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आज का रशिफल, 27 सितंबर 2024: शिव के साथ बना गुरु पुष्य योग, इन 5 राशियों को मिलेगा भाग्य का साथ, जानें आज का राशिफल
आज का पंचांग,27 सितंबर 2024: आज कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि है।आइए जानते हैं आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय।
मेष राशि- अपनों का साथ होगा। मित्र, भाई-बंधु कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे। व्यावसायिक वृद्धि होगी। स्वास्थ्य अच्छा होगा। प्रेम-संतान थोड़ा मध्यम है। सूर्य को जल देते रहें।
वृषभ राशि- धन का आगमन होगा। कुटुंबों में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य में सुधार होगा, प्रेम-संतान का साथ होगा व व्यापार बहुत अच्छा रहेगा। लाल वस्तु का दान करें।
मिथुन राशि- स्वास्थ्य आपका ठीक चल रहा है। प्रेम-संतान की स्थिति कुछ नयापन लेकर आएगी। बच्चे आज्ञा का पालन करेंगे। नव प्रेम का आगमन या प्रेम में नयापन। एक शुभ संकेत दिख रहा है। व्यापार भी अच्छा है। लाल वस्तु का दान करें।
कर्क राशि- ऊर्जा का स्तर घटा रहेगा। प्रेम में तूतू-मैंमैं रहेगा। संतान की स्थिति थोड़ी दूरी वाली रहेगी। व्यापार में नुकसान के संकेत हैं, बचकर पार करिए। लाल वस्तु पास रखें।
सिंह राशि- यात्रा का योग बनेगा। शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। आर्थिक रास्ते पर जो रुकावट है वह दूर होगी। प्रसन्नता वाला समय रहेगा। स्वास्थ्य, प्रेम व व्यापार बहुत अच्छा है। सूर्य को जल देते रहें।
कन्या राशि- कोर्ट-कचहरी में विजय मिलेगी। अगर आपके नाम से कोई कानूनी पचड़े हैं तो उसमें आप विजय हासिल करेंगे। उच्चाधिकारियों का आशीर्वाद होगा। पिता का साथ होगा। स्वास्थ्य अच्छा। प्रेम- संतान अच्छा। व्यापार अच्छा। लाल वस्तु का दान करें।
तुला राशि- भाग्य साथ देगा। यात्रा का योग बनेगा। धर्म-कर्म में हिस्सा लेंगे। स्वास्थ्य पहले से काफी बेहतर है। प्रेम-संतान मध्यम है। व्यापार बहुत अच्छा है। शनिदेव को प्रणाम करते रहें।
वृश्चिक राशि- कोई रिस्क न लें। परिस्थितियां प्रतिकूल हैं। चोट-चपेट लग सकती है। किसी परेशानी में पड़ सकते हैं। स्वास्थ्य मध्यम। प्रेम-संतान का साथ। व्यापार बहुत अच्छा। पीली वस्तु पास रखें।
धनु राशि- प्रेम का साथ होगा। विवाह की स्थिति बनेगी। नौकरी चाकरी की स्थिति बहुत अच्छी होगी। जो लोग सेना या वर्दी वाली नौकरी करते हैं उनके लिए शुभ संकेत। प्रेम-संतान, व्यापार बहुत अच्छा है। लाल वस्तु पास रखें।
मकर राशि- शत्रु सामने पड़ने की हिम्मत नहीं करेंगे। नतमस्तक हो जाएंगे। गुण-ज्ञान की प्राप्ति होगी। बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा। स्वास्थ्य थोड़ा मध्यम रहेगा, बाकी प्रेम-संतान, व्यापार बहुत अच्छा है। लाल वस्तु का दान करें।
कुंभ राशि- क्रोध पर काबू रखें। भावुकता पर काबू रखें। महत्वपूर्ण निर्णय अभी रोक कर रखें। स्वास्थ्य मध्यम। मानसिक स्वास्थ्य भी मध्यम। प्रेम, संतान मध्यम और व्यापार अच्छा है। हरी वस्तु पास रखें।
मीन राशि- घर के लिए शुभ संकेत हैं कुछ शुभ संस्कार हो सकते हैं। भौतिक सुख-संपदा में वृद्धि संभव है। मां के स्वास्थ्य में सुधार संभव है। स्वास्थ्य अच्छा, प्रेम-संतान अच्छा। व्यापार अच्छा। लाल वस्तु पास रखें।
आज का पंचांग 26 सितम्बर 2024:जानिए पंचांग के अनुसार मुहूर्त और ग्रहयोग
सूर्योदय: 6:21 AM
सूर्यास्त: 6:14 PM
चन्द्रोदय: 1:22 AM
चन्द्रास्त: 3:19 PM
अयन: दक्षिणायन
द्रिक ऋतु: शरद
विक्रम संवत - 2081, पिंगल
