जम्मू-कश्मीर में बंपर वोटिंग, लोगों ने लोकतंत्र पर जताया भरोसा, जानें कहां पड़े सबसे ज्यादा वोट
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जम्मू कश्मीर में जहां 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार विधानसभा के लिए वोटिंग हो रही है। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के फर्स्ट फेज में आज 7 जिलों की 24 विधानसभा सीटों पर बंपर वोटिंग हुई। जम्मू-कश्मीर में पहले चरण के विधानसभा चुनाव में लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। जिस जम्मू कश्मीर में चुनाव का नाम सुनते ही लोग डर जाते थे, घरों से नहीं निकलते थे। उसी नए जम्मू कश्मीर में सुबह से ही वोटरों की लंबी-लंबी कतारें देखी गई।
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जम्मू-कश्मीर की जनता ने एक बार फिर से देश की लोकतांत्रिक सिस्टम पर पुरजोर तरीके से भरोसा जताया है। घाटी में बंपर वोटिंग ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि लोग लोकतंत्र के साथ हैं ना कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद के। आतंकवादियों, अलगाववादियों और पत्थरबाजों के गढ़ के तौर पर कुख्यात शोपियां में भी बुलेट पर बैलट भारी पड़ रहा है।
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण में शाम 5 बजे तक 58.19 प्रतिशत मतदान हुआ है।सबसे ज्यादा 77.23 फीसदी वोटिंग किश्तवाड़ जिले में तो सबसे कम पुलवामा जिले में 43.87 फीसदी दर्ज की गई। किश्तवाड़ जिले की इंद्रवल सीट पर 80% से ज्यादा वोटिंग हुई है।
पहले चरण की किन 24 सीटों पर कितना मतदान हुआ?
सीट जिला मतदान (शाम 5 बजे तक)
त्राल पुलवामा 40.58
अनंतनाग अनंतनाग 41.58
पांपोर पुलवामा 42.67
राजपोरा पुलवामा 45.78
अनंतनाग पश्चिम अनंतनाग 45.93
पुलवामा पुलवामा 46.22
जैनापोरा शोपियां 52.64
शंगस-अनंतनाग पूर्व अनंतनाग 52.94
शोपियां शोपियां 54.72
देवसर कुलगाम 54.73
श्रीगुफवारा-बिजबिहाड़ा अनंतनाग 56.02
डूरू अनंतनाग 57.9
कोकेरनाग (ST) अनंतनाग 58
कुलगाम कुलगाम 59.58
भद्रवाह डोडा 65.27
डी.एच. पोरा कुलगाम 65.27
रामबन रामबन 67.34
पहलगाम अनंतनाग 67.86
बनिहाल रामबन 68
डोडा डोडा 70.21
डोडा पश्चिम डोडा 74.14
किश्तवाड़ किश्तवाड़ 75.04
पाडर-नागसेनी किश्तवाड़ 76.8
इंद्रवल किश्तवाड़ 80.06









लेबनान में एक ही समय में हुए हजारों पेजर अटैक से सनसनी फैल गई है। लेबनान की राजधानी बेरूत में मंगलवार को एक साथ एक वक्त पर हजारों ब्लास्ट हुए। इससे शहरभर में अफरा-तफरी मच गई। हजारों सीरियल ब्लास्ट में 3 हजार से ज्यादा लोग घायल हैं। अबतक 12 लोगों की मौत हो गई। इतनी बड़ी संख्या में धमाकों के बाद से सड़क, घर और दुकानों में चीख-पुकार मच गई। धमाकों के बाद अस्पतालों में घायलों के इलाज के लिए भीड़ लग गई। इस हमले के पीछे हिजबुल्लाह ने इजराइल का हाथ बताया और अपने सदस्यों व लड़ाकों को पेजर्स से दूर रहने की सलाह दी है। *पेजर क्या है?* इस इस पूरे मामले के बाद सवाल उठ रहे है कि ये पेजर क्या है और हिजबुल्लाह के लड़ाके इसका क्यों इस्तेमाल कर रहे थे? पेजर एक छोटी कम्युनिकेशन डिवाइस है, जो मैसेजिंग के लिए इस्तेमाल होती है। पेजर रेडियो वेव्स के जरिये ऑपरेट होता है। ऑपरेटर किसी रेडियो फ्रीक्वेंसी पर पेजर से मैसेज भेज सकता है। 