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नो व्हीकल जोन का पालन करते हुए एसएसपी पैदल ही कर रहे पितृपक्ष मेला क्षेत्र का निरीक्षण: तीर्थ यात्रियों से पुलिस के कार्यों का ले रहे हैं फीडबैक

गया। गया के एसएसपी आशीष भारती दोपहर में पितृपक्ष मेला 2024 के लिए बनाए गए यातायात नियमों (नो व्हीकल जोन) का पालन करते हुए पैदल ही चांद चौराह से विष्णुपद मंदिर, देवघाट, शमशान घाट, रबड़ डैम सहित पूरे मेला क्षेत्र का निरीक्षण किया।

इस दौरान एसएसपी ने स्वयं देश-विदेश से आए हुऐ तीर्थ यात्रियों से पितृपक्ष मेला में गया पुलिस द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में फीडबैक लिया। सभी तीर्थयात्रियों/श्रद्धालुओं ने गया पुलिस द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की। निरीक्षण के दौरान एसएसपी ने विष्णुपद मंदिर के अंदर भीड़ देखकर वहां प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी/कर्मियों को प्रेरित करते हुए स्वयं भीड़ को नियंत्रण करने लगे।

इस दौरान एसएसपी आशीष भारती ने प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारी/कर्मियों को अपने कर्तव्यों के निर्वहन में और अधिक सजग और प्रभावी बनने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। इसके अतिरिक्त एसएसपी ने वहां सेवा भाव से कार्य कर रहे एनसीसी कैडेट्स से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की और उनके कार्य की सराहना करते हुए उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

चाकन्द बाजार में प्रकाश मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के द्वारा लगाया गया फ़्री हेल्थ चेकअप कैंप, 700 मरीज़ों का हुआ इलाज

गया। गया जिले के चाकन्द बाजार में कर्म मेरा सेवा सहयोग एकता मंच के तत्वाधान में प्रकाश मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के द्वारा फ़्री हेल्थ चेकअप कैंप लगाया गया।  कर्म मेरा सेवा सहयोग एकता मंच व एक राष्ट्रीय एनजीओ है जो हेल्थ कैंप के माध्यम से इलाके के गरीब और अहसाय लोगो में स्वास्थ के प्रति जागरूकता लाने के लिए काम कर रही है।

इस कैंप में लगभग 700 मरीज़ों का इलाज एवं जाँच (Hb, Sugar, thyroid) तथा मुफ़्त दवा वितरण किया गया। इस कैंप में प्रकास मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के सभी स्पेशलिस्ट डॉक्टर बढ़ चढ़कर अपना योगदान दिखाए इसमें पेट, मूत्र, लेज़र एवं लैप्रोस्कोपिक सर्जन डॉक्टर JP सिंह, हड्डी रोग संबंधित इलाज डॉक्टर सौरव द्वारा किया गया।

जनरल फिजिशियन संबंधित इलाज डॉक्टर लाल देव द्वारा किया गया। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सौम्या ने अपना बहुमूल्य समय देकर जनहित में अपनी सेवा दिए। प्रकाश मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर एवं सर्जन डॉक्टर JP सिंह ने बताया कि हमारे हॉस्पिटल के तहत से हमारा इस तरह के फ़्री हेल्थ चेकअप कैंप ग़रीब असहाय लोगों के हित के लिए अलग अलग एरिया में लगाते रहते हैं और आगे भी लगाते रहेंगे।

इस कैंप को सफल बनाने के लिए , संदीप कुमार, मिथलेश यादव, अशोक कुमार, धीरज कुमार, सारिक हुसैन का विशेष सहयोग रहा। कर्म मेरा सेवा सहयोग एकता मंच के निम्न सदस्य इस कैंप में अपना योगदान दिया। मौके पर आलोक कुशवाहा, राजीव कुशवाहा , सुशिल कुमार वर्मा, सुदर्शन वर्मा, रंजित कुशवाहा, धनंजय कुमार समेत कई लोग उपस्थित रहे।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

देवघाट और सीता कुंड का डीएम ने किया निरीक्षण: यात्रियों को दिए जाने वाली सुविधाओं का लिए जायजा, तीर्थ यात्रियों से व्यवस्थाओं के बारे में पूछें