शक सम्वत - 1946, क्रोधी
पूर्णिमांत - आश्विन
अमांत - भाद्रपद
तिथि
कृष्ण पक्ष दशमी - Sep 26 12:25 PM – Sep 27 01:20 PM
कृष्ण पक्ष एकादशी - Sep 27 01:20 PM – Sep 28 02:50 PM
नक्षत्र
पुष्य - Sep 26 11:34 PM – Sep 28 01:20 AM
आश्लेषा - Sep 28 01:20 AM – Sep 29 03:38 AM
सूर्या राशि
सूर्य कन्या राशि पर है
चंद्र राशि
चन्द्रमा कर्क राशि पर संचार करेगा (पूरा दिन-रात)
चन्द्र मास
अमांत - भाद्रपद
पूर्णिमांत - आश्विन
शक संवत (राष्ट्रीय कलैण्डर) -
आश्विन 5, 1946
वैदिक ऋतु - वर्षा
द्रिक ऋतु - शरद
Auspicious Yogas
अमृतसिद्धि योग - Sep 26 11:34 PM - Sep 27 06:21 AM (Pushya and Thursday)
गुरू पुष्य योग - Sep 26 11:34 PM - Sep 27 06:21 AM (Pushya and Thursday)
सर्वार्थसिद्धि योग - Sep 26 11:34 PM - Sep 27 06:21 AM (Pushya and Thursday)
चंद्रशेत्मा
1. Moola , Purva Ashadha , Uttara Ashadha First 1 पदम
गण्डमूल नक्षत्र
1. Sep 28 01:20 AM – Sep 29 03:38 AM (Ashlesha)
दिन का चौघड़िया
रात का चौघड़िया
चर 06:21 AM 07:50 आम
लाभ 07:50 AM 09:19 आम
अमृत (वार वेला) 09:19 AM 10:48 आम
काल (काल वेला) 10:48 AM 12:17 PM
शुभ 12:17 PM 13:46 PM
रोग 13:46 PM 15:16 PM
उद्बेग 15:16 PM 16:45 PM
चर 16:45 PM 18:14 PM
आज का राशिफल, 26 सितम्बर 2024: जानिये राशि के अनुसार आज आप का दिन कैसा रहेगा..?
मेष राशि- अपनों का साथ होगा। मित्र, भाई-बंधु कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे। व्यावसायिक वृद्धि होगी। स्वास्थ्य अच्छा होगा। प्रेम-संतान थोड़ा मध्यम है। सूर्य को जल देते रहें।
वृषभ राशि- धन का आगमन होगा। कुटुंबों में वृद्धि होगी। स्वास्थ्य में सुधार होगा, प्रेम-संतान का साथ होगा व व्यापार बहुत अच्छा रहेगा। लाल वस्तु का दान करें।
मिथुन राशि- स्वास्थ्य आपका ठीक चल रहा है। प्रेम-संतान की स्थिति कुछ नयापन लेकर आएगी। बच्चे आज्ञा का पालन करेंगे। नव प्रेम का आगमन या प्रेम में नयापन। एक शुभ संकेत दिख रहा है। व्यापार भी अच्छा है। लाल वस्तु का दान करें।
कर्क राशि- ऊर्जा का स्तर घटा रहेगा। प्रेम में तूतू-मैंमैं रहेगा। संतान की स्थिति थोड़ी दूरी वाली रहेगी। व्यापार में नुकसान के संकेत हैं, बचकर पार करिए। लाल वस्तु पास रखें।
सिंह राशि- यात्रा का योग बनेगा। शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। आर्थिक रास्ते पर जो रुकावट है वह दूर होगी। प्रसन्नता वाला समय रहेगा। स्वास्थ्य, प्रेम व व्यापार बहुत अच्छा है। सूर्य को जल देते रहें।
कन्या राशि- कोर्ट-कचहरी में विजय मिलेगी। अगर आपके नाम से कोई कानूनी पचड़े हैं तो उसमें आप विजय हासिल करेंगे। उच्चाधिकारियों का आशीर्वाद होगा। पिता का साथ होगा। स्वास्थ्य अच्छा। प्रेम- संतान अच्छा। व्यापार अच्छा। लाल वस्तु का दान करें।
तुला राशि- भाग्य साथ देगा। यात्रा का योग बनेगा। धर्म-कर्म में हिस्सा लेंगे। स्वास्थ्य पहले से काफी बेहतर है। प्रेम-संतान मध्यम है। व्यापार बहुत अच्छा है। शनिदेव को प्रणाम करते रहें।
वृश्चिक राशि- कोई रिस्क न लें। परिस्थितियां प्रतिकूल हैं। चोट-चपेट लग सकती है। किसी परेशानी में पड़ सकते हैं। स्वास्थ्य मध्यम। प्रेम-संतान का साथ। व्यापार बहुत अच्छा। पीली वस्तु पास रखें।
धनु राशि- प्रेम का साथ होगा। विवाह की स्थिति बनेगी। नौकरी चाकरी की स्थिति बहुत अच्छी होगी। जो लोग सेना या वर्दी वाली नौकरी करते हैं उनके लिए शुभ संकेत। प्रेम-संतान, व्यापार बहुत अच्छा है। लाल वस्तु पास रखें।
