रूप में शामिल करें। भारत ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है। भारत ने इसे एक राजनीतिक एजेंडा वाला 'पक्षपाती संगठन' करार दिया। भारत ने इस रिपोर्ट को 'दुर्भावनापूर्ण' बताया। विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि यूएससीआईआरएफ को अपने समय का ज्यादा इस्तेमाल अमेरिका में मानवाधिकारों के मुद्दे से निपटने में करना चाहिए। बता दें कि, ये पहली बार नहीं है जब अमेरिकी आयोग ने भारत के खिलाफ धर्म संबंधित ऐसा रिपोर्ट जारा किया है। इससे पहले भी उन्होंने ऐसा किया था। लेकिन भारत और अमेरिका के बीच अच्छे संबंध होने की वजह से जो बाइडेन प्रशासन USCIRF द्वारा किए गए आग्रह को मानने से बचता रहा है।
नसरल्लाह के दामाद के बाद अब इजरायल ने उसके भाई को बनाया निशाना, बनने वाला था हिजबुल्ला का नया चीफ

#israel_kills_nasrallah_brother_hashem_saifuddin

इजराइल क के बाद एक अपने दुश्मनों को मौत की नींद सुला रहा है। इजराइल ने अब हिजबुल्ला को एक और बड़ा झटका दिया है। दरअसल इडराइली हमले में हिजबुल्ला के होने वाले नए चीफ हाशेम सैफेद्दीन को निशाना बनाने की खबर सामने आई है। इजराइली मीडिया ने यह दावा किया है।टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइली सेना ने गुरुवार को बेरूत में सैफिद्दीन को निशाना बनाकर हमला किया।

अलजजीरा के मुताबिक इजराइली सेना ने जमीन के नीचे बने बंकर पर 11 मिसाइलें दागीं। यहां पर हिजबुल्लाह के टॉप अधिकारी बैठक कर रहे थे। इसमें सैफिद्दीन के भी शामिल होने वाला था।सैफिद्दीन 1982 से ही हिजबुल्लाह से जुड़ा हुआ था। पिछले सप्ताह नसरल्लाह के मारे जाने के बाद उसके हिजबुल्लाह चीफ बनाए जाने की चर्चा थी। वह रिश्ते में नसरल्लाह का ममेरा भाई है।

सैफुद्दीन अमेरिकी नीति का आलोचक रहा है। सैफुद्दीन को अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा साल 2017 में आतंकवादी घोषित किया गया था। हाशेम सैफुद्दीन भी अपने भाई नसरल्लाह की तरह ही एक मौलवी है, जो खुद को पैगंबर मोहम्मद के वंशज होने का दावा करता है और इसके लिए वो काली पगड़ी पहनता था। वो आमतौर पर अपनी सभा में हिजबुल्लाह का उग्रवादी रुख मजबूती से सामने रखता दिखाई देता था। सैफुद्दीन ने हाल ही में एक कार्यक्रम में मौजूद था, जहां उसने फिलिस्तीनी लड़ाकों को कहा कि हमारी बंदूकें और हमारे रॉकेट आपके साथ हैं।

इससे पहले सीरिया की राजधानी दमिश्क के माजेह वेस्टर्न विला इलाके में इजराइली सेना के हमले में बुधवार को हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के दामाद हसन जाफर कासिर की मौत हो गई थी। इजरायल ने 27 सितंबर को हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को टारगेट करते हुए बेरूत में स्थित हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर बमों को बरसाया था। जिसमें की हिजबुल्लाह चीफ नसरल्लाह और उसकी बेटी की मौत हो गई।

बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ बंद हो अत्याचार', अमेरिका में उठी आवाज, आसमान में लहराया विशाल बैनर*
#usa_airline_banner_stop_violence_on_bangladesh_hindus_seen_over_new_york_sky बांग्लादेश में राजनीति और सत्ता में परिवर्तन के साथ ही अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं की सुरक्षा का मामला बेहद संवेदनशील हो उठा है।आँकड़ों की मानें तो शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद देश के 48 जिलों में हमले की 278 घटनाएँ हुई हैं।शेख़ हसीना सरकार के पतन और उनके देश से पलायन के बाद हिंदू समुदाय के लोग डर और आतंक के माहौल में दिन काट रहे हैं। इसको लेकर भारत भी कड़ी आपत्ति जता चुका है।वहीं, अब अमेरिका में रह रहे हिंदू समुदाय के लोगों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे नरसंहार को लेकर आवाज उठाई है। अमेरिका के न्यूयॉर्क में आज सुबह लोग आसमान में एक विशाल बैनर को देखा गया। इस बैनर में लिखा था कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बंद होनी चाहिए। यह विशाल बैनर हडसन नदी के ऊपर और विश्व प्रसिद्ध स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के ऊपर हवा में लहराते देखा गया।यह विशाल बैनर एक हवाई जहाज के पीछे बांधा गया था, जैसे ही हवाई जहाज न्यूयॉर्क के ऊपर से उड़ा तो आसमान में हिंदुओं पर अत्याचार का विशाल बैनर हवा में लहराता दिखाई दिया। बांग्लादेश मूल के हिंदू समुदाय के सितांशु गुहा ये बैनर लहराने वाले लोगों में शामिल हैं। सितांशु ने कहा कि लोगों में बांग्लादेशी हिंदुओं की मुश्किलों के प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से ऐसा किया गया था। 1971 में बांग्लेदाश बनने के बाद से ही वहां हिंदुओं के साथ नरसंहार शुरु हो गया। एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में लाखों हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया। बांग्लादेश की हिंदू आबादी 1971 में 20% से घटकर आज केवल 8.9% रह गई है। हिंसा, दरिद्रता, लिंचिंग, नाबालिग लड़कियों के अपहरण और जबरन नौकरी से इस्तीफा देने की घटनाएं सामने आई हैं। बांग्लादेश में 2 लाख से अधिक हिंदू प्रभावित हुए हैं। साथ ही संपत्ति जब्त की गई है, जो देश में रहने वाले 13 से 15 मिलियन हिंदुओं के लिए एक गंभीर अस्तित्वगत खतरा है।
बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ बंद हो अत्याचार', अमेरिका में उठी आवाज, आसमान में लहराया विशाल बैनर

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बांग्लादेश में राजनीति और सत्ता में परिवर्तन के साथ ही अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं की सुरक्षा का मामला बेहद संवेदनशील हो उठा है।आँकड़ों की मानें तो शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटने के बाद देश के 48 जिलों में हमले की 278 घटनाएँ हुई हैं।शेख़ हसीना सरकार के पतन और उनके देश से पलायन के बाद हिंदू समुदाय के लोग डर और आतंक के माहौल में दिन काट रहे हैं। इसको लेकर भारत भी कड़ी आपत्ति जता चुका है।वहीं, अब अमेरिका में रह रहे हिंदू समुदाय के लोगों ने बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे नरसंहार को लेकर आवाज उठाई है।

अमेरिका के न्यूयॉर्क में आज सुबह लोग आसमान में एक विशाल बैनर को देखा गया। इस बैनर में लिखा था कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा बंद होनी चाहिए। यह विशाल बैनर हडसन नदी के ऊपर और विश्व प्रसिद्ध स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के ऊपर हवा में लहराते देखा गया।यह विशाल बैनर एक हवाई जहाज के पीछे बांधा गया था, जैसे ही हवाई जहाज न्यूयॉर्क के ऊपर से उड़ा तो आसमान में हिंदुओं पर अत्याचार का विशाल बैनर हवा में लहराता दिखाई दिया।

बांग्लादेश मूल के हिंदू समुदाय के सितांशु गुहा ये बैनर लहराने वाले लोगों में शामिल हैं। सितांशु ने कहा कि लोगों में बांग्लादेशी हिंदुओं की मुश्किलों के प्रति जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से ऐसा किया गया था।

1971 में बांग्लेदाश बनने के बाद से ही वहां हिंदुओं के साथ नरसंहार शुरु हो गया। एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश में लाखों हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया। बांग्लादेश की हिंदू आबादी 1971 में 20% से घटकर आज केवल 8.9% रह गई है। हिंसा, दरिद्रता, लिंचिंग, नाबालिग लड़कियों के अपहरण और जबरन नौकरी से इस्तीफा देने की घटनाएं सामने आई हैं। बांग्लादेश में 2 लाख से अधिक हिंदू प्रभावित हुए हैं। साथ ही संपत्ति जब्त की गई है, जो देश में रहने वाले 13 से 15 मिलियन हिंदुओं के लिए एक गंभीर अस्तित्वगत खतरा है।

भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापार बंद नहीं किया’, अमेरिका में बोले पीयूष गोयल, आतंकवाद पर भी रखी बात*
#piyush_goyal_said_that_india_has_not_stopped_trade_with_pak *
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं। अमेरिका के दौरे पर गए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत और अमेरिका ने आपूर्ति श्रृंखलाओं को खुला रखने और दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण खनिजों से जुड़े एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं। भारत-अमेरिका संबंधों पर चर्चा के दौरान उन्होंने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर खुलकर बात की। भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के मकसद से वाशिंगटन पहुंचे पीयूष गोयल ने पाकिस्तान के मसले पर कहा, साल 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तब उन्होंने पाकिस्तान के साथ देश के रिश्ते सुधारने को लेकर हर संभव कदम उठाए थे। पीएम मोदी ने साल 2014, 2015 और 2016 में पड़ोसी मुल्क के साथ रिश्ते बेहतर करने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन अगर पाकिस्तान अपने यहां आतंकी गतिविधियां बंद नहीं करेगा। हमारे नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो यह स्वाभाविक है कि भारत उसका जमकर मुकाबला करेगा। हमने वही किया, चाहे वो सर्जिकल स्ट्राइक हो या एयर स्ट्राइक हो। पीयूष गोयल ने आगे कहा कि जहां तक व्यापार का सवाल है, भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापार बंद नहीं किया है। यह पाकिस्तान ही है जिसने भारत के साथ व्यापार बंद कर दिया है। भारत ने कभी भी किसी देश के साथ अपने रिश्ते ख़राब करने वाला कोई कदम नहीं उठाया है। हम कोई विस्तारवादी देश नहीं हैं। हमने हमेशा बातचीत, कूटनीति और दुनिया की समस्याओं का समाधान ढूंढने में विश्वास किया है और हम वैश्विक विकास के लिए संवाद और कूटनीति को अपने उपकरण के रूप में कायम रखने और हर संभव प्रयास करना जारी रखेंगे, अगर कोई आतंकवाद को बढ़ावा देगा तो उसे भारत के लोग बर्दाश्त नहीं करेंगे।
नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, माता का ये रूप है ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य*

आज आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है। नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा तप, शक्ति, त्याग ,सदाचार, संयम और वैराग्य में वृद्धि करती है और शत्रुओं का नाश करती है। नवरात्रि की पूजा में मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। मां दुर्गा की 9 शक्तियों के दूसरे स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी के दर्शन पूजन का विधान है। देवी ब्रह्मचारिणी का स्वरूप पूर्ण ज्योतिर्मय और अत्यंत भव्य रूप में होता है। देवी के दाहिने हाथ में जप की माला और बाएं हाथ में कमंडल लिए श्वेत वस्त्र में देवी विराजमान होती हैं। *मां ब्रह्मचारिणी की कथा* पौराणिक कथा के अनुसार पूर्वजन्म में मां ब्रह्मचारिणी ने हिमालय के घर पुत्री रूप में जन्म लिया था। भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त करने के लिए बहुत कठिन तपस्या की। इसीलिए इन्हें ब्रह्मचारिणी कहा गया। मां ब्रह्मचारिणी ने एक हजार वर्ष तक फल-फूल खाकर बिताए और सौ वर्षों तक केवल जमीन पर रहकर शाक पर निर्वाह किया। इसके बाद मां ने कठिन उपवास रखे और खुले आकाश के नीचे वर्षा और धूप को सहन करती रहीं. टूटे हुए बिल्व पत्र खाए और भगवान शंकर की आराधना करती रहीं। इससे भी जब भोले प्रसन्न नहीं हुए तो उन्होने सूखे बिल्व पत्र खाना भी छोड़ दिए और कई हजार वर्षों तक निर्जल और निराहार रह कर तपस्या करती रहीं। पत्तों को खाना छोड़ देने के कारण ही इनका नाम अपर्णा नाम पड़ गया। मां ब्रह्मचारणी कठिन तपस्या के कारण बहुत कमजोर हो हो गई। इस तपस्या को देख सभी देवता, ऋषि, सिद्धगण, मुनि सभी ने सरहाना की और मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद दिया। *मंगल ग्रह की अशुभता को दूर होती है* मां ब्रह्मचारणी की पूजा से मंगल ग्रह की अशुभता को दूर करने में मदद मिलती है। ऐसी मान्यता है कि मां ब्रह्मचारिणी मंगल ग्रह को नियंत्रित करती हैं। जिन लोगों की जन्म कुंडली में मंगल अशुभ है उन्हें मां ब्रह्मचारणी की पूजा करनी चाहिए।
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया की बढ़ीं मुश्किलें, ईडी ने दर्ज की नई शिकायत, मुडा मामले में सबूत नष्ट करने का आरोप

