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ग्राम छिदगांव तमोली में बच्चों को सुरक्षित स्पर्श व असुरक्षित स्पर्श की जानकारी दी - मल्हारे


लेपटॉप पर कोमल मूवी दिखा कर जागरूक किया

हरदा। ग्राम छिदगांव तमोली शासकीय नवीन माध्यमिक शाला में बच्चों को लेपटॉप पर कोमल मूवी दिखाई गईं। तिनका के अनिल मल्हारे ने बताया की स्कूली बच्चों को सुरक्षित स्पर्श व असुरक्षित स्पर्श पर आधारित फिल्म के माध्यम से यौन शोषण से बचाव की जानकारी दी गईं। गलत हरकत करने एवं उनके स्पर्श में छुपी मंशा को फिल्म में विस्तार पूर्वक दर्शाया गया है फिल्म को दिखाने के पीछे उद्देश्य बच्चों को आत्मरक्षा में सक्षम बनाना है। जिले में बढ़ती छेड़छाड़, बलात्कार, मर्डर, अपरहण की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए तिनका संस्था के अनिल मल्हारे एक और कराटे खेल के माध्यम से बालक बालिकाओं को शारीरिक रूप से मजबूत बना रहा है तो दूसरी और सेशन के माध्यम से मानसिक रूप से मजबूत भी बना रहा है। स्कूल में बच्चों को सेशन में बताया सुरक्षित स्पर्श वह स्पर्श है जो आपको सहज और खुश महसूस कराता है। असुरक्षित स्पर्श वह स्पर्श है जो आपको असहज और डरा हुआ महसूस कराता है। छोटी उम्र के बच्चे नासमझी के कारण कई बार बाल यौन अपराध का शिकार हो जाते हैं। फिल्म से बच्चों को बचाव के तरीके बताए। बच्चों को बताया कोई व्यक्ति गलत हरकत करे तो तुरंत शोर मचाएं जोर से चिलाते हुए गांव की ओर भागे चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 व डायल 100 पर कॉल करे माता पिता टीचर को जानकारी दी जाए आपको कोई अनजान व्यक्ति खाने को दे तो नहीं खाना है,इस दौरान 20 बालिका और 18 बालक कुल 38 बच्चे उपस्थित रहे इस मौके पर शिक्षक बोरासी सर, कोच अनिल मल्हारे उपस्थित रहे।

Bhopal News : स्वच्छता के दुश्मन... बड़े तालाब में गंदगी करने से नहीं चूक रहे... जानें क्या है मामला


भोपाल। स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ा हुआ खड़े रहना राजधानी भोपाल की सरकारी एजेंसियों की इकलौती हार नहीं है। बल्कि शहर के जिम्मेदार नागरिकों ने भी इस स्थिति में तड़का लगाने में कसर नहीं छोड़ी है। यहां वहां गंदगी फैलाकर शहर को दूषित करने में जुटे लोग कभी राजधानी की जलरेखा कहलाने वाले बड़ा तालाब को भी नहीं बख्श रहे हैं।

सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे एक दूषित मानसिकता के व्यक्ति के लिए सफाई पसंद लोग कड़ी सजा की मांग करते नजर आ रहे हैं। इस विडियो में दिखाई दे रहा एक कार सवार युवा वीआईपी रोड पर स्थित राजा भोज प्रतिमा के ऐन सामने पेशाब करता दिखाई दे रहा है। देर रात में घटे इस घटनाक्रम के दौरान किसी राह चलते व्यक्ति द्वारा रोके जाने पर भी इसने अपनी दूषित मानसिकता को बड़े तालाब में बहाने से नहीं रोका। बेशर्मी का आलम यह है कि बार बार मना करने के बाद भी वह युवा तालाब में गंदगी कर बेफिक्री से अपनी कार में जा बैठा। साथ में मौजूद उसके अन्य साथी भी इस गंदगी के पैरोकार की हरकतों को सुकून से बैठे देखते नजर आए।

जागरूक ने बनाया वीडियो, किया शेयर

वीआईपी रोड के व्यस्त मार्ग और राजधानी की शान माने जाने वाले राजा भोज प्रतिमा के सामने अपनी कुंठित मानसिकता दर्शा रहे इस युवा को एक राह चलते व्यक्ति ने अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर लिया। बाद में इसी व्यक्ति ने इस विडियो को सोशल मीडिया पर वायरल भी कर दिया। इस विडियो में गंदगी फैलाते युवा का चेहरा और उसका कार नंबर भी दिखाई दे रहा है। जिसके आधार पर इसके लिए सजा की मांग की जा रही है।

महापौर ने अपनाई थी गांधीगिरी

जिस समय वीआईपी रोड के किनारे राजभोज सेतु का निर्माण किया गया था, यहां तफरीह करने जाने वालों का मजमा लगा रहता था। यहां घूमने के लिए पहुंचने वाले लोगों ने चंद दिनों में ही ब्रिज की दीवारों को पान और गुटखे की पीक से लाल कर दिया। इस स्थिति को देखते हुए तत्कालीन महापौर आलोक शर्मा ने गांधीगिरी का रास्ता अपनाया था। उन्होंने लोगों को गंदगी फैलाने से रोकने का कहने की बजाए खुद बाल्टी और पोंछा थामा और गंदगी साफ की थी। नतीजा यह हुआ कि इसके बाद लोगों ने राजा भोज सेतु की दीवारों पर पान और गुटखे की पीक से चित्रकारी करना बंद कर दिया है।

