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क्या संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को मिलेगी स्थायी सदस्यता? क्वाड समिट से मिले संकेत
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर हैं। इस बीच एक बार फिर भारत के सुरक्षा परिषद ((यूएनएससी) में स्थायी सदस्यता को लेकर चर्चा होने लगी है। दरअसल, क्वाड समिट में हिस्सा लेने अमेरिका पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई है। इस वार्ता में सबसे बड़ी बात यह निकलकर आई है कि, अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थाई सीट का समर्थन किया है।

*सालों से यूएनएससी में स्थायी सीट मांग रहा भारत*
यूएनएससी में सुधार का मुद्दा लंबे समय से दुनिया के सामने है। ये मामला अमेरिका में हालिया क्वाड समिट के दौरान भी उठा है। रविवार को क्वाड नेताओं ने यूएनएससी की सीटें बढ़ाने और इस निकाय को ज्यादा जवाबदेह बनाने के लिए इसमें सुधार का आह्वान किया है। क्वाड नेताओं ने अफ्रीका, एशिया, लैटिन अमेरिका और कैरिबियन देशों को यूएनएससी में स्थायी सदस्यता का दिए जाने की मांग की है। भारत के लिए ये अहम है क्योंकि उसकी ओर से बीते कई वर्षों से यूएनएससी में स्थायी सीट की मांग की जा रही है।

*चीन बार-बार डाल रहा अडंगा*
दरअसल भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग करता रहा है, लेकिन चीन के विरोध के कारण यह मुमकिन नहीं हो पाया।सुरक्षा परिषद में 5 स्थायी सदस्य देश हैं, जिसमें से 4 (अमेरिकी, यूके, फ्रांस और रूस) भारत की स्थायी सदस्यता के समर्थन में हैं, लेकिन चीन इस बात का विरोधी रहा है और वह नहीं चाहता कि इतने बड़े प्लेटफॉर्म पर भारत भी स्थायी सदस्य के रूप में शामिल हो। भारत की बढ़ती ताकत से चीन परेशान है और उसे लगता है कि अगर भारत स्थायी सदस्य बना तो वह इंटरनेशनल लेवल पर चीन के समानांतर स्टैंड करेगा। ये बात चीन बिल्कुल भी हजम नहीं कर पा रहा है।

*स्थायी सदस्यता मिलने से भारत को फायदा*
अगर यूएन की सुरक्षा परिषद में भारत स्थायी सदस्य बनता है तो पूरी दुनिया में भारत की साख और शक्ति दोनों बढ़ेंगी। इंटरनेशनल लोगों के मंच पर भारत पहले से ज्यादा मजबूत दिखेगा। वैश्विक मंच पर भारत के पास भी स्थायी सदस्य के रूप में वीटो का अधिकार होगा, जिसे वह किसी भी बड़े फैसले में देशहित के लिए इस्तेमाल कर सकता है।
वहीं एक फायदा ये भी होगा कि चीन के समकक्ष खड़े होकर भारत उसे ये एहसास दिला देगा कि किसी भी मामले में भारत उससे कम नहीं है। एक फायदा ये भी है कि भारत सुरक्षा मामलों से जुड़ी बातों को विश्व पटल पर रख सकेगा और पाकिस्तान के लिए भी एक कड़ा संदेश दे सकता है।

*सुधार की मांग ने पकड़ा जोर*
यूएनएससी में सुधार की मांग काफी वर्षों से की जा रही है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने नवंबर 2022 में सुरक्षा परिषद सुधार पर अपनी चर्चा समाप्त की थी। उस समय इसके सदस्य देश संयुक्त राष्ट्र की प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए 15 सदस्यीय निकाय को आधुनिक बनाने पर सहमत हुए थे। यूएनएससी द्वारा रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए प्रस्ताव पारित करने में विफल रहने के बाद कुछ स्थायी सदस्यों के पास वीटो शक्ति पर भी सवाल उठाए गए थे।अक्टूबर 2023 में शुरू हुए इजरायल-गाजा युद्ध के बाद यूएनएससी में सुधार और विस्तार की मांग नए सिरे से की जा रही है। यूएनजीए के पूर्व अध्यक्ष डेनिस फ्रांसिस ने कहा था कि दुनियाभर के क्षेत्रों में हिंसा और युद्ध फैल रहा है और सुरक्षा परिषद में बड़े पैमाने पर विभाजन के चलते संयुक्त राष्ट्र पंगु हो गया है। संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों ने भी अपने बयानों में दोहराया कि सुधार पहले से कहीं अधिक जरूरी हो गए हैं।
क्या मार दिया गया इजरायल पर हमले का मास्टरमाइंड याह्या सिनवार? इस्माइल हानिया जैसा तो नहीं हुआ अंजाम