#mudascamcontroversydeepensnewcomplaintfiledagainstcm_siddaramaiah

मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री मूडा में कथित घोटाले को लेकर लगातार घिरते जा रहे हैं। अब उनके और अन्य लोगों के खिलाफ एक नई शिकायत दर्ज कराई गई है। मुडा मामले में सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगा है। मूडा मामले में सुबूतों को नष्ट करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री और उनके बेटे यतीन्द्रा के खिलाफ ईडी ने एक और शिकायत को दर्ज किया है।

प्रदीप कुमार नाम के एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने सिद्धारमैया एवं अन्य के खिलाफ सबूतों से छेड़छाड़ के लिए जांच और मामला दर्ज करने की मांग की।इस शिकायत में दावा किया गया है कि मुडा अधिकारियों की संलिप्तता से साइटों को पुनः प्राप्त करके साक्ष्य नष्ट कर दिए गए हैं। प्रदीप कुमार ने जांच का अनुरोध किया है और साक्ष्यों से छेड़छाड़ के लिए मामला दर्ज करने की मांग की है।

25 सितंबर को विशेष अदालत ने लोकायुक्त पुलिस को आदेश दिया था। इस आदेश के बाद 27 सितंबर को मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, उनकी पत्नी पार्वती बीएम सिद्धरमैया, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी एवं देवराजू सहित अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। ईडी ने भी मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के खिलाफ 14 भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताओं के मामले में मामला दर्ज किया है। वहीं पार्वती ने भूखंड लौटाने की पेशकश की तो एमयूडीए ने उनको आवंटित 14 भूखंडों को वापस ले लिया है।

कथित मुडा भूमि घोटाला क्या है?

मुडा शहरी विकास के दौरान अपनी जमीन खोने वाले लोगों के लिए एक योजना लेकर आई थी। 50:50 नाम की इस योजना में जमीन खोने वाले लोग विकसित भूमि के 50% के हकदार होते थे। यह योजना 2009 में पहली बार लागू की गई थी। जिसे 2020 में उस वक्त की भाजपा सरकार ने बंद कर दिया। सरकार द्वारा योजना को बंद करने के बाद भी मुडा ने 50:50 योजना के तहत जमीनों का अधिग्रहण और आवंटन जारी रखा। सारा विवाद इसी से जुड़ा है। आरोप है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को इसी के तहत लाभ पहुंचाया गया।

मुख्यमंत्री की पत्नी का 50:50 योजना से क्या संबंध?

आरोप है कि मुख्यमंत्री की पत्नी की 3 एकड़ और 16 गुंटा भूमि मुडा द्वारा अधिग्रहित की गई। इसके बदले में एक महंगे इलाके में 14 साइटें आवंटित की गईं। मैसूर के बाहरी इलाके में यह जमीन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती को उनके भाई मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2010 में उपहार स्वरूप दी थी। आरोप है कि मुडा ने इस जमीन का अधिग्रहण किए बिना ही देवनूर तृतीय चरण की योजना विकसित कर दी।

मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री की पार्वती ने आवेदन किया था, जिसके आधार पर, मुडा ने विजयनगर III और IV फेज में 14 साइटें आवंटित की गई थीं। यह आवंटन राज्य सरकार की 50:50 अनुपात योजना के तहत कुल 38,284 वर्ग फीट का था। जिन 14 साइटों का आवंटन मुख्यमंत्री की पत्नी के नाम पर हुआ उसी में घोटाले के आरोप लग रहे हैं।

