दृष्टिबाधित रूपवर्षा को रीडर यंत्र देने का आश्वासन
सीएम के जनदर्शन में जशपुर से आई दृष्टिबाधित कुमारी रूपवर्षा ने पढ़ने में आ रही दिक्कत के लिए ऑर्बिट रीडर यन्त्र के लिए मुख्यमंत्री से गुहार की। इस पर मुख्यमंत्री ने सहायता का आश्वासन दिया.
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सीएम जनदर्शन : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ओरल कैंसर से पीड़ित उषा को इलाज के लिए दिया एक लाख का चेक
रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के जनदर्शन में आज बड़ी संख्या में प्रदेशभर से लोग पहुंचे हैं. मुख्यमंत्री लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं सुन रहे और समाधान भी कर रहे. समस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं. ओरल कैंसर से पीड़ित रायपुर के आमापारा निवासी उषा ठाकुर ने पिछले जनदर्शन में मुख्यमंत्री से इलाज के लिए आर्थिक सहायता की गुहार की थी. आज सीएम ने जनदर्शन में उषा को एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता राशि का चेक दिया.दृष्टिबाधित रूपवर्षा को रीडर यंत्र देने का आश्वासन
सीएम के जनदर्शन में जशपुर से आई दृष्टिबाधित कुमारी रूपवर्षा ने पढ़ने में आ रही दिक्कत के लिए ऑर्बिट रीडर यन्त्र के लिए मुख्यमंत्री से गुहार की। इस पर मुख्यमंत्री ने सहायता का आश्वासन दिया.
अब दिव्यांग विवेक को मिला वॉकर का सहारा, जनदर्शन में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने दिव्यांग को दिए वॉकर
रायपुर- मुख्यमंत्री निवास में आयोजित जनदर्शन में दुर्घटना में पैर खोने वाले विवेक को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वॉकर भेंट किया। वॉकर पाकर विवेक खुश हैं कि अब उन्हे चलने-फिरने सुविधा होगी। उनके चेहरे पर खुशी देखते ही बनती है।
दरअसल रायपुर के भनपुरी स्थित बुनियाद नगर निवासी विवेक शर्मा ने एक दुर्घटना में एक पैर खो दिया। चलने-फिरने में असमर्थ विवेक को इस वजह से काम भी नहीं मिल पा रहा था। इससे उन्हें अपने परिवार के पालन-पोषण में भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। आज वे जनदर्शन में मुख्यमंत्री निवास पहुंचे और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की। मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी मांग रखी। इस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल विवेक को वॉकर उपलब्ध कराया और जब विवेक मुख्यमंत्री निवास से बाहर निकले तो वॉकर के सहारे चलकर निकले। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद दिया और कहा कि मुझे वॉकर के सहारे चलने में अब दिक्कतें नहीं होगी।
मुख्यमंत्री साय की पहल पर राष्ट्रपति से मिलने नक्सल पीड़ित पहुँचे दिल्ली, ‘सुनो नक्सली हमारी बात’ के नारे के साथ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन…
दिल्ली के जंतर-मंतर पर “केंजा नक्सली-मनवा माटा” (सुनो नक्सली हमारी बात) आंदोलन कर रहे इन नक्सल पीड़ितों की पीड़ा को समझते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उन्हें अपनी आवाज़ दिल्ली तक पहुंचाने के लिए प्रेरित किया है.
मुख्यमंत्री साय ने बस्तर क्षेत्र में माओवादी हिंसा से प्रभावित ग्रामीणों से कई बार संवाद किया और उनके दुख-दर्द को नजदीक से समझा. उन्होंने महसूस किया कि इन पीड़ितों की समस्याओं को केवल राज्य तक सीमित नहीं रखा जा सकता और इसे राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री की इस पहल के बाद ही नक्सल पीड़ित आज जंतर मंतर पर अपने अधिकारों और शांति की मांग को सबके सामने रखने का फैसला लिया.
जंतर मंतर पर आंदोलन के दौरान, ग्रामीणों ने माओवादी हिंसा के कारण झेले गए शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कष्टों को व्यक्त किया. वहीं नारायणपुर जिला की रहने वाली राधा सलाम बताती हैं कि बचपन में अपने भाई के साथ आंगनबाड़ी जा रही थी. इस दौरान इमली पेड़ के नीचे नक्सलियों के लगाए बम को बॉल समझकर उसके भाई के उठाए जाने पर फट गया, जिससे दोनों भाई-बहन घायल हो गए.