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इजरायल और हमास के बीच गाजा में करीब साल भर से जंग जारी है। हमास के खात्मे की कसम खाने वाला इजरायल लगातार गाजा पर बमबारी कर रहा है। इजरायल ने गाजा को खंडहर में तबदील कर दिया है। सैकड़ों हमास लड़ाकों को मौत की नींद सुला चुकी इजरायली सेना ईरान में उसके पूर्व चीफ इस्माइल हनीयेह को भी मार चुका है। इस बीच हमास नेता याह्या सिनवार को लेकर बड़ी खबर आ रही है।कहा जा रहा है कि हमास चीफ याह्या सिनवार की संभवतः इजरायली हमले में मौत हो गई है।

खबर आई कि गाजा सिटी के स्कूल पर हुए रॉकेट हमले में यह्या सिनवार भी मारा गया है। इजरायल ने बीते दिन हमास के एक स्कूल को निशाना बनाया, जिसमें 20 से ज्यादा फिलिस्तीनी लोग मारे गए। ये भी खबर है कि इस हमले में हमास का नया चीफ याह्या सिनवार भी मारा गया। हालांकि, इसकी पुष्टी नहीं हो पाई है।

हालांकि इजरायल ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है। इजरायली खुफिया एजेंसी शिन बेट और इजरायल डिफेंस फोर्सेज के अधिकारियों ने कहा है कि वह इन रिपोर्ट्स की जांच कर रहे हैं, हालांकि फिलहाल सिनवार की मौत की पुष्टि करने वाला उन्हें कोई सबूत नहीं मिला है।

वाल्ला न्यूज वेबसाइट ने बताया है कि इजरायली आंतरिक खुफिया एजेंसी शिन बेट ने रिपोर्ट को खारिज किया है और उसका मानना है कि सिनवार जीवित है। यरुशलम पोस्ट के अनुसार, आईडीएफ ने रविवार को कहा कि वे हमास प्रमुख याह्या सिनवार की मौत की रिपोर्ट की न तो पुष्टि कर सकते हैं और न ही खंडन कर सकते हैं। पोस्ट ने विभिन्न स्रोतों से बात की लेकिन किसी ने भी ऐसे ऑपरेशन का जिक्र नहीं किया, जो आईडीएफ ने सिनवार को मारने के लिए चलाया था

याह्या सिनवार को बीत साल 7 अक्टूबर को इजरायल पर हुए बड़े आतंकी हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है। इस हमले में 1200 से अधिक इजरायली मारे गए थे, जबकि 254 को हमास के आतंकी अपहरण करके गाजा में ले गए थे। इस हमले के बाद इजरायल ने गाजा में बड़ा अभियान शुरू किया था।

तेहरान में इसी साल अगस्त में हुए धमाके में इस्माइल हानिया की मौत के बाद सिनवार को हमास की कमान मिली थी। इससे पहले वह इसकी सुरक्षा शाखा का जिम्मा संभालता था और अपनी क्रूर रणनीति के लिए जाना जाता था।

पीएम मोदी में पहले जैसी बात नहीं”, श्रीनगर में बोले राहुल गांधी

#rahulgandhionpmmodi 

कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने श्रीनगर में चुनावी जनसभा को संबोधित किया। इस रैली में राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी अब बदल गए हैं।इंडिया गठबंधन ने नरेंद्र मोदी की साइकोलॉजी को बदल दिया है।पीएम मोदी का कॉन्फिडेंस खत्म हो चुका है।आज विपक्ष जो भी करवाना चाहता है, वही होता है। 