एक मुहिम यह भी 

राजधानी भोपाल के स्वच्छता अंबेसेडर सैयद फैज अली ने शहर के उन स्पॉट को चयनित किया है, जहां लोगों ने गंदगी के अंबार लगा रखे हैं। फैज ने नगर निगम अमले और अपनी टीम के साथ मिलकर ऐसे स्थानों पर सफाई करवाई। इसके बाद यहां सुंदर पेंटिंग, पौधा रोपण और लोगों के बैठने जैसे इंतजाम भी करवाए। फैज का यह अभियान पुराने शहर से लेकर राजधानी की नई आबादी के कई स्थानों तक पहुंचा है। जिसका नतीजा यह है कि कल तक जिन जगहों के पास से गुजरने में लोग नाक सिकोड़ते नजर आते थे, अब वे इन स्थानों पर कुछ पल सुकून के गुजार पा रहे हैं।

शिकंजे में सरगना : मप्र से लेकर तक गुजरात तक शराब बहाने वाला रमेश चंद्र रॉय आया पुलिस गिरफ्त में


इंदौर:- गुजरात में शराब तस्करी मामले में मध्य प्रदेश के बड़े शराब कारोबारी , कंस्ट्रक्शन कारोबारी रमेश चंद्र राय को बीते दिनों इंदौर में उनके निवास से गुजरात पुलिस में गिरफ्तार किया है जो प्रदेश भर में सुर्खियों में बन गया है। दरअसल रमेश चंद्र राय पर गुजरात में शराब तस्करी के मामले वर्षो से पुलिस रिकार्ड में दर्ज थे , और अब तक मध्य प्रदेश में अपनी तगड़ी पकड़ के चलते बचते आए परंतु प्राप्त जानकारी के अनुसार गुजरात पुलिस प्रशासन पर बढ़ते दबाव के चलते उक्त कार्रवाई की गई है ,

आपको बता दे की गुजरात में शराब पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है और वर्षों से गुजरात में मध्य प्रदेश के शराब ठेकेदार मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में गुजरात सीमा से लगे मध्य प्रदेश के जिलों में ठेकों के नाम पर शराब की तस्करी करते आए हैं , सूत्रों के अनुसार ऐसा बताया जाता है की प्रतिदिन मध्य प्रदेश के धार इंदौर खरगोन बड़वानी से झाबुआ अलीराजपुर जिलों के माध्यम से करोड़ों रुपए की अवेध शराब गुजरात में भेजी जाती है और शराब ठेकेदार प्रतिदिन लाखों करोड़ों की काली कमाई करते हैं और इस पूरे खेल में आबकारी विभाग सहित पुलिस प्रशासन का भी पूरा सहयोग बताया जाता है।

जिसको लेकर बीते दिनों रमेश चंद्र राय को गुजरात में शराब तस्करी के दर्ज मामलों को लेकर वर्षों बाद कार्रवाई की गई है। आपको बता दे की रमेश चंद्र राय पर पूर्व में भी मध्य प्रदेश में ही कई मामले पुलिस में दर्ज हुए और अपनी कार्यशैली को लेकर ये खासे बदनाम रहे हैं , ऐसा बताया जाता है कि रमेश चंद्र राय की अपने पार्टनर ठेकेदारों से ही अनबन बनी रहती है, इनकी गिरफ्तारी के बाद शराब कारोबारीयो में हड़कंप मचा हुआ है, मक्सी में बियर फैक्ट्री के मालिक रमेश चंद्र राय झांसी में 500 एकड़ की कॉलोनी भी काट रहे हैं झांसी सतना और ग्वालियर में भी कई अन्य प्रकरण इन पर दर्ज है और यूपी के बड़े माफियाओ और गैंगस्टर से संबंधों की बात भी सामने आई है, इन पर इनकम टैक्स और ई.ओ.डब्ल्यू की जांच भी चल रही है।

वही बताया जाता है कि वर्ष 2019 और 20 में इंदौर और झाबुआ क्षेत्र में इनकी लाइसेंस शराब दुकानों का करोड़ों रुपया बाकी चल रहा है फिलहाल उनके नाम पर महाकाल वाइन शॉप का ठेका धार में है, लगातार इस तरह के मामले सामने आने के बाद गुजरात पुलिस ने कार्यवाही की है , आपको बता दें कि रमेश चंद्र राय मध्य प्रदेश के शराब कारोबारी में एक बड़ा नाम है जो झांसी के रहने वाले हैं और उनके परिवार के कुछ लोगों पर भी अवैध शराब से जुड़े आबकारी विभाग और पुलिस में कई मामले दर्ज बताए जाते हैं, इसके अलावा बताया जाता है कि इनकी शुरुआत कपड़ों के छोटे व्यवसाय से हुई थी फिर इन्होंने प्रॉपर्टी के काम में हाथ डाला और वहीं से शराब ठेकेदारी भी शुरू की, जिसके बाद आज अरबो खरबो का बिजनेस खड़ा किया है, ये सरकारी निर्माण ठेको में भी हाथ आजमाते है।

