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इस दिन से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र, वक्फ बिल समेत 16 विधेयक लाने की तैयारी में मोदी सरकार

#governmenthaslistedthese16billsforthewinter_session

संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर यानी सोमवार से शुरू हो रहा है। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। इसी साल हुए आम चुनाव में नई सरकार के गठन के बाद इस पहले शीतकालीन सत्र में सरकार कुछ पेंडिंग विधेयक पारित कराने की तैयारी में है तो वहीं कुछ नए विधेयक भी कार्यसूची में हैं। शीतकालीन सत्र के लिए जो कार्यसूची सामने आई है, उसमें नए-पुराने कुल 16 विधेयकों के नाम हैं।इनमें पांच नए विधेयक भी शामिल हैं। इन पांच नए प्रस्तावित कानूनों में एक सहकारी विश्वविद्यालय स्थापना से जुड़ा विधेयक भी है। लंबित विधेयकों में वक्फ (संशोधन) विधेयक भी शामिल है जिसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति की ओर से लोकसभा में अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद चर्चा और फिर पास करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

इस लिस्ट में सबसे चर्चित विधेयक हैं वक्फ संशोधन विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2024। यह विधेयक संसद के मॉनसून सत्र के दौरान ही लोकसभा में पेश के गए थे। विपक्षी दलों के विरोध और हंगामे के बीच अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक लोकसभा में पेश किया था। संसद में पेश होते ही इन विधेयकों को बगैर किसी चर्चा के संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया था।

जेपीसी को इस दिन रिपोर्ट सौंपने का निर्देश

वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी को शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। जेपीसी की अगुवाई कर रहे जगदंबिका पाल ने कहा भी है कि हमारी रिपोर्ट तैयार है। हालांकि, विपक्षी दलों के सांसद जेपीसी का कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

ये बिल सूची में

इसके अलावा, कोस्टल शिपिंग बिल और इंडियन पोर्ट्स विधेयक को भी पेश और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक सहित आठ विधेयक लोकसभा में लंबित हैं। दो अन्य राज्यसभा के पास हैं। उधर वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति में शामिल विपक्षी सदस्यों ने समिति का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि मसौदा कानून में बदलावों का अध्ययन करने के लिए उन्हें और समय चाहिए।

एक देश एक चुनाव विधेयक सूचीबद्ध नहीं

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित 'एक राष्ट्र एक चुनाव' से जुड़ा कोई विधेयक फिलहाल सूचीबद्ध नहीं है। हालांकि, किरेन रिजिजू ने वन नेशन, वन इलेक्शन से संबंधित बिल इसी सत्र में लाए जाने की तैयारी के संकेत दिए थे। रामनाथ कोविंद कमेटी इसे लेकर अपनी रिपोर्ट भी सरकार को सौंप चुकी है और उस रिपोर्ट को कैबिनेट मंजूरी भी मिल चुकी है लेकिन 16 विधेयकों की लिस्ट में इससे संबंधित विधेयक का जिक्र नहीं है।

मणिपुर की बीरेन सरकार पर संकट! एनपीपी के वापस लिया समर्थन, जानें विधानसभा का गणित
#manipur_violence_national_peoples_party_npp_withdraw_support_bjp_government
* मणिपुर में एक बार फिर से हिंस भड़क उठी है। स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। इस बीच एनडीए की सहयोगी पार्टी नेशनल पीपुल्‍स पार्टी (एनपीपी) ने मणिपुर में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। मणिपुर में लगातार खराब होते हालात और हिंसा को देखते हुए एनपीपी ने यह फैसला लिया है। एनपीपी सुप्रीमो और मेघालय के मुख्‍यमंत्री कॉनराड संगमा ने बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर समर्थन वापसी का ऐलान किया है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि एनपीपी की समर्थन वापसी से एन बीरेन सिंह सरकार पर क्या असर पड़ेगा। एनपीपी ने कहा है कि बीरेन सरकार हिंसा से प्रभावित मणिपुर में स्थिति को सामान्य करने में पूरी तरह से नाकाम रही है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में एनपीपी ने दावा किया कि पिछले कुछ दिनों में मणिपुर में स्थिति और बिगड़ गई है। कई निर्दोष लोगों की जान गई है। मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए हम बीरेन सिंह की अगुवाई वाली सरकार से तत्काल प्रभाव से समर्थन वापस लेते हैं। *सरकार पर संकट नहीं* इस समर्थन वापसी से सरकार पर संकट नहीं है क्योंकि मणिपुर में बीजेपी का बहुमत है। मणिपुर विधानसभा में 60 सीटें हैं। इसमें बीजेपी के 32 विधायक हैं। साथ ही जेडीयू के 6 विधायक, एनपीएफ के पांच विधायक और तीन निर्दलियों का भी बीजेपी को समर्थन है। कुकी पीपल्ल अलायंस ने भी पिछले साल बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। उनके 2 विधायक हैं। *मणिपुर में हिंसा का दौर जारी* मणिपुर में हिंसा का दौर जारी है और हालात खराब होते जा रहे हैं। मणिपुर में दो समुदाय के बीच के संघर्ष में अब तक 250 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं और 60 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। 3 मई 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़की थी। तब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले के संसद सत्र में ही मणिपुर का मसला लगातार गूंजता रहा। विपक्ष ने इस मसले पर सरकार को जमकर घेरा था। लोकसभा चुनाव के बाद भी पहले सत्र के दूसरे ही दिन लोकसभा में मणिपुर-मणिपुर के नारे गूंजे। तब मणिपुर सांसद ने शपथ लेने के बाद कहा- मणिपुर में न्याय दिलाइए, देश बचाइए। लेकिन मणिपुर में शांति नहीं लौटी। वहां हालात लगातार खराब हो रहे हैं।
CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.

CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.


सरकारी डॉक्टर पर मरीज के बेटे ने किया हमला, 7 बार चाकू मारकर की जान लेने की कोशिश,कलैगनार सेंटेनरी अस्पताल की है घटना

#government_doctor_stabbed_7_times

Dr Balaji Jaganathan

पुलिस ने बताया कि बुधवार को चेन्नई के कलैगनार सेंटेनरी अस्पताल में एक मरीज के बेटे ने सरकारी डॉक्टर पर चाकू से सात बार हमला किया। डॉक्टर बालाजी जगनाथन को इस हमले से उबरने के लिए आईसीयू में भर्ती कराया गया है। उनकी गर्दन, कान, माथे, पीठ और पेट पर चोटें आई हैं।

पुलिस ने आरोपी विग्नेश को गिरफ्तार कर लिया है। वह चेन्नई का रहने वाला है और उसकी मां अस्पताल में भर्ती है। उसने कथित तौर पर डॉ. बालाजी पर इसलिए हमला किया क्योंकि वह इस बात से नाराज था कि उसकी मां को अस्पताल में उचित उपचार नहीं मिल रहा था, जहां उसकी पहले कीमोथेरेपी हुई थी।

यह घटना उस समय हुई जब डॉ. बालाजी सरकारी अस्पताल के कैंसर वार्ड में काम कर रहे थे। हमले के बाद विग्नेश ने भागने की कोशिश की लेकिन उसे पकड़ लिया गया और पुलिस के हवाले कर दिया गया। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस चौंकाने वाली स्थिति पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों को घटना की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "सरकारी अस्पतालों में मरीजों को उचित उपचार प्रदान करने में हमारे सरकारी डॉक्टरों का निस्वार्थ कार्य अतुलनीय है। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है। सरकार भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी उपाय करेगी।"