पुंछ में जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा, नरेंद्र मोदी पहले पहले छाती फैला कर बोलते थे। लेकिन इंडिया गठबंधन ने नरेंद्र मोदी की साइकोलॉजी को बदल दिया है। जो पहले नरेंद्र मोदी थे वो अब नहीं रहेंगे। मैं लोकसभा में पास से देखता हूं, आजकल प्रधानमंत्री का चेहरा बिल्कुल बदल गया है। ये इंडिया गठबंधन और हिन्दुस्तान की जो जनता है, ये उनका काम है।

राहुल ने दी स्टेटहुड वापस देने की “गारंटी”

वहीं, राहुल गांधी ने रैली में जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिलाने का भी वादा किया। राहुल गांधी ने कहा, अगर ये (मोदी सरकार) आपको स्टेटहुड वापस नहीं देंगे तो ये मेरी गारंटी है, हम आपको स्टेटहुड वापस ला कर देंगे। हिन्दुस्तान के इतिहास में किसी राज्य को यूटी में नहीं बदला गया था। पहली बार स्टेट को यूटी में बदलकर आपका हक छीना गया है। हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द आपका हक आपको वापस मिलें और एक बार फिर आपको स्टेट मिले। हम चाहते थे कि ये काम चुनाव से पहले हो लेकिन भाजपा ने ऐसा नहीं किया।

वो सिर्फ ‘मन की बात’ करते हैं, काम की नहीं-राहुल गांधी

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आगे कहा कि, पीएम नरेंद्र मोदी लंबे-लंबे भाषण देते हैं, लेकिन काम की बात नहीं करते। काम की बातें हैं, बेरोजगारी हटाओ, महंगाई कम करो, युवाओं को विजन दो और जम्मू-कश्मीर को स्टेटहुड दो। ये वो काम की बातें हैं, जो नरेंद्र मोदी नहीं करेंगे। वो सिर्फ ‘मन की बात’ करते हैं, जिसे कोई नहीं सुनना चाहता।

कुमारी शैलजा ने ठुकराया मनोहर लाल का ऑफर, बोली- मेरी रगों में कांग्रेस का खून

#congressleaderkumariseiljaonbjpoffer

हरियाणा चुनाव में प्राचार अभियान अपने चरम पर है। हालांकि, कांग्रेस में सिर फुटव्वल जारी है। शीर्ष नेता आपस में तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं। हरियाणा कांग्रेस की पूरी सियासत कुमारी शैलजा के इर्द-गिर्द सिमट गई है। विधानसभा चुनाव प्रचार से उनके दूरी बनाए रखने के चलते राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस की ओर से नजरअंदाज किए जाने की खबर के बीच शैलजा को बीजेपी में शामिल होने का ऑफर तक मिला। इस बीच एक निजी चैनल से बात करते हुए कुमारी शैलजा ने इन सभी अकटकलों पर विराम लगा दिया है। उन्होंने कहा कि मेरी रगों में कांग्रेस का खून है। मैं कहीं नहीं जाऊंगी।

सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा 12 सितंबर से पूरी तरह साइलेंट मोड में हैं। वो न ही कांग्रेस के चुनाव प्रचार में एक्टिव नजर आ रही हैं और न ही सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। ऐसे में कांग्रेस की नाराजगी और बीजेपी में शामिल होने सहित के सवाल का जवाब देते हुए कुमारी सैलजा ने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में कहा, नाराजगी की बात नहीं है, लेकिन कुछ बातें तो हो जाती हैं, ये पार्टी की अंदरुनी बात है, लेकिन मैं मरते दम तक कांग्रेस नहीं छोड़ूंगी।

हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा

शैलजा ने आगे कहा कि बीजेपी, हरियाणा और राष्ट्रीय स्तर पर गिरावट की ओर हैं, वहां जाने का सवाल ही नहीं है। कांग्रेस पार्टी आगे बढ़ रही है, कांग्रेस के साथ हरियाणा के लोग आगे बढ़ रहे हैं। लोग हमारी तरफ देख रहे हैं। सारा देश बोल रहा है कि हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी। मैं समझती हूं कि उसमें थोड़ा-बहुत योगदान शैलजा का भी होगा। उससे ज्यादा कांग्रेस वर्कर का योगदान ग्राउंड पर ज्यादा होगा।

वहीं, जब उनसे पूछा गया कि क्या वजह है की आज अभी तक आपने चुनाव प्रचार में हिस्सा नहीं लिया? तो उन्होंने कहा कि टिकट बंटवारे के बाद सभी उम्मीदवार बिजी थे अब प्रोग्राम बन रहे हैं जल्दी ही आपको चुनाव प्रचार में मिलूंगी। हम हरियाणा में बड़े मार्जिन से जीत दर्ज कर रहे हैं और हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बना रहे है।

सीएम बनने की इच्छा जाहिर

हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने की रेस में शैलजा खुद को बनाए रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि सीएम की दावेदारी तो कोई भी रख सकता है, दावेदारी हर एक की हो सकती हैं। शैलजा कभी न हताश होती है, न निराश होती है। मैंने बहुत से मुकाम और उतार-चढ़ाव देखे हैं। एक राजनेता के तौर पर मेरी भी इच्छा है कि मैं मुख्यमंत्री बनूं। अभी हरियाणा में मुख्यमंत्री बनने का रास्ता खुला हुआ है। कांग्रेस ने किसी भी नेता को सीएम चेहरा घोषित नहीं किया है। कांग्रेस में सीएम का चेहरा चुनाव के बाद पार्टी हाईकमान तय करता है। शैलजा ने कहा कि पहली बात तो यह भी नहीं पता है कि चुनाव के बाद मुख्यमंत्री कौन बनेगा। सीएम का फैसला हमेशा हाईकमान करता है। इसके अलावा सेल्फ प्रोटेक्शन तो सभी लोग करते हैं।

'उनके खड़ाऊ रखकर शासन करूंगी..', आतिशी बनीं दिल्ली की मुख्यमंत्री लेकिन उनके ठीक बगल में दिखी खाली कुर्सी



दिल्ली की नई मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) की वरिष्ठ नेता आतिशी मार्लेना ने आज सोमवार (23 सितंबर) को पदभार संभालते ही स्पष्ट कर दिया कि वह सीएम की कुर्सी पर बैठने के बावजूद अरविंद केजरीवाल को सर्वोच्च स्थान पर बनाए रखेंगी। अपने पहले संबोधन में उन्होंने भरत जी का उदाहरण देते हुए कहा, "जिस तरह भरत जी ने खड़ाऊं रखकर सिंहासन संभाला, उसी तरह मैं भी सीएम की कुर्सी संभालूंगी।" उनके बगल में एक खाली कुर्सी भी थी, जो इस विचार को और भी प्रगाढ़ करती है।

उल्लेखनीय है कि, भगवान श्री राम के वनवास के समय उनके छोटे भाई भारत ने श्री राम की खड़ाऊ को सिंघासन पर रखकर शासन किया था, अब आतिशी ने केजरीवाल के लिए वही बात दोहराई है।  आतिशी ने केजरीवाल की स्थिति को लेकर कहा कि भाजपा ने उन पर कीचड़ उछालने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने उल्लेख किया कि केजरीवाल ने यह कहा था कि जब तक दिल्ली के लोग उनकी ईमानदारी को साबित नहीं करेंगे, तब तक वह कुर्सी पर नहीं बैठेंगे, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया। आतिशी ने विश्वास जताया कि दिल्ली के लोग एक बार फिर अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में देखेंगे।