जानकारी के अनुसार झांसी विकास प्राधिकरण में एक करोड़ से अधिक रुपए की बकाया राशि के चलते इन्हें एक बार हवालात भी भेजा जा चुका है, इंदौर सहित अन्य जिलों में खासकर गुजरात से सटे जिलो में शराब के मामले में उनकी हुकूमत चलती है, झाबुआ में उनके बेटे मनीष राय के नाम से भी शराब दुकान थी, जिसमें शासकीय ड्यूटी न भरने के चलते मनीष को डिफाल्टर घोषित किया गया था और वारंट भी जारी हुए थे, झाबुआ जिले में ही इनकी बहु के नाम की दुकान होने व गड़बड़ी के चलते बहु पर प्रकरण दर्ज हुआ था जिसके फरार होने के चलते पुलिस झांसी सहित यूपी तक गिरफ्तार करने पहुची थी।

सबसे बड़ी बात शराबबंदी वाले प्रदेश गुजरात में भी शराब तस्करी को लेकर इन पर कई मामले दर्ज हुए हैं , बताया जाता है कि शराब कारोबारी रमेश चंद्र राय अच्छी खासी पकड़ रखते हैं जिसके कारण मध्य प्रदेश में कानुनी कार्यवाही से बचते रहे हैं। अब गुजरात पुलिस की कार्यवाही के बाद मध्य प्रदेश पुलिस भी कार्यवाही करेगी या अपनो राजनीतिक पकड़ से ये हाई प्रोफाइल कथित माफिया युही कारोबार चलाता दबंगई करेगा आने वाला वक्त ही बताएगा।

तीन सडकें... जो अपने दायरे में दरों को ही नहीं, 3 हजार दिलों को भी जोड़ रही हैं...

भोपाल! दूर तक घना जंगल। बिखरे-बिखरे से कई गांव। गर कहीं जाना हो, तो अगले दिन सूरज उगने का इंतजार करना पड़ता था, क्योंकि शाम हो जाने के बाद तो घर से निकलना मुश्किल था। एक तो बियाबान कच्चा रास्ता, घुप्प अंधेरा, डरावना सा जंगल और उसमें रहने वाले जंगली जानवरों का भी खौफ। शाम ढलते ही अपने घरों में बंद हो जाना ही उनका जीवन था। यही पीढ़ा थी, उन बैगा परिवारों की, जो बालाघाट जिले के परसवाड़ा ब्लॉक के सुदूरस्थ छोटे-छोटे गांवों और मंजरे टोलो में रहते थे।

पर अब इनके दिन वैसे नहीं रहे। बिखरे-बिखरे से गांवों को जोड़ने के लिये बनीं 3 सड़कें इन बैगा परिवारो के जीवन में एक नया उजाला लेकर आईं हैं। बैगा समुदाय विशेष रूप से पिछड़े और कमजोर जनजातीय समूह (पीवीटीजी) में आते हैं। इसलिए उनकी बसाहट क्षेत्र में पीएम जन-मन योजना से कई विकास कार्य हो रहे हैं। बालाघाट जिला पीएम जन-मन में शामिल है। यहां के परसवाड़ा ब्लॉक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से 3 सड़कें बनाई गई हैं। नाटा से पांडाटोला (4.85 किमी), बड़गांव से साल्हे (4.50 किमी) और पांडाटोला से बीजाटोला (0.811 किमी), यही वो 3 सड़कें (कुल लंबाई 10.16 किमी) हैं (जो पहले पगडंडिया हुआ करती थीं), इन्होंने बैगा परिवारों के कष्टमय सफर को अब आसान बना दिया है। इसमें पांडाटोला से बीजाटोला तक बनी 811 मीटर सड़क पीएम जन-मन योजना में रिकार्ड 164 दिनों में हुई। इसका निर्माण इसी साल 16 मार्च को शुरू हुआ था और 26 अगस्त को काम पूरा हो गया। यह पीएम जन-मन योजना से बनी देश की संभवतः ऐसी पहली सड़क है, जिसका सीधा लाभ पीवीटीजी के बैगा परिवारों को मिल रहा है।

इन 3 सड़कों से क्षेत्र के 30 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले 3 हजार से अधिक बैगा परिवार अब हर वक्त, हर घड़ी, हर मौसम में एक-दूसरे से जुड़ गये हैं। एक रोड बनने से विकास के कई द्वार खुल जाते हैं। इन सड़कों के बनने से क्षेत्र के सारे बैगा परिवार अपने ब्लॉक, जिले, राज्य के साथ पूरे देश से जुड़ गये हैं।