गया। पितृपक्ष मेला 2024 दिनांक 17 सितंबर से प्रारंभ है। आज से लगातार अगले 4 दिनों तक देवघाट एव सीताकुंड में पिंड दान करने का परंपरा है, जिसके चलते सीताकुंड एव देवघाट में काफी भीड़ देखी जा रही है। इसी कड़ी में आज डीएम डॉ० त्यागराजन एसएम सीताकुंड पहुच कर मेला क्षेत्र में यात्रियों को दिए जाने वाली सुविधाओं का जायजा लिया।

इसी बीच पिंड दान करने आये उत्तर प्रदेश के प्रशासन के बड़े महकमा से पिछले एक माह पहले मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश के पद से रिटायर हुए डॉ० डी०एस० मिश्रा जो पिंड दान करने आये हैं , उनका स्वागत करते हुए सीताकुंड में मंदिर का दर्शन करवाया। उसके पश्चात नाव से गयाजी डैम, सीताकुंड आदि का अवलोकन करवाया। डीएम ने राज्य सरकार द्वारा पिंडदानियों के लिये उपलब्ध करवाए जा रहे व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने यह भी बताया कि पहले फल को नदी सूखी नदी रहती थी परंतु 2022 में गया जी डैम का निर्माण करवा कर राज्य सरकार ने सालों भर पानी उपलब्ध रखने की व्यवस्था कराई है। सेवा निवृत्त मुख्य सचिव ने राज्य सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यहां काफी सुखद अनुभूति प्राप्त होती है, उसके साथ ही साथ राज्य सरकार द्वारा यात्रियों के हित में हर प्रकार की व्यवस्थाओं को मुकम्मल करवा रहा है। इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि अब पिंड दानियों को तर्पण हेतु सालों भर पानी मिल रही है, इससे बड़ा चीज और कुछ भी नहीं है।

जिलाधिकारी ने अवगत कराया की पिछले साल सीता पथ का निर्माण करवा कर देवघाट और सीता कुंड को पुल के माध्यम से जोड़ने का कार्य राज्य सरकार ने किया है। इसके अलावा हर घरों तक गंगाजल पेयजल के रूप में उपलब्ध करवाने का कार्य किया है। इसके अलावा विष्णुपद मंदिर पहुंचने के लिए बिना संक्रिन सड़क एवं गलियों को घूमे बिना, बिना ट्रैफिक जाम की समस्या से बचते हुए बाईपास पुल से नया एप्रोच रोड का लोकार्पण इस वर्ष माननीय मुख्यमंत्री जी ने किया है, इस पाथवे का नाम विष्णुपथ है, इससे लोग अब सीधे घाट पर तर्पण एवं मंदिर में दर्शन कर रहे हैं। यह पाथवे के निर्माण होने से काफी हद तक ट्रैफिक रेगुलेशन सामान्य हुआ है। इसके पश्चात डीएम ने सेवानिवृत्ति मुख्य सचिव को विष्णुपद मंदिर दर्शन करवाया। उन्होंने जिलाधिकारी एवं जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि इतनी बड़ी भीड़ को मैनेज करना काफी चलेंगे रहता है, जिसे जिला प्रशासन ने बखूबी रूप से निभा रहा है। इसके लिए पूरा प्रशासन का तंत्र धन्यवाद के पात्र हैं। साफ सफाई की काफी उत्तम व्यवस्था है। चुकी गया जी डैम में लवा- लव पानी है इसे देखते हुए नदी के दोनों साइड लगातार एसडीआरएफ एवं गोताखोर भ्रमणशील है यह काफी काबिले तारीफ है जो किसी भी अनहोनी को तुरंत काबू पाने में सक्षम है।