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने भी मामले में त्वरित कार्रवाई का वादा किया। भाजपा नेता तमिलिसाई सुंदरराजन ने एक्स पर एक पोस्ट में हमले की निंदा की और कहा कि यह घटना "तमिलनाडु के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की असुरक्षित स्थिति" को दर्शाती है। उन्होंने कहा, "डॉक्टर सभी मरीजों का बिना किसी भेदभाव के इलाज करते हैं, उन्हें इस बात का दुख हो सकता है कि मरीज के रिश्तेदार बीमारी से जूझ रहे हैं, लेकिन स्थिति ऐसी है कि यह डॉक्टरों पर हमला करती है। यह दुखद है कि डॉक्टरों में असुरक्षा की भावना है। मैं उनके पूर्ण स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं। तमिलनाडु सरकार को डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।"

डोनाल्ड ट्रंप ने चीन विरोधी माइक वॉल्ट्ज को बनाया एनएसए, क्या संदेश देने की है कोशिश ?*
#india_caucus_head_mike_waltz_will_be_nsa_in_doanld_trump_government
अमेरिका के राष्‍ट्रपति के रूप में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद डोनाल्‍ड ट्रंप अब अपनी टीम बनाने में जुट गए हैं। अहम पदों पर नियुक्तियों की खबरें रोज आ रहीं हैं।डोनाल्ड ट्रंप ने अपने आगामी प्रशासन के लिए अहम नियुक्ति करते हुए फ्लोरिडा से सांसद माइक वाल्ट्ज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) बनाया है। ट्रंप ने सोमवार को एलान किया कि फ्लोरिडा से सांसद और अमेरिकी संसद में इंडिया कॉकस के प्रमुख माइक वाल्ज उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार होंगे। रिटायर कर्नल माइक वाल्ट्ज इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं। वह अमेरिकी सेना की विशेष यूनिट ग्रीन बेरेट में काम कर चुके हैं। माइक को चीन-ईरान के लिए सख्त और भारत के प्रति नरम रुख रखने वाला माना जाता है। *बाइडन की विदेश नीति के रहे हैं कट्टर आलोचक* माइक वाल्ट्ज साल 2019 में अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए थे। माइक वाल्ट्ज को राष्ट्रपति बाइडन की विदेश नीति का कट्टर आलोचक माना जाता है। माइक वाल्ज हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी, हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी और हाउस इंटेलीजेंस कमेटी में भी बतौर सदस्य काम कर चुके हैं। वाल्ट्ज यूरोपीय देशों और अमेरिका से यूक्रेन का और मजबूती से समर्थन करने के समर्थक रहे हैं, लेकिन साल 2021 में अफगानिस्तान से जिस तरह से अमेरिकी सेना की वापसी हुई, उसकी वाल्ट्ज ने तीखी आलोचना की थी। *चीनी मैन्युफैक्चरिंग पर यूएस की निर्भरता कम करने के हिमायती* माइक वाल्ट्ज भारत के साथ अमेरिकी रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने की वकालत करते हैं। दूसरी ओर माइक वाल्ट्ज चीन के आलोचक रहे हैं। वह ऐसी नीतियों के हिमायती हैं, जो चीनी मैन्युफैक्चरिंग पर यूएस की निर्भरता को कम करें और अमेरिकी टेक्नॉलजी को सुरक्षित करें। वाल्ट्ज ने उइगर मुस्लिमों के साथ चीन के व्यवहार की आलोचना की थी। उन्होंने कोविड महामारी में चीन की भूमिका के विरोध में बीजिंग में 2022 शीतकालीन ओलंपिक के अमेरिकी बहिष्कार का भी समर्थन किया था। *भारत के लिए हो सकते हैं फायदेमंद* माइक वाल्ट्ज अमेरिकी संसद में इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं। यह अमेरिकी संसद में किसी देश पर केंद्रित सबसे बड़ा समूह है। इंडिया कॉकस एक द्विदलीय समूह है। इसमें वर्तमान में सीनेट के 40 सदस्य शामिल हैं। वाल्ज का भारत के प्रति रुख नरम रहा है। ऐसे में अमेरिका की हिंद प्रशांत महासागर को लेकर बनने वाली रणनीति में भारत की भूमिका अहम हो सकती है। वाल्ट्ज भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने और चीन का मुकाबला करने के मामले में मजबूत रणनीति बनाने के समर्थक रहे हैं। वह अनुभवी विदेश नीति विशेषज्ञ हैं। उन्हें अमेरिका-भारत गठबंधन का प्रबल समर्थक माना जाता है। उन्होंने भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने की वकालत की है। उनका कहना है कि अमेरिका और भारत को रक्षा व सुरक्षा सहयोग के मामले में आगे बढ़ना चाहिए।
कांग्रेस ने चीन के साथ संघर्ष पर मोदी सरकार पर दागे 6 सवाल, भोलेपन का लगाया आरोप

#jayramrameshquestionsgovernmentregardingtheindochinapact

Jayram Ramesh (PTI)

विदेश मंत्रालय द्वारा पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ समझौते की घोषणा के कुछ दिनों बाद, कांग्रेस ने बुधवार को दोनों देशों के बीच चार साल से अधिक लंबे गतिरोध को "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भोलापन और भोलेपन का पूर्ण दोषारोपण" बताया। विपक्षी दल ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के संघर्ष विराम पर भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र से छह सीधे सवाल पूछे, और कहा कि उसे उम्मीद है कि नई दिल्ली की "दशकों में सबसे खराब विदेश नीति को सम्मानजनक ढंग से हल किया जाएगा"।

“मोदी सरकार की इस घोषणा को लेकर कई सवाल बने हुए हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त व्यवस्था पर चीन के साथ एक समझौता हुआ है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक लिखित बयान में कहा, विदेश सचिव ने कहा है कि इससे 'सैन्य वापसी हो रही है और अंततः उन मुद्दों का समाधान हो रहा है जो 2020 में इन क्षेत्रों में उत्पन्न हुए थे।' “हमें उम्मीद है कि दशकों में भारत की सबसे खराब विदेश नीति को सम्मानपूर्वक हल किया जा रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि सैनिकों की वापसी से यथास्थिति बहाल हो जाएगी जो मार्च 2020 में थी।''

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को भारत और चीन की सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति मई 2020 से पहले जैसी हो जाएगी।

जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर चीन के मंसूबों को लेकर भोला होने का आरोप लगाया। “यह खेदजनक गाथा चीन के संबंध में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की भोलापन और भोलेपन का पूर्ण आरोप है। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में, मोदी की चीन ने तीन बार भव्य मेजबानी की थी। प्रधान मंत्री के रूप में, उन्होंने चीन की पांच आधिकारिक यात्राएं कीं और चीनी प्रधान मंत्री शी जिनपिंग के साथ 18 बैठकें कीं, जिसमें उनके 64 वें जन्मदिन पर साबरमती के तट पर एक दोस्ताना झूला सत्र भी शामिल था, ”उन्होंने लिखा, उन्होंने दावा किया कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी आक्रमण को विफल करते हुए ड्यूटी के दौरान 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के ठीक चार दिन बाद पीएम मोदी ने चीन को क्लीन चिट दे दी। “भारत की स्थिति 19 जून, 2020 को अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई जब पीएम ने चीन को कुख्यात क्लीन चिट देते हुए कहा, “ना कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है”। यह बयान गलवान में हुई झड़प के चार दिन बाद ही दिया गया था, जिसमें हमारे 20 बहादुर सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था। यह हमारे शहीद सैनिकों का गहरा अपमान है, इसने चीन की आक्रामकता को भी वैध बना दिया और इस तरह एलएसी पर गतिरोध के समय पर समाधान में बाधा उत्पन्न हुई। पूरे संकट पर मोदी सरकार के दृष्टिकोण को डीडीएलजे के रूप में वर्णित किया जा सकता है: इनकार करें, ध्यान भटकाएं, झूठ बोलें और औचित्य सिद्ध करें,'' उन्होंने दावा किया।

जयराम रमेश ने मांग की कि केंद्र को चीन के साथ अपने नवीनतम समझौते के संबंध में देश के लोगों को विश्वास में लेना चाहिए।जयराम रमेश के चीन से छह सवाल-

1. क्या भारतीय सैनिक डेपसांग में हमारी दावा रेखा से लेकर बॉटलनेक जंक्शन से आगे के पांच गश्त बिंदुओं तक गश्त करने में सक्षम होंगे जैसा कि वे पहले करने में सक्षम थे?