सड़क एक - फायदे अनेक

ये सड़कें जिन गांवो में बनी हैं, उसके दायरे में ऐसे कई मजरे-टोले हैं, जो इनका उपयोग कर रहे हैं। यह सड़कें डोरली, चकटोला, कातलाबोडी, टिकरिया, कूकड़ा, उरूरगुड्डा, बारिया, डंडईटोला, मोहर, नारवाड़ी सहित घने जंगलों के बीच बसे बैगा परिवारों के लिए विकास का नया रास्ता खोल रही हैं। करीब 30 किमी के दायरे में रहने वाले करीब 3 हजार से अधिक बैगाजन अब सरकारी राशन दुकानों से राशन पा रहे हैं। इन्हीं सड़कों का लाभ लेकर बच्चे स्कूल जा रहे हैं। लोग बाजार जा रहे हैं। किसान मंडी तक पहुंच रहे हैं। इन सड़कों के बनने से मरीजों को अस्पताल और पास के बड़े कस्बों तक आने-जाने की बारहमासी सुविधा भी मिल गयी है।

एम एल बी में सम्पन्न हुई जिला स्तरीय भाषण प्रतियोगिता, अपर्णा चौबे रहीं प्रथम

भोपाल! एम एल बी कन्या महाविद्यालय, भोपाल में दिनांक 25 सितंबर को हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत जिला स्तरीय भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

प्रतियोगिता के विषय हिंदी का राष्ट्रीय और वैश्विक परिदृश्य, हिंदी की संवैधानिक स्थिति, भारतीय ज्ञान परंपरा और हिंदी,देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता आदि रहे। इस कार्यक्रम में भोपाल जिले के विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने हिस्सा गया। कार्यक्रम का संचालन डॉ सुधीर कुमार शर्मा ने किया ।

प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में डॉ प्रज्ञा थापक, डॉ विजयलक्ष्मी राय, डॉ सुमन अग्रवाल सम्मिलित रहीं। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान अपर्णा चौबे (सरोजिनी नायडू महाविद्यालय) ने प्राप्त किया गया। द्वितीय पुरस्कार नैनी तिवारी (शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या महाविद्यालय) ने प्राप्त किया गया। तृतीय पुरस्कार असरा सुल्तान (शासकीय विधि महाविद्यालय भोपाल) द्वारा प्राप्त किया गया। इसके अलावा सतीश ओझा ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया। इस अवसर पर हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ सविता भार्गव ने उद्बोधन में कहा -"जिस भाषा में हम सोचते हैं उसी भाषा में यदि हम लिखेंगे तब हमारी भाषा समृद्ध होगी। "

डॉ सुधीर कुमार शर्मा ने प्रतियोगिता का उद्देश्य बताते हुए कहा- "हम हिंदी भाषा को जाने और अपने दैनंदिन काम हिंदी भाषा में करने का प्रयत्न करें। "

इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के हिंदी विभाग के सभी प्राध्यापक,विभिन्न महाविद्यालयों के दल प्रभारी,प्रतिभागी और शोधार्थी उपस्थित रहे।

पर्यटन शांति के लिए... आईआईएचएम जोड़ेगा कॉलेजों को, क्विज के जरिए देंगे संदेश

भोपाल। पर्यटन को व्यवस्थित, सुरक्षित और शांति के साथ आनंदमय बनाने की दिशा में प्रयास तेज हैं। जानकर, समझकर और अपनी जिम्मेदारी मानकर इसके लिए लोगों की सकारात्मक सहभागिता क्या हो, इसको लेकर भी मंथन जारी है। राजधानी स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट ने इसी धारणा को आगे बढ़ाने के लिए शुक्रवार को एक बहुआयामी आयोजन की रूपरेखा बनाई है।

इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट (IIHM) के प्राचार्य डॉ रोहित सरीन ने बताया कि इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, भोपाल 27 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर विशेष कार्यक्रम आयोजित करेगा। जिसका विषय "पर्यटन और शांति" रखा गया है।

इस अवसर पर "QUIZZARD 3.0" नामक एक अंतर-महाविद्यालयी क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। डॉ. रोहित सरीन ने बताया कि इस दिन को मनाने का उद्देश्य पर्यटन के सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि इसे दुनियाभर में मनाया जाता है, ताकि पर्यटन की उस क्षमता को उजागर किया जा सके, जो जीवन, समुदायों और राष्ट्रों को बदलने की शक्ति रखता है।

डॉ सरीन ने बताया कि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. एके भट्टाचार्य, (IFS ), एमडी बम्बू एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट फाउंडेशन होंगे। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में अनुनय एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी की संस्थापक सुश्री माही भजनी मौजूद रहेंगी।