इसके पश्चात मंदिर के बाहर एव मंदिर के अंदर काफी भीड़ को देख डीएम सुबह से दोपहर 01 बजे तक मंदिर गर्व गृह, सोलह वेदी, मंदिर के निकास द्वार, मंदिर के एंट्रेंस गेट आदि में लगातार खड़े रहकर घूम घूम कर पिंडदानियों को कतार में एंट्री, मंदिर दर्शन आदि करवाते रहे। जहां कहि एक जगह भीड़ का मूवमेंट चौक हो जाता, तुरन्त वहां उस पॉइंट पर पहुच कर भीड़ को मूवमेंट करवाते रहे। यही शिलशिला दोपहर 01 बजे तक चलता रहा। चुकी पिंड दान करने ज्यादातर भुजुर्ग रहते हैं ऊपर से भूखे प्यासे पिंडदान एव तर्पण करते हैं। लाजमी है कि कुछेक यात्री को चक्कर आएगा। इसी बीच 2-3 यात्रियों को अलग अलग स्पॉट पर चक्कर आया, डीएम ने स्वयं उन यात्रियों को मेडिकल कैम्प तक लेकर जाते रहे, अपनी देलह रेख में उनकी पूरी इलाज भी करवाया। डीएम स्वमं मेडिकल कैम्प में बैठे रहे, इलाज की पूरी प्रोसेस को भी देखा। डीएम में हेल्थकेयर में मौजूद चिकित्सकों की टीम को निर्देश दिया कि यह इस जगह पर हेल्थ कैंप काफी महत्वपूर्ण बिंदु है यहां पर कोई भी शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पूरी तात्पर्य से पिंडदानियों का इलाज करावे, जो भी यदि कमियां है उसे तुरंत दुरुस्त करावे। दवा की पूरी उपलब्धता रखें। कोई भी दवा कमी रहने की, हर दिन संध्या में जो दवा नहीं है उसे आपूर्ति करवा ले ताकि अगले दिन पुनः सुबह से ही पिंडदानियों को सेवा दिया जा सके।

इसके अलावा सोलह वेदी और मंदिर गर्व गृह में अधिक भीड़ को देखते हुए ज़िले के वरीय अधिकारियों द्वारा भी लगातार भीड़ को मूवमेंट करवाते रहे। उप विकास आयुक्त, अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था, अनुमण्डल पदाधिकारी सदर, वरीय उप समाहर्ता अभिषेक, वरीय उप समाहर्ता मनीष, अपर पुलिस अधीक्षक, सहित पुलिस के वरीय अधिकारियों द्वारा भी लगातार क्राउड कंट्रोल किया जा रहा है। मंदिर गर्वगृह एवं सोलह वेदी के समीप क्राउड कंट्रोल काफी चैलेंजिंग रहता है, जिसे काफी अच्छे से पदाधिकारी द्वारा निष्पादित किया जा रहा है। इसके पश्चात डीएम संवाद सदन समिति के पास अनावश्यक मोटरसाइकिल परिचालन को अपील करते हुए कहा कि यहां पर यात्रियों की संख्या सामान्य दिनों से कई ज्यादा है, जो अगले 4 दिनों तक रहेगा, वेवजह इस रास्ता में मोटरसाइकिल का प्रयोग न करे, अतिआवश्यक होने से इस रास्ता में मोटरसाइकिल पार करे। डीएम ने ई-रिक्सा परिचालन को और दुरुस्त करवाने को कहा है।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

पता नहीं यहां मुख्यमंत्री का रिश्तेदार बैठा है रे, मुकेश सहनी क्या कर लेगा...शब्द अभद्र है, आमस थानाध्यक्ष का गालियों से भरा ऑडियो वायरल

गया। गया जिले के आमस पुलिस स्टेशन के थानाध्यक्ष का दिमाग इन दिनों सातवें आसमान पर है। उनके दिलों दिमाग के ऊपर खाकी वर्दी की गर्मी इस कदर तारी है कि वे पीड़ित को हर तरह की गालियों से नवाजने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते हैं। गाली देने का आलम यह है कि वे पूर्व मंत्री मुकेश सहनी को भी गाली देने से भी तनिक भी बाज नहीं आते हैं। 

थानाध्यक्ष इंद्रजीत कुमार द्वारा मुकेश सहनी को गाली देते हुए एक ऑडियो वायरल हो रहा है। आडियो शुक्रवार की दोपहर की है। उस वायरल आडियो में वे कह रहे हैं कि पता नहीं तुमको यहां मुख्यमंत्री का रिश्तेदार बैठा है, मुकेश सहनी क्या कर लेगा...इसके आगे शब्द अभद्र है, इस वजह से लिखा नहीं जा सकता। 