2. क्या हमारे सैनिक डेमचोक में उन तीन गश्त बिंदुओं तक पहुंच पाएंगे जो चार साल से अधिक समय से सीमा से बाहर हैं?

3. क्या हमारे सैनिक पैंगोंग त्सो में फिंगर 3 तक ही सीमित रहेंगे जबकि पहले वे फिंगर 8 तक जा सकते थे?

4. क्या हमारे गश्ती दल को गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में उन तीन गश्त बिंदुओं तक पहुंचने की अनुमति है, जहां वे पहले जा सकते थे?

5. क्या भारतीय चरवाहों को एक बार फिर चुशुल में हेलमेट टॉप, मुक्पा रे, रेजांग ला, रिनचेन ला, टेबल टॉप और गुरुंग हिल में पारंपरिक चरागाहों तक पहुंचने का अधिकार दिया जाएगा?

6. क्या "बफर जोन" जो हमारी सरकार ने चीनियों को सौंप दिया था, जिसमें रेजांग ला में युद्ध नायक और मरणोपरांत परमवीर चक्र विजेता मेजर शैतान सिंह का स्मारक स्थल भी शामिल था, अब अतीत की बात हो गए हैं?

चीन ने लद्दाख में भारत के साथ समझौते की पुष्टि की

नई दिल्ली ने सोमवार को कहा कि भारत और चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं। "अब पिछले कई हफ्तों में हुई चर्चाओं के परिणामस्वरूप, भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था पर एक समझौता हुआ है और इससे विघटन हो रहा है और अंततः 2020 में इन क्षेत्रों में उत्पन्न हुए मुद्दों का समाधान, “विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा।

चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को पुष्टि की कि वह पूर्वी लद्दाख में गतिरोध समाप्त करने के लिए भारत के साथ एक समझौते पर पहुंच गया है। "हाल के दिनों में, चीन और भारत ने राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से चीन-भारत सीमा पर प्रासंगिक मुद्दों पर घनिष्ठ संचार बनाए रखा है। वर्तमान में, दोनों पक्ष प्रासंगिक मुद्दों के समाधान पर पहुंच गए हैं, जिसका चीन ने सकारात्मक मूल्यांकन किया है। अगले कदम में, चीन उपरोक्त समाधान को लागू करने के लिए भारत के साथ काम करेगा, ”चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा। 

हरियाणा में मंत्रालयों का बंटवारा, सीएम सैनी के पास गृह-वित्त समेत कुल 12 विभाग,जानें और किसे क्या मिला

#haryanagovernmentallocates_portfolios

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार देर रात अपनी कैबिनेट के विभागों का बंटवारा कर दिया। सीएम ने गृह, वित्त और आबकारी समेत कुल 12 विभाग अपने पास रखे हैं, जबकि सात बार के विधायक व सबसे वरिष्ठ नेता अनिल विज को ऊर्जा, ट्रांसपोर्ट और श्रम विभाग दिया गया है। विपुल गोयल को भी भारी भरकम विभाग दिए गए हैं। उनके पास रेवेन्यू व डिजास्टर, निकाय विभाग, सिविल एविएशन विभाग रहेगा।

किसे मिला कौन सा मंत्रालय?

-अनिल विज ऊर्जा, परिवहन और श्रम विभाग के मंत्री होंगे।

-कृष्णलाल पंवार पंचायत और खनन मंत्री बनाए गए हैं।

-राव नरबीर सिंह उद्योग एवं वाणिज्य, पर्यावरण वन समेत 4 विभाग के मंत्री होंगे।

-महिपाल ढांडा स्कूल शिक्षा, उच्चतर शिक्षा और संसदीय कार्य मंत्री होंगे।

-विपुल गोयल को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, स्थानीय निकाय और सिविल एविएशन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

-अरविंद शर्मा को सहकारिता, जेल एवं पर्यटन समेत 4 विभाग दिए गए हैं।

-श्याम सिंह राणा को कृषि, पशुपालन एवं डेयरिंग और मत्स्य विभाग का मंत्री बनाया गया।

-रणबीर गंगवा को जनस्वास्थ्य और लोक निर्माण विभाग का मंत्री बनाया गया।

-कृष्ण कुमार बेदी को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता समेत 3 विभाग मिले।

-श्रुति चौधरी को महिला एवं बाल विकास और सिंचाई विभाग की मंत्री बनाया गया।

-आरती राव को स्वास्थ्य, मेडिकल एजुकेशन और आयुष विभाग की मंत्री बनाया गया।

-राजेश नागर को खाद्य एवं आपूर्ति एवं प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी विभाग की जिम्मेदारी मिली।

-गौरव गौतम को खेल समेत 3 विभाग का मंत्री बनाया गया।

बता दें कि आठ अक्टूबर को जब हरियाणा चुनाव के नतीजे आए तो बीजेपी को राज्य में ऐतिहासिक जीत मिली। बीजेपी ने हरियाणा ने जीत की हैट्रिक लगाई है।पिछले 10 से हरियाणा की सत्ता पर काबिज बीजेपी ने पहली बार राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। बीजेपी को 48 सीटें मिलीं। हरियाणा में नई सरकार के गठन को लेकर विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में नायब सिंह सैनी को एक बार फिर से विधायक दल का नेता चुना गया और राज्य की कमान एक बार फिर से उन्हीं को सौंपने का फैसला किया गया।

Uniting Bharat: The Grannus Organization Revolutionizes Volunteering Across India

 

Imagine a world where every woman feels protected, every child is safe, the hungry are fed, and citizens unite in times of natural disasters or emergencies to support local authorities. People in India have long desired to contribute to the greater good through volunteering, but a major challenge has been how to unite these efforts on a large scale. Across the country, small social groups form to take on local tasks, but scaling these groups to a national level has been difficult—until now.

A groundbreaking solution has emerged from Ahmedabad, where the Grannus organization, a technology-driven organisation, has designed the Grannus PHPN App to bring people across Bharat together for a common purpose: helping others in need. PHPN, or "People Helping People Network," is exactly what the name suggests—a platform connecting citizens from all parts of India through cutting-edge technology. This app, powered by Grannus’ unique DGBSI SRPP/RTPP model, is particularly effective in mobilizing volunteers during emergencies.

Leadership and Vision

The Grannus PHPN project operates under the guidance of a highly respected figure in Gujarat, Geetha Johri, the former Director General of Police (DGP) of Gujarat, who now serves as the President of Grannus Organization. Alongside her, Mayank Shah, a social entrepreneur and the CEO of Grannus Organization, envisioned this platform as a means to unite people through social-interest-based integration through his unique idea of making DGBSI SRPP/RTPP model for emergency management. The brilliant coding to make this technology live was done by Chirag Patel.