उद्योग एवं निवेश प्रोत्साहन के लिए हर जिले में हों सकारात्मक एवं ठोस प्रयास: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सरकार की नीति है कि स्थानीय स्तर पर लोगों को अधिकाधिक संख्या में रोजगार मिले। इसके लिए उद्योगों के विकास और निवेश प्रोत्साहन के लिए राज्य सरकार उद्योगपतियों की पूरी मदद करेगी। लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए बाजार उपलब्ध कराए जाएंगे। सागर संभाग के प्रमुख क्षेत्रीय उद्योगों जैसे पीतल, अगरबत्ती, फूड इंडस्ट्रीज, टूरिज्म, बीड़ी और फर्नीचर के उद्योग को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएं। हमारा प्रयास है कि उद्योगपतियों का व्यवसाय दोगुना हो जाए। उन्होंने कहा कि उद्योग एवं निवेश प्रोत्साहन के लिए हर जिले में सकारात्मक एवं ठोस प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उद्योग एवं निवेश के लिए लोगों को प्रोत्साहन एवं सहयोग की कमी नहीं रहेगी। हर जिले में अलग-अलग काम करने की संभावनाओं को तलाशा जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव वीडियो कांफ्रेंसिंग (वर्च्युअली) से समत्व भवन में 27 सितम्बर को सागर में होने वाली रीजनल इंन्डस्ट्री कॉन्क्लेव के संबंध में संभाग के जन-प्रतिनिधियों, उद्योगपतियों और प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि "एक जिला-एक उत्पाद" के अंतर्गत क्षेत्र के उत्पादों पर विशेष ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मेसर्स मीनाक्षी मेटल्स के एलएन चतुर्वेदी, मेसर्स पारसनाथ ग्लास टफ्फ प्रा. लि. सागर के राहुल जैन, मेसर्स इंस्प्रिट इंडस्ट्रीज, अर्ध-शहरीय औद्योगिक संस्थान ग्राम गौरगांय, छतरपुर के अर्पित अग्रवाल, एमआरपी एग्रो लि. टीकमगढ़ के मनीष जैन, योग्य इक्विपमेंट प्रा.लि. निवाड़ी के संतोष सूरी, खजुराहो पल्सेस निवाड़ी के राकेश अग्रवाल, होटल मोहन राज विलास पन्ना के मनोज केशरवानी से चर्चा की और सुझाव लिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सागर संभाग में शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के लिए भी निर्देशित किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कलेक्टर्स और कमिश्नर्स को निर्देशित किया कि कॉन्क्लेव की व्यवस्थाओं में अड़चने नहीं रहें। उन्होंने सभी जिलों में उद्योग विस्तार एवं निवेश संभावनाओं के संबंध में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए की स्थानीय जन-प्रतिनिधियों और उद्योगपतियों के साथ विस्तृत चर्चा कर कार्य-योजना बनाएं। वर्तमान संसाधनों के साथ जो जहां से काम कर रहा है उसे मदद दिलाई जाए। खिलौने, मिल्क प्रोडक्ट, आटा मिल, राइस मिल आदि स्थापित करने की संभावनाओं पर होमवर्क कर काम शुरु किया जाए। स्व-सहायता समूहों को जोड़कर काम करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वे सागर में 27 सितम्बर को रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पन्ना रामपथ गमन एवं कृष्ण पाथेय में भी शामिल है। इस क्षेत्र के विकास में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। पन्ना में मिलने वाले हीरे की कटिंग के लिए राज्य सरकार उपयुक्त व्यवस्था करेगी। निवाड़ी के विधायक श्री अनिल जैन ने कहा कि ओरछा में टूरिज्म की अपार संभावनाएं है, यहां पर पर्यटकों के लिए भोजन- आवास की बेहतर व्यवस्था करने से टूरिज्म को और बढ़ावा मिलेगा।

बैठक में स्थानीय जन-प्रतिनिधियों और उद्योगपतियों ने अपने- अपने जिले में उद्योग एवं निवेश की संभावनाओं के संबंध में सुझाव दिए। विधायक श्री शैलेन्द्र जैन ने सुझाव रखा कि अगरबत्ती उद्योग के लिए बाहर से बांस लाने पर अगरबत्ती की कीमत बढ़ जाती है, अत: प्रयास किया जाए कि गुणवत्तापूर्ण बांस का स्थानीय स्तर पर उत्पादन हो। उन्होंने बताया कि नौरादेही अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित होने से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है। इस क्षेत्र के आस-पास पर्यटकों के लिए आवास और भोजन की उचित व्यवस्था किए जाने के सुझाव दिए। पन्ना जिले से विधायक बृजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बफर जोन घोषित होने से यहां की कई माइंस बफर जोन में चली गई हैं। माइंस को लेकर कुछ क्षेत्र को चिन्हित कराने का सुझाव दिया गया।

बैठक में बताया गया कि 27 सितम्बर को सागर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में पांच देशों, मंगोलिया के राजदूत गैनबोल्ड दंबजाव और थाईलैंड के महावाणिज्यदूत डोनाविट पूलसावत सहित ईरान, केन्या, अल्जीरिया आदि के प्रतिनिधि शामिल होंगे। बैठक में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री चेतन कश्यप, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार, सांसद राहुल सिंह लोधी और स्थानीय विधायक गोपाल भार्गव, शैलेंद्र जैन, बृजेंद्र प्रताप सिंह वर्चुअली जुड़े।