राधा बताती है कि घटना में लगी चोट से आज उसे एक आंख से दिखाई नहीं देता है, वहीं दूसरे आंख से कम दिखाई देता है. उसका कहना है कि वह बड़ी होकर आईपीएस बनकर नक्सलियों से बदला लेना चाहती हूं, जिससे दूसरे लोग उसके और उसके भाई की तरह न भुगतें. हम अपनी पीड़ा को बताने के लिए दिल्ली आए हैं, जिससे हमारी पीड़ा को लोग जाने और नक्सलियों की करतूत को समझे.
सुकमा जिले के निवासी महादेव दूधी बताते हैं कि वे दंतेवाड़ा गए थे. वापसी के दौरान बस में विस्फोट हो गया, जिससे उसके एक पैर को काटना पड़ गया. घटना के बाद से जीना मुहाल हो गया है. कोई वजह की चीज नहीं उठा पाता हूं. लेकिन मेरी तरह दूसरों को न भुगतना पड़े इसके लिए मैं (प्रदर्शन करने ) दिल्ली में आया हूं.
गृह मंत्री अमित शाह से करेंगे मुलाकात
इस आंदोलन के बाद नक्सल पीड़ितों का यह दल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करेगा. वे बस्तर की वर्तमान स्थिति और नक्सली हिंसा से जुड़े मुद्दों पर गृह मंत्री से चर्चा करेंगे और समाधान के लिए ज्ञापन सौंपेंगे. ज्ञापन में बस्तर में शांति बहाली, विकास कार्यों में तेजी लाने और सुरक्षा बलों की उचित तैनाती की मांग की जाएगी.
पीड़ितों को न्याय और शांति की उम्मीद
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस प्रेरक पहल से बस्तर के नक्सल पीड़ितों को अपनी पीड़ा और समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने का अवसर मिला है. उनकी हौसला अफ़ज़ाई और समर्थन से इन पीड़ित परिवारों को न्याय और शांति की उम्मीद की एक नई राह मिली है, जिससे बस्तर में शांति और विकास की दिशा में आगे बढ़ने की उम्मीद की जा रही है.
जूक क्लब मारपीट मामला: महापौर के भतीजे शोएब ढेबर को पुलिस ने किया गिरफ्तार
रायपुर- राजधानी के जूक क्लब के बाहर हुए विवाद के बाद कोयला घोटाले में जेल में बंद अनवर ढेबर के बेटे शोएब ढेबर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. मारपीट मामले में गिरफ्तार शोएब ढेबर को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा. यह मामला तेलीबांधा थाना क्षेत्र का है.
जानकारी के अनुसार, बुधवार रात महापौर एजाज ढेबर का भतीजा शोएब अपने अन्य साथियों के साथ क्लब गया हुआ था. कार पार्किंग में मोबिन नाम के युवक से उसका विवाद हो गया. जिसके बाद उसने जमकर मारपीट की. मामले की जानकारी मिलते ही पुलिस कार्रवाई में जुट गई और शोएब को गिरफ्तार किया गया.
बता दें कि शोएब ढेबर के खिलाफ क्लब में मारपीट के कई मामले दर्ज हैं. आईपी क्लब में विवाद के बाद गोली कांड हुआ था. इसके बाद सिमर्स क्लब में भी विवाद हुआ था. सिविल लाइन थाने में युवती में अपराध दर्ज कराई लेकिन अब तक उसमें गिरफ्तारी नहीं हुई है.