मकर राशि- शत्रु सामने पड़ने की हिम्मत नहीं करेंगे। नतमस्तक हो जाएंगे। गुण-ज्ञान की प्राप्ति होगी। बुजुर्गों का आशीर्वाद मिलेगा। स्वास्थ्य थोड़ा मध्यम रहेगा, बाकी प्रेम-संतान, व्यापार बहुत अच्छा है। लाल वस्तु का दान करें।
कुंभ राशि- क्रोध पर काबू रखें। भावुकता पर काबू रखें। महत्वपूर्ण निर्णय अभी रोक कर रखें। स्वास्थ्य मध्यम। मानसिक स्वास्थ्य भी मध्यम। प्रेम, संतान मध्यम और व्यापार अच्छा है। हरी वस्तु पास रखें।
मीन राशि- घर के लिए शुभ संकेत हैं कुछ शुभ संस्कार हो सकते हैं। भौतिक सुख-संपदा में वृद्धि संभव है। मां के स्वास्थ्य में सुधार संभव है। स्वास्थ्य अच्छा, प्रेम-संतान अच्छा। व्यापार अच्छा। लाल वस्तु पास रखें।
अविधवा नवमी आज इसे ' दुख नवमी ' के नाम से भी जाना जाता है
अविधवा नवमी पितृ पक्ष (पूर्वजों को समर्पित पखवाड़ा) की ' नवमी ' (9वें दिन) को मनाया जाने वाला एक शुभ हिंदू अनुष्ठान है। उत्तर भारतीय कैलेंडर के अनुसार, यह 'आश्विन कृष्ण पक्ष' के दौरान मनाया जाता है, जबकि गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश राज्य में अमावस्यांत कैलेंडर के अनुसार, अविधवा नवमी 'भाद्रपद कृष्ण पक्ष नवमी' को पड़ती है।
यह व्रत उन विवाहित महिलाओं को समर्पित है जिनकी मृत्यु उनके पति से पहले हुई थी। इसलिए अविधवा नवमी एक ऐसा दिन है जिसका पालन विधुरों द्वारा किया जाता है। इस दिन हिंदू देवताओं की बजाय 'धुरीलोचन' जैसे देवताओं की पूजा की जाती है। 'धुरी' शब्द का अर्थ है 'धुआँ' जबकि हिंदी में 'लोचन' का अर्थ है 'आँखें' और इन देवताओं की आँखें धुएँ के कारण आधी बंद रहती हैं। अविधवा नवमी पर, भक्त इन देवताओं का आह्वान करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए पूजा करते हैं। अविधवा नवमी के अनुष्ठान एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न होते हैं और समुदायों में भी भिन्न होते हैं। अविधवा नवमी मुख्य रूप से भारत के उत्तरी राज्यों में मनाई जाती है और इसे ' दुख नवमी ' के नाम से भी जाना जाता है।
अविधवा नवमी की तिथि
इस बार अविधा नवमी 25 सितंबर बुधवार को है।
अविधा नवमी के दौरान अनुष्ठान
महिलाओं के लिए अविधवा नवमी का अनुष्ठान पितृ पक्ष की नवमी (9वें दिन) तिथि पर सबसे बड़े बेटे द्वारा किया जाना चाहिए। इस दिन मृतक महिलाओं की आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए तर्पण और पिंडदान के नियमित श्राद्ध अनुष्ठान किए जाते हैं। साथ ही अविधवा नवमी पर ब्राह्मण मुथैदे भोजन की व्यवस्था अवश्य करनी चाहिए। भोजन कराने के बाद ब्राह्मणों को दक्षिणा दी जाती है, जिसमें साड़ी, ब्लाउज का टुकड़ा, कुमकुम, दर्पण और फूल शामिल होते हैं।
अविधवा नवमी पर कुछ क्षेत्रों में सामान्य श्राद्ध कर्म नहीं किए जाते हैं। इसके बजाय, विवाहित महिला की आत्मा को भोजन कराया जाता है। कुछ जगहों पर लोग अविधवा नवमी पर संकल्प श्राद्ध करते हैं, जबकि कुछ लोग इस दिन केवल सामान्य श्राद्ध कर्म ही करते हैं।
अविधवा नवमी पर, अन्य पितृ पक्ष श्राद्धों के विपरीत, जिसमें सभी पूर्वजों की आत्माओं को बुलाया जाता है, इस दिन, भक्त अपनी माँ (माता), दादी (मातामही) और परदादी (प्रपितामही) को भी बुलाता है। इसके बाद, पंडा प्रधान का अनुष्ठान किया जाता है, जिसे 'अन्वस्थक श्राद्ध' भी कहा जाता है।
अविधवा नवमी का महत्वपूर्ण समय
सूर्योदय 25 सितंबर, सुबह 6:20 बजे
सूर्यास्त 25 सितंबर, शाम 6:16 बजे
नवमी तिथि का समय 25 सितंबर, 12:11 अपराह्न - 26 सितंबर, 12:26 अपराह्न
अविधवा नवमी का महत्व