“We are leveraging digitalization to tackle India's most pressing social issues,” says Mayank Shah. “Grannus connects citizens who are committed to societal betterment by organizing them based on their location and social interests. Our app facilitates everything from ensuring women’s safety, locating missing persons, and managing medical emergencies, to responding to national crises and natural disasters. We also support food donation drives and environmental initiatives. Users can register for free, select their areas of interest, and receive real-time alerts when their assistance is needed. Together, we can create a safer, more connected community.”

 A Rising Success in Gujarat

Since its launch, the Grannus PHPN app has gained viral popularity in Gujarat, even trending at number one on the Google Play Store for several days. It is now the highest-rated Indian app focused on social issues. The app has drawn praise from prominent figures, including Gujarat’s Chief Minister, Bhupendra Bhai Patel, and various IAS and IPS officers, who have commended Grannus for its successful projects, particularly during the COVID-19 pandemic.

How It Works

Joining the movement is simple. Volunteers can download the Grannus PHPN app from the Google Play Store, select their social interests—ranging from women's safety and disaster response to environmental work—and receive notifications when their help is needed. Users can choose one or more interests, and the app connects them with nearby volunteering opportunities, whether with local NGOs or during emergencies in their vicinity.

A Vision for National Impact

“Our population, often seen as a challenge, can become our greatest asset,” explains Shah. “The government is working tirelessly to address social issues, but by connecting people and empowering them with volunteering opportunities, we can solve many of our country's problems together.”

Under the administrative leadership of Geetha Johri, the project is poised to expand beyond Gujarat and make a significant impact across the nation. The Grannus PHPN app has the potential to transform India’s social landscape, bringing together communities and creating a brighter, safer future for all.


हरियाणा में एमपी-राजस्थान की तरह होंगे 2 डिप्टी सीएम! सैनी कैबिनेट में ये चेहरे हो सकते हैं शामिल

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हरियाणा चुनाव के परिणाम आने के बाद सरकार गठन की कवायद शुरू हो गई हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद बाद प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। कहा जा रहा है कि विजयदशमी के दिन नई सरकार का शपथग्रहण हो सकता है।चर्चाएं हैं कि हरियाणा में भाजपा दो डिप्टी सीएम बना सकती है। इसमें एक दलित तो दूसरा यादव समाज से हो सकता है।

चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी ने कुछ भी नहीं कहा है, लेकिन पार्टी के बड़े नेता पहले ही नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री का चेहरा बता चुके हैं। हरियाणा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान तो साफ-साफ कह चुके हैं कि सरकार आने पर सैनी ही मुख्यमंत्री बनेंगे। ऐसे में कहा जा रहा है कि सैनी ही हरियाणा के नए मुख्यमंत्री हो सकते हैं। जल्द ही पार्टी की तरफ से इसकी आधिकारिक घोषणा को लेकर प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

हरियाणा सरकार में मुख्यमंत्री सहित कुल 14 मंत्री हो सकते हैं। पिछली सरकार के 8 मंत्री चुनाव हार चुके हैं। 3 मंत्रियों के टिकट काटे गए थे। सिर्फ 2 मंत्री चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। इसका मतलब है कि भाजपा को 11 नए चेहरों की तलाश करनी होगी। अनिल विज वो सीनियर नेता हैं जिन्होंने अपनी सीट बरकरार रखी है। अनिल विज को मंत्री पद मिल सकता है। बीजेपी जाटों, ब्राह्मणों, पंजाबी और दलितों सहित राज्य की विभिन्न जातियों को ध्यान में रखकर कैबिनेट का गठन करेगी।

बीजेपी के पक्ष में दलित, अहीर, गुर्जर और अन्य गैर-जाट ओबीसी के साथ ब्राह्मण और राजपूतों ने भी जमकर मतदान किया है। ऐसे में सरकार में इन जातियों का सियासी दबदबा दिख सकता है। बीजेपी के पास अब दलित समुदाय से नौ विधायक हैं, आठ पंजाबी मूल के, सात ब्राह्मण और जाटों और यादवों में से प्रत्येक के छह विधायक हैं। पार्टी के पास गुर्जर, राजपूत, वैश्य और एक ओबीसी नेता भी हैं।

 

नौ दलित विधायकों में एक हैं छह बार के विधायक कृष्ण लाल पंवार और दूसरे हैं दो बार के विधायक कृष्णा बेदी। पंजाबी मूल के आठ लोगों में सात बार के विधायक और पूर्व गृह मंत्री अनिल विज हैं, जो मार्च में मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने के बाद नाराज हो गए थे। जींद के विधायक कृष्ण मिड्ढा भी इस रेस में हैं, जिन्होंने लगातार तीसरी बार अपनी सीट जीती है। एक और अब तीन बार के विधायक यमुनानगर से घनश्याम दास अरोड़ा हैं। लेकिन उनकी नियुक्ति को छोड़ दिया जा सकता है क्योंकि उनकी सीट अम्बाला क्षेत्र के भीतर है। अरोड़ा को हांसी से तीन बार के विधायक विनोद भयाना के लिए नजरअंदाज किया जा सकता है।

ब्राह्मण चेहरों में बल्लभगढ़ से तीन बार के विधायक मूल चंद शर्मा शामिल हैं, जिन्हें मंत्रिमंडल में बरकरार रखा जा सकता है। एक और संभावित दो बार के लोकसभा सांसद अरविंद शर्मा हैं जिन्होंने गोहाना जीता। राम कुमार गौतम, जिन्होंने सफीदों को जीत दिलाई, जिसे भाजपा ने कभी नहीं जीता था। भाजपा के लिए अहीरवाल बेल्ट के छह विधायक महत्वपूर्ण हैं जिन्होंने एक बार फिर पार्टी को भारी मतों से वोट दिया। इनमें बादशाहपुर से छह बार के विधायक राव नरबीर सिंह हैं। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव ने पहली बार अटेली सीट जीती है, लेकिन उनका नाम शॉर्टलिस्ट में है। साथ ही दो बार के विधायक लक्ष्मण यादव का नाम भी है।

जाट नेता महीपाल ढांडा अब पानीपत (ग्रामीण) से दो बार के विधायक हैं और उनके बरकरार रहने की संभावना है। राई से दूसरी बार चुने गए कृष्ण गहलोत भी इस दौड़ में शामिल हैं। एक संभावित बड़ा नया नाम पार्टी के राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी का है। अन्य संभावित उम्मीदवारों में वैश्य समुदाय के पूर्व मंत्री विपुल गोयल शामिल हैं। हरियाणा में सबसे अमीर महिला और हिसार से निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल ने औपचारिक रूप से भाजपा को अपना समर्थन दे दिया है। इससे उनके नए मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना बढ़ गई है।

इस दिन से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र, वक्फ बिल समेत 16 विधेयक लाने की तैयारी में मोदी सरकार