मुख्यमंत्री ने कैलाश गुफा से दर्शन कर लौट रहे घायलों के ईलाज गंभीरता से करने चिकित्सकों को दिए निर्देश
रायपुर- जशपुर जिले के प्रसिद्ध शिव धाम कैलाश गुफा से दर्शन कर लौट रहे पिकअप वाहन में 25 से 30 श्रद्धालु सवार थे। पिकअप वाहन लौटते समय वाहन गहरी खाई गिर कर पलट गई, जिससे उसमें सवार लोगों को चोट आयी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने घायलों के ईलाज के समुचित इलाज के निर्देश चिकित्सकों को दिए हैं। बगीचा क्षेत्र में हुए इस हादसे की सूचना मिलते ही सीएम कैंप कार्यालय बगिया ने तत्काल संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन को इलाज के समुचित व्यवस्था कराने के निर्देश दिए हैं। घटना स्थल पर एंबुलेस और मेडिकल टीम भेजी गई है। घायलों को बगीचा अस्पताल पहुंचाया जा रहा है, किन्तु गंभीर रूप से घायलों को अंबिकापुर रिफर किया गया है।
जशपुर जिले के प्रसिद्ध शिव धाम कैलाश गुफा से दर्शन कर श्रद्धालु लौट रहे थे कि पिकअप वाहन खाई में गिर कर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। मामला बगीचा थाने के सोनगेरसा का है, जहां से कैलाश गुफा जाते हैं। बताया जा रहा है कि हादसे के समय पिकअप में 25 से 30 लोग सवार थे। घटना की सूचना मिलते ही बगीचा अनुविभागीय
अधिकारी, पुलिस प्रशासन और मेडिकल टीम रवाना किया गया है। ग्रामीणों के सहयोग से राहत बचाव कार्य किया गया। आसपास के ग्रामीणों ने हर संभव प्रयास करते हुए घायलों को ईलाज के लिए तत्परता दिखाते हुए अपने स्वयं के वाहन से बगीचा अस्पताल ले जाया गया और गम्भीर रूप से घायलों को अम्बिकापुर अस्पताल रेफर किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने घायलों को हर संभव चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने जिला प्रशासन को निर्देश दिए है।
कवर्धा हत्याकांड : जेल में आरोपी की मौत के मामले में सरकार ने की बड़ी कार्रवाई, IPS विकास कुमार को किया निलंबित
कवर्धा- लोहारीडीह की घटना में शामिल आरोपी प्रशांत साहू की जेल में मौत के मामले में सरकार ने देर रात बड़ी कार्रवाई की है. मामले में एडिशनल ASP (IPS) विकास कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है. साथ ही मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया गया है.
बीती रात परिजनों से मिलने पहुंचे गृहमंत्री और उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि परिजनों और गांव वालों ने पुलिस के बड़े अधिकारियों पर पिटाई का आरोप लगाया था. इस पर कार्रवाई करते हुए आईपीएस विकास कुमार को निलंबित किया गया है. इसके अलावा मृतकों के परिजनों के लिए सरकार ने 10 लाख रुपये के मुआवजे का भी ऐलान किया गया है. इसके अलावा जब तक माहौल शांत नहीं हो जाता परिजनों की देखभाल भी सरकार की जिम्मेदारी होगी.
गृहमंत्री ने बताया कि मृतक का पोस्टमार्टम कर दिया गया है. इसके अलावा बिसरा जांच के लिए भी भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि जांच में यदि कोई बात आती है तो उस पर आगे और कार्रवाई की जाएगी.
बता दें कि रविवार को कवर्धा जिले के पूर्व सरपंच रघुनाथ साहू के मकान में आग लगा दी थी, जिसमें उप सरपंच की मौत हो गई. जबकि एक आदमी लापता है. इस दौरान लोगों और पुलिसकर्मियों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई. जिसके बाद पथराव हुआ. इस पथराव में कवर्धा एसपी अभिषेक पल्लव और दर्जनों पुलिसकर्मियों को चोटें आई थी.
घटना के बाद जिलेभर से पुलिस जवान और सैकड़ों बटालियन के जवानों को बुलाया गया था, जिसके बाद ग्रामीण गांव छोड़कर भाग गए, तब जाकर पुलिस गांव में घुसी और स्थिति को कंट्रोल किया. मामले में पुलिस ने 170 लोगों को आरोपी बनाया है, और 69 लोगों को गिरफ्तार किया है.