सिंहस्थ-2028 के आयोजन के लिए "कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना" के लिये 919 करोड़ 94 लाख रूपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक मंत्रालय में हुई। मंत्रि-परिषद द्वारा अनुबंधित एजेंसी से सिंहस्थ-2028 के आयोजन के लिए समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने की महती आवश्यकता के दृष्टिगत प्रो-रेटा आधार पर "कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना" लागत राशि 919 करोड़ 94लाख रूपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई।

उल्लेखनीय है कि उज्जैन जिले की कान्ह डायवर्शन क्लोज डक्ट परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति रुपये 598 करोड़ 66 लाख की प्रदान की गई थी। परियोजना अंतर्गत कान्ह नदी के दूषित जल को 16.70 किलोमीटर की भूमिगत क्लोज डक्ट से उज्जैन शहर की सीमा के बाहर कालियादेह के पास क्षिप्रा नदी में प्रवाह किया जाना प्रस्तावित था। कार्य के लिए मेसर्स वेंसर उज्जैन प्रोजेक्ट के साथ राशि रू. 479 करोड़ 89 लाख का 15 मार्च 2024 को अनुबंध निष्पादित किया गया। कार्य सितम्बर 2027 तक पूर्ण किया जाना है।

दूषित जल को पवित्र क्षिप्रा नदी में मिलने से रोकने के लिए क्लोज डक्ट के एलाईंमेंट का परिवर्तन किया गया। परिवर्तन के बाद 18.5 किलोमीटर कट/कवर एवं 12 किलोमीटर टनल प्रस्तावित किये जाने से राशि रू. 321 करोड़ 28 लाख की वृद्धि होकर वर्तमान लागत 919 करोड़ 94 लाख हो रही है।

समर्थन मूल्य पर सोयाबीन उपार्जन की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा खरीफ वर्ष 2024 (विपणन वर्ष 2024-25) में केन्द्र सरकार के प्राईस सपोर्ट स्कीम अंतर्गत सोयाबीन का पंजीकृत कृषकों से उपार्जन, राज्य उपार्जन एजेंसी म.प्र. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्यादित द्वारा किए जाने का निर्णय लिया गया।

कृषकों का 25 सितम्बर से 20 अक्टूबर तक पंजीयन होगा एवं खरीदी (उपार्जन) 25 अक्टूबर से 31 दिसम्बर तक की जायेगी। सोयाबीन उपार्जन के लिये 1400 केंद्र बनाये जायेंगे, जिनमें यथा संशोधन भी किया जा सकेगा। प्रदेश में किसानों से 13.68 लाख मेट्रिक टन सोयाबीन न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रति क्विटंल 4892 रूपये की दर से उपार्जन किया जाएगा। निर्धारित मात्रा से अधिक उपार्जन होने पर राज्य सरकार अपने स्तर पर सोयाबीन की खरीदी करेगी।

नीमच जिला अंतर्गत भाटखेड़ा से डुंगलावदा तक 4-लेन सीमेंट कांक्रीट सड़क निर्माण की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा नीमच जिला अंतर्गत भाटखेड़ा से डुंगलावदा तक 4-लेन सीमेंट कांक्रीट सड़क लंबाई 16 कि.मी. के निर्माण के लिए 133 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गयी।

विधानसभा अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष (वेतन तथा भत्ता) अधिनियम में संशोधन का अनुमोदन

विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष के भत्तों पर देय आयकर सरकार द्वारा भरने का प्रावधान है। विधानसभा अध्यक्ष ने 1 जुलाई को सदन में घोषणा की थी कि वे अपना आयकर स्वयं भरेंगे। इसी परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष (वेतन तथा भत्ता) अधिनियम में संशोधन करने संबंधी विधेयक पर मंत्रि-परिषद् ने अनुमोदन प्रदान किया है, जिसे विधानसभा के आगामी सत्र में प्रस्तुत किया जायेगा।

विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के भत्तों पर देय आयकर सरकार द्वारा भरने का प्रावधान है। नेता प्रतिपक्ष ने 1 जुलाई को सदन में घोषणा की थी कि वे अपना आयकर स्वयं भरेंगे। इसी परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश विधानसभा नेता प्रतिपक्ष (वेतन तथा भत्ता) अधिनियम में संशोधन करने संबंधी विधेयक पर मंत्रि-परिषद् ने अनुमोदन प्रदान किया। जिसे विधानसभा के आगामी सत्र में प्रस्तुत किया जायेगा।

नवीन विधायक विश्राम गृह निर्माण के लिए 159 करोड़ 13 लाख रूपये की स्वीकृति

मंत्रि-परिषद द्वारा नवीन विधायक विश्राम गृह निर्माण के लिए 159 करोड़ 13 लाख रूपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। उल्लेखनीय है कि वर्तमान विधायक विश्राम गृह का निर्माण वर्ष 1958 में किया गया था। वर्तमान विश्राम गृह के पुराने पारिवारिक खण्ड क्रमांक-1 एवं शापिंग सेंटर के स्थान पर 102 आवास 5 ब्लाकों से निर्मित किये जाना है। प्रत्येक आवास का प्लिंथ एरिया 2615 वर्ग फीट होगा।