#governmenthaslistedthese16billsforthewinter_session

संसद का शीतकालीन सत्र 25 नवंबर यानी सोमवार से शुरू हो रहा है। शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। इसी साल हुए आम चुनाव में नई सरकार के गठन के बाद इस पहले शीतकालीन सत्र में सरकार कुछ पेंडिंग विधेयक पारित कराने की तैयारी में है तो वहीं कुछ नए विधेयक भी कार्यसूची में हैं। शीतकालीन सत्र के लिए जो कार्यसूची सामने आई है, उसमें नए-पुराने कुल 16 विधेयकों के नाम हैं।इनमें पांच नए विधेयक भी शामिल हैं। इन पांच नए प्रस्तावित कानूनों में एक सहकारी विश्वविद्यालय स्थापना से जुड़ा विधेयक भी है। लंबित विधेयकों में वक्फ (संशोधन) विधेयक भी शामिल है जिसे दोनों सदनों की संयुक्त समिति की ओर से लोकसभा में अपनी रिपोर्ट सौंपने के बाद चर्चा और फिर पास करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है।

इस लिस्ट में सबसे चर्चित विधेयक हैं वक्फ संशोधन विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक 2024। यह विधेयक संसद के मॉनसून सत्र के दौरान ही लोकसभा में पेश के गए थे। विपक्षी दलों के विरोध और हंगामे के बीच अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक लोकसभा में पेश किया था। संसद में पेश होते ही इन विधेयकों को बगैर किसी चर्चा के संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया था।

जेपीसी को इस दिन रिपोर्ट सौंपने का निर्देश

वक्फ संशोधन बिल पर जेपीसी को शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के आखिरी दिन अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। जेपीसी की अगुवाई कर रहे जगदंबिका पाल ने कहा भी है कि हमारी रिपोर्ट तैयार है। हालांकि, विपक्षी दलों के सांसद जेपीसी का कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

ये बिल सूची में

इसके अलावा, कोस्टल शिपिंग बिल और इंडियन पोर्ट्स विधेयक को भी पेश और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक सहित आठ विधेयक लोकसभा में लंबित हैं। दो अन्य राज्यसभा के पास हैं। उधर वक्फ संशोधन विधेयक पर विचार कर रही संसद की संयुक्त समिति में शामिल विपक्षी सदस्यों ने समिति का कार्यकाल बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि मसौदा कानून में बदलावों का अध्ययन करने के लिए उन्हें और समय चाहिए।

एक देश एक चुनाव विधेयक सूचीबद्ध नहीं

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट पर आधारित 'एक राष्ट्र एक चुनाव' से जुड़ा कोई विधेयक फिलहाल सूचीबद्ध नहीं है। हालांकि, किरेन रिजिजू ने वन नेशन, वन इलेक्शन से संबंधित बिल इसी सत्र में लाए जाने की तैयारी के संकेत दिए थे। रामनाथ कोविंद कमेटी इसे लेकर अपनी रिपोर्ट भी सरकार को सौंप चुकी है और उस रिपोर्ट को कैबिनेट मंजूरी भी मिल चुकी है लेकिन 16 विधेयकों की लिस्ट में इससे संबंधित विधेयक का जिक्र नहीं है।

मणिपुर की बीरेन सरकार पर संकट! एनपीपी के वापस लिया समर्थन, जानें विधानसभा का गणित
#manipur_violence_national_peoples_party_npp_withdraw_support_bjp_government
* मणिपुर में एक बार फिर से हिंस भड़क उठी है। स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। इस बीच एनडीए की सहयोगी पार्टी नेशनल पीपुल्‍स पार्टी (एनपीपी) ने मणिपुर में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। मणिपुर में लगातार खराब होते हालात और हिंसा को देखते हुए एनपीपी ने यह फैसला लिया है। एनपीपी सुप्रीमो और मेघालय के मुख्‍यमंत्री कॉनराड संगमा ने बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर समर्थन वापसी का ऐलान किया है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि एनपीपी की समर्थन वापसी से एन बीरेन सिंह सरकार पर क्या असर पड़ेगा। एनपीपी ने कहा है कि बीरेन सरकार हिंसा से प्रभावित मणिपुर में स्थिति को सामान्य करने में पूरी तरह से नाकाम रही है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को लिखे पत्र में एनपीपी ने दावा किया कि पिछले कुछ दिनों में मणिपुर में स्थिति और बिगड़ गई है। कई निर्दोष लोगों की जान गई है। मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखते हुए हम बीरेन सिंह की अगुवाई वाली सरकार से तत्काल प्रभाव से समर्थन वापस लेते हैं। *सरकार पर संकट नहीं* इस समर्थन वापसी से सरकार पर संकट नहीं है क्योंकि मणिपुर में बीजेपी का बहुमत है। मणिपुर विधानसभा में 60 सीटें हैं। इसमें बीजेपी के 32 विधायक हैं। साथ ही जेडीयू के 6 विधायक, एनपीएफ के पांच विधायक और तीन निर्दलियों का भी बीजेपी को समर्थन है। कुकी पीपल्ल अलायंस ने भी पिछले साल बीरेन सिंह सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। उनके 2 विधायक हैं। *मणिपुर में हिंसा का दौर जारी* मणिपुर में हिंसा का दौर जारी है और हालात खराब होते जा रहे हैं। मणिपुर में दो समुदाय के बीच के संघर्ष में अब तक 250 से ज्यादा लोगों की जानें जा चुकी हैं और 60 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। 3 मई 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़की थी। तब लोकसभा चुनाव से ठीक पहले के संसद सत्र में ही मणिपुर का मसला लगातार गूंजता रहा। विपक्ष ने इस मसले पर सरकार को जमकर घेरा था। लोकसभा चुनाव के बाद भी पहले सत्र के दूसरे ही दिन लोकसभा में मणिपुर-मणिपुर के नारे गूंजे। तब मणिपुर सांसद ने शपथ लेने के बाद कहा- मणिपुर में न्याय दिलाइए, देश बचाइए। लेकिन मणिपुर में शांति नहीं लौटी। वहां हालात लगातार खराब हो रहे हैं।
CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.

CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.


सरकारी डॉक्टर पर मरीज के बेटे ने किया हमला, 7 बार चाकू मारकर की जान लेने की कोशिश,कलैगनार सेंटेनरी अस्पताल की है घटना

#government_doctor_stabbed_7_times

Dr Balaji Jaganathan

पुलिस ने बताया कि बुधवार को चेन्नई के कलैगनार सेंटेनरी अस्पताल में एक मरीज के बेटे ने सरकारी डॉक्टर पर चाकू से सात बार हमला किया। डॉक्टर बालाजी जगनाथन को इस हमले से उबरने के लिए आईसीयू में भर्ती कराया गया है। उनकी गर्दन, कान, माथे, पीठ और पेट पर चोटें आई हैं।

पुलिस ने आरोपी विग्नेश को गिरफ्तार कर लिया है। वह चेन्नई का रहने वाला है और उसकी मां अस्पताल में भर्ती है। उसने कथित तौर पर डॉ. बालाजी पर इसलिए हमला किया क्योंकि वह इस बात से नाराज था कि उसकी मां को अस्पताल में उचित उपचार नहीं मिल रहा था, जहां उसकी पहले कीमोथेरेपी हुई थी।

यह घटना उस समय हुई जब डॉ. बालाजी सरकारी अस्पताल के कैंसर वार्ड में काम कर रहे थे। हमले के बाद विग्नेश ने भागने की कोशिश की लेकिन उसे पकड़ लिया गया और पुलिस के हवाले कर दिया गया। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस चौंकाने वाली स्थिति पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि उन्होंने संबंधित अधिकारियों को घटना की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "सरकारी अस्पतालों में मरीजों को उचित उपचार प्रदान करने में हमारे सरकारी डॉक्टरों का निस्वार्थ कार्य अतुलनीय है। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है। सरकार भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सभी उपाय करेगी।"