पद्म विभूषण पंडवानी गायिका तीजन बाई के स्वास्थ पर सरकार की नजर, डॉक्टरों और फिजियोथेरेपिस्ट की लगाई ड्यूटी, आदेश जारी
दुर्ग- पद्म विभूषण और देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित पंडवानी गायिका तीजन बाई के स्वास्थ की नियमित जांच के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने डॉक्टर, फिजियोथेरेपिस्ट और एएनएम की ड्यूटी लगाई है। इसका आदेश जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने जारी किया है। बता दें कि तीजन बाई एक साल से लकवे से पीड़ित हैं और गनियारी स्थित अपने निवास में ही रहकर उपचार करवा रही है।
देखे आदेश –
बता दें कि एक साल पहले अपने बेटे की मौत के बाद सदमे से वह अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो पा रही हैं। उनकी खराब सेहत को देखते हुए सरकार ने उनके इलाज की प्रक्रिया तेज कर दी है। पिछली भूपेश बघेल सरकार में जब तीजन बाई के बीमार होने की खबरें सामने आई थीं, तो पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने फोन पर उनसे बात की थी और उसी के बाद उनका इलाज शुरू किया गया था।
अब वर्तमान भाजपा सरकार ने उनकी नियमित देखभाल के लिए डॉक्टरों और फिजियोथेरेपिस्ट की टीम तैनात की है, जो प्रतिदिन उनकी सेहत की जांच करेगी। तीजन बाई का हालिया स्वास्थ्य उनके चाहने वालों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
शहर में सरकारी और नजूल भूमि की होगी जांच: कलेक्टर ने अलग-अलग क्षेत्रों के लिए गठित की विशेष टीमें, 15 अक्टूबर तक सौंपेगी रिपोर्ट
बिलासपुर- कलेक्टर अवनीश शरण ने बिलासपुर शहरी क्षेत्र में स्थित शासकीय एवं नजूल भूमि की जांच के लिए विशेष टीम गठित की है। एसडीएम बिलासपुर जांच टीम का नेतृत्व करेंगे। उनकी अध्यक्षता में गठित टीम में अलग-अलग क्षेत्रों के लिए 9 दल बनाये गये है। ये टीमें विस्तृत रूप से भू-अभिलेख की जांच कर 15 अक्टूबर तक रिपोर्ट देगी। मुख्य रूप से शासकीय भूमि एवं नजूल भूमि का मिशल बंदोबस्त एवं अधिकार अभिलेख से भौतिक सत्यापन करेगी। इस आधार पर वर्तमान अभिलेख की स्थिति एवं भूमि स्वामी दर्ज होने का कारण सहित विवरण देना होगा। जांच टीम अपने-अपने क्षेत्र में सर्वे एवं भौतिक सत्यापन का कार्य करेगी।
जानकारी के मुताबिक कलेक्टर द्वारा गठित प्रत्येक टीम में पांच सदस्य होंगे। टीम का नेतृत्व संबंधित क्षेत्र के राजस्व अधिकारी करेंगे। संबंधित क्षेत्र के नगर निगम के जोन अफसर एवं राजस्व निरीक्षक, राजस्व विभाग के राजस्व निरीक्षक एवं हलका पटवारी इसके सदस्य होंगे। इनमें पहली टीम का नेतृत्व नजूल अधिकारी एसएस दुबे, दूसरी टीम में तहसीलदार अतुल वैष्णव, तीसरे टीम में अतिरिक्त तहसीलदार मुकेश देवांगन, चौथे टीम में अतिरिक्त तहसीलदार गरिमा ठाकुर, पांचवे टीम में अतिरिक्त तहसीलदार सिद्धी गबेल, छठें टीम में नायब तहसीलदार नेहा विश्वकर्मा, सातवें टीम में नायब तहसीलदार राहुल शर्मा, आठवें टीम में तहसीलदार संकरी अश्विनी कंवर और नवें टीम में नायब तहसीलदार रूचिका अग्रवाल नेतृत्व करेंगी।
कलेक्टर ने प्रतिबंध की बावजूद कुछ मामालों में पंजीयन किये जाने की जांच के निर्देश भी दिए हैं। इस आधार पर ठोस प्रस्ताव बनाकर उप पंजीयक के खिलाफ कार्रवाई का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जायेगा। मुख्यमंत्री की कलेक्टर कॉन्फरेंस में दिए गए निर्देशों के अनुरूप टीएल बैठक में आज राजस्व मामले को लेकर सख्त तेवर दिखाए। उन्होंने कहा कि गड़बड़ी करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।
हड़ताल पर जाएंगे रायपुर नगर निगम के ठेकेदार : तीन माह से लंबित है भुगतान, आयुक्त को पत्र लिखकर दी चेतावनी
रायपुर- तीन महीने से लंबित भुगतान को लेकर रायपुर नगर निगम के अंतर्गत कार्यरत ठेकेदारों ने निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा को पत्र लिखा है और चेतावनी दी है कि यदि जल्द भुगतान नहीं किया गया तो 22 सितंबर से लगभग 4000 कर्मचारी हड़ताल पर जाएंगे. ठेकेदारों का भुगतान लंबित होने से अब सवाल उठ रहे हैं कि रायपुर नगर निगम में 300 करोड़ से अधिक राजस्व वसूली हुई है. वहीं नगरीय निकाय के कर्मचारी भी अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. इसके चलते कामकाज ठप हो गया है.
