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9 एकड़ के तालाब से 50 एकड़ खेत की सिंचाई, धमतरी के कन्हारपुरी में प्रदेश का सबसे बड़ा अमृत सरोवर

रायपुर-   कभी सूखे की समस्या की ओर बढ़ते धमतरी जिले में अब प्रदेश का सबसे बड़ा अमृत सरोवर बन चुका है, जो बारह महीने लबालब नजर आ रहा है। जिले के ग्राम कन्हारपुरी में निर्मित किए गए अमृत सरोवर को छत्तीसगढ़ प्रदेश का सबसे बड़ा अमृत सरोवर होने का गौरव प्राप्त हुआ है। इस अमृत सरोवर (तालाब) को लेकर खास बात यह है कि जितनी लागत इस सरोवर बनाने में आयी, उससे अधिक आय पंचायत को हो गई। केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जल शक्ति मंत्रालय की स्थापना के बाद जल संरक्षण और संवर्धन को लेकर की जाने वाली कवायद की कड़ी में प्रशासन की पहल पर संसाधनों के बेहतर उपयोग से संभव हो पाया है। एक काम, दो काज की कहावत को चरितार्थ करते हुए यहाँ काम किया गया है। कन्हारपुरी में 9 एकड़ के क्षेत्रफल में बनकर तैयार हुए तालाब से जहाँ गाँव वालों की निस्तारी की समस्या का समाधान हुआ है तो दूसरी ओर लबालब रहने वाले इस अमृत सरोवर का पानी गाँव के 50 एकड़ की कृषि भूमि को सिंचित कर रहा है। इस तालाब की मिट्टी और मुरूम रेलवे पटरी बिछाने के लिए भी आधार बनी है।

उल्लेखनीय है कि दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रायपुर से धमतरी के बीच ब्राडगेज रेलवेलाइन बिछाने का कार्य कर रहा है। इसके लिए रेलवे को मिट्टी और मुरूम की जरूरत थी। यह बात जिला प्रशासन तक पहुँची तो उन्होंने धमतरी जिले के कुरुद ब्लॉक अंतर्गत कन्हारपुरी से ही मिट्टी और मुरूम उपलब्ध कराने की पहल की। गाँव के मुरा तालाब में उस वक्त मनेरगा के तहत तालाब गहरीकरण का कार्य प्रस्तावित था। इस गहरीकरण कार्य के लिए 9 लाख 31 हजार का बजट रखा गया था। जिला प्रशासन ने रेलवे बोर्ड और कन्हारपुरी के पंचायत प्रतिनिधियों के बीच मध्यस्ता कर मुरा तालाब से ही रेलवे लाइन बिछाने के लिए आवश्यतानुसार मिट्टी और मुरूम निकालने का एग्रीमेंट कराया। पहले 6 एकड़ तक सिमटे तालाब का क्षेत्रफल बढ़कर 9 एकड़ तक हो गया। वहीं गहरीकरण के पूर्व कन्हारपुरी के मुरा तालाब की जलधारण क्षमता 32 हजार 400 घनमीटर थी, जो अब 57 हजार 800 घनमीटर हो चुकी है। पहले गहराई लगभग 10 फीट थी, वह अब 15 फीट है। बताते हैं कि गहरीकरण से भू-जल स्त्रोत के अन्य बंद पोर भी खुल गए तो लगातार अब भूमिगत जल भी तालाब को भरने लगा है।

मिट्टी के बदले रेलवे देगा 12 लाख :

कन्हारपुरी से रेलवे लाइन के लिए मिट्टी और मुरूम निकालने के बदले में रेलवे बोर्ड ने एग्रीमेंट के तहत पंचायत को रायल्टी के रूप में करीब 12 लाख 20 हजार रुपये देगा। जिस राशि को पंचायत गाँव के अन्य विकास कार्य में लगाएगी।

जिले में 121 अमृत सरोवर पूर्ण, 19 का काम जारी :

धमतरी जिल में मौजूद तालाबों को अमृत सरोवर का स्वरूप दिया जा रहा है, जहाँ गहरीकरण कर जलधारण क्षमता बढ़ाई जा रही है। वहीं आवश्यकता के आधार पर 8 नए अमृत सरोवर भी बनाए जा रहे हैं। इस तरह जिले में कुल 121 अमृत सरोवर प्रस्तावित किए गए हैं, जिनमें से 102 अमृत सरोवर में कार्य पूर्ण हो चुका है, वहीं 19 अमृत सरोवर पर काम जारी है। धमतरी जिले में अमृत सरोवर को ब्लॉक आधार पर देखें तो धमतरी ब्लॉक में 25, कुरुद ब्लॉक में 38, मगरलोड ब्लॉक में 29 एवं नगरी ब्लॉक में 29 अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं।