इजरायली का एक और दुश्मन ढेर, एयर स्ट्राइक में हमास के प्रमुख रावी मुश्तहा की हुई मौत

#israeli_airstrikes_eliminate_senior_hamas_leader_rawhi_mushtaha_

इजरायली से ने अपने एक और दुश्मन का खात्मा कर दिया है।मिडिल ईस्ट में जारी गंभीर तनाव के बीच इजरायल एक-एक कर अपने दुश्मनों को ढेर कर रहा है।हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह को ठिकाने लगाने के बाद अब इजरायली सेना (आईडीएफ) ने हमास सरकार के प्रमुख रावी मुश्तहा के खात्मे का दावा किया है।आईडीएफ ने गुरुवार को रावी की मौत का ऐलान करते हुए कहा कि उसे कुछ महीने पहले हुए हवाई हमलों में मार दिया गया था। इजरायल ने ये दावा ईरान, फिलिस्तीन और लेबनान स्थित हिजबुल्लाह संग जारी जंग के बीच किया है।

गुरुवार को इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) और इजरायल सिक्योरिटीज अथॉरिटी (आईएसए) ने ऐलान किया कि उन्होंने तीन महीने पहले एक हवाई हमले में गाजा स्थित हमास सरकार के प्रमुख रावी मुश्तहा और उसके दो अन्य साथियों को मार गिराया है। इजरायली सेना ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है कि तीन महीने पहले गाजा में आईडीएफ और आईएसए के संयुक्त हमले में तीन हमास आतंकियों को मार गिराया था। इनमें गाजा में हमास सरकार के प्रमुख रावी मुश्तहा, हमास के राजनीतिक ब्यूरो और हमास की श्रम समिति में सुरक्षा विभाग संभालने वाला समेह अल-सिराज और हमास के सामान्य सुरक्षा तंत्र का कमांडर सामी औदेह शामिल हैं।

इजरायली सेना ने अपने बयान में कहा, 'रावी मुश्तहा ने याह्या सिनवार के साथ मिलकर हमास के सुरक्षा तंत्र की स्थापना की थी। रावी ने भी याह्या के साथ इजरायली जेल में सजा काटी थी। मुश्तहा ने गाजा पट्टी में युद्ध के दौरान हमास शासन पर नागरिक नियंत्रण बनाए रखा।

आईडीएफ ने करहा है कि उसकी वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने इन तीनों पर तब हमला किया थास जब वे उत्तरी गाजा में एक मजबूत अंडरग्राउंड बंकर में छिपे हुए थे। यह बंकर हमास कमांड और नियंत्रण केंद्र के रूप में काम कर रहा था। हमास के वरिष्ठ कमांडर इसके अंदर रह रहे थे। इसमें लंबे समय तक छिपे रहने के लिए हर तरह की सुख सुविधाएं थीं। इस बंकर का प्रबंधन हमास के सामान्य सुरक्षा तंत्र के वरिष्ठ सदस्यों द्वारा किया जाता था और यह मुश्तहा के नेतृत्व वाले हमास प्रमुखों के लिए एक ठिकाने के रूप में कार्य करता था।

इजरायली सेना ने कहा कि बंकर पर हमले और आतंकवादियों के खात्मे के बाद हमास ने इस वजह से मुश्तहा के मौत की पुष्टि नहीं कि क्योंकि उन्हें डर था कि इस खबर से आतंकवादी गुर्गों के मनोबल और कामकाज पर असर पड़ेगा।

भारत ने खारिज किया जापान का प्रस्ताव, 'एशियाई नाटो' पर असहमति की क्या है वजह?

# japan_pm_shigeru_ishiba_call_for_asian_nato_india_rejects_the_proposal

जापान के प्रधानमंत्री शिगेरू इशिबा ने एशिया में नाटो जैसा एक सैन्य गुट बनाने का प्रस्ताव रखा था। इसे लेकर भारत ने अपना रुख साफ कर दिया है। भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि जापानी पीएम की ओर से 'एशियाई नाटो' के दृष्टिकोण से भारत सहमत नहीं है। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि जापान की सैन्य गठबंधनों की सोच से अलग, भारत अपने सहयोगियों के साथ स्वतंत्र रूप से काम करता है। उन्होंने कहा कि भारत के पास एक अलग इतिहास और सुरक्षा को लेकर अलग नजरिया है।