दरअसल वीआईपी पार्टी के प्रखण्ड अध्यक्ष अनिल कुमार की बाइक शेरघाटी कोर्ट से 14 सितंबर को चोरी हो गई थी। बाइक चोरी की रिपोर्ट उसने आमस थाने में दर्ज कराई थी। रिपोर्ट दर्ज कराने के दो दिन बाद वह थाने में गया और पुलिस द्वारा की कार्रवाई की जानकारी लेनी चाही। लेकिन उसे कोई जानकारी नहीं दी गई। इसके बाद उसने अपनी पार्टी के प्रदेश युवा अध्यक्ष से आमस थानाध्यक्ष को फोन कराया। लेकिन थानाध्यक्ष और युवा नेता के बीच बहस हो गई। इसके बाद शुक्रवार को एक बार फिर से अनिल थाने गया। थाने में वह थानेदार इंद्रजीत कुमार से मिला। थानेदार इंद्रजीत कुमार उसे देखते ही बुरी तरह भड़क गए।  

थाने में गाली गलौज का अंश

थानेदार किसी को किसी मामले में केस करने को गाली दे रहे हैं। इसी बीच अनिल कुमार भी थानेदार के पास पहुंचता है। अनिल कुमार को देखते ही वे आपा खो बैठते है। कहने लगते हैं,,,

थानेदार- का है रे, तू बड़ी पैरवी कराता है, एं, उ बोलता है कि हम पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पीए बोल रहे हैं, त यहां कोई चौकीदार बैठा है, उ बोलता है फुटेज चेक कीजिए, फुटेज दीजिए, उ हमको अनुसन्धान करने का तरीका सिखाएगा एं, उ का है रे हमर बाप है, कि उ हमर कोई डीएसपी- एसपी है। अब तो उ मंत्री भी नहीं है , मंत्रियो होगा त हम... न सुनेंगे। बड़ी मुकेश सहनी पर तू उछल रहा है।

अनिल- न सर हम काहेला उछलेंगे। थानेदार- तुमको पता नही है कि यहां मुख्यमंत्री के रिश्तेदार बैठा है।

अनिल- सब पता है सर,

थानेदार-... पता है तोरा,... कवाड़ लेगा मुकेश सहनिया, भाग साला यहां से। 

इतना सुनते ही अनिल चौधरी मौके से गाली बात का ऑडियो रिकार्ड कर थाने से निराश लौट जाता है। 

इस संबंध में आमस थानाध्यक्ष इंद्रजीत कुमार से फोन पर बात कि तो उन्होंने कहा कि मैंने किसी को गाली नहीं दी है। फिर उन्होंने कहा कि आपको कैसे पता कि हम ही गाली दे रहे हैं। इस पर रिपोर्टर ने कहा कि पीड़ित अनिल कुमार का आरोप है कि आप गाली दे रहे हैं। इस पर थानेदार ने कहा कि तो अब आप क्या करेंगे। तो उन्हें बताया गया कि जो आप कह रहे हैं। वही लिखा जाएगा। तो उन्होंने कहा ठीक है।

इधर, जब एसएसपी आशीष भारती से बात हुई तो उन्होंने कहा कि इस मामले की जानकारी मिली है। हमने सम्बन्धित एसडीपीओ को मामले की जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है। 

वहीं देर रात पीड़ित अनिल कुमार और vip पार्टी के जिलाध्यक्ष राज सहनी ने बताया कि देर शाम एसडीपीओ का फोन आया था। उन्होंने अपने ऑफिस में बुलाया था। उनके पास जब गया तो उन्होंने पूरी घटना की जानकारी ली। साथ ही में उन्होंने गाली गलौज से जुड़ा ऑडियो भी लिया। इसके अलावा उन्होंने पूरी घटना से सम्बंधित एक आवेदन भी लिखवाया है।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

मगध उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में राष्ट्रीय पोषण माह पर कार्यशाला का हुआ आयोजन, बताये गए पोषण से संबंधित जानकारी