108 अमृत सरोवर के जल से रुद्राभिषेक :

धमतरी के रविशंकर जलाशय तट पर आगामी 5 व 6 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय जल सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसे जल-जगार महा-उत्सव का नाम दिया गया है। इस दौरान होने वाले अनेक भव्य कार्यक्रमों में रुद्राभिषेक का आयोजन भी शामिल है। इस जल रुद्राभिषेक में 108 अमृत सरोवरों के जल से रुद्राभिषेक किया जाएगा।

बस्तर दशहरा पर्व पर सभी प्रमुख चिन्हांकित स्थलों पर चिकित्सा व्यवस्थापन के संबंध में निर्देश जारी

रायपुर-   माह अक्टूबर में बस्तर दशहरा पर्व आरंभ हो रहा है। बस्तर दशहरा पर्व में प्रमुख चिन्हांकित स्थलों पर परंपरागत विधि से धूम-धाम से मनाया जाता है। ऐसे अवसर पर प्रदेश, देश में विदेशों से भी आमजन और सैलानियों का आगमन होता है, जिससे दुर्घटनाएं होने की संभावनाएं रहती है।

आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ द्वारा बस्तर दशहरा के दौरान संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं बस्तर संभाग एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) बस्तर दंतेवाड़ा तथा सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक बस्तर दंतेवाड़ा को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।

जारी पत्र में कहा गया है कि बस्तर दशहरा एवं प्रमुख चिन्हांकित स्थलों पर जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर समुचित चिकित्सक एवं अन्य स्टॉफ, पर्याप्त औषधियां, 24 घंटे एम्बुलेंस सेवा तथा प्रचार-प्रसार की सामग्री सहित अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था, साथ ही रथयात्रा पर्व में एक चलित चिकित्सा इकाई का संचालन अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य सेवाओं के सुचारू संचालन एवं व्यवस्थापन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

IAS डॉक्टर रोहित यादव ने मंत्रालय में की जॉइनिंग

रायपुर-  IAS डॉक्टर रोहित यादव ने आज मंत्रालय में अपनी जॉइनिंग दे दी है. वे 2018 से केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर थे, जिसकी अवधि समाप्त होने के बाद दो महीने पहले केंद्र सरकार ने उन्हें रिलीव किया था, जिसके बाद वे कुछ समय के लिए अवकाश पर थे.

इससे पहले, आईएएस अधिकारी अमित कटारिया और रजत कुमार भी अपनी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर छत्तीसगढ़ लौट चुके हैं. फिलहाल, IAS अमित कटारिया अवकाश पर हैं. वहीं सीनियर आईएएस सुबोध सिंह की भी जल्द ही छत्तीसगढ़ लौटने की संभावना है.

राडा की नई कार्यकारणी का गठन, रविंद्र भसीन बनाए गए अध्यक्ष, विवेक अग्रवाल को सचिव की जिम्मेदारी

रायपुर-  रायपुर आटो मोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (राडा) की नई कार्यकारणी का गठन किया गया। इसके लिए राडा की वार्षिक आमसभा एक निजी होटल में हुई। इसमें मुख्य अतिथि एफएडीए (फाडा) के अध्यक्ष सीएस विगनेश्वेर और विशेष अतिथि छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष अमर परवानी, एफएडीए (फाडा) के पूर्व अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया और सीईओ सहर्ष दमानी उपस्थित थे। कार्यक्रम में राडा सदस्य और प्रदेश के 75 से अधिक ऑटोमोबाइल सदस्य उपस्थित हुए। राडा की नई कार्यकारिणी में दो साल के लिए अध्यक्ष रविंद्र भसीन और सचिव विवेक अग्रवाल को चुना गया।