'अविधवा' शब्द का अर्थ है 'विधवा नहीं' या 'सुमंगली'। इसलिए अविधवा नवमी के अनुष्ठान उन महिलाओं के लिए किए जाते हैं जिनकी मृत्यु सुमंगली के रूप में हुई थी। ये अनुष्ठान विवाहित महिला की मृत्यु के बाद उसकी आत्मा को शांति प्रदान करते हैं, और बदले में वह अपनी संतानों को आशीर्वाद देती है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, अविधवा नवमी का पालन तब तक किया जाना चाहिए जब तक कि मुथैदे का पति जीवित है। पिता की मृत्यु के बाद इस अनुष्ठान का पालन नहीं किया जाना चाहिए। इसलिए अविधवा नवमी श्राद्ध कर्म केवल महिला पूर्वजों के लिए किया जाता है। यदि किसी कारण से कोई व्यक्ति अविधवा नवमी अनुष्ठान करने से चूक जाता है, तो 'महालय अमावस्या' पर श्राद्ध किया जा सकता है।
आज का रशिफल,25 सितंबर 2024:जानिये आपके राशि के अनुसार क्या है आप का भविष्यफल..?
मेष दैनिक राशिफल
आज का दिन आपके लिए बाकी दिनों की तुलना में अच्छा रहने वाला है। आपको लाभ की योजना पर पूरा ध्यान देना होगा। आप ऊर्जा से भरपूर रहेंगे, लेकिन आप अपनी ऊर्जा को सही कामों में लगाएं, तो ही बेहतर रहेगा। नौकरी में कार्यरत लोगों का प्रभाव बढे़गा। आप दोस्तों के साथ कहीं घूमने जा सकते हैं। आपके पिताजी यदि काम को लेकर कोई सलाह दें, तो आप उनकी बातों पर अमल अवश्य करें। कोई पुरस्कार मिलने से किसी पार्टी का आयोजन हो सकता है।
वृषभ दैनिक राशिफल
आज का दिन आपके लिए मेहनत से भरा रहने वाला है। आपकी मेहनत से आपको पूरा फल मिलेगा। नौकरी में कार्यरत लोगों के अधिकारी उनके कामों से खुश रहेंगे, जिस कारण प्रमोशन भी मिल सकता है। अपने यदि पहले किसी से कुछ कर्ज लिया था, तो आप उसे काफी हद तक उतारने में सफल रहेंगे। सामाजिक क्षेत्रों में कार्यरत लोग अपने काम से काम मतलब रखें तो ही बेहतर रहेगा। आज आपको अपने किसी सहयोगी की कोई बात बुरी लग सकती है। आपकी मां की इच्छा की पूर्ति होने से आपकी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा।
मिथुन दैनिक राशिफल
आज का दिन आपके लिए आर्थिक दृष्टिकोण से अच्छा रहने वाला है। मित्रों का आपको पूरा साथ मिलेगा। पारिवारिक बिजनेस में किसी काम को लेकर आप आगे बढ़ेंगे। आपकी तरक्की की राह में आ रही बाधा दूर होंगी। आपको अपनी वाणी व व्यवहार पर नियंत्रण रखना होगा। नौकरी में कार्यरत लोगों के शत्रु उन्हे नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं, जिन्हे आप अपनी चतुर बुद्धि से आसानी से मात दे सकेंगे। आपको अपने कामों को लेकर ढील नहीं देनी है। विद्यार्थी किसी प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं।
कर्क दैनिक राशिफल
आज का दिन सामाजिक क्षेत्रों में कार्यरत लोगों के लिए अच्छा रहने वाला है। बिजनेस में आपको किसी बड़ी डील को फाइनल करने का मौका मिलेगा। जीवनसाथी की सलाह आपके लिए कारगर सिद्ध होगी। आप अपने किसी मित्र को लेकर कहीं घूमने फिरने जा सकते हैं। आपकी कोई प्रिय वस्तु यदि खो गई थी, तो उसके मिलने की संभावना है। संतान को आज कोई गले से संबंधित समस्या हो सकती है। आपको किसी की कहीसुनी बातों पर भरोसा करने से बचना होगा।
सिंह दैनिक राशिफल
आज का दिन आपके लिए सोच समझकर कामों को करने के लिए रहेगा। आप कार्यक्षेत्र में किसी से कोई जरूरी जानकारी शेयर ना करें। आपका कोई धन संबंधित मामला सुलझ सकता है और कार्यक्षेत्र में आपको कोई बड़ी उपलब्धि मिलने की संभावना है। आप किसी नए वाहन को घर लेकर आ सकते हैं, लेकिन आपको अपने बढ़ते खर्चो पर लगाम लगाने के बारे में सोचना होगा। जीवनसाथी का सहयोग और सानिध्य आपको भरपूर मात्रा में मिलेगा। आपके परिवार में किसी सदस्य की ओर से कोई खुशखबरी मिल सकती है।