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मा सुब्रमण्यम ने भी मामले में त्वरित कार्रवाई का वादा किया। भाजपा नेता तमिलिसाई सुंदरराजन ने एक्स पर एक पोस्ट में हमले की निंदा की और कहा कि यह घटना "तमिलनाडु के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की असुरक्षित स्थिति" को दर्शाती है। उन्होंने कहा, "डॉक्टर सभी मरीजों का बिना किसी भेदभाव के इलाज करते हैं, उन्हें इस बात का दुख हो सकता है कि मरीज के रिश्तेदार बीमारी से जूझ रहे हैं, लेकिन स्थिति ऐसी है कि यह डॉक्टरों पर हमला करती है। यह दुखद है कि डॉक्टरों में असुरक्षा की भावना है। मैं उनके पूर्ण स्वस्थ होने की प्रार्थना करती हूं। तमिलनाडु सरकार को डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।"

डोनाल्ड ट्रंप ने चीन विरोधी माइक वॉल्ट्ज को बनाया एनएसए, क्या संदेश देने की है कोशिश ?*
#india_caucus_head_mike_waltz_will_be_nsa_in_doanld_trump_government
अमेरिका के राष्‍ट्रपति के रूप में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद डोनाल्‍ड ट्रंप अब अपनी टीम बनाने में जुट गए हैं। अहम पदों पर नियुक्तियों की खबरें रोज आ रहीं हैं।डोनाल्ड ट्रंप ने अपने आगामी प्रशासन के लिए अहम नियुक्ति करते हुए फ्लोरिडा से सांसद माइक वाल्ट्ज को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) बनाया है। ट्रंप ने सोमवार को एलान किया कि फ्लोरिडा से सांसद और अमेरिकी संसद में इंडिया कॉकस के प्रमुख माइक वाल्ज उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार होंगे। रिटायर कर्नल माइक वाल्ट्ज इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं। वह अमेरिकी सेना की विशेष यूनिट ग्रीन बेरेट में काम कर चुके हैं। माइक को चीन-ईरान के लिए सख्त और भारत के प्रति नरम रुख रखने वाला माना जाता है। *बाइडन की विदेश नीति के रहे हैं कट्टर आलोचक* माइक वाल्ट्ज साल 2019 में अमेरिकी संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए थे। माइक वाल्ट्ज को राष्ट्रपति बाइडन की विदेश नीति का कट्टर आलोचक माना जाता है। माइक वाल्ज हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी, हाउस फॉरेन अफेयर्स कमेटी और हाउस इंटेलीजेंस कमेटी में भी बतौर सदस्य काम कर चुके हैं। वाल्ट्ज यूरोपीय देशों और अमेरिका से यूक्रेन का और मजबूती से समर्थन करने के समर्थक रहे हैं, लेकिन साल 2021 में अफगानिस्तान से जिस तरह से अमेरिकी सेना की वापसी हुई, उसकी वाल्ट्ज ने तीखी आलोचना की थी। *चीनी मैन्युफैक्चरिंग पर यूएस की निर्भरता कम करने के हिमायती* माइक वाल्ट्ज भारत के साथ अमेरिकी रक्षा और सुरक्षा सहयोग को बढ़ाने की वकालत करते हैं। दूसरी ओर माइक वाल्ट्ज चीन के आलोचक रहे हैं। वह ऐसी नीतियों के हिमायती हैं, जो चीनी मैन्युफैक्चरिंग पर यूएस की निर्भरता को कम करें और अमेरिकी टेक्नॉलजी को सुरक्षित करें। वाल्ट्ज ने उइगर मुस्लिमों के साथ चीन के व्यवहार की आलोचना की थी। उन्होंने कोविड महामारी में चीन की भूमिका के विरोध में बीजिंग में 2022 शीतकालीन ओलंपिक के अमेरिकी बहिष्कार का भी समर्थन किया था। *भारत के लिए हो सकते हैं फायदेमंद* माइक वाल्ट्ज अमेरिकी संसद में इंडिया कॉकस के सह-अध्यक्ष हैं। यह अमेरिकी संसद में किसी देश पर केंद्रित सबसे बड़ा समूह है। इंडिया कॉकस एक द्विदलीय समूह है। इसमें वर्तमान में सीनेट के 40 सदस्य शामिल हैं। वाल्ज का भारत के प्रति रुख नरम रहा है। ऐसे में अमेरिका की हिंद प्रशांत महासागर को लेकर बनने वाली रणनीति में भारत की भूमिका अहम हो सकती है। वाल्ट्ज भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने और चीन का मुकाबला करने के मामले में मजबूत रणनीति बनाने के समर्थक रहे हैं। वह अनुभवी विदेश नीति विशेषज्ञ हैं। उन्हें अमेरिका-भारत गठबंधन का प्रबल समर्थक माना जाता है। उन्होंने भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने की वकालत की है। उनका कहना है कि अमेरिका और भारत को रक्षा व सुरक्षा सहयोग के मामले में आगे बढ़ना चाहिए।
कांग्रेस ने चीन के साथ संघर्ष पर मोदी सरकार पर दागे 6 सवाल, भोलेपन का लगाया आरोप

#jayramrameshquestionsgovernmentregardingtheindochinapact

Jayram Ramesh (PTI)

विदेश मंत्रालय द्वारा पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ समझौते की घोषणा के कुछ दिनों बाद, कांग्रेस ने बुधवार को दोनों देशों के बीच चार साल से अधिक लंबे गतिरोध को "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भोलापन और भोलेपन का पूर्ण दोषारोपण" बताया। विपक्षी दल ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ भारत के संघर्ष विराम पर भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र से छह सीधे सवाल पूछे, और कहा कि उसे उम्मीद है कि नई दिल्ली की "दशकों में सबसे खराब विदेश नीति को सम्मानजनक ढंग से हल किया जाएगा"।

“मोदी सरकार की इस घोषणा को लेकर कई सवाल बने हुए हैं कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त व्यवस्था पर चीन के साथ एक समझौता हुआ है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक लिखित बयान में कहा, विदेश सचिव ने कहा है कि इससे 'सैन्य वापसी हो रही है और अंततः उन मुद्दों का समाधान हो रहा है जो 2020 में इन क्षेत्रों में उत्पन्न हुए थे।' “हमें उम्मीद है कि दशकों में भारत की सबसे खराब विदेश नीति को सम्मानपूर्वक हल किया जा रहा है। हम उम्मीद करते हैं कि सैनिकों की वापसी से यथास्थिति बहाल हो जाएगी जो मार्च 2020 में थी।''

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को भारत और चीन की सेनाओं के पीछे हटने की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति मई 2020 से पहले जैसी हो जाएगी।

जयराम रमेश ने पीएम मोदी पर चीन के मंसूबों को लेकर भोला होने का आरोप लगाया। “यह खेदजनक गाथा चीन के संबंध में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की भोलापन और भोलेपन का पूर्ण आरोप है। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में, मोदी की चीन ने तीन बार भव्य मेजबानी की थी। प्रधान मंत्री के रूप में, उन्होंने चीन की पांच आधिकारिक यात्राएं कीं और चीनी प्रधान मंत्री शी जिनपिंग के साथ 18 बैठकें कीं, जिसमें उनके 64 वें जन्मदिन पर साबरमती के तट पर एक दोस्ताना झूला सत्र भी शामिल था, ”उन्होंने लिखा, उन्होंने दावा किया कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी आक्रमण को विफल करते हुए ड्यूटी के दौरान 20 भारतीय सैनिकों के शहीद होने के ठीक चार दिन बाद पीएम मोदी ने चीन को क्लीन चिट दे दी। “भारत की स्थिति 19 जून, 2020 को अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई जब पीएम ने चीन को कुख्यात क्लीन चिट देते हुए कहा, “ना कोई हमारी सीमा में घुस आया है, न ही कोई घुसा हुआ है”। यह बयान गलवान में हुई झड़प के चार दिन बाद ही दिया गया था, जिसमें हमारे 20 बहादुर सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था। यह हमारे शहीद सैनिकों का गहरा अपमान है, इसने चीन की आक्रामकता को भी वैध बना दिया और इस तरह एलएसी पर गतिरोध के समय पर समाधान में बाधा उत्पन्न हुई। पूरे संकट पर मोदी सरकार के दृष्टिकोण को डीडीएलजे के रूप में वर्णित किया जा सकता है: इनकार करें, ध्यान भटकाएं, झूठ बोलें और औचित्य सिद्ध करें,'' उन्होंने दावा किया।