गया। स्वयंसेवी संस्था कौंसिल आफ मगध वूमेन एम्पावरमेंट कुजापी के द्वारा मगध उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में "राष्ट्रीय पोषण माह" पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मगध प्रमंडल के सुप्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ डा० किसलय पराग शामिल हुए।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि का स्वागत पुष्पगुच्छ व अंगवस्त्र भेंटकर कर किया। मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में बताया कि "राष्ट्रीय पोषण माह हर साल सितंबर के महीने में मनाया जाने वाला एक वार्षिक अभियान है इसका मकसद कुपोषण को दूर करना और बेहतर पोषण के साथ स्वास्थ्य के लिए जागरूकता बढ़ाना है। ऐसे लगातार कार्यक्रम स्वयंसेवी संस्था के द्वारा आयोजित किया जाता है।

विद्यालय के प्राचार्य प्रवीण रंजन गांधी ने बताया कि जीवन के विभिन्न चरणों में व्यक्तियों की पोषण संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने वाले आहार को बढ़ावा देने की जरूरत है l  मौके पर धन्यवाद झापन संस्था के अध्यक्ष नवीन रंजन ने किया l कार्यक्रम में समाजिक कार्यकर्ता सुधीर कु०, सदस्य दिवेश कु०, निशी , दीनू आदर्श, कृष्णा मांझी, शांति देवी, एवं सैकड़ों विद्यार्थी शामिल हुए l

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

पितृ पक्ष मेला में आए हुए एक तीर्थ यात्री अपने परिजनों से बिछड़े: पुलिस ने ढूंढ कर परिजनों से मिलाया, तीर्थ यात्री ने गया पुलिस को दिया धन्यवाद

गया। बिहार के गया में इन दिनों पितृपक्ष मेला चल रहा है और लाखों की संख्या में तीर्थ यात्री अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गयाजी पहुंच रहे है।

पितृ पक्ष मेला का आज पांचवा दिन है और ऐसे में गया पुलिस भी अपनी पूरी ड्यूटी निष्ठा और लग्न के साथ कर रही है। पिंडदानियों की हर समस्याओं का निष्पादन के लिए 24 घंटा गया पुलिस तैनात है और किसी तरह का कोई समस्या ना हो इसका भी ख्याल रखा जा रहा है। 

इसी क्रम में आज चांद चौरा मोड़ स्थित पश्चिमी पुलिस शिविर के पुलिस पदाधिकारी को सूचना मिली की पितृ पक्ष मेला में आए हुए एक तीर्थ यात्री अपने परिजनों से बिछड़ गए हैं। इसके बाद तैनात पुलिस कर्मियों ने मिसाल का परिचय देते हुए गुमशुदा हुए तीर्थ यात्री को खोज निकाला। इसके बाद उनके परिजनों से संपर्क कर उनको सकुशल सुपुर्द किया गया। इसके लिए तीर्थ यात्री के परिजनों ने गया पुलिस को आशीर्वाद देते हुए धन्यवाद दिया। 

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

जीबीएम कॉलेज में "नाटक में अभिनय की प्रक्रिया" विषय पर व्याख्यान सह लघु कार्यशाला का आयोजन

गया। गौतम बुद्ध महिला कॉलेज में आईक्यूएसी एवं हिन्दी विभाग के संयुक्त संयोजन में दिनांक 14 सितंबर, 2024 से 30 सितंबर, 2024 तक मनाये जा रहे हिन्दी पखवाड़े के तहत "नाटक में अभिनय की प्रक्रिया" पर एक-दिवसीय व्याख्यान-सह-लघु कार्यशाला का आयोजन हुआ।

कार्यक्रम का शुभारंभ प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. सहदेब बाउरी, मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित जगजीवन महाविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार, जीबीएम कॉलेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. प्यारे माँझी, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुरबाला कृष्णा, डॉ सुनीता कुमारी, अंग्रेजी विभागाध्यक्ष डॉ. कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी, वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ रुखसाना परवीन एवं अन्य प्रोफेसर्स ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलन करके किया। डॉ. सुरबाला कृष्णा ने प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. बाउरी एवं मुख्य वक्ता डॉ प्रदीप कुमार का स्वागत अंगवस्त्र पहना कर किया।