कन्या दैनिक राशिफल
आज का दिन आपके लिए चिंताग्रस्त रहने वाला है। प्रेम जीवन में खटपट रहने की संभावना है। आपको किसी विपरीत परिस्थिति में धैर्य बनाए रखना होगा और वाणी व व्यवहार पर आपको संयम रखें। आप परिवार के सदस्यों के साथ किसी मांगलिक उत्सव में सम्मिलित हो सकते हैं। किसी सरकारी योजना का आपको पूरा लाभ मिलेगा। वरिष्ठ सदस्यों से मिल बैठकर आप पारिवारिक बिजनेस को लेकर राय ले सकते हैं। यदि आप किसी नए काम की शुरुआत करने के लिए सोच विचार कर रहे थे, तो उसमें कुछ अड़चनें आ सकती हैं।
तुला दैनिक राशिफल
आज का दिन आपके लिए खुशनुमा रहने वाला है। यदि आपको कोई टेंशन चल रही थी, तो वह भी दूर होगी। आप जिस भी काम में हाथ डालेंगे, उसमें आपका सफलता अवश्य मिलेगी। भाग्य का आपको पूरा साथ मिलेगा। सरकारी नौकरी की तैयारी में लगे लोगों को किसी परीक्षा को देने का मौका मिल सकता है। आपको कार्यक्षेत्र में अपने सहयोगियों से यदि किसी मदद की आवश्यकता होगी, तो वह भी आपको आसानी से मिल जाएगी। घूमने फिरने के दौरान कोई महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी।
वृश्चिक दैनिक राशिफल
आज का दिन आपके लिए मिश्रित रूप से फलदायक रहने वाला है। व्यवसाय में आपकी योजनाएं फलीभूत होंगी और किसी सरकारी काम में आपको सफलता मिलेगी। आपने यदि किसी से कुछ कर्ज लिया था, तो उसे भी आप काफी हद तक उतार सकते हैं। आपको अपने बिजनेस में कुछ बदलाव बहुत ही सोच विचारकर करने होंगे। माता-पिता के आशीर्वाद से आपका कोई रुका हुआ काम पूरा होगा। आपको किसी पुरानी गलती से सबक लेना होगा। विद्यार्थियों को बौद्धिक और मानसिक बोझ से छुटकारा मिलेगा।
धनु दैनिक राशिफल
आज का दिन आपके लिए मिलाजुला रहने वाला है। आप अपनी दिनचर्या को बेहतर बनाए रखें। नौकरी में आपको प्रमोशन मिलने से आपकी खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। आपके किसी मित्र की सेहत की आपको चिंता रहेगी। आप अपने घरेलू कामों को लेकर परिवार के सदस्यों से बातचीत कर सकते हैं। आपको घूमाने फिरने का मौका मिलेगा। संतान के स्वास्थ्य में यदि कुछ गिरावट चल रही थी, तो वह भी दूर होगी। आपको अपने कामों को लेकर योजना बनाकर चलना होगा।
मकर दैनिक राशिफल
आज का दिन आपके लिए धन धान्य में वृद्धि लेकर आने वाला है। आपका कोई रुपये पैसे से संबंधित मामला यदि लंबे समय से विवादित चल रहा था, तो उसमें आपको जीत मिलेगी। आप किसी से धन उधार लेने की सोच रहे थे, तो वह आपको मिल आसानी से मिल जाएगा। आपके घर किसी अतिथि का आगमन हो सकता है। गृहस्थ जीवन में आपको साथी से कोई भी ऐसी बात नहीं करनी है, जिससे कि कोई लड़ाई झगड़ा हो। आपने यदि जल्दबाजी में कोई निर्णय लिया, तो इससे आपको कोई नुकसान हो सकता है।
कुंभ दैनिक राशिफल
आज का दिन आपके लिए लाभदायक रहने वाला है। आप अपने लाभ की योजनाओं पर पूरा ध्यान दें और आप अपनी जीवनशैली को भी बेहतर करने की कोशिश में लगे रहें। परिवार के सदस्य आपके कामों में आपका पूरा साथ देंगे। आपको अपने आसपास रह रहे लोगों को पहचानने की आवश्यकता है। यदि किसी काम को लेकर आप अपने भाई बहनों से कोई मदद लेंगे, तो वह भी आपको आसानी से मिल जाएगी। विद्यार्थियों को किसी नए कोर्स में दाखिला मिल सकता है।
मीन दैनिक राशिफल
आज का दिन आपके लिए उत्तम रूप से फलदायक रहने वाला है। आपको नौकरी से संबंधित कामों को लेकर किसी यात्रा पर जाना पड़ सकता है, जिससे आपकी पदोन्नति होने की भी पूरी संभावना है। परिवार में किसी काम की शुरुआत को लेकर कोई टेंशन चल रही थी, तो वह भी दूर होगी। जीवनसाथी को किसी से कोई खुशखबरी सुनने को मिल सकती है। परिवार में किसी सदस्य के विवाह में यदि देरी हो गई थी, तो उनका विवाह पक्का हो सकता है। आपको अपने बिजनेस को लेकर कुछ नए बदलाव करेंगे, जो आपके लिए अच्छे रहेंगे।
