कानून लाकर वक्फ बोर्ड को किया जाए समाप्त- मनीष पांडेय
अयोध्या।अयोध्या हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अधिवक्ता मनीष पांडेय ने जॉइंट सेक्रेटरी लोकसभा सचिवालय पार्लियामेंट हाउस नई दिल्ली को पत्र भेजकर यह मांग की है कि तत्काल प्रभाव से कानून लाकर वक्फ बोर्ड को समाप्त किया जाए, ईमेल द्वारा भेजे गए पत्र मेरे साथ सूत्रीय मांग पत्र में यह कहा गया है कि वक्त बोर्ड भारत की एकता और अखंडता के लिए बेहद घातक है,वक्फ बोर्ड का गठन भारत का इस्लामीकरण करने की मंशा लेकर भारत को दारुल हरब से दारुल इस्लाम बनाने के षड्यंत्र में वक्त बोर्ड का एक बड़ा हाथ रहा है।
पत्र में यह कहा गया है कि वक्फ बोर्ड एक बड़े षड्यंत्र के तहत भारत में तेजी से अपने जमीनों का विस्तार कर रहा है इन जमीनों पर अवैध रूप से बांग्लादेशी घुसपैठिए, रोहिंग्या तथा अन्य असंवैधानिक वह अवैधानिक रूप से गतिविधियां संचालित हो रही हैं ,इन संपत्तियों पर जिहादी और आतंकी मानसिकता से ग्रसित राष्ट्र शत्रु अलगाववादी शरण लेकर अपनी न सिर्फ गतिविधियां चला रहे हैं ।
बल्कि वे भारत के विरुद्ध नित नए षड्यंत्र भी रच रहे हैं स्थितियां बेहद भयावह है, अनेक हिंदू धर्म स्थलों हिंदू संपत्तियों पर वक्फ का ही कब्जा है, सबसे आश्चर्य वाली बात यह की अवैध कब्जा वक्फ का, और उस हिंदू धर्म स्थल अथवा हिंदू संपत्ति पर होने वाले व्यय हिंदू पक्ष को ही देने होते हैं ,क्या इससे यह सिद्ध नहीं हो जाता कि भारत में रहने वाला हिंदू भारत में ही रह रहा है अथवा किसी इस्लामिक राष्ट्र में? वक्फ अधिनियम 1995 वक्फ को असीमित और गैर कानूनी अधिकार प्रदान करती है, जिस संपत्ति पर वक्फ दावा कर रहा है उसे दावे को सिद्ध करने का दायित्व भी विपक्ष को ही देना होता है ना कि वक्त को, वक्फ ने जो कह दिया वही सत्य है और इस संबंध में ना तो राज्य सरकार है ना हुई ट्रिब्यूनल और ना ही कोई अन्य उसे हिंदू पक्ष अथवा विपक्षी के साथ खड़ा होता है, वक्फ अधिनियम 1995 भारत में सांप्रदायिक दंगे, ध्रुवीकरण पैदा कर रहा है।
वक्त एक अन्याय पूर्ण भेदभाव कार्य एक सांप्रदायिक बोर्ड है जो कि हिंदुओं के लिए बेहद घातक है,आधे भारत की भूमि अथवा संपत्ति पर वक्फ बोर्ड का ही कब्जा है, अगर शीघ्र अति शीघ्र वक्फ बोर्ड को समाप्त कर इन संपत्तियों को भारत सरकार में समाहित नहीं किया गया तो आने वाले समय में यही वक्फ बोर्ड न सिर्फ राष्ट्र के विरुद्ध खड़ा होगा बल्कि यह अपना सांप्रदायिक आतंकी चेहरा दिखाते हुए हिंदुओं के लिए भी बेहद घातक सिद्ध होगा, एक के साथ-साथ यह भी मांग की गई है कि क्योंकि भारत के अधिकांश हिंदुओं को वर्क बोर्ड के क्रियाकलापों और षडयंत्रों के बारे में पूरी तरह से अभी भी ज्ञात नहीं है इसलिए आवश्यक है कि सुझावों की अंतिम तिथि 15 अक्टूबर 2024 तक बढ़ाई जाए और इसका व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए जिससे अधिक से अधिक हिंदू समुदाय इसमें भागीदारी कर सके ।
Sep 10 2024, 17:19