जयराम रमेश ने मांग की कि केंद्र को चीन के साथ अपने नवीनतम समझौते के संबंध में देश के लोगों को विश्वास में लेना चाहिए।जयराम रमेश के चीन से छह सवाल-

1. क्या भारतीय सैनिक डेपसांग में हमारी दावा रेखा से लेकर बॉटलनेक जंक्शन से आगे के पांच गश्त बिंदुओं तक गश्त करने में सक्षम होंगे जैसा कि वे पहले करने में सक्षम थे?

2. क्या हमारे सैनिक डेमचोक में उन तीन गश्त बिंदुओं तक पहुंच पाएंगे जो चार साल से अधिक समय से सीमा से बाहर हैं?

3. क्या हमारे सैनिक पैंगोंग त्सो में फिंगर 3 तक ही सीमित रहेंगे जबकि पहले वे फिंगर 8 तक जा सकते थे?

4. क्या हमारे गश्ती दल को गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में उन तीन गश्त बिंदुओं तक पहुंचने की अनुमति है, जहां वे पहले जा सकते थे?

5. क्या भारतीय चरवाहों को एक बार फिर चुशुल में हेलमेट टॉप, मुक्पा रे, रेजांग ला, रिनचेन ला, टेबल टॉप और गुरुंग हिल में पारंपरिक चरागाहों तक पहुंचने का अधिकार दिया जाएगा?

6. क्या "बफर जोन" जो हमारी सरकार ने चीनियों को सौंप दिया था, जिसमें रेजांग ला में युद्ध नायक और मरणोपरांत परमवीर चक्र विजेता मेजर शैतान सिंह का स्मारक स्थल भी शामिल था, अब अतीत की बात हो गए हैं?

चीन ने लद्दाख में भारत के साथ समझौते की पुष्टि की

नई दिल्ली ने सोमवार को कहा कि भारत और चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं। "अब पिछले कई हफ्तों में हुई चर्चाओं के परिणामस्वरूप, भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त व्यवस्था पर एक समझौता हुआ है और इससे विघटन हो रहा है और अंततः 2020 में इन क्षेत्रों में उत्पन्न हुए मुद्दों का समाधान, “विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा।

चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को पुष्टि की कि वह पूर्वी लद्दाख में गतिरोध समाप्त करने के लिए भारत के साथ एक समझौते पर पहुंच गया है। "हाल के दिनों में, चीन और भारत ने राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से चीन-भारत सीमा पर प्रासंगिक मुद्दों पर घनिष्ठ संचार बनाए रखा है। वर्तमान में, दोनों पक्ष प्रासंगिक मुद्दों के समाधान पर पहुंच गए हैं, जिसका चीन ने सकारात्मक मूल्यांकन किया है। अगले कदम में, चीन उपरोक्त समाधान को लागू करने के लिए भारत के साथ काम करेगा, ”चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा। 

हरियाणा में मंत्रालयों का बंटवारा, सीएम सैनी के पास गृह-वित्त समेत कुल 12 विभाग,जानें और किसे क्या मिला

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हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने रविवार देर रात अपनी कैबिनेट के विभागों का बंटवारा कर दिया। सीएम ने गृह, वित्त और आबकारी समेत कुल 12 विभाग अपने पास रखे हैं, जबकि सात बार के विधायक व सबसे वरिष्ठ नेता अनिल विज को ऊर्जा, ट्रांसपोर्ट और श्रम विभाग दिया गया है। विपुल गोयल को भी भारी भरकम विभाग दिए गए हैं। उनके पास रेवेन्यू व डिजास्टर, निकाय विभाग, सिविल एविएशन विभाग रहेगा।

किसे मिला कौन सा मंत्रालय?

-अनिल विज ऊर्जा, परिवहन और श्रम विभाग के मंत्री होंगे।

-कृष्णलाल पंवार पंचायत और खनन मंत्री बनाए गए हैं।

-राव नरबीर सिंह उद्योग एवं वाणिज्य, पर्यावरण वन समेत 4 विभाग के मंत्री होंगे।

-महिपाल ढांडा स्कूल शिक्षा, उच्चतर शिक्षा और संसदीय कार्य मंत्री होंगे।

-विपुल गोयल को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन, स्थानीय निकाय और सिविल एविएशन विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

-अरविंद शर्मा को सहकारिता, जेल एवं पर्यटन समेत 4 विभाग दिए गए हैं।

-श्याम सिंह राणा को कृषि, पशुपालन एवं डेयरिंग और मत्स्य विभाग का मंत्री बनाया गया।

-रणबीर गंगवा को जनस्वास्थ्य और लोक निर्माण विभाग का मंत्री बनाया गया।

-कृष्ण कुमार बेदी को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता समेत 3 विभाग मिले।

-श्रुति चौधरी को महिला एवं बाल विकास और सिंचाई विभाग की मंत्री बनाया गया।

-आरती राव को स्वास्थ्य, मेडिकल एजुकेशन और आयुष विभाग की मंत्री बनाया गया।

-राजेश नागर को खाद्य एवं आपूर्ति एवं प्रिंटिंग एवं स्टेशनरी विभाग की जिम्मेदारी मिली।

-गौरव गौतम को खेल समेत 3 विभाग का मंत्री बनाया गया।

बता दें कि आठ अक्टूबर को जब हरियाणा चुनाव के नतीजे आए तो बीजेपी को राज्य में ऐतिहासिक जीत मिली। बीजेपी ने हरियाणा ने जीत की हैट्रिक लगाई है।पिछले 10 से हरियाणा की सत्ता पर काबिज बीजेपी ने पहली बार राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई। बीजेपी को 48 सीटें मिलीं। हरियाणा में नई सरकार के गठन को लेकर विधायक दल की बैठक हुई। इस बैठक में नायब सिंह सैनी को एक बार फिर से विधायक दल का नेता चुना गया और राज्य की कमान एक बार फिर से उन्हीं को सौंपने का फैसला किया गया।

Uniting Bharat: The Grannus Organization Revolutionizes Volunteering Across India

 

Imagine a world where every woman feels protected, every child is safe, the hungry are fed, and citizens unite in times of natural disasters or emergencies to support local authorities. People in India have long desired to contribute to the greater good through volunteering, but a major challenge has been how to unite these efforts on a large scale. Across the country, small social groups form to take on local tasks, but scaling these groups to a national level has been difficult—until now.

A groundbreaking solution has emerged from Ahmedabad, where the Grannus organization, a technology-driven organisation, has designed the Grannus PHPN App to bring people across Bharat together for a common purpose: helping others in need. PHPN, or "People Helping People Network," is exactly what the name suggests—a platform connecting citizens from all parts of India through cutting-edge technology. This app, powered by Grannus’ unique DGBSI SRPP/RTPP model, is particularly effective in mobilizing volunteers during emergencies.