आज का पञ्चाङ्ग 25 सितंबर 2024 : आज नवमी तिथि का श्राद्ध, जानें शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय
आज पितृपक्ष की नवमी तिथि है। आज नवमी तिथि का श्राद्ध किया जाएगा। दरअसल, आज अष्टमी तिथि मध्याह्न 12 बजकर 11 मिनट तक उपरांत नवमी तिथि का आरंभ होगा। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय।
राष्ट्रीय मिति आश्विन 03, शक संवत 1946, आश्विन, कृष्ण, अष्टमी, बुधवार, विक्रम संवत 2081।
सौर आश्विन मास प्रविष्टे 10, रबि-उल्लावल 21, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 25 सितम्बर सन् 2024 ई।
सूर्य दक्षिणायन, दक्षिण गोल, शरद ऋतु। राहुकाल मध्याह्न 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक। अष्टमी तिथि मध्याह्न 12 बजकर 11 मिनट तक उपरांत नवमी तिथि का आरंभ।
आद्रा नक्षत्र रात्रि 10 बजकर 24 मिनट तक उपरांत पुनर्वसु नक्षत्र का आरंभ।
वरीयान योग अर्धरात्रोत्तर 12 बजकर 18 मिनट तक उपरांत परिधि योग का आरंभ। कौलव करण मध्याह्न 12 बजकर 11 मिनट तक उपरांत गर करण का आरंभ।
चन्द्रमा दिन रात मिथुन राशि पर संचार करेगा।
आज के व्रत त्योहार
सौभाग्यवतीनां श्राद्ध, नवमी का श्राद्ध, मातृ नवमी, जीवित्पुत्रिका व्रत।
सूर्योदय का समय 25 सितंबर
2024 : सुबह 6 बजकर 11 मिनट पर।
सूर्यास्त का समय 25 सितंबर 2024 : शाम में 6 बजकर 14 मिनट पर।
आज का शुभ मुहूर्त 25 सितंबर 2024 :
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 36 मिनट से 5 बजकर 23 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 13 मिनट से 3 बजकर 1 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्यरात्रि रात में 11 बजकर 49 मिनट से से 12 बजकर 37 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 6 बजकर 14 मिनट से 6 बजकर 38 मिनट तक। अमृत काल सुबह 6 बजकर 11 मिनट से 7 बजकर 41 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त 25 सितंबर 2024 :
राहुकाल दोपहर में 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक। वहीं, सुबह में 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक गुलिक काल रहेगा। सुबह में 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक यमगंड रहेगा। दुर्मुहूर्त काल दोपहर में 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 37 मिनट तक।
आज का उपाय : आज गणेश स्त्रोत का पाठ करें और गणेशजी को दूर्वा अर्पित करें
कल 25 सितंबर को रखा जाएगा जितिया व्रत
आज
जितिया व्रत एक कठोर लेकिन महत्वपूर्ण व्रत है। इस व्रत को महिलाएं अपनी संतान की सलामती के लिए निर्जला रखती हैं। जितिया व्रत को मुख्य रूप से बिहार झारखंड और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में मनाया जाता है। ऐसे में चलिए जानते हैं कि यह व्रत क्यों इतना महत्वपूर्ण है और इस दिन किसकी पूजा की जाती है।
जितिया व्रत पर किसकी होती है पूजा
पंचांग के अनुसार, जितिया व्रत आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर किया जाता है। इस व्रत माताएं अपनी संतान की सुरक्षा व स्वास्थ्य की कामना के साथ व्रत रखती हैं। ऐसा माना जाता है कि श्रद्धाभाव से इस व्रत को रखने से संतान के जीवन में आ रही सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं। इतना ही नहीं, इस व्रत को लेकर यह भी कहा जाता है कि जो भी महिला इस व्रत को करती है उसे कभी संतान वियोग का सामना नहीं करना पड़ता।