दरअसल निगम के 70 वार्डों के 4 हजार से अधिक सफाई , प्लम्बर, ड्राइवर कर्मचारियों के तीन महीने का लगभग 15 से 18 करोड़ रुपए ठेकेदारों को भुगतान नहीं किया गया है. ठेकेदार आयुक्त से मुलाकात करने निगम दफ्तर के चक्कर काटने पर मजबूर हैं, जहां आयुक्त से मुलाकात नहीं होने की वजह से अब ठेकेदार निगम के विरोध में मोर्चा खोलने को तैयार हैं.
एक महीने पहले मिला था आश्वासन, अब तक भुगतान नहीं
ठेकेदारों ने बताया कि एक महीने पहले आयुक्त से मुलाकात कर लंबित भुगतान करने की मांग रखी थी, जिस पर एक हफ्ते का आश्वासन मिला था. महीना बीत जाने के बाद भी अब तक लंबित राशि का भुगतान नहीं किया गया है. इसकी वजह से अब ठेकेदार कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थ हो चुके हैं. उन्होंने यी भी बताया कि 26 अगस्त से आयुक्त अबिनाश मिश्रा से मुलाकात का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन निगम कार्यालय में उनकी उपस्थिति नहीं होने से अब तक कोई बातचीत नहीं हो पाई है.
आयुक्त ने दिया था आश्वासन, उपायुक्त ने बिल का दे दिया हवाला
नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी राजेंद्र गुप्ता ने ठेकेदारों द्वारा बिल पेश नहीं करने को भुगतान नहीं होने का कारण बताया है, जिससे फाइल प्रस्तुत नहीं किया गया है, लेकिन ठेकेदारों से एक माह पहले मुलाकात में आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने करोड़ों की लंबित राशि के कुछ हिस्से का भुगतान करने का आश्वासन दिया था. इससे अधिकारियों के बीच समन्वय का अभाव नजर आता है. वहीं इस पर ठेकेदारों का कहना है कि जून महीने का चालान पेश कर बिल लगाया गया था. इसके बावजूद भी अब तक जून माह का भी भुगतान नहीं किया गया है.
कमिश्नर के संज्ञान में डाला जाएगा : महापौर
महापौर एजाज़ ढेबर के मुताबिक पहले भी कर्मचारी हड़ताल पर गए हैं, जिनसे बातचीत करके हड़ताल ख़त्म किया गया है. अब एक बार फिर यही स्थिति बन रही है. ठेकेदारों के लंबित भुगतान की जानकारी मिलने के बाद आयुक्त अबिनाश मिश्रा और अपर आयुक्त से चर्चा की गई, जहां 2 महीने का भुगतान करने का आश्वासन दिया गया था. वर्तमान में चार हज़ार से अधिक कर्मचारी ठेकेदारों की अंतर्गत कार्यरत हैं. कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से स्वच्छता सर्वेक्षण पर बड़ा असर पड़ेगा. ऐसे में कमिश्नर के संज्ञान में डाला जाएगा. यदि फिर भी कोई समाधान नहीं निकलता तो सख्त रुख अपनाया जाएगा.
मामले में जल्द संज्ञान लें अफसर : उपनेता प्रतिपक्ष
उप नेता प्रतिपक्ष मनोज वर्मा ने कहा कि इस विषय पर निगम के अधिकारियों को जल्द से जल्द संज्ञान लेने की आवश्यकता है. चूंकि अब चार महीने से ठेकेदारों को भुगतान नहीं हुआ है. ऐसे में यदि ठेकेदार कर्मचारियों को ही वेतन देना बंद कर दें तो निगम के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो सकती है.
Sep 19 2024, 15:58