कार्यक्रम में अध्यक्ष विवेक गर्ग, उपाध्यक्ष रविन्द्र भसीन, सचिव कैलाश खेमानी ने आटोमोबाइल व्यवसायी व अतिथियों का अभिवादन किया। सचिव कैलाश खेमानी ने चलचित्र के माध्यम से राडा के दो वर्षो में किए कार्यो को दिखाया। इसके बाद अपने कार्यकाल का लेखाजोखा प्रस्तुत किया और आगे के वर्ष के प्रावधान से अवगत कराया।

कार्यक्रम में नए कार्यकारणी का गठन किया गया, जिसमें अध्यक्ष रविन्द्र भसीन और उपाध्यक्ष कैलाश खेमानी, सचिव विवेक अग्रवाल और कोषाध्यक्ष मुकेश सिंघानिया को सर्वसम्मति से अगले दो वर्षो के लिए चुना गया।

नए राडा अध्यक्ष रविन्द्र भसीन ने कहा कि जिस तरह आप सभी का स्नेह व साथ मुझे मिला है, जिसका मैं बहुत आभारी हूं। राडा के बोर्ड के सदस्यों के मार्गदर्शन से हमारा हर काम आसान होता आया है और मुझ पर जो जवाबदारी दी गई है उनको पूरी मैं अपनी पूरी निष्ठा के साथ करने की कोशिश करूंगा। आज जो पदाधिकारियों का गठन हुआ है हम सब कंधा से कंधा मिलकर अपने राडा परिवार को और नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करते रहेंगे।

समस्याओं के समाधान के बजाय प्रयास आवासीय विद्यालय के छात्रों को मिलती है धमकी, विरोध में विधानसभा घेराव करने निकले छात्र
रायपुर-  राजधानी के सड्डू स्थित प्रयास आवासीय विद्यालय के 10वीं कक्षा के छात्रों ने अपनी समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर विधानसभा का घेराव करने सड़कों पर उतर आए. सभी ने रायपुर के प्रयास आवासीय विद्यालय के प्रशासकीय अधिकारी मंजुला तिवारी और प्रिंसिपल प्रमिला शुक्ला पर डराने-धमकाने और अभद्र व्यवहार करने के गंभीर आरोप लगाए.
प्रयास विद्यालय में अध्ययनरत छात्रों ने बताया कि प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारियों के लिये चौखभ इंस्टिट्यूट चलाया जाता है. बच्चों ने JEE की तैयारी के लिए प्रयास विद्यालय में एडमिशन लिया था, लेकिन छात्रों को न तो किताबें, परीक्षा की तैयारी के लिए मटेरियल न ही सही पढ़ाई कराई जाती है. जिससे पिछले कुछ सालों में प्रयास से JEE क्वालीफाई करने वाले विद्यार्थियों की संख्या कम हुई है.
स्कूल में स्मार्ट क्लास के लिए प्रोजेक्टर्स महज दिखावे के लिए लगाए गए हैं. इनमें से अधिकांश काम नहीं करते. 350 छात्रों के लिए हॉस्टल में 12 बाथरूम और टॉयलेट्स का निर्माण हुआ है लेकिन इनमें से सिर्फ तीन ही उपयोग करने लायक है. टूटे नल, सीवेज सिस्टम, बारिश में पानी टपकने, टूटे दरवाजे और लाइट्स से संबधित कई समस्या है. जिनकी शिकायत छात्रों ने दर्जनों आवेदन में किया है. हॉस्टल में डॉक्टर भी ऐसा उपलब्ध कराया गया है जो सही से स्वास्थ्य की जांच नहीं करते और हर समस्या पर पैरासिटमोल देकर भेज देते हैं. बच्चों ने कहा यदि कोई छात्र की तबीयत गंभीर हो जाये तो ऐसे समय में सही इलाज मिलना भी मुश्किल है.
छात्रों ने ये भी आरोप लगाया कि साल में दो-तीन बार निरीक्षण पर आए अधिकारियों को बाहर से ही चाय पिलाकर भेज दिया जाता है, जिससे स्कूल और हॉस्टल की स्थिति ही अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाती है.
आवेदन देने पर समाधान नहीं, मिलती है धमकी
छात्रों ने स्कूल प्रबंधन के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि जब अपनी समस्याओं के साथ पहुंचते हैं तो लिखित में शिकायत मांगी जाती है. जब लिखित में शिकायत की जाती है तब उन आवेदनों को किनारे कर दिया जाता है. इसे लेकर प्रयास के विद्यार्थियों ने प्रिंसिपल ऑफिस का घेराव भी कर चुके हैं. लेकिन शिकायत करने पर अधिकारी बच्चों को ट्रांसफर करने की धमकी देते है.
छात्रों ने ज्ञापन लेने पहुंचे सहायक आयुक्त से ही पूछे सवाल
छात्रों द्वारा लिखे मांग और शिकायत पत्र लेने पहुंचे अधिकारियों में से सहायक आयुक्त विजय सिंह कंवर छात्रों के सवालों के घेरे में आ गए. दरअसल, निरीक्षण करने वाले अधिकारियों में से विजय सिंह कंवर भी रहे, जिनसे छात्रों ने सवाल उठाए कि हमारी समस्या जानने आप हमसे न मिलकर अधिकारियों के साथ चाय पी कर ही चले जाते हैं और हमसे मिलने की कोशिश भी नहीं करते. बच्चों ने पूछा कि बिना हमसे फीडबैक लिए हॉस्टल और स्कूल की स्थिति कैसे जान पाते हैं. इस पर अधिकारी ने छुट्टी के बाद निरीक्षण पर आने की बात कहने लगे और बच्चों से अब उनकी सारी समस्याओं के समाधान करने का आश्वासन देने लगे.
छात्रों ने आदिम जाति विकास विभाग के सचिव के नाम अपनी समस्याओं और मांग के लिए ज्ञापन भी सौंपा. ज्ञापन में छात्रों ने इन विषयों की रखी मांग-
- स्कूल के प्रशासकीय अधिकारी और प्रिंसिपल को तत्काल हटाया जाय
- स्कूल में संचालित चौखभ इंस्टिट्यूट के री- टेंडर को रोका जाये
- स्कूल की व्यवस्था को तत्काल दुरुस्त किया जाये
- स्कूल में एक्सपेरिएंस्ड डॉक्टर को तत्काल नियुक्त किया जाए
- लैब्स, लाइब्रेरी और अन्य स्टडी मटेरियल आवश्यकता अनुरूप सही समय पर उपलब्ध हो
- मैथ्स के निकाले गए टीचर को तत्काल वापस लाया जाये
जॉइंट कमेटी बनाकर की जाएगी जांच
प्रयास आवासीय स्कूल के छात्रों का ज्ञापन लेने पहुंचे आदिम जाति विकास विभाग के सहायक आयुक्त ने बताया कि जांच के लिए कमेटी बनाई जा रही है. आज ऑर्डर जारी कर जांच टीम बनाई जाएगी, जिसमें क्लास वन के अधिकारी रहेंगे. जांच के आधार पर बच्चों की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई होगी.
शारदीय नवरात्रि में प्रमुख चिन्हांकित स्थानों पर चिकित्सा शिविर के संबंध में आयुक्त स्वास्थ्य द्वारा दिशा-निर्देश जारी