उद्योग क्षेत्र की समस्याएं दूर कर मध्यप्रदेश को आगे ले जाएंगे : मुख्यमंत्री डॉ. यादव


मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि उद्योग क्षेत्र की समस्याओं को दूर कर मध्यप्रदेश को फार्मा सेक्टर सहित अन्य सेक्टर्स में आगे ले जाएंगे। उद्यमशीलता के विकास और औद्योगिक प्रगति के लिए राज्य सरकार के प्रयासों में कमी नहीं रहेगी। यह आवश्यक है कि हर हाथ को काम मिले और रोजगारपरक उद्योगों के विकास में सभी सहभागी बनें। खर्चों में कटौती के साथ आय बढ़ाने के उपाय खोजना भी जरूरी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव मंगलवार को भोपाल में फेडरेशन ऑफ मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित निवेशक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर फेडरेशन के नव-निवार्चित अध्यक्ष का पदभार ग्रहण कार्यक्रम भी हुआ। कार्यक्रम में फेडरेशन के अध्यक्ष दीपक शर्मा ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की उद्योग नीतियों की अन्य देशों के प्रतिनिधियों ने भी प्रशंसा की है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार ने ऐसे उद्योगों की स्थापना पर जोर दिया है जो अधिक से अधिक रोजगार प्रदान कर सकते हैं। इससे राज्य के युवाओं को काम मिलेगा और अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। प्रदेश में संभाग स्तर की इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हो रही हैं। प्रत्येक संभाग में उद्योगों के विकास की अपार संभावनाएं मौजूद हैं, साथ ही प्रत्येक क्षेत्र में उद्यमशीलता भी विद्यमान है। इन संभावनाओं के दोहन के प्रयास जारी रहेंगे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि भारत ने गुलामी के दौर में भी अपना स्वाभिमान नहीं खोया। आज से 105 वर्ष पूर्व स्वामी विवेकानंद ने भारत के पुनरोदय की बात कही थी। स्वतंत्रता के बाद भी भारत को गेहूं खरीदने जैसे कार्यों में संघर्ष करना होता था। कुछ प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में भारत ने अनेक कष्ट उठाए। किसी के मौन रहने से तो किसी के विदेशों में सोना गिरवी रखने के फैसले क्षोभ पैदा करते थे। गत दस वर्ष विश्व पटल पर भारत की गरिमा बढ़ाने वाले वर्ष रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था को ग्यारहवें स्थान से पांचवें स्थान पर लाने का कार्य किया है। बहुत जल्द भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। देश- विदेश में प्रत्येक भारतवंशी प्रधानमंत्री मोदी के प्रति सम्मान का भाव रखता है। प्रधानमंत्री मोदी समय के साथ चलते हैं। उनकी कार्यशैली के लिए अनेक देशों के राष्ट्राध्यक्ष आगे बढ़कर प्रधानमंत्री मोदी का अभिनंदन करते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने फेडरेशन ऑफ मध्यप्रदेश चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि विभिन्न क्षेत्र के औद्योगिक संस्थानों को राज्य सरकार द्वारा पूर्ण सहयोग प्राप्त होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रारंभ में फेडरेशन के पूर्व अध्यक्ष आर. एस. गोस्वामी का उद्योगों और राज्य सरकार के मध्य समन्वय कर सेतु की भूमिका निभाने के लिए सम्मान किया। फेडरेशन के नए अध्यक्ष दीपक शर्मा ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उद्योगों को दी गई सुविधाओं की प्रशंसा भी वैश्विक स्तर पर होती है। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय एवं औद्योगिक नीति एवं निवेश संवर्धन राघवेन्द्र कुमार सिंह तथा बड़ी संख्या में फेडरेशन के पदाधिकारी और अन्य संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

परंपरागत पैथी सर्वश्रेष्ठ है, इसके दस्तावेजीकरण की आवश्यकता: आयुष मंत्री परमार

उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इन्दर सिंह परमार ने रविवार को भोपाल स्थित इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के आवृत्ति भवन में "वाचिक परंपरा में प्रचलित हर्बल उपचार प्रणालियाँ: संरक्षण, संवर्धन और कार्य योजना" विषय पर आयोजित दो दिवसीय प्री-लोकमंथन अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन समारोह में सम्मिलित होकर पारंपरिक एवं प्राकृतिक उपचार पद्धतियों के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए। मंत्री परमार ने कहा कि आज के परिदृश्य में परंपरागत औषधियों को एक नयी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। जनजातीय वैद्यों के द्वारा स्वदेशी उपचार पद्धतियों के प्रत्यक्ष प्रमाण होने के बावजूद भी स्वास्थ्य सेवाओं में विश्वसनीयता स्थापित करने की आवश्यकता है। परमार ने कहा कि ग्रामीण परिवेश का व्यक्ति भी पौधों एवं वृक्षों के आवश्यक एवं महत्वपूर्ण गुणों की जानकारी रखता है और प्रत्यक्ष प्रमाण होने के बावजूद भी उसे मान्यता नहीं मिल पाती है।