जितिया व्रत शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की अष्टमी तिथि 24 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 38 मिनट पर हो शुरू हो रही है। वहीं, इस तिथि का समापन 25 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर होने जा रहा है। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, जितिया व्रत बुधवार, 25 सितंबर को किया जाएगा।
कैसे किया जाता है यह व्रत
जितिया व्रत में छठ की तरह ही नहाय-खाय और खरना किया जाता है व तीसरे दिन इस व्रत का पारण किया जाता है। जितिया व्रत के दिन महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान-ध्यान करती हैं। व्रत के दिन सूर्योदय से पहले फल, मिठाई, चाय, पानी आदि का सेवन किया जा सकता है। इसके बाद अगले दिन सूर्योदय तक निर्जला व्रत किया जाता है। इसके बाद अगले दिन सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद व्रत का पारण किया जाता है। इस दौरान चावल, मरुवा की रोटी, तोरई, रागी और नोनी का साग खाने का प्रचलन है।
किसकी होती है पूजा
जितिया व्रत पर भगवान जीमूतवाहन की पूजा का विधान है, जो असल में एक गंधर्व राजकुमार थे। एक पौराणिक कथा के अनुसार, राजा जीमूतवाहन ने अपने साहस और सूझबूझ से एक मां के बेटे को जीवनदान दिलाया था। तभी से उन्हें भगवान के रूप में पूजा जाने लगा और माताएं अपनी संतान की रक्षा के लिए जीवित पुत्रिका नामक व्रत रखने लगीं।
कालाष्टमी आज ! काल भैरव की पूजा करने से जीवन में चल रही सभी समस्याओं का होता है अंत
काल भैरव को भगवान शिव का पांचवां अवतार माना जाता है, जिनकी पूजा कालाष्टमी के दिन करनी शुभ होती है। ये दिन भगवान काल भैरव को समर्पित है। काल भैरव की पूजा करने से जीवन में चल रही सभी समस्याओं का अंत होता है। इसके अलावा साधक को भय, क्रोध और आसपास मौजूद बुराइयों से छुटकारा मिलता है। कालाष्टमी का व्रत हर साल आश्विन माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रखा जाता है।
हालांकि ये व्रत कालाष्टमी की कथा के बिना अधूरा होता है। जब तक साधक सच्चे मन से इस दिन कालाष्टमी व्रत की कथा को सुनता या पढ़ता नहीं है, तब तक व्रत को पूर्ण नहीं माना जाता है। इसी वजह से आज हम आपको शास्त्रों में बताई गई कालाष्टमी व्रत की सही कथा के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं, जिसे पढ़ने या सुनने मात्र से आपको भय-क्रोध और जीवन की हर परेशानी से छुटकारा मिल सकता है।
कब हैं? कालाष्टमी का व्रत
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार 24 सितंबर 2024 को दोपहर 12:38 मिनट से आश्विन माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 25 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर होगा। ऐसे में कालाष्टमी का व्रत 25 सितंबर 2024 को रखा जाएगा। इस दिन काल भैरव की पूजा प्रात: काल में 04:04 मिनट से लेकर 05:32 तक केवल ब्रह्म मुहूर्त में ही की जा सकती है। इसके बाद पूजा का कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है।
कालाष्टमी के दौरान अनुष्ठान:
कालाष्टमी भगवान शिव के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन भक्त सूर्योदय से पहले उठते हैं और जल्दी स्नान करते हैं। वे काल भैरव का दिव्य आशीर्वाद पाने और अपने पापों के लिए क्षमा मांगने के लिए उनकी विशेष पूजा करते हैं।