इस प्रकार, आतिशी का कार्यभार संभालना न केवल एक नई शुरुआत है, बल्कि यह दर्शाता है कि वह अपनी पार्टी के संस्थापक के प्रति अपनी निष्ठा को बनाए रखते हुए आगे बढ़ेंगी। उनके नेतृत्व में दिल्ली की राजनीति में नया मोड़ देखने को मिल सकता है।
केजरीवाल राम, सिसोदिया लक्ष्मण...! जंतर-मंतर पर AAP नेता ने दिया यह बयान तो राजनीतिक हलकों में चर्चा का बाजार गर्म



दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया ने हाल ही में एक सभा में खुद और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तुलना भगवान राम और लक्ष्मण से की है। इस बयान के बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा और विवाद शुरू हो गया है।

सिसोदिया ने यह बयान जंतर-मंतर पर एक जनसभा को संबोधित करते हुए दिया। उन्होंने जेल में अपने अनुभवों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्हें CBI अधिकारियों ने यह समझाने का प्रयास किया कि अरविंद केजरीवाल ने उनका नाम लिया है और अगर वह भी केजरीवाल का नाम लेते हैं, तो उन्हें (सिसोदिया को) बचाया जा सकता है। सिसोदिया ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “आप लक्ष्मण को राम से अलग करने की कोशिश कर रहे हो। दुनिया में कोई ताकत नहीं जो लक्ष्मण को राम से अलग कर सके।”

सिसोदिया ने अपनी और केजरीवाल की 26 साल पुरानी दोस्ती को अटूट बताते हुए खुद को लक्ष्मण और केजरीवाल को राम के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने इस रिश्ते को इतना मजबूत बताया कि कोई भी बाहरी या भीतरी ताकत इसे तोड़ नहीं सकती। सिसोदिया ने कहा कि सीबीआई ने उन्हें जेल में बताया कि केजरीवाल ने उनका नाम लिया है, लेकिन वह इसे एक साजिश मानते हैं, जिसका उद्देश्य उनके और केजरीवाल के बीच दरार पैदा करना है।

यह बयान राजनीतिक तौर पर कई सवाल खड़े करता है। राम और लक्ष्मण की तुलना उनके व्यक्तिगत और राजनीतिक रिश्ते को आदर्श बनाने की कोशिश मानी जा रही है। हालांकि, इसका धार्मिक पहलू भी चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि राजनीति में इस तरह की धार्मिक तुलना करना कई लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गया है।
इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच गाजा में युद्ध : बंधकों की रिहाई, संवाद और संघर्षविराम..! पीएम मोदी ने बताया गाजा संकट का निदान


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क के लोटे न्यूयॉर्क पैलेस होटल में फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय बैठक की। यह बैठक ऐसे समय में हुई जब इजरायल और फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के बीच गाजा में लंबे समय से संघर्ष चल रहा है। पीएम मोदी ने गाजा की मानवीय स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए फिलिस्तीनी लोगों के प्रति भारत के निरंतर समर्थन की पुष्टि की।


विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के इतर अब्बास से मुलाकात की, जिसमें भारत की इज़रायल-फिलिस्तीन विवाद पर स्थायी नीति को दोहराया गया। पीएम मोदी ने संघर्ष विराम, बंधकों की रिहाई और कूटनीतिक संवाद के ज़रिए विवाद के शांतिपूर्ण समाधान की अपील की। उन्होंने दो राष्ट्र समाधान को ही क्षेत्र में स्थायी शांति का रास्ता बताया। साथ ही, पीएम मोदी ने यह भी याद दिलाया कि भारत, फिलिस्तीन को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था और फिलिस्तीन की संयुक्त राष्ट्र (UN) में सदस्यता के लिए भारत का समर्थन लगातार जारी रहेगा। दोनों नेताओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य और क्षमता निर्माण में भारत द्वारा दी जा रही सहायता पर चर्चा की और भारत-फिलिस्तीन संबंधों को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।