80 के दशक तक दुनिया भर में इसका धड़ल्ले से इस्तेमाल होता था। हालांकि मोबाइल और दूसरी टेक्नोलॉजी के आने के बाद पेजर लगभग खत्म हो गया, पर हिजबुल्लाह जैसे कई आतंकी संगठन और अपराधी अभी भी पेजर का इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि यह मोबाइल या दूसरी कम्युनिकेशन डिवाइस के मुकाबले बहुत सुरक्षित माना जाता है और आसानी से पकड़ में नहीं आता है। *कैसे काम करता है पेजर?* पेजर के जरिए किसी को मैसेज भेजना है तो पहले रिसीवर की रेडियो फ्रीक्वेंसी अपने डिवाइस में सेट करनी होगी और फिर मैसेज भेज सकते हैं। मैसेज उसी यूनिक फ्रीक्वेंसी पर रिसीव होगा। पेजर में कॉलिंग वगैरह की कोई सुविधा नहीं होती है। पेजर मुख्य तौर पर तीन तरह के होते हैं। पहले है वन वे पेजर, जिसमें सिर्फ मैसेज रिसीव किया जा सकता है। दूसरा है टू वे पेजर, जिसमें मैसेज रिसीव करने के साथ-साथ सेंड करने की भी सुविधा होती है और तीसरा है वॉइस पेजर जिसमें वाइस रिकॉर्डेड मैसेज भेजे जा सकते हैं। *हिजबुल्लाह ने इजरायल पर लगाया आरोप* चूंकी, पेजर मोबाइल या दूसरी कम्युनिकेशन डिवाइस के मुकाबले बहुत सुरक्षित माना जाता है और आसानी से पकड़ में नहीं आता यही वजह है कि हिजबुल्लाह के लड़ाके इजरायली हमले से बचने के लिए मोबाइल की जगह पेजर का इस्तेमाल कर रहे थे। हिजबुल्लाह को शक था कि उसके कम्युनिकेशन नेटवर्क के कुछ लोगों को इजरायल ने खरीद लिया है। इसी के बाद इस संगठन में इंटरनल कम्युनिकेशन के लिए मोबाइल को बैन कर दिया गया था और उसके मेंबर पेजर से कम्युनिकेट करते थे। अब हिजबुल्लाह को शक है कि इजरायल ने किसी मालवेयर की मदद से उनके पेजर में ब्लास्ट करवाए हैं। खास बात ये है कि लेबनान में ही नहीं सीरिया में भी हिजबुल्लाह के लोग इन धमाकों में घायल हुए हैं। लेबनान में ईरान के राजदूत भी घायल हुए हैं। लेबनान के हॉस्पिटल इन धमाकों में घायल हुए लोगों से भरे पड़े हैं। *पेजर से छेड़छाड़ कैसे हुई?* इस पूरे मामले के बाद पेजर पर सबसे ज्यादा सवाल खड़े हो रहे हैं, कि पेजर से छेड़छाड़ कैसे हुई, वे कौन से पेजर हैं जो हिजबुल्लाह के लड़ाके यूज कर रहे थे। इसको लेकर जो जानकारी सामने आई है उससे पता चला है कि ये पेजर ताइवान से लाए गए थे। हिजबुल्लाह ने ताइवान की कंपनी ‘गोल्ड अपोलो’ से ये पेजर लिए थे, इनकी कीमत करीब 200 डॉलर बताई जा रही है। हिजबुल्लाह की शुरुआती जांच में पता चला है कि ताइवान से जब पेजर शिपमेंट लेबनान पहुंचा तो बीच में तीन महीने के लिए ये शिपमेंट होल्ड पर था. कहा जा रहा है इसी दौरान इजराइली एजेंसी पेजर से छेड़-छाड़ करने में कामयाब रही है। यानी जब शिपमेंट होल्ड पर था, तब इजराइल के एजेंट्स ने इन पेजर्स में विस्फोटक लगा दिया। मंगलवार को जब अचानक ये पेजर फटना शुरू हुए तो उससे पहले सभी पेजर पर Error का मैसेज आया। Error मैसेज के बाद वो वाइब्रेट करने लगा और हीट होने लगा। कुछ लोगों ने पेजर हीट होने पर उसे खुद से दूर भी रख दिया, लेकिन ज्यादातर लोग क्योंकि इसे जेब में रखते थे, ऐसे में जैसी ही ब्लास्ट हुआ तो इससे बड़ा नुकसान हो गया।

Sep 19 2024, 09:55
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