रायपुर-     शारदीय नवरात्रि के दौरान प्रदेश के प्रमुख चिन्हांकित स्थलों पर चिकित्सा शिविर लगाए जाने के संबंध में आयुक्त सह संचालक स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदेश के सभी संभागीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं एवं समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) तथा सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं।

आयुक्त स्वास्थ्य द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि तीन अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि का पर्व आरंभ हो रहा है। प्रदेश में नवरात्रि के पर्व में आमजनों द्वारा पंचमी से लेकर दशहरा तक आवागमन होता है। अतः ऐसे भीड़-भाड़ वाले स्थानों का चिन्हांकन करते हुए जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर विकासखण्ड स्तर पर चिकित्सा शिविर का आयोजन करें तथा सभी प्रमुख चिन्हांकित स्थलों में समुचित चिकित्सा एवं अन्य स्टॉफ पर्याप्त औषधियां 24 घंटे एम्बुलेंस तथा प्रचार-प्रसार की सामग्री सहित अन्य आवश्यक सामग्री की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।

साय सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार की दो योजनाओं का बदला नाम, राजीव गांधी की जगह दीनदयाल उपाध्याय को दिया स्थान

रायपुर-  छत्तीसगढ़ सरकार ने पूर्ववर्ती भूपेश सरकार में चल रही दो योजनाओं का नाम बदल दिया है. ये योजनाएं नगरीय प्रशासन विभाग से जुड़ी हुई हैं. अब राजीव गांधी स्वावलंबन योजना का नाम पं. दीनदयाल उपाध्याय स्वावलंबन योजना और राजीव गांधी आजीविका केंद्र योजना का नाम पं. दीनदयाल उपाध्याय आजीविका केंद्र योजना रखा गया है.