इसी दिन प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच भी एक मुलाकात हुई, जिसमें दोनों नेताओं के बीच की गर्मजोशी और आत्मीयता भारत-अमेरिका के संबंधों के साथ-साथ मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपतियों के साथ व्यक्तिगत तालमेल को भी दर्शाती है। आज पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र के फ्यूचर समिट को भी संबोधित करेंगे, जहां भविष्य की चुनौतियों और अवसरों पर बात होगी और भारत के लिए यूएनएससी की स्थायी सदस्यता एक प्रमुख मुद्दा हो सकता है।
देश भर में सोयाबीन के तेल में जबरदस्त उछाल, मध्यप्रदेश में किसानों के प्रदर्शन के बीच इतनी हुई बढ़ोत्तरी




देशभर की तरह मध्यप्रदेश में भी सोयाबीन के तेल में जबर्दस्त उछाल आ गया है। इसके रेट लगातार बढ़ रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों में आयात शुल्क में बढ़ोत्तरी कर दिए जाने की वजह से तेल की कीमत बढ़ रही है। एमपी में जहां सोयाबीन के दामों में वृद्धि को लेकर किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं सोयाबीन के तेल के दामों में भी तेजी से इजाफा हो रहा है।

हाल ये है कि सोयाबीन तेल के 5 लीटर के पैक के दामों में 125 रुपए तक की बढ़ोत्तरी हो चुकी है। केंद्र सरकार ने 14 सितंबर को खाद्य तेलों में आयात शुल्क में बढ़ोत्तरी की है। इससे किसानों को फायदा होगा पर तेल की कीमत तेजी से बढ़ रहीं हैं। महज 6 दिनों में ही बाजार में सोयाबीन तेल के दामों में प्रति किलो 25 रुपए का इजाफा हो गया है।



500 रुपए में मिलनेवाला 5 लीटर का पैक अब 625 रुपए में मिल रहा है। सोयाबीन तेल के बढ़ते दामों से किचन का बजट भी बिगड़ रहा है। सबसे बुरी बात तो यह है कि फिलहाल सोयाबीन की कीमतों में बढ़ोतरी का यह दौर जारी रह सकता है।

कहा जा रहा है कि सोयाबीन के तेल की कीमत 150 रुपए प्रति लीटर तक पहुंच सकती है। फूड ग्रेड ऑयल पर भारत सरकार ने आयात शुल्क यानि इंपोर्ट ड्यूटी 5.5 प्रतिशत बढ़ाई जोकि 27.5 प्रतिशत हो गई है। आयात शुल्क बढ़ने से सोयाबीन तेल के दाम बढ़ गए।
बदला लेने का समय आ गया, 3 अक्टूबर को देशभर में ‘रेल रोको’ आंदोलन, देश भर के किसान संगठनों ने लिया बड़ा फैसला



संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने पिपली में किसान महापंचायत की। राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और UP के किसानों ने पिपली में ‘किसान महापंचायत’ में हिस्सा लिया। दोनों किसान संगठनों ने फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत उनकी मांगों को स्वीकार करने के लिए सरकार पर दबाव बनाने के वास्ते ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व किया है।

प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डटे हुए हैं, जब सुरक्षा बलों ने उनके मार्च को रोक दिया था। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश के किसानों ने पिपली में ‘किसान महापंचायत’ में हिस्सा लिया। सभी किसानों ने अपनी मांगों के समर्थन में 3 अक्टूबर को देशभर में ‘रेल रोको’ आंदोलन करने का भी फैसला किया।

किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘हरियाणा में BJP सरकार की ओर से किसानों पर किए गए अत्याचार का बदला लेने का समय आ गया है अब किसान बदला लेंगे’। लोगों से आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को हराने का आह्वान किया। हरियाणा में बीजेपी की हार शुभकरण सिंह के लिए एक सच्ची श्रद्धांजलि होगी, जो 21 फरवरी को पंजाब-हरियाणा सीमा पर खनौरी सीमा पर झड़प के दौरान मारे गए थे।
बाबा ने आश्रम में शिष्‍या से जबरन बनाया संबंध, रेप मामले में कोर्ट ने तय किए आरोप, 18 अक्टूबर को सबूत पेश करने का दिया आदेश