हिन्दी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सुनीता कुमारी ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। हिन्दी विभाग की छात्रा आशु, मानसी, श्वेता, अनुष्का शर्मा, आकांक्षा, शैली पाठक, दीपशिखा मिश्रा, श्रुति एवं नैना ने "हिन्दी भाषा, राष्ट्र की भाषा' एवं पिंगा गं पोरी...लटपट-लटपट कमर दामिनी, अधर रागिनी, हो..." गीतों पर सामूहिक नृत्य की प्रस्तुति दी। छात्राओं ने कविता एवं गीतों की भी प्रस्तुति दी। मंच का संचालन करते हुए डॉ प्यारे मांझी ने छात्राओं से अमीर खुसरो द्वारा लिखी गयी पहेलियाँ पूछीं। 

मुख्य वक्ता डॉ. प्रदीप कुमार ने कुशल अभिनय के लिए अच्छे संप्रेषण को अनिवार्य शर्त बताया। मंचन के बिना नाटक को अधूरा बतलाते हुए डॉ. प्रदीप ने छात्राओं के समक्ष विभिन्न परिस्थितियाँ देकर आशु अभिनय करने कहा। उन्होंने कुशल अभिनेता बनने के लिए व्यक्तित्व की महानता और तथा संवेदनशीलता को जरूरी ठहराया। कहा कि देखना (अॉबजर्वेशन), कल्पना करना (इमैजिनेशन) एवं प्रकटीकरण अथवा संप्रेषण (एक्सप्रेशन) अच्छे अभिनय के लिए आवश्यक तत्व हैं। कार्यक्रम को संबोधित करती हुई कॉलेज पीआरओ डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी ने हिन्दी को समग्र हिन्दुस्तान के हृदय की भाषा बतलाया, जो देश की स्वतंत्रता को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए अत्यावश्यक है।

डॉ. रश्मि ने अपने स्वरचित मुक्तक "हृदय की प्यास है हिन्दी, हृदय की भूख है हिन्दी। विटप है यह वतन, तो कोकिला की कूक है हिन्दी। ये तुलसी-सी सुखद, पावन; प्रबल दिनकर सरीखी है। विचारों, भावनाओं से सजा संदूक है हिन्दी" द्वारा कहा कि हम सभी के सामूहिक प्रयत्न से ही हिन्दी राजभाषा से राष्ट्रभाषा बन सकेगी। हिन्दी की दुर्दशा के लिए अंग्रेजी एवं अन्य भाषाओं को दोष देते रहने की जगह हिन्दी के उत्थान हेतु मनसा वाचा कर्मणा प्रयत्न करना चाहिए। नैक समन्वयक डॉ शगुफ्ता अंसारी ने हिन्दी व्याकरण पढ़ते रहने की जरूरत पर बल दिया, ताकि बोलते, पढ़ते और लिखते समय त्रुटियाँ कम हों। 

उर्दू विभाग की नवनियुक्त सहायक प्राध्यापिका डॉ नुर्द्रुतुन निशा ने हिन्दी और उर्दू को बहन बताते हुए चर्चित शेर "उर्दू और हिन्दी में बस फ़र्क है इतना, हम देखते हैं ख्वाब, वो देखते हैं सपना" पढ़ा। कार्यक्रम में मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष प्रीति शेखर ने इमोशनल डेवलपमेंट के लिए भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ बनिता कुमारी ने कहा कि हिन्दी भाषा का प्रयोग करते समय अत्यंत सावधान रहना चाहिए। उसे तोड़-मरोड़ कर बोलने से बचना चाहिए। प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ सहदेब बाउरी ने हिन्दी विभाग को एक लाभप्रद व्याख्यान-सह-कार्यशाला के आयोजन हेतु हार्दिक शुभकामनाएं दीं। प्रतिभागी छात्राओं को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में डॉ प्रियंका कुमारी, डॉ. फरहीन वज़ीरी, डॉ जया चौधरी, डॉ. सीता, डॉ. अमृता कुमारी घोष, डॉ. पूजा राय, डॉ. शुचि सिन्हा, डॉ. आशुतोष कुमार पांडेय, डॉ. सीता की उपस्थिति रही। धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुरबाला कृष्णा ने किया।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

गया के जिलाधिकारी 776 सीढ़ियों चढ़कर पहुंच गए प्रेतशिला: ज्यादा भीड़ को देखकर तीर्थ यात्रियों को कतार में लगाने लगे, देंखे सुविधाओं को