आयुष मंत्री परमार ने कहा कि यह परंपरागत ज्ञान जो पीढ़ियों से सतत् चला रहा है, उसका पालन हम वर्तमान में भी कर रहे हैं। परमार ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने शोध कर के परंपरागत विधाओं को स्थापित किया है, लेकिन आज उस समय का वैज्ञानिकता आधारित दृष्टिकोण विलुप्त हो गया है, जिसे पुनर्शोध एवं अनुसंधान की आवश्यकता है। परमार ने कहा कि देश की परम्पराओं में वैज्ञानिक दृष्टिकोण अभी भी विद्यमान है। परंपरागत पैथी सर्वश्रेष्ठ है। आज लोग आधुनिक चिकित्सा पद्धति पर निर्भर हो गए हैं, जबकि परंपरागत पैथी की अपनी महत्ता है। परमार ने परंपरागत पैथी के दस्तावेजीकरण करने की बात कही। परमार ने भारतीय परंपरागत ज्ञान को पूंजी बताते हुए कहा कि यह भारत के समाज में रचा बसा है। परमार ने कहा कि जनजातीय वैद्यों एवं उनकी औषधियों को मान्यता देने की आवश्यकता है।

इस अवसर पर मंत्री परमार ने देश भर से आए सभी पारंपरिक चिकित्सकों एवं वैद्यों के स्टॉल का अवलोकन कर उनसे औषधियों के बारे मे जानकारी भी प्राप्त की।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रज्ञा प्रवाह के सदस्य प्रफुल्ल केलकर ने कहा कि भारत सरकार द्वारा वर्तमान में आयुष्मान भारत एवं वन हेल्थ मिशन द्वारा स्वास्थ्य के ऊपर ध्यान दिया जा रहा है, यह एक नया कदम है।

संग्रहालय के निदेशक डॉ अमिताभ पांडे ने कहा कि जनजाति समुदाय जंगल को ही अपना जीवन मानते हैं। विकासशील देशो में जहाँ एक तिहाई जनसंख्या की आवश्यक औषधियों तक पहुँच नहीं है, वहां एक वैकल्पिक उपाय के रूप में यह सुरक्षित, प्रभावशाली पारंपरिक औषधियां स्वास्थ्य देख भाल को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन सकता है।

उल्लेखनीय है कि प्री-लोकमंथन अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन प्रज्ञा प्रवाह और एंथ्रोपोस इंडिया फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय और दत्तोपंत ठेंगड़ी शोध संस्थान के सहयोग से संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।

इस सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य भारत में पारंपरिक, प्राकृतिक उपचार पद्धतियों और हर्बल चिकित्सा के महत्व को उजागर करना है। विशेषकर जनजातीय समुदायों में स्वास्थ्य देखभाल में परंपरागत चिकित्सकों की भूमिका का पता लगाना, उनके सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करना और जैव विविधता और हर्बल उपचार पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव पर चर्चा करना है। इसके अतिरिक्त, इसका उद्देश्य देश भर में हर्बल चिकित्सकों के लिए नीति निर्माण पर समर्थन और मान्यता के लिए जनजातीय लोक औषधि को बढ़ावा देना है। कार्यक्रम में देश भर के विविध समुदायों के पारंपरिक इलाज करने वाले समूहों की सहभागिता है।

पंचायत स्तर पर 'हीलर्स हट', हर्बल मेडिसिन गार्डन, छात्रवृत्ति जैसी पहलों के माध्यम से देश भर में गैर- संहिताबद्ध हर्बल चिकित्सकों का समर्थन करने के लिए एक कार्य योजना भी तैयार की जाएगी। भारत में जनजातीय हर्बल उपचार के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक व्यापक कार्य योजना को आकार देने में भी सहायक होगी।

इस अवसर पर प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक, प्रखर वक्ता एवं विचारक जे. नंदकुमार, एमसीयू के कुलसचिव प्रो.डॉ. अविनाश वाजपेई, डीन (अकादमिक) ,प्रो.(डॉ.) पी. शशिकला, प्रज्ञा प्रवाह संस्थान के विभिन्न पदाधिकारीगण, सहयोगी संस्थान के पदाधिकारीगण एवं सम्मेलन की संयोजिका डॉ सुनीता रेड्डी सहित देश भर से पधारे विविध पारंपरिक वैद्य, शोधार्थी एवं विषय विशेषज्ञ उपस्थित रहे। कार्यक्रम समन्वयक डॉ सुदीपा रॉय ने आभार ज्ञपित किया।

ज्ञातव्य है कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में पांच दिवसीय जनजातीय वैद्य शिविर चल रहा है, इसलिये दर्शकों के लिए संग्रहालय 23 एवं 24 सितंबर को खुला रहेगा।