दिल्ली की एक अदालत ने स्वयंभू बाबा दाती महाराज और उनके दो भाइयों अशोक और अर्जुन के खिलाफ रेप, अननैचुरल सेक्स और आपराधिक तरीके से धमकी देने के आरोप तय कर दिए हैं। यह मामला एक महिला द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों से जुड़ा है, जिसमें उसने आरोप लगाया था कि दाती महाराज और उनके भाइयों ने आश्रम में उसके साथ बलात्कार किया।

अदालत ने जांच के बाद दाती महाराज और उनके भाइयों अशोक व अर्जुन के खिलाफ आरोप तय किए हैं, जबकि उनके एक अन्य भाई अनिल को आरोपों से मुक्त कर दिया गया है। इस फैसले से दाती महाराज और उनके भाइयों की कानूनी समस्याएं बढ़ने की संभावना है, और उन्हें आगे अदालत में मुकदमे का सामना करना होगा।


दिल्ली की एडिशनल सेशन जज (स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट) नेहा की अदालत ने दाती महाराज उर्फ मदन लाल राजस्थानी और उनके भाइयों अशोक और अर्जुन के खिलाफ गंभीर आरोप तय किए हैं। इनमें धारा 376 (बलात्कार), धारा 377 (अननैचुरल सेक्स), और धारा 506 (आपराधिक धमकी) सहित अन्य धाराएं शामिल हैं। आरोपियों ने अदालत में खुद को निर्दोष बताया है। अब अभियोजन पक्ष को अदालत में सबूत पेश करने के लिए 18 अक्टूबर की तारीख दी गई है। पीड़िता के वकील प्रदीप तिवारी ने जानकारी दी है कि अदालत ने इन आरोपों को गंभीर मानते हुए मामला आगे बढ़ाया है, और अभियोजन की ओर से सबूत पेश करने के बाद सुनवाई की जाएगी।


दाती महाराज के खिलाफ यह मामला 7 जून 2018 को तब दर्ज हुआ, जब उनकी एक शिष्या ने दक्षिण दिल्ली के फतेहपुर बेरी पुलिस थाने में उनके और उनके तीन भाइयों (अशोक, अनिल, और अर्जुन) के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। शिष्या ने आरोप लगाया कि दाती महाराज ने दिल्ली और राजस्थान में स्थित अपने आश्रमों में उसके साथ बलात्कार किया था। इस शिकायत के आधार पर 11 जून 2018 को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसके बाद, 22 जून को पुलिस ने दाती महाराज से पूछताछ की थी। बाद में यह मामला क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया था, जिसने 1 अक्टूबर 2018 को मामले की जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल की थी।


दिल्ली हाईकोर्ट ने 3 अक्टूबर 2018 को दाती महाराज के खिलाफ मामले की जांच को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया था। अदालत ने यह निर्णय लिया क्योंकि उसे लगा कि जिस तरीके से दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच की, उससे जांच की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है। इससे पहले, दिल्ली पुलिस की छानबीन पर सवाल उठाए गए थे, जिसके चलते मामला सीबीआई को सौंपा गया। सीबीआई ने इस मामले में 9 जनवरी 2016 को फतेहपुर बेरी स्थित आश्रम में 25 वर्षीय महिला से बलात्कार और अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के आरोपों के तहत दाती महाराज और उनके तीन भाइयों के खिलाफ 26 अक्टूबर 2018 को प्राथमिकी दर्ज की थी।


दाती महाराज ने दिल्ली हाईकोर्ट के 3 अक्टूबर 2018 के आदेश, जिसमें मामले की जांच को सीबीआई को ट्रांसफर किया गया था, के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अपनी शिकायत के साथ हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया था। इसके बाद, दाती महाराज ने दिल्ली हाईकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे हाईकोर्ट ने 14 नवंबर 2018 को खारिज कर दिया। इस मामले की जांच के दौरान, सीबीआई ने 4 सितंबर 2020 को एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की, जिसमें नए साक्ष्य और जांच के निष्कर्ष शामिल थे। यह चार्जशीट दाती महाराज और उनके भाइयों के खिलाफ दर्ज किए गए गंभीर आरोपों की जांच को आगे बढ़ाते हुए दाखिल की गई थी।