गया. पितृपक्ष मेला 17 सितंबर से प्रारंभ है। हर दिन लाखों लाख की संख्या में तीर्थयात्री अपने पूर्वजों की तर्पण गयाजी के विभिन्न वेदी स्थलों पर कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज प्रेतशिला वेदी स्थल पर अत्यधिक भीड़ होने की सूचना प्राप्त होते ही जिलाधिकारी डॉ० त्यागराजन एसएम स्वमं पहुंचकर भीड़ प्रबंधन का जायजा लेने लगे।

प्रेतशिला के ऊपर जाने वाली सीढ़ियों पर भारी भीड़ यात्रियों की देखी गयी। डीएम स्वमं 776 सीढ़ियों को चढ़ते हुए तीर्थयात्रियों को कतार में लगाने लगे, ताकि सीढ़ी चढ़ने वाले यात्री और सीढ़ी से उतरने वाली यात्रियों को किसी प्रकार का कोई समस्या नही हो सकें चुकी प्रेतशिला में 776 सीढ़ी है सभी सीढियां पूरी तरह खड़ी रूप में हैं। डीएम ने प्रेतशिला के ऊपरी चोटी पर पहुच कर यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं को देखा और निर्देश दिया कि चुकी सीढ़िया की संख्या काफी ज्यादा है बाबजूद लोग पिंडदान करने ऊपर चोटी पर आते हैं, उनकी व्यवस्था में कोई कमी नही रखे, पानी टॉयलेट की पूरी व्यवस्था रखे। पानी सप्लाई बंद बिल्कुल नही हो, टॉयलेट की सफाई लगातार हो, इसे सुनिश्चित करे।

साथ ही चोटी पर नोडल पदाधिकारी के रूप में अंचलाधिकारी नगर को लगाया है, जो पूरी व्यवस्था को निगरानी करेंगे। साथ ही प्रेतशिला के नीचे सीढ़ी पर प्रखंड विकास पदाधिकारी नगर को लगाया गया है, जो केवल भीड़ प्रबंधन को देखेंगे। इसके अलावा प्रेतशिला वेदी के सम्पूर्ण प्रभार में जोनल पदाधिकारी सह वरीय उप समाहर्ता धीरज कुमार एव ज़िला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि लगातार भीड़ पर नजर रखे। भीड़ कॉहि भी स्थिर नही हो, भीड़ लगातार मूवमेंट करते रहे, इसे देखते रहे। इस अवसर पर अपर समाहर्ता राजस्व, अनुमण्डल पदाधिकारी सदर सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

रिपोर्ट: मनीष कुमार।

डिप्टी मेयर चिंता देवी ने ब्रह्मासत सरोवर का निरीक्षण की: बोली- पिंडदानी धूप में पसीना बहा कर पिंडदान करने पर मजबूर

गया। गया नगर निगम के डिप्टी मेयर चिंता देवी ने शनिवार को ब्रह्मासत सरोवर का निरीक्षण की। इस दौरान निरीक्षण के क्रम में डिप्टी मेयर चिंता देवी ने देश-विदेश से आए हुए पिंडदानियों से मिलकर हाल-चाल को जानी। 

इस मौके पर डिप्टी मेयर चिंता देवी ने मीडिया से बात करते हुए बोली कि पितृपक्ष मेला 2024 में ब्रह्मसत सरोवर में पिंडदानी खुले सरोवर में धूप के नीचे पसीना बहा कर पिंडदान करने पर मजबूर हैं।

ब्रह्मसत सरोवर में छोटा सा पंडाल बनाकर छोड़ दिया गया हे जिससे पिंडदानी को पिंडदान करने में काफी ही दिक्कतें का सामना करनी पड़ रही है। इसमें सबसे बड़ा दोषी ठेकेदार है। डिप्टी मेयर चिंता देवी ने कहा कि जो काम पहले गया नगर निगम के द्वारा होता था, वह अब ठेकेदार और एनजीओ के माध्यम से किया गया, लेकिन पूरी व्यवस्था नहीं किया गया। 

आज भी जिस तरह से पितृपक्ष मेला में गया नगर निगम के कर्मी लगकर मेहनत कर रहे हैं उतना कोई भी ठेकेदार और एनजीओ का कर्मी नहीं कर रहा है। हम चाहते थे कि गया नगर निगम के जरिए ही पूरा काम हो।