अमेरिका के वॉशिंगटन में ‘कार्नेगी एंडॉमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस' में एक कार्यक्रम के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत जापान की तरह सैन्य गठबंधनों पर निर्भर नहीं है और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए उसकी अपनी अलग रणनीति है। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, हम वैसे किसी रणनीतिक ढांचे के बारे में नहीं सोच रहे हैं। इशिबा के प्रस्ताव पर एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि भारत कभी भी किसी अन्य देश का औपचारिक सैन्य सहयोगी नहीं रहा है और यही स्थिति बनी रहेगी।

इससे पहले इशिबा ने कहा था कि वह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद से अपने देश के सामने आए सबसे गंभीर सुरक्षा खतरों का मुकाबला करने के लिए मित्र देशों के साथ गहरे संबंध बनाने की कोशिश करेंगे। उन्होंने एशियाई नाटो के निर्माण, अमेरिकी धरती पर जापानी सैनिकों को तैनात करने और यहां तक कि जापान के परमाणु-सशस्त्र पड़ोसियों, चीन, रूस और उत्तर कोरिया के खिलाफ निवारक के रूप में वॉशिंगटन के परमाणु हथियारों पर साझा नियंत्रण के लिए आह्वान किया है। इशिबा का तर्क है कि ये परिवर्तन चीन को एशिया में सैन्य बल का प्रयोग करने से रोकेंगे।

बता दें कि अमेरिका पहले ही एशियाई नाटो के विचार को खारिज कर चुका है। अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेल सुलिवन ने पिछले साल कहा था कि अमेरिका इंडो-पैसिफिक में नाटो बनाने पर विचार नहीं कर रहा है। इस महीने पूर्वी एशिया और प्रशांत के लिए अमेरिकी सहायक सचिव डैनियल क्रिटेनब्रिंक ने कहा कि ऐसी बात करना बहुत जल्दी होगी।

हरियाणा चुनाव: वोटिंग से दो दिन पहले सोनिया गांधी से मिलने पहुंची कुमारी सैलजा, क्या है मुलाकात की वजह
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हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। इससे पहले आज गुरुवार शाम को विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार थम जाएगा। प्रचार थमने से पहले सांसद कुमारी सैलजा ने सोनिया गांधी से मुलाकात की है। दरअसल, कुमारी सैलजा सोनिया गांधी से मिलने के लिए 10 जनपथ पहुंचीं और दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। मतदान से पहले कुमारी सैलजा का सोनिया गांधी से मिलना महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सोनिया गांधी से मुकालात करने के बाद कुमारी सैलजा ने किसी से बात नहीं की। वो मीडिया से बात किए बगैर कार में वहां से निकल गईं। दोनों नेताओं की मुलाकात ने हरियाणा की राजनीति में हलचल मचा दी है। सैलजा और सोनिया की मुलाकात ऐसे समय हुई जब प्रदेश कांग्रेस में खटपट मची हुई है। प् हरियाणा कांग्रेस में गुटबाजी किसी से छिपी हुई नहीं है। कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा की नजर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर है। ऐसे में गुटबाजी से ही बचने के लिए कांग्रेस ने राज्य में किसी को सीएम का चेहरा नहीं बनाया।कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक रैली में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सांसद कुमारी सैलजा का अपने हाथों से हाथ मिलवाया। इस दौरान राहुल गांधी हरियाणा की जनता को संदेश देना चाहते थे कि हरियाणा कांग्रेस में किसी भी प्रकार की कोई गुटबाजी नहीं है और कांग्रेस के सभी नेता मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। बता दें कि कुमारी सैलजा टिकट बंटवारे के बाद से पार्टी से नाराज चल रही थी। क्योंकि उनके गुट की टिकट बंटवारे में नहीं चली। सैलजा ने जिन नामों का ऐलान पब्लिक में किया था, उसे भी टिकट नहीं मिला। सैलजा बाबरिया के उन बयानों से नाराज थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि सांसद विधायकी का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। सैलजा का कहना था कि हाईकमान को ही फैसला करने का हक है। सैलजा हुड्डा गुट के कार्यकर्ताओं द्वारा की गई उनपर टिप्पणियों से भी नाराज थी।