भक्त शाम के समय भगवान काल भैरव के मंदिर भी जाते हैं और वहां विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि कालाष्टमी भगवान शिव का रौद्र रूप है। उनका जन्म भगवान ब्रह्मा के ज्वलंत क्रोध और क्रोध को समाप्त करने के लिए हुआ था।
कालाष्टमी पर सुबह के समय मृत पूर्वजों के लिए विशेष पूजा और अनुष्ठान भी किए जाते हैं।
भक्त पूरे दिन कठोर उपवास भी रखते हैं। कुछ कट्टर भक्त पूरी रात जागकर रात्रि जागरण करते हैं और महाकालेश्वर की कहानियाँ सुनकर अपना समय व्यतीत करते हैं। कालाष्टमी व्रत का पालन करने वाले को समृद्धि और खुशी का आशीर्वाद मिलता है और उसे अपने जीवन में सभी सफलताएं प्राप्त होती हैं।
काल भैरव कथा का पाठ करना और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है।
कालाष्टमी के दिन कुत्तों को खाना खिलाने का भी रिवाज है क्योंकि काले कुत्ते को भगवान भैरव का वाहन माना जाता है। कुत्तों को दूध, दही और मिठाई खिलाई जाती है।
काशी जैसे हिंदू तीर्थ स्थानों पर ब्राह्मणों को भोजन कराना अत्यधिक फलदायी माना जाता है।
कालाष्टमी का महत्व:
कालाष्टमी की महिमा 'आदित्य पुराण' में बताई गई है। कालाष्टमी पर पूजा के मुख्य देवता भगवान काल भैरव हैं जिन्हें भगवान शिव का स्वरूप माना जाता है।
हिंदी में 'काल' शब्द का अर्थ 'समय' है जबकि 'भैरव' का अर्थ 'शिव की अभिव्यक्ति' है। इसलिए काल भैरव को 'समय का देवता' भी कहा जाता है और भगवान शिव के अनुयायियों द्वारा पूरी भक्ति के साथ उनकी पूजा की जाती है।
हिंदू किंवदंतियों के अनुसार, एक बार ब्रह्मा, विष्णु और महेश के बीच बहस के दौरान ब्रह्मा द्वारा की गई एक टिप्पणी से भगवान शिव क्रोधित हो गए। फिर उन्होंने 'महाकालेश्वर' का रूप धारण किया और भगवान ब्रह्मा का 5वां सिर काट दिया।
तभी से देवता और मनुष्य भगवान शिव के इस रूप को 'काल भैरव' के रूप में पूजते हैं। ऐसा माना जाता है कि जो लोग कालाष्टमी पर भगवान शिव की पूजा करते हैं वे भगवान शिव का उदार आशीर्वाद चाहते हैं।
यह भी प्रचलित मान्यता है कि इस दिन भगवान भैरव की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से सभी कष्ट, दर्द और नकारात्मक प्रभाव दूर हो जाते हैं।
कालाष्टमी व्रत की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान ब्रह्मा, श्री हरि विष्णु और शिव जी में से सबसे श्रेष्ठ कौन है, इस बात को लेकर तीनों देवताों के बीच एक दिन लड़ाई चल रही थी। देवताओं की लड़ाई को देखकर अन्य देव परेशान हो गए और उन्होंने एक बैठक बुलाई। भगवान ब्रह्मा, विष्णु, और महेश की मौजूदगी में सभी देवताओं से पूछा गया कि उन्हें तीनों देवताओं में से सबसे श्रेष्ठ कौन लगता है? सभी देवताओं ने अपने विचार व्यक्त करे और एक उत्तर मिला, जिसका समर्थन भगवान शिव और विष्णु जी ने तो किया, लेकिन भगवान ब्रह्मा ने उसे मानने से इंकार कर दिया। इसके बाद ब्रह्मा जी ने भोलेनाथ को अपशब्द कहा, जिसके बाद महादेव को क्रोध आ गया।
कहा जाता है कि महादेव के क्रोध से उनके स्वरूप काल भैरव का जन्म हुआ। काल भैरव ने क्रोध में ब्रह्मा जी के पांच मुखों में से एक मुख को काट दिया, जिसके बाद उनके ऊपर ब्रह्महत्या का पाप चढ़ गया। जब काल भैरव जी का क्रोध शांत हुआ, तो उन्होंने ब्रह्मा जी से माफी मांगी, जिसके बाद महादेव अपने असली अवतार में वापस आ गए। इसी के बाद से काल भैरव की पूजा का विधान शुरू हो गया।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, काल भैरव को समर्पित कालाष्टमी का व्रत रखने से साधक को भय और क्रोध से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा जीवन में चल रही परेशानियों का भी अंत होने लगता है।
Sep 27 2024, 07:16