Leadership and Vision

The Grannus PHPN project operates under the guidance of a highly respected figure in Gujarat, Geetha Johri, the former Director General of Police (DGP) of Gujarat, who now serves as the President of Grannus Organization. Alongside her, Mayank Shah, a social entrepreneur and the CEO of Grannus Organization, envisioned this platform as a means to unite people through social-interest-based integration through his unique idea of making DGBSI SRPP/RTPP model for emergency management. The brilliant coding to make this technology live was done by Chirag Patel.

“We are leveraging digitalization to tackle India's most pressing social issues,” says Mayank Shah. “Grannus connects citizens who are committed to societal betterment by organizing them based on their location and social interests. Our app facilitates everything from ensuring women’s safety, locating missing persons, and managing medical emergencies, to responding to national crises and natural disasters. We also support food donation drives and environmental initiatives. Users can register for free, select their areas of interest, and receive real-time alerts when their assistance is needed. Together, we can create a safer, more connected community.”

 A Rising Success in Gujarat

Since its launch, the Grannus PHPN app has gained viral popularity in Gujarat, even trending at number one on the Google Play Store for several days. It is now the highest-rated Indian app focused on social issues. The app has drawn praise from prominent figures, including Gujarat’s Chief Minister, Bhupendra Bhai Patel, and various IAS and IPS officers, who have commended Grannus for its successful projects, particularly during the COVID-19 pandemic.

How It Works

Joining the movement is simple. Volunteers can download the Grannus PHPN app from the Google Play Store, select their social interests—ranging from women's safety and disaster response to environmental work—and receive notifications when their help is needed. Users can choose one or more interests, and the app connects them with nearby volunteering opportunities, whether with local NGOs or during emergencies in their vicinity.

A Vision for National Impact

“Our population, often seen as a challenge, can become our greatest asset,” explains Shah. “The government is working tirelessly to address social issues, but by connecting people and empowering them with volunteering opportunities, we can solve many of our country's problems together.”

Under the administrative leadership of Geetha Johri, the project is poised to expand beyond Gujarat and make a significant impact across the nation. The Grannus PHPN app has the potential to transform India’s social landscape, bringing together communities and creating a brighter, safer future for all.


हरियाणा में एमपी-राजस्थान की तरह होंगे 2 डिप्टी सीएम! सैनी कैबिनेट में ये चेहरे हो सकते हैं शामिल

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हरियाणा चुनाव के परिणाम आने के बाद सरकार गठन की कवायद शुरू हो गई हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद बाद प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है। कहा जा रहा है कि विजयदशमी के दिन नई सरकार का शपथग्रहण हो सकता है।चर्चाएं हैं कि हरियाणा में भाजपा दो डिप्टी सीएम बना सकती है। इसमें एक दलित तो दूसरा यादव समाज से हो सकता है।

चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी ने कुछ भी नहीं कहा है, लेकिन पार्टी के बड़े नेता पहले ही नायब सिंह सैनी को मुख्यमंत्री का चेहरा बता चुके हैं। हरियाणा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान तो साफ-साफ कह चुके हैं कि सरकार आने पर सैनी ही मुख्यमंत्री बनेंगे। ऐसे में कहा जा रहा है कि सैनी ही हरियाणा के नए मुख्यमंत्री हो सकते हैं। जल्द ही पार्टी की तरफ से इसकी आधिकारिक घोषणा को लेकर प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।

हरियाणा सरकार में मुख्यमंत्री सहित कुल 14 मंत्री हो सकते हैं। पिछली सरकार के 8 मंत्री चुनाव हार चुके हैं। 3 मंत्रियों के टिकट काटे गए थे। सिर्फ 2 मंत्री चुनाव जीतने में सफल रहे हैं। इसका मतलब है कि भाजपा को 11 नए चेहरों की तलाश करनी होगी। अनिल विज वो सीनियर नेता हैं जिन्होंने अपनी सीट बरकरार रखी है। अनिल विज को मंत्री पद मिल सकता है। बीजेपी जाटों, ब्राह्मणों, पंजाबी और दलितों सहित राज्य की विभिन्न जातियों को ध्यान में रखकर कैबिनेट का गठन करेगी।

बीजेपी के पक्ष में दलित, अहीर, गुर्जर और अन्य गैर-जाट ओबीसी के साथ ब्राह्मण और राजपूतों ने भी जमकर मतदान किया है। ऐसे में सरकार में इन जातियों का सियासी दबदबा दिख सकता है। बीजेपी के पास अब दलित समुदाय से नौ विधायक हैं, आठ पंजाबी मूल के, सात ब्राह्मण और जाटों और यादवों में से प्रत्येक के छह विधायक हैं। पार्टी के पास गुर्जर, राजपूत, वैश्य और एक ओबीसी नेता भी हैं।

 

नौ दलित विधायकों में एक हैं छह बार के विधायक कृष्ण लाल पंवार और दूसरे हैं दो बार के विधायक कृष्णा बेदी। पंजाबी मूल के आठ लोगों में सात बार के विधायक और पूर्व गृह मंत्री अनिल विज हैं, जो मार्च में मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने के बाद नाराज हो गए थे। जींद के विधायक कृष्ण मिड्ढा भी इस रेस में हैं, जिन्होंने लगातार तीसरी बार अपनी सीट जीती है। एक और अब तीन बार के विधायक यमुनानगर से घनश्याम दास अरोड़ा हैं। लेकिन उनकी नियुक्ति को छोड़ दिया जा सकता है क्योंकि उनकी सीट अम्बाला क्षेत्र के भीतर है। अरोड़ा को हांसी से तीन बार के विधायक विनोद भयाना के लिए नजरअंदाज किया जा सकता है।

ब्राह्मण चेहरों में बल्लभगढ़ से तीन बार के विधायक मूल चंद शर्मा शामिल हैं, जिन्हें मंत्रिमंडल में बरकरार रखा जा सकता है। एक और संभावित दो बार के लोकसभा सांसद अरविंद शर्मा हैं जिन्होंने गोहाना जीता। राम कुमार गौतम, जिन्होंने सफीदों को जीत दिलाई, जिसे भाजपा ने कभी नहीं जीता था। भाजपा के लिए अहीरवाल बेल्ट के छह विधायक महत्वपूर्ण हैं जिन्होंने एक बार फिर पार्टी को भारी मतों से वोट दिया। इनमें बादशाहपुर से छह बार के विधायक राव नरबीर सिंह हैं। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव ने पहली बार अटेली सीट जीती है, लेकिन उनका नाम शॉर्टलिस्ट में है। साथ ही दो बार के विधायक लक्ष्मण यादव का नाम भी है।

जाट नेता महीपाल ढांडा अब पानीपत (ग्रामीण) से दो बार के विधायक हैं और उनके बरकरार रहने की संभावना है। राई से दूसरी बार चुने गए कृष्ण गहलोत भी इस दौड़ में शामिल हैं। एक संभावित बड़ा नया नाम पार्टी के राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी श्रुति चौधरी का है। अन्य संभावित उम्मीदवारों में वैश्य समुदाय के पूर्व मंत्री विपुल गोयल शामिल हैं। हरियाणा में सबसे अमीर महिला और हिसार से निर्दलीय विधायक सावित्री जिंदल ने औपचारिक रूप से भाजपा को अपना समर्थन दे दिया है। इससे उनके नए मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना बढ़ गई है।