यह आदेश नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संयुक्त सचिव द्वारा जारी किया गया है. 18 सितंबर को जारी किए गए इस आदेश के तहत सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के नाम से चल रही योजनाओं के नाम में यह बदलाव किया है.

गौरतलब है कि 2018 में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद लगभग आधा दर्जन योजनाओं के नाम बदले गए थे. जिसके बाद अब साय सरकार ने दो योजनाओं के नाम में बदलाव किया है.

शराब घोटाला: हाई कोर्ट ने खारिज की त्रिपाठी और ढिल्लन की जमानत याचिका…

बिलासपुर-    हाई कोर्ट ने शराब घोटाला मामले में आरोपी अरुणपति त्रिपाठी और त्रिलोक सिंह ढिल्लन की ज़मानत याचिका को खारिज कर दिया है. आरोपियों ने ईओडब्लू के द्वारा शराब घोटाला मामले में दर्ज एफआइआर को लेकर जमानत याचिका दायर थी, जिस पर जस्टिस अरविंद वर्मा की कोर्ट में सुनवाई हुई, दोनों पक्षों को सुनने के बाद बीते माह हाई कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिस पर ऑर्डर जारी किया गया है. 

दरअसल, ईडी ने शराब घोटाले मामले में मई 2023 में आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और शराब वितरण कंपनी सीएसएमसीएल के पूर्व एमडी अरुण पति त्रिपाठी को गिरफ्तार किया था. पूछताछ कर ईडी की विशेष अदालत ने जेल भेज दिया था. उन्होंने विशेष अदालत में जमानत अर्जी लगाई, जहां अर्जी खारिज होने पर हाईकोर्ट में जमानत अर्जी लगाई. हाईकोर्ट ने पहली बार जमानत खारिज कर दिया, लेकिन दूसरी बार में बेल दे दिया था.

इसी दौरान EOW ने शराब घोटाले और नकली होलोग्राम पर केस दर्ज कर जांच शुरू की, जिसके तहत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई. EOW की गिरफ्तारी के बाद एपी त्रिपाठी और कारोबारी त्रिलोक ढिल्लन ने हाईकोर्ट में अलग अलग जमानत अर्जी लगाई. याचिकाकर्ताओं ने ईडी और एसीबी की कार्रवाई को झूठा बताते हुए कहा, कि इस केस में उन्हें पहले से बेल मिल गई है. अब उसी केस पर EOW ने दूसरी FIR किया है, जो अवैधानिक है.

मामले में सुनवाई के दौरान ज़मानत याचिका का विरोध करते हुए कोर्ट में तर्क दिया गया था, कि यह गंभीर आर्थिक अपराध है, राज्य के साथ सीधा छल है. सरकारी रेवेन्यू सरकार के ख़ज़ाने में जमा होने के बजाय सिंडिकेट की जेब में गया, यह एक संगठित अपराध गिरोह है.

हाईकोर्ट में फर्जी ओआईसी का मामला: जल संसाधन विभाग के 2 अधिकारी फंसे, महाधिवक्ता ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र
बिलासपुर-  हाईकोर्ट में एक गंभीर मामला सामने आया है, जहां एक अधिकारी ने अपनी जगह दूसरे व्यक्ति को ओआईसी (प्रभारी अधिकारी) बनाकर जवाब प्रस्तुत करने भेज दिया. महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने इस पर नाराजगी जताते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है.

दरअसल, हाईकोर्ट की नोटिस के बाद महाधिवक्ता कार्यालय ने जल संसाधन विभाग के ओआईसी को जवाब फाइल कराने बुलाया था. अतिरिक्त महाधिवक्ता ने जब जरूरी दस्तावेजों के संबंध में जानकारी मांगी, तो यह गड़बड़ी सामने आई. इससे नाराज महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर दोनों अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने कहा है. साथ ही एजी आफिस में जवाब दावा बनवाने के लिए अब शासन द्वारा नियुक्त ओआईसी को ही भेजने को कहा है.

बता दें कि सुरेश कुमार पांडे, ईई जल संसाधन विभाग, तांदुला डिवीजन, दुर्ग को राज्य शासन ने हाईकोर्ट के विभाग संबन्धी मामलों में प्रभारी अधिकारी के रूप में कार्य करने के लिए अधिकृत किया. 25 जनवरी 2024 को संबंधित प्रभारी अधिकारी को फ़ाइल आवंटित की गई थी और उसके बाद, 25 सितंबर 2024 को जवाब-दावा तैयार किया गया था. 26 सितंबर 2024 को प्रदीप कुमार वासनिक, ईई, डब्ल्यूआरडी, कोरबा सुरेश कुमार पांडे बनकर जवाब-दावा बनवाने महाधिवक्ता कार्यालय पहुंचे. महाधिवक्ता कार्यालय के लॉ अफसरों ने ओआईसी सुरेश पांडेय समझकर फाइल प्रदीप वासनिक के हवाले कर दी. कोर्ट के लिए जवाब तैयार करने के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता ने जब जरूरी दस्तावेजों और शासन के दिशा निर्देशों के बारे में पूछा तो प्रदीप वासनिक जवाब नहीं दे सके. आखिरकार उन्होंने स्वीकार किया कि वे जवाब फाइल कराने के लिए सुरेश कुमार पांडेय बनकर महाधिवक्ता कार्यालय पहुंचे हैं. वास्तव में वह प्रदीप वासनिक हैं.

महाधिवक्ता ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि यह गंभीर चूक है. इससे राज्य शासन को नुकसान भी हो सकता है. दो जिम्मेदार अफसरों द्वारा की गई इस धोखाधड़ी के कारण जवाब भी फाइल नहीं हो सका है. एजी ने लिखा है कि जल संसाधन विभाग के दोनों अफसर सुरेश कुमार पांडेय और प्रदीप वासनिक का कृत्य न केवल न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप के बराबर है बल्कि धोखाधड़ी भी है. जो भारतीय न्याय संहिता-2023 के प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध है.

लोहारीडीह मामला: हाईकोर्ट में शिव प्रसाद साहू की मौत मामले में हुई सुनवाई, याचिकाकर्ता को कोर्ट ने दी ये छूट
बिलासपुर- लोहारीडीह संदिग्ध मौत मामले को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई है। मृतक शिव प्रसाद साहू की बेटी की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता को मध्यप्रदेश के ज्यूरीडिक्शन में केस फाइल करने छूट दी है। याचिकाकर्ता ने रिपोस्टमार्टम की मांग को लेकर याचिका लगाई थी।

बता दें कि, संदिग्ध परिस्थितियों में मृतक की फांसी पर लाश लटकी मिली थी। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से वकील संदीप दुबे ने बताया कि 15 सितम्बर को शिवप्रसाद साहू का शव मध्यप्रदेश के गांव बिरसा में एक पेड़ पर संदिग्ध परिस्थिति में फांसी पर लटका हुआ शव मिला था। इसके बाद एमपी पुलिस ने छत्तीसगढ़ पुलिस को शॉर्ट पोस्टमार्टम कर शव सौंप दिया। इसके बाद आनन फानन में पुलिस ने मृतक के परिवार के बड़े सदस्यों को बिना बताए केवल एक 9 वर्षीय बच्चे की मौजूदगी में शव को दफन भी कर दिया।

मृतक के परिजनों को शक है कि, रघुनाथ साहू और उसके परिवार वालों ने शिवप्रसाद की हत्या की थी। क्योंकि शिवप्रसाद के मध्यप्रदेश जाते समय जनक साहू, जो रघुनाथ के परिवार का सदस्य है वह गायब है। इसलिए मामले में विस्तृत पोस्टमार्टम किया जाए और जांच कर कार्रवाई की जाए।

मामले में सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि, क्योंकि यह घटना मध्यप्रदेश बॉर्डर के अंतर्गत हुई है और वहां की पुलिस मामले में जांच कर रही है। इसलिए छत्तीसगढ़ की पुलिस मामले में जांच नहीं कर सकती। इसके बाद चीफ जस्टिस की डिविजन बेंच ने मृतक को बेटी को एमपी के अदालत में याचिका दायर करने की छूट दे दी।

मृतक का शव लोहारीडीह में इस वक्त दफन है। कोर्ट ने कहा कि मध्यप्रदेश पुलिस के छत्तीसगढ़ आने पर राज्य की पुलिस जांच में सहयोग करेगी। मृतक की तरफ से मